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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर अब घमासान, कांग्रेस ने सरकार पर लगाए ये आरोप

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के स्थल और फिर स्मारक बनाने को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार में घमासान मचा हुआ था. अब पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान कांग्रेस ने कुप्रबंधन का आरोप लगाया है. इस बाबत कांग्रेस के आला नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

बता दें कि शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार किसी निर्धारित स्थान पर नहीं किया गया, जहां बाद में उनका स्मारक बन सकता था, हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि डॉ मनमोहन सिंह का दिल्ली में स्मारक बनाया जाएगा. परिवार को इसकी जानकारी दे दी गई है.

डॉ मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कुप्रबंधन

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि डॉ मनमोहन सिंह का राजकीय अंतिम संस्कार अनादर और कुप्रबंधन का चौंकाने वाला प्रदर्शन था. उन्होंने कहा कि डीडी को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई; डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया, डॉ मनमोहन सिंह के परिवार को बमुश्किल कवर किया.

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उन्होंने कहा कि डॉ सिंह के परिवार के लिए आगे की पंक्ति में केवल 3 कुर्सियां रखी गईं. कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए सीटों पर जोर देना पड़ा. दिवंगत प्रधानमंत्री की विधवा को राष्ट्रीय ध्वज सौंपे जाने या तोपों की सलामी के दौरान प्रधानमंत्री और मंत्री खड़े नहीं हुए.

पवन खेड़ा ने कहा कि एक तरफ सैनिकों के होने के कारण परिवार को चिता के चारों ओर अपर्याप्त स्थान दिया गया. उन्होंने कहा कि आम लोगों को बाहर रखा गया, उन्हें कार्यक्रम स्थल के बाहर से ही देखना पड़ा.

कांग्रेस नेता ने लगाए ये आरोप

उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों की गाड़ियां बाहर खड़ी रहीं. गेट बंद था, और परिवार के सदस्यों को ढूंढ़कर वापस अंदर लाना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ सिंह के पोते-पोतियों को अंतिम संस्कार करने के लिए चिता तक पहुंचने के लिए जगह की तलाश करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि राजनयिक कहीं और बैठे थे और दिखाई नहीं दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि पूरा अंतिम संस्कार क्षेत्र तंग और खराब तरीके से व्यवस्थित था, जिससे जुलूस में शामिल कई लोगों के लिए जगह नहीं बची. एक महान राजनेता के साथ यह अपमानजनक व्यवहार सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान की कमी को उजागर करता है. डॉ सिंह सम्मान के हकदार थे, इस शर्मनाक तमाशे के नहीं.

मुंबई एयरपोर्ट पर 100 यात्री 8 घंटे तक फंसे रहे, इंडिगो की फ्लाइट रद्द, यात्रियों ने किया प्रदर्शन।

मुंबई एयरपोर्ट पर करीब आठ घंटे तक करीब 100 यात्री फंसे रहे. उसके बाद मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली सुबह 6.30 बजे की इंडिगो की उड़ान लगभग आठ घंटे बाद रद्द कर दी गई. यात्रियों ने आरोप लगाया कि इस दौरान न तो उन्हें खाना दिया गया और न ही पानी. बता दें कि मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली फ्लाइट सुबह 6.55 बजे उड़ान भरने वाली थी. इस यात्रा में करीब 100 यात्री थे, जिसमे छात्रों की संख्या अधिक थे. ये यात्री मुंबई एयरपोर्ट पर फंसे हुए थे.

यात्रियों के अनुसार, उनकी फ्लाइट सुबह 6:55 बजे मुंबई से इस्तांबुल के लिए निर्धारित थी, लेकिन देरी हो गई, जिसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई.

यात्रियों ने शिकायत की कि यात्रियों को विमान में कई घंटों तक बैठाए रखा गया. यात्रियों ने शिकायत की कि स्टॉफ सदस्यों की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई, जिससे वे असमंजस में हैं. पूछताछ करने पर उन्हें देरी के बारे में बताया गया.

यात्रियों ने किया प्रदर्शन, की ये मांग

एक यात्री ने बताया कि उसे 13 घंटे बाद पानी की बोतल मिली. इस बीच इंडिगो स्टॉफ ने बताया कि फ्लाइट अब रद्द हो गई है. घटना से परेशान सैकड़ों यात्री अभी भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और एयरलाइन से अगली फ्लाइट या रिफंड की मांग कर रहे हैं.

दूसरी ओर, इंडिगो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमें खेद है कि हमारी उड़ान 6E17, जो मूल रूप से मुंबई से इस्तांबुल के लिए संचालित होने वाली थी, तकनीकी समस्याओं के कारण विलंबित हो गई. दुर्भाग्य से, समस्या को ठीक करने और इसे गंतव्य तक भेजने के हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, हमें अंततः उड़ान रद्द करनी पड़ी.

रात 11 बजे दूसरी विमान भरेगी उड़ान

बयान में कहा गया कि हमारी टीमें हमारे प्रभावित ग्राहकों को सहायता प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, उन्हें इसकी जानकारी दी गई. आवास, भोजन और पूर्ण धनवापसी की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि हम जानते हैं कि कोई भी प्रयास असुविधा को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकता है.

विमान कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एक वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की गई है और अब 2300 बजे प्रस्थान करने वाला है. हम अपने ग्राहकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा और आराम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं.

गूगल मैप की गलती से दो कारें हुईं दुर्घटनाग्रस्त, बड़ा हादसा टला लेकिन यात्रियों को मिला बड़ा सबक: सावधानी से करें उपयोग।

गूगल मैप के सहारे यात्रा बेहद खतरनाक हो गई है. गूगल मैप आपको गंतव्य पर तो पहुंचाता ही है, थोड़ी सी लापरवाही की दशा में यह मौत के मुंह में भी धकेल सकता है. हाथरस में शुक्रवार को कुछ ऐसा ही हुआ है. गूगल मैप की सहारे पर यात्रा पर निकले दो लोगों की जान बाल बाल बची है. हादसा मथुरा-बरेली हाईवे का है. गूगल मैप ने यात्रियों को एक ऐसे रास्ते पर उतार दिया, जो अभी ठीक से बना भी नहीं है. इसके चलते इस रोड पर दो कारें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं.

गनीमत रही कि कार में लगा सेफ्टी एयरबैग खुल गया और मामूली नुकसान के साथ बड़ा हादसा टल गया. इसी तरह की घटना कुछ दिन पहले बरेली-बदायूं के बॉर्डर पर हुआ था. उस समय गूगल मैप को ही फॉलो करते हुए एक कार चालक ने गाड़ी एक निर्माणाधीन पुल पर चढ़ा दी. यह पुल नदी के ऊपर आधा ही बना था. ऐसे में जब तक चालक गाड़ी रोकता, उसकी गाड़ी नदी में गिर चुकी थी. इन दोनों ही घटनाओं से गूगल मैप के सहारे यात्रा करने वालों के कान खड़े हो गए हैं.

गूगल मैप ने दिखाया अधूरा रास्ता

गूगल मैप ने यात्रियों को एक ऐसे रास्ते पर भेजा, जो अभी अधूरा था और उस पर डाइवर्जन और चेतावनी बोर्ड की कमी थी. इसके कारण कार दुर्घटनाग्रस्त हो गईं. मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने घायलों को कार से बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. फिलहाल, सभी घायलों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है.

बरेली में हुई घटना की याद दिलाती दुर्घटना

यह घटना बरेली जिले में हुई एक दुखद दुर्घटना की याद दिलाती है, जिसमें गूगल मैप ने तीन दोस्तों को एक अधूरे पुल पर भेज दिया था, जिससे उनकी कार नदी में गिर गई और तीनों की जान चली गई. इस प्रकार की घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि गूगल मैप और अन्य तकनीकी साधनों के कारण यात्री अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं.

गूगल मैप में सुधार की आवश्यकता

बरेली वाली घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने गूगल मैप में बदलाव करवाए थे, जिससे बाद में मैप में वह रास्ता बंद दिखाई देने लगा था. हाथरस में अगर प्रशासन ने पहले ही मैप में तकनीकी सुधार करवा लिया होता, तो हादसा टल सकता था. तकनीकी साधनों और प्रशासनिक खामियों के कारण यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा सकता है.

गूगल मैप जैसी तकनीकी कंपनियों को अपने सिस्टम में सुधार करने की आवश्यकता है. प्रशासन को भी ऐसे रास्तों पर डाइवर्जन और चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए, ताकि इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके.

कश्मीर में बर्फबारी के बीच स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की मदद के लिए खोले अपने घरों के दरवाजे, मस्जिदों में भी दी शरण।

पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी हो रही है. जम्मू-कश्मीर का नजारा बेहद खूबसूरत है. बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़ यहां आने वाले सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. अनंतनाग से बारामूला तक चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है. भारी तादाद में पर्यटक इस सुहाने मौसम का लुत्फ उठाने पहुंचे हैं. मगर यही बर्फबारी अब इन सैलानियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. सड़कों पर बर्फ के चलते रास्ते बंद हो गई हैं, ऐसे में सैकड़ों की संख्या में गाड़ियां फंस गई है. जिसकी वजह से यहां पहुंचे पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कश्मीरी के लोग इन लोगों को अपने घरों में पनाह दी है.

भारी बर्फबारी के बीच फंसे हुए पर्यटकों के लिए लोकल कश्मीरियों ने अपने घरों के दरवाजे खोल दिए, इसके साथ ही मस्जिदों में भी इन लोगों को पनाह दी जा रही है. अलगाववादी नेता मीरवाइज मोहम्मद उमर फारूक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, साथ ही कुछ तस्वीरें भी शेयर की है. अपनी पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि भारी बर्फबारी के बीच फंसे हुए पर्यटकों के लिए कश्मीरियों को अपनी मस्जिदें और घर खोलते हुए देखकर खुशी हुई.

पर्यटकों की मदद के लिए आगे आए कश्मीरी

इसके आगे उमर फारूक ने लिखा कि गर्मजोशी और मानवता का यह भाव आतिथ्य सत्कार और जरूरत के समय मदद की हमारी दीर्घकालिक परंपरा को दर्शाता है. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एक मस्जिद में पर्यटक आराम करते नजर आ रहे हैं, तो दूसरी तस्वीर एक घर की है, जिसमें पर्यटक खाना खाते दिखाई दे रहे हैं. इसके साथ ही और भी कई तस्वीरें है. कश्मीर के लोगों की पर्यटकों की मदद करना यकीनन काबिल-ए-तारीफ है.

घरों और मस्जिदों में शरण लिए पर्यटक

यही नहीं सोशल मीडिया पर ऐसी कई वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें यहां के लोग बर्फ में फंसी सैलानियों की गाड़ियों को धक्का मारते नजर आ रहे हैं. बर्फबारी की वजह से कश्मीर में सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है. सड़कों पर फंसे लोगों की मदद करने के लिए कश्मीरी लोग अपने घरों से निकलकर मदद कर रहे हैं. सैलानियों को घरों में शरण दे रहे हैं.

जारी रहेगा बर्फबारी का दौर

वहीं मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों में श्मीर के अलग-अलग इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगी, जिसका तापमान में और भी गिरावट आएगी. श्रीनगर समेत कई इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई. खूबसूरत डल झील भी जम गई है. पूरी घाटी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई.

डिंपल यादव का भाजपा पर हमला: महाकुंभ पर धर्म के नाम पर एजेंडा चला रही है भाजपा।

उत्त्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से सांसद डिंपल यादव ने महाकुंभ पर भाजपा पर जमकर हमला बोला. महाकुंभ में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के पोस्टर लगने पर तंज कसते हुए डिंपल यादव ने कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर एजेंडा चला रही है. वह वोट बटोरना चाहती है. बीजेपी को इसकी कोई परवाह नहीं है कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है और उसके क्या हालात हैं?

समाजवादी पार्टी सांसद ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, “क्या उत्तर प्रदेश युवाओं के पास रोजगार और काम हैं? क्या राज्य की बेटियां सुरक्षित हैं? राज्य के किसानों और नौजवानों दर-दर भटकने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के लोगों को समझ लेना चाहिए कि बीजेपी सरकार अब जनता के लिए कुछ नहीं करने वाली है. केवल वोट बटोरने के लिए ही पार्टी और सरकार की ओर से हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

महाकुंभ मेले की तैयारी सही ढ़ंग से नहीं हो रही

महाकुंभ की तैयारी को लेकर डिंपल यादव ने कहा कि महाकुंभ मेले की तैयारी सही ढ़ंग से नहीं हो रही है. बहुत से लोगों का कहना है कि कुंभ मेले के लिए जिस तरह की तैयारी की जरूरत है. उस तरह की तैयारी नहीं हो रही है. यूपी देश के बड़े राज्यों में से एक है. उन लोगों ने सोचा था कि बीजेपी महाकुंभ की अच्छा तैयारी करेगी, लेकिन जिस तरह से व्यवस्था की जा रही है. उससे उन लोगों को निराशा हाथ लगी है.

कुंभ मेले में बनाए गए पुल पर सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर सपा सांसद ने कहा कि जब वो मुख्यमंत्री थे, उस समय महाकुंभ का आयोजन हुआ था और उस समय जिस तरह की तैयारी हुई थी. उसे सभी लोगों ने देखा था. महाकुंभ में गंगा के दर्शन के लिए जिस तरह की तैयारी अखिलेश यादव की सरकार ने की थी, उसकी सभी ने सराहना की थी, लेकिन इस बार की सरकार तैयारी सही ढंग से नहीं कर पा रही है.

राज्य के लोग हैं निराश, डिंपल का हमला

संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की पर उन्होंने कहा कि उनलोगों ने सारे नियम नियम को तोड़ दिए और सीधे थाने पहुंच गये. यह संसदीय नियमावली के पूरी तरह से खिलाफ है. संसद में जिस प्रकार आचरण हो रहे हैं और उसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेदार है.

उन्होंने संभल मुद्दे पर सपा सांसद ने कहा कि लोकसभा के चुनाव परिणाम में भाजपा को भारी नुकसान हुआ था. भाजपा और सरकार के लोग समझ गए हैं कि राजनीति में धर्म का मुद्दा बनाएंगे, तभी उन्हें वोट मिलेंगे, लेकिन आज की परिस्थितियां एकदम अलग हैं और आज राज्य की जनता भाजपा से पूरी तरह से निराश है.

12 वें दिन BPSC अभ्यर्थियों का विरोध जारी, अफसरों से मिलेंगे छात्र, धरना स्थल पर रहमान सर के जाने पर रोक

पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर पिछले 12 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों से शुक्रवार की देर रात प्रशासनिक अधिकारियों ने मुलाकात की है. इनमें सदर एसडीएम और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे. उन्होंने धरना दे रहे अभ्यर्थियों से लिखित में शिकायत देने को कहा है. अधिकारियों का कहना है कि री-एग्जाम को एक सक्षम प्राधिकार अथॉरिटी ही करा सकता है. वह यहां पर उनकी बातों को समझने के लिए आए हैं. जो भी उननी शिकायत हैं वह उसे लिख के दे दें. वहीं, BPSC परीक्षा नियंत्रक ने निजी कोचिंग संस्थाओं को लेकर भी बात कही है.

इधर, छात्रों के आंदोलन में शामिल होने के बाद गुरु रहमान को प्रशासन ने नोटिस भेजा था, जिसका जवाब देने वह गर्दनीबाग थाने पहुंचे थे. थाने से बाहर निकल कर गुरु रहमान ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पुलिस ने परीक्षा के पूरे मामले और धारणा को लेकर बातचीत की है. पुलिस ने कहा है कि 3 तारीख तक आप धरना में शामिल नहीं होंगे. अगर वह धरना में शामिल होते हैं तो फिर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का डेलिगेशन करेगा मुलाकात

राजेश कुमार ने कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि निजी कोचिंग संस्थानों का एक समूह अभ्यर्थियों को भड़का रहा है और वे पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों को संगठित कर रहे हैं.सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार देर रात में प्रशासनिक अधिकारियों से हुई मुलाकात के बाद विरोध करने वाले अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल सक्षम प्राधिकार से मिलने के लिए जा सकता है. इस पर सदर एसडीम गौरव कुमार ने बताया कि पांच लोगों की डेलिगेशन की बात हुई थी, हमने उनको यह जानकारी दी कि बीपीएससी में जाकर के इस बात की जानकारी दी जाएगी. परीक्षार्थियों की जो भी शिकायतें हैं, उसकी जांच एक टाइम पीरियड में की जाएगी और उसका जवाब दिया जाएगा.

अभ्यर्थियों ने लाठीचार्ज पर उठाए सवाल

धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने अधिकारियों से कहा है कि उनका यहां (धरना स्थल) बैठने का कोई उद्देश्य नहीं था. उन्हें यह उम्मीद थी कि एक-दो दिन में उनकी दिक्कत दूर हो जाएगी. लेकिन उनके पास कोई नहीं आया. अभ्यर्थियों का कहना है कि धरना स्थल पर वह लोग किसी भी प्रकार का ऐसा कार्य नहीं कर रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था में कोई व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. इस मौके पर छात्रों ने उनके ऊपर किये गए लाठी चार्ज के मामले को भी उठाया. जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र होते हैं और उसे क्षेत्र में किसी को भी एंट्री करने की इजाजत नहीं होती है. जब कोई अधिसूचित क्षेत्र में जाता है तो इसका मतलब यह होता है कि वह कानून का पालन नहीं कर रहा है.

नहीं रद्द की जाएगी परीक्षा

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने स्पष्ट किया है कि राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (सीपीई) 2024 को प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के कारण रद्द नहीं किया जायेगा. बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने साफ कहा है कि 13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है. बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल परीक्षा में व्यवधान डालने की साजिश के तहत उपद्रवी अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा उत्पन्न व्यवधान के कारण रद्द करने का निर्णय लिया है.

केरल के वायनाड में कांग्रेस नेता और उनके बेटे की संदिग्ध मौत, पुलिस ने शुरू की जांच।

केरल के वायनाड में पुलिस ने कांग्रेस नेता और बेटे की मौत के मामले में जांच शुरू कर दी है. 78 साल के एन एम विजयन और उनके 38 साल के बेटे जिजेश की जहर खाने से हत्या के मामले की जांच कर रही. एन एम विजयन कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के कोषाध्यक्ष और पूर्व सुल्तान बाथरी पंचायत अध्यक्ष थे. इस मामले में जांच को लेकर पुलिस की तरफ से सूचना दी गई. कथिततौर पर उन्हें जहर खिला दिया गया. मृतकों की पहचान वायनाड जिला के कोझिकोड सरकारी अस्पताल में हुई. गंभीर हालत में उनका वहां यहां इलाज किया जा रहा था.

पुलिस ने कहा कि आगे की कार्रवाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद की जाएगी. घरवालों के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार शाम पांच बजे सुल्तान बाथेरी स्थित उनके घर पर करने की योजना बनाई गई है. पुलिस ने बताया कि पड़ोसियों ने विजयन और जिजेश को कथित तौर पर जहर खाने के बाद उनके घर पर गंभीर हालत में पाया था. उन्हें शुरू में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया.

घर में नहीं मिला सुसाइड नोट

प्राथमिक जांच में जिजेश और पिता की मौत को सुसाइड माना जा रहा था. अधिकारियों का कहना था कि उनके घर की तलाशी ली गई लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. विजयन वायनाड में एक प्रमुख कांग्रेस नेता थे. सुल्तान बाथरी सहकारी बैंक के पूर्व कर्मचारी जिजेश स्वास्थ्य समस्याओं के कारण लंबे समय से बीमार थे. अपनी पत्नी सुमा की मृत्यु के बाद, विजयन अपने बेटे जिजेश की देखभाल खुद ही किया करते थे. घरवालों के मुताबिक, उनके परिवार में बड़ा बेटा विजेश है.

संदिग्ध हालत में मिले शव के बाद घरवालों का आरोप है कि उन्होंने सुसाइड नहीं किया है, बल्कि किसी ने उनकी हत्या कर दी है. पहले पुलिस की तरफ से सुसाइड का केस होने की आशंका जताई जा रही थी. जबकि अब इस मामले में पुलिस ने खुद से जांच किए जाने की सूचना दी है.

नकली आधार कार्ड और फर्जी डॉक्यूमेंट्स… 2 साल से रह रहे थे बांग्लादेशी, ATS और महाराष्ट्र पुलिस ने किया अरेस्ट

महाराष्ट्र में एटीएस की टीम ऐसे लोगों की तलाश कर रही है जो अवैध रूप से वहां रह रहे हैं. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने स्थानीय पुलिस की मदद से अवैध रूप से भारत में आने वाले 16 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इन बांग्लादेशी नागरिकों पर आरोप है कि वो वैध दस्तावेजों के बिना यहां रह रहे थे. इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं.

अधिकारियों ने बताया कि एटीएस की तरफ से शुरू किए गए एक विशेष अभियान के दौरान इन बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई है. एटीएस के अधिकारी नवी मुंबई, ठाणे और सोलापुर में पुलिस की मदद से पिछले 24 घंटों में कार्रवाई की है.

फर्जी डॉक्यूमेंट की मदद से रह रहे थे

बांग्लादेशी नागरिकों पर विदेशी अधिनियम और अन्य संबंधित कानून के तहत तीन केस दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘ये बांग्लादेशी नागरिक जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आधार कार्ड जैसे भारतीय डॉक्यूमेंट बनवा लिए थे, जिसकी मदद से वो यहां आसानी से रह रहे थे. ये सभी डॉक्यूमेंट फर्जी थे.

एक अधिकारी ने बताया कि एटीएस और पुलिस के एक संयुक्त दस्ते ने जालना जिले से तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए आरोपी भोकरदन तालुका में क्रशर मशीनों पर काम कर रहे थे. एटीएस और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में इन्हें अनवा और कुंभारी गांवों से गिरफ्तार किया गया.

2 सालों से अवैध रूप से रह रहे थे

पुलिस और एटीएस की जांच में सामने आया है कि ये सभी बांग्लादेशी नागरिक पिछले 2 सालों से यहां अवैध रूप से रह रहे थे. एटीएस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि तीनों ने भारत में अवैध रूप से काम करने के लिए अपने पहचान पत्र को फर्जी तरीके से बनवाया था.

इसी फर्जी डॉक्यूमेंट्स की वजह से किसी को उनपर शक नहीं हुआ और उन्होंने 2 सालों का लंबा समय आसानी से यहां बिता दिया. इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता और विदेशी अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

नवजात बच्चों को क्यों पहनाया जाता है चंद्रमा का लॉकेट,जानें इसके पीछे की महत्व और लाभ

घर में नवजात बच्चों को बुरी नजर और बीमारियों से बचाने के लिए हर तरह के उपाय किए जाते हैं. कई बार बच्चों को नजर लग जाती है, जिससे वो रोने और चिड़चिड़ाने लगते हैं. यही नहीं बच्चे दूध पीना और खाना भी छोड़ देते हैं. इससे उनकी सेहत भी बिगड़ जाती है. पुरानी परंपराओं के अनुसार, बुरी नजर और बीमारियों से बचाने के लिए लोग अपने बच्चों के गले में चांदी का अर्ध चांद पहनाते हैं. लेकिन ये क्यों पहनाया जाता है, और इस अर्ध चांद के लॉकेट का महत्व और लाभ क्या है इस बारे में जानते हैं.

चंद्रमा का लॉकेट पहनाने का महत्व

नवजात बच्चों के गले में चांदी के आधे चांद का लॉकेट पहनाने की प्रथा आज की नहीं बल्कि बहुत पुरानी है. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि अपने बच्चों को 10 साल तक चांदी के आधे चांद का लॉकेट गले में पहनाना चाहिए. चांदी के आधे चांद का लॉकेट पहनाने से बच्चों की सेहत सही रहती है. ज्योतिष शास्त्र कहता है चांदी चांद की धातु है. चंद्रमा को आत्मा और मन का कारक माना जाता है. इस वजह से चांदी पहनाने से बच्चों का मन शांत रहता है.

बच्चों पर पॉजिटिव प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि बच्चों के गले में चांदी के आधे चांद का लॉकेट पहनाने से उनके मानसिक और शारीरिक सेहत पर असर पड़ता है. चांदी का लॉकेट का बच्चों पर पॉजिटिव प्रभाव रखता है. बच्चों का पहनाया जाने वाला लॉकेट या कोई भी चीज चांदी की ही होनी चाहिए. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चे अपने शरीर से जो एनर्जी छोड़ते हैं, चांदी की धातु उस एनर्जी को वापस बच्चों के शरीर में भेजने में सहायक होती है. इससे बच्चा खुश रहता है. साथ ही वो मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है. माना जाता है चांदी के आधे चांद का लॉकेट बच्चों के शरीर में एनर्जी बनाए रखता है.

चंद्रमा का लॉकेट पहनाने का लाभ

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि बच्चों के गले में चांदी के आधे चांद का लॉकेट उनकी सेहत पर पॉजिटिव असर डालता है. आधे चांद का लॉकेट बच्चों की एनर्जी को कंट्रोल में रखता है. इसके अलावा बच्चों को चांदी के आधे चांद का लॉकेट पहनाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.

Note:- इस खबर में दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र के नियमों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करता है.

इंदौर के व्यापारियों का बड़ा फैसला: यूपीआई पेमेंट लेने से इनकार, साइबर फ्रॉड के कारण व्यापारी परेशान

मध्य प्रदेश के इंदौर में व्यापारियों ने UPI पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है. कोई भी दुकानदार ग्राहक से यूपीआई के जरिए पेमेंट नहीं लेंगे. इसकी जानकारी वह अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर पोस्टर लगाकर दे रहे हैं. दुकानदारों के इस निर्णय से ग्राहक परेशान हो रहे हैं. इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर व्यापारियों से बात करेंगे. वहीं, यूपीआई पेमेंट ने लेने पर व्यापारियों का कहना है कि साइबर फ्रॉड के कारण वह परेशान हो रहे हैं, पुलिस भी उनके अकाउंट होल्ड कर देती है.

पूरी दुनिया डिजिटलाइजेशन पर निर्भर हो चुकी है. अब हर चीज मोबाइल से ऑपरेट की जाती है. इसके कई फायदे भी हैं तो कई नुकसान भी. व्यापारियों का कहना है कि सबसे बड़ा नुकसान साइबर फ्रॉड है. उनका कहना है कि जब कोई बदमाश एक अकाउंट से पैसा लेकर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करता है और उसी अकाउंटस से वह किसी व्यापारी के यहां से खरीदारी करता है. जांच में वह अकाउंट पाया जाता है तो व्यापारी का भी अकाउंट सीज कर लिया जाता है. इस समस्या से परेशान इंदौर के व्यापारियों ने यूपीआई पेमेंट को अब ना कह दिया है.

कैश और क्रेडिट कार्ड से लेंगे पेमेंट

इंदौर के व्यापारी ग्राहक से कैश और क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट लेंगे. उन्होंने यूपीआई के जरिए पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है. इसका फैसला राजवाड़ा के व्यापारी एसोसिएशन ने लिया है. व्यापारियों का कहना है कि अगर कोई ग्राहक उनकी दुकान पर आता है और वह यूपीआई पेमेंट करता है, जब पुलिस जांच में वह ग्राहक गुनाहगार निकलता है तो पुलिस व्यापारियों का अकाउंट भी सीज कर देती है. उसको खुलवाने में कई महीनों लग जाते हैं. तब तक व्यापारी का पैसा उसी अकाउंट में रखा रह जाता है. इस बीच न वो उसका इस्तेमाल कर सकता है और न पेमेंट निकाल सकता है, जिससे की कई व्यापारी परेशान हो जाते हैं.

कलेक्टर करेंगे व्यापारियों से बात

इस मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को बताया कि जैसे ही साइबर फ्रॉड की शिकायत आती है, पुलिस प्रशासन उस पर तुरंत कार्रवाई करता है. अगर एक दो ट्रांजेक्शन के कारण ऐसा हुआ है और यूपीआई पेमेंट को गलत कहना गलत हे. वहीं व्यापारियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर कहा कि हम एक टीम भेजकर उनसे बातचीत करेंगे, क्योंकि डिजिटल इकोनॉमी भी बहुत आवश्यक है. उसमें अगर किसी चीज की कमी है तो उसको दूर किया जाना चाहिए.