पर्यटन में यूपी की उड़ान: योगी सरकार के प्रयासों से बन रहा देश का नया टूरिज्म हब
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए योगी सरकार योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। विश्व पर्यटन एवं यात्रा परिषद (WTTC) की हालिया रिपोर्ट में भारत में पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं के बीच यूपी एक अहम केंद्र के रूप में उभर रहा है। योगी सरकार न सिर्फ इन संकेतों को गंभीरता से ले रही है, बल्कि उन्हें जमीनी हकीकत में बदलने के लिए व्यापक योजनाएं भी लागू कर रही है।
अयोध्या, काशी, मथुरा, कुशीनगर, नैमिषारण्य, प्रयागराज जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर देश-दुनिया से आस्था जुड़ी हुई है। यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। 2023 में अयोध्या में 5.76 करोड़ पर्यटक आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 16.44 करोड़ तक पहुंच गई। यही रुझान काशी, मथुरा और प्रयागराज में भी देखने को मिला।
पर्यटन में तेजी से यूपी की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव आया है। होटल, ट्रांसपोर्ट, गाइड, हस्तशिल्प, फूड, होमस्टे जैसे सेक्टर्स में लाखों रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। WTTC के अनुसार, 2025 तक टूरिज्म सेक्टर का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान 22 लाख करोड़ रुपये और 48 मिलियन रोजगार तक पहुंच सकता है।
बुनियादी सुविधाओं का हो रहा सशक्त विकास
सरकार धार्मिक स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। 4560 करोड़ रुपये की लागत से 272 मार्गों का विकास किया जा रहा है। प्रयागराज, लखनऊ, कपिलवस्तु में हेलीपोर्ट सेवाएं चालू हो चुकी हैं। रामायण, कृष्ण, बौद्ध सर्किट के अंतर्गत तीर्थस्थलों को जोड़ने का काम तेज़ गति से चल रहा है।
कॉरिडोर परियोजनाओं से मिल रही मजबूती
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, विंध्य कॉरिडोर, नाथ कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं से न केवल तीर्थ क्षेत्रों का कायाकल्प हो रहा है, बल्कि स्थानीय उद्यमिता को भी नई राह मिल रही है। श्री अयोध्या, ब्रज, चित्रकूट, देवीपाटन, नैमिषारण्य जैसे तीर्थ विकास परिषदों के माध्यम से योजनाओं को बेहतर क्रियान्वयन मिल रहा है।
Jun 14 2025, 14:33