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जल्द जारी होने वाली है PM किसान की 19वीं किस्त, इन लोगों को नहीं मिलेगा पैसा

केंद्र सरकार ने किसानों की आर्थिक मदद के लिए कई सारी योजनाएं चलाती रहती है. इसी क्रम में सरकार ने 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम शुरू की, जिसके तहत सरकार पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता करती है. जो कि साल भर में 2-2 हजार रुपये की किस्त के तौर पर किसानों के सीधे खाते में भेजी जाती है. इस स्कीम की अभी तक 18 किस्त जारी हो चुकी है और इसकी 19वीं किस्त जल्द जारी की जाएगी. आइए जानते हैं कि किन किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त फरवरी 2025 में जारी की जाएगी. हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. इस स्कीम के तहत करीब 13 करोड़ किसानों की मदद की जाती है. सरकार योजना की किस्त को हर 4 महीने के बाद जारी है. पिछली बार यानी पीएम किसान की 18वीं किस्त अक्टूबर के महीने में जारी की गई थी, जिसको फरवरी में 4 महीने पूरे हो जाएंगे. इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम किसान की अगली किस्त फरवरी 2025 में जारी की जा सकती है.

पीएम किसान के लिए आवेदन कैसे करें?

पीएम किसान सम्मान निधि के लिए अगर आपने अभी तक अप्लाई करना चाहते हैं, तो आप इन स्टेप के जरिए ऑनलाइन कर सकते हैं.

1. पीएम किसान वेबसाइट पर जाना होगा.

2. उसके बाद वहां पर नया किसान पंजीकरण पर क्लिक करें.

3. इसके बाद आपको वहां पर आधार नंबर, राज्य, जिला और अन्य प्रासंगिक व्यक्तिगत और बैंक जानकारी दर्ज करें.

4. फॉर्म सबमिट करें और प्रिंटआउट ले लें.

इन लोगों को नहीं मिलेगा स्कीम का लाभ

भारत सरकार ने किसान सम्मान निधि जिन लोगों को नहीं मिल रही है. उनके लिए बकायदा बताया है कि किन-किन स्टेप को फॉलो करना होगा. इसके लिए सबसे पहले सरकार ने ई-केवाईसी कराने के लिए सूचना जारी कर दी थी. जिन किसानों ने अभी तक स्कीम के तहत अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है. उनको इसका लाभ नहीं मिलेगा. उनके खाते में 19वीं किस्त नहीं आएगी.

*मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दिल को छू लेने वाली घटना! JCB की चपेट में आने से ‘नाग’ की मौत, घायल ‘नागिन’ ने नहीं छोड़ा साथ फन फैलाए वहीं बैठी रही

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा के नरवर थाना क्षेत्र के अंतगर्त आने वाले छतरी गांव में एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है. खेत में सफाई के दौरान एक नाग की मौत हो गई, जबकि उसकी साथी नागिन घायल हो गई. नाग की मौत के बाद घायल नागिन उसके पास बैठी रही. वो अपने साथी को छोड़कर कही नहीं जाना चाहती थी. शव के पास बैठकर गहरा शोक व्यक्त करती दिखी, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग भावुक हो गए.

जानकारी के मुताबिक, ग्राम छतरी के एक किसान के खेत में सफाई के लिए जेसीबी मशीन चलाई जा रही थी. इसी दौरान जमीन के अंदर छिपे नाग-नागिन बाहर आ गए. दुर्भाग्यवश, जेसीबी की चपेट में आकर नाग की मौत हो गई और नागिन गंभीर रूप से घायल हो गई. घटना के बाद मशीन ऑपरेटर ने काम रोक दिया और सर्पमित्र सलमान पठान को मौके परे बुलाया. वहीं नागिन को बड़ी मशक्कत के बाद नाग के पास से दूर ले जाया गया और उसका उपचार किया जा रहा है.

नाग को छोड़कर जाने को तैयार नहीं थी नागिन

सर्पमित्र सलमान पठान ने मौके पर पहुंचकर देखा कि घायल नागिन अपने साथी के शव को छोड़ने को तैयार नहीं थी. बड़ी मुश्किल से उन्होंने नागिन को वहां से हटाया और प्राथमिक उपचार किया. सलमान ने बताया कि नागिन को जंगल में सुरक्षित छोड़ने की तैयारी की जा रही है. नागिन नाग की अपेक्षा अपने साथी को लेकर संवेदनशील होती है.

17 साल से रह रहे थे एक साथ

सलमान पठान ने कहा कि नाग-नागिन इस इलाके में पिछले 16-17 साल से साथ रह रहे थे. ठंड के मौसम में ये जमीन के अंदर रहते हैं. नाग की मौत और नागिन के घायल होने की घटना बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि नागिन के व्यवहार से स्पष्ट है कि उसे नाग की मौत का गहरा सदमा लगा है.

इससे पहले भी ऐसे हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं. सर्पमित्र सलमान पठान ने कहा कि नाग की अपेक्षा नागिन अपने साथी को लेकर ज्यादा संवेदनशील होती है. यही वजह है कि नागिन नाग के शव को छोड़कर कहीं भी जाने का तैयार नहीं है.

साइबर ठगी भारत में, पैसे भेज रहे थे पाकिस्तान; जबलपुर हाई कोर्ट से आरोपी की जमानत खारिज

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से साइबर ठगी में पकड़े गए आरोपी बबलू उर्फ बाबूलाल को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट के जस्टिस पीके अग्रवाल की बेंच ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. बबलू पर साइबर ठगी से हासिल रकम को पाकिस्तान और श्रीलंका भेजने का गंभीर आरोप है. भोपाल की क्राइम ब्रांच ने अगस्त 2024 में तमिलनाडु के सीताकडी निवासी बबलू उर्फ बाबूलाल को गिरफ्तार किया था. बबलू ने साइबर ठगी के जरिए गरीब लोगों के बैंक खाते किराए पर लेकर ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदला और फिर पाकिस्तान भेजा था

दरअसल, आरोपी बबलू एक संगठित गिरोह का सरगना है. यह गिरोह ऑनलाइन ठगी से कमाई गई रकम को गरीबों के बैंक खातों में जमा करता था. बाद में यह राशि क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर पाकिस्तान और श्रीलंका तक पहुंचाई जाती थी. भोपाल निवासी शिवम शर्मा की शिकायत पर इस गिरोह का खुलासा हुआ. जिसके बाद भोपाल की क्राइम ब्रांच की टीम ने बबलू को गिरफ्तार किया था.

भोपाल के रहने बाले शिवम शर्मा को आरोपी वैभव नामक जालसाज ने लोन दिलाने का झांसा दिया. इसके तहत वैभव ने शिवम का एटीएम कार्ड और ब्लैंक चेक अपने पास रख लिया. बाद में शिवम के बैंक खाते से करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ. जब शिवम को इसका पता चला, तो उन्होंने तुरंत क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई. तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ है.

कोर्ट ने खारिज की याचिका

अदालत ने आरोपी के गंभीर अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका खारिज की. कोर्ट ने कहा कि बबलू के खिलाफ लगे आरोप न केवल साइबर अपराध से जुड़े हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय लेन-देन और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के भी हैं. भोपाल क्राइम ब्रांच ने आरोपी के अन्य साथियों की तलाश में जुटी है. गिरोह के दूसरे सदस्यों और उनके संपर्कों की भी जांच की जा रही है. पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने कई राज्यों में साइबर ठगी को अंजाम दिया है.

साइबर अपराधियों को दिया कड़ा संदेश

इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए साइबर अपराधियों को कड़ा संदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे अपराध केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं होते, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं. साइबर ठगी का यह मामला न केवल देश में डिजिटल सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे संगठित गिरोह ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. अदालत और पुलिस की सख्ती से उम्मीद है कि ऐसे अपराधों पर काबू पाया जा सकेगा.

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन: माता वैष्णों देवी कटरा से श्रीनगर के बीच जल्द शुरू होगी सेवा!

जम्मू-कश्मीर से श्री माता वैष्णों देवी यात्रा करने वाले भक्तों के लिए रेलवे ने बड़ी सौगात दी है. रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के रूट को माता वैष्णों देवी कटरा से श्रीनगर के बीच शुरू करने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को उत्तरी रेलवे जोन द्वारा संचालित किया जाता है. ये ट्रेन जम्मू के लिए तीसरी सेमी हाई स्पीड ट्रेन होगी, जबकि कश्मीर घाटी के लिए ये पहली ट्रेन होगी. वहीं इससे पहले नई दिल्ली से श्री माता वैष्णों देवी कटरा के लिए ट्रेन चलाई जा चुकी हैं.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रेन का रूट करीब 100 किलोमीटर होगा. इस रूट को तय करने के लिए श्रद्धालुओं को 2 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा. जानकारी के मुताबिक, श्रीगर से कटरा के बीच कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं है, लेकिन इस ट्रेन सेवा के शुरू होने क बाद आने जाने वाले लोगों के लिए सुविधा होगी. इस ट्रेन को उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत चलाया जाएगा.

कितने बजे चलेगी ट्रेन?

रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नई वंदे भारत ट्रेन सुबह 8 बजकर 10 मिनट माता वैष्णो देवी कटरा से शुरू होकर और 11 बजकर 20 मिनट पर श्रीनगर पहुंचेगी. वहीं दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर ये ट्रेन माता वैष्णों देवी कटरा के लिए प्रस्थान करेगी, जो 3 बजकर 55 मिनट पर कटरा पहुंचेगी

मिलेंगी ये सुविधाएं

रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, श्री माता वैष्णों देवी कटरा और श्रीनगर के बीच चलने वाली ट्रेन के रूट को जम्मू कश्मीर में चुनौतीपूर्ण मौसम और ऊंचाइयों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इस यात्रियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. जैसे की सर्दियों के दिनों में पानी की लाइन और डिब्बों में ठंड का असर न हो इसके लिए हीटिंग सुविधा उपलबध होगी.

जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में एसी चेयर कार का किराया 1500-1600 रुपए और एक्जीक्यूटिव चेयर का किराया 2200 से 2500 रुपए के बीच हो सकता है. वहीं इस ट्रेन को जल्द ही शूरू किया जाएगा इसके लिए कटरा-रइसी सेक्शन पर ट्रायल चल रहा है.

कछुए वाली अंगूठी पहनते हैं, तो जान लें ये जरूरी नियम और सावधानियां, वरना हो सकता है नुकसान!

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो व्यक्ति की सभी परेशानियों को हमेशा के लिए समाप्त कर सकते हैं. इन्हीं उपायों में शामिल है कछुए की अंगूठी पहनना. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग कछुए की अंगूठी पहनते हैं, उन पर माता लक्ष्मी कृपा करती हैं. माता लक्ष्मी की कृपा से ही घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी कछुए की अंगूठी पहनना काफी शुभ माना गया है, लेकिन कछुए की अंगूठी पहनने के कुछ नियम हैं. अगर आप भी कछुए की अंगूठी पहनते हैं, तो आपको इन नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए. जो व्यक्ति कछुए की अंगूछी पहनने के नियमों का पालन नहीं करता उसे जीवन में नेगिटिव प्रभाव झेलना पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं कछुए की अंगूठी पहनने के नियमों के बारे में.

कछुए की अंगूठी पहनने के नियम

कछुए की अंगूठी पहनने से पहले इसकी दिशा के बारे में जानना आवश्यक है. कछुए की अंगूठी पहनते समय इसका मुंह अंदर की तरफ रखना चाहिए. अगर कोई उंगली में कछुए का मुंह बाहर की तरफ करके अंगूठी पहनता है, तो उसे आर्थिक नुकसान हो सकता है. कछुए की अंगूठी रोज साफ की जानी चाहिए. शौचालय जाने से पहले कछुए की अंगूठी को उतार देना चाहिए. दूसरी अशुद्ध जगहों पर भी कछुए की अंगूठी को पहनकर नहीं जाना चाहिए. इससे परेशानी हो सकती है.

इन राशियों को नहीं पहननी चाहिए अंगूठी

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि हमेशा चांंदी से बनी कुछए की अंगूठी पहननी चाहिए. कछुए की अंगूठी को सीधे हाथ की बीच वाली उंगली में पहना जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया कि मेष, मीन, कन्या और वृश्चिक राशि वालों को कुछए की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए. इन राशियों को कुछए की अंगूठी पहनने से धन की कमी हो सकती है.

कछुए की अंगूठी के लाभ

कछुए की अंगूठी पहनने से नेगेटिव एनर्जी दूर होती है

कछुए की अंगूठी पहनने से आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं.

इस अंगूठी को पहनने से आपके लिए धन आगमन के नए रास्ते बन सकते हैं.

नोट/इस खबर में दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के नियमों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करता है.

कोहरे की चपेट में ट्रेनें: दिल्ली से चलने वाली कई ट्रेनें लेट, यात्रियों को हो रही है परेशानी!

नए साल की शुरुआत में ही मौसम कई तरह के रंग दिखा रहा है. कोहरे, शीतलहर और बूंदाबांदी के साथ तेज ठंड का असर दिखाई दे रहा है. उत्तर भारत सहित देश के अनेक स्थानों पर घने कोहरे के चलते ट्रेन (Trains Late) और हवाई यात्रा (Flights Late) प्रभावित हो रही है. देश के 18 राज्यों में कोहरे का अलर्ट है. सर्द हवाओ से मध्य प्रदेश ठिठुर रहा है. जनवरी में 20- 22 दिन तक शीत लहर के आसार हैं.

कोहरे की वजह से दिल्ली से आने वाली लगभग 15 से ज्यादा ट्रेनें अपने निर्धारित समय से एक से 6 घंटे की देरी से चल रहीं है. ऐसे में भोपाल स्टेशन पर दिल्ली से भोपाल आने वाली भोपाल एक्सप्रेस पिछले कई दिनों से लेट आ रही है. ट्रेनों के निर्धारित समय से लेट चलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली एनसीआर और आसपास का मौसम खराब होने की वजह से बुधवार को हवाई यात्रा भी काफी प्रभावित हुई. एयर इंडिया की सुबह की दिल्ली उड़ान संख्या ए 435 निर्धारित समय सुबह 7:20 की बजाय चार घंटे देरी से सुबह 11:00 बजे भोपाल पहुंची. इसके साथ ही इंडिगो की दिल्ली उड़ान संख्या 6 ई 2122 भी निर्धारित समय से करीब 3 घंटे देरी से सुबह 11:30 बजे राजा भोज एयरपोर्ट पहुंची.

कौन सी ट्रेनें लेट

12626 केरल एक्सप्रेस 6:45 घंटे

11058 अमृतसर एक्सप्रेस 2 घंटे

12722 दक्षिण एक्सप्रेस 2 घंटे 59 मिनट

12920 मालवा एक्सप्रेस 3 घंटे 12628 कर्नाटक एक्सप्रेस डेढ़ घंटे

12622 तमिलनाडु एक्सप्रेस 2:20 घंटे

12650 कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 2घंटे

20806 एपी एक्सप्रेस 2 घंटे 11078 झेलम एक्सप्रेस 3 घंटे 12156 भोपाल एक्सप्रेस 2घंटे 12191 निजामुद्दीन जबलपुर सुपरफास्ट 1 घंटे

12780 गोवा एक्सप्रेस 1 घंटे 12724 तेलंगाना एक्सप्रेस 1:50 घंटे

12616 ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस 1 घंटे

22222 सीएसएमटी राजधानी 1:48 घंटे देरी से भोपाल पहुंची

उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं की वजह से रात के तापमान में तेजी से गिरावट हुई है. देर रात आसमान में कोहरा छाया रहा. अधिकांश जिलों में सुबह से कोहरे की चादर लिपटी रही. कई शहरों में कोहरा इतना घना था कि 50 मीटर बाद कुछ नहीं दिखाई दिया. मौसम विभाग ने 14 जिलों में शीतल दिन की चेतावनी जारी की है. इनमें भोपाल, राजगढ़, उमरिया,कटनी, जबलपुर ,दमोह सागर ,टीकमगढ़, निवाड़ी, ग्वालियर ,दतिया, भिंड और मुरैना जिले शामिल हैं.

केंद्र में मोदी सरकार को लेकर संजय राउत का बड़ा दावा: 2026 में नहीं बचेगी मोदी सरकार!

राज्यसभा सांसद और उद्धव शिवसेना के नेता संजय राउत अपने बयानों को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं, आज यानी कि गुरुवार को उन्होंने एक बयान में दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार 2026 में नहीं बचेगी.

संजय राउत ने कहा कि मुझे संदेह है कि केंद्र सरकार 2026 के बाद बचेगी या नहीं, मुझे लगता है कि मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे. और केंद्र सरकार अस्थिर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसका असर महाराष्ट्र पर भी पड़ेगा.

उन्होंने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति पर चलते हैं.

महाराष्ट्र में कैसे पड़ेगा असर?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की है, तो वहीं शिवसेना ने 57 एनसीपी ने 41 पर जीत दर्ज की है. इन तीनों दलों ने मिलकरमहाराष्ट्र में सरकार बनाई है. संजय राउत का दावा अगर सही साबित होता है तो महाराष्ट्र में भी बीजेपी मुश्किल में पड़ सकती है. यही कारण है कि राउत ने दावा किया कि केंद्र के अस्थिर होने के बाद महाराष्ट्र पर भी असर पड़ेगा.

सियासी बयानबाजी के बीच राउत का दावा

बिहार में भी आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कहा कि नीतीश के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए. लालू ने कहा कि नीतीश कुमार साथ में आएं, मिलकर काम करें. नीतीश कुमार ही हमेशा भाग जाते हैं, हम माफ कर देंगे. लालू के इस बयान के पहले भी नीतीश को लेकर कई तरह के बयान सामने आए हैं. इन बयानों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि राजनीतिक गलियारों में कुछ तो पक रहा है. जिसके कारण ये बयान सामने आ रहे हैं.

आंखों के सामने जल गया आशियाना…गांव में लगी भीषण आग, नए साल पर 100 लोग हो गए बेघर

नए साल के मौके पर जब हर तरफ जश्न मनाया जा रहा था. तभी हिमाचल प्रदेश के कल्लू की बंजार घाटी के एक गांव में भीषण आग लग गई. इस आग की चपेट में आने से सैकड़ों लोग बेघर हो गए. इसमें करीब 17 घर जलकर राख हो गए. गांव में लगी आग पर करीब पांच घंटे बाद काबू पाया जा सका. यह हादसा कुल्लू की बंजार घाटी के जीभी के तांदी नाम के गांव में हुआ.

जीभी एक फेमस टूरिस्ट स्थल है. घटना को लेकर बताया जा रहा है कि सबसे पहले एक गौशाला में आग लगी थी. इसके बाद देखते ही देखते आग की चपेट में गांव के कई घर आ गए. इस हादसे के दौरान गांव वालों ने आग बुझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही और आग फैलती चली गई.

10 करोड़ की संपत्ति का नुकसान

इस हादसे में 17 घरों के साथ-साथ 7 गौशालाएं और देवता शेषनाग का भंडार भी जलकर राख हो गया. इस घटना में करीब 100 लोगों के आशियाने उनकी आंखों के सामने जल गए. आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड की टीम को दी गई. टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर तो काबू पा लिया, लेकिन घरों को जलने से नहीं बचा पाई. हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना से करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है.

पीड़ित परिवारों को 15 हजार की राहत

हादसे में जिन लोगों के घर जले हैं. उन पीड़ित परिवारों को प्रशासन की ओर से मदद दिए जाने की बात कही गई है. प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को 15 हजार रुपये की राहत देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही पीड़ित लोगों को तिरपाल, रजाई, कंबल, बर्तन और सभी जरूरी चीजें भी मुहैया कराई गई हैं, साथ ही राशन भी बांटा गया है. इस घटना की जानकारी जब कुल्लू के विधायक सुरेंद्र शौरी को मिली, तो वह भी मौके पर पहुंचे.

सामने नहीं आई आग लगने की वजह

उन्होंने बताया कि भीषण अग्निकांड हुआ है. लोगों के घर, गौशालाएं और देवता शेषनाग का भंडार भी जल गया है. पीड़ितों की पूरी मदद की जा रही है. कुल्लू की डीसी ने बताया कि राहत की बात ये है कि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई. इसके अलावा सूबे के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी घटना पर दुख जाहिर किया. ये घटना कैसे हुई. अभी तक इस बात का पता नहीं लग पाया है.

नोएडा में नए साल का जश्न: शराब की बिक्री में नया रिकॉर्ड, जाने कितने करोड़ की बिक्री हुई

नए साल 2025 को देशभर के लोगों ने अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट किया. कुछ लोगों ने तीर्थ स्थलों पर जाकर भगवान की आराधना की, तो कुछ लोगों ने जमकर डीजे पार्टी की, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने जमकर शराब पी और अपने ही पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये. ऐसा ही कुछ नोएडा में हुआ है, जहां लोगों ने जमकर नए साल का जश्न बड़ी ही धूमधाम से मनाया और शराब के सेवन में एक नया रिकॉर्ड बना डाला.

देशभर के साथ-साथ नोएडा के लोगों ने भी खूब हर्षोल्लास के साथ नए साल का जश्न मनाया. नोएडा के लोगों ने इस साल शराब पीने का एक नया रिकॉर्ड बनाया. आबकारी विभाग के मुताबिक, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को नोएडा में शराब की कुल बिक्री 16 करोड़ रुपये से अधिक रही, जो पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है. दो दिनों में 16 करोड़ की शराब का सेवन होना नोएडा के लोगों के लिए अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है.

इस साल 16 करोड़ की हुई बिक्री

आबकारी विभाग के अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल नोएडा में दो दिनों में शराब की बिक्री करीब 14.82 करोड़ रुपये की हुई थी, जो इस साल बढ़कर करीब 16 करोड़ हो गई है. पहले दिन 31 दिसंबर 20124 को 14 करोड़ की शराब बिकी हैं. वहीं, एक जनवरी को शराब की बिक्री करीब 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की हुई है. पिछले साल की तुलना में इस साल शराब की ज्यादा बिक्री हुई है.

172 जगहों पर परमिशन लेकर की गई पार्टी

इस साल नए साल का जश्न मनाने वाले लोगों ने क्लब, पब, बार और घरों में जमकर जाम छलकाया. बताया जा रहा है कि बड़े होटलों, बार और पार्टियों में जमकर शराब का सेवन हुआ. इसके अलावा निजी पार्टियों और घरों में भी लोगों ने जाम छलकाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. इस साल नोएडा में 172 जगहों पर परमिशन लेकर पार्टी ऑर्गेनाइज की गई थी. इसके साथ शराब के ठेके भी इस साल एक घंटे एक्ट्रेस खोले गए थे.

तेलंगाना के 20 साल के पर्वतारोही ने बनाया नया रिकॉर्ड, माउंट गोरीचेन की चढ़ाई पूरी करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने!

तेलंगाना के 20 साल के पर्वतारोही भुक्या यशवंत नाइक एक बार फिर चर्चा मे हैं. नाइक ने सबसे कम उम्र में माउंट गोरीचेन की चढ़ाई पूरी की है. इसके पहले इस उम्र में किसी ने भी इस चढ़ाई को पूरा नहीं किया है. यशवंत ने 6,488 मीटर ऊंचे माउंट गोरीचेन के मुख्य शिखर तक की चढ़ाई पूरी कर ली है. यह एक तरह का नया रिकॉर्ड है.

यशवंत नाइक मूलरूप से तेलंगाना के महबूबाबाद से आते हैं. यह एक आदिवासी इलाका है, जहां उन्होंने बहुत कम संसाधनों की मदद से अपनी यात्रा शुरू की थी. यशवंत अपनी कड़ी मेहनत के कारण ही चुनौतीपूर्ण चोटियों पर चढ़ने में सफल रहे हैं.

यशवंत ने महज 16 साल की उम्र में भुवनगिरी में रॉक क्लाइम्बिंग स्कूल प्रशिक्षण संस्थान में रॉक क्लाइम्बिंग शुरू की थी. नाइक को इंडियन हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर एंड ईकोटूरिज्म (IHCAE) से ट्रेनिंग लेने का मौका भी मिला है.

डिफेंस सर्विस में जाने का है यशवंत का सपना

युवा पर्वतारोही यशवंत ने कहा कि मैंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जिले से ही पूरी की है. मैं अभी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा हूं. यशवंत ने कहा कि मैंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान पर्वतारोहण की यात्रा शुरू की थी. यशवंत का सपना है कि वे आने वाले समय में डिफेंस सर्विस में शामिल हों. यही कारण है कि मैं आदिवासी कल्याण आवासीय कॉलेज में शामिल हो गया. क्योंकि यहां पर एनडीए परीक्षा के लिए कोचिंग की जाती है.

क्या है यशवंत का सपना?

यशवंत चढ़ाई के लिए हर रोज फिजिकल मेहनत करते हैं. उन्होंने बताया कि मैं हर दिन सुबह दौड़ता हूं, और बाद में करीब 2 घंटे फिजिकल फिटनेस करता हूं. उन्होंने बताया कि मैं अपना खाना खुद तैयार करता हूं. यशवंत का सपना माउंट एवरेस्ट और 7 महाद्वीपों की 7 सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने का है. यशवंत की इस उपलब्धि पर उनके परिवार के साथ पूरे गांव वालों को गर्व है.

कब हुई थी ये चढ़ाई?

माउंट गोरीचेन की चढ़ाई 19 सितंबर, 2024 को हुई, यशवंत नाइक, प्रसिद्ध ट्रांसेंड एडवेंचर कंपनी के साथ, इस चुनौतीपूर्ण चोटी के शिखर पर सफलतापूर्वक पहुँचने वाली पहली नागरिक टीम का हिस्सा थे. पूरा रास्ता जोखिम से भरा था, ढीली चट्टानें और भयावह समुद्री ग्लेशियर ने कठिनाई को और बढ़ा दिया. इन बाधाओं के बावजूद ने अपनी चढ़ाई पूरी की.

कहां है गोरीचेन चोटी और कितनी है ऊंचाई?

गोरीचेन चोटी अरुणाचल प्रदेश के तवांग ज़िले में स्थित एक पर्वत चोटी है. यह चोटी पूर्वी भारत और अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची है. जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 21,283 फ़ीट (6,488 मीटर) है. यह तिब्बत की सीमा के करीब है. ये चोटी बर्फ से ढकी और अपने ऊबड़-खाबड़ भूभाग के लिए जानी जाती है. इसको पार करना हर किसी पर्वतारोही का सपना होता है, कई बार की कोशिश के बाद ही लोग इसे पार कर पाते हैं.