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झांसी अग्निकांड : विस्तृत जांच के लिए झांसी पहुंची शासन की टीम

लखनऊ /झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में लगी आग के मामले में घटना की विशेष जांच के लिए शासन ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी जांच के लिए सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंची। टीम ने पूरे दिन विभिन्न बिंदुओं पर जांच की। यही नहीं मृतकों के परिजनों, चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ के तक बयान दर्ज किए गए। इससे पूर्व जिलाधिकारी व मंडलायुक्त के द्वारा 12 घंटे में जांच की प्राथमिक रिपोर्ट पहले ही शासन को भेज दी है।

मेडिकल कॉलेज अग्निकांड की जांच करने के लिए लखनऊ से झांसी पहुंची स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम की अध्यक्ष चिकित्साशिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह और अग्नि शमन विभाग के अधिकारी,बिजली विभाग के अधिकारी व डीजी हेल्थ ने घटनास्थल की जांच शुरू की।घटना स्थल का भ्रमण करने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी व मंडलायुक्त द्वारा घटना की प्राथमिक जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। उनकी टीम घटना की विशेष जांच करने पहुंची है।

घटना स्थल का भ्रमण करने के बाद वह अब घटना घटित होने के कारणों,घटना में क्या किसी की कोई गलती है,यदि है तो वह व्यक्ति कौन है। साथ ही तीसरा यह कि प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेज में क्या कमियां हैं जिनके चलते इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रहीं हैं। इन सभी बिंदुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। पूरे दिन करीब 4 से 5 घंटे तक जांच टीम ने हर बिंदु पर जांच करते हुए मृत नवजातों के परिजनों,जूनियर डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ से वार्ता कर उनके बयान दर्ज किए।
डीजीपी ने प्रशिक्षु आईपीएस के साथ की शिष्टाचार भेंट,कहा- आपको जनता को आसानी से सुलभ होना चाहिए
लखनऊ। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार से सोमवार को पुलिस मुख्यालय में भारतीय पुलिस सेवा के 76वें आरआर बैच के 20 प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा शिष्टाचार भेंट की गयी एवं मुलाकात के दौरान मोमेन्टो भेंट किये गये। भेंट के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित विभिन्न कार्यालयों एवं शाखाओं का भ्रमण कर कार्यों के बारे में जानकारी ली गयी।

प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेन्टर भ्रमण के दौरान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर चौबीस घंटे मॉनीटरिंग किये जाने तथा सोशल मीडिया सेन्टर की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा मुलाकात के दौरान अपने उद्बोधन में यूपी पुलिस के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताते हुए वर्तमान परिवेश में जनता की सुरक्षा एवं अपराधों की रोकथाम एवं महिला सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियानों यथा कम्युनिटी पुलिसिंग, आॅपरेशन कन्विक्शन, आॅपरेशन त्रिनेत्र आदि के बारे में विस्तार से बताया गया।  पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया कि पुलिस सेवा जनता के विभिन्न वर्गों की सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आपको जनता के लिए आसानी से सुलभ होना चाहिए।

आपको स्वच्छ इरादे के साथ काम करना चाहिए। विशेषतौर पर महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं उन पर त्वरित कार्रवाई कराते हुये  न्यायालय में प्रभावी पैरवी कराकर दोषियों को सजा दिलाना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा पुलिस की सेवा में नैतिकता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति रखना ही सफलता का मूल मन्त्र है।  पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रशिक्षु अधिकारियों के जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी।इस अवसर पर एडीजी फायर सर्विस, डीजी प्रशिक्षण, एडीजी कानून व्यवस्था, एडीजी स्थापना, एडीजी साइबर क्राइम, एडीजी रेलवे, एडीजी प्रशिक्षण, एडीजी लॉजिस्टिक, एडीजी अपराध सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
झांसी अग्निकांड : एक और नवजात ने तोड़ा दम, संख्या बढ़कर हुई 12
लखनऊ / झांसी । झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग के मामले में एक और नवजात ने दम तोड़ दिया है। अब अग्निकांड में मृत नवजातों की संख्या 12 हो गई है। उधर, घटना की जांच के लिए शासन की टीम भी पहुंच गई है।  जानकारी के अनुसार, झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में शुक्रवार की रात तकरीबन 11 बजे भीषण आग लग गई थी, जिसमें 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, एक बच्चे ने रविवार को दम तोड़ दिया था।

कमेटी जांच के लिए  मेडिकल कॉलेज पहुंची टीम

अब सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। यह बच्चा जालौन जिले के रहने वाले विशाल की पत्नी मुस्कान का है। जन्म से गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर उसे मेडिकल में भर्ती कराया गया था। बता दें कि घटना के समय वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था। घटना की जांच के लिए शासन ने चिकित्साशिक्षा महानिदेशक की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी जांच के लिए सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंच गई है। टीम ने जांच शुरू कर दी है।

पीआईसीयू में ही तैयार किया गया 10 बेड का एसएनसीयू

झांसी अग्निकांड में राख हो गए उपकरणों के बाद अब मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू में ही 10 बेड का नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र स्थापित कर दिया गया है। यहां पर जन्म के बाद गंभीर स्थिति वाले नवजातों को भर्ती किया जा सकेगा। साथ ही अग्निकांड के बाद यहीं पर शिशु शिफ्ट कर दिए गए हैं। आग लगने की घटना के बाद बचाए गए नवजातों को पहले इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। फिर वहां से पीआईसीयू में एसएनसीयू तैयार होने के बाद शिफ्ट किया गया।
चौबेपुर में तेज रफ्तार वाहन ने बाइक में मारी टक्कर,दो शिक्षकों की मौत, वैवाहिक समारोह में भाग लेकर घर लौट रहे थे,परिजनों में कोहराम

लखनऊ/वाराणसी। चौबेपुर थाना क्षेत्र के डुबकियां बाजार के समीप तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने बाइक सवार शिक्षकों को रौंद दिया। हादसे में सवार दोनों शिक्षकों की मौत हो गई। रविवार देर रात हुए हादसे की जानकारी पाते ही पुलिस के साथ मृतकों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

देर रात मांगलिक समारोह से दोनों बाइक से घर लौट रहे थे

सारनाथ निवासी हरिओम सिंह (35) और रणधीर शर्मा (36) एक निजी इंटर कालेज में शिक्षक थे। कॉलेज में कार्यरत एक कर्मचारी के घर वैवाहिक समारोह में भाग लेने के लिए दोनों शिक्षक देर शाम पहुंचे थे। देर रात मांगलिक समारोह से दोनों बाइक से घर लौट रहे थे। जैसे ही दोनों डुबकियां बाजार के समीप पहुंचे सामने आगे जा रही वाहन को ओवरटेक कर ही रहे थे कि दूसरी दिशा से आ रहे वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सड़क के बीचोबीच बने डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। दो उछल कर सड़क पर गिर गए। इसी दौरान पीछे से आ रही तेज रफ्तार वाहन दोनों को रौंदते हुए निकल गई।

मृतकों की जेब से मिले कागजात के आधार उनकी पहचान हुई

चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग जुटे तो दोनों की हालत देख इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाते ही चौबेपुर पुलिस के साथ एसीपी सारनाथ भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस अफसरों ने दोनों को अस्पताल भिजवाया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की जेब से मिले कागजात के आधार उनकी पहचान हुई तो पुलिस ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने दोनों शवों को पांडेयपुर स्थित पं. दीनदयाल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। सोमवार को पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम में भेजने की तैयारी में पुलिस जुटी हुई थी।

विधानसभा उपचुनाव: आज शाम थम जायेगा चुनाव प्रचार का शोर,प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशी झौंक रहे ताकत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का आज अंतिम दिन है। आज शाम छ: बजे चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा। प्रदेश की नौ सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जायेंगे। प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशी पूरी ताकत झौंक रहे हैं।उत्तर प्रदेश में उपचुनाव जीतने के लिए सपा और भाजपा दोनों पार्टियों ने ताकत लगायी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं की हैं। उपचुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने निकले हैं। उपचुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है। लेकिन सपा व भाजपा दोनों दल उपचुनाव में अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें कुंदरकी,करहल,कटेहरी और सीसामऊ सीट सपा के पास रही है। वहीं गाजियाबाद,खैर व फूलपुर की सीट भाजपा के पास रही है। वहीं रालोद की सीट मीरापुर व मंझवा निषाद पार्टी की सीट रही है। भाजपा को हिन्दुत्व के साथ-साथ विकासपरक योजनाओं पर भरोसा भाजपा को हिन्दुत्व के साथ-साथ विकासपरक योजनाओं पर भरोसा है। वहीं सपा को पीडीए की बदौलत उपचुनाव में जीत की आस लगाये है। अब देखना यह है कि 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में जनता किस दल के प्रत्याशी को चुनती है।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि जनता मोदी व योगी के साथ है।उपचुनाव में प्रदेश की सभी नौ सीटों पर भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी जीतेंगे। समाजवादी पार्टी के कार्यकाल को जनता अभी भूली नहीं है। सपा जनता को बार—बार गुमराह नहीं कर सकती।
यूपी में लगातार ट्रेनों को पलटाने की हो रही साजिश, रोकने पर पुलिस व जीआरपी नाकाम

लखनऊ । यूपी में पिछले कई महीने से ट्रेनों को पलटाने की साजिश रजी जा रही है लेकिन हर बार किसी ने किसी वजह से हादसा होते-होते बच जा रहा है। ऐसा कुछ दो दिन पहले बरेली में हुआ ।यहां इज्जतनगर रेल मंडल के बरेली पीलीभीत ट्रैक के दिबनापुर स्टेशन के पास खुराफातियों ने रेलवे ट्रैक पर सीमेंट बेंच और रेल पटरी का कटा हुआ टुकड़ा रख दिया था। मालगाड़ी के लोको पायलट को कुछ टकराने का एहसास हुआ तो उसने ट्रेन को रोका, तो देखा कि ट्रैक पर रेलवे की ही टूटी हुई सीमेंटेड बेंच और रेल पटरी का एक टुकड़ा पड़ा था। रेल कंट्रोल को सूचना दी गई. आरपीएफ, इंजीनियरिंग और ऑपरेटिंग विभाग के अधिकारी पहुंचे. मामले की जांच पड़ताल के बाद दोनों वस्तुओं को हटाकर मालगाड़ी को रवाना कराया गया. हाफिजगंज थाने में अज्ञात मुकदमा दर्ज कराया गया।

आपको बता दें कि बरेली से पीलीभीत लाइन पर सेंथल-भोजीपुरा स्टेशन के बीच दिबनापुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर किसी ने मालगाड़ी पलटने की साजिश की थी। शुक्रवार की रात करीब 12 बजे मालगाड़ी दिबनापुर से बरेली की ओर आ रही थी। ट्रेन गुजर रही थी, तभी लोको पायलट को इंजन से कुछ टकराने की आवाज सुनाई दी। लोको ने ट्रेन को रोका जिस जगह पर कुछ टकराया था, वहां जाकर देखा। ट्रैक के किनारे सीमेंटेड बेंच टूटी हुई पड़ी थी। इंजन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हो गया था। कुछ दूरी पर रेल पटरी का टुकड़ा (1.25 मीटर लंबा) पड़ा था। लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर और रेलवे कंट्रोल को सूचना दी। इसके बाद आरपीएफ, सिविल पुलिस, रेलवे खुफिया टीम, इंजीनियर टीम मौके पर पहुंची।

जांच पड़ताल के बाद सीमेंटेड बेंच और रेल पटरी का टुकड़ा हटाया गया। इसके बाद ट्रेन रवाना हुई। शनिवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियरिंग पीलीभीत की ओर से हाफिजगंज थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. पूर्वोत्तर रेलवे इज्ज्तनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है, दिबनापुर हाल्ट के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने सीमेंटेड बेंच टूटी हुई और रेल पटरी का टुकड़ा ट्रैक पर रखा था, जो इंजन से टकराया. इस मामले में हाफिजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। घटना के दो दिन हो गए अभी तक पुलिस सच्चाई पता नहीं लगा सकी है। विभाग की इसी लापरवाही के चलते ट्रेनों पर लकड़ी, लोहा, पत्थर, सिलेंडर रखने से लोग बाज नहीं आ रहे है। ऐसे मामलाे का खुलासा करते हुए इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो किसी दिन बड़ा रेल हादसा हो सकता है।
बेहतर इलाज का झांसा देकर केजीएमयू से बाहर मरीज को भेजने पर पांच जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की सेवाएं समाप्त
लखनऊ । केजीएमयू में मरीजों का ज्यादा दबाव होने का फायदा उठाने में कई जूनियर रेजिडेंट (जूनियर डॉक्टर) भी पीछे नहीं हैं। मरीजों को अच्छे इलाज का झांसा देकर कई रेजिडेंट निजी अस्पताल भेज रहे हैं। केजीएमयू प्रशासन ने इसकी जानकारी होने पर गुपचुप तरीके से ट्रॉमा सेंटर में तैनात पांच जूनियर रेजिडेंट (नॉन पीजी) की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इस समय 450 बेड हैं। ज्यादातर बेड भरे रहते हैं। हालत यह होती है कि रोजाना यहां सौ से ज्यादा घायलों का इलाज स्ट्रेचर पर होता है। मरीजों का ज्यादा दबाव होने की वजह से शाम के बाद और विशेषकर रात में आने वाले घायलों को बेड मिलने में समस्या रहती है। इसका फायदा उठाते हुए यहां तैनात कई रेजिडेंट मरीजों को निर्धारित अस्पताल भेजते हैं।ट्रॉमा सेंटर के बाहर इन अस्पतालों की एंबुलेंस पहले से मौजूद रहती हैं। ये एंबुलेंस घायलों और मरीजों को सीधे वहां पहुंचा देती हैं। केजीएमयू के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कुछ जूनियर रेजिडेंट (नॉन पीजी) के खिलाफ मरीजों को शिफ्ट करने की शिकायत मिली थी। जांच कराने पर शिकायत सही पाई गई थी। इसके बाद इनको हटा दिया गया।

सिविल अस्पताल में दिल के मरीजों की 2 डी ईको जांच की राह आसान होगी। अस्पताल में लगी नई मशीन का ट्रायल चल रहा है। अफसरों का कहना है कि इसी हफ्ते मरीजों को जांच की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। जांच के लिए मरीजों को 300 रुपये खर्च करने होंगे। आयुष्मान व गरीब मरीजों को मुफ्त जांच की सुविधा मिलेगी।सिविल अस्पताल में कार्डियक आईसीयू यूनिट है। यहां ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से 50 से अधिक मरीजों की 2डी ईको जांच कराने की जरूरत होती है। अस्पताल में सुविधा नहीं होने से मजबूरी में मरीजों को केजीएमयू, लोहिया या फिर निजी केंद्र जाना पड़ रहा था। उल्लेखनीय है कि 2डी ईको जांच की सुविधा किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी नहीं है। सीएमएस डॉ. राजेश के मुताबिक, जांच की सुविधा इसी सप्ताह से मरीजों को मिलेगी।
महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्य ने आंगनबाड़ी केंद्र का किया निरीक्षण
लखनऊ/ सीतापुर । महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंका मौर्य ने सीतापुर के अंकोइया, विकासखंड खैराबाद में संचालित आँगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया।बच्चों के समग्र विकास और पोषण संबंधी देखभाल के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में आँगनवाड़ी केंद्रों का योगदान अहम है।

इससे पहले शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंका मौर्या ने अचानक जिला महिला अस्पताल पहुच गईं। उन्होंने निरीक्षण किया और साफ सफाई व्यवस्था की खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये। इस दौरान महिला खनन अधिकारी से छेड़छाड़ के मामले में एक बड़ा बयान दिया। कहा कि यह योगी आदित्यनाथ जी की सरकार है। ऐसे माफिया को निश्चित रूप से मिट्टी में मिलाने का काम किया जाएगा।उन्होंने कहा कि खनन अधिकारी की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों से बात हुई है। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। देर से एफआईआर दर्ज होने के सवाल पर बोलीं कि महिला खनन अधिकारी घटना के नाद सहम गई थीं।वह उच्चाधिकारियों से बात करके कार्रवाई करवाना चाहती थीं। जैसे ही उन्होंने घटना रिपोर्ट की, वैसे ही तीन आरोपी पकड़े गए।
अयोध्या हार की भरपाई करने के लिए बीजेपी ने अंबेडकरनगर में झोंकी ताकत, बार-बार कटेहरी पहुंच रहे सीएम योगी
लखनऊ/अंबेडकरनगर । उत्तर प्रदेश में इन दिनों उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा मैदान में डटी हुई हैं। वहीं भाजपा पिछले लोक सभा चुनाव में जहां पर हार गई थी अब उन क्षेत्रों में अपनी पूरी ताकत झोक दी है। अयोध्या में लोकसभा चुनाव में मिली हार के झटके से उबरने के लिए बीजेपी ने अंबेडकरनगर के कटेहरी उपचुनाव को जीतने के लिए पूरा दम लगा रखा है। यहां से भाजपा को बड़ी आस है। सरकार की तरफ से लंबे समय से बार-बार यह संदेश दिया जा रहा है कि अयोध्या के साथ ही अंबेडकरनगर का भी विकास प्राथमिकता पर होगा।मालूम हो कि अंबेडकरनगर जनपद का सृजन करीब तीन दशक पहले अयोध्या (तत्कालीन फैजाबाद ) जनपद को ही विभक्त कर हुआ था। ऐसे में अयोध्या से खासी नजदीकी अभी भी यहां के लोगों को रहती है। इसे भांपते हुए ही बीजेपी और सरकार की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि अयोध्या की तर्ज पर यहां का भी विकास होगा।

अब उपचुनाव में फिर से कटेहरी और पूरे जिले के विकास का मुद्दा उठा

हालांकि यह वायदे तो लोकसभा चुनाव के पहले भी किए गए थे। लेकिन, उसका कोई असर यहां हुआ नहीं। सवा एक लाख से अधिक मतों के अंतर से बीजेपी प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब उपचुनाव में फिर से कटेहरी और पूरे जिले के विकास का मुद्दा उठा है। इस बार यहां ज्यादा विकास कराने की बात स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वह बार-बार कटेहरी पहुंच रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी यह सीट जीतकर अयोध्या की हार के बाद बड़ा संदेश देना चाहती है। वह बताना चाहती है कि अयोध्या और आसपास के जिलों में भगवा राजनीति का दबदबा अभी कायम है। कटेहरी की जीत का एक असर यह भी होगा कि लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में सामने आई सपा की धमक के असर को कम किया जा सकेगा। इसका फायदा आगे होने वाले मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव में उठाया जा सकेगा।

सांसद लालजी वर्मा ने मतदाताओं को धमकाने का  लगाया आरोप

सपा सांसद लालजी वर्मा ने उपचुनाव में प्रशासन पर मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने वीडियो जारी करके कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रधानों और कोटेदारों को अपने बूथ पर बीजेपी को जीत दिलाने का दबाव बना रहे हैं। सांसद ने अलग-अलग अधिकारियों के पद और नाम का जिक्र किया। इसमें थानेदार तक शामिल हैं। कहा कि मेरे गांव को जाने वाली सड़क के मोड़ पर रोज चेकिंग की जा रही है। जिन वाहनों को मंजूरी मिली है, उन्हें भी रोका जा रहा है। हमने लोगों से संपर्क साधने के लिए नाम सहित जो फोन नंबर नोट किए हैं। उनकी भी कॉपी की जा रही। यह निजता और गोपनीयता का उल्लंघन है। सांसद ने कहा कि बीजेपी की जो गाड़ियां चल रही हैं, प्रशासन को वह नहीं दिख रहा है। मनमानी यह है कि पाबंद करने की जो कार्रवाई हुई है, उसमें 99 फीसद लोग सपा के कार्यकर्ता हैं। प्रशासन उपचुनाव में हर तरह की मनमानी कर रहा है। इस तरह का आरोप उप चुनाव की घोषणा के बाद से लगातार लगाये जा रहे है लेकिन इस पर जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज अग्निकांड : 11 वें नवजात शिशु की उपचार के दौरान मौत
लखनऊ /झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एनआईसीयू) में हुए भीषण अग्निकांड में मरने वाले शिशुओं की संख्या रविवार को बढ़कर 11 हो गयी है।

अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी में जिन बच्चों का इलाज इमरजेंसी आईसीयू में चल रहा था, उनमें से एक की आज इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस मामले में डॉ. एनएस सेंगर का बयान भी सामने आया है। बताया गया कि इस शिशु की मृत्यु जलने या झुलसने के कारण नहीं बल्कि सामान्य बीमारी के कारण हुई है।

शुक्रवार देर रात हुए इस दुखद हादसे में 10 शिशुओं की मौत हो गयी थी। वार्ड में भर्ती 49 शिशुओं में से 38 शिशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया था। इनमें से तीन की हालत गंभीर थी। तीन में से एक शिशु की इलाज के दौरान आज मौत हो गयी।जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि दुखद हादसे के बाद एक बच्चे के माता पिता के बारे में पता नहीं चल पा रहा था। साथ ही एक ऐसा परिवार भी था जो अपने बच्चे की नहीं मिलने का दावा कर रहा था। तमाम तरह के तथ्यों को जांच में पता चला कि बच्चा उसी परिवार का है, जिसके बाद उन्हें बच्चा सौंप दिया गया है।

9 पीड़ित परिवारों तक पहुंची सहायता राशि

10 पीडित परिवारों को शासन द्वारा पांच- पांच लाख की सहायता राशि की घोषणा की गयी थी। इस क्रम में 10 में से नौ परिवारों के बैंक खातों में यह राशि भेज दी गयी है। एक परिवार का खाता नहीं होने के कारण राशि नहीं भेजी जा सकी है। जैसे ही खाता खुलेगा, उनकी राशि भी भेज दी जायेगी।