दिल्ली में नाटकों का महाकुंभ, देसी-विदेशी नाटकों का मंचन; राजपाल यादव होंगे रंग दूत
नाटक में रुची रखने वालों को भारत रंग महोत्सव का इंतजार होता है. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में 28 जनवरी से 16 फरवरी तक चलने वाले भारत रंग महोत्सव में देसी-विदेशी नाटकों की झलक देखने को मिलेगी. एनएसडी के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि इस साल नौ विदेशी नाटकों को मंचन के लिए शामिल किया गया है.
चित्तरंजन त्रिपाठी ने बताया कि इस बार के भारत रंग महोत्सव में सेक्स वर्कर्स नाटक का मंचन करेंगे. उन्होंने कहा कि सेक्स वर्करों के साथ हमने कई वर्कशॉप किया. समाज के हर रंग को इस भारंगम में शामिल किया जा रहा है. ऐसे मे सेक्स वर्कर और ट्रांसजेंडर को प्रमुखता से जगह मिली है. नाटकों के मंचन के माध्यम से हमें उन्हें और करीब से जानने का मौका मिलेगा.
‘एक रंगः श्रेष्ठ रंग’ उत्सव
एनएसडी निदेशक ने कहा कि रंगमंच का महाकुंभ नई पहल के साथ कोलंबो (श्रीलंका) और काठमांडू (नेपाल) सहित 13 शहरों में मनाया जाएगा. उन्होंने इसे दुनिया के सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव का दावा किया और कहा कि भारंगम 2025 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने की तैयारी में है. एनएसडी ‘वसुधैव कुटुम्बकम, वंदे भारंगम’ की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से इस महोत्सव की पहुंच को और व्यापक बना रहा है.
राजपाल यादव होंगे रंग दूत
चित्तरंजन त्रिपाठी ने कहा कि ‘एक रंग: श्रेष्ठ रंग’- भारत रंग महोत्सव-2025 का यह नारा रचनात्मक अभिव्यक्ति में एकता और विविधता में एकता के भाव को दर्शाता है. इस भावना को आगे बढ़ाते हुए अभिनेता और एनएसडी के पूर्व छात्र राजपाल यादव को इस वर्ष के लिए रंग दूत (महोत्सव राजदूत) के रूप में चुना गया है.
200 से अधिक नाटकों का मंचन
20 दिनों तक चलने वाले बीआरएम-2025 में नौ अलग-अलग देशों की 200 से ज्यादा अनूठी प्रस्तुतियां दिखाई जाएंगी, जिन्हें भारत और विदेशों में 13 स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा. इस महोत्सव में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समूह रूस, इटली, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य, नेपाल, ताइवान, स्पेन और श्रीलंका से शामिल हैं.
पहली बार भारत रंग महोत्सव अपनी सीमाओं से परे जा रहा है. इस बार नेपाल और श्रीलंका में भी इसके उप-अध्याय आयोजित किए जाएंगे. दिल्ली में मुख्य आयोजन के अलावा, भारत में अगरतला, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भटिंडा, भोपाल, गोवा, गोरखपुर, रायपुर, खैरागढ़ और रांची जैसे शहरों में भी यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा.
नई पहल- विश्व जन रंग
एनएसडी ने ‘विश्व जन रंग’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत, दुनिया भर के सात महाद्वीपों में रहने वाले भारतीय और भारत के युवा कलाकार लघु नाटकों का ऑनलाइन प्रदर्शन करेंगे. यह पहल 2024 में ‘जन भारत रंग’ परियोजना की सफलता से प्रेरित है, जिसने ‘एक समान विषय पर कलात्मक प्रदर्शनों की सबसे बड़ी संख्या’ के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन का प्रमाण पत्र हासिल किया था.
एनएसडी को विश्वास है कि ‘विश्व जन रंग’ और महोत्सव के व्यापक स्वरूप के कारण, इस वर्ष भारत रंग महोत्सव ‘सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव (नाटकों)’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा पाएगा.
Jan 24 2025, 13:59