स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया 'लोक मोर्चा' का गठन
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* नौ दलों के साथ सीएम पद के दावेदार घोषित, यूपी की राजनीति में नया समीकरण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर से करवट लेती नजर आ रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को एक नए राजनीतिक गठबंधन ‘लोक मोर्चा’ की घोषणा की, जिसमें कुल नौ छोटे-बड़े दल शामिल हुए हैं। गठबंधन के सभी दलों ने सर्वसम्मति से मौर्य को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर सियासी हलचल और तेज कर दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘लोक मोर्चा’ का उद्देश्य प्रदेश में सामाजिक न्याय, समावेशिता और वंचित वर्गों की भागीदारी को सुनिश्चित करना है। गठबंधन ने नारा दिया है: "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।" मौर्य ने दावा किया कि अब राजनीति में केवल पूंजी और जातीय विशेषाधिकार नहीं, बल्कि बहुसंख्यक वंचित समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
गठबंधन में शामिल दल और नेता:
अपनी जनता पार्टी – स्वामी प्रसाद मौर्य
राष्ट्रीय समानता दल – मोतीलाल शास्त्री
सम्यक पार्टी – राजामणि सुव्वैया राय
जनसेवा दल – विनेश ठाकुर
पॉलिटिकल जस्टिस पार्टी – राजेश सिद्धार्थ
सर्व लोकहित समाज पार्टी – सत्य नारायण मौर्य
स्वतंत्र जनता राज पार्टी – घनश्याम कोरी
सबका दल-U – प्रमोद लोधी
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी – राजकुमार सैनी
गठबंधन ने जल्द ही प्रदेशव्यापी रैलियों, जनसभाओं और पदयात्राओं के आयोजन की घोषणा की है, जिसमें युवाओं, महिलाओं, मजदूरों और किसानों को जोड़ा जाएगा।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मोर्चा विशेष रूप से गैर-यादव ओबीसी, दलित, और वंचित समुदायों को साधने की रणनीति के तहत खड़ा किया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य की छवि एक सक्रिय सामाजिक न्याय योद्धा की रही है और यदि यह गठबंधन जमीन पर उतरा तो 2027 विधानसभा चुनाव के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। भाजपा और सपा भले ही इस मोर्चे को सार्वजनिक रूप से हल्के में ले रही हों, लेकिन अंदरखाने इस गठबंधन की गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जा रही है।
Jun 12 2025, 18:25