2018 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया
बता दें, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार के दौरान साल 2018 के अगस्त महीने में कुल 655 पदों के लिए SI भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी. 2019 में सरकार भी बदल गई लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई. इसके बाद राज्य की नई सरकार (कांग्रेस) ने साल 2021 के अक्टूबर में 975 पोस्ट के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया था.
कांग्रेस सरकार में दूसरी बार शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया
SI भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली. इस दौरान शारीरिक नापजोख जून-जुलाई 2022 में हुआ, प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई, जबकि मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई. इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 से 30 जुलाई 2023 के बीच आयोजित की गई, और अंत में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच लिया गया. परीक्षा को पूरा हुए 1 साल से अधिक हो गया, इस बीच एक बार फिर सरकार बदल गई. 2023 में भाजपा ने फिर से सरकार बनाई, लेकिन अब तक परीक्षा के परीणाम जारी नहीं हुए।
अब तक जारी नहीं हुए परिणाम
परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर अभ्यर्थी कई बार आंदोलन कर चुके हैं. आमरण अनशन, मुंडन संस्कार, स्वच्छता अभियान और रक्तदान के जरिये कर अभ्यर्थी कई बार रिजल्ट की मांग कर चुके हैं. हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब जल्द ही अभ्यर्थियों की परेशानी खत्म होने की उम्मीद है.
SI भर्ती परीक्षा का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट
SI भर्ती परीक्षा का मामला अदालत में पहुंच गया है. 29 जनवरी, 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद, 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इस चयन के बाद, जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए, उन्होंने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए. याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे. इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई. 20 मई, 2024 को बिलासपुर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था, और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया. हालांकि, कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ, जिससे अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और अनशन किया.
हाईकोर्ट ने 15 दिन के अंदर परीणाम जारी करने का दिया आदेश
आज 16 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर परीक्षा परीणाम जारी करने के आदेश दिए हैं. अब देखने वाली बात है कि क्या अभ्यर्थियों को 15 दिन के भीतर परीक्षा परिणाम को लेकर राहत मिलेगी या नहीं.
Oct 16 2024, 16:44