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यूपी के मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के पास हाथ धोते वीडियो वायरल, सपा और कांग्रेस ने घेरा

उत्तरप्रदेश में बाराबंकी के लोधेश्‍वर महादेव मंदिर में यूपी सरकार के मंत्री सतीश शर्मा द्वारा कथित रूप से शिवलिंग के पास हाथ धोने को लेकर सपा और कांग्रेस ने मंत्री और बीजेपी पर निशाना साधा है। जबकि मंदिर के पुजारी ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि हस्तप्रक्षालन जिस जगह पर पूजा की जाती है वहीं पर किया जाता है। मंत्री का कहना है कि उनके हाथ में पूजन सामग्री लगी थी। बता दें कि मंत्री के हाथ धोने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसे लेकर सियासी दल सवाल उठा रहे हैं। हालांकि स्ट्रीज बज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। 

वीडियो में मंत्री सतीश शर्मा के साथ यूपी सरकार के एक अन्‍य मंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव ने इसे लेकर मंत्री सतीश शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि यह किसी अन्‍य जाति के नेता ने किया होता तो भाजपा के लोग अब तक उसे पार्टी से बाहर निकाल चुके होते।

कांग्रेस ने भी इस पर तंज कसा है। यूपी कांग्रेस ने एक्‍स (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए मंत्री सतीश शर्मा पर आरोप लगाया है कि वह शिवलिंग के पास हाथ धो रहे हैं। कहा है कि बीजेपी आस्था का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति के लिए करती है।

कांग्रेस ने अपनी पोस्‍ट में लिखा- 'उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सतीश शर्मा शिवालय में शिवलिंग के अर्घ्य से सटाकर ही हाथ धो रहे हैं। बगल में एक और मंत्री जितिन प्रसाद खड़े होकर टकटकी निगाह से देख रहे हैं। धर्म के नाम पर, देवी-देवताओं के नाम पर राजनीति करने वाले और कुर्सी पर बैठने वालों के पास इतनी सामान्य सी बुद्धि भी नहीं कि शिवलिंग के समीप हाथ नहीं धोया जाता।

क्‍या है वीडियो में

कांग्रेस द्वारा एक्‍स पर पोस्‍ट किए गए वीडियो में दिख रहा है कि मंत्री सतीश शर्मा शिवलिंग के पास खड़े होकर पूजा कर रहे हैं। इसी दौरान वह पुजारी द्वारा दिए गए जल से शिवलिंग के पास ही अपने हाथ धोते दिख रहे हैं। उनके बगल में यूपी सरकार के एक अन्‍य मंत्री जितिन प्रसाद भी खड़े दिख रहे हैं।

पुजारी ने दी सफाई 

उधर, इस बारे में लोधेश्‍वर महादेव मंदिर के पुजारी ने कहा कि हस्त प्रक्षालन जिस जगह पर पूजा की जाती है वहीं पर किया जाता है। पूजन के समय भगवान को चंदन, शहद, दही, दूध जैसी सामग्री चढ़ाई जाती है उसे कहीं अलग धुलने पर पुण्‍य क्षीण होता है। जो भी यह कह रहे हैं वे सनातन विरोधी हैं।

मंत्री ने क्‍या कहा 

मंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि हाथ में पूजन सामग्री लगी थी उसे नाली में धो नहीं सकता था। इसलिए वहीं पर धुला। यह मामला करीब एक हफ्ते पहले का है। वीडियो को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।

ताइवान में भयावह तूफान हाइकुई ने मचाई तबाही, आर्मी ने संभाला मोर्चा, हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, खतरा बरकरार

ताइवान में तूफान हाइकुई ने दस्तक दी। मूसलाधार बारिश होने के चलते सड़कों पर सैलाब आ गया। करीब 145 घंटे के रफ्तार से हवा के तेज झोंके सबको डरा रहे हैं। बिजली गुल हो गई है। कईयों घर में बत्ती गुल है। कई सालों बाद ताइवान में ऐसा तूफान देखा गया है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। घरेलू और इंटरनेशनल उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। ताइवान की दो प्रमुख एयरलाइंस UNI एयर और मंदारिन एयरलाइंस ने सभी उड़ानें कैंसल कर दी है। तूफान के डर से लोग डरे-सहमे हैं। लोग घरों के अंदर हैं। प्रशासन ने लोगों को खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहने की सलाह दी है, क्योंकि तेज हवाओं और बारिश के चलते जहां-तहां पेड़ गिर गये। लोगों के घरों पर छत में रखी पानी की टंकियां तूफान में उड़ गई। तमाम ऑफिस, प्रतिष्टान, दुकानें, मॉल, बाजार और दुकानें बंद रखने का ऐलान कर दिया गया है। हाइकुई तूफान का खतरा चीन और फिलीपींस पर भी मंडरा रहा है। हाइकुई तूफान ने वहां कहर बरपा रखा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के सेंट्रल वेदर ब्यूरो ने कहा कि तूफान हाइकुई ने बीते 2 सितंबर की देर रात 3 बजकर 40 मिनट में दस्तक दी है। यह तूफान रविवार की दोपहर में पूर्वी ताइवान के एक पहाड़ी काउंटी तटीय ताइतुंग पहुंच गया है। ताइतुंग में 58 वर्षीय सेवानिवृत्त मैकेनिक चांग झी-मिंग ने कहा कि पिछले चार साल में यह सबसे शक्तिशाली तूफान है। यह तो अभी शुरुआत है, हवा अभी आ रही है और आप पहले से ही पेड़ों को गिरते हुए देख सकते हैं। इससे पहले ताइवान में साल 2019 में तूफान बाइलू आया था। जिसमें एक शख्स की जान चली गई थी।

अभी खतरा टला नहीं

मौसम ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि बारिश और हवा की स्पीड अभी और बढ़ेगी। तूफान सोमवार शाम तक ताइवान जलडमरूमध्य में चला जाएगा। पूरे द्वीप में 21,000 से अधिक घरों में बिजली चली गई। पेड़ गिरने और कार टकराने के कारण दो लोग घायल हुए हैं।

राष्ट्रपति ने लोगों को सचेत रहने के लिए कहा

ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि बारिश के चलते भूस्खलन का खतरा है। तूफान के लिए तैयारी करें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें, बाहर जाने या किसी भी खतरनाक गतिविधि से बचें। सेना ने मोर्चा संभाला है। संवेदनशील जगहों पर सेना को तैनात किया गया है।

ब्रिटिश अखबार “द टेलीग्राफ” ने की पीएम मोदी की लीडरशिप की तारीफ, कहा-बिजली की गति से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था

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वैश्विक मंच पर भी हिंदुस्‍तान का कद काफी बढ़ा है। वैश्विक स्‍तर पर भारत इस समय कई क्षेत्रों में लीडरशिप रोल में नजर आ रहा है। ऐसा हाल के कुछ सालों में हुआ है, यूं कह लें की बीजेपी के सत्ता में आने के बाद। ऐही मानना है ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ का। जी हां ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ में पीएम मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की गई है।द टेलीग्राफ ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन में राजनीतिक स्थिरता के कारण भारत कानूनी सुधारों, मूलभूत कल्याण योजनाओं में सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने में सफल रहा है।

“पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने बड़े लक्ष्य तय किए और हासिल किया”

ब्रिटिश लेखक बेन राइट ने इस लेख में कहा है, विवादों में घिरी राजनीति के बावजूद भारत अपने भौगोलिक लाभों और डिजिटल कौशल की व्यापक संभावनाओं के जरिये आगे बढ़ रहा है। लेख में कहा गया है कि भारत में संभावनाएं हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं। ऐसे में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने बड़े लक्ष्य तय किए और इन्हें हासिल करने की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में लेखक ने चंद्रयान-3 की सफलता का भी जिक्र किया।

“पीएम मोदी के दावे को बताया यथार्थवादी लक्ष्य”

लेख में पीएम मोदी द्वारा भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के वादे को एक यथार्थवादी लक्ष्य बताया गया है। राइट ने लिखा हैं, ‘मोदी ने हाल ही में ‘गारंटी’ दी कि अगर वह अगले साल का चुनाव जीतते हैं तो भारत उनके तीसरे कार्यकाल के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। यह काफी यथार्थवादी लक्ष्य है। भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है और उसे 2029 तक -जर्मनी (4.2 ट्रिलियन ) और जापान (4.4 ट्रिलियन)- जैसे देशों को पीछे छोड़ने की जरूरत है, जो तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं।

“अर्थव्यवस्था को बिजली की गति से 21वीं सदी में लाया जा रहा”

लेख में कहा गया, ‘पीएम मोदी का पहला कार्यकाल कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने पर केंद्रित था, जैसे कि यह सुनिश्चित करना कि पूरे देश में बैंक खाते हों, जिसमें लाभ का भुगतान किया जा सके, सब्सिडी वाली रसोई गैस और सरकार द्वारा वित्त पोषित शौचालयों का निर्माण। उनका दूसरा कार्यकाल वास्तव में व्यापार-समर्थक एजेंडे के लिए उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने धन सृजन करने वालों की प्रशंसा की और फार्मास्यूटिकल्स, मोबाइल फोन और कारों सहित विनिर्माण क्षेत्रों में देश की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 2 ट्रिलियन रुपये का बजट रखा। बेन राइट के मुताबिक, ‘एक समय बेहद अकुशल, नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को बिजली की गति से 21वीं सदी में लाया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री ने कॉरपोरेशन टैक्स को 35 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है और देश को अधिक विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है। राष्ट्रव्यापी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने स्थानीय करों की आश्चर्यजनक श्रृंखला का स्थान ले लिया गया है

“पीएम मोदी के लिए पूरी दुनिया की राजधानियों में लाल कालीन बिछाया जा रहा”

लेख में एअर इंडिया की ओर से एयरबस और बोइंग को रिकॉर्ड 470 विमानों का ऑर्डर दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा गया है कि पीएम मोदी के लिए पूरी दुनिया की राजधानियों में लाल कालीन बिछाया जा रहा है। आईएमएफ ने भविष्यवाणी की है कि 2023 और अगले पांच साल तक भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।इसी कड़ी में मुंबई और दिल्ली में एपल के बॉस टिम कुक के खुद आकर पहले दो रिटेल आउटलेट खोलने और एपल के लिए आईफोन बनाने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉम की ओर से कर्नाटक में एक अरब डॉलर की लागत से फैक्टरी शुरू करने की योजना का भी जिक्र लेख में किया गया है। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन की ओर से गुजरात में सेमी कंडक्टर फैक्टरी शुरू करने की घोषणा और अंतरराष्ट्रीय फर्म गोल्डमैन सैश के भारत में अपनी बोर्ड मीटिंग करने को भी भारत की बढ़ती ताकत से जोड़ा गया है।

आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल का बड़ा बयान, कहा-इस्लामी आक्रमणों के कारण भारतीय समाज में आई बाल विवाह और सती प्रथा जैसी बुराईयां

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आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने भारतीय समाज में व्याप्त कुछ बुराइयों को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम नारी शक्ति संगम के दौरान कृष्ण गोपाल ने महिला सशक्तिकरण विषय पर चर्चा की। बातचीत के दौरान संयुक्त महासचिव ने कहा कि इस्लामी आक्रमणों के कारण भारतीय समाज में बाल विवाह, सती, विधवा पुनर्विवाह पर प्रतिबंध और महिलाओं में अशिक्षा जैसी परंपराएं घर कर गईं।

आरएसएस नेता ने कही ये बड़ी बात

कृष्ण गोपाल ने मध्यकाल को एक बहुत ही कठिन समय बताते हुए कहा, पूरा देश पराधीनता से जूझ रहा था। मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया गया और महिलाओं को खतरे में डाल दिया गया। दुनिया भर में लाखों महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बाजारों में बेच दिया गया। चाहे वह अहमद शाह अब्दाली, मुहम्मद गौरी या महमूद गजनी हो, इन सभी ने यहां से महिलाओं को ले जाकर दुनिया भर के बाजारों में बेचा। वह अत्यंत अपमान का युग था।उन्होंने कहा कि इसलिए, महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमारे समाज द्वारा उन पर कई प्रतिबंध लगाए गए और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्कूलों, गुरुकुलों में जाना बंद कर दिया और अशिक्षित हो गईं। 

इस्लामी आक्रमण से पहले ऐसी ती महिलाओं की स्थिति

आरएसएस नेता ने यह भी दावा किया कि बाल विवाह की प्रथा तब शुरू हुई जब लोग अपनी बेटियों को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए कम उम्र में ही उनकी शादी कर देते थे। युद्धों में बड़ी संख्या में पुरुषों के मारे जाने के कारण विधवाओं के पुनर्विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके बाद पुरुषों की कमी हो गई। इस्लामी आक्रमण से पहले महिलाएं शास्त्रार्थ (विद्वानों की बहस) में भाग लेती थीं और यहां तक कि वेदों को श्लोक भी देती थीं।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सती प्रथा नहीं थी, लेकिन जौहर (आत्मदाह) होने लगे, महिलाएं सती होने लगीं।

पश्चिमी संस्कृति के खिलाफ चेतावनी दी

उन्होंने याद दिलवाया कि प्रतिबंधों के बावजूद, 12वीं और 18वीं शताब्दी के बीच महिलाओं ने समाज में एक बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा 13वीं शताब्दी में, संत रामानंद, जिनके शिष्यों में कबीर और रविदास थे, के पास कई महिला शिष्याएं भी थीं। जिन्होंने वैष्णव विचार को बड़े पैमाने पर फैलाया।इस काल में बहुत सी महिलाएं थीं, जिन्होंने सामाजिक सुधार में योगदान दिया और संत बन गईं। गोपाल ने पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे देश की महिलाओं को पश्चिमी प्रभाव के खिलाफ सावधान रहना होग। हमें प्रगति करनी होगी। आप प्रौद्योगिकी का उपयोग करें, विमान उड़ाएं, जहाज चलाएं, इसरो में जाएं, वैज्ञानिक, डॉक्टर या इंजीनियर बनें। आपको जो अच्छा लगे वो करें। लेकिन एक स्त्री के स्वरूप में ही। स्त्री घर की धुरी होती है, ये याद रखें। वह महिला ही है, जो बच्चों और परिवार को संस्कार देती है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव ने आगे कहा कि रसोई का प्रबंधन करना करियर प्रबंधन के समान ही महत्वपूर्ण है।

*धीरेंद्र शास्त्री को मिली जान से मारने की धमकी, बरेली के अनस अंसारी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री आए दिन अक्सर ही अपने बयानों के चलते सुर्खियों का हिस्सा बने रहते हैं। वहीं अब बाबा बागेश्वर को एक युवक ने मारने की धमकी दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक युवक ने सनातन धर्म के प्रचारक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को हत्या की धमकी दी है।पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर रविवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी को पुलिस ने दबोचा

पुलिस के अनुसार, हाफिजगंज थाना क्षेत्र के रिठौरा निवासी अनस अंसारी ने इंस्टाग्राम पर धमकी भरा पोस्ट लिखा कि बाबा पर मौत मंडरा रही है।बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि हाफिजगंज थाना क्षेत्र के रिठौरा निवासी अनस अंसारी ने इंस्टाग्राम पर धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भड़काऊ बात लिखी और शास्त्री को जान से मारने की धमकी भी दी।अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने हाफिजगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 295 ए ( धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करना), 504 (शांतिभंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की प्रासंगिक धारा के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

हिंदू संगठनों ने की थी शिकायत

बाबा बागेश्वर को दी गई इस धमकी के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश था। उनकी ओर से ट्वीट करके पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थीं। मामले में हिंदू जागरण मंच और विश्व हिंदू परिषद की ओर से पुलिस से शिकायत की गई। विवादित पोस्ट की स्क्रीन शॉट को ट्वीट करके बरेली पुलिस, आईजी, एडीजी और डीजीपी को टैग करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थीं। 

आतंकी एंगल तो नहीं ?

वही इंटेलिजेंस भी मामले की छानबीन में जुट गई है। ये पता लगाया जा रहा है कि अनस अंसारी किसी आतंकी संगठन से तो जुड़ा हुआ नहीं है।

चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के काउंटडाउन में सुनी गई आवाज खामोश, इसरो की वैज्ञानिक का कार्डिएक अरेस्ट से निधन

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चंद्रयान-3 हो या इसरो का कोई भी सेटेलाइट लॉन्चिंग। जब पूरी दुनिया की निगाहें रॉकेट की तरफ रहती हैं तो कानों में एक ही आवाज आती है। यह आवाज होती है काउंटडाउन की। इसरो के जितने भी लॉन्च होते थे, उनके काउंटडाउन के दौरान जो आवाज़ सुनाई देती थी, वो अब लोगों को सुनाई नहीं देगी। यह आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है। इसरो की वैज्ञानिक वलारमती का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।

इसरो ने जताया दुख

वलारमथी के निधन पर इसरो ने बताया कि रॉकेट लॉन्च काउंटडाउन के पीछे की प्रतिष्ठित महिला आवाज को श्रीहरिकोटा से भविष्य के मिशनों में नहीं सुना जाएगा। वलारमथी मैम के अप्रत्याशित निधन के साथ, आवाज अनंत काल के लिए फीकी पड़ गई है! वलारमती मैम का शनिवार शाम चेन्नई के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।वैज्ञानिक वलारमथी का अंतिम मिशन चंद्रयान-3 ही था, जो 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ था।

इसरो के पूर्व डायरेक्टर ने जताया शोक

तमिलनाडु के अलियायुर से आने वालीं वलारमथी ने शनिवार को चेन्नई में अंतिम सांस ली।इसरो के पूर्व डायरेक्टर पी.वी. वेंकटकृष्णन ने ट्वीट कर वलारमथी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि श्रीहरिकोटा में इसरो के आने वाले मिशनों के दौरान अब काउंटडाउन में वलारमथी मैडम की आवाज़ नहीं आएगा। चंद्रयान-3 उनका फाइनल अनाउसमेंट था। ये काफी दुख का क्षण है। प्रणाम।

कई वर्षों तक इसरो टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहीं

वलारमथी अपने सहयोगियों के बीच 'मैम' के नाम से भी जानी जाती थीं। कई वर्षों तक इसरो टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहीं। आत्मविश्वास और अधिकार से भरी उनकी विशिष्ट आवाज ने इसरो के कई सफल रॉकेट प्रक्षेपणों का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने देश की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चेन्नई में जन्मी और पली-बढ़ी, वलारमती को कम उम्र से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी का शौक था। उन्होंने इंजीनियरिंग में अपनी शिक्षा प्राप्त की और एक युवा उम्र में ही इसरो में शामिल हुईं। इन वर्षों में, वह अपने सटीक काउंटडाउन और अपने काम के प्रति अटूट समर्पण के साथ संगठन के लिए एक अमूल्य संपत्ति बन गईं।

*आज जनता के दरबार में हाजिर होंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, इन विभागों से जुड़े मामलों पर लोगों की सुनेंगे फरियाद* डेस्क : आज एकबार फिर मुख्यमं

डेस्क : आज एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुनेंगे और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश देंगे। 

आज महीने का पहला सोमवार होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह, पुलिस, राजस्व एवं भूमि सुधार, मद्य निषेध, निबंधन एवं उत्पाद, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन आदि विभागों से जुड़ी लोगों की समस्याएं सुनेंगे। साथ ही इन समस्याओं के तत्काल निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश वह संबंधित पदाधिकारियों को देंगे।

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज भी सीमित लोगों को ही बुलाया गया है। जिन लोगों ने पहले से रजिस्ट्रेशन कराया है और कोविड का टीका लिया है उन्हीं लोगों को जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आने का मौका दिया गया है।

एशिया कप 2023 के वेन्यू में हो सकता है बदलाव, कोलंबो में बाढ़ के हालात

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श्रीलंका और पाकिस्तान में खेले जा रहे एशिया कप के वेन्यू में बदलाव किए जा सकते हैं। पहले यह टूर्नामेंट पूरा पाकिस्तान में खेला जाना था, लेकिन टीम इंडिया द्वारा पाकिस्तान का दौरा करने से मना किए जाने के बाद एसीसी ने श्रीलंका को भी नए वेन्यू के तौर पर जोड़ लिया था। लेकिन श्रीलंका में होने वाले मैचों में बारिश एक बड़ी परेशानी के रूप में सामने आई है। कोलंबो में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। ऐसे में मौजूदा एशिया कप 2023 में सुपर फोर मैचों को शिफ्ट किए जाने की संभावना है। भारत और पाकिस्तान के बीच लीग स्टेज का मैच बारिश के कारण पूरा नहीं खेला जा सका। जिस कारण मुकाबले को रद्द कर दिया गया और दोनों ही टीमों में प्वाइंट्स बांट दिए गए। सुपर-4 का पहला मैच लाहौर में और फाइनल समेत सभी मुकाबले कोलंबो में होना है।

कोलंबो में भारी बारिश

श्रीलंका के कोलंबों में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालांत हैं। ऐसे में सुपर फोर में होने वाले कई मुकाबलों पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एशियन क्रिकेट काउंसिल एशिया कप के सुपर-4 मैचों का वेन्यू बदलने पर विचार कर रही है। जिसे लेकर आने वाले दो दिनों के अंदर फैसला लिया जा सकता है। एशिया कप के सुपर फोर के मुकाबलों को कोलंबों से शिफ्ट किया जा सकता है। आपको बता दें कि श्रीलंका में जिन वेन्यू पर मैच खेले जा रहे हैं वहां पर काफी ज्यादा बारिश हो रही है। इस कारण एसीसी एक बड़ा फैसला ले सकती है।

कहां खेले जाएंगे मुकाबले

एशिया कप के सुपर 4 मुकाबलों को श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जाना है। पाकिस्तान के मैच लाहौर में आयोजित होंगे जबकि श्रीलंका में खेले जाने वाले मुकाबलों को कोलंबो में कराया जाना है। यह सभी मुकाबले जहां होने हैं वहीं पर बारिश से बुरे हालात हो गए हैं। ऐसे में इन सभी मुकाबलों को दांबुला या फिर पल्लेकल में शिफ्ट किया जा सकता है।

बारिश की भेंट चढ़ा भारत-पाकिस्तान मैच

इससे पहले शनिवार यानी 2 सितंबर को भारत-पाकिस्तान का मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया था। अब इन दोनों देशों के बीच रविवार 10 सितंबर को सुपर फोर में मैच होने की उम्मीद है। अगर वेन्यू में बदलाव नहीं होता है तो एक बार फिर फैंस को सिर्फ मायूसी हाथ लगेगी। लंबे समय से फैंस भारत-पाकिस्तान मैच का इंतजार करते हैं, ऐसे में मौसम की मार फैंस की उम्मीदों को तोड़ने का काम करती है।

'एक देश एक चुनाव' की तैयारी तेज, कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने रामनाथ कोविंद से की मुलाकात

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देश में इन दिनों एक देश एक चुनाव की चर्चा जोरों पर है। मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तो कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई। पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।इस बीच 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में इसको लेकर बिल भी ला सकती है।

इस बीच, देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर बनाई गई समिति सक्रिय हो गई है। शीर्ष अधिकारियों ने समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रारंभिक जानकारी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की।न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य अधिकारियों ने कोविंद को बताया कि समिति के सामने एजेंडे पर किस तरह आगे बढ़ेंगे। नितेन चंद्रा उच्च स्तरीय समिति के सचिव भी हैं और रीता वशिष्ठ का विभाग चुनाव के मुद्दे, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और संबंधित नियमों से संबंधित है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी

इससे पहले सरकार ने शनिवार को आठ सदस्यीय समिति अधिसूचित किया था।केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर होंगे। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी की बैठकों में स्पेशल मेंबर के तौर पर शामिल होंगे। हालांकि, इस कमेटी में नाम आने के बाद अधीर रंजन ने गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि मैं इस समिति में काम नहीं करूंगा, क्योंकि ये धोखा देने के लिए बनाई गई है।

क्या काम करेगी कमेटी?

यह कमेटी अविश्वास प्रस्ताव, दल-बदल कानून और लोकसभा की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगी और उसके मुताबिक अपने सुझाव देगी। इसके अलावा समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कमेटी का कार्यकाल कितना होगा। हालांकि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।

केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी ऐसे समय में बनाई है जब इस साल के आखिरी में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने वाले हैं। वहीं अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है।

आजादी के बाद लागू था वन नेशन, वन इलेक्शन

वन नेशन, वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

*अमित शाह का स्टालिन के बेटे को जवाब, कहा-"हिंदू धर्म से नफरत करता है विपक्षी गठबंधन"*

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर सियासत तेज है। सत्ता पक्ष उदयनिधि के बयान को लेकर विपक्ष पर हमलावर है। अब गृह मंत्री अमित शाह ने उदयनिधि के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए सनातन धर्म का अपमान किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान के डूंगरपुर से भाजपा की ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा' का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा है कि पिछले दो दिनों से इंडिया गठबंधन ‘सनातन धर्म’ का अपमान कर रहा है। डीएमके और कांग्रेस के नेता सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म’ को खत्म करने की बात कर रहे हैं। इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू संगठनों को लश्कर-ए-तैयबा से ‘अधिक खतरनाक' बताया है। अब विपक्षी गुट ‘इंडिया' के नेताओं ने वोट बैंक तथा तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म' के संदर्भ में बात की है।

पहली बार सनातन धर्म का अपमान नहीं किया गया-शाह

अमित शाह ने आगे कहा, यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हमारे ‘सनातन धर्म’ का अपमान किया है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि बजट पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है, लेकिन हम कहते हैं कि पहला हक गरीबों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का है। आज कांग्रेस पार्टी कहती है कि मोदी जी जीतेंगे तो सनातन राज करेगा।

शाह ने विपक्षी गठबंधन को बताया 'घमंडिया'

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन को 'घमंडिया गठबंधन' बताते हुए करारा अटैक किया। शाह ने कहा कि ये गठबंधन वोट बैंक की राजनीति के लिए ये किसी भी हद तक जा सकता है, लेकिन वे जितना सनातन (धर्म) के खिलाफ बात करेंगे, उतना ही कम नजर आएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि वे कहते हैं कि अगर मोदी जीत गए तो सनातन शासन आ जाएगा। सनातन लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। अमित शाह बोले कि पीएम मोदी ने कहा है देश संविधान के आधार पर चलेगा। प्रधानमंत्री ने देश को सुरक्षित करने के लिए काम किया है।