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नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की रणनीति की हुई सराहना, केंद्रीय गृह मंत्री ने की तारीफ

नई दिल्ली-   देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में जारी नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों पर एक अहम बैठक आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।

इस महत्वपूर्ण बैठक का केंद्र बिंदु छत्तीसगढ़ का हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ नक्सल विरोधी ऑपरेशन था, जिसमें राज्य की पुलिस ने 31 नक्सलियों को ढेर किया। इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस की कुशल रणनीति और राज्य सरकार की योजनाओं की सफलता पर विशेष चर्चा की गई। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय तथा छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी टीम के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बलों ने लगभग 194 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराए हैं। वहीं 801 नक्सली गिरफ्तार हुए एवं 742 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। उन्होंने कहा आज भी जो युवा नक्सलवाद में लिप्त है उनसे आग्रह है कि हथियार छोड़ कर मुख्य धारा से जुड़े। सभी राज्यों ने आपके पुनर्वास के लिए बेहतर योजनाएं बनाई हैं उसका फायदा लीजिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैठक में नक्सल ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने महीनों की मेहनत और प्लानिंग के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन में करीब 1000 जवान शामिल थे, जिन्होंने 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित गवाड़ी पहाड़ को घेरकर 31 नक्सलियों को ढेर किया। इस ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली नेता मारे गए, जिनमें 16 पर कुल 1 करोड़ 30 लाख का इनाम घोषित था। मुठभेड़ में 18 पुरुष और 13 महिला नक्सली मारे गए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि कैसे राज्य की पुलिस फोर्स ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में केवल ऑपरेशन की सफलता पर ही नहीं, बल्कि राज्य में चल रहे विकास कार्यों पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति बढ़ाई गई है। हम निरंतर गाँवों तक बुनियादी सुविधाएँ पहुंचा रहे हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।” श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लगातार मिल रहे मार्गदर्शन में हमने माओवादियों के कोर को तोड़ा। ऐसे एरिया में हमने 32 नये कैम्प स्थापित किये हैं, जिसे वो अपनी राजधानी तक कहते थे। उनकी बटालियन के कमांडर हिड़मा के गाँव में भी हमने कैंप स्थापित किया और उसकी माँ को भी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई।

भविष्य की योजनाओं और लक्ष्य की दी जानकारी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ सरकार की आगे की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य नक्सलियों के बचे हुए गढ़ों को समाप्त करना और इन इलाकों में स्थाई शांति और विकास सुनिश्चित करना है। निकट भविष्य में, दक्षिण बस्तर में 29 नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जाएगी, ताकि नक्सलियों के प्रभाव को खत्म किया जा सके।


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा केंद्र हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में हुए सफल ऑपरेशन की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे भी छत्तीसगढ़ की खुफिया तकनीकी और आपसी समन्वय के आधार पर अपने अपने राज्यों में ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सहित अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए पूरा समर्थन देगी।

पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, जनपद अध्यक्ष सहित 6 सदस्य भाजपा में शामिल

सक्ती-  पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. सक्ती जिले के जैजैपुर में जनपद अध्यक्ष रोशनी चंद्रा सहित 6 जनपद सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं.

जिला अध्यक्ष के के चंद्रा ने सभी नए सदस्यों को भाजपा में शामिल कराते हुए उनका स्वागत किया. भाजपा प्रवेश करने वाले जनप्रतिनिधियों में जनपद अध्यक्ष रोशनी चंद्रा के अलावा किशन साहू, नारायण निराला, रंभा भारद्वाज, अंजनी सिदार, कृष्ण कुमार चंद्रा और राधे श्याम चंद्रा शामिल हैं.

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक
रायपुर-     छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक आज रायपुर के आबकारी भवन में आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने की। संचालक मंडल की इस बैठक में बेवरेज कारपोरेशन के विभिन्न एजेंडों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सर्वप्रथम 21 अगस्त को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्तीय विवरणों का अनुमोदन भी किया गया। बैठक में बेवरेज कार्पोरेशन द्वारा दुर्ग एवं बिलासपुर के गोदामों में हाउस कीपिंग कार्य के लिए निविदा जारी करने कार्य का अनुमोदन किया गया, साथ ही अरसनारा-दुर्ग गोदाम के लिए एक नग जेनरेटर क्रय करने की भी स्वीकृति प्रदान की गयी।
अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने सरगुजा संभाग में वाइन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं आस पास के जिलों में स्टाक उपलब्धता के लिए मनेंद्रगढ़ में बेवरेज डिपो या गोदाम के संचालन का प्रस्ताव रखा जिस पर संचालक मंडल ने अपनी सहमति प्रदान की । मनेन्द्रगढ़ में बेवरेज गोदाम खुलने से गौरेला पेंड्रा मरवाही, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, कोरिया और सूरजपुर जिलों की वाइन दुकानों के लिए स्टाक का स्टोरेज किया जाएगा। बैठक में सचिव वाणिज्य कर आबकारी आर शंगीता, प्रबंध संचालक स्टेट बेवरेज कार्पोरेशन श्याम धावड़े, सचिव वित्त विभाग शारदा वर्मा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
भव्य सशस्त्र सैन्य समारोह: सैन्य प्रदर्शनी में दिखे आर्मी के आधुनिक हथियार
रायपुर-   राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित तीन दिवसीय भव्य सशस्त्र सैन्य समारोह में 100 से अधिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस समारोह में भीष्म टी-90 टैंक और स्ट्रेला-10 एमएम वेपन सिस्टम आकर्षण बने हुए हैं. इसके साथ ही सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन बना हुआ है जो सबसे छोटा है और दुश्मनों की हर चाल पर निगरानी रखता है. इस ड्रोन की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये है.

ब्लैक हॉरनेट ड्रोन

ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर जाकर पूरी तरह से रेकी करता है. दुश्मन क्या कर रहा है और क्या नहीं पूरी तरह से नजर रखा जाता है. इसे जवान कंट्रोल करते हैं. करीब 2 किलोमीटर तक ब्लैक हॉरनेट काम करता है और साइज में सबसे छोटा हथियार माना जाता है.

ब्लैक हॉर्नेट-3 यूएसए मेड ड्रोन है, जिसे पॉकेट में भी आसानी से रखा जा सकता है. इसकी डिजाइन हेलीकॉप्टर की तरह है. देश में उपयोग किए जाने वाले ड्रोन में यह सबसे छोटा है. इस ड्रोन की रेंज 3 किमी है और स्पीड 6 मीटर प्रति सेकंड है. इसमें 25 मेगा पिक्सल कैमरा लगा हुआ है जो आसानी से दुश्मनों के मूवमेंट को कैप्चर कर सकता है.

भीष्म टी-90

भीष्म टी-90 टैंक के साथ स्ट्रेला-10 एमएम वेपन सिस्टम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यह सिस्टम एयरक्राफ्ट को मार गिराने की क्षमता रखता है. रूस में तैयार किया गया यह एयर डिफेंस सिस्टम है. ये टैंक की तरह दिखता है, लेकिन है नहीं. जंग के समय पैदल सैनिकों पर हवाई हमले के दौरान यह सिस्टम दुश्मन के दांत कठोर कर सकता है. जब कोई हेलिकॉप्टर या जेट फाइटर थोड़ा नीचे आकर निशाना लगाता है, तब स्ट्रेला मिसाइल छोड़कर उसे नष्ट कर देता है.

इसमें आप्टिकल और इंफ्रारेड गाइडेंस का भी इस्तेमाल किया गया है. वहीं टैंक की बाम तरह दिखने वाले बीएमपी व्हीकल व्यर में छह जवान बैठते हैं. इसमें भी व मिसाइल लगी होती है. ये दलदल या में गहरे पानी में तैरकर भी जवानों को के दूसरी ओर पहुंचाता है. करीब दो किलोमीटर तक ये भीष्म टी-90 दुश्मन के पूरे एरिया को ध्वस्त कर सकता है.

7.62 एमएम मीडियम मशीन गन

7.62 एमएम एक मीडियम रेंज की मशीनगन है. जिसका प्रयोग पर्वतीय इलाके में किया जाता है. ये पूरी तरह से स्थचालित एया कुराड, बेल्ट फेड, गैस संचालित हथिया है. इसका वजन 11 किलो और इसके बैरल का वजन 3 किलो होता है. ये एक मिनट में 650 से 1000 गोली फायर कर सकता है. इसकी रेंज 1800 मीटर है.

साको स्नाइपर राइफल (Sako TRG)

साको स्नाइपर राइफल फिनलैंड में बनी एडवांस लाइन है. इसको इफेक्टिव रेंज लगभग 1500 मीटर है. इसकी muzzle velocity 900 मीटर पर सेकंड है और इसकी लेंथ 1200mm है.

त्रिनेत्र ड्रोन (Trinetra Drone)

यह हल्के वजन का गन है. निगरानी और अभियानों के लिए बनाया गया ड्रोन है. 1,325 ग्राम का यह ड्रोन 6 से 10 किमी की रेंज तक उड़ सकता है. इसकी खास बात यह है कि बैटरी डाउन होने की स्थिति में यह ऑटोमेटिक ही अपने स्टेशन तक पहुंच जाता है. यानी सेंटर से दूरी के अनुसार बची हुई. बैटरी के अनुसार यह अनुमान लगा लेता है और सेंटर तक पहुंच जाता है. यह ड्रोन सेना में 2025 में शामिल होगा.

84 एमएम आरएल एमके

84 एमएम आरएल एमके स्वीडन का बना हथियार है. इसका वजन 7 किलो और लंबाई 1 मीटर है. यह एंटी टैंक, एंटी पर्सनल, सभी प्रकार के गोला-बारूद का उपयोग वाहनों, लोडिंग क्राफ्ट, कॉन्क्रीट बंकर के अलावा दिन है के वक्त धुंआ और रात के वक्त रोशनी देने के के काम में लाया जाता है.

एमएम यूबीजीएल

यह एक तरह का ग्रेड लॉन्चर है. जिसे एके 47 और इंसास राइफल में उपयोग किया जा सकता है. इसे राइफल के साथ अटैच कर दिया जाता है. इससे आसानी से सैतिक गोली चलाने के साथ ही जरूरत के समय ग्रेनेड भी चला सकता है. इसका फायदा यह कि यदि कोई दुश्मन किसी दीवार या पत्थर के पीछे छुपा है. तो उस एरिया को आसानी से डिस्ट्रॉय किया जा सकता है.

पूर्व CM का करीबी केके श्रीवास्तव भगोड़ा घोषित: बैंक खातों से हुआ था करोड़ों का लेन-देन

रायपुर-  कांग्रेस की सरकार के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी रहे केके श्रीवास्तव को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। केके श्रीवास्तव पर 15 करोड़ की ठगी का आरोप है और वह लगातार फरार चल रहे है। तेलीबांधा थाना पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच अब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया है। जिसके मुताबिक जो भी केके श्रीवास्तव आरोपी को गिरफ्तार करायेगा उसे दस हज़ार की नगद राशि दी जायेगी।

बता दें कि केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी सहित अन्य काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से ठेका दिलाने के नाम पर क़रीब पंद्रह करोड़ रुपये लिए और ठेका नहीं मिलने पर 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटा देने का वादा किया। इसके बाद जब तय दिन तक पैसा नहीं मिला तो अशोक रावत ने थाने में शिकायत करने की चेतावनी दी, तब उन्होने कंचन श्रीवास्तव के अकाउंट से विभिन्न खातों में तीन करोड़ 40 लाख रुपये वापस लौटाया और तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक दिए। बाद में तीनों चेक बाउंस हो गए।

जांच के मुताबिक मामला सिर्फ पंद्रह करोड़ तक ही सिमटा नहीं है, बल्कि केके श्रीवास्तव के खातों में करीब 300 सौ करोड़ से ज्यादा का ट्राजेंक्शन हुआ है। जिसे फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया है। हैरानी वाली बात यह है कि यह खाते ईडब्ल्यूएस मकानों के रहने वालाें नाम पर है। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ईडी भी जल्द ही इस मामले की जांच शुरू कर सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाराजा चक्रधर सिंह को उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाराजा चक्रधर सिंह को 7 अक्टूबर उनकी पुण्यतिथि पर नमन किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि रायगढ़ के महाराजा चक्रधर सिंह का संगीत और शास्त्रीय नृत्य कला की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने नृत्य और संगीत विधा की अनेक साहित्यिक कृतियों की रचना की। उनकी कला के प्रति साधना के कारण शास्त्रीय नृत्य के रायगढ़ घराना को जाना जाता है। राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान में चक्रधर सम्मान की स्थापना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाराजा चक्रधर सिंह के संगीत और नृत्य कला के संवर्धन और संरक्षण में योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए हर वर्ष रायगढ़ में अखिल भारतीय चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाराजा चक्रधर सिंह के संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

पहाड़ी क्षेत्र की रामबाई के लिए महतारी वंदन योजना की राशि किसी संजीवनी से कम नहीं

रायपुर-   अपने घर की परछी में मक्के का बीज निकालती रामबाई खुश है कि इस बार दशहरा-दीपावली के त्यौहार के समय बहुत ज्यादा आर्थिक समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। कोरबा शहर से लगभग सौ किलोमीटर दूर जंगल और पहाड़ी इलाकों में रहने वाली रामबाई के लिए जीवनयापन किसी जद्दोजहद से कम नहीं है। वह बताती है कि जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महतारी वंदन योजना शुरू की है तब से उन्हें अपने खाते में हर माह एक हजार रुपए आने की गारण्टी मिल गई है। उनका कहना है कि वह आने वाले दशहरा-दीपावली को बीते बरसो की तुलना में बहुत बेहतर तरीके से मनाएगी।

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में दूरस्थ क्षेत्र ग्राम जजगी में रहने वाली रामबाई आयाम बताती है कि इस बार बरसात ठीक-ठाक हुई है लेकिन पहाड़ी इलाकों में पानी का ठहराव कुछ देर तक नहीं रहता। इन इलाकों में मक्के की फसल लेनी होती है। उन्होंने अपनी बाड़ी में मक्के की फसल ली थी, अब मौसम के साथ ही मक्के को तोड़कर बीज अलग कर रही है। रामबाई ने बताया कि उनके क्षेत्र में धान का फसल लेना बहुत बड़ी चुनौती है। कई बार मौसम दगा दे जाता है। बारिश नहीं होने पर भी खेत में ही फसल सूख जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर ग्रामीण मक्के सहित कम पानी में पैदा होने वाले फसलों पर ध्यान देते हैं और जीविकोपार्जन के लिए बकरी सहित अन्य पशुओं का पालन करते हैं। रामबाई ने बताया कि उनके गाँव में अधिकांश गरीब परिवार निवास करते हैं। गांव की ज्यादातर महिलाएं जीवकोपार्जन के लिए बहुत जद्दोजहद करती हुई घर चलाती है, उन्हें दिन भर कुछ न कुछ परिश्रम करना पड़ता है। ऐसे में जब महतारी वंदन योजना की शुरूआत हुई तो कुछ महिलाओं को भरोसा नहीं था कि हर माह उनके खाते में एक हजार आएगा। अब जबकि 7 महीने हो गए हैं और एक हजार रुपये निरंतर खाते में आ रहा है तो उनका भरोसा और विश्वास छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति बढ़ता ही जा रहा है। रामबाई ने बताया कि आने वाले समय में दशहरा-दीपावली है। इस दौरान माह में मिलने वाली एक हजार की राशि उनके जैसी अनेक जरूरतमंद महिलाओं के लिए खुशियों के साथ त्यौहार मनाने में मददगार साबित होगी। इस राशि से वे कुछ कपड़े, मिठाई सहित अन्य जरूरी सामग्री अवश्य खरीद पाएंगी।

हाफ मैराथन के जरिये, जल बचाने दिखाया उत्साह

रायपुर-    ज़िले में जल जगार महा उत्सव के दौरान रविवार दूसरे दिन अल सुबह हाफ मैराथन में सैकड़ों की तादाद में लोग पहुँचे और जल जागरूकता के लिए आयोजित इस विराट आयोजन का हिस्सा बने। रविशंकर जलाशय गंगरेल डैम के मुहाने से शुरू हुई इस हाफ मैराथन को तीन श्रेणियों में आयोजित किया गया। इसमें गंगरेल हाफ मैराथन, एन्डुरन्स रन और वॉकेथॉन शामिल है।

गौरतलब है कि गंगरेल हाफ मैराथन के तहत 21.1 किलोमीटर का मैराथन में 18 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु वर्ग तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी हिस्सा लिये । इसी तरह एन्डुरन्स रन के तहत 10 किलोमीटर का मैराथन में 15 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी शामिल हुए। इसके साथ ही पारिवारिक मनोरंजन के लिए वॉकेथॉन के तहत 5 किलोमीटर का मैराथन में पुरुष और महिला दोनों श्रेणी में लोग हिस्सा लेते नज़र आये। ज्ञात हो यह पूरा आयोजन गंगरेल डैम के गेट से लेकर कुकरेल तक आयोजित किया गया।

लोगों ने लिया जल ओलंपिक का आनंद

रायपुर-     धमतरी के रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दूसरे दिन रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से प्रतिभागी और लोग पहुँचे। इस दौरान सबमें जल ओलंपिक को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। यहाँ पहुँचे लोगों ने कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाईल स्वीमिंग, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग आदि का भरपूर आनंद लिया।

इस अवसर पर रायपुर के संजय बच्चानी, अमित गोयल, राकेश ने धमतरी में जल संरक्षण के लिए की गयी पहल विशेषकर सामुदायिक सहभागिता से किए गए प्रयास और उसके परिणाम को खूब सराहा। प्रतिभागियों का मानना है कि यह केवल शासन-प्रशासन की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है कि जल संरक्षण के लिए जागरूक हों और पानी की हर बूँद को बचाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर, पेड़ों की कटाई, सॉइल इरोशन सब विषयों पर चिंता करते हुये भविष्य के लिए जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनायें, पौधारोपण की दिशा में काम करना चाहिए। यहाँ जल ओलंपिक में बिलासपुर से आए वेदांत वर्मा ने बताया कि तैराकी उनका शौक़ है, इसलिए जल ओलंपिक में वे हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए, क्योंकि जल है तो कल है। गौरतलब है कि ज़िला प्रशासन ने जल जगार महा उत्सव में जल ओलंपिक के लिए गंगरेल बांध में प्रतिभागियों के लिए लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।

स्कूली बच्चे ग्राम सभा में पारित किए जल और वन संरक्षण के लिए संकल्प को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सराहा

रायपुर-   लोगों को जल से जोड़ने एवं सामुदायिक सहभागिता के उद्देश्य गंगरेल जहां दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव मनाया गया। वहाँ समुदाय का हर वर्ग इसका अंग बने यह भी कोशिश है । इसी कोशिश का एक हिस्सा है जल सभा। धमतरी शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर गंगरेल में स्थित रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल(डैम) के निकट जल सभा का भी आयोजन किया।

पहले दिन जल सभा का आयोजन गंगरेल रेस्ट हाउस के परिसर में किया गया। इसमें स्कूली बच्चों ने बढ़चढ़कर सहभागिता निभाई थी। जब शाम के वक़्त प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय पहुँचे तब बच्चों ने जीवंत ग्राम सभा का प्रदर्शन किया। बच्चों ने ग्राम सभा में आयोजित होने वाली विभिन्न कार्रवाही के साथ विभिन्न मुद्दों एवं जल संरक्षण के लिए पारित संकल्पों से अवगत कराया।

यह भी बताया कि ग्राम सभा में गाँव में पेयजल और स्वच्छता समिति गठित की गई है और जल वाहिनी दीदियाँ नियुक्त की गयी हैं, जो जल और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सुझावों से अवगत कराती हैं। उनके गाँव में गंदे पानी के उपचार के लिए भी कार्रवाही होती है। फ्लोराइडयुक्त पानी वाले हैंडपंप को लाल और आयरन अधिकता वाले हैंडपंप को काले रंग से चिह्नित किया गया है।

ग्राम सभा अध्यक्ष जोकि कक्षा बारहवीं की छात्रा फाल्गुनी साहू बनी थीं, उन्होंने बताया ग्राम सभा में नल मरम्मत का कार्य, स्वच्छता गाड़ी की व्यवस्था, तालाब गहरीकरण एवं वर्षा जल संचयन के लिए संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। स्कूली बच्चों द्वारा आयोजित ग्राम सभा की कार्रवाही देख मुख्यमंत्री श्री साय ने जल संरक्षण और साफ़ सफ़ाई के प्रति उनकी जागरूकता की सराहना भी की।

दूसरे दिन जल सभा में छत्तीसगढ़ के कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जल असेंबली में शामिल होकर अपनी-अपनी भूमिका निभाई। जिसमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। पक्ष विपक्ष से चर्चा कर निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया गया कि जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता लायी जाये।

जल सभा में पचास महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने नेताओं की भूमिका अदा करते हुये जल असेंबली का संचालन किया और अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, सिंचाई एवं जल मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, आदिवासी मामले का मंत्री, खनन एवं उद्योग मंत्री, कृषि मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा सचिव की भूमिका निभायी।

सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा कर जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया गया। विपक्ष के सदस्यों से गरमा गरमा बहस के बाद जल संरक्षण के लिए सबकी सहमति भी बनी।यह सदन की सफल कार्रवाही रही भावी पीढ़ी को हरा भरा वन, साफ़ पानी और सुंदर भविष्य देने के लिए।