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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर भड़की भाजपा, कहा- जेल वाला सीएम, बेल वाला सीएम हो गया है


डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह अपना फैसला सुनाया। केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब भाजपा की प्रतिक्रिया आई है। इसे लेकर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि दो केस चल रहे हैं। सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया है। वहीं दूसरा केस ईडी का है। ईडी वाले मामले में कंडीशन बी में लिखा गया है कि ये वो कट्टर बेईमान मुख्यमंत्री हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर में नहीं जाते हैं। ये कैसा मुख्यमंत्री है जो खुद मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाता। किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति में ले आया है। मुख्यमंत्री का जो चरित्र होता है, उसे दागदार माना जाए तो कोई बात नहीं।

उन्होंने कहा कि शराब नीति की जो काली कमाई है, उसे अपने इस्तेमाल में लगाया जाए और कैसे और भ्रष्टाचार किया जाए। एक कंडीशन और है कि अगर कोई संवैधानिक पद पर मुख्यमंत्री है और उसपर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद पर जो व्यक्ति बैठा है, उसमें इतनी नैतिकता, इतनी शर्म बची होगी कि वह संविधान की दृष्टि से दिल्ली की जनता के हित के लिए इस्तीफा देगा। लेकिन जैसे कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस आदेश के आने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वह 6 महीने तक जेल में रहे, फिर भी इस्तीफा नहीं दिया। जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि हम पुन: मांग करते हैं कि कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दें। जब शराब घोटाले का किंगपिन निकला है और उसे बेल मिली है तो क्वीन पिन क्या कहेंगी। यही कहेंगी एक और भ्रष्टाचारी पूर्व मुख्यमंत्री बेल पर बाहर है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा ये सब भ्रष्टाचारी हैं और पापी हैं, जिन्होंने जनता को लूट रखा है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि जांच एजेंसियां जनता का एक एक रुपया इनसे वसूल करे।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद में निर्माण मामले पर हिंदू संगठनों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला मुख्यालय के जेल रोड में बिना नक्शा पास करवाए मस्जिद में किए गए निर्माण कार्य के विरोध में मंडी शहर में हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंदू संगठनों ने सेरी मंच से शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन शुरू किया। मंच पर लोगों की ओर से जमकर नारेबाजी की गई। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद हिंदू संगठनों ने सेरी मंच से नारेबाजी करते हुए चौहाटा बाजार की तरफ रैली निकाली। इसके बाद स्कूल बाजार से जेलरोड की तरफ जाते ही प्रदर्शन उग्र हो गया। बेकाबू प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उधर, भगदड़ में बहुत से लोगों की तबीयत बिगड़ी है। कई प्रदर्शनकारी आंसू गैस लगने से माैके से हट गए।

जबकि एक-दो युवती की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। माहाैल तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को नेता लगातार आह्वान कर रहे हैं कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जाए। अब माहौल कुछ शांत हो गया है। डीसी मंडी ने प्रदर्शनकारियों से बात की और शांतिपूर्ण माहाैल बनाए रखने का अनुरोध किया।  

मौके पर पुलिस पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने मंडी शहर के सात वार्डों में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है। पुलिस और प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट पर है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है।

प्रदर्शन के दौरान मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे और हर स्थिति पर नजर रखेंगे। शहर की मुख्य सड़कों पर नाकाबंदी कर दी है। मस्जिद के पास बेरिकेडिंग की गई है। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है। जेल रोड मंडी सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 बजे तक बंद किया गया है। पुलघराट की ओर भी यातायात एकतरफा किया गया है। जेल रोड से लेकर स्कूल बाजार तक ट्रैफिक पूरी तरह से बंद है। इस तरफ मस्जिद के पास तक तीन से ज्यादा नाके लगाए गए हैं। उधर, ऊंचे भवनों पर भी कमरों से निगरानी की जा रही है। उधर, जिला प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी सहित पूरा प्रशासनिक अमला, एसपी मंडी मौके पर माैजूद हैं। संजौली में हुई घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से मंडी में पहले से ही कड़े प्रबंध किए गए हैं। 

गाैरतलब है कि नगर निगम मंडी के तहत पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास मस्जिद में कथित अवैध निर्माण को लेकर उपजे विवाद के बाद मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी ने खुद निर्माण हटाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को आयुक्त कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने से 20 घंटे पहले समुदाय ने निर्माण गिराना शुरू किया। 

मुस्लिम वेलफेयर कम्यूनिटी के प्रधान रहीम अहमद और सदस्य इकबाल अली ने बताया कि लोनिवि की निशानदेही के बाद अवैध निर्माण गिराया जा रहा है। सुबह निर्माण हटाने को कहा था। मस्जिद अपनी मलकियत पांच बिस्वा जमीन पर बनी है। 33 वर्ग मीटर अवैध हिस्सा निकला है जिसे हटाया जा रहा है। अक्तूबर 2023 में निगम में नक्शे के लिए अप्लाई किया था। तब पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बारे में किसी ने अवगत नहीं करवाया था। अब निगम कार्यालय में मस्जिद में अवैध निर्माण हटाने को लेकर पत्र दिया है।

मध्यप्रदेश के दतिया में गिरी 400 साल पुराने किले की दीवार, 9 लोग मलबे में दबे, 7 की मौत

डेस्क: मध्यप्रदेश के दतिया शहर में भारी बारिश के कारण गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक घर से सटे 400 साल पुराने किले की दीवार गिर गई। वहीं दीवार के मलबे के नीचे 9 लोग दब गए। इनमें से 7 लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे खालकापुरा इलाके में हुई। वहीं दीवार के गिरने से उससे सटे घर में रहने वाले नौ लोग मलबे में दब गए। दतिया के जिलाधिकारी संदीप माकिन ने बताया कि दो लोगों को बचा लिया गया और सात लोगों की मौत हो गई।

स्थानीय निवासी ने बताया कि माना जाता है कि ‘राजगढ़’ नामक किला 400 साल पुराना है और कभी इसमें एक संग्रहालय हुआ करता था, जिसे बाद में कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीईआरएफ) की टीम को बचाव अभियान के तहत छह घंटे से अधिक समय तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि घायल हुए दो लोगों का स्थानीय अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी माकिन के अनुसार, मृतकों में से पांच एक ही परिवार के हैं, जबकि अन्य दो दूसरे परिवार के हैं। मृतकों की पहचान निरंजन वंशकार (55), ममता वंशकार (45), शिवम (20), सूरज (17), राधा (23), किशन वंशकार (55) और प्रभा (50) के रूप में हुई है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस घटना को लेकर दुख प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीड़ितों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसडीईआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई, लेकिन जिस जगह घर है, वहां गली संकरी होने के कारण काफी प्रयासों के बावजूद लोगों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी घटनास्थल का दौरा किया और घटना पर दुख जताया। वह पीड़ितों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जानें- किन शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को सीबीआई के केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्हें ईडी के मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई है. इससे अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.

हालांकि, जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. जमानत के लिए उनपर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए लगाई गई थीं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही उनके दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. इतना ही नहीं, इस मामले में वो कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकेंगे.

जमानत के लिए क्या शर्तें होंगी

- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे.

- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक ऐसा करना जरूरी न हो.

- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे.

- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे.

- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे.

- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

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CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है। स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की। बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है।

स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की।

बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।

संजौली मस्जिद मामले में हिमाचल के सीएम सुक्खू को कांग्रेस आलाकमान ने लगाई फटकार, दिया ये निर्देश

डेस्क: संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिमाचल प्रदेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस आलाकमान ने गुरुवार को इस मुद्दे से निपटने में नाकाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्री अनिरुद्ध सिंह को कड़ी फटकार लगाई। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान सीएम सुख्सू से इस मुद्दे पर नाराज है। पार्टी ने सांप्रदायिक तनाव को शांत करने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया है। दरअसल, शिमला में काफी अशांति देखी जा रही है क्योंकि मस्जिद मुद्दे पर संजौली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। एक बड़े घटनाक्रम में, मस्जिद समिति के अधिकारियों ने बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए नगर निगम आयुक्त से मुलाकात की। समिति ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मस्जिद परिसर को सील करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने आयुक्त की अदालत द्वारा किए गए किसी भी निर्णय का सम्मान करने पर सहमति व्यक्त करते हुए एक लिखित बयान प्रस्तुत किया। संजौली में एक मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को तीन घंटे के बंद के दौरान शिमला में दुकानें और व्यवसाय बंद रहे। भाजपा से जुड़े व्यापारियों के संगठन शिमला व्यापार मंडल द्वारा बुलाया गया बंद सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय तक मार्च किया और बंद कथित तौर पर शांतिपूर्ण रहा। विरोध प्रदर्शन बुधवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में हुआ। जहां मस्जिद के विध्वंस का आह्वान करने वाले हिंदू समूहों पर बैरिकेड तोड़ने के बाद लाठीचार्ज किया गया और पानी की बौछारों से तितर-बितर किया गया। इस टकराव में छह पुलिस अधिकारियों समेत दस लोग घायल हो गए।
पेरिस पैरालंपिक एथलीटों से पीएम नरेंद्र मोदी ने की मुलाकात, पदक विजेताओं की दी शुभकामनाएं

डेस्क: फ्रांस की राजधानी पेरिस में 28 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक हुए पैरालंपिक गेम्स में भारतीय पैरा एथलीटों का इस बार शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कुल 29 पदक जीतने में सफलता हासिल हुई। वहीं सभी पैरा एथलीटों के देश वापस आने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर उनसे मुलाकात करने के साथ पदक विजेताओं को शुभकामनाएं भी दी। भारत ने इस बार पैरालंपिक गेम्स में रिकॉर्ड 7 गोल्ड मेडल जीतने के अलावा 9 सिल्वर और 13 कांस्य पदक भी जीते।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालंपिक एथलीटों से मुलाकात के दौरान पदक विजेताओं को बधाई देने के साथ उनसे बात भी की। इस मुलाकात के दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के प्रमुख देवेंद्र झाझडिया भी मौजूद थे। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) इवेंट में लगातार दूसरा पैरालंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली निशानेबाज अवनि लेखरा और पैरालंपिक पदक जीते वाले भारत के पहले जूडो खिलाड़ी दृष्टिबाधित कपिल परमार उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर भी खिंचाई। परमार ने पीएम मोदी से अपने पदक पर ऑटोग्राफ भी लिया।

भारत ने पैरालंपिक खेलों में 29 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। वहीं इस बार भारत ने पहली दफा एथलेटिक्स की ट्रैक इवेंट्स में पदक जीतने के अलावा आर्चरी में पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। देश वापस लौटने पर पैरालंपिक एथलीटों को सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया और खेल मंत्री मांडविया ने स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। राकेश कुमार के साथ मिलकर कांस्य पदक जीतने वाली आर्चरी पैरा एथलीट शीतल देवी जैसे मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये की राशि दी गई है।

2 घंटे तक जूनियर डॉक्टरों का इंतजार करतीं रहीं सीएम ममता, मीटिंग रद्द होने के बाद बोलीं- 'मुझे पद की लालसा नहीं

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कोलकाता रेप-मर्डर केस के मामले में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर और ममता बनर्जी की सरकार के बीच ठन गयी है। न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने हड़ताल समाप्त करने का आह्वान किया है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ममता सरकार ने तीसरी बार जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए चिट्ठी लिखी है। सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया। सीएम राज्य सचिवालय नबान्नो में 2 घंटे तक इंतजार करती रहीं। लेकिन हड़ताल कर रहे डॉक्टर बाहर एक मांग को लेकर अड़े रहे।

डॉक्टरों की मांग है कि सीएम से मुलाकात और बातचीत का लाइव टेलीकास्ट किया जाए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है।दो घंटे 10 मिनट तक ममता बनर्जी के इंतजार करने के बावजूद जब डॉक्टर्स बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए तो ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों से माफी मांगीं और डॉक्टरों से अपील की कि डॉक्टर्स काम पर लौट आएं।उन्होंने कहा कि वे न्याय लेने नहीं आये। उन्हें कुर्सी चाहिए। मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं। मुझे मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए। मैं चाहती हूं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। आम लोगों का न्याय किया जाना चाहिए।

ममता बनर्जी ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बच्चे लोग आएंगे और अपना दर्द बताएंगे और काम में शामिल होंगे। हमें उम्मीद थी कि आज समस्या का समाधान हो जाएगा। मैंने जूनियर डॉक्टरों से बात करने की पूरी कोशिश की। मैंने अपने उच्च अधिकारियों के साथ 3 दिनों तक इंतजार किया। आरजी कर मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार उनके साथ बैठक का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता। हमारे पास जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था थी, हम सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से इसे उनके साथ साझा कर सकते थे। हमने दो घंटे तक जूनियर डॉक्टरों का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए।

जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नबान्न पहुंचा, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर बातचीत लाइव टेलीकास्ट की मांग करते रहे, लेकिन राज्य प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया है। इससे बातचीत को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है।पिछले 3 दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल है। डॉक्टर्स ने पिछले दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। डॉक्टरों ने सीएम से बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं:-

-मीटिंग में जूनियर डॉक्टरों का 30 डेलीगेशन को शामिल करने की इजाजत मिले।

-मीटिंग नबन्नो में हो. ट्रांसपिरेंसी के लिए मीटिंग की लाइव टेलीकास्ट की जाए।

-मीटिंग का पूरा फोकस जूनियर डॉक्टर्स की 5 मांगों पर हो।

-मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी जरूर शामिल हों।

हरियाणा की सबसे हॉट सीट बनी जुलाना, जोरदार होगी “जंग”

#haryana_julana_hot_seats_in_assembly_election

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। राज्य के चुनावी माहौल में इन दिनों जुलाना सीट की खासी चर्चा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में रेसलर विनेश फोगाट की उम्मीदवारी के बाद सुर्खियों में आई जुलाना हॉट सीट हो गई है। जींद की जुलाना सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो चला है। अब यहां पर कुश्ती लड़ने वाली पहलवानों में चुनावी दंगल देखने को मिलेगा। पहले कांग्रेस ने रेसलर विनेश फोगाट को जुलाना से टिकट दिया। 

इस सीट में दिलचस्प बात ये है कि विनेश के मुकाबले बीजेपी और आईएनएलडी ने जो उम्मीदवार उतारे हैं अधिकारियों से राजनेता बने हैं। बीजेपी ने कैप्टन योगेश बैरागी को मैदान में उतारा है। बैरागी ने डेढ़ साल पहले वायुसेना में सीनियर पायलट की नौकरी छोड़ी है। बीजेपी द्वारा यहां से पूर्व पायलट योगेश बैरागी को अपना उम्मीदवार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी ने डब्लूडब्लूई महिला रेसलर कविता दलाल पर दांव खेला है। कांग्रेस के साथ सीटों पर सहमति ना बनने से अकेले चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने रेसलर कविता दलाल को मैदान में उतारा है।

आप पार्टी ने भारत की पहली महिला WWE रेसलर कविता दलाल को सियासी पिच पर उतार कर यहां का मुकाबला दिलचस्प और माहौल 'टाइट' बना दिया है। अब यहां पहलवान बनाम पहलवान की फाइट भी होगी। हालांकि बीजेपी के योगेश बैरागी भी सियासी अखाड़े में दोनों को चित करने के लिए प्रचार में जमकर पसीना बहा रहे हैं। जजपा ने यहां से अमरजीत ढांडा को टिकट दिया है। वे 2019 में भी जजपा की टिकट से चुनाव जीते और विधायक बने थे। ढांडा दुष्यंत चौटाला के करीबियों में से एक हैं।