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पुणे में फैली रहस्यमयी बीमारी का कहर: जानें क्या है गुलियेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) और इसके लक्षण

महाराष्ट्र के वेस्टर्न रीजन पुणे में एक रहस्यमयी बीमारी ने सबको डरा रखा है. ये बीमारी पिछले एक सप्ताह से पुणेकर में फैली हुई है. इस रहस्यमयी बीमारी का नाम गुलियेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) यानी GBS बताया जा रहा है. पुणे में अब तक इस बीमारी से 70 से ज्यादा लोग अस्पताल हैं भर्ती हैं, जिसमे 15 से ज्यादा मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख गया है.

इस गंभीर बीमारी को लेकर पुणे महानगर पालिका ने एडवायसरी जारी की है. मनपा कमिश्नर राजेन्द्र भोंसले ने पुणे के कमला नेहरू अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज मुफ्त में करवाने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने पुणे के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को 2 लाख तक सरकारी मेडिकल इंश्योरेंस देने का भी ऐलान किया है.

70 से ज्यादा लोग बीमार

पुणे में इस बीमारी के कारण 70 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की खबर है, जिनमें से 12 से ज्यादा लोग वेंटिलेटर पर हैं. मामला गंभीर है क्योंकि मरीज पुणे के आसपास के हलकों से भी पुणे इलाज करवाने आ रहे हैं. संदेह जताया जा रहा है कि इसका संबंध कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया से है, जो पानी या खाने के जरिए फैल सकता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का कहना है कि ये एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी की स्थिति है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर अचानक हमला करने लगता है. इसकी चपेट में आने से मरीज की मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है. शरीर में झुनझुनी पकड़ लेती है और यहां तक कि लकवे जैसी स्थिति हो सकती है. उनका कहना है किये बीमारी पेट के संक्रमण से शुरू होकर पूरे नर्वस सिस्टम पर अपना कब्जा कर लेती है.

गुलियेन-बैरे सिंड्रोम के कारण

बताया जाता है कि ये बीमारी कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया है. यह एक सामान्य कारण है, जो आमतौर पर खाने या पीने के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. यह फूड पॉइजनिंग और डायरिया के मामलों में देखा जाता है. इसी तरह हैजा, कालरा जैसी संक्रमण की बीमारियों में भी यही लक्षण देखे जाते हैं. बेसिकली ये एक वायरल संक्रमण है, जैसे फ्लू, जीका वायरस, एपस्टीन-बार वायरस या साइटोमेगालोवायरस जैसे वायरस भी इस बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं. ऐसा भी बताया जा रहा है कि कुछ मामलों में टीकाकरण या सर्जरी के बाद यह स्थिति विकसित हो सकती है.

ये हैं लक्षण, इलाज और बचाव

इस संक्रमण के मुख्य लक्षणपैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नता,मांसपेशियों में कमजोरी जो पैरों से शुरू होकर शरीर के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचती है. चलने, बोलने, चबाने और सांस लेने में कठिनाई. गंभीर मामलों में सांस लेने के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता शामिल हैं.इस संक्रमण में अब तक जो कारगर इलाज सामने आया है, उनमें मरीज का प्लाज्मा फेरिसिस करवाना, इसमें ब्लड प्लाज्मा को बदला जाना, इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG), और फिजियोथेरेपी शामिल हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बीमारी से बचने के लिए उपाय बताए हैं, जिनमें साफ और शुद्ध पानी पीना, अच्छी तरह से पका हुआ भोजन, हाइजीन का ध्यान रखना और संक्रमण से बचने के उपाय अपनाना. साथ हीअगर आपको या किसी को भी उपरोक्त लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

महाकुंभ में किन्नरों ने सबसे पहले की मुर्गी वाली माता की पूजा, जानें कौन हैं ये?

महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा इन दिनों खूब चर्चा में है. यहां बॉलीवुड की एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया है. फिल्मी दुनिया को अलविदा कहकर ममता कुलकर्णी अब साध्वी बन गई हैं. उन्होंने धर्म की राह को पकड़ लिया है. किन्नर अखाड़ा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अधीन आता है. इसके भी बाकी अखाड़ों की तरह देश के 10 स्थानों पर मठ हैं.

देशभर में इसी अखाड़े के ही 13 उप अखाड़े हैं. इसमें शैव संप्रदाय को मानने वाले किन्नर, भगवान विष्णु को मानने वाले किन्नर और गुरु नानक देव को मानने वाले किन्नर शामिल हैं. इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद में बहुचरा माता का मंदिर है, जिसे मुर्गी वाली माता का मंदिर कहा जाता है. कहा जाता है कि किन्नरों की यह कुल देवी हैं. सबसे पहले किन्नर अखाड़े में इन्हीं की पूजा होती है.

किसने बनाया किन्नर अखाड़ा?

किन्नर एक्टिविस्ट डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी काफी सालों से किन्नरों के हित के लिए काम कर रही थीं. तब उनके मन में किन्नर अखाड़ा बनाने का विचार आया. उन्होंने अपने समुदाय के लोगों को एकत्रित किया और साल 2015 में किन्नर अखाड़े की स्थापना की. जब ये बात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को पता चली तो उन्होंने इसका विरोध किया. घोर विरोध के बाद भी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अडिग रहीं. 2016 में उज्जैन के कुंभ में किन्नर अखाड़े ने अपना अलग कैंप लगाया.

किन्नरों को स्वयं को बताया उपदेव

उज्जैन के कुंभ में किन्नर अखाड़े को जगह तो मिल गई, लेकिन अखाड़ा परिषद ने इनके शाही स्नान करने पर आपत्ति जताई. इसके बाद किन्नर अखाड़े के संतों ने खुद को उपदेव बताते हुए शाही स्नान किया था. उज्जैन में किन्नर अखाड़ा सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना और लोगों का भी इन्हें बहुत साथ मिला. साल 2018 के सितंबर माह में अखाड़े के महामंडलेश्वर द्वारा देश के प्रमुख राज्यों तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, के अतिरिक्त दक्षिण भारत, उत्तर भारत, विदर्भ, पूर्वोत्तर भारत के लिए अलग-अलग महामंडलेश्वर बनाए गए. तभी से इस अखाड़े का लगातार विस्तार हो रहा है.

महाकुंभ 2025: मानव धर्म शिविर में रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं को मिलता है निशुल्क भोजन

प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा है. लाखों श्रद्धालु संगम नगरी में आकर आस्था में डूबे हुए हैं. लोग यहां भगवान की भक्ति में लीन हैं. इस भव्य और विशाल आयोजन में आने वाले लोगों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है. साधु-संतों के टेंटों में बड़ी संख्या में भक्त ठहर रहे हैं. वहीं, मानव धर्म शिविर रोजाना लाखों भक्तों को भोजन करा रहा है. इसके लिए शिविर में आधुनिक रसोई बनाई गई है.

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मानव धर्म शिविर में रोजाना खाना बनाया जा रहा है. यहां रोजाना एक लाख लोगों के लिए भोजन बनाया जा रहा है. उन्हें बेहतर और शुद्ध खाना दिया जा रहा है. इसके लिए शिविर में हजारों लोग ओनी सेवाएं दे रहे हैं. शिविर में रोटी, चावल और सब्जी बनाने की मशीनें लगी हैं. खाना बनाने वाले और उसे परोसने वाले अलग-अलग लोग हैं.

एक घंटे में बनती हैं 2 हजार रोटियां

मानव धर्म शिविर के एक सदस्य ने मीडिया को बताया कि शिविर में हर रोज एक लाख से अधिक लोगों के लिए खाना बनाया जाता है. इतनी बड़ी क्वांटिटी में बनने वाले खाने के लिए मशीनों की मदद ली जाती है. शिविर में आधुनिक रसोई बनी हुई है. उन्होंने बताया कि रसोई में बड़ी-बड़ी मशीनें लगी हुई हैं. रोटी बनाने वाली मशीन 1 घंटे में 2 हजार रोटियां बनाती हैं. इसी मशीन से पूड़ी भी बनाई जाती हैं. काटने और उसे बनाने की अलग-अलग मशीने हैं. चावल तैयार करने के लिए भी मशीन मौजूद हैं.

500 लोग बनाते हैं खाना, 2-3 हजार परोसते

शिविर के सदस्य ने बताया कि रसोई में भोजन बनाने के लिए 500 लोग रहते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन परोसने के लिए 2 से 3 हजार लोग मौजूद हैं. इसके अलावा शिविर में अन्य सुविधाएं भी दी गईं हैं. यहां 2 हजार से जयादा शौचालय बनाए गए गईं. पानी और टेंट की सुविधाएं भी हैं. महाकुंभ का आगाज 13 जनवरी को हुआ अता जो 26 फरवरी तक चलेगा. इस आयोजन में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. आंकड़ों के मुताबिक, महाकुंभ में 14 दिनों के अंतराल में करीब 10 करोड़ से जयादा श्रद्धालु आ चुके हैं.

छत्तीसगढ़ में बड़ा मिलावट कांड: गुड़ में पत्थर का चूरा मिलाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा में एक गुड़ फैक्ट्री में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था. यहां गुड़ में पत्थर का चूरा मिलाकर गुड़ तैयार किया जा रहा था. फैक्ट्री से कई क्विंटल पत्थर का चूरा बरामद किया गया है. इस पत्थर के चूरे की मिलावट गुड़ को वजनदार बनाने के लिए की जा रही थी. अब इस फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ, जहां 620 बोरियों में ये पत्थर का चूरा भरा हुआ रखा था, जिसे बरामद किया गया है.

ये फैक्ट्री कबीरधाम के कवर्धा के कुंडा तहसील क्षेत्र के जंगलपुर गांव में चल रही थी, जिसका संचालन मां दुर्गा गुड़ उद्योग नाम से हो रहा था. उद्योग संचालक ने ये पत्थर चूरा उत्तर प्रदेश से मंगाया था. उन्होंने सीमेंट की बोरियों में भरकर ये चूरा मंगाया था. इस उद्योग का पर्दाफाश शुक्रवार और शनिवार को तब हुआ, जब फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने आधी रात को 2 बजे छापेमारी की. इस दौरान 310 क्विंटल स्टोन पाउडर यानी पत्थर का चूरा बरामद किया गया, जिसे 620 बोरियों में रखा हुआ था.

23 क्विंटल मिलावटी गुड़ भी बरामद

यही नहीं मां दुर्गा इंडस्ट्री से 23 क्विंटल मिलावटी गुड़ भी बरामद किया गया है, जो स्टोन पाउडर बरामद हुआ है. उसकी कीमत 2 लाख 83 हजार 700 रुपये बताई जा रही है. फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मां दुर्गा इंडस्ट्री के मालिक हलधर चंद्रवंशी से एक बॉन्ड साइन कराया. इसके बाद स्टोन पाउडर उनके सुपुर्द किया गया. मिलावटी गुड़ और स्टोन पाउडर के सैंपल ले लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए रायपुर की लैब में भेजा जाएगा.

स्टोन पाउडर से हो सकती है मौत

एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्टोन पाउडर इतना खतरनाक होता है कि 250 ग्राम स्टोन पाउडर से किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है, लेकिन मां दुर्गा गुड़ उद्योग मालिक गुड़ का वजन बढ़ाकर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में स्टोन पाउडर की मिलावट कर रहा था. 310 क्विंटल स्टोन पाउडर इतना ज्यादा है कि इससे लाखों लोगों की किडनी और लीवर खराब हो सकता है.

यूट्यूब के 5 नए धमाकेदार फीचर्स: बिना इंटरनेट के चलेंगे शॉर्ट्स, हाई क्वालिटी साउंड और बहुत कुछ!

यूट्यूब, दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो प्लेटफॉर्म, समय-समय पर अपने यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नए फीचर्स रोलआउट करता रहता है. हाल ही में, यूट्यूब ने प्रीमियम यूजर्स के लिए 5 नए और शानदार फीचर्स पेश किए हैं, जो न केवल मनोरंजन को आसान बनाएंगे बल्कि टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग का अनुभव भी देंगे. आइए इन फीचर्स पर नजर डालते हैं.

हाई क्वालिटी साउंड

यूट्यूब ने प्रीमियम यूजर्स के लिए 256kbps बिटरेट पर ऑडियो सपोर्ट का फीचर जोड़ा है. इससे म्यूजिक और वीडियो का साउंड आउटपुट पहले से कहीं बेहतर हो गया है. यूट्यूब म्यूजिक पर यह सुविधा पहले से मौजूद थी, लेकिन अब इसे यूट्यूब वीडियो पर भी उपलब्ध कराया गया है.

शॉर्ट्स के लिए PiP मोड

अब यूट्यूब शॉर्ट्स को “पिक्चर इन पिक्चर” मोड पर देखा जा सकता है. यह फीचर आपको मल्टी-टास्किंग की सुविधा देता है. उदाहरण के लिए, आप किसी दूसरे ऐप पर काम करते हुए शॉर्ट्स का आनंद ले सकते हैं.

ऑफलाइन शॉर्ट्स

iOS यूजर्स के लिए यूट्यूब ने ऑटोमैटिक डाउनलोड फीचर पेश किया है. इसके जरिए आप बिना इंटरनेट के भी शॉर्ट्स देख सकते हैं. यह फीचर खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो इंटरनेट की कमी के कारण कंटेंट देखने में असमर्थ रहते हैं.

Ask Music फीचर

यूट्यूब म्यूजिक में “Ask Music” फीचर पेश किया गया है. इस फीचर की मदद से आप किसी खास म्यूजिक को केवल एक वॉयस कमांड से खोज और प्ले कर सकते हैं.

Ask Chat फीचर

iPhone यूजर्स के लिए “Ask Chat” बटन जोड़ा गया है. इसकी मदद से आप वीडियो में दिख रहे कंटेंट से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं. ये नए फीचर्स यूट्यूब प्रीमियम को और अधिक आकर्षक और उपयोगी बनाते हैं. हाई क्वालिटी ऑडियो, PiP मोड, और ऑफलाइन शॉर्ट्स जैसी सुविधाएं न केवल मनोरंजन को आसान बनाती हैं, बल्कि यूजर्स को बेहतर तकनीकी अनुभव भी प्रदान करती हैं. यूट्यूब का यह कदम इसे अन्य प्लेटफॉर्म्स से अलग और यूजर्स के अनुकूल बनाता है.

मुंबई के डोंबिवली में चमत्कारिक घटना: 3 मंजिल से गिरा 2 साल का बच्चा, खरोंच तक नहीं आई

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के डोंबिवली में एक चमत्कारिक घटना देखने को मिली है. इस घटना में एक दो साल का बच्चा तीसरी मंजिल से नीचे गिर गया. इतने में एक व्यक्ति ने उसे लपकने की कोशिश की. बावजूद इसके वह फिसलकर नीचे गिर गया. इस घटना में उसे खरोंच तक नहीं आई है. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर हर कोई हैरान है.

मामला डोंबिवली के देवीचापाड़ा इलाके में रविवार की सुबह का है. जानकारी के मुताबिक देवीचापाड़ा स्थित एक 13 मंजिली इमारत के तीसरे मंजिल पर एक परिवार रहता है. रविवार की सुबह इस परिवार का दो वर्षीय बच्चा बालकनी में खेलते खेलते अचानक से नीचे गिर गया. संयोग से इसी इमारत में रहने वाले भावेश म्हात्रे नाम के युवक ने इस बच्चे को गिरते हुए देखा तो उसने अपनी जान की परवाह किए उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी.

बच्चे को खरोंच तक नहीं आई

भावेश ने बच्चे को पकड़ तो लिया, लेकिन संभलते संभलते यह बच्चा फिसल कर जमीन पर चला गया. इतने में भावेश ने उसके नीचे अपना पैर लगा दिया. इससे बच्चा जमीन से टकराने से बच गया. इस घटना में बच्चों को कोई खरोंच तक नहीं आई है. यह पूरी घटना इमारत में लगे कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है. फिलहाल इन्हीं में से एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.

भावेश की बहादुरी को सलाम कर रहे लोग

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस वीडियो को देखकर हर कोई यह कहने लगा है कि यह भगवान का चमत्कार है. लोग इसे देखकर हैरान है कि करीब 35 फुट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी यह बच्चा सुरक्षित है. वहीं लोग भावेश म्हात्रे की बहादुरी और इंसानियत को सलाम कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि भावेश ने एक जिंदगी बचाने के लिए जिस साहस का प्रदर्शन किया है, वह लोगों के लिए एक संदेश है

उत्तराखंड: पूर्व विधायक और विधायक के बीच झगड़ा, फायरिंग और तोड़फोड़ की घटना से इलाके में तनाव

उत्तराखंड के रुड़की में पूर्व विधायक कुंवर प्रवण सिंह चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच का विवाद सड़क पर आ गया है. शनिवार को इन दोनों नेताओं के बीच झगड़ा हुआ था. इसी क्रम में रविवार को चैंपियन और उनके समर्थकों ने विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर हमला कर दिया. इस दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट भी की.

इस दौरान खुद पूर्व विधायक चैंपयन हाथों में बंदूक लेकर विधायक उमेश कुमार को गालियां बकते नजर आ रहे हैं. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक शनिवार को दोनों नेताओं के बीच कुछ कहासुनी हुई थी. इसके बाद देर रात विधायक उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के कैंप कार्यालय लंढौरा महल पहुंच गए थे. उन्होंने चैंपियन को ललकारा था. यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी उन्होंने बयान दिए थे.

जांच में जुटी पुलिस

इसके जवाब में चैंपियन ने रविवार को उनके कार्यालय पहुंच कर बवाल काटा है.बताया जा रहा है कि इस घटना में विधायक उमेश कुमार के तीन समर्थकों को चोटें आईं हैं. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीओ रुड़की नरेंद्र पंत ने मामले की जांच पड़ताल की. हालांकि उनके पहुंचने से पहले पूर्व विधायक और उनके समर्थक वहां से जा चुके थे. सीओ रुड़की के मुताबिक मौके पर तनाव को देखते हुए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

हाथ में बंदूक लेकर पहुंचे पूर्व विधायक

उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक द्वारा फायरिंग की शिकायत मिली है, इस शिकायत की भी जांच कराई जा रही है. उधर, घटना के बाद पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने फेसबुक एकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में वह हाथों में बंदूक लेकर अपने समर्थकों के साथ विधायक उमेश शर्मा के कार्यालय की ओर जाते हुए दिख रहे हैं.

अपनी मांगों पर अड़े हैं किसान, गणतंत्र दिवस पर पंजाब में कई जगह निकाला ट्रैक्टर मार्च

गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ पूरे पंजाब में कई जगहों पर ट्रैक्टर मार्च निकाले और विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से वादा करने के बावजूद उनकी मांगों को मान नहीं रही है और इसी के चलते अपनी मांगों के लिए वो आज ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे हैं.

पंजाब के जालंधर के भोगपुर में किसान संगठनों के द्वारा एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला गया. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टरों को लेकर पठानकोट-जालंधर हाईवे पर इकट्ठा हुए और एक बड़ा प्रोटेस्ट मार्च ट्रैक्टरों के साथ निकाला गया. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था.

डल्लेवाल के अनशन का आज 62वां दिन

खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन का आज 62वां दिन है. ग्लूकोज चढ़ाने और मेडिकल ट्रीटमेंट लेने के बाद उनकी सेहत में सुधार हो रहा है. एसकेएम ने अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में संघर्ष को तेज करने का फैसला किया. किसान संगठन एनपीएफएएम को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने और ऋण माफी की मांग कर रहे हैं.

किन मांगों पर अड़े हैं किसान?

MSP पर खरीद की गारंटी का कानून.

स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से कीमत.

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 लागू हो.

आंदोलन में लगे मुकदमे वापस लिए जाएं.

किसानों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए.

फसल बीमा योजना का प्रीमियम सरकार दे.

मारे गए किसानों के परिजनों को नौकरी.

लखीमपुर कांड के दोषियों को सजा मिले.

मनरेगा में 200 दिन काम, 700 रु. मजदूरी.

नकली बीज-खाद पर सख्त कानून.

मसालों की खरीद पर आयोग का गठन.

भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार.

मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए.

कमल का बटन दबाते ही दिल्ली में दी जा रहीं सारी सुविधाएं बंद हो जाएंगी: केजरीवाल

दिल्ली चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी तेज हो रही है. तमाम राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं. रविवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीते 5 साल में बीजेपी की सरकार ने 400-500 लोगों का 10 लाख करोड़ रुपए कर्ज माफ किया है. केजरीवाल ने कहा कि कमल का बटन दबाया तो दिल्ली में मिल रही ये सारी सुविधाएं बंद हो जाएंगी.

केजरीवाल ने कहा कि एक व्यक्ति का 46 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले जानकारी मिली थी कि 6500 करोड़ का कर्ज लेने वाले व्यक्ति को 1500 करोड़ रुपए में फ्री कर दिया. उसका 5 हजार करोड़ कर्ज माफ किया.

कमल का बटन दबाते ही सुविधाएं बंद- केजरीवाल

AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ बीजेपी मॉडल है, जहां आपका पैसा अरबपति दोस्तों को ऋण के रूप में दिया जाता है, और 2-3 साल के बाद माफ कर दिया जाता है. दूसरी तरफ आम आदमी है, पार्टी मॉडल जिसमें गरीबों को 24 घंटे बिजली, 24 घंटे मुफ्त पानी, बेहतरीन और अच्छा इलाज शामिल है.

यह आम आदमी पार्टी का कल्याणकारी मॉडल है. जिसे भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग तरीकों से स्पष्ट किया है कि अगर उनकी सरकार बनी, कमल का बटन दबाया तो दिल्ली में मिल रही ये सारी सुविधाएं बंद हो जाएंगी, क्योंकि ये उनके मॉडल के खिलाफ है.

दिल्ली नहीं देश बचाने का चुनाव- केजरीवाल

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने कहा था कि ये चुनाव दिल्ली को बचाने का चुनाव है, लेकिन अब मुझे लगता है कि ये चुनाव देश को बचाने का चुनाव है. ये चुनाव केवल और आप और बीजेपी के बीच का चुनाव नहीं बल्कि दो विचारधाराओं के बीच का चुनाव है.

केजरीवाल ने कहा कि इस देश का भिखारी टैक्स देता है, मिडिल क्लास टैक्स देता है, जीएसटी जनता पर टैक्स का बोझ है. इस चुनाव में जनता को तय करना है कि देश और राज्य का सरकारी खजाना कहां पर और कैसे खर्च होना चाहिए. जनता टैक्स देती है. ये सारा पैसा जो सरकारें इकट्ठा करती हैं, ये पैसा कैसे खर्च होना चाहिए, ये चुनाव इसे तय करने का चुनाव है.

यूपी एसटीएफ ने कछुए की तस्करी करने वाले दो बदमाशों को किया गिरफ्तार, बरामद हुए 390 कछुए

उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ यूनिट ने अंतर-राज्य स्तर पर प्रतिबंधित के कछुए की तस्करी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 390 कछुए बरामद किए हैं. पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तम दास और सलीम के तौर पर हुई है. जिन्हें पुलिस ने मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज करहल से गिरफ्तार किया है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि पकड़े गए दोनों आरोपी उत्तराखंड के रहने वाले हैं.

कई दिनों से उत्तर प्रदेश की एसटीएफ को प्रतिबंधित कछुए की तस्करी करने वाले तस्करों के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी. जिसको देखते हुए एसटीएफ ने कई टीमों को लगा रखा था और इसी क्रम में एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर ने टीम गठित कर तस्करों को तलाश शुरू कर दी थी. जांच के दौरान एसटीएफ को यह सूचना प्राप्त हुई कि कुछ तस्कर प्रतिबंधित प्रजाति के कछुए को मैनपुरी के विभिन्न स्थान से इकट्ठा करके टाटा सफारी गाड़ी से एटा बरेली होते हुए उत्तराखंड ले जा रहे हैं.

390 जिंदा कछुए बरामद

मुखबिर की सूचना पर तत्काल एसटीएफ एक्टिव हो गई और कार्रवाई करते हुए सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी गई. सूचना पर वन क्षेत्र अधिकारी रेंज मैनपुरी से बात करते हुए पुलिस ने तस्करों को रविवार सुबह साढ़े चार के आसपास मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज करहल से दो लोगों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस को 11 बोरियों में 390 जिंदा कछुए बरामद हुए हैं.

उत्तराखंड ले जा रहे थे कछुए

पुलिस की पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वह पिछले काफी समय कछुओं की तस्करी कर रहे हैं. तस्कर मैनपुरी के अशोक कुमार से कछुए लेकर शक्ति फार्म सितारगंज उत्तराखंड जा रहे थे. हालांकि, इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रास्तें ही गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए तस्कर उत्तम ने बताया कि सितारगंज उत्तराखंड के रहने वाले विवेक से कछुआ की तस्करी करने के लिए 80 हजार में बात हुई थी. विवेक ने बताया था तस्करी किए जाने वाले प्रतिबंधित कछुआ का मीट खाने में और शक्तिवर्धक दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है. उत्तम साल 2024 में कछुआ की तस्करी करने में पहले भी जेल जा चुका है.