/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस ने हरियाणा निवासी को किया गिरफ्तार, अब तक हिरासत में है 11 आरोपी India
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस ने हरियाणा निवासी को किया गिरफ्तार, अब तक हिरासत में है 11 आरोपी

मुंबई पुलिस ने बुधवार को एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (29) की हत्या के मामले में अमित हिसामसिंग कुमार नाम के एक और आरोपी को गिरफ्तार किया, जो हरियाणा के कैथल के नाथवान पट्टी का निवासी है। उनकी गिरफ्तारी के साथ, मामले के सिलसिले में हिरासत में लिए गए आरोपियों की कुल संख्या 11 तक पहुंच गई है। रविवार को मुंबई पुलिस ने नवी मुंबई में एक स्क्रैप डीलर भागवत सिंह ओम सिंह को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। राजस्थान के उदयपुर के मूल निवासी सिंह ने कथित तौर पर उन लोगों को हथियार मुहैया कराया था, जिन्होंने 12 अक्टूबर को राकांपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

 

बाबा सिद्दीकी की उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर तीन हमलावरों ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने दो शूटरों गुरमेल बलजीत सिंह (23) और धर्मराज राजेश कश्यप (19) को गिरफ्तार किया है। मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम और हत्या की साजिश में शामिल दो अन्य लोग फरार हैं। क्राइम ब्रांच की टीमों ने फरार आरोपियों खासकर मुख्य शूटर बताए जा रहे गौतम की तलाश तेज कर दी है।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हाई-प्रोफाइल हत्या के हमलावरों को अगस्त महीने में मुंबई से ज्यादा दूर कर्जत में शूटिंग का अभ्यास नहीं मिला था। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि मामले में गिरफ्तार किए गए पांच संदिग्धों ने शुरू में हत्या के लिए ₹50 लाख की मांग की थी, लेकिन बाद में भुगतान पर असहमति और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता के प्रभाव के कारण पीछे हट गए। हालाँकि, उन्होंने फिर भी हत्या को अंजाम देने में शामिल लोगों को साजो-सामान और अन्य सहायता प्रदान की।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान नितिन गौतम सप्रे (32), संभाजी किसान पारधी (44), प्रदीप दत्तू थोम्ब्रे (37), चेतन दिलीप पारधी (27) और राम फूलचंद कनौजिया (43) के रूप में की गई। पुलिस के मुताबिक, सप्रे डोंबिवली का रहने वाला है, जबकि पारधी, थोम्ब्रे और पारधी ठाणे जिले के अंबरनाथ के रहने वाले हैं और कनौजिया रायगढ़ के पनवेल का रहने वाला है।

एलएसी पर भारत-चीन समझौते को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, पूछा-क्या 26 पेट्रोलिंग पॉइंट तक जा सकेंगे हमारे जवान?

#congress_raised_questions_on_india_china_patrol_agreement

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।कांग्रेस ने समझौते पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरने को की कोशिश की है। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि सैनिकों के पीछे हटने से मार्च 2020 जैसी यथास्थिति बहाल हो जाएगी। कांग्रेस ने सरकार से इस मामले में भारत के लोगों को विश्वास में लेने की बात भी कही है। कांग्रेस पार्टी का यह बयान रूस में आयोजित हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता से पहले आया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के संघर्ष विराम पर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को छह सीधे सवाल दागे और कहा कि उसे उम्मीद है कि नई दिल्ली की “दशकों में सबसे खराब विदेश नीति का झटका” सम्मानजनक तरीके से हल हो जाएगा।

जयराम रमेश ने कहा, यह दुखद घटना चीन के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मूर्खता और नासमझी का पूर्ण दोषारोपण है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी को चीन ने तीन बार भव्य तरीके से मेजबानी की थी। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने चीन की पांच आधिकारिक यात्राएं कीं और चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ 18 बैठकें कीं, जिसमें उनके 64वें जन्मदिन पर साबरमती के तट पर एक दोस्ताना झूला सत्र भी शामिल है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, भारत की स्थिति 19 जून 2020 को सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, जब प्रधानमंत्री ने चीन को अपनी कुख्यात क्लीन चिट देते हुए कहा, न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। यह बयान गलवान में हुई झड़प के सिर्फ़ चार दिन बाद दिया गया था, जिसमें हमारे 20 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह हमारे शहीद सैनिकों का घोर अपमान था, इसने चीन की आक्रामकता को भी वैध बना दिया और इस तरह एलएसी पर गतिरोध के समय पर समाधान में बाधा उत्पन्न की। पूरे संकट के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण को डीडीएलजे के रूप में वर्णित किया जा सकता है: Deny(इंकार करो), Distract ( ध्यान भटकाओ), Lie(झूठ बोलो) and Justify (न्यायोचित ठहराओ)|

कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन के साथ इस समझौते पर पहुंचने के बाद, सरकार को भारत के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए और इन महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देना चाहिए:

1.. क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावा रेखा तक, बॉटलनेक जंक्शन से आगे पांच गश्ती बिंदुओं तक गश्त कर सकेंगे, जैसा कि वे पहले कर पाते थे?

2. क्या हमारे सैनिक डेमचोक के उन तीन गश्ती बिंदुओं तक पहुंच पाएंगे जो चार वर्षों से अधिक समय से सीमा से बाहर हैं?

3. क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे, जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?

4. क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में तीन गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने की अनुमति है, जहां वे पहले जा सकते थे?

5. क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर हेलमेट टॉप, मुकपा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और चुशुल के गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा?

6. क्या "बफर जोन" जो हमारी सरकार ने चीन को सौंपे थे, जिसमें युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह के लिए रेजांग ला में एक स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गई है?

तस्लीमा नसरीन का रेजिडेंसी परमिट रीन्यू, बांग्लादेश सरकार को लगेगी मिर्ची

#home_ministry_extended_residence_permit_of_bangladesh_author_taslima_nasreen

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहे बांग्लादेश को भारत ने एक और करारी चोट दी है। शेख हसीना का “बचाव” करने के बाद भारत ने बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन का निवास परमिट बढ़ाने का फैसला किया है। भारत ने कट्टरपंथियों के डर से बांग्लादेश से भारत में स्वनिर्वासन झेल रहीं जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन का रेजिडेंसी परमिट रीन्यू कर दिया है। गौरतलब है कि तसलीमा नसरीन का भारत में निवास का परमिट एक्सपायर हो गया था। जिसके बाद तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर गृह मंत्री से मदद मांगी थी।

तसलीमा नसरीन ने 21 अक्टूबर को गृहमंत्री को ट्वीट कर मदद मांगी थी। तसलीमा नसरीन ने एक्स पर लिखा था कि ‘करीब 20 सालों से भारत मेरा दूसरा घर है।’ नसरीन ने गृह मंत्री अमित शाह से मदद मांगते हुए बताया था कि गृह मंत्रालय ने जुलाई से उनका रेजिडेंट परमिट रिन्यू नहीं किया है। परमिट रिन्यू न होने से मैं परेशान हूं। अगर सरकार मुझे भारत में रहने देगी, तो मैं शुक्रगुजार रहूंगी।

लेखिका के गुहार लगाने के अगले ही दिन मंगलवार को उनका रिजिडेंस परमिट रीन्यू हो गया। उन्होंने इसके लिए एक्स पर एक और पोस्ट करके अमित शाह को शुक्रिया कहा।

तसलीमा नसरीन को मुस्लिम कट्टरपंथियों का कोपभाजन उनकी बहुचर्चित किताब लज्जा की वजह से बनना पड़ा था। उन्हें अपनी जान बचाने लिए ठीक उसी तरह बांग्लादेश छोड़ना पड़ा जैसे शेख हसीना को छोड़ना पड़ा था। 'लज्जा' में उन्होंने 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुए जुल्म को बयां किया था। उन्होंने अपनी किताब में मजहबी कट्टरता और उसका व्यक्तियों व समाज पर पड़ने वाले खतरनाक असर को बयां किया था। इसी किताब की वजह से 1993 में कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। कट्टरपंथी उनके खून के प्यासे बन गए। उन्हें अपनी जान बचाने के लिए बांग्लादेश से भागना पड़ा था। तब से वह भारत में ही रह रही हैं।

वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बार-बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बात उठाती रही है। बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को अपनी जान बचाते हुए हेलिकॉफ्टर से भारत भाग आई थीं। बांग्लादेश की एक अदालत ने 77 साल की शेख हसीना के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है। उन्हें 18 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। हसीना के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट के बारे में पूछे जाने पर पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि वह अपनी सुरक्षा के लिए भारत आई हैं और यहां रहना जारी रखेंगी।

भारत हर रोल निभाने को तैयार..', रूस-यूक्रेन युद्ध पर पुतिन से बोले पीएम मोदी, फिर भारत और रूस की गहरी दोस्ती आई सामने

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस के कजान शहर में द्विपक्षीय वार्ता हुई। पीएम मोदी रूस में BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजान पहुँचे थे। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की मजबूती और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन महीनों में उनका यह दूसरा दौरा है, जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में मास्को में हुई वार्षिक बैठक से दोनों देशों के सहयोग को बढ़ावा मिला है। पीएम मोदी ने रूस की सफल BRICS अध्यक्षता के लिए पुतिन को बधाई दी और इस बात पर खुशी जताई कि अब कई अन्य देश भी BRICS समूह में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए शांति और स्थिरता की जल्द बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि शांति के लिए भारत हर रोल निभाने को तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीकों से होना चाहिए, और भारत के प्रयास मानवता को प्राथमिकता देते हैं। पीएम मोदी ने रूस के कजान शहर में हुए स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद भी किया और भारतीय दूतावास के नए भवन के उद्घाटन का उल्लेख किया, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे।

राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी के स्वागत पर अपनी खुशी व्यक्त की और उन्हें कजान आने के लिए धन्यवाद दिया। पुतिन ने BRICS सम्मेलन के दौरान सभी प्रमुख नेताओं के बीच होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा का भी जिक्र किया। उन्होंने जुलाई में दोनों के बीच हुई मुलाकात और फोन पर हुई बातचीत की याद दिलाई। राष्ट्रपति पुतिन ने मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि उनके और पीएम मोदी के संबंध इतने मजबूत हैं कि पीएम मोदी उनकी बात बिना अनुवाद के समझ सकते हैं। इस पर पीएम मोदी ने हंसते हुए प्रतिक्रिया दी, जिससे दोनों नेताओं के बीच सहज और मित्रवत माहौल देखने को मिला।

प्रधानमंत्री मोदी 22 अक्टूबर को कजान पहुँचे थे और अगले दिन, यानी 23 अक्टूबर को, वे BRICS शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक में पीएम मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पहुंचे हैं। हाल ही में भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद पर हुए समझौते के बाद उम्मीद की जा रही है कि BRICS सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है। इस बैठक ने एक बार फिर भारत और रूस के बीच दोस्ताना संबंधों को मजबूत किया और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के दृष्टिकोण को साझा किया। PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की इस मुलाकात ने दोनों देशों के आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया।

महाराष्ट्र चुनाव: एनसीपी ने जारी की 38 उम्मीदवारों की पहली सूची, बारामती से लड़ेंगे अजित पवार

#maharashtravidhansabhachunavncpreleasesfirstlistof38candidates

महाराष्ट्र चुनाव के एलान के बाद से ही सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इस बीच आज एनसीपी (अजित गुट) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 38 नाम शामिल हैं जिसमें उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार का भी नाम है। उप मुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अजिर पवार कह चुके थे कि उन्हें बारामती से लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन लिस्ट से उनकी मंशा साफ हो गयी है।

पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 38 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। लिस्ट में अजित पवार, दिलीप वालसे पाटिल, धनंजय मुंडे, नरहरी झिरवाल, अदिति तटकरे, हसन मुशरिफ सहित अनिल पाटिल ज्यादातर नाम उन्हीं के है जो सिटिंग विधायक हैं। उनकी ही सीट पर उन्हें टिकट दिया गया है। अजित पवार के बेटे पार्थ को पहले बारामती सीट से लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन अजित खुद अपनी सीट पर लड़ रहे हैं और पार्थ पवार के नाम को किसी सीट पर घोषित नहीं किया गया है। छगन भुजबल येओला से, दिलीप वाल्से पाटिल अम्बेगांव से चुनाव लड़ेंगे।

मलिक परिवार को किनारा!

एनसीपी की इस लिस्ट में सिटिंग विधायक नवाब मलिक का नाम नहीं है। उनकी बेटी को उनकी जगह चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। उनका नॉमिनेशन को लेकर एनसीपी ने तारीख भी तय कर दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली गई और अब लिस्ट में ही उनका नाम नहीं है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी मलिक परिवार को किनारे कर सकती है। वहीं, संयुक्त एनसीपी में जितेंद्र आह्वाड कलवा मुंब्रा से लड़ते रहे हैं, लेकिन उनके सामने अब एनसीपी ने नजीब मुल्ला को टिकट दिया है।

शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी

इससे पहले, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। सीएम एकनाथ शिंदे जीत का चौका लगाने के लिए एक बार फिर कोपरी पाचपाखाड़ी से अपनी दावेदारी पेश करेंगे तो वहीं पार्टी ने पैठण से विलास संदिपान भूमरे को चुनावी मैदान में उतारा है।

कैसा है महाराष्ट्र का सियासी समीकरण?

महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।

प्रियंका गांधी ने वायनाड से किया नामांकन, सोनिया, राहुल और रॉबर्ट वाड्रा भी साथ मौजूद

#priyankagandhiwayanadbyelectionnomination

प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ राबर्ट वाड्रा भी मौजूद रहे। उन्होंने कलपेट्टा में रिटर्निंग ऑफिसर के सामने नामांकन भरा।

नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी कलपेट्टा नया बस स्टैंड पर सुबह रोड शो किया। वायनाड में रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, मुझे 35 साल हो गए हैं, मैं अलग-अलग चुनावों के लिए प्रचार करती रही हूं। यह पहली बार है जब मैं अपने लिए आपका समर्थन पाने के लिए प्रचार कर रही हूं।यह एक बहुत ही अलग एहसास है।

प्रियंका की नव्या हरिदास से टक्कर

प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उतारा है। सिंगापुर और नीदरलैंड में काम करके अंतरराष्ट्रीय अनुभव हासिल कर चुकीं हरिदास एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो एक दशक तक कोझिकोड में एक पार्षद के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

प्रियंका गांधी चुनावी पारी की शुरुआत

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दी।जहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी चुनावी पारी की शुरुआत कर रही हैं। वायनाड से निर्वाचित होने पर प्रियंका पहली बार किसी सदन की सदस्य बनेंगी।

अब इजराइल ने नसरल्लाह के उत्तराधिकारी को किया ढेर, गद्दी पर बैठने से पहले ही उतारा मौत के घाट
#israel_claims_airstrike_killed_hezbollah_expected_leader_hashem_safieddine
* इजरायल की एयर स्ट्राइक में लेबनान में हिजबुल्ला के संभावित उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को मार डाला गया है। इजरायली सेना (आईडीएफ) ने मंगलवार को हाशेम साफीद्दीन की मारे जाने की पुष्टि की। साफीद्दीन हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई था। सितम्बर के आखिर में नसरल्लाह की हत्या के बाद साफीद्दीन को उसका उत्तराधिकारी माना जा रहा था। इजराइल सेना ने दावा किया है कि अक्टूबर महीने के शुरू में बेरूत में की गई एक एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह हाशेम सफीद्दीन को मारा गया है। इजराइल ने ये खुलासा हमले के 19 दिन बाद किया है, इस खबर की अभी हिजबुल्लाह की ओर से पुष्टि नहीं की गई है। आईडीएफ के अनुसार, 4 अक्टूबर को हमले के दौरान साफीद्दीन मारा गया था। उसके साथ समूह के खुफिया विभाग के प्रमुख हुसैन अली हाजिमा की भी हत्या कर दी गई थी।इजरायली सेना ने हवाई हमले में बेरूत के दहियाह स्थित हिजबुल्लाह के भूमिगत खुफिया मुख्यालय को निशाना बनाया गया था। इजरायली सेना ने कहा था कि यह लेबनानी राजधानी के दक्षिणी उपनगर में नागरिक आबादी के बीच स्थित था। आईडीएफ ने बताया कि हमले के समय मुख्यालय में हिजबुल्लाह के खुफिया विभाग के 25 से अधिक सदस्य मौजूद थे, जिनमें शीर्ष कमांडर भी शामिल थे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले ही हिजबुल्लाह नेतृत्व को निशाना बनाने में सेना की सफलता की जानकारी दी थी, लेकिन सफीद्दीन का नाम नहीं लिया था। नेतन्याहू ने बयान में कहा था, “हमने लेबनान में जारी अपने हमलों में हजारों आतंकवादियों को मार गिराया है, जिनमें नसरल्लाह खुद और नसरल्लाह के के बाद के नेता भी शामिल थे। वहीं हिजबुल्लाह ने अभी तक सफीदीन की मौत की पुष्टि नहीं की है। साफीद्दीन हिजबुल्लाह के पूर्व नेता हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई था। अमेरिका ने उसे साल 2017 में आतंकवादी घोषित किया था। नसरल्लाह की तरह ही साफीद्दीन भी शिया मौलवी था जो उसी की तरह काली पगड़ी पहनता था। सफेद दाढ़ी और चश्मा लगाने वाले साफीद्दीन की शक्ल नसरल्लाह से काफी मिलती थी, लेकिन वह नसरल्लाह से कई साल छोटा था।
कजान से आई डिनर टेबल की तस्वीरें, पुतिन-मोदी और जिनपिंग को साथ देख टिकी दुनिया की निगाहें

#brics_summit_russia_putin_connecting_india_pm_modi_and_china_jinping 

रूस के कजान में ब्रिक्स का 16वीं समिट चल रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर कजान पहुंचे। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच मंगलवार रात मुलाकात हुई। वहीं, पुतिन ने ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए डिनर होस्ट किया। डिनर के दौरान पुतिन के साथ मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग म्यूजिकल कन्सर्ट का लुत्फ उठाते दिखे। इस दौरान बीच में पुतिन बैठे थे और दोनों तरफ कुर्सी पर पीएम मोदी और जिनपिंग थे।

बुधवार यानी 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर की गई अहम घोषणा के बाद ये पहली मुलाकात हो रही है। लेकिन द्विपक्षीय मुलाकात से पहले पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरें सामने आई है जो बहुत कुछ कहती है। 

डिनर कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग को अपने साथ ही लेकर चलते नजर आए। डिनर कार्यक्रम की एक और तस्वीर आई, जिसमें पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच पुतिन एक दूसरे को जोड़ने वाले पुल की तरह नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर बताती है कि पुतिन किस तरह दोनों नेताओं के बीच दोस्ती कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, जो भारत के साथ-साथ चीन से भी अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज होने वाली मुलाकात महत्वपूर्ण हो जाती है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी।20 में लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दो बार बहुत ही संक्षिप्त मुलाकात हुई है। इसके पहले साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मलेन और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ था। ऐसे में रूस में पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी

“जांच से सार्थक जवाबदेही नहीं मिलने तक संतुष्ट नहीं”, पन्नू के खिलाफ साजिश मामले में बोला अमेरिका

#gurpatwant_singh_pannun_us_allegation_on_india_pannun_murder_plot

खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के मामले में लगातार विवाद बना हुआ है। पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप भारत पर लगाया गया। हालांकि, भारत इस बात से साफ इनकार कर चुका है। अब एक बार फिर मामला गरमा गया है। अब अमेरिका ने कहा है कि हम तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होंगे, जब तक कि जांच से सार्थक जवाबदेही नहीं मिलती। वहीं, पिछल हफ्ते अमेरिका ने कहा था कि खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर हो रही जांच में भारत की तरफ से सहयोग किया जा रहा है, उससे वे संतुष्ट हैं।

पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश पर भारत को अमेरिकी सरकार के संदेश के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, 'एक कदम पीछे हटने के लिए, पिछले हफ्ते भारत की जांच समिति के साथ मूल्यवान बातचीत हुई और हमारी दोनों सरकारों के बीच जांच को आगे बढ़ाने के लिए जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। हम समझते हैं कि भारतीय जांच समिति अपनी जांच जारी रखेगी और पिछले सप्ताह की बातचीत के आधार पर हमें उम्मीद है कि आगे के कदम देखने को मिलेंगे।

उन्होंने आगे कहा, 'हम उस जांच के परिणामों के आधार पर जवाबदेही देखना चाहते हैं। निश्चित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा जब तक कि उस जांच के परिणामस्वरूप सार्थक जवाबदेही नहीं होती है। इसके अलावा, मैं इस पर और अधिक विस्तार से बात नहीं करूंगा, क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो सक्रिय है और हमारे दोनों देशों में इसकी जांच और चल रही है।

पहले दिखाई जांच से संतुष्टि

इससे पहले अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर हो रही जांच में भारत की तरफ से सहयोग किया जा रहा है, उससे वे संतुष्ट हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि भारतीय अधिकारी हमें अपनी जांच का अपडेट दे रहे हैं और हम अपनी जांच का अपडेट उन्हें दे रहे हैं। मिलर ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में ये भी बताया कि जिस शख्स पर अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था, अब वह भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। 

दरअसल, अमेरिका ने पहले आरोप लगाया था कि पन्नू की हत्या की साजिश रचने में आरोपी निखिल गुप्ता, भारत सरकार के एक कर्मचारी का सहयोगी है। इन्होंने मिलकर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रचने में मदद की थी।

14 अक्टूबर को अमेरिका ने कहा था कि भारत ने पन्नू की हत्या की कोशिश करने के आरोपी खुफिया अधिकारी को गिरफ्तार किया है। वॉशिंगटन पोस्ट में इस अधिकारी का नाम विक्रम यादव बताया गया था।

पन्नू की हत्या की साजिश का मामला क्या है

पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप है कि भारतीय अधिकारी निखिल गुप्ता ने 9 जून के आसपास पन्नू की हत्या के लिए एक डॉलर यानी 83 लाख रुपए से ज्यादा की सुपारी दी थी। पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था।

अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू को मारने साजिश पिछले साल सितंबर में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था।

कौन है खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस की अगुवाई करता है। भारत ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया हुआ है। पन्नू अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है। उसके पास कनाडा की भी नागरिकता है। एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल जांच एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उनकी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था। पन्नू ने हाल ही में अपने वीडियो में जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर और नागालैंड में पूर्ण आजादी आंदोलन चलाने की धमकी दी थी जैसा की पंजाब में करने का प्रयास है।

ओडिशा-पश्चिम बंगाल में तबाही मचा सकता है चक्रवात 'दाना', 150 से अधिक ट्रेने रद्द, जानें कब करेगा लैंडफॉल
#dangerous_cyclonic_storm_dana_can_wreak_havoc_in_odisha_west_bengal
* ओडिशा-पश्चिम बंगाल पर भयंकर चक्रवाती तूफान 'दाना' के कारण बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह तूफान गुरुवार रात या शुक्रवार सुबह तक केंद्रीयपारा जिले में दस्तक दे सकता है। इसकी रफ़्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। मौसम विभाग ने चक्रवात की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। दोनों ही राज्यों की सरकारें सुरक्षा से संबंधित सभी बिंदुओं पर गंभीरता नजर बनाए हुए हैं। गंभीर स्थिति को देखते हुए 150 ट्रेनों को भी रद्द करना पड़ा है। चक्रवाती तूफान दाना के खतरे को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों ने संवेदनशील इलाकों को खाली कराकर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। दोनों राज्यों में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। साथ ही तटरक्षक बल को हाईअलर्ट पर रखा गया है। *100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं* पश्चिम बंगाल में चक्रवात और तूफान की आशंका के बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी की है कि चक्रवाती तूफान 'दाना' बंगाल के कई जिलों में विकराल रूप लेगा। यह तूफान 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह के बीच ओडिशा तट को पार कर पश्चिम बंगाल के तट पर पहुंच सकता है। इस दौरान हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। *पुरी से पश्चिम बंगाल के सभी पूर्वी तटीय क्षेत्र होंगे प्रभावित* मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पुरी से पश्चिम बंगाल के सभी पूर्वी तटीय क्षेत्रों के इस चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि सभी सुविधाओं से युक्त 250 राहत शिविरों को तैयार किया गया है। *कई जिलों में अलर्ट* इस दौरान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अलावा पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश और झारखंड के कई जिलों में भी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 23 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में भारी बारिश का अनुमान जताया है। विभाग ने कहा कि 24 और 25 अक्टूबर को पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और झारग्राम में एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ, भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 24 और 25 अक्टूबर को कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। *150 से अधिक ट्रेनें रद्द* तूफान के 25 अक्टूबर को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका है। जिसके चलते दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) क्षेत्र से गुजरने वाली 150 से अधिक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। एसईआर के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रद्द की गई ट्रेन में-हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस, कामाख्या-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस और हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस शामिल हैं। एसईआर के अधिकारी ने कहा कि रद्द की गई ट्रेन 23 से 25 अक्टूबर तक अपने शुरुआती स्टेशनों से प्रस्थान करने वाली थीं। जरूरत पड़ने पर दक्षिण पूर्व क्षेत्र से गुजरने वाली और भी ट्रेन रद्द की जा सकती हैं। कोलकाता मुख्यालय वाले एसईआर क्षेत्र में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड आदि आते हैं।