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शिक्षा की रौशनी से चमका तरौद का स्कूल, युक्तियुक्तकरण से मिले चार नए शिक्षक, बच्चों के चेहरे पर दिखने लगी पढ़ाई की ललक

रायपुर-  कभी शिक्षक की कमी से जूझ रहा बालोद ज़िले का छोटा-सा गांव तरौद में शिक्षा की एक नई उम्मीद जगी है। जहां पहले सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था, अब यहां चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की खबर से गांव में उत्साह का माहौल है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल ने बच्चों, अभिभावकों और पूरे गांव में शिक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा भर दी है।

लगभग 60 विद्यार्थियों वाला यह शासकीय हाईस्कूल बीते दो वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। पढ़ाई बाधित होती थी, एक शिक्षक से सभी विषयों की जिम्मेदारी निभा पाना नामुमकिन था। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की पहल ने इस अंधेरे को आशा की किरण दिखाई है।

युक्ति युक्तकरण वास्तव में शिक्षकों और संसाधनों के असमान वितरण को दूर करने की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसमें जरूरतमंद स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इसी योजना के तहत अब तरौद के हाईस्कूल में चार नए शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जो अलग-अलग विषयों के हैं। इससे अब हर विषय की पढ़ाई नियमित और गुणवत्ता पूर्ण हो सकेगी।

गांव के सरपंच धर्मेंद्र कुमार रामटेके की बातों से ग्रामीणों की भावनाएं झलकती हैं। पहले स्कूल में पढ़ाई की स्थिति अच्छी नहीं थी। जनभागीदारी समिति कई बार गांव के युवाओं को बुलाकर बच्चों के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था करती थी। शासन ने अब हमारे गांव के स्कूल को चार नए शिक्षक देकर बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था कर दी है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आभारी हैं। महेश्वरी ठाकुर, स्कूल की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष कहती हैं कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है, और शासन ने यह अधिकार लौटाया है। अब हमें चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि हमारे बच्चों को कौन पढ़ाएगा।

स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की खबर पाकर गांव के बच्चे भी बेहद खुश हैं। पढ़ाई को लेकर उनमें ललक और उत्साह दिखाई देने लगा है। बच्चों को हर विषय में अलग-अलग शिक्षक मिलना किसी सौगात से कम नहीं है। अब वह अच्छी पढ़ाई लिखाई करके डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं। तरौद अब केवल एक गांव नहीं रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा सुधारों का उदाहरण बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की यह पहल पूरे जिले के स्कूलों में चल रही है। शासन का स्पष्ट लक्ष्य है कि हर स्कूल में शिक्षक हों, और हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा की रोशनी जब दूर-दराज के गांवों तक पहुंचती है, तो उसका असर सिर्फ किताबों तक नहीं रहता। वह पूरे समाज को एक नई दिशा देती है। ग्राम तरौद का यह बदलाव इसी सकारात्मक सोच और योजनाबद्ध प्रयास का नतीजा है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा की यह नई सुबह, निश्चित ही पूरे प्रदेश को प्रगति की ओर ले जाएगी।

दूरस्थ इलाकों में पहुंचेगी शिक्षा की रौशनी, युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिला बेहतर शिक्षा का भरोसा

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति ने दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था की नई उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया को तेज़ी से और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा किया जा रहा है। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बेहद सुचारू और निष्पक्ष तरीके से पूरी कर ली गई है। अब तक जिन स्कूलों में या तो शिक्षक नहीं थे या केवल एक शिक्षक की तैनाती थी, अब वहां विषय-विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। इससे गणित, विज्ञान और अन्य विषयों अध्ययन-अध्यापन अच्छे से हो सकेगा।

शिक्षकों ने जताया भरोसा और आभार

इस प्रक्रिया से शिक्षक भी बेहद संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। शिक्षिका सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान स्क्रीन पर रिक्त पदों की जानकारी दी गई, जिससे स्कूल चयन में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार जैन, जो पहले माध्यमिक शाला देवडोंगर में पदस्थ थे, ने कहा कि सेवानिवृत्ति के करीब होने के बावजूद उनकी इच्छानुसार और पारदर्शी तरीके से स्कूल चयन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से अब ग्रामीण स्कूलों में गणित, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक मिल सकेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा।

शिक्षक आत्माराम मंडावी ने बताया कि उन्हें उनके ही ब्लॉक के विद्यालय में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पदस्थ किया गया है, उन्हें यह उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं काउंसलिंग प्रक्रिया में उपस्थित रहे, तो प्रक्रिया की विश्वसनीयता स्वतः सिद्ध हो गई।

समावेशी शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम

शिक्षक वर्ग का मानना है कि इस पारदर्शी तरीके से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी हुई है। इससे जरूरत वाली शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर विश्वास भी मजबूत होगा। यह पहल समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत की है। शिक्षक समुदाय ने इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन कांकेर को धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृहमंत्री से की मुलाकात, नक्सल ऑपरेशन की उपलब्धियों और बस्तर के विकास की दी जानकारी

नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में माओवादी विरोधी अभियानों की अब तक की सफलताओं और बस्तर अंचल में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की नई रणनीति और केंद्र के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया गया है। विगत डेढ़ वर्ष में चलाए गए सघन अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 1,428 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो बीते पांच वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि 205 मुठभेड़ों में 427 माओवादी मारे गए, जिनमें संगठन के शीर्ष नेता महासचिव बसवा राजू और सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है।

उन्होंने बताया कि इन सुरक्षा कैंपों के आसपास बसे गांवों तक अब बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुँचाई जा रही हैं। ‘नियद नेल्लानार योजना’ के अंतर्गत चिन्हित 146 ग्रामों में एकीकृत रूप से 18 प्रकार की सामुदायिक सेवाएं और 25 प्रकार की शासकीय योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों का विश्वास शासन तंत्र में बढ़ा है।

गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री साय द्वारा प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से माओवादी गतिविधियों पर निर्णायक नियंत्रण संभव हो रहा है और केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता देती रहेगी।

सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, 2 इनामी समेत 7 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा-  छत्तीसगढ़ में जवानों के आक्रमक एंटी नक्सल ऑपरेशन का असर साफ नजर आ रहा है. नक्सली अब घुटने टेकने को मजबूर हो चुके हैं. दंतेवाड़ा में शुक्रवार को सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. 2 इनामी समेत 7 नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. इनमें से 2 पर कुल 1 लाख का इनाम घोषित था.

समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प लेते हुए लोन वर्रा टू के तहत नकस्ल दन्तेवाड़ा डिप्टी आईजी, एसपी गौरव राय समेत कई वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही सरकार से स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण, कृषि भूमि जैसे अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. 

इन नक्सलियों ने किया सरेंडर 

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जुगलू उर्फ सुंडुम कोवासी (50 हजार का इनामी), दशा उर्फ बुरकू पोड़ियाम ;(50 हजार का इनामी), भोजा राम माड़वी, लखमा उर्फ सुती उर्फ लखन मरकाम, रातू उर्फ ओठे कोवासी, सुखराम पोड़ियाम, पण्डरू राम पोड़ियाम शामिल है. 1 बोदली आरपीसी, 1 उतला आरपीसी, 2 पोमरा आरपीसी, 1 बेचापाल आरपीसी, 1 डुंगा आरपीसी और 1 नक्सली पल्लेवाया आरपीसी में सक्रिय थे. आत्मसमर्पित सभी माओवादी अपने-अपने क्षेत्र में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर एवं पाम्प्लेट लगाने जैसी घटनाओं में शामिल रहे.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जुगलू उर्फ सुंडुम कोवासी (50 हजार का इनामी), दशा उर्फ बुरकू पोड़ियाम (50 हजार का इनामी), भोजा राम माड़वी, लखमा उर्फ सुती उर्फ लखन मरकाम, रातू उर्फ ओठे कोवासी, सुखराम पोड़ियाम और पण्डरू राम पोड़ियाम शामिल हैं. ये नक्सली अलग-अलग आरपीसी क्षेत्रों में सक्रिय थे, 1 बोदली आरपीसी, 1 उतला आरपीसी, 2 पोमरा आरपीसी, 1 बेचापाल आरपीसी, 1 डुंगा आरपीसी और 1 नक्सली पल्लेवाया आरपीसी. आत्मसमर्पित सभी माओवादी अपने-अपने क्षेत्रों में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान सड़क खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर और पाम्पलेट लगाने जैसी गतिविधियों में सक्रिय थे.

छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर प्रमोशन

रायपुर- छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर प्रमोशन हुआ है. निरीक्षक, कंपनी कमांडर, सहित निरीक्षक संवर्ग के अलग-अलग पदों के अफसरों का प्रमोशन आदेश जारी किया गया है। 46 इंस्पेक्टरों का डीएसपी पद पर प्रमोट किया गया है। इनके अलावा सात सहायक सेनानियों की भी पदोन्नति हुई है।

 

मां के हत्यारे बेटे को कोर्ट ने सुनायी आजीवन कारावास की सजा

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- मां के हत्यारे बेटे को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। मामला छत्तीसगढ़ के पेंड्रा का है, जहां बेटे द्वारा अपनी ही माँ की हत्या करने का दोष सिद्ध होने पर अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी देवीलाल खैरवार ने मामूली कहासुनी के बाद अपनी माँ की जान ले ली थी।

अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति अग्रवाल की अदालत ने इस जघन्य अपराध में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। मामला मरवाही थाना क्षेत्र के टिहाईटोला गांव का है, जहां 1 सितंबर 2023 को एक युवक ने मामूली पारिवारिक विवाद के चलते अपनी माँ की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अब इस मामले में न्याय करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति अग्रवाल ने आरोपी बेटे देवीलाल खैरवार को उम्रकैद (आजन्म कारावास) की सजा सुनाई है।

घटना 1 सितंबर 2023 को हुई थी, जब टिहाईटोला निवासी देवीलाल खैरवार का अपनी मां से किसी घरेलू बात को लेकर विवाद हुआ। यह कहासुनी इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर देवीलाल ने घर में रखे डंडे से अपनी माँ पर कई बार वार कर दिए। हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।

मामले की सूचना मिलते ही मरवाही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने आरोपी बेटे को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था और हत्या का मामला दर्ज करते हुए न्यायिक प्रक्रिया शुरू की गई थी।

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर यह साबित किया कि आरोपी ने जानबूझकर क्रूरता के साथ अपनी ही मां की हत्या की है। कोर्ट ने इसे एक अत्यंत गंभीर अपराध मानते हुए समाज के लिए एक कड़ा संदेश देने की आवश्यकता जताई।

अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति अग्रवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी प्रकार की नरमी न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगी। अतः आरोपी देवीलाल खैरवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

बकरीद से पहले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज ने मुस्लिम समुदाय से की यह अपील…

रायपुर- मुस्लिम समुदाय 7 जून को बकरीद मनाने जा रहा है. इस अवसर पर कुर्बानी को लेकर छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सलीम राज ने मुस्लिम समुदाय से त्योहार इस तरीके से मनाने की अपील की है, जिससे पड़ोसियों को कोई तकलीफ न हो.

डॉक्टर सलीम राज ने कहा कि यह त्योहार शांति का, भाईचारे का त्यौहार है. बुराई को खत्म करने क़ुर्बानी दी जाती है. सभी से गुज़ारिश है कि सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें और वीडियो न डालें. सार्वजनिक जगह पर कुर्बानी ना करें.

डॉ. राज ने कहा कि अपने घर पर कुर्बानी करें और चारों तरफ से उस जगह कों ढंक कर करें. इसके अलावा नालियों में खून न बहाए. कुर्बानी के खून को गड्ढा करके ढंक दें. इसके साथ शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करने की अपील की है.

युक्तियुक्तकरण में लापरवाही BEO को पड़ी महंगी, कलेक्टर ने जताई नाराज़गी, किया निलंबित

रायपुर- शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण आदेश अफसरों की गले की फांस बनता जा रहा है। अतिशेष शिक्षकों की लिस्ट में गड़बड़झाला करने वाले BEO पर लगातार गाज गिर रही है। पहले दुर्ग, फिर जांजगी और जगदलपुर में BEO की छुट्टी हो गयी है। अब तक तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। नया आदेश जगदलपुर के बीईओ मानसिंह भारद्वाज के लिए जारी किया गया है।

मानसिंह भारद्वाज जगदलपुर के बीईओ थे। आरोप है कि युक्तियुक्तकरण के कामों में उन्होंने बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की थी।

  •  शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल नगरनाग में कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ बताते हुए गणना की गयी थी।
  • सेजेस उच्च माध्यमिक स्कूल विवेकानंद जगदलपुर ई संवर्ग की शाला है, जिसे टी संवर्ग और ई संवर्ग में रिक्त पदों की जानकारी दी गयी।
  • युक्तियुक्तकरण से संबंधित विकासखंड स्तरीय जानकारी में वरिष्ठता निर्धारण में काफी गलतियां की गयी।
  • युक्तियुक्तकरण के लिए स्वीकृत व खाली पदों की विसंगति पूर्ण जानकारी जिलास्तरीय कमेटी को दी गयी।
  • गड़बडी की शिकायत पर कलेक्टर ने काफी गंभीरता दिखाते हुए बीईओ मानसिंह भारद्वाज को सस्पेंड कर दिया है। बीईओ का मुख्यालय डीईओ कार्यालय जगदलपुर किया गया है।


शिक्षकों को “अर्बन नक्सली” कहने वाले भाजपा नेता पर कार्रवाई की मांग तेज, शिक्षक साझा मंच ने सौंपा ज्ञापन

धमतरी- धमतरी में भाजपा नेता खूबलाल ध्रुव द्वारा शिक्षकों को “अर्बन नक्सली” कहे जाने पर शिक्षक समाज में तीव्र आक्रोश देखने को मिला है। शिक्षक साझा मंच ने इस विवादित और अपमानजनक बयान की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री को ज्ञापन सौंपा है। मंच ने उक्त नेता के विरुद्ध कानूनी और संगठनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

 

आरोप है कि भाजपा के एक स्थानीय युवा नेता खूबलाल ध्रुव ने शिक्षकों को “अर्बन नक्सली” कहकर संबोधित किया। यह बयान सोशल मीडिया और स्थानीय संवाद माध्यमों में वायरल होते ही शिक्षकों के स्वाभिमान पर गहरी चोट के रूप में देखा गया। इसके विरोध में शिक्षक साझा मंच जिला धमतरी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर कार्रवाई की मांग की।

शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने धमतरी के महापौर एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री रामू रोहरा और भाजपा जिला अध्यक्ष प्रकाश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा नेता खूबलाल ध्रुव को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। दोनों नेताओं ने ज्ञापन स्वीकार कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

कानूनी कार्रवाई की भी मांग

शिक्षक प्रतिनिधियों ने उक्त विवादित बयान को शिक्षकों की गरिमा, प्रतिष्ठा और राष्ट्र के प्रति समर्पण पर सीधा प्रहार बताया। इस संबंध में धमतरी जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को भी ज्ञापन सौंपा गया और मांग की गई कि खूबलाल ध्रुव के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। शिक्षक नेताओं का कहना है कि शिक्षक केवल अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें “राष्ट्र निर्माता” के रूप में सम्मानित किया जाना चाहिए, न कि ऐसे अपमानजनक आरोपों का सामना करना चाहिए।

संगठन की व्यापक भागीदारी

ज्ञापन सौंपने के दौरान शिक्षक साझा मंच धमतरी के वरिष्ठ पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें जिला संचालक डॉ. भूषण लाल चंद्राकर, अमित महोबे, दिनेश पांडे, दौलत राम ध्रुव, प्रांतीय उपसंचालक ममता खालसा, सविता छाटा, जिला पदाधिकारी डॉ. आशीष नायक, कैलाश प्रसाद साहू, परविंदर कौर गिल, तुनेश्वरी साहू, हितेश साहू, शोभा गुप्ता आदि प्रमुख थे।इसके अलावा धमतरी ब्लॉक संचालक गेवाराम नेम, उपसंचालक हरीश साहू, दीपक सहारे, देवेंद्र भारद्वाज, केपी साहू, दीपेंद्र साहू, कांति भारद्वाज, दुलारी गंजीर, चंद्रहास सिन्हा, गौतम पोटाई, टीकम ध्रुव सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित थे।

राशन दुकानों में खराब चावल की हो रही आपूर्ति, संचालक लौटाने को मजबूर

बलरामपुर- एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए ‘चावल उत्सव’ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए लोगों को तीन-तीन महीने का राशन एकमुश्त दे रही है।

दरअसल, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर के शासकीय उचित मूल्य दुकानों से काफी खराब क्वालिटी के चावल की सप्लाई की जा रही है, जिसकी वजह से दुकान संचालक ट्रकों से भर चावल आए चावल को लौटा रहे हैं. संचालक इसलिए चावल लौटा रहे हैं, क्योंकि खराब क्वालिटी के चावल को हितग्राही लेने से मना कर रहे हैं. ऐसा ही मामला वाड्रफनगर के प्रेमनगर स्थित वेयर हाऊस में देखने को मिला जहां, जौराही राशन दुकान से एक ट्रक चावल वापस भेजी गई है.

वहीं राइस मिलर्स अपनी गलती न मानकर सही ढंग से रखरखाव नहीं करने की बात कह रहे हैं, जबकि चावल भंडारण से लेकर सप्लाई तक के लिए शासन लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, जिससे लोगों को पोषण युक्त राशन प्रदान किया जा सके. इस वाकये से वाकिफ होने के बाद भी जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी भी सुस्त नजर आ रहे हैं. कार्रवाई करना तो दूर वे लोगों के फोन को भी उठाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.

ज्ञात होगी पूर्व में भी वाड्रफनगर के प्रेमनगर स्थित वेयर हाऊस में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिस पर राज्य शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम को निलंबित भी किया था. बावजूद इसके ऐसी घटनाएं पुनः दोहराई जा रही है.

अधिकारी ने जांच का दिया आश्वासन

इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला अधिकारी दिनेश ओझा ने बताया कि खराब चावल की सूचना प्राप्त हुई है. हम टीम भेजकर इसकी जांच कराएंगे, और संबंधित राइस मिलर को चावल वापस कर पुनः साफ चावल उपलब्ध कराया जाएगा. अधिकारी के जवाब के बाद बड़ा सवाल यह है कि विभाग में क्वालिटी जांच के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, इसके बावजूद खराब चावलों को क्यों रिसीव किया गया.