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मनु भाकर-डी गुकेश सहित 4 खिलाड़ियों को मिला खेल रत्न अवॉर्ड, 34 अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित*

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पेरिस ओलंपिक में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर और विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को अवॉर्ड दिया गया।

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड जिसे खेल रत्न अवॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है भारत का सबसे बड़ा खेल अवॉर्ड है। यह अवॉर्ड इस बार चार खिलाड़ियों डी गुकेश, मनु भाकर, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार को दिया गया है। मनु ने पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। मनु ने सिंगल वुमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था। वहीं दूसरा मेडल मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था।

पेरिस ओलंपिक में हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में हॉकी टीम ने भी ब्रॉन्ज जीता था। जबकि पैरा-एथलीट प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। डी गुकेश हाल ही में शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन बने थे।

32 खिलाड़ियों को मिला अर्जुन अवॉर्ड

कुल 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इनमें ज्योति याराजी (एथलेटिक्स), स्वप्निल सुरेश कुसाले (शूटिंग), सरबजोत सिंह (शूटिंग), अभय सिंह (स्क्वैश), साजन प्रकाश (तैराकी), अमन (कुश्ती), संजय (हॉकी), जरमनप्रीत सिंह (हॉकी), सुखजीत सिंह (हॉकी), राकेश कुमार (पैरा तीरंदाजी), प्रीति पाल (पैरा एथलेटिक्स), जीवनजी दीप्ति (पैरा एथलेटिक्स), अजीत सिंह (पैरा एथलेटिक्स), सचिन सरजेराव खिलारी (पैरा एथलेटिक्स), धरमबीर (पैरा एथलेटिक्स),प्रणव सूरमा (पैरा एथलेटिक्स), एच होकाटो सेमा (पैरा एथलेटिक्स), सिमरन जी (पैरा एथलेटिक्स), अन्नू रानी (एथलेटिक्स), नीतू (मुक्केबाजी), स्वीटी (मुक्केबाजी), वंतिका अग्रवाल (शतरंज), सलीमा टेटे (हॉकी),अभिषेक (हॉकी), तुलसीमथी मुरुगेसन (पैरा बैडमिंटन), नित्या श्री सुमति सिवान (पैरा बैडमिंटन), मनीषा रामदास (पैरा बैडमिंटन), नवदीप (पैरा एथलेटिक्स), नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन), कपिल परमार (पैरा जूडो), मोना अग्रवाल (पैरा शूटिंग) और रुबीना फ्रांसिस (पैरा शूटिंग) शामिल हैं।

दिल्ली में फिलहाल लागू नहीं होगी आयुष्मान भारत योजना, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

#supreme_court_stays_delhi_high_court_order_to_implement_pm_ayushman_bharat_scheme_in_delhi

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) योजना को लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र, एम्स और दिल्ली नगर निगम को नोटिस भी जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर दिल्ली सरकार की याचिका पर जवाब मांगा है। यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के 24 दिसंबर 2024 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत को इस याचिका पर नोटिस जारी करना चाहिए क्योंकि आप सरकार को केंद्रीय सरकार के साथ ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी।

बता दें कि कि दिल्ली में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना लागू नहीं है। साल 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटीलेटर्स की उपलब्धता पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही याचिका में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना को दिल्ली में भी लागू कराने की मांग की गई थी। ऐसे में उच्च न्यायालय ने योजना को पूरी तरह से लागू करने की बजाय केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच समझौता करने का आदेश दिया था।

आधी रात को अचानक एम्स पहुंचे राहुल गांधी, केंद्र और दिल्ली सरकार पर जमकर निकाली भड़ास

#rahul_gandhi_reached_delhi_aiims_late_night

दिल्ली में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। हालांकि, देश की राजधानी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी गुरुवार देर रात अचानक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स अस्पताल पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने एम्स के पास में सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर डेरा डाले मरीजों और उनके परिवार वालों से मुलाकात की है। इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों पर ही मरीजों के प्रति असंवेदनशीलता बरतने का आरोप लगाया है।

गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एम्स का दौरा किया जहां उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं को करीब से देखा। राहुल गांधी ने एम्स के बाहर फुटपाथों और सबवे पर बैठे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मरीजों और उनके परिवार वालों से उनकी समस्याओं और परेशानियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने न केवल उनकी व्यथा सुनी बल्कि उनकी हालत पर गहरी चिंता भी व्यक्त की।

लोगों से मुलाकात के बाद गांधी ने ‘इंस्टाग्राम’ पर लिखा, 'बीमारी का बोझ, ठिठुराने वाली सर्दी और सरकारी असंवेदनशीलता। आज मैं एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवारों से मिला, जो दूर-दराज से इलाज की आस में आए हैं।' गांधी ने कहा, 'इलाज की राह में वे सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर सोने को मजबूर हैं-ठंडी जमीन, भूख, और असुविधाओं के बीच भी बस उम्मीद की एक लौ जलाए बैठे हैं। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों, जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।

कांग्रेस ने भी राहुल गांधी की तस्वीरें शेयर की हैं। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, 'नेता विपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवार से मुलाकात की। दूर-दराज से इलाज के लिए आए लोग यहां सड़कों, फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। मोदी सरकार और दिल्ली की सरकार ने इन्हें अपने हाल पर छोड़ रखा है। अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रखा है।

दूसरे पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा, इलाज के लिए महीनों का इंतजार, असुविधा और सरकार की असंवेदनशीलता- ये आज दिल्ली एम्स की सच्चाई है। हालात ये हैं कि अपनों की बीमारी का बोझ लिए दूर-दराज से आए लोग इस ठिठुरती सर्दी में फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इलाज का इंतजार करते उन मरीजों से मुलाकात कर उनसे बात की और उनकी परेशानियां सुनीं।

ईसाई समाज को लेकर ऐसा क्या बोल गए मोहन भागवत, बिफर गए बिशप

#mohan_bhagwat_rss_tribal_conversion_ghar_wapsi

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। अब मोहन भागवत के धर्मांतरण और आदिवासी समुदायों से संबंधित एक बयान पर बवाल मच गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया है कि भारत के दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘घर वापसी’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए उनसे कहा था कि अगर संघ द्वारा धर्मांतरण पर काम नहीं किया गया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग राष्ट्र-विरोधी हो गया होता। कैथोलिक बिशपों के एक निकाय ने भागवत के इस बयान की निंदा की है।

कैथोलिक बिशपों की संस्था सीबीसीआई ने जारी एक बयान में उन खबरों का हवाला दिया, जिनमें कथित तौर पर कहा गया है कि भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में दावा किया था कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए 'घर वापसी' की सराहना की थी और उनसे कहा था कि यदि संघ ने धर्मांतरण पर काम नहीं किया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ हो गया होता। सीबीसीआई ने इन खबरों को चौंकाने वाला बताया। संस्था ने सवाल किया कि मुखर्जी के जीवित रहते भागवत ने इस बारे में कुछ क्यों नहीं बोला। सीबीसीआई कहा, हम 2.3 प्रतिशत ईसाई भारतीय नागरिक इस तरह के छलपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण प्रचार से बहुत आहत महसूस कर रहे हैं।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बात इंदौर में राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार के वितरण समारोह में कही है। भागवत ने कहा, डॉ प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब मैं पहली बार उनसे मिलने गया। संसद में घर वापसी को लेकर बहुत बड़ा हल्ला चल रहा थाय़ मैं तैयार हो कर गया कि वे बहुत कुछ पूछेंगे, बहुत बताना पड़ेगा। लेकिन उन्होंने कहा कि आप लोगों ने कुछ लोगों को वापस लाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की.. ऐसा कैसे करते हो आप? ऐसा करने से हो-हल्ला होता है क्योंकि वो राजनीति है। मैं भी अगर आज कांग्रेस पार्टी में होता, राष्ट्रपति नहीं होता, तो मैं भी संसद में यही करता।

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, प्रणब मुखर्जी ने फिर कहा लेकिन आप लोगों ने ये जो काम किया है उसके कारण भारत के 30% आदिवासी… मैंने उनकी लाइन पकड़ ली और उनके बोलने के अंदाज से मुझे बहुत खुशी हुई। इस पर मैंने कहा ये लोग ईसाई बन जाते, तो वो बोले ईसाई नहीं, देशद्रोही बन जाते।

बता दें कि ‘घर वापसी’ शब्द का इस्तेमाल आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों मुसलमानों और ईसाइयों के हिंदू धर्म में लौटने के लिए करते हैं।संघ का मानना ये है कि सभी भारतीय मूल रूप से हिंदू हैं और इस प्रकार इस धर्मांतरण का अर्थ अनिवार्य रूप से ‘घर वापसी’ है।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

#elon_musk_spacex_starship_destroyed_during_7th_test

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रों को मेट्रो में छूट देने की मांग

#arvind_kejriwal_wrote_a_letter_to_pm_modi

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने चुनाव अभियान तेज कर दिया है। इस बीच आम आदमी पार्टी जनता को अपने पाले में करने के लिए एक से एक दांव चल रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने छात्रों के पक्ष में मांग उठाई। दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी के जरिए मांग की है कि छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50% छूट हो।

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों का हिस्सा है। ऐसे में छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50 फीसदी छूट मिले। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को इस पर होने वाला खर्च वहन करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार बस में स्टूडेंट्स के लिए फ्री बस यात्रा की योजना बना रही है।

छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने की मांग

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूल और कॉलेज के छात्रों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षिक करने लिए यह पत्र लिखा है। स्टूडेंट अपने स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए बड़े पैमाने पर मेट्रो पर निर्भर हैं। वे छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए दिल्ली मेट्रो में उनके लिए 50 प्रतिशत की रियायतें देने का प्रस्ताव रखते हैं।

चुनाव से पहले केजरीवाल का बड़ा कदम

दिल्ली में जब विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल की छात्रों को मेट्रो किराए में छूट देने की मांग को बेहद अहम माना जा रहा है। दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्र अपने कॉलेज जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, जिससे छात्रों को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ता। छात्रों को अगर मेट्रो किराए में छूट मिल जाएगी तो उन छात्रों को बहुत फायदा होगा, जो कि आर्थिक तंगी के चलते डीटीसी की खचाखच भरी बसों में सफर करने पर मजबूर होते हैं।

मुसलमानों पर दिए अपने बयान पर कायम हैं जस्टिस यादव, बोले-मैंने किसी न्यायिक सीमा का उल्लंघन नहीं किया

#justice_shekhar_yadav_respond_allahabad_high_court_his_remarks_muslims

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले दिनों प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में उन्होंने हिंदू और मुस्लिम धार्मिक कानूनों या मान्यताओं को लेकर बयान दिया था। इसके बाद वह विवादों के घेरे में आ गएय़ उनको सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के सामने पेश भी होना पड़ा था। हालांकि, अपने बयान पर कायम हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से तलब किए जाने के एक महीने बाद, जस्टिस यादव ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं, और उनके अनुसार यह न्यायिक आचरण के किसी भी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करती है।

सीजेआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भांसाली से लेटेस्ट अपडेट मांगी थी। इसके बाद जस्टिस भांसाली ने जस्टिस कुमार से कॉलेजियम के बाद उनके जवाब मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने लेटर लिख कर जवाब दिया। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर बताया कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं, जो उनके अनुसार न्यायिक आचरण के किसी भी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करती है।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण भंसाली ने भी 17 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले कॉलेजियम के साथ जस्टिस यादव की बैठक के बाद उनसे जवाब तलब किया था। इस महीने की शुरुआत में, अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से बताया गया कि सीजेआई ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भंसाली को पत्र लिखकर इस मसले पर नई रिपोर्ट मांगी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक जवाब मांगने वाले उक्त पत्र में लॉ के एक छात्र और एक आईपीएस अधिकारी की ओर से उनके भाषण के खिलाफ दायर की गई शिकायत का जिक्र किया गया था, जिसे सरकार ने अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार, जस्टिस यादव ने अपने जवाब में दावा किया कि उनके भाषण को निहित स्वार्थ वाले लोगों की ओर से तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, और न्यायपालिका से जुड़े लोग जो सार्वजनिक रूप से खुद का बचाव करने में असमर्थ हैं, उन्हें न्यायिक बिरादरी के सीनियर लोगों द्वारा सुरक्षा दिए जाने की जरुरत है।

क्या बोले थे यादव

जस्टिस यादव ने कहा, आपको यह गलतफहमी है कि अगर कोई कानून (यूसीसी) लाया जाता है, तो यह आपके शरीयत, आपके इस्लाम और आपके कुरान के खिलाफ होगा, लेकिन मैं एक और बात कहना चाहता हूं। चाहे वह आपका पर्सनल लॉ हो, हमारा हिंदू कानून हो, आपका कुरान हो या फिर हमारी गीता हो, जैसा कि मैंने कहा कि हमने अपनी प्रथाओं में बुराइयों (बुराइयों) को संबोधित किया है, कमियां थीं, दुरुस्त कर लिए हैं, छुआछूत, सती, जौहर, कन्या भ्रूण हत्या, हमने उन सभी मुद्दों को संबोधित किया है, फिर आप इस कानून को खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं, कि जब आपकी पहली पत्नी मौजूद है, तो आप तीन पत्नियां रख सकते हैं, उसकी सहमति के बिना, यह स्वीकार्य नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे ऑटो एक्सपो का उद्घाटन, 100 से ज्यादा मॉडल पेश होंगे

#pmmodiinauguratesbharatmobilityglobalexpo_2025

भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का आयोजन 17 जनवरी से लेकर 22 जनवरी के बीच आयोजित होने जा रहा है। इसका आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।इसमें ऑटोमोबाइल, कंपोनेंट और तकनीकों से संबंधित 100 से अधिक नए उत्पाद लॉन्च होने की उम्मीद इस एक्सपो में आम लोगों को एक ही छत के नीचे अलग-अलग तरह के वाहन और गाड़ियों से जुड़ी हर चीज देखने को मिलेगी। नी इसमें वाहन विनिर्माताओं के साथ-साथ कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टायर और ऊर्जा भंडारण बनाने वालों से लेकर वाहन सॉफ्टवेयर कंपनियों के उत्पाद देखने को मिलेंगे।इस बार एक्सपो की थीम सीमाओं से परे भविष्य के लिए ऑटो वैल्यू चेन में सहयोग को बढ़ाना है। या

दुनिया भर की कंपनियां होंगी शामिल

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम, द्वारका में यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में ऑटो एक्सपो सज गया है। करीब दो लाख वर्ग मीटर के दायरे में फैले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में दुनिया भर की नामचीन ऑटोमोटिव और मोबिलिटी कंपनियां शिरकत कर रही हैं।

100 से ज्यादा नई गाड़ियां होंगी लॉन्च

ऑटो एक्सपो में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की पहली इलेक्ट्रिक कार Maruti eVitara लॉन्च होने जा रही है। वहीं हुंडई मोटर इंडिया की क्रेटा इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स की सिएरा ईवी, सफारी ईवी और हैरियर ईवी की भी झलक दिखने वाली है। इसके अलावा सुजुकी मोटरसाइकिल से लेकर हीरो मोटोकॉर्प, एमजी मोटर, मर्सडीज बेंज और ओलेक्ट्रा ग्रीन टेक जैसी बस कंपनी तक अपनी गाड़ियां यहां पेश करने वाली हैं।

100 से ज्यादा नए मॉडल होंगे पेश

इस बार का भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो काफी खास है क्योंकि इस बार यहां पर 100 से ज्यादा नए वाहनों को लॉन्च किया जाने वाला है। वहीं ऑटो कंपोनेंट्स से लेकर कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट, साइकिल और फ्यूचर मोबिलिटी टेक्नोलॉजी से जुड़े टोटल 9 एक्सपो एक साथ आयोजित हो रहे हैं।

उल्फा नेता पर “मेहरबान” बांग्लादेश, पहले मौत की सजा रद्द, अब आजीवन कारावास घटाकर किया 14 साल

#bangladesh_court_reduces_ulfa_leader_paresh_baruah_life_sentence_to_14_years_jail

बांग्लादेश की अदालत पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में बरी करने के बाद अब उल्फा नेता पर भी मेहरबान हो गई। उच्च न्यायालय ने देश के शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में उल्फा नेता परेश बरुआ की उम्रकैद की सजा को 14 साल की कैद में बदल दिया है, जबकि कई अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया था और उसे आजीवन कारावास में बदल दिया था।

बता दें कि असम के यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के सैन्य कमांडर बरुआ भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। वह फिलहाल चीन में है और उसकी अनुपस्थिति में बांग्लादेश हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। बुधवार को बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने दो दशक पहले असम में अलगाववादी समूह के ठिकानों पर हथियारों से भरे ट्रकों की तस्करी करने के प्रयास के सिलसिले में उल्फा नेता परेश बरुआ की आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 14 वर्ष कारावास में बदल दिया।

अटॉर्नी जनरल ब्यूरो के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, दो न्यायाधीशों की पीठ ने बरुआ और चार बांग्लादेशी दोषियों की उम्रकैद की सजा में कटौती की है। अधिकारी के मुताबिक, उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर और पांच अन्य को बरी कर दिया, जिन्हें इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने बताया कि अदालत ने बरुआ सहित पांच अन्य दोषियों की जेल की सजा में कटौती की और तीन अन्य आरोपियों की मौत के कारण उनकी अपील निरस्त (समाप्त) घोषित कर दी।

परेश बरुआ को 2014 में उसकी गैरमौजूदगी में चलाए गए मुकदमे में मौत की सजा सुनाई गई थी। तब बांग्लादेश में शेख हसीना प्रधानमंत्री थीं। हालांकि, मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद पिछले महीने, अदालत ने बरुआ की मौत की सजा को कम कर उम्रकैद में बदला था।

अप्रैल 2004 में चट्टोग्राम (अब चटगांव) के रास्ते पूर्वोत्तर भारत में उल्फा के ठिकानों पर 10 ट्रक हथियार पहुंचाने के कुछ 'प्रभावशाली लोगों' के कथित प्रयासों को नाकाम कर दिया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने इन ट्रक पर लदे हथियार जब्त कर लिए थे, जिनमें 27,000 से अधिक ग्रेनेड, 150 रॉकेट लॉन्चर, 11 लाख से अधिक गोला-बारूद, 1,100 सब मशीन गन और 1.14 करोड़ गोलियां शामिल थीं। घटना के सिलसिले में हथियारों की तस्करी के लिए विशेष शक्तियां अधिनियम 1974 के तहत एक मामला और अवैध रूप से हथियार रखने के लिए शस्त्र अधिनियम के तहत दूसरा मामला दर्ज किया गया था।

दोनों मामलों में पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर, सेना खुफिया महानिदेशालय के पूर्व प्रमुख जनरल रजाकुल हैदर चौधरी, सरकारी उर्वरक संयंत्र के पूर्व प्रबंध निदेशक मोहसिन तालुकदार, इसके महाप्रबंधक इनामुल हक, उद्योग मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव नुरूल अमीन और जमात-ए-इस्लामी नेता मोतिउर रहमान निजामी को मौत की सजा सुनाई गई थी। वहीं, बरुआ सहित पांच आरोपियों के लिए उम्रकैद की सजा मुकर्रर की गई थी।

सैफ पर हमले के बाद सरकार पर हमलावर विपक्ष, फडणवीस बोले- मुंबई सुरक्षित नहीं, यह कहना गलत है

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अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में हुए हमले के बाद विपक्ष हमलावर है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सैफ अली खान पर जानलेवा हमले के बाद मुंबई को असुरक्षित कहा जा रहा है। कांग्रेस-उद्धव शिवसेना समेत तमाम पार्टी नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए नागरिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया है और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षियों को जवाब दिया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर उनके घर में घुसकर हमला करना एक गंभीर घटना है, लेकिन इसके कारण मुंबई को असुरक्षित कहना गलत होगा। पुलिस कार्रवाई कर रही है और सरकार देश की वित्तीय राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किस प्रकार की मंशा से यह हमला हुआ है सभी चीजें जल्द ही सामने आएंगी। फडणवीस ने मीडिया से कहा, मुझे लगता है कि मुंबई देश के बड़े शहरों में सबसे सुरक्षित है। यह सच है कि कभी-कभी कुछ घटनाएं होती हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेकिन यह कहना कि ऐसी घटनाओं के कारण मुंबई असुरक्षित है, सही नहीं है। ऐसी टिप्पणियों के कारण मुंबई की छवि खराब होती है। शहर को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार निश्चित रूप से प्रयास करेगी।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में उनके घर में घुसकर चाकू से हमला होना दिखाता है कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही ।. यह घटना दर्शाती है कि राज्य में मशहूर हस्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं। मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं।

कोई भी सुरक्षित नहीं- संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी सुरक्षित नहीं है। आम लोगों की तो बात ही छोड़िए, यहां तक कि जिन मशहूर हस्तियों के पास अपनी सुरक्षा है, वे भी सुरक्षित नहीं हैं। राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में पुलिस को ज्यादातर राजनेताओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है। उन्होंने कहा कि कानून का कोई डर नहीं है। सरकार पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।

कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांगा जवाब

कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इस निर्लज्ज हमले से बेहद स्तब्ध हूं। मुंबई में क्या चल रहा है? बांद्रा में ऐसा होना चिंता का विषय है। ऐसे में आम आदमी कैसे सुरक्षा की उम्मीद कर सकता है? आए दिन हम मुंबई और एमएमआर में बंदूक हिंसा, डकैती, चाकूबाजी की घटनाओं के बारे में सुनते हैं और सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। हमें जवाब चाहिए।