बिहार चुनाव परिणाम: दिग्गजों की साख दांव पर, कौन जीता और कौन हारा? यहाँ जानें विस्तार से
इस चुनाव को अग्रिपरीक्षा कहें तो गलत न होगा। इस बार दांव पर सरकार नहीं, बल्कि सरकार और विपक्ष के दिग्गजों की साख थी।
तरारी, बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि उनके सरपरस्तों का इम्तिहान था। वोट की गिनती के बीच उम्मीदवार से ज्यादा उनके अपने बेचैन थे। वजह भी थी, बात अगर रामगढ़ की करें तो यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में थे। तरारी में दिग्गज और पूर्व MLC सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत बीजेपी के टिकट पर पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे। वहीं बेलागंज में वर्तमान सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद ने मैदान में उतारा। जबकि इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी थीं।
मांझी, जगदानंद, सुनील पांडे, PK की अग्निपरीक्षा
इन सबके बीच अगर किसी एक शख्स की अग्निपरीक्षा सबसे कठिन थी तो वो थी जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर की। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी मुहिम में काफी जोर लगाया। लेकिन नतीजों में उन्हें जनता ने पास नहीं किया।
चारों सीटों की हाइलाइट एक जगह पढ़ लीजिए
पहली सीट तरारी- एक युवा और नौसिखिए नौजवान BJP उम्मीदवार ने CPI ML के राजू यादव और जनसुराज के उम्मीदवार किरण सिंह को अकेले पानी पिला दिया। उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
दूसरी सीट बेलागंज- यहां JDU की मनोरमा देवी ने RJD के विश्वनाथ यादव को आसानी से शिकस्त दे दी। उम्मीदवार के पिता और राजद सांसद सुरेंद्र यादव के वोटरों को अपने पाले में करने के सारे दांव फेल हो गए।
तीसरी सीट इमामगंज- इस सीट पर काफी कड़ा मुकाबला रहा। यहां केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी बड़ी मुश्किल से जीत पाईं।
उन्हें आखिर तक RJD के रौशन मांझी ने कड़ी टक्कर दी।
चौथी सीट रामगढ़- यहां का मुकाबला तो सांस रोक देने वाला रहा। कयास लगाए जा रहे थे कि राजद के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह सांसद बन चुके बड़े भाई सुधाकर सिंह की सीट बरकरार रखेंगे। लेकिन ये क्या, उन्हें जनता ने तीसरे नंबर पर ढकेल दिया। आखिर में BJP के अशोक सिंह और BSP के सतीश यादव के बीच दिल की धड़कन रोक देने वाली टक्कर हुई। आखिर में बीजेपी के अशोक सिंह मामूली अंतर से चुनाव जीते।
3 hours ago