*लीबिया में फंसे 17 भारतीय अपने वतन लौट, कैसे बनाए गए बंधक, बयां किया दर्द*
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करीब 6 महीनों से लीबिया में फंसे 17 भारतीय भारत लौट आए हैं।इन भारतीय नागरिकों को सशस्त्र बलों ने बंधक बनाया था। विदेश मंत्रालय के सतत प्रयासों से लीबिया में एक सशस्त्र समूह द्वारा बंधक बनाये गए 17 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालकर भारत वापस लाया गया है।पंजाब और हरियाणा के रहने वाले भारतीय नागरिक रविवार को दिल्ली पहुंचें।
इन भारतीयों को वापस भारत पहुंचाने में ट्यूनिशिया स्थित भारतीय दूतावास ने अहम भूमिका निभाई है। यह मामला ट्यूनिस में भारतीय दूतावास के पास तब आया, जब 26 मई को लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों के परिवारवालों ने बात की। वहां फंसे भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों ने 26 मई को इस मामले पर ट्यूनिश स्थित भारतीय दूतावास का ध्यान आकर्षित कराया था।
सूत्रों ने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय राजदूत और नयी दिल्ली से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के उच्च स्तरीय हस्तक्षेप से लीबिया प्रशासन ने इन्हें रिहा करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने बताया कि लीबिया में इन भारतीय नागरिकों के रुकने के दौरान भारतीय दूतावास ने उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा। चूंकि इनके पास कोई पासपोर्ट नहीं था, ऐसे में उनकी भारत यात्रा करने के लिए उन्हें आपात प्रमाणपत्र जारी किए गए। इसके अलावा भारत लौटने के लिए टिकटों का भुगतान भी भारतीय दूतावास ने किया।
यह सभी लोग फरवरी और अप्रैल के बीच इटली में नौकरी पाने की उम्मीद में भारत से निकले थे, लेकिन इनको लीबिया में बेच दिया गया। इन लोगों को भारत से पहले दुबई ले जाया गया, फिर इनको मिस्त्र ले जाया गया और आखिर में इन लोगों को लीबिया के ज़ुवारा में उनके एजेंट्स के ग्रुप ने बेच दिया। एजेंट्स ने इन लोगों को अलग-अलग देश में ले जाने के लिए लाखों रुपए की मांग की। इस पूरी प्रक्रिया के तहत पीड़ित भारतीयों को करीब 12 से 14 लाख का नुकसान हुआ। कई लोग अपने जमीन बेचकर भारत से निकले थे।एजेंट्स ने इन लोगों के साथ धोखा किया और अवैध और अत्यधिक खतरनाक तरीके अपनाकर इनको लीबिया पहुंचा दिया।
Aug 21 2023, 17:27