45 से ज्यादा विधाओं पर काम करेगा संस्कार भारती, आयोजन में दिखाई देगा पंच परिवर्तन
भोपाल। संस्कार भारती संगठन की जयपुर में हुई अखिल भारतीय साधारण सभा में विधाओ और संगठनत्मक ढांचे में बदलाव करने के साथ कार्यक्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस बारे में आज भोपाल स्थित संस्कार भारती के योगेंद्र सभागार में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। पत्रकारों को संबोधित करते हुए लोक कला विभाग के राष्ट्रीय संयोजक निरंजन पांडा ने बताया की नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों से जोड़ने के लिए संस्कार भारती कई नए क्षेत्रों में भी अपने कार्य का विस्तार करने जा रहा है।
पंडा ने बताया कि संस्कार भारती के संगठन में अब केंद्रीय प्रांतीय और जिला स्तर पर समितियां गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले 8 विधाओं में संगठन काम करता था लेकिन अब लगभग 45 विधाओं को पांच विभागों में बांटकर काम किया जाएगा। सभी विभागों के लिए अलग टोली बनाकर विभिन्न विधाओं के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे यह कार्यक्रम प्रदेश से जिला और तहसील स्तर तक होंगे।
पंडा ने बताया कि अखिल भारतीय साधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल 2025 से कार्यकर्ताओं के लिए नई सदस्यता व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि भरत मुनि स्मरण दिवस नटराज पूजन और 26 जनवरी को भारत माता पूजन उत्सव मनाया जाएगा। राष्ट्रीय संयोजक पांडे ने बताया कि संस्कार भारती के बैनर पर आयोजित सभी कार्यक्रमों में कुटुंब प्रबोधन सामाजिक समरसता पर्यावरण रक्षा स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य का भाव समाहित होगा। इसके साथ ही विभिन्न विधाओं के कलाकारों को उनके हुनर को निखारने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर संस्कार भारती युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगी। लोक कला के राष्ट्रीय संयोजक पंडा के मुताबिक भारतीय संविधान की मूल प्रति में बने 22 चित्र देश की संस्कृति मूल्य इतिहास और आदर्श को प्रकट करते हैं जिन्हें पिछले कुछ साल में हटा दिया गया था लेकिन अब फिर से इन चित्रों का समावेश कर संविधान की नई प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं। पत्रकार वार्ता में भोपाल जिला संस्कार भारती की अध्यक्ष अरुणा शर्मा के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश गलगले और महामंत्री नीरव प्रधान मौजूद रहे।
Oct 28 2024, 21:28