बच्चों के खिलाफ अपराधों को पहचानने एवं रिपोर्टिंग हेतु जे.एस.एल.पी.एस के जेंडर सी.आर.पी को किया गया प्रशिक्षित
हज़ारीबाग़: किशोर न्याय निधि मद से समाहरणालय हजारीबाग में जिला बाल संरक्षण इकाई समाज कल्याण विभाग एवं XISS-UNICEF के संयुक्त तत्वाधान में बच्चों के खिलाफ अपराधों को पहचानने एवं रिपोर्टिंग हेतु जे. एस.एल.पी.एस के 43 जेंडर सी आरपी का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती इन्दु प्रमा खलखो ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के खिलाफ अपराधों को पहचानने एवं रिपोर्टिंग पर समूदाय के लोगों को जागरुक किया जाना है।
समाज में सबसे अधिक हिंसा बच्चों एवं महिलाओं के साथ होती है। जिला परिवीक्षा पदाधिकारी श्री श्याम कुमार सिंह के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी जिसमें बच्चों के विरुद्ध हिंसा के विभिन्न धाराओं एवं सजा के प्रावधानों के बारे में बताया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधि श्री सौरभ अंशु एवं श्रीमती नेहा अंजुम के द्वारा पॉक्सो एक्ट में पीड़िता के लिए कानुनी प्रावधानों एवं साइबर क्राइम में बच्चों का इस्तेमाल होने से रोकने के लिए जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा पीडिता को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है तथा विधि से संबंधित परामर्श के संबंध में टॉल फी नं0-15100 के बारे में जानकारी दी गयी। जिला बाल संरक्षण इकाई के विधि-सह-परिवीक्षा पदाधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के वैधानिक संस्थाओं के उत्तरदायित्वों से संबंधित कानुनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी।
साथ ही विभिन्न हितधारकों से समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने पर जोर डाला। संरक्षण पदाधिकारी (गैर संस्थागत देखरेख) के द्वारा केन्द्र प्रायोजित स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर, आफटर केयर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। स्पॉन्सरशिप योजनान्र्तगत विषम परिस्थिति में रहने वाले बच्चों जिनके परिवार की वार्षिक आय 75000/- रुपये से कम हो. को लाभान्वित किया जाता है।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने महिलाओं एवं बच्यों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने हेतु जिले में संचालित चाईल्ड हेल्प लाईन नं० 1098/112 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक निःशुल्क टॉल फ्री नम्बर है जहाँ इस प्रकार के हिंसा के बारे में सूचना दिये जाने पर त्वरित कार्रवाई की जाली है। कार्यक्रम के अंत में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिन्हा ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्री के जरुरतमंद बच्चों तक सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने एवं बालकों के विरुद्ध अपराधों को पहचान कर कानूनी प्रक्रिया में लाये जाने हेतु समूदाय स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जाय।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, हजारीबाग श्री संजय प्रसाद के द्वारा किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में जे.एस.एल.पी.एस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला बाल संरक्षण इकाई से नागेन्द्र कुमार, धर्मवीर धीरज, रोहित कुमार, प्रणव कुमार, स्वाती कुमारी कुसूम कुमारी, संगीता कुमारी एवं XISS-UNICEF के जिला परियोजना समन्वयक राजनंदनी उपस्थित थे।
Aug 13 2024, 13:57