वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: छोटे भाई प्रशांत ने किया बड़ा खुलासा, अकेले भतीजे विक्की ने खत्म कर दिया ताऊ का परिवार, यह रही वजह
लखनऊ/वाराणसी । यूपी के काशी के भदैनी निवासी एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या में शक के घेरे में आए बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के छोटे भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू ने परिवार के बारे में अहम जानकारियां दी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कृष्णा और मां बबिता की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने गोली मार कर कराई थी। मां-बाप का केस खत्म हो गया तो विक्की अकसर दादी से लड़ता था कि उसे गवाह क्यों नहीं बनाया गया? वह गवाही देता और बताता कि उसके मां-बाप की किसने और कैसे हत्या कराई थी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि जब उसके मां-बाप की हत्या की गई थी तो उसे धकेल कर विक्की ने ही बचाया था। हालांकि इसके बावजूद उसके पेट और बाजू में गोली लगी थी। जुगनू ने कहा कि उसके बड़े पापा ने कभी उसे, विक्की और बहन डाली को एकसाथ नहीं बैठने दिया। तीनों बस दादी के सहारे किसी तरह से पले-बढ़े। बड़े पापा का डर ऐसा था कि वो जहां कहते थे, वह वहां आंख मूंद कर दस्तखत कर देता था। विक्की बचपन से ही बड़े पापा को पसंद नहीं करता था और कभी-कभार उनकी बात का विरोध करता था। इसी चक्कर में उसकी पिटाई भी होती रहती थी। भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी का शव गत पांच नवंबर को उनके घर में मिला था। पांचों की गोली मार कर हत्या की गई थी। वारदात के बाद से ही राजेंद्र का बड़ा भतीजा विक्की लापता है, जबकि छोटा भतीजा पुलिस की निगरानी में है। पुलिस के लाख जतन के बाद वारदात के आठवें दिन मंगलवार को भी विक्की का पता नहीं लग सका। इस संबंध में डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस टीमें हरसंभव प्रयास कर रही हैं कि विक्की गिरफ्त में आ जाए। उम्मीद है कि जल्द ही हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट और क्राइम सीन के अनुसार पुलिस का अब मानना है कि विक्की ने अकेले ही अपने बड़े पापा सहित पांचों लोगों की हत्या की है। पुलिस के अनुसार भदैनी स्थित घर में नीतू, नमनेंद्र, गौरांगी और सुबेंद्र में किसी का भी शव बेड पर नहीं था। पुलिस का कहना है कि विक्की के साथ शूटर होते तो वह कहीं न कहीं कैमरे में जरूर कैद होते। वहीं, सोये हुए राजेंद्र को बिस्तर पर लगी मच्छरदानी के बाहर से गोली मारी गई थी। पुलिस के अनुसार, वारदात में एक असलहा और दो मैगजीन के इस्तेमाल की प्रबल संभावना है। विक्की की दादी शारदा देवी दो रोटी खाती हैं। मगर, एक रात वह अपनी बड़ी बहू नीतू को तीन रोटी अतिरिक्त बनाने को कहीं थी। इस पर नीतू ने पूछा भी था कि आज आखिरकार इतनी भूख कैसे लगी है। हालांकि उम्र ज्यादा होने की वजह से शारदा देवी को याद नहीं है कि वह तीन अतिरिक्त रोटी दीपावली की रात बनवाई थी या उससे एक रात पहले बनवाई थीं। पुलिस से बातचीत करने के दौरान भी शारदा देवी भूल जाती हैं कि उन्होंने कुछ देर पहले क्या बताया था। उनकी उम्र को देखते हुए पुलिस कर्मी भी उनसे परिवार के सदस्य की तरह ही बातचीत करते हुए नए तथ्यों को टटोलने की कोशिश करते हैं। राजेंद्र अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गया है। राजेंद्र सहित परिवार के पांचों सदस्यों को मुखाग्नि उसके छोटे भतीजे जुगनू ने पुलिस की निगरानी में दी थी। उसके बाद भी जुगनू पुलिस की निगरानी में ही है। ऐसे में मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के अनुसार पांचों का क्रिया-कर्म भी नहीं हो पा रहा है। दसवां और तेरही पर भी संशय है। कारण कि राजेंद्र के रिश्तेदार उसके घर से दूरी बनाए हुए हैं। मां शारदा देवी बुजुर्ग होने के साथ ही बीमार भी हैं। एकाध रिश्तेदार जो घर पर मौजूद हैं, उनकी भी उम्र इतनी है कि अकेले कुछ कर पाना उनके वश की बात नहीं है। इसे लेकर भदैनी इलाके के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे। मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।
Nov 13 2024, 19:26