स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्देश: स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था ध्वस्त न हो यह सुनिश्चित करें।
साक्षरता के क्षेत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' एक सराहनीय कदम है।इसके पहले चरण में 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तब्दील किया गया है। सभी वर्ग-समुदाय के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस नई पहल को सराहा है। बच्चों ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील इन विद्यालयों में नामांकन को लेकर रुचि दिखायी है।
अभिभावकों में बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर राज्य सरकार के प्रति विश्वास जगा है। आने वाले समय में सरकार का यह नवीन पहल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसकी समीक्षा करते हुए, सभी जिलों के उपायुक्त को विशेष नजर रखने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर सरकारी व्यवस्था की शुरुआत बहुत अच्छी होती है लेकिन अंत उतनी अच्छी तरह से नहीं होता है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं हो यह सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी तरह स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था ध्वस्त न हो यह सुनिश्चित करें।
राज्य के प्रत्येक जिलों में अलग-अलग व्यवस्थाएं एवं क्षमताएं हैं। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कई और चीजें जोड़ने की आवश्यकता है। उपायुक्त निरंतर इन स्कूलों का मॉनिटरिंग करें। इसका ख्याल रखें कि विभाग के अंदर कार्यशैली में विसंगतियां के कारण उलझने पैदा न हो।
हेमंत सोरेन ने यह भी निर्देश दिया की सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पठन-पाठन के अलावा और कोई कार्य में न लगाएं। विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि जिला के उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर गुणवत्ता शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे।
Jun 16 2023, 21:31