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मिशन लाइफ के तहत पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने हेतु जागरुकता कार्यक्रम


गिरिडीह: वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल कार्यालय गिरिडीह में शुक्रवार को मिशन लाइफ के अंतर्गत पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने हेतु जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के प्रारंभ में जीवन शैली की शपथ वन संरक्षक आरएन मिश्रा द्वारा अपने कार्यालय कर्मियों को दिलाई गई।

जिन मुख्य बिन्दुओं की शपथ दिलाई गई। उसमें 'पर्यावरण की रक्षा के लिए अपने दैनिक जीवन शैली में हरसंभव बदलाव करने का वचन देने,अपने दोस्तों परिवार और अन्य लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतों के महत्व से अवगत कराने आदि शामिल रहे।वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल गिरिडीह कार्यालय कक्ष में ही कार्यालय कर्मियों के साथ मिशन लाइफ के उद्देश्यों के अनुकूल जीवन चर्चा अपनाने हेतु मुख्य बातों पर चर्चा की गई। जिसमें अपने जीवन शैली में किस तरह एनर्जी सेव कर सकते हैं,जब रूम में नहीं है तो अनावश्यक बल्ब,पंखा,एसी व कोई अन्य अप्लायंस को बंद कर देंगे,एलइडी बल्ब का प्रयोग करेंगे।

जहां तक संभव हो सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करने,स्थानीय एवं छोटे आवागमन के लिए साइकिल का प्रयोग करेंगे,इलेक्ट्रोनिक उपकरण को ऊर्जा बचत मोड में रखने,घर स्कूल कार्यालयों में ऊर्जा एवं जल संचयन के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, बाजरा जैसी कम पानी वाली फसलों की खेती को अपनाएंगे,अनावश्यक नल के पानी को खोलकर बर्बाद नहीं करेंगे,शॉपिंग के लिए प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के बैग का इस्तेमाल करेंगे।खुद की पानी की बोतल लेकर बाहर जाए सभाओं और कार्यक्रमों के दौरान गैर प्लास्टिक पर्यावरण के अनुकूल कटलरी का उपयोग करेंगे,खेत में जैविक खाद का प्रयोग करने रिचार्जेबल लिथियम बैटरी का प्रयोग करने आदि शामिल हैं।

इस दौरान कर्मियों को निर्देशित किया गया कि कार्यालय परिसर में जो भी झाड़ी है उसे मिलकर साफ कर दिया करेंगे।इसके साथ ही सभी कर्मी अपने अपने आवास के आसपास के भी झाड़ी की सफाई करेंगे।

कार्यक्रम में सहायक वन संरक्षक राजीव रंजन कुमार निम्न वर्गीय लिपिक रवि राकेश लकड़ा,रुपक हांसदा अनुसेवक बद्री महतो,दिनेश्वर किस्कु कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार ड्राइवर प्रदीप यादव आदि उपस्थित रहे।

कृषि निदेशालय,बोकारो कृषि कार्यालय व जीटी भारत द्वारा कृषि अवसरंचना कोष पर जागरुकता कार्यशाला


गिरिडीह: आज स्थानीय नगर भवन परिसर में क़ृषि निदेशालय झारखण्ड सरकार, रांची, जिला क़ृषि कार्यालय, बोकारो एवं जीटी भारत की ओर से जिले के करीब 1000 किसानों, एसएचजी, फेडरेशन एवं एफपीसी के प्रतिनिधियों के साथ 'कृषि अवसंरचना कोष' विषयक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त तथा अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। 

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती मुनिया कुमारी, उप विकास आयुक्त, श्री शशिभूषण मेहरा एवम अन्य गणमान्य अतिथि जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, श्रीमती रश्मि सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी, श्री सुरेंद्र कुमार सिंह, उप परियोजना निदेशक, आत्मा, श्री रमेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, डीपीएम जेएसएलपीएस, निदेशक - जीटी भारत ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा आमजनों के कल्याण हेतु कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं के कन्वर्जन से विभिन्न प्रकार के लाभ से किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है। 

उपायुक्त ने गिरिडीह जिले के एक किसान का उदाहरण देते हुए बताया कि मनरेगा के द्वारा उसे कूप, कुसुम योजना से पंप, सोलर पैनल आदि का लाभ मिला था,जिसके माध्यम से सहयोग लेते हुए आम बागवानी का कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है और अपने आय में वृद्धि कर रहा है। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, कल्याण विभाग की योजना तथा JSLPS के अंतर्गत महिला लखपति योजना आदि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल नेटवर्किंग साइट्स यथा फेसबुक, ट्विटर आदि से सुचारू रूप से किया जाएगा। ताकि आम जनों को इन योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आज के कार्यशाला में कृषि विभाग की ओर से से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराया गया है ताकि इसका उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए अन्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जा सके। 

क़ृषि निदेशालय, झारखण्ड सरकार, रांची से विशेष रूप से आये परियोजना प्रबंधन इकाई के टीम लीडर श्री प्रभाष चंद्र दुबे ने क़ृषि विभाग की ओर से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी और कहा कि AIF योजना का लाभ लेने में गिरिडीह जिला झारखण्ड में नंबर वन पर है। अभी तक जिले के 80 किसानों ने योजना का लाभ लेकर अपना बिज़नस शुरू कर दिया है। किसानों तथा किसान प्रतिनिधियों ने 

आगे भी जिले को पहले स्थान पर ही रखने की बात कही।

मुख्य अतिथि मुनिया कुमारी ने पूरे झारखंड में गिरिडीह जिले के किसानों तथा क़ृषि से संबंधित व्यवसाय से जुड़े लोगों स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक जागरुकता अभियान चलाकर जिले के सभी प्रमुख कृषि उद्यमियों तथा कृषि कार्य से जुड़े लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन के द्वारा जिले के अधिक से अधिक किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा। 

उप विकास आयुक्त महोदय ने उद्यमियों को कोल्ड स्टोरेज लगाने और खाद्य प्रसंस्करण आदि इकाईओं को लगाने का आहवाहन किया। कार्यशाला के माध्यम से क़ृषि निदेशालय से आये श्री प्रभाष चंद्र दुबे जी ने किसानों को बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए उन्हें अपना सिविल स्कोर ठीक करना होगा, ताकि उनको बड़ा लोन मिल सके और गरीब किसान भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े चीज करने की सोच रखे और उसके लिए मेहनत कर आगे बढ़ें। आजीविका का स्रोत बढ़ाने के लिए कार्य करें। आयोजन कृषि निदेशालय रांची ने किया। 

संचालन परियोजना प्रबंधन ईकाई रांची के प्रभाष चंद्र दुबे ने किया। इसमें बताया गया कि कृषि अवसंरचना कोष के जरिए किसानों और कृषि क्षेत्र के उद्यमियों के लिए एक लाख करोड़ रुपए की राशि का आबंटन किया गया है, जिसमें झारखंड को 1445 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।

● कैसे लें इस योजना का लाभ:- इस योजना का लाभ लेने www.agriinfra.doc.gov.in पर लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है। केन्द्र सरकार की ओर से किसानों के ऋण खाते में सीधे सब्सिडी दी जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया सरल है। 

परियोजना प्रबंधन ईकाई कृषि निदेशालय से आए प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन के जरिए किसानों को बताया कि आवेदन कैसे करना है और परियोजना का कैसे लाभ लेना है। किसानों ने योजना को समझकर आवेदन करने का निर्णय लिया। पीएमयू से आवेदन करने, ऋण दिलवाने में पूरा सहयोग देने की बात कही गयी। विश्वस्तरीय संगठन ग्रांट थोर्नटॉन भारत (जीटी भारत) की ओर से झारखंड में परियोजना प्रबंधन ईकाई का संचालन कृषि निदेशालय में किया जा रहा है।

 विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की योजना संबंधी जानकारी दी। पीएमयू टीम से प्रभाष चंद्र दुबे, निदेशक रिशु रवि, अमित तिवारी, मनीष कुमार, मयंक द्विवेदी आदि ने प्रेजेंटेशन के माधयम से प्रस्तुत किया। 

● क्या है कृषि अवसंरचना कोष:-

केंद्र सरकार की ओर से ‘कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना की 2020 में की गई थी। यह फंड फसल कटाई के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश के लिए मध्यम व दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करती है।

● कृषि अवसंरचना निधि (AIF) की विशेषताएं :

1.किसानों को सीधे उपभोक्ताओं के बड़े आधार पर बेचने की अनुमति देने के लिए बेहतर विपणन बुनियादी ढांचे और इसलिए, किसानों के लिए मूल्य प्राप्ति में वृद्धि।  

2.वित्तीय सुविधा के अंतर्गत 2 करोड़ रुपए तक की सीमा तक वार्षिक 3% की ब्‍याज छूट होगी। 

3.यह ब्‍याज छूट अधिकतम 7 साल की अवधि के लिए उपलब्ध होगा। 

4. 2 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के मामले में, ब्याज छूट 2 करोड़ रुपए तक सीमित होगी। कुल वित्त पोषण सुविधा में से निजी उद्यमियों को दिए जाने वाले वित्त पोषण की सीमा और 

प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा तय की जा सकती है। 

5.सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक 

के ऋण के लिए उपलब्ध होगा।  

● निम्नलिखित पात्र लाभार्थी हैं जो योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं:-

1.प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)।

2.विपणन सहकारी समितियाँ।

3.किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)।

4.किसान।

5.स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)

6.संयुक्त देयता समूह (जेएलजी)। 

7.बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ। 

8.कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप। 

9.केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं।

मलेशिया में मृत प्रवासी श्रमिक का शव पैतृक गांव पहुंचा,पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पुत्र अखिलेश पहुंचे

गिरिडीह:मलेशिया से प्रवासी मजदूर चेतलाल महतो का शव जैसे ही उसके पैतृक गांव मंगलुआहार पहुंचा, आसपास के लोगों की भीड़ मृतक के घर में इकट्ठी हो गयी।लोगों के नेत्र नम थे।तो वहीं पीड़ित परिवार के सदस्यों के नेत्रों में आंसूओ के प्रवाह रुक नहीं रहे थे।

जबकि मृतक के वृद्ध पिता भिखारी महतो, मृतक की पत्नी सीमा देवी, पुत्र सागर (7) एवं पुत्री सपना कुमारी सभी का रो रो कर बुरा हाल हो गया था।मृतक का अंतिम संस्कार गांव के पडरवा नदी में किया गया।मृतक के पिता ने बताया कि उसके पुत्र की मौत मलेशिया में कैसे हुई,उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।

शव पहुंचने पर दिवंगत शिक्षा मंत्री के पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार महतो राजू, राजकुमार पांडेय,मिथलेश महतो,उप प्रमुख उपेन्द्र महतो,बबलू महतो,पंकज महतो,जगरनाथ ठाकुर आदि ने शोकाकुल परिवार से मिल कर उन्हें सांत्वना दी।

डुमरी विधानसभा में जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना किसी छुटभैए की बात नहीं

गिरिडीह:कहते हैं लोग चढ़ते सूरज को ही प्रणाम करते हैं,और जब बात पॉलिटिक्स की किया जाए तो क्या अपने क्या बेगाने,सब साथ छोड़ जाते हैं।उम्मीद जताई जा रही थी कि पांच मई को दिवंगत शिक्षा मंत्री सह डुमरी विधानसभा क्षेत्र के दम खम शेरों के शेर टाइगर जगरनाथ महतो के पुत्र अखिलेश महतो को मंत्री पद का सेहरा बंधेगा।

लेकिन तय तारीख बीतने के बाद जहां झामुमो के समर्पित कार्यकर्ताओं के चेहरे मायूस दिखे,तो वहीं विपक्ष के तथाकथित लोगों ने उपहास का प्रदर्शन करना शुरू दिया।

क्षेत्र की जनता सहित उक्त लोग तुरंत अपने प्रिय नेता को भुलाने बिसराने का ड्रामा करने लगे।जबकि वर्तमान समय में भी डुमरी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो ने अपनी ना तो विश्वसनीयता खोई है और ना ही कोई अन्य चेहरा इसे चैलेंज करने का साहस कर सकता है।डुमरी विधानसभा के बड़े बूढ़े लोगों का मानना है कि टाइगर ने डुमरी की मिट्टी में स्वयं को समाहित कर दिया है।

प्रतिदिन अहले सुबह से ही सैकड़ों पीड़ित लोगों की भीड़,और उनकी तीमारदारी में आतुर नजरों से गहनता पूर्वक भला आज के समय में कौन नेता अपनी जनता की बातें सुनकर उनके दुख दर्द को महसूस कर त्वरित कार्रवाई की ओर अग्रसर होकर समाधान करता है!

अपने मतदाताओं और समर्थकों पर उनकी मजबूत पकड़ की बदौलत ही उन्होंने डुमरी विधानसभा में लगातार चार बार पार्टी का झंडा लहराया था।जिसे विस्मृत कर देना किसी छुटभैये छपास व शोसल मीडिया पर नेतागिरी झाड़ रहे लोगों के वश की बात नहीं कही जा सकती।

दिवंगत जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना इतना सहज भी नहीं है।फिलवक्त हम तो तेल देखेंगे और तेल की धार। इधर दिवंगत जगरनाथ महतो पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो ने विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता तेज कर दी है।

जीवित महिला को मृत घोषित कर रद्द कर दिया वृद्धावस्था पेंशन

खुद को जीवित साबित करने के लिए कागज़ात लिए पीड़िता लगा रही ब्लॉक के चक्कर 

गिरिडीह:एक जीवित वृद्धा को मृत घोषित कर उनका वृद्धावस्था पेंशन रद्द कर दिए जाने का मामला सामने आया है।

मामला जिले में तिसरी प्रखंड अंतर्गत सिंघो पंचायत के ककनी गांव का है। जहाँ की 84 वर्षीय वृद्धा हसमुन खातून को पिछले वर्ष सरकारी कर्मचारी और कथित तौर पर जनप्रतिनिधि द्वारा मृत घोषित कर उन्हें मिलने वाले वृद्धावस्था पेंशन लाभ से वंचित कर दिया गया। 

अब पीड़िता खुद को जीवित साबित करने के लिए सारे कागजात लेकर पिछले एक वर्ष से तिसरी प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहीं हैं।इस संबंध में पीड़िता वृद्ध महिला हसमुन खातून बतातीं है कि उन्हें वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा था। लगभग एक वर्ष पूर्व तिसरी ब्लॉक से सत्यापन के लिए गए दो सरकारी कर्मियों ने किसी व्यक्ति के कहने पर उन्हें मृत घोषित कर मिल रहे वृद्धावस्था पेंशन को रद्द कर दिया। एक वर्ष से हसमुन पुनः पेंशन चालू कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहीं हैं।

वहीं मामला जब सिंघो के नवनिर्वाचित मुखिया मो हासिमउद्दीन के पास पहुंचा तो उन्होंने तुरंत प्रखंड विकास पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी।

प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष प्रजापति ने कहा कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पेंशन सूची में सुधार के लिए जिला भेज दिया है। जल्द ही हसमुन खातून को पुनः पेंशन का लाभ मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय कर्मचारी की लापरवाही से ऐसा हुआ है। लिहाजा उन्होंने सभी कर्मचारियों को गहनता पूर्वक सत्यापन करने का निर्देश दिया है।

अधिकारी चाहे जो भी कहें लेकिन सरकारी कर्मियों के इस लापरवाही का खामियाज़ा इस वृद्ध महिला को भुगतना पड़ रहा है। इस महिला को पिछले एक वर्ष के मिलने वाली पेंशन की राशि तो गई ही, साथ ही एक वर्ष से ब्लॉक का चक्कर लगाने में जो परेशानी हुई सो वो अलग।

जान जोखिम में डाल कर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ते हैं बच्चे,विभाग के प्रति लोगों में आक्रोश


कक्षा चलने तक अभिभावक बाहर बैठ करते हैं प्रतीक्षा

गिरिडीह:- सदर प्रखंड अंतर्गत बक्सीडीह पंचायत के बेड़ा में समेकित बाल विकास सेवाएं के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 91 का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. 

यहां के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं।

बताया जाता है कि स्थिति यह हो गई है कि जिस कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं और जहां बच्चों का भोजन बनाया जाता है वे कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और जगह-जगह से दीवारें फट गई हैं. केंद्र में बरसात के समय छतों से पानी गिरने लगता है. 

पिछले चार-पांच वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति यही है. यहां की सेविका इस संबंध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से कई बार मिल चुकी है और उन्हें पूरे मामले से अवगत करा चुकी है,लेकिन इसके बावजूद इस आंगनबाड़ी केंद्र के प्रति न तो विभाग का ध्यान जा रहा है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का, स्थिति यह हो गयी है कि आने वाले दिनों में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. 

इस बाबत आंगनबाड़ी केंद्र बेड़ा क्रम संख्या 91 की सेविका चंपा देवी ने बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और यहां उन्हें बच्चों को बैठाने तक में डर लगता है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र तो आते हैं। लेकिन उसके साथ उनके अभिभावक भी साथ में आते हैं और केंद्र के बाहर बैठे रहते हैं, ताकि कभी कोई बड़ा हादसा न हो जाए. 

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इस केंद्र में 25 बच्चे हैं लेकिन हर दिन मात्र 5 से 10 बच्चे ही केंद्र पहुंचते हैं उनके साथ उनके अभिभावक भी मौजूद रहते हैं. बताया कि बच्चों के नहीं आने का मुख्य कारण जर्जर भवन है, ग्रामीणों को डर लगता है इस आंगनबाड़ी केंद्र में भेजने से।उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार विभागीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है। लेकिन विभाग इसके प्रति ध्यान नहीं देता है और न ही गंभीर है. लिहाजा उन्हें भी बच्चों को केंद्र में बुलाने में डर लगता है.

 इधर इस मामले को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद रामचंद्र दास ने बताया कि उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है और उन्होंने भी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को इसके मरम्मत के लिए सूचना दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. 

उन्होंने कहा कि जल्द ही डीसी से मिलकर एक आवेदन सौंपा जाएगा और आंगनबाड़ी केंद्र को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की जाएगी.

झामुमो व भाकपा कार्यकर्ताओं ने विश्वनाथ महतो का 47वां शहादत दिवस मनाया गया


गिरिडीह:- झामुमो और सीपीआई के संयुक्त तत्वावधान में जिले के लोहेडीह पंचायत के खेतको में विश्वनाथ महतो का 47वां शहादत दिवस मनाया गया।

उपस्थित लोगों ने विश्वनाथ महतो के स्मारक स्थल खेतको में स्थित शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।सभी लोगों ने दिवंगत महतो के संघर्षों व सामाजिक उत्थान व समरूपता के दिशा में किये गए कार्य को याद कर उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

इसके पूर्व शहीद वेदी के समक्ष झंडोत्तोलन किया गया।इस दौरान कामरेड नुनूचनद महतो,गणेश महतो,अमरु महतो हनीफ अंसारी,विजय

महतो,भुनेश्वर सिंह,मनोज कुमार,प्रभुदयाल महतो,रघु

महतो,थानुलाल महतो,किशुनदेव महतो,राजेश महतो, राजू महतो लोहेडीह मुखिया अर्जुन महतो झामुमो के राजकुमार,भोली महतो,हरिचरण महतो,अनिल महतो,

भीमसेन महतो,बीरबल महतो,टिंकू महतो,हिरो महतो,युगल किशोर महतो आदि उपस्थित थे।

गिरिडीह:नशाबंदी को लेकर महिलाओं ने निकाला लाठी मार्च

गिरिडीह:महिलाओं ने क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की। बुधवार को जिले के बगोदर प्रखण्ड अंतर्गत पैसरा गांव में महिलाओ ने लाठी मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया।

इस दौरान महिलाओं के हाथों में लाठियां थीं और वे नशाबंदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहीं थीं। वहीं मौके पर महिलाओं ने कहा कि क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। लेकिन अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही जिसे आज के किशोर युवाओं मे ज्यादा असर पड रहा है और नशा के आदि हो रहे है।जहां पर शराब के अवैध विक्रय के विरोध में घरों से निकलकर महिलाएं एकजुट हुई और गांव में शराब बिक्री के खिलाफ गाँव भर में लाठी मार्च निकाल कर शराब बेचने और पीने वालों के खिलाफ जूलूस निकाल कर विरोध जताया। 

गांव में पैदल मार्च निकालकर शराब और गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों के अवैध विक्रय को बंद कराने की मांग की। महिलाओं ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध शराब खुलेआम बेची जा रही है, जिससे हजारों परिवारों को परेशानी हो रही है।

 उन्होंने कहा कि गांवों में आसानी से शराब उपलब्ध होने के कारण कई पुरुष अपनी गाढ़ी कमाई शराब पर खर्च कर अपने परिवार के सदस्यों को सड़कों पर ला रहे हैं। ग्रामीण बाजार में शराब पीकर घर पहुंचते हैं और घर परिवार के साथ लड़ाई झगडा कर घर को अशांत करते हैं। जिससे छोटे छोटे बच्चों में इसका प्रभाव पड़ता है और बच्चे पढ लिख नही पाते हैं। शराब के कारण कई घर बर्बाद हो जाते है और इसका खामियाजा महिलाओं और अन्य परिजनों को भुगतना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव और क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री से पूरे क्षेत्र का ही माहौल दूषित होता है। अब नशा के अभ्यस्त पढने लिखने वाले बच्चे कम उम्र में ही हो जा रहे हैं।

इस मार्च में जितेंद्र महतो, कैलाश महतो, पूरन चंद महतो, शंकर महतो, विलास महतो, बलराम महतो, नीलकंठ महतो, चमेली देवी, सुनीता राज, संजू कुमारी, सुनीता देवी, यशोदा देवी आदि शामिल थीं।

गिरिडीह: 04 उत्कृष्ट विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 में नामांकन प्रारंभ

गिरिडीह:- जीराज्य सरकार के सतत् प्रयास के तहत सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत गिरिडीह जिले के 04 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में मान्यता दी गयी है। 

राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता प्राप्त कर विद्यालय का संचालन अंग्रेजी माध्यम से प्रारंभ किया जा रहा है। संबंधित विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी। सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड राँची के आलोक में गिरिडीह जिले में संचालित सभी चारों उत्कृष्ट विद्यालयो में उत्क्रमित +2 सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय, गिरिडीह, उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय पचम्बा, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय, गिरिडीह एवं मॉडल विद्यालय डुमरी में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 में नामांकन होना है। जहां बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बता5या कि आवेदन जमा करने की तिथि 15 मई निर्धारित है। साथ ही चयन परीक्षा की तिथि 19 मई, फर्स्ट मैरिट लिस्ट का प्रकाशन 22 मई तथा नामांकन लेने की तिथि 23 मई से 8 जून तक निर्धारित किया गया है। आवेदन संबंधित उत्कृष्ट विद्यालय से प्राप्त एवं जेईपी झारखंड गोव इन ऑनलाइन पर डाउनलोड किया जा सकता है। वहीं बताया गया कि आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।

गिरिडीह: एक स्कूल ऐसा भी, जहां बच्चे स्वयं पढ़ते हैं और बच्चों को भी पढ़ाते हैं,शिक्षक स्कूल से रहते हैं नदारद

गिरिडीह:- सदर प्रखंड के बक्सीडीह पंचायत अंतर्गत बेड़ा में एक ऐसा स्कूल संचालित है, जहां समय पर न तो शिक्षक पहुंचते हैं और न ही इस स्कूल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जाता है। 

यह पूरा मामला बेड़ा स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय की है।इस विद्यालय की स्थिति इतनी खराब है कि यहां के शिक्षक जब - मन तब विद्यालय पहुंचते हैं और अपने निजी कार्य से बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर नदारद हो जाते हैं। 

इसके बाद स्थिति यह हो जाती है कि बच्चे खुद ब्लैक बोर्ड में लिखकर दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं और खुद भी शिक्षा ग्रहण करते है। स्थानीय ग्रामीणों की भी माने तो यहां 2 शिक्षक एक आशा सिन्हा और एक नीरज सिन्हा का पदस्थापन हुआ है, लेकिन अक्सर दोनों शिक्षक गायब रहते है। 

किसी दिन शिक्षिका आशा सिन्हा छुट्टी पर रहती है तो किसी दिन शिक्षक नीरज सिन्हा बिना बताए गायब हो जाते है। मंगलवार को भी स्कूल में यही स्थिति देखने को मिली। सुबह करीब 9. 30 बजे स्कूल में बच्चे खुद से पढ़ाई कर रहे थे और कुछ बच्चे कक्षा से बाहर खेल रहे थे। 

बच्चों से जब पूछा गया कि शिक्षक कहां है तो उन्होंने कहा कि मैडम छुट्टी पर है, और एक शिक्षक जिनका नाम नीरज सिन्हा है वह स्कूल आकर घर चले गए हैं। बच्चों का कहना था कि अक्सर यही स्थिति स्कूल की रहती है।एक महीना से बच्चों को एमडीएम का भोजन भी नसीब नहीं हुआ है और ना ही उन्हें पोषाहार मिलता है।

शिक्षा विभाग के द्वारा एक ओर जहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के बड़े - बड़े वादे किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर यह स्थिति देखकर साफ ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार से सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

इस मामले को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद रामचन्द्र दास ने बताया कि स्कूल में शिक्षक हमेशा गायब रहते है इसकी शिकायत कई बार जिला शिक्षा अधीक्षक से की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत डीसी से की जाएगी और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।