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तेलासीपुरी धाम का दौरा कर गुरुदर्शन मेले की तैयारी का  कलेक्टर-एसपी ने लिया जायजा

रायपुर-    बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के ग्राम तेलासी पहुंचकर गुरुदर्शन मेले के लिए की जा रही प्रशासनिक तैयारियों का जायजा आज कलेक्टर दीपक सोनी और एसपी विजय अग्रवाल ने लिया। बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि तेलासीबाड़ा में आगामी 12 अक्टूबर को गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले में हजारों की संख्या में देश- प्रदेश से श्रद्धालु यहां जुटते हैं।

जिला प्रशासन ने मेला प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ विभिन्न स्थलों को दौरा कर बारीकी से व्यवस्था से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया। प्रमुख रूप से उन्होंने मंदिर परिसर, बाड़ा, जैतखाम, पार्किंग एरिया, सुरक्षा, लाइटिंग, पेयजल की व्यवस्था आदि का स्थल निरीक्षण किया तथा सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। यहां पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए हेलीपैड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व

जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 40 किलोमीटर दूर भैसा से आरंग मार्ग में ग्राम तेलासी स्थित है। जहां पर बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि स्थित है। इसे सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि व स्थानीय लोगों द्वारा तेलासी बाड़ा भी कहा जाता है। सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। सन् 1840 के लगभग तेलासी बाड़ा का निर्माण गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र बालक दास द्वारा किया गया और उनका तेलासी बाड़ा में जीवन यापन चलता रहा, जो कि आज भी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थित हैं।

केदार कश्यप ने हरियाणा में कांग्रेस के जलेबी ऑर्डर को लेकर कसा तंज, कहा-

रायपुर-    हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा शानदार जीत की साथ सत्ता की ‘हैट्रिक’ लगाई है। रिजल्ट आने से पहले कांग्रेस ने जीत की उम्मीद के साथ जलेबी का ऑर्डर दिया था। इसे लेकर अब छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने तंज कसते हुए विपक्ष की कांग्रेस पार्टी को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 15 वर्षों से लगातार मिठाइयों को ऑर्डर दे रही है, लेकिन ऑर्डर उठा नहीं पा रही है। उनका काम नहीं चल पा रहा है, उनके नेता नहीं चल पा रहे हैं। इस बार भी उन्होंने जलेबी का आर्डर दिया था, लेकिन जलेबी भी नहीं चल पाई।

शपथ ग्रहण समारोह में जलेबी खिलाएंगे: केदार कश्यप

मंत्री कश्यप ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि हम आमंत्रित करते हैं उनको (कांग्रेस को)। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में आए उस दिन उनको जलेबी खिलाएंगे। कांग्रेस के लोग बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता कह रहे थे कि अपना नाम बदल लेंगे अब पता नहीं कौन सा नाम रखेंगे।

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर ली चुटकी

छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अमरजीत भगत ने भी हार पर मूंछ मुंडवाने का दावा किया था। इसे लेकर मंत्री केदार कश्यप ने चुटकी लेते हुए कहा कि मूंछ कटवाने की बात हुई थी, बाद में पता चला कि मूंछ छटवाया है। जिनकी मूंछ को जनता ने ही काट दिया है, वो तो अब मूंछ दिखाने के लायक भी नहीं रहे।

जम्मू-कश्मीर में हार को लेकर मंत्री कश्यप का बयान

वहीं उन्होंने जम्मू कश्मीर में आए परिणाम को लेकर कहा कि हमारा जो परफॉर्मेंस था, उससे वहां वोट प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. आने वाले समय में बेहतर काम करेंगे, क्योंकि जम्मू कश्मीर भारत का ही अंग है। नरेंद्र मोदी की जो भी योजनाएं हैं उनका वहां कार्य नजर आया है।

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना

मंत्री कश्यप ने रायपुर दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चुने जाने को लेकर विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए देश में नेता खोजना मुश्किल हो चुका है। कांग्रेस के बड़े नेता ही सर दर्द बन चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में सेक्स एजुकेशन को लेकर बयान

वहीं सेक्स एजुकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेक्स एजुकेशन को वेस्टर्न कॉन्सेप्ट मानना गलत है। इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती। इसलिए भारत में इसकी शिक्षा बेहद जरूरी है। छत्तीसगढ़ में सेक्स एजुकेशन को लेकर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे बच्चों को गुड टच और बेड टच की जानकारी दी जाती है। इसे बेहतर और वृहद रूप में कैसे अच्छा करें, इस पर कार्य किया जाएगा।

वहीं छत्तीसगढ़ में महतारी सदन के निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। इसे लेकर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पंचायत मंत्री ने हमारी माता बहनों को सशक्त करने के लिए लगातार नई योजना बनाई है। निश्चित तौर पर माता बहनों के लिए कार्य किया है और इसी दिशा में महतारी सदन की भी स्वीकृति दी है।

सफलता के लिए संघर्ष, त्याग और समर्पण की भावना जरूरत: मंत्री टंकराम वर्मा
रायपुर-     मंत्री टंक राम वर्मा ने खिलाडियों को प्रेरित करते हुए कहा कि बिना किसी कठिन परिश्रम के ऊंचाईयों तक नहीं पहुंचा जा सकता, यदि हम इतिहास के महान लोगों के जीवन को देखे, तो उनके जीवन में संघर्ष, त्याग और समर्पण जुड़ा हुआ है। खेल मंत्री टंक राम वर्मा आज राजधानी के जे.आर.दानी स्कूल में आयोजित 24वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के समापन समारोह में पहुंचे। विगत चार दिनों से आयोजित इस प्रतियोगिता में राज्य के सभी संभागों के स्कूल के 1790 खिलाड़ी और 300 कोच शामिल हुए। इस प्रतियोगिता में रायपुर संभाग को ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब दिया गया।
मंत्री श्री वर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए प्रतियोगिता एक बेहतरीन मंच है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार में खेल प्रतिभा को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अलंकरण दिवस समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के ऐसे खिलाड़ी जो ओलंपिक में गोल्ड मैडल विजेता होंगे, उन्हें 3 करोड़ रूपए से पुरस्कृत करने की घोषणा की।
मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि आज यहां उपस्थित खिलाड़ी राज्य स्तरीय खेल में शामिल होने आए हैं, सरकार की मंशा है कि खिलाड़ी न केवल राज्य स्तर अपितु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम गौरवान्वित करें। प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करने का अवसर मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खेल से शारीरिक और मानसिक विकास के साथ टीम भावना का विकास होता है। खेल में हार-जीत लगा रहता है, हार कर बैठना बुरी बात है।
ज्ञात हो कि राज्य स्तरीय शालेय कीड़ा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य के 05 संभाग से लगभग 1790 प्रतिभागी खिलाड़ी एवं 300 कोच सम्मिलित हुए। विगत 04 दिनों से चलने वाली इस प्रतियोगिता में 10 खेलों बास्केटबाल, हॉकी, फुटबॉल, रोलर स्केटिंग, स्क्वैश, सॉफ्ट टेनिस, बॉक्सिंग, ताईक्वाण्डो, साइकिलिंग एवं तीरंदाजी के खिलाड़ी प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर विधायकगण मोती लाल साहू और पुरंदर मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, जिला क्रीडा अधिकारी आई.पी. वर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, खिलाड़ी और कोच सहित स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
लाइब्रेरी आए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी लिया यहां के फरा-चटनी का स्वाद, सैंडविच के साथ चाय भी पी

रायपुर-   राजधानी रायपुर के तक्षशिला स्मार्ट रीडिंग जोन एवं लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आने वाले युवाओं को चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन के लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ती। संस्कृति स्वसहायता समूह द्वारा यहां संचालित कैंटीन में सभी कुछ मौजूद है। मंगलवार को तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्था देखने आए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी युवाओं से चर्चा करते यहां के फरा-चटनी, सैंडविच और कुल्हड़ में चाय का स्वाद लिया। उन्होंने इनके स्वाद की तारीफ भी की।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्थाओं के साथ ही यहां स्वसहायता समूह द्वारा संचालित कैंटीन के इंतजाम का भी जायजा लिया। उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा कर यहां बनाए जाने वाले व्यंजनों, उनकी बिक्री और आमदनी की जानकारी ली। रायपुर नगर निगम द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के तहत समूह को यहां कैंटीन के संचालन के लिए जगह उपलब्ध कराई गई है। इससे जहां स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले युवाओं को कम दरों पर चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन सुलभ हो रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव को संस्कृति स्वसहायता समूह की अध्यक्ष रोशनी सोनी ने बताया कि अप्रैल-2024 से समूह द्वारा तक्षशिला लाइब्रेरी में कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। यहां चिला, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ ही मैगी, सैंडविच, दाल, चांवल, रोटी इत्यादि बनाया जाता है। वे टिफिन सर्विस भी दे रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी खर्चों की कटौती के बाद समूह को हर महीने 35-40 हजार रुपए की आमदनी हो रही है।

सुरक्षाबल की सक्रियता से दहशत, झीरम घाटी हमले को अंजाम देने वाले दरभा डिवीजन से जुड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

जगदलपुर-  नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुए मुठभेड़ से नक्सली सकते में हैं. इसका परिणाम है कि वर्ष 2013 में झीरम घाटी हमले को अंजाम देने वाले दरभा डिवीजन के चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें से एक माओवादी पांडु पर एक लाख रुपए का इनाम था.

आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी दरभा डिवीजन के कांगेर नेशनल पार्क एरिया कमेटी के सदस्य हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक महिला माओवादी भी शामिल है. बस्तर पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा ने इन्हें आत्मसमर्पण योजना के तहत लाभ और प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है.

दरभा डिवीजन 2005 से 2015 तक नक्सली गतिविधियों का मुख्य केंद्र था, लेकिन 2016 के बाद से इसमें गिरावट आई है. वरिष्ठ नक्सली नेताओं के मारे जाने और आत्मसमर्पण के कारण क्षेत्र के अधिकांश नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिससे नक्सली गतिविधियों में कमी आई है.

नारी सशक्तिकरण में टसर धागाकरण निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका, प्रीति अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने सपने को कर रही है साकार

रायपुर-   नारी सशक्तिकरण के माध्यम से एक सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामोद्योग संचालनालय की टसर धागाकरण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जशपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुमारी प्रीति चौहान जैसी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रीति ने टसर धागाकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वह इस कार्य में अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। गरीब परिवार से आने वाली प्रीति आज अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं और अपनी बचत से खेती में भी योगदान दे रही हैं। उनके खाते में अब तक 1 लाख 2 हजार रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जशपुर जिले में धागाकरण प्रशिक्षण देकर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपने गाँव में ही रोजगार मिल सके और उन्हें अन्य राज्यों की ओर रोजगार के लिए देखना न पड़े। टसर धागाकरण से जुड़ी अन्य महिलाएं भी अब गरीबी से उबरकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से उन्हें न केवल धागाकरण का कार्य मिला है, बल्कि वे अपनी कृषि भूमि पर खेती कर उन्नत किस्म का धान और अन्य फसलें भी उगा रही हैं। कई महिलाएं जो कभी साइकिल खरीदने का सपना देखती थीं, अब इस योजना से मिली आय से दोपहिया वाहन भी खरीद रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।

रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को कोकून बैंक के माध्यम से कोसा उपलब्ध कराया जाता है और उनके द्वारा उत्पादित धागे को विपणन कर उनकी आय को सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। इस प्रकार टसर धागाकरण योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही हैं, बल्कि उनका समाज में एक अलग पहचान भी बन रही है। नारी सशक्तिकरण के इस प्रयास से महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

बंदी की मौत को हाई कोर्ट ने माना सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही, शासन को दिया मुआवजा देने का आदेश…

बिलासपुर- जेल में बंदी की मौत के लिए राज्य के कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हुए हाई कोर्ट ने शासन को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन नहीं होने पर उक्त राशि पर 9% ब्याज देना होगा. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच में हुई.

जानकारी के मुताबिक, सीपत पुलिस ने 18 जनवरी को ग्राम मोहरा निवासी 35 वर्षीय श्रवण सूर्यवंशी उर्फ सरवन तामरे को कच्ची शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. मेडिकल कराने के बाद उसे 18 जनवरी को बिलासपुर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया. 21 जनवरी को स्वास्थ्य खराब होने पर जेल से उसे सिम्स में भर्ती कराया गया, जहां 22 जनवरी की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मर्ग कायम कर उसी दिन शाम को पोस्टमार्टम कराया, जिसमें सिर में चोट व सदमे से उसकी मौत होने की बात कही गई. मृतक श्रवण की बेवा लहार बाई व नाबालिग बच्चों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजा की मांग की. मामले की न्यायिक जांच कराई गई, इसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने जांच प्रतिवेदन में सिर के चोट लगने के कारण मौत होने की रिपोर्ट दी.

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता मृतक की विधवा पत्नी और बेटियाँ हैं. राज्य के कर्मचारियों की लापरवाही से मौत हुई है. गलत तरीके से हुए नुकसान के लिए बंदी के परिजन मुआवजे के हकदार हैं.

कोर्ट ने बार-बार इस तरह के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस/जेल अधिकारी इसका हिस्सा है. राज्य एक निवारक प्रभाव डाले, ताकि उसके अधिकारी ऐसा न करें. ऐसे कृत्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाए. इसके साथ ही श्रवण सूर्यवंशी की असामयिक मृत्यु पर कोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ताओं को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया.

प्रमिला और लीना के जीवन में महतारी वंदन योजना आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बना

रायपुर-    बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी में निवासरत कुम्हार समाज से जुड़े प्रमिला चक्रधारी और उनकी बहू लीना चक्रधारी के लिए महतारी वंदन योजना किसी वरदान से कम नही है। प्रमिला ने इस योजना से मिली राशि का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए ज़रूरी समान खरीदने में करती है वहीं लीना ने इस राशि का उपयोग अपने घर को बेहतर ढंग से चलाने में करती है, जिससे घर की छोटी-छोटी ज़रूरतें पूरी हो रही है। यह योजना अब सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि सास-बहू दोनों के जीवन में आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई।

बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी के प्रमिला के पति मालिक राम परंपरागत कुम्हार का काम करते हैं। समय के अनुसार मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। प्रमिला भी अपने पति के साथ मिलकर मिट्टी से जिंदगी संवारने का काम करती है। बर्तन बनाने का यह हुनर, उनके जीवन का आधार है। लेकिन कभी-कभी यह हुनर भी आर्थिक तंगी के सामने छोटा पड़ जाता है। उनके बेटे उमेश चक्रधारी रोजी- मजदूरी करके परिवार की गाड़ी चलाता है, जबकि उनकी पत्नी लीना जो गृहणी हैं, घर के कामकाज में लगी रहती हैं। लीना और उमेश की शादी को अभी दो साल ही हुए हैं लेकिन यह छोटा सा परिवार पहले से ही चुनौतियों के बीच अपनी राह बना रहा है। इन चुनौतियों से निजात दिलाने का काम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महतारी वंदन योजना ने किया।

महतारी वंदन योजना के तहत प्रमिला और लीना दोनों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल रही है। इस योजना की मदद से उनके जीवन में नई उम्मीद की किरण आई है। प्रमिला कहती है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महिलाओं के हित में शुरू की गई महतारी वंदन योजना ने हमें वह सहारा दिया है, जो हमें कभी नहीं मिला था। हम मेहनत तो करते थे, लेकिन आर्थिक मजबूरी ने हमें हमेशा विवश कर रखा था। इस योजना से मिली राशि से अब हम अपनी मेहनत को और आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं लीना की आँखों में भी एक नई चमक है। वह कहती है कि हमारा छोटा परिवार अब और मजबूती से खड़ा है। इस मदद ने हमें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। दोनों सास-बहू मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते है कि इस योजना ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से बल्कि पूरे सम्मान के साथ जीवन यापन करने के लिए सशक्त बनाया है। आज प्रमिला और लीना परिवार अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने भविष्य की नींव और भी मजबूत कर रही हैं।

बैक टू आयुर्वेद : छत्तीसगढ़ के धमतरी में बूटीगढ़ की स्थापना, आयुर्वेदिक रसशाला बन रही आकर्षण का केंद्र

रायपुर-      छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जल संरक्षण और आयुर्वेद को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रयास किया गया है। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला नवाचार है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयुष विभाग और धमतरी जिला प्रशासन के इस नवाचार की सराहना की है और ज्यादा से ज्यादा वन संपदा को सहजने और लोगों को आयुर्वेद के बारे में जागरूक करने के लिए कहा है। इस पहल के अंतर्गत जिला प्रशासन ने आयुर्वेद को स्थानीय लोगों के जीवन में सम्मिलित करने के लिए विशेष रूप से जिले के वंनाचल ग्राम सिंगपुर (बूटीगढ़) में आयुष रसशाला (औषधीय पेय केंद्र) की स्थापना की गई है।

बूटीगढ़ क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से औषधिगुणयुक्त पौधे पाये जाते हैं, इसलिए यहां हर्बेरियम का निर्माण किया जा रहा है। औषधिगुणयुक्त पौधों के संवर्धन, प्रचार-प्रसार और उपयोगिता के लिए रसशाला निर्मित किया जा रहा है। इस रसशाला के माध्यम से स्थानीय लोगों, छात्रों और पर्यटकों को रसपान का लाभ मिल सकेगा।

आयुर्वेद में पानी का महत्व अनमोल है, क्योंकि यह शरीर के सभी प्रमुख तत्वों को संतुलित रखता है। धमतरी जिले में "जल जगार" कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण के साथ-साथ आयुर्वेदिक पेय पदार्थों और औषधियों की उपयोगिता को भी प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में उपस्थित आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने बूटीगढ़ और रसशाला के महत्व को बताते हुए यह जानकारी दी कि कैसे एक परिवार और समाज शुद्ध पानी और आयुर्वेदिक खानपान को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

बेहतर मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य के लिए दिया जा रहा काढ़ा

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध पचौरी ने बताया कि 160 प्रकार की जड़ी-बूटियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से पहले चरण में बूटीगढ़ में 25,000 पौधे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिन्हें आयुर्वेदिक उपचार के लिए चूर्ण या टैबलेट बनाकर इस्तेमाल भी किया जा रहा है। समय के साथ जब बूटीगढ़ विकसित होने लगेगा तो रसशाला के जरिए लोगों को आयुर्वेद के प्रति और भी जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही बूटीगढ़ में विलुप्त होने वाली जड़ी-बूटियों को भी सहजा जा रहा है, ताकि भविष्य में इन पर शोध हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभिन्न आयुष केंद्रों में योग करने आये लोगों, मरीजों, गर्भवती महिलाओं , किशोर-किशोरियों व बच्चों को विभिन्न जड़ी-बुटियों से बना काढ़ा, औषधी स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे लोगों के मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिर्वतन देखने को मिल रहा है।

हृदय रोगियों के लिए रामबाण है ‘अर्जुन क्षीरपाक*

डॉ. अवध पचौरी के मुताबिक कोविड काल के बाद से ही लगातार ये देखा जा रहा है कि अचानक हार्ट अटैक से किसी भी उम्र वर्ग के व्यक्ति की ऑन-द-स्पॉट मृत्यु हो रही है, जान बचाने के लिए समय भी नहीं मिल पा रहा है, जो एक चिंता का विषय बन चुका है। आयुर्वेद में अर्जुन पेड़ की छाल से बनें ‘अर्जुन क्षीरपाक’ के नियमित सेवन इंस्टेंट हार्ट अटैक के मामलों में कमी लाई जा सकती है। अर्जुन की छाल में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जो हृदय की धमनियों को मजबूती प्रदान करते हैं और हृदय की मांसपेशियों को शक्ति देते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है, जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं हैं या जिनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

सामान्य जीवन में बेहद लाभकारी है आयुर्वेदिक औषधियाँ

जिला आयुष अधिकारी डॉ. गुरूदयाल साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में जिले में हुए जल जगार महोत्सव में आयुष विभाग की प्रदर्शनी में बूटीगढ़ और रसशाला की प्रदर्शनी में मुनगा (सहजन) जैसे पौधों के औषधीय गुणों को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें मुनगा का सूप बनाने की विधि बताई गई। साथ ही, विभिन्न जड़ी-बूटियों का अर्क डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से निकाला गया, जिससे रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी औषधियाँ तैयार की जा सकती हैं। बूटीगढ़ और रससाला का उद्देश्य ही यही है कि आमजनों को ज्यादा से ज्यादा औषधीय गुणों से भरे पेड़-पौधों को लेकर जागरूक किया जाए। हमारे घरों में ही कितनी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध होती हैं, जिसके सेवन से मौसमी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। डॉ. गुरूदयाल आगे बताते हैं कि राशि रत्न पौधों को लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधरोपण से प्रकृति को भी सहजा जा रहा है और जल सरंक्षण में भी यह कदम सराहनीय है। साथ ही औषधीय पेड़-पौधों से जीवन में सकारात्मकता भी बढ़ती है।

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ रसशास्त्र से मिली रसशाला की प्रेरणा

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में से एक रसशास्त्र में औषधियों को बनाने की कई विधियों का वर्णन मिलता है। इन प्रक्रियाओं में अलग-अलग यंत्रों का उपयोग किया जाता था, जिनसे औषधियों को शुद्ध और तैयार किया जाता था। महर्षि नागार्जुन को इन विधियों का जनक माना जाता है। इन औषधियों का उपयोग विशेष रूप से बीमारियों के इलाज में किया जाता है। पुराने समय में आयुर्वेदाचार्य कई प्रकार के यंत्रों का इस्तेमाल करते थे। जैसे दोला यंत्र, उलूखल यंत्र, कच्छप यंत्र, और स्वेदनी यंत्र। इन यंत्रों से औषधियाँ बनती थीं, जो आज भी कई बीमारियों में कारगर होती हैं। आयुष रसशाला के जरिए ताजा जड़ी-बूटियों से औषधीय रस, अर्क, क्वाथ और पेय बनाए जाते हैं। ये औषधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होती हैं।

कैम्प कार्यालय के माध्यम से जन समस्याओं का रहा त्वरित निराकरण

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय लगातार जनसमस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा रहा है। उम्मीद के साथ यहां आवेदन देने पहुंच रहे लोगों के चेहरे पर मुस्कान दिखता है। कैंप कार्यालय बगिया त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदन के आधार पर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य बस्ती महुआपानी में पहली बार बिजली पहुंचाने की स्वीकृत दिलाने के साथ ही रायगढ़ जिले की ऐतिहासिक कुर्रा गुफा में विद्युतीकरण का कार्य भी इसी कैंप कार्यालय की पहल का ही परिणाम है। इसी तरह जरूरतमंदों के मदद का कार्य भी यहां पर लगातार किया जा रहा है। जनहित के अन्य कार्यों में श्रवण दोष से पीड़ित कई जरूरतमंद व्यक्तियों को श्रवणयंत्र प्रदान किए गए हैं, जैसे कि मंदाकिनी यादव, सुमित्रा यादव, लालजीत भगत और महिन्दर भगत। इसके साथ ही, पैरों से चलने में असमर्थ गुरुदेव, रातु राम, मानकुंवर नाग, रोहित साहू, अशोक दुबे और टेबुल राम जैसे कई जरूरतमंदों को ट्राई साइकिल और ई-रिक्शा प्रदान किए गए हैं।

बागीचा के मड़िया झड़िया में पीडीएस दुकान स्थापित कर वहां के लोगों को सुविधा देने, सुरेखा बाई व रामरीका बाई के राशन कार्ड बनाने सहित कई पीडीएस से संबंधित समस्याओं का निराकरण कैंप कार्यालय की पहल से किया गया है। इसी प्रकार से रामरिका बाई, अंकित राम जैसे कई जरूरतमंदों को जरूरत के समय तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान करने की पहल कैंप कार्यालय द्वारा की गई है। बिजली से संबंधित समस्या जैसे ट्रांसफर लगाने और बिजली के संचालन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल लगातार कैंप कार्यालय द्वारा की जा रही है।