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MP News : संस्कृति का अहम हिस्सा है जनजाति, बिरसा मुंडा के लिए होते रहेंगे आयोजन, कहा मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने, जानें पूरा कार्यक्रम


खान आशु 

भोपाल। जनजाति समुदाय हमारे समाज और जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। बरसों अपने अधिकारों और सुविधाओं के लिए तरसते रहे इस समुदाय को अब पहचान भी मिली है और समाज में सम्मान भी। इस समुदाय की बेहतरी और इनके सामाजिक उत्थान के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं, सरकार इसके लिए कृत संकल्पित भी है और पूरी तरह गंभीर भी।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने यह बात कही। वे शुक्रवार को सागर के जबेरा ग्राम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जनजाति समुदाय के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इंसान अपने कर्मों को इस स्तर तक उठा सकता है कि वह भगवान की तरह पूजा जाने लगे। भगवान बिरसा मुंडा ने इस बात को सच्चा साबित करके दिखाया है।

आज उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को पूजा जा रहा है। यह उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कामों का नतीजा है। मंत्री लोधी ने कहा कि प्रदेश सरकार भगवान बिरसा मुंडा के श्रद्धा पूर्वक आयोजन कर रही है। यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा।

किया गया मंचन

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर रंगकर्म संस्था रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट भोपाल ने नाट्य प्रस्तुति दी। स्व प्रदीप कुमार अहिरवार द्वारा तैयार किए गए इस नाटक को संस्था सचिव अदनान खान की टीम ने मंचित किया। संगीत निर्देशक सुरेन्द्र वानखेड़े और कलाकारों की इस खास प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। 

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : उप मुख्यमंत्री शुक्ल


उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में प्रदेश के पहले शासकीय “सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ़ हीमोग्लोबिनोपैथीज़” का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण केंद्र विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समूह के नागरिकों में रक्तजनित वंशानुगत विकारों के शोध, जांच एवं नैदानिक चिकित्सकीय परीक्षण के लिए समर्पित रहेगा।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि केन्द्र की स्थापना प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास है, जिससे रक्तजनित विकारों से प्रभावित विशेष समूहों को सटीक और समर्पित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समुदायों में इन विकारों की व्यापकता को देखते हुए इस केन्द्र की आवश्यकता थी। यह केन्द्र रक्तजनित वंशानुगत विकारों का गहन अध्ययन करेगा और रोग की समय पर पहचान कर चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा। कार्यक्रम में गांधी स्मारक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर

मध्यप्रदेश में सिकिल सेल एनीमिया नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास किए गये हैं। अब तक 80 लाख 67 हजार 135 लोगों की स्क्रीनिंग कर मध्यप्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के प्रथम चरण में 46 लाख से अधिक लोगों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित किए गए हैं, जिसमें भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण के सफल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पूरे देश में "सिकिल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047" की शुरुआत की गई है, जिसमें 17 राज्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरू नानक जयंती पर गुरुग्रंथ साहब के दरबार में मत्था टेका


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका और सिख संगत को गुरू नानक जयंती की बधाईयां दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का सिख समुदाय की ओर से सरोपा पहनाकर पुष्पहार से स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समाज में भाईचारे और सबकी चिन्ता करने वाले, सबको एक साथ लेकर चलने वाले और लोगों में समानता का भाव जगाने वाले गुरू नानक जी का जब हम स्मरण करते हैं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। सच्चे अर्थों में उनके संदेशों पर अमल करने वाले एवं उन्हें आत्मसात करने वाले लोग दुनिया के 200 से अधिक देशों में निवासरत हैं और उनकी अच्छाईयों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मानवता के लिए समरसता एवं विश्व बंधुत्व का मार्ग प्रशस्त करने वाली उनकी शिक्षा और संदेश युगों-युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने अत्याचार एवं समाज की कुरीतियों के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई। गुरू नानक देव जी के संदेशों को लोगों ने अंगीकार किया। उन्होंने विशेष रूप से माताओं और बहनों को साथ लेकर चलने और विदेशी आक्रमण की बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए समाज को एक साथ खड़ा किया।

निशान साहिब को किया नमन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुग्रंथ दरबार से बाहर निकल कर गुरुद्वारा परिसर स्थित निशान साहिब को नमन किया। निशान साहिब ध्वज स्तंभ पर फूल माला अर्पित कर मत्था टेका। इस अवसर पर नरेन्द्र सलूजा, सुरेंद्र सिंह अरोरा, सुखवीर सिंह, राहुल कोठारी एवं महिला सेवा मंडल की ओर से सुश्री इंद्रजीत कौर संधू, सुश्री कमलजीत कौर सलूजा, सुश्री गुरलीन खनूजा, सुश्री प्रेमजीत कौर, सुश्री जगमीत कौर एवं सिख समुदाय के लोग भी उपस्थित थे।

प्रकाश पर्व पर दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को गुरू नानक जयंती और प्रकाश पर्व पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व प्रदेश में धूमधाम और भव्यता के साथ आयोजित करें। मुख्यमंत्री ने प्रकाश पर्व के अवसर पर सिख समुदाय को 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित भी किया।

बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच ने शीतलदास की बगिया पर किया दीप दान

भोपाल। बैकुंड चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच द्वारा भोपाल स्थित शीतलदास की बगिया पर दीप दान का आयोजन किया गया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और जागृत हिंदू मंच के संरक्षक डॉ. दुर्गेश केसवानी ने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। साल में यह एक दिन ऐसा होता है जब भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना एक साथ की जाती है।

डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कहा की यह वर्ष भारत देश के लिए अति महत्वपूर्ण है, इस वर्ष भगवान श्री राम अयोध्या में वापस से विराजे हैं। इसलिए हर दिल हर्षित और पुलकित है। बैकुंड चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच द्वारा दीपदान के आयोजन में कोठारी बंधुओं को भी याद किया गया। केसवानी बोले कि कोठारी बंधुओं और हजारों ऐसे कार्यकर्ताओं के बलिदान के बाद ही आज राम मंदिर बन पाया है।

आयोजन में उपस्थित जागृत हिंदू मंच के संयोजक एडवोकेट सुनील जैन ने बताया कि जागृत हिंदू मंच हिंदुओं में धार्मिक भावना और अपने सनातन धर्म के प्रति आस्था की वृद्धि के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से हिंदुओं को धर्म से जोड़ने का प्रयास करता है। आयोजन में जागृत हिंदू मंच के महामंत्री राजा भैया ने बताया कि मंच बड़ी तेजी से पूरे प्रदेश में कार्य कर रहा है और हिंदुओं को जागृत करने तथा संगठित करने हेतु सतत प्रयासरत है तथा सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार प्रसार में प्राणपण से जुटा हुआ है।

राजा भैया ने बताया कि समय-समय पर बैठकों का आयोजन हो रहा है और इकाइयां गठित कर कार्यक्रम लगातार किये जा रहे हैं। आपको बतादें कि देव दीपावली के मौके पर भगवान भोलेनाथ के आंगन को एक हजार दीप प्रज्वालित कर रौशन किया गया। इस दौरान आतिशबाजी कर पटाखे भी फोड़ कर उत्साह जा प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट सुनील जैन राजा भैया पंडित राजीव द्विवेदी विवेक पांडे रोहित कुशवाहा ऋषभ द्विवेदी जगदीश प्रसाद शर्मा किरण शर्मा त्रिदेव शर्मा ट्विंकल डॉ गौतम गोस्वामी डॉक्टर उषा गोस्वामी अमित गुप्ता नितिन मूलचंदानी योगेंद्र अमित वर्मा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

MP News: अपनी धरोहर को जानें, दुनिया को दिखाएं: राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह के दौरान सांस्कृतिक, साहित्यिक और मनोरंजक कार्यक्रम


भोपाल। मध्य प्रदेश की संस्कृति, कला और धरोहर न केवल हमारी पहचान हैं, बल्कि दुनियाभर में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इनका महत्व युवाओं से लेकर आम जनता तक फैलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही हैं। इसी प्रयास के तहत राज्य संग्रहालय, राजधानी में एक विशेष बहुआयामी कार्यक्रम श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से हम अपनी धरोहर से जुड़ी अहम जानकारियाँ और विशिष्टताओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

विश्व धरोहर सप्ताह एक महत्वपूर्ण आयोजन

मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर जबलपुर और इंदौर में 19 से 24 नवंबर तक आयोजित होने वाला 'विश्व धरोहर सप्ताह' भारतीय धरोहर के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी द्वारा किया जाएगा | विश्व धरोहर सप्ताह भोपाल के राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स, ग्वालियर के गुजरी महल, जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय, इंदौर के इंदौर संग्रहालय एवं उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में स्थित होगी।

होगा व्याख्यान

व्याख्यान विरासत के अनमोल खजाने पर प्रकाश डालते हुए

विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन 19 नवंबर को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भी किया जाएगा। व्याख्यान का विषय होगा 'विश्व विरासत', जिसमें देश-विदेश की धरोहर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र यादव और डॉ. सीएस सक्सेना इस विषय पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा करेंगे। यह व्याख्यान आम जनता के लिए खुला रहेगा और यहां उपस्थित लोग हमारी धरोहर के बारे में नई और रोचक जानकारी प्राप्त करेंगे।

आकर्षक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं

इस दौरान भारतीय प्राचीन स्मारकों पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी, व्याख्यानमाला, चित्रकला प्रतियोगिता, एवं सांस्कृतिक लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 19 नवंबर को होगा और इसे पूरे सप्ताह, 24 नवंबर तक देखा जा सकेगा। 

आयोजन यह भी 

विश्व धरोहर सप्ताह के तहत आयोजित किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके माध्यम से वे अपनी धरोहर से संबंधित ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जहां प्रतिभागी अपनी कला के माध्यम से धरोहर की महत्ता को उजागर करेंगे। इसके अलावा 

विरासत यात्रा के माध्यम से भी इस सप्ताह के दौरान लोगों को विभिन्न धरोहर स्थलों की यात्रा का अनुभव कराया जाएगा। जिससे उन्हें हमारे सांस्कृतिक धरोहर की गहरी समझ हो सकें।

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MP News : कवायद बंद करने की चल रही, इधर बढ़ रहे मदरसा स्टूडेंट्स, मदरसा बोर्ड एग्जाम में बढ़े 200 फॉर्म, जानें कब से है परीक्षा

खान आशु 

भोपाल। प्रदेश और देश में मदरसा को लेकर एक अघोषित मुहिम छिड़ी हुई है। इनसे आतंकवाद की तालीम दी जा रही है, के आरोप के साथ हिंदूवादी संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकारी कोशिशें भी इनके खिलाफ असहयोग का रवैया अपनाए हुए हैं। लेकिन इसके विपरीत मदरसों का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि प्रदेश या सम्भवतः पूरे देश में मदरसा बोर्ड ही एकलौता बोर्ड है, जो हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करवा रहा है। यही वजह है कि इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 4=5 साल में इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में करीब 200 बच्चों की बढ़ोतरी हुई है। 18 दिसंबर से शुरू होने वाली मदरसा बोर्ड परीक्षा में प्रदेश के करीब 988 परीक्षार्थी शामिल होने वाले हैं।

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड की हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी उर्दू माध्यम की परीक्षाएं 18 दिसंबर से शुरू होंगी। 1 जनवरी 2025 तक आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न जिलों से कुल 988 छात्र छात्राएं सम्मिलित होंगे। गौरतलब है कि 

मदरसा बोर्ड प्रदेश का एकमात्र ऐसा बोर्ड है, जो हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करता है। इन परीक्षाओं को माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा के बराबर मान्यता/समकक्षता प्राप्त है।

यह है शेड्यूल 

1. 18 दिसंबर : हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी 

2. 19 दिसंबर : गणित, वाणिज्य

3. 20 दिसंबर : विज्ञान

4. 21 दिसंबर : उर्दू

5. 23 दिसंबर : सामाजिक विज्ञान 

6. 24 दिसंबर : गृह विज्ञान 

7. 26 दिसंबर : अर्थ शास्त्र

8. 27 दिसंबर : तर्जुमा तफ़सीर कुरआन

9. 28 दिसंबर : तारीख ए इस्लाम 

10. 30 दिसंबर : फीका इस्लामी 

11. 31 दिसंबर : हदीस, उलूमे हदीस

घट रही सुविधाएं, बढ़ रहीं मुश्किलें

मप्र मदरसा बोर्ड से संबद्ध करीब साढ़े छह हजार मदरसा प्रदेश भर में संचालित हैं। जिनमें शिक्षारत स्टूडेंट्स की संख्या लाखों में है। मप्र राज्य ओपन स्कूल द्वारा इन मदरसों की साल में दो बार परीक्षाएं कराई जाती थीं, जिन्हें कम करके एक कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और प्रदेश सरकार की संयुक्त निधि से मदरसा संचालन के लिए दी जाने वाली राशि भी लंबे समय से लंबित है। जिसके चलते मदरसा संचालन मुश्किल हो गया है। 

अदालत से हुई बहाली

प्रदेश समेत देशभर में चली एक मुहिम के तहत सभी मदरसा को बंद करने की तैयारी कर ली गई थी। लेकिन लंबी चढ़ी अदालती कार्रवाई के बाद न्यायालय ने इस स्थिति को नियंत्रित कर दिया है। सबके लिए शिक्षा का अधिकार के सूत्र पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा संचालन, इनको दी जाने वाली अनुदान राशि और यहां से संचालित परीक्षाओं की व्यवस्था यथावत रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

बरसों से खाली बोर्ड

मप्र मदरसा बोर्ड में आखिरी बार अध्यक्षीय भूमिका प्रो सैयद ईमाद उद्दीन ने निभाई। वर्ष 2018 में प्रदेश में आई कांग्रेस सरकार, उसके विघटन से लेकर पुनः भाजपा सरकार बनने की स्थिति के बाद अब तक मदरसा बोर्ड को नया कार्यकारिणी मंडल नहीं मिल पाया है। प्रदेश में जारी उप चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद होने वाली निगम मंडल की नियुक्तियों के बीच उम्मीद की जा रही है कि इस बोर्ड को भी नए पदाधिकारी मिल जाएंगे।

Bhopal News : अदालत ने कहा "तलाक" न कराएं, दारुल कजा ने करवा दिया, पति को खबर ही नहीं थी, जानिए क्या हुई गड़बड़ी


खान आशु

भोपाल। जबलपुर हाईकाेर्ट में पहुंचे एक मामले में फैसला आया, मसाजिद कमेटी के अधीन काम करने वाली दारुल कजा तलाक के फैसले न किया करे। यह काम अदालत का है, इस प्रक्रिया को वहीं से होने दें।

वर्ष 2020 में आए इस आदेश को कुछ दिनों गंभीरता से लिया भी गया। लेकिन धीरे धीरे हालात फिर मनमर्जी के बनते गए। स्थिति यहां तक भी पहुंची कि समझौता करने के लिए पहुंचे एक मियां बीवी को परामर्श देने की बजाए गुपचुप तलाक करवा दिया गया। पति को इस गड़बड़ी की खबर अब लगी है, जबकि वह परामर्श प्रक्रिया के बाद से लगातार अपनी पत्नी के साथ पारिवारिक जीवन व्यतीत कर रहा था।

मामला तीन जिलों की व्यवस्था सम्हालने वाली मसाजिद कमेटी से जुड़ा है। कमेटी के अधीन काम करने वाली संस्था दारुल कजा पिछले कई दशकों से निकाह और तलाक के काम करती रही है। समांतर अदालत के तौर पर किए जा रहे तलाक के मामलों को लेकर शिकायत हुई। मामला जबलपुर हाईकाेर्ट पहुंचा और वर्ष 2020 में अदालत ने तलाक मामलों का निपटारा अदालत से ही करने की ताकीद कर दी।

फिर यह हुआ

सूत्रों के मुताबिक रईस खान और आफरीन बी के बीच आपसी मनमुटाव हुआ। नौबत तलाक तक जा पहुंची। दारुल कजा में अर्जी दाखिल की गई। दोनों मियां बीवी को परामर्श के लिए बुलाया गया। सूत्रों का कहना है कि इस बीच कमेटी के तत्कालीन अधीक्षक सैयद उवैस अली ने रईस खान से कुछ दस्तावेज भी हस्ताक्षर भी कराए। कहा गया था कि यह कागजी कार्रवाई महज एक खानापूर्ति है, जिनका कोई उपयोग नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि अधीक्षक द्वारा कराए गए दस्तखत पति द्वारा तलाक के लिए दी गई सहमति थी।

बरसों बाद चला पता

जानकारी के मुताबिक आपसी फुटोव्वल के बाद रईस और आफरीन में सुलह हो गया। वे पुनः एक साथ रहने लगे। लेकिन पिछले दिनों उनके बीच फिर विवाद गहरा गया। मामला जहांगीराबाद थाने पहुंचा। पति रईस खान जब अपनी पत्नी आफरीन को सुसराल पक्ष द्वारा उसके सुसराल न भेजने की शिकायत लेकर पहुंचा, तो थाने से उसे एक कागज थमा दिया गया, जिसे तलाकनामा बताया जा रहा है। इस्लामी शरीयत के खिलाफ पुलिस द्वारा कहा जा रहा है कि रईस को उसकी पत्नी आफरीन ने तलाक दे दिया है। इस लिहाज से वह अब अपनी पत्नी को घर ले जाने का अधिकार नहीं रखता है। 

अब रईस लगा रहा चक्कर

अदालत के आदेश के बाद भी दारुल कजा से हो रहे तलाक मामलों से रईस हतप्रभ है। वह मसाजिद कमेटी, अपने सुसराल और थाने के चक्कर लगा रहा है। सुसराल या थाने से उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। मसाजिद कमेटी में कभी अधीक्षक रहे सैयद उवैस अली अब इसी कमेटी के प्रभारी सचिव के पद पर आसीन हैं। इसलिए अपने हाथों से हस्ताक्षरित फैसले को बदलने को तैयार नहीं हैं। 

इनका कहना है 

पीड़ित पति रईस खान का कहना है कि जब अदालत ने तलाक मामलों पर पाबंदी लगा दी है तो दारुल कजा इस तरह के आदेश जैसे जारी कर सकती है। उनका कहना है कि यह मामला अदालत की अवमानना के साथ धोखाधड़ी का भी है, क्योंकि उन्होंने कभी तलाकनामा पर दस्तखत नहीं किए हैं। थाने और सुसराल वालों द्वारा कहा जा रहा यह वाक्य कि पत्नी आफरीन ने अपनी तरफ से तलाक दे दिया है, शरई तौर पर गलत है। कारण यह है कि इस्लामी मान्यता के अनुसार कोई महिला उसके पति को तलाक नहीं दे सकती है।

MP News : बिरसा मुंडा का बलिदान नहीं गया खाली, कहलाए "धरती के आबा", जयंती पर होंगे आयोजन, जानिए क्या है प्रोग्राम


खान आशु 

भोपाल। कई सामाजिक और सियासी बेड़ियों में जकड़े जनजातीय समुदाय की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बिरसा मुंडा की जयंती पर राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में कई आयोजन किए जाएंगे। बिरसा की कहानी जन जन तक पहुंचाने शहर की रंगकर्म संस्था रंग मोहल्ला सोसायटी खास प्रस्तुति देगी। संस्कृति विभाग द्वारा दी जाने वाली यह प्रस्तुति जबेरा में 15 नवंबर को होगी।

रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर

परफार्मिंग आर्ट के अदनान खान ने बताया कि बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने कई प्रयत्न किए। इसके लिए उन्होंने बड़ी मुश्किलें और परेशानियां भी उठाई और इन कोशिशों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए बिरसा ने अपने जीवन की आहुति तक दे दी। उन्होंने कहा कि इस महान नायक के व्यक्तित्व और कृतित्व को प्रदर्शित करती यह विशेष प्रस्तुति रंगकर्म संस्था रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट के संस्थापक स्व प्रदीप कुमार अहिरवार ने तैयार की थी। उन्हीं की यादों को मंच पर ताजा रखने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में जनजातीय महानायक की जयंती पर एक नाट्य मंचन किया जा रहा है। 15 नवंबर को प्रदेश के जबेरा ग्राम में होने वाले इस नाटक में बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों को अभिनय के माध्यम से उकेरा जाएगा। 

अदनान ने बताया कि स्वराज संस्थान, मप्र संस्कृति विभाग द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के शामिल होने की भी संभावना है। कार्यक्रम की बागडोर और सूत्र संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी खुद सम्हाले हुए हैं। प्रदेश के कई मंत्री, विधायक, अधिकारियों और नागरिकों की भी कार्यक्रम में मौजूदगी रहेगी।

बहादुर बहनों का साहस और संघर्ष प्रेरणास्पद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री ने भेड़िए से संघर्ष करने वाली साहसी भुजलो बाई को स्वीकृत किए 1 लाख रूपए आवश्यक होने पर भुजलो बाई को एयरलिफ्ट कर भोपाल में कराया जाएगा इलाज छिंदवाड़ा के ग्राम खकरा चौरई में भेड़िए ने किया था महिलाओं पर हमला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा जिले के खकराचौरई गांव में भेड़िए का साहस से सामना करने वाली भुजलो बाई से वीडियो कॉल कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने भुजलो बाई के साहस की सराहना करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से एक लाख रूपए भी स्वीकृत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहादुर बहनों का साहस और संघर्ष प्रेरणास्पद है। भुजलो बाई के उचित इलाज के लिए कलेक्टर छिंदवाड़ा को निर्देशित किया गया है कि आवश्यक होने पर एयरलिफ्ट कर भोपाल में उपचार कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीड़िता के परिजन से भी हाल-चाल जाने, साथ ही इलाज का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र पूर्णतः स्वस्थ हों, ईश्वर से यही प्रार्थना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल से कोटा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री निवास से भुजलो बाई से वीडियो कॉल कर चर्चा की। उल्लेखनीय है की फसल की रखवाली के दौरान शुक्रवार की सुबह छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा रेंज के अंतर्गत खकरा चौरई गांव के पास खेत में 65 वर्षीय भुजलो बाई और 55 वर्षीय दुर्गाबाई सो रही थीं, तभी भुजलो बाई पर भेड़िए ने हमला किया और उनके एक हाथ का अंगूठा चबा लिया। चिल्लाने की आवाज आई तो दुर्गाबाई, भुजलो को बचाने पहुंची। भेड़िए ने भुजलो बाई के हाथ और सिर पर चोट पहुंचाई। आधे घंटे तक महिलाओं और भेड़िए के बीच संघर्ष चलता रहा। इसके बाद साहसी भुजलो ने पास रखे फावड़े से वार कर भेड़िए का अंत कर दिया। भेड़िए के हमले से घायल दोनों महिलाओं को जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया गया कि दुर्गाबाई का उपचार पूर्ण होने पर उन्हें जिला अस्पताल छिंदवाड़ा से डिस्चार्ज किया जा चुका है।
किसी भी पद पर रहे, मित्रता भाव हमेशा बनाए रखना : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विद्यार्थी इच्छाशक्ति मजबूत रखें, लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होगी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोटा में विद्यार्थियों के साथ साझा किए अपने अनुभव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विद्यार्थियों को अपना जुनून हमेशा कायम रखना चाहिए। इच्छाशक्ति जितनी दृढ़ होगी, लक्ष्य उतना ही आसान होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी भी पद पर पहुंचे, मित्रता का प्रेमभाव हमेशा बनाए रखना। इसका सबसे अच्छा उदाहरण श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती का है। उनकी दोस्ती 11 वर्ष की उम्र में हुई थी और जब वे द्वारका के राजा बने तब भी उनकी दोस्ती ने दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राजस्थान के कोटा जिले में एलन शिक्षण संस्थान के समउन्नत भवन में विद्यार्थियों से चर्चा कर रहे थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विद्यार्थियों ने गजहार पहनाकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति का इससे अच्छा उदाहरण दूसरा नहीं हो सकता कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात में पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्यमंत्री बने और लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री के बाद वे पहली बार सांसद बनें और पहली बार में ही देश के प्रधानमंत्री बनें। इसके बाद लगातार सांसद बने और प्रधानमंत्री भी। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में हैट्रिक भी बनाई। आर्थिक दृष्टि से गुजरात देश के अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी है। समाज सेवा के लिए छोड़ी डॉक्टरी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैंने अपने शैक्षणिक काल से ही अपना लक्ष्य समाज सेवा के रूप में निर्धारित किया था। वर्ष 1982 में मेरा चयन मेडिकल कॉलेज के लिए हो गया था, परंतु समाज सेवा के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैंने मेडिकल में प्रवेश न लेते हुए, बीएससी की उपाधि प्राप्त की। मैं यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट रहते हुए राजनीति में सक्रिय रह सका। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के तीन मूल मंत्र हैं, जिन्हें विद्यार्थियों को आत्मसात करना चाहिए। पर्याप्त नींद लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और प्राणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने बताया‍कि अपने लक्ष्य पर शुरू से ही ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण 11 वर्ष की आयु में मथुरा से राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश के उज्जैन पधारे थे। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी यात्रा के दौरान प्रदेश में जहां-जहां विश्राम किया या ठहरे उन स्थानों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक महत्व के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने शिक्षा काल में जिन ग्रंथों का अध्ययन किया, उन ग्रंथों का सार गीता में समाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्यार्थी निराशा को अपने आप पर हावी न होने दें। जब निराश हो जाए तो राजनेताओं की तरफ देखें, वे बार-बार चुनाव लड़ते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। कई बार विद्यार्थी लक्ष्य प्राप्ति की दौड़ में पीछे रह जाते हैं तो उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, जबकि दोगनी ऊर्जा के साथ फिर प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एलन शिक्षण संस्थान मध्यप्रदेश के उज्जैन में अपने संस्थान प्रारंभ करें, जिससे मध्यप्रदेश के छात्रों को भी स्थानीय स्तर पर लाभ प्राप्त हो सकेगा।