प्लास्टिक नहीं प्रकृति चाहिए: विश्व पर्यावरण दिवस पर डॉ. सूर्य कान्त का जागरूकता संदेश
लखनऊ। हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है – "Ending Plastic Pollution" यानी प्लास्टिक प्रदूषण का अंत। इस अवसर पर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सूर्य कान्त ने लोगों को प्लास्टिक से होने वाले खतरे को लेकर सतर्क किया है। डॉ. सूर्य कान्त, जो कि ऑर्गेनाइजेशन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (OCEAN) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केजीएमयू के विभागाध्यक्ष हैं, बताते हैं कि प्लास्टिक जीवन का हिस्सा तो बन गया है, लेकिन यह पृथ्वी और स्वास्थ्य दोनों के लिए ज़हर बन चुका है।
◼ प्लास्टिक से पर्यावरण को क्या हानि होती है?
इंडियन जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित लेख “Save the Planet” के अनुसार, प्लास्टिक अपने हर चरण में ज़हरीली गैसें छोड़ता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और फसलों में विषैले तत्व आ जाते हैं। अनुमान है कि 2040 तक समुद्रों में 37 मिलियन टन प्लास्टिक मौजूद होगा।
◼ माइक्रोप्लास्टिक – अदृश्य ज़हर
एक अध्ययन के अनुसार, नमक और चीनी के हर नमूने में माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए हैं। एक किलो नमक में औसतन 90 माइक्रोप्लास्टिक कण और चीनी में 11.85 से 68.25 कण तक मिले हैं। ये कण .1 मिमी से .5 मिमी के होते हैं जो हवा, पानी और भोजन से शरीर में प्रवेश करते हैं।
◼ स्वास्थ्य पर भी घातक असर
डॉ. सूर्य कान्त के अनुसार, प्लास्टिक से हार्मोन असंतुलन, कैंसर, प्रजनन तंत्र की समस्याएं, बच्चों में फेफड़ों की कमजोरी जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। यहां तक कि समय से पहले जन्म और जन्मजात विकृतियाँ भी प्लास्टिक के संपर्क से जुड़ी हैं।
◼ समाधान – आदतें बदलें, धरती बचाएँ
"प्लास्टिक को ना कहें, कपड़े या कागज के बैग का उपयोग करें, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से दूर रहें," डॉ. सूर्य कान्त का यह संदेश स्पष्ट है। उनका कहना है – “धरती हमारी माँ है, इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है।”
◼ प्रधानमंत्री मोदी का ‘LiFE’ आंदोलन
पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में "LiFE – Lifestyle For Environment" अभियान शुरू किया था, जिसका मकसद है – ऐसा जीवन जीना जिससे धरती को नुकसान न पहुँचे। डॉ. सूर्य कान्त ने इसे "ग्रह समर्थक जीवनशैली" का नाम दिया।
◼ सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन
राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसका सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब हर नागरिक जिम्मेदारी से जुड़ें।
Jun 05 2025, 15:06