नगर निकाय का चुनाव नहीं होने पर केंद्र ने रोका धनबाद का पैसा,
झारखंड में 32 नगर निकायों का चुनाव है लंबित,ओबीसी आरक्षण की पेंच में है उलझा
धनबाद : झारखंड में पिछले पांच वर्षों से नगर निकाय का चुनाव लंबित रहने का अब खामियाजा सामने दिखने लगा है। अब जाकर पता चला कि निकाय चुनाव नहीं होने का कैसे खामियाजा धीरे-धीरे शहरों को भुगतना पड़ रहा है। एयर क्वालिटी में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने धनबाद और रांची के लिए फंड तो आवंटित किए लेकिन यह कहकर देने से इंकार कर दिया कि नगर निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से इसे रोका जा रहा है।
शहर को प्रदूषण मुक्त करते हुए यहां की हवा को स्वच्छ करने के लिए केंद्र सरकार ने धनबाद नगर निगम को 94.48 करोड़ और रांची नगर निगम को 20.25 करोड़ रुपए का इनसेंटिव ग्रांट का आवंटन किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने यह शर्त लगा दी है कि नगर निकाय चुनाव होने पर ही यह राशि धनबाद और रांची नगर निगम के खाते में आएगा। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा रांची और धनबाद नगर निगम को मिलने वाली राशि पर चुनाव होने तक रोक लगा दी है। मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर एन सुब्रमन्यम ने देशभर के आठ बड़े नगर निकाय की राशि पर अलग-अलग वजह से रोक लगा दी है। 15वें वित्त आयोग से इस राशि का आवंटन किया गया है।
झारखंड के 32 नगर निकायों का चुनाव है लंबित
धनबाद नगर निगम की निवर्तमान कमेटी का कार्यकाल 20 जून 2020 को समाप्त हो गया है। वहीं बाकी 32 नगर निकायों में भी दो-तीन साल से चुनाव लंबित है। चुनाव कराने की मांग को लेकर अगस्त महीने में धनबाद के निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल और सभी 55 पार्षदों ने धनबाद में मशाल जुलूस निकालकर सरकार से चुनाव कराने की मांग की थी। इसके बावजूद चुनाव पर राज्य सरकार ने चुप्पी साधे रखा। अब नई सरकार के गठन के बाद चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र द्वारा पैसा रोकने के बाद अब सरकार पर भी दबाव बनेगा।
ओबीसी आरक्षण की वजह से फंसा है निकाय चुनाव
झारखंड में नगर निकाय का चुनाव ओबीसी आरक्षण की वजह से अटका हुआ है। झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मध्य प्रदेश की तर्ज पर पिछड़े वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित करने की अनुशंसा की गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने थ्री लेयर सर्वे कराने का निर्देश दिया है।
Nov 29 2024, 15:30