/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ई बाल तकनीक को सराहा cg streetbuzz
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ई बाल तकनीक को सराहा

रायपुर-      धमतरी में जल-जगार महा उत्सव के दौरान आयोजित अंतरास्ट्रीय जल सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में बने जल शुद्धिकरण की जैविक तकनीक ई-बाल को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सराहा। उन्होंने जल शुद्धिकरण की इस अभिनव तकनीक को आज की आवश्यकता बताया। साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आये विदेशी जल विशेषज्ञों को खूब पसंद आया, उन्होंने इस तकनीक को बारीकी से समझा और इस पर काम करने में दिलचस्पी दिखाई। जल जगार महोत्सव में पानी शुद्धिकरण की इस तकनीक का जीवंत प्रदर्शन महोत्सव स्थल पर किया गया था जहां पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं अतिथियों ने भी इस तकनीक को समझा और सराहा।

क्या है ई-बाल तकनीक

ई-बाल बैक्टीरिया और फंगस का मिश्रण है जिसे लाभदायक सूक्ष्मजीवों के द्वारा कैलिशयम कार्बोनेट के कैरियर के माध्यम से जैव-प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक डॉ प्रशान्त कुमार शर्मा के द्वारा 13 वर्षो के अनुसंधान के बाद बनाया गया है। ई-बाल 4.0 से 9.5 पीएच और 10 से 45 डिग्री सेल्शियस तापमान पर सक्रिय होकर काम करता है। ई-बाल में मौजूद लाभदायक सूक्ष्मजीव नाली या तालाब के प्रदूषित पानी में जाते ही वहां उपलब्ध ऑर्गेनिक अवशिष्ट से पोषण लेना चालू कर अपनी संख्या में तेजी से वृद्धि करते है तथा पानी को साफ करने लगते है। एक ई-बाल करीब 100 से 150 मीटर लंबी नाली को साफ कर देती है औसतन एक एकड़ तालाब के जल सुधार के लिए 800 ई-बाल की आवश्यकता होती है। खास बात यह है कि ई-बाल के प्रयोग से पानी मे रह रहे जलीय जीवों पर इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नही होता है, इसके प्रयोग से पानी के पीएच मान, टीडीएस और बीओडी स्तर में तेजी से सुधार होता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, झारखंड, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के कई तालाबों में इसका सफल प्रयोग चल रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को रास गरबा में शामिल होने मिला निमंत्रण
रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ नवा रायपुर सेक्टर 24 स्थित निवास में रायपुर रास 2024 के आयोजकों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को 08 एवं 09 अक्टूबर को बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित दो दिवसीय रास गरबा के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने आयोजकों को आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया एवं आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सार्थक शर्मा, भावेश शर्मा एवं आयोजकगण भी उपस्थित रहे।
मां बमलेश्वरी के दर्शन करने डोंगरगढ़ के लिए नि:शुल्क बस सेवा, रमन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-   मां बमलेश्वरी के दर्शन करने रायपुर से डोंगरगढ़ के लिए नि:शुल्क बस सेवा आज से शुरू की गई. आकाश वाणी स्थित काली मंदिर से डॉ. रमन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया. प्रतिदिन 4 नि:शुल्क बसों के माध्यम से लगभग 250 दर्शनार्थी डोंगरगढ़ जा पाएंगे. रायपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के भक्तों को मां बमलेश्वरी का दर्शन कराया जा रहा है. 

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में बस्तर में 31 नक्सलियों को मार गिराए जाने पर सुरक्षाबल के जवानों को बधाई देते हुए कहा इच्छा शक्ति हो तो सब हो सकता है. अमित शाह और मुख्यमंत्री की इच्छा शक्ति है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्त होगा. लगातार इस तरीके की कार्रवाई से पुलिस का मनोबल बढ़ा है.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि उन्होंने 5 साल तक कुछ किया नहीं है. आज तक नक्सलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जवानों के खून-पसीने से यह पुल बना है. जवानों की शहादत से सड़क बनी है.

मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उन्हें किया नमन
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वामी आत्मानंद की 6 अक्टूबर को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्वामी आत्मानंद जी का समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण योगदान हैं। उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को छत्तीसगढ़ की धरा पर साकार किया और मानव सेवा एवं शिक्षा की अलख जगाई। उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। स्वामी विवेकानंद के विचारों का उन पर गहरा असर रहा। उन्होंने मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि को अकाल पीड़ितों की सेवा और राहत कार्य के लिए खर्च कर दी। आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबूझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने के लिए नारायणपुर में वनवासी सेवा केन्द्र प्रारंभ किया। आत्मानंद जी के द्वारा मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणादायक हैं।
जल जगार में जल संचय और जल संरक्षण के लिए किया गया मंथन

रायपुर-  धमतरी में रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) के किनारे आयोजित जल जगार में देश-विदेश के नीति निर्माता, पर्यावरणविद, विशेषज्ञ और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि जल संचय और जल संरक्षण पर संवाद कर रहे हैं। वे यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में जल संचय और जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों के सफल कार्यों की कहानी साझा कर रहे हैं। वे इनके प्रभावी उपायों पर गहनता से विचार-विमर्श करने के साथ ही धरातल पर उतारने की कार्ययोजना भी तय कर रहे हैं।

जल जगार में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बीच आज अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के पहले दिन केन्द्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय की अपर सचिव अर्चना वर्मा, पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद पोपटलाल पवार, श्यामसुंदर पालीवाल और उमाशंकर पाण्डेय तथा अर्थशास्त्री एवं शहरी विकास विशेषज्ञ प्रो. अमिताभ कुंडु ने सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल जगार के उद्देश्यों और धमतरी जिले में जल संचय व जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि तथा किसान कल्याण की अपर सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी ने कहा कि धमतरी में जल संरक्षण की पहल पुरानी है। यहां की 'ओजस्वी' एफपीओ (कृषक उत्पाद संगठन) ने कम पानी में होने वाले धान की खेती प्रारंभ की थी। उन्होंने बताया कि धान की ऐसी बहुत सी प्रजाति है जो कम पानी में होती है और जल्दी पकती है। उन्होंने इस तरह की और भी प्रजातियों को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने नए बीजों और अन्य फसलों की खेती पर भी ध्यान देने को कहा।

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय की अपर सचिव अर्चना वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में कहा कि हमारे पूर्वजों के पास जल संचय और जल संरक्षण के बहुत से तरीके थे। वे पानी की एक-एक बूंद का सम्मान करते थे। हमारी जलशक्ति अभियान का भी मूल उद्देश्य पानी की धरोहरों के प्रति सम्मान को वापस लाना है। जल संचय और जल संरक्षण के काम में जन भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने जल जगार के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह जल संरक्षण से लोगों को जोड़ने की बहुत अच्छी पहल है। इससे संस्कृति, समुदाय और युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है।

पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविदों और जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सर्वश्री पोपटलाल पवार, श्यामसुंदर पालीवाल और उमाशंकर पाण्डेय ने सम्मेलन में जल संचय और जल संरक्षण की सफल कहानियां साझा की। श्री पवार ने कहा कि जलस्रोतों में कम से कम 20 प्रतिशत पानी रिचार्ज के लिए छोड़ना चाहिए। इसका 80 प्रतिशत ही उपयोग किया जाना चाहिए। हमारे हिमालय को बचाने के लिए पश्चिमी घाट का संरक्षण जरूरी है।

सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद श्यामसुंदर पालीवाल ने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए बेटी, पानी और पेड़ों को जोड़कर काम किया। इसे रोजगार से भी जोड़ा। पर्यावरणविद उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि पानी सरकार का विषय नहीं है। यह समाज का विषय है। पानी के बारे में स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया जाना चाहिए। हम पानी बना नहीं सकते, लेकिन पानी को बचा सकते हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं शहरी विकास विशेषज्ञ प्रो. अमिताभ कुंडु ने सम्मेलन में कहा कि जल की चिंता को लेकर जिला स्तर पर इस तरह का वृहद आयोजन पहली बार देख रहा हूं। यहां नीति निर्धारक, पर्यावरणविद, जल संरक्षक, विशेषज्ञ और नागरिक पानी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। उसे बचाने की रणनीति बना रहे हैं। यह बहुत ही उपयोगी पहल है।

सशस्त्र सैन्य समारोह- डेयर डेविल्स के करतब से रोमांचित हुए दर्शक, डबल क्रासिंग ने खूब किया आकर्षित

रायपुर-     पुख्तासूत्रों से भारतीय सेना को खबर मिली कि दुश्मन हमारे देश में एक और आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहे है। भारतीय सेना ने दुश्मन के मंसूबों को नाकामयाब करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला लिया। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए भारतीय सेना की 6/11 गोरखा राइफल्स और 1 असम रेजिमेंट के चुनिंदा कमांडोज स्पेशल हेडक्वाटर्स और संचार केंद्र पर हमले की तैयारी कर रहे थे, तभी दुश्मन के टारगेट की पुख्ता जानकारी हासिल करने के लिए क्लोज टारगेट रेकनिसन्स ऑपरेशन शुरू किया और ड्रोन ने दुश्मन के टारगेट की खोजबीन शुरू की। रात के अंधेरे में किए जाने वाले डिमांस्ट्रेशन की कार्रवाई सुबह की। घातक पलटन के कमांडोज दुश्मन के नजदीक से नजदीक जाकर बिना सरप्राइज खोये दुश्मन के संतरी को मार गिराया। ऐसे रेड की कार्रवाई साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सैन्य समारोह में दिखाई दी। इस कार्रवाई को देखकर दर्शक काफी रोमांचित हुए।

इस कार्रवाई के दौरान जवानों ने दुश्मन के संचार केंद्र को विस्फोटक लगाकर नेस्तनाबूत कर दिया। इसके बाद दुश्मनों का हेडक्वाटर्स से संपर्क टूट गया और फिर जवानों ने दुश्मनों के हेडक्वार्टर पर हमला बोल दिया। अत्यधिक फायर कर कमांडोज ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए सेंट्रीज को मार गिराया। फिर डेमोलिशन टीम ने हेडक्वाटर्स पर बम लगाकर उसे उड़ा दिया। असाल्ट से घबराकर भागते हुए दुश्मन को चौकस कमांडोज ने मार गिराया। इस तरह दुश्मनों के हेडक्वार्टर को घातक टोली ने नेस्तनाबूत कर दिया।

ेयर डेविल्स के करतब से रोमांचित हुए दर्शक

भारतीय सेना के डेयर डेविल्स ने अपने करतब और अदम्य साहस का परिचय देते हुए रोमांचित कर दिया। डेयर डेविल्स के डबल क्रॉसिंग, पेरलल क्रॉसिंग के करतब को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। सैल्यूट करते हुए हर जवानों ने चलती हुई मोटरसाइकिल में विपरीत दिशा में सैल्यूट किया। इसके अलावा चलती हुई मोटरसाइकिल पर टैंक के ऊपर विपरीत दिशा में खड़े होकर मोटरसाइकिल चलाते हुए और मोटरसाइकिल की सीट को खाली छोड़कर सम्मान प्रकट किया। इसके साथ ही जंबाज सैनिकों ने मोटरसाइकिल में कमल की आकृति बनाकर प्रस्तुति दी।

बस्तर के युवाओं ने घुड़सवारी में दिखाया साहसिक करतब

सैन्य समारोह में बस्तर के युवाओं ने अपने जौहर का प्रदर्शन किया। घुड़सवारी के माध्यम से अपनी प्रतिभा दर्शकों को दिखाई। घोड़े में बैठकर युवाओं ने कबूतर को आजाद किया और बाइक के ऊपर से उछलकर पार किया और सामने बैठे एक व्यक्ति के सामने से तेजी के साथ घोड़े ने पार कर लिया, जिसके साहसिक परिचय को देखकर दर्शक काफी रोमांचित हुए।

आसमान में डेढ़ सौ से अधिक ड्रोन ने बिखेरी रंग बिरंगी छटा
रायपुर-     धमतरी में शुरू हुए जल-जगार महोत्सव के पहले दिन आसमान से कहानी इवेंट के माध्यम से डेढ़ सौ से अधिक ड्रोन कैमरा ने आसमान में रंग बिरंगी छटा बिखेर कर लोगों का मन मोह लिया। ड्रोन कैमरा ने आसमान में जल-जगार शब्द, प्राकृतिक दृश्य एवं भारत का नक्शा रंग बिरंगी रोशनियों से उकेरकर लोगों को आश्चर्यचकित होने पर मजबूर कर दिया। जल-जगार महोत्सव में आयोजित सभी गतिविधियां लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गई है। जल-जगार के प्रत्येक इंवेट को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर नवा रायपुर स्थित नए मुख्यमंत्री निवास में गृहप्रवेश किया

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवरात्रि के पावन अवसर पर आज विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर नवा रायपुर में नवनिर्मित नए मुख्यमंत्री निवास में गृहप्रवेश किया। मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय के साथ मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि के बीच पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपनी माता जसमनी देवी से आशीर्वाद ग्रहण कर गृह प्रवेश किया।

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका उनकी धर्मपत्नी रानी डेका काकोटी, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस सहित अनेक विधायक और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। गृहप्रवेश कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों ने मुख्यमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की अंगार मोती दाई की पूजा-अर्चना

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज धमतरी जिले के प्रसिद्ध अंगार मोती दाई मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने अंगारमोती माता को 108 मीटर लंबी लाल चुनरी भेंट कर उनसे प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि, और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मंदिर परिसर में बड़ी संख्या उपस्थित भक्त गण भी मुख्यमंत्री के साथ पूजा-अर्चना में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंगार मोती दाई के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा है। भक्तगण बड़ी श्रद्धा और मनोकामना के साथ दाई के दरबार में आते है। मां अंगारमोती देवी आदिवासी समाज की प्रथम आराध्य देवी है, जो मन्नत के लिए सुविख्यात है।

ुख्यमंत्री श्री साय इस मौके पर मंदिर परिसर स्थित मनकेशरी माता, बूढ़ा देव और भंगाराम बाबा के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस अवसर कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, टंकराम वर्मा, कांकेर सांसद भोजराज नाग, महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी, कुरूद विधायक अजय चंद्राकर, कांकेर विधायक आशाराम नेताम सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीकू द वाटर गार्जियन मॉडल का किया लोकार्पण

रायपुर-       मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज धमतरी में जल-जगार महोत्सव में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रकार के नवाचारी मॉडल पीकू द वाटर गार्जियन संरचना का लोकार्पण किया। उन्होंने पीकू मॉडल के नल से व्यर्थ बह रहे पानी के नल को बंद कर लोगों को पानी बचाव का संदेश दिया। नल को बंद करते ही नल के ऊपर लगे कैमरे ने मुख्यमंत्री सहित उनके साथ में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों की फोटो बड़े एलईडी डिस्प्ले में दिखाई। इससे यह संदेश दिया गया कि पानी के बचाव करने वाले की लाइव फोटो प्रदर्शित कर उनको जल वीर के रूप प्रोत्साहित किया जा रहा है।

दरअसल पीकू मॉडल पूरी तरफ अनुपयोगी धातु तत्वों या स्क्रैप मैटेरियल से निर्मित है। यह मॉडल लोगों को जल के बचाव और जल संरक्षण करने वालो को प्रोसाहित करने की अनूठी पहल है। इसमें स्क्रैप मैटेरियल से मयूर के छोटे बच्चे की आकृति बनाई गई है। आकृति के मुख से पानी बाहर निकल रहा है, जो कि व्यर्थ पानी के बहाव को दर्शाता है। आकृति में 2 कैमरे लगे हुए है, जो पानी के व्यर्थ बहाव को रोकने के लिए नल को बंद करने वाले की लाइव फोटो बाजू में लगे बड़े एलईडी स्क्रीन में दिखाता है। फोटो दिखने से पानी के व्यर्थ बहाव को रोकने वाले को प्रोत्साहित करता है। साथ ही दूसरो को भी जल बचाव के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू द वॉटर गार्जियन नामक मॉडल के नल को बंद करके व्यर्थ बहाव को बंद किया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय की फोटो बगल में लगे एलईडी स्क्रीन में दिखी। मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू मॉडल का लोकार्पण करते हुए जल संरक्षण को प्रेरित करने वाली इस विशेष मॉडल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस पीकू मॉडल से लोगों में जल के बारे में जागरूकता फैलेगी। साथ ही लोग जल बचाव के लिए प्रेरित होंगे।