नवादा :- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनायी गांधी व शास्त्री की जयंती, रजौली में मैराथन दौड़ का आयोजन
नवादा जिला कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई।
सर्व प्रथम प्रार्थना सभा कर देश के महान विभूतियों को याद किया गया। उसके बाद उनके चित्र पर फूल माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी गई। सिंह ने महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात रखी ।महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से ‘बापू’ कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और सत्य व अहिंसा के अनुयायी थे।
उनका जीवन कई प्रेरणादायक घटनाओं से भरा हुआ है, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित किया। चाहे दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ संघर्ष हो या भारत में ब्रिटिश शासन से मुक्ति के लिए चलाए गए आंदोलनों का नेतृत्व, गांधीजी का हर कदम सत्य, अहिंसा और मानवता की बेहतरी के लिए उठाया गया था।
इस ब्लॉग में, हम महात्मा गांधी के जीवन की उन महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा करेंगे जिन्होंने उन्हें एक महान नेता बनाया। महात्मा गांधी के जीवन की घटनाएं जानने से पहले महात्मा गांधी के बारे में जानना जरूरी है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, और उनका जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था।
इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। 13 वर्ष की आयु में गांधी जी का विवाह कस्तूरबा से हो गया था। गांधीजी हमेशा अहिंसा के पथ पर चलते थे। गांधीजी ने वकालत की पढ़ाई लंदन से पूरी की और 1893 में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष शुरू किया।
वहां उन्होंने सत्याग्रह का सिद्धांत विकसित किया। 1915 में भारत लौटने के बाद, उन्होंने असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिससे भारतीय जनता को एकजुट किया। उनका जीवन सत्य, अहिंसा और सामाजिक सुधार के प्रति समर्पित था। 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गयी लेकिन उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।
सोशल मीडिया के जिला अध्यक्ष गोपेश कुमार ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपनी बातें रखी। भारतीय राजनीति के ऐसे आदर्श पुरुष थे जिनकी सादगी, निष्ठा और सेवाभाव ने देशवासियों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। उनका जीवन संघर्ष और सिद्धांतों का प्रतीक है। देश के लिए उनकी सेवाएं, उनके सिद्धांत, और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
लाल बहादुर शास्त्री ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरित होकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना जीवन समर्पित कर दिया। वे 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान पहली बार जेल गए। इसके बाद 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और फिर से जेल गए। शास्त्री जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन वे कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए।
उनके संघर्ष और साहस ने उन्हें कांग्रेस के मुख्य नेताओं में स्थान दिलाया। वे जवाहरलाल नेहरू के करीबी माने जाते थे और नेहरू जी ने हमेशा शास्त्री जी को अपने भरोसेमंद सहयोगी के रूप में देखा। आज देश के महान विभूतियों के योगदान को देश के सामने गोदी मीडिया के सहारे धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। हम गाँधी के अनुआई हैं।
जनता के मुख्य मुद्दा से सरकार को भटकने नहीं देगें। बापू और शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे-अक्षय कुमार उर्फ गोरे लाल सिंह, गोपेश कुमार, अंजनि कुमार पपू,जमाल हैदर सिद्दीकी, राजा ,मोहम्मद उमर खान, शमा परवीन महिला जिला अध्यक्ष, मुकेश कुमार, रामाशीष कुमार, अरविंद कुमार ,रुक्नु उदीन, अजीत कुमार, रोशन यादव, रविंद्र यादव, मोहमद राजा ,गायत्री देवी ,पंकज कुमार, नीरज पासवान, रोह प्रखंड अध्यक्ष आदि लोगों उपस्थित रहे।
अकबरपुर में प्रखंड अध्यक्ष जयराम सिंह व रजौली में रामरतन गिरी की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता व शास्त्री जी की जयंती मनाई गयी। रजौली में गांधी जयंती के अवसर पर मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इंटर विद्यालय से आरंभ दौड़ में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। जिले के पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन कर स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। विद्यालयों में गांधी व शास्त्री की जयंती पर बच्चों ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया।
नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
Oct 03 2024, 13:01