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सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे” एनडीए संसदीय की बैठक में बोले पीएम मोदी*
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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में बैठकों का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में बीजेपी नीत एनडीए संसदीय दलों की बैठक आज दिल्ली के आयोजित की गई।संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेन्द्र मोदी को नेता चुन लिया गया है। राजनाथ सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। *हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत- नरेंद्र मोदी* एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने सभी नेताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एनडीए का नेता चुना जाना मेरा सौभाग्य है। इसके लिए जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है। ये पल मेंरे लिए भावुक कर देने वाला है। विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब मैं 2019 में इस सदन में बोल रहा था, तो आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर जोर दिया था, वह है विश्वास। आज जब आप मुझे यह भूमिका दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत है। यह रिश्ता विश्वास की मजबूत नींव पर है और यही सबसे बड़ी पूंजी है। *हमारे पास महान नेताओं की विरासत* एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एनडीए राष्ट्र प्रथम के प्रति प्रतिबद्ध समूह है। शुरुआत में यह 30 साल के लंबे अंतराल के बाद इकट्ठा हुआ होगा। लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि एनडीए भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक जैविक गठबंधन है और अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे जैसे महान नेताओं ने… जिन्होंने बीज बोया, आज भारत के लोगों ने एनडीए के भरोसे को सींचा और उस बीज को फलदायी बना दिया है। हम सभी के पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है और हमें इस पर गर्व है। पिछले 10 वर्षों में हमने एनडीए की उसी विरासत, उन्हीं मूल्यों को लेकर आगे बढ़ने का और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। *देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। *नतीजों को लेकर मोदी का विपक्ष पर तंज* एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने नतीजों को लेकर विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नतीजों के बाद हमने पूछा, ईवीएम जिंदा है या मर गया'। मगर ईवीएम ने विपक्ष को चुप करा दिया। 4 जून को लोकतंत्र को घेरने की तैयारी थी। अब 5 साल तक ईवीएम सुनाई नहीं देगा। विपक्ष निराशा लेकर मैदान में आया था। *कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट उतनी सीट इस बार हमें- मोदी* मोदी ने कहा कि कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट मिली, उतनी सीट हमे इस बार मिली है। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े के पार नहीं पहुंची है। हम विजय को पचाना जानते हैं। न विजय का उन्माद, न पराजय का उपहास, न हम हारे थे और न हम हारे हैं। मोदी ने कहा कि देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है। विपक्ष ने भ्रम और झूठ फैलाया। लोगों को गुमराह किया। विपक्ष ने भारत को बदनाम करने की साजिश रची। उसने रुकावट डालने की कोशिश की।
नरेंद्र मोदी चुने गए NDA संसदीय दल के नेता, चंद्रबाबू नायडू-नीतीश की मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने रखा प्रस्ताव

नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया है. शुक्रवार को पुराने संसद भवन में एनडी संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने यह प्रस्ताव रखा. इस दौरान सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया. प्रस्ताव के दौरान टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद रहे. इस दौरान भाजपा सांसद राजनाथ सिंह ने कहा,'मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देना चाहता हूं. आज हम एनडीए का नेता चुनने के लिए यहां आए हैं. मेरा मानना ​​है कि इन सभी पदों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे उपयुक्त है.'

अमित शाह ने कहा,' यह प्रस्ताव केवल यहां बैठे लोगों की इच्छा नहीं है. यह देश के 140 करोड़ लोगों का प्रस्ताव है. यह देश की आवाज है कि पीएम मोदी अगले 5 साल तक देश का नेतृत्व करें.' वहीं, एनडीए संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसद नितिन गडकरी ने नरेन्द्र मोदी को लोकसभा का नेता, भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता नामित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया.

आज है विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, क्यों मनाया जाता है, WHO से जानिए फूड सेफ्टी डे का महत्व

आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस है. हर साल 7 जून के दिन विश्व स्वास्थ्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद खाद्य सुरक्षा के बारे में खाद्य उत्पादक, उपभोक्ता और सरकार को जागरूक करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल वैश्विक तौर पर 10 में से एक व्यक्ति दूषित खाना खाकर बीमार पड़ता है. कोई देश इससे अछूता नहीं है. 200 से ज्यादा बीमारियां खाने में बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और केमिकल्स की उपस्थिति के कारण होती हैं. इस चलते खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरूआत 2018 में WHO और फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा की गई थी. इस दिन को मनाने की एक वजह लोगों को खाद्य सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना भी है. भोजन बर्बाद ना करना और ऐसा खाना उपलब्ध कराना जो स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हो इस दिन को मनाने से ही जुड़े मुद्दे हैं. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2023 की थीम, 'खाद्य मानक जीवन बचाते हैं' है. 

खाद्य सुरक्षा क्यों है जरूरी

WHO के अनुसार, विश्व खाद्य दिवस का महत्व केवल एक व्यक्ति या किसी एक वर्ग से नहीं है बल्कि इससे हम सभी जुड़े हुए हैं. चाहे आप सरकार के लिए काम करते हैं, फूड बिजनेस में हों या फिर खानपान की किसी दुकान में काम करते हों, आपको खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे खाना खाने वाले के स्वास्थ्य से समझौता ना हो. इसके लिए हाइजीन, प्रोडक्शन, स्टोरेज फेसिलिटी और खाने के दाम सभी का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

खाद्य सुरक्षा इसीलिए जरूरी है क्योंकि खाना पूरी तरह सुरक्षित होगा तभी उसके पोषक तत्व बेहतर तरह से खाने वाले को मिल सकेंगे. इससे बच्चों का विकास बेहतर होगा और वयस्क ऊर्जा महसूस करेंगे. 

WHO का कहना है कि खाद्य सुरक्षा ही सेहत को सुनिश्चित करती है. इसके लिए फूड सप्लाई चेन और खाने से जुड़े हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है. साथ ही, फूड चेन से जुड़े सभी लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति शिक्षित करने की आवश्यकता है. खाद्य मानक ही खाना खाने वाले की सेहत की गारंटी देते हैं. खाना पूरी तरह सुरक्षित होगा तो खाने वाला भी सुरक्षित रह सकेगा. 

कैसे सुनिश्चित करें खाने की सुरक्षा

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाने की चीजों की सही तरह से सफाई जरूरी है. कुछ भी कच्चा खाने से पहले सब्जी या फल को अच्छी तरह धो लें. 

खाना पकाते हुए साफ-सफाई का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें. खाना हाइजीनिक तरीके से ना बना हो तो उसे खाने से परहेज करें. 

बहुत से खाद्य पदार्थ पकाकर खाने ही सही होते हैं. खासकर मांस-मच्छी को पकाकर खाने की सलाह दी जाती है. 

खाने की चीजों को सही तरह से स्टोर करके रखना भी जरूरी है. 

बेक्टीरिया नष्ट हो जाए इसके लिए खाना गर्म करके खाना सही रहता है. 

खाना बनाने से पहले हाथों को साफ करें. खानपान के बर्तनों की साफ-सफाई पर भी ध्यान दें. 

खान पकाने के लिए इस्तेमाल हो रहा पानी भी साफ हो इसका ध्यान रखें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज़ फास्ट इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

महाराष्ट्र पहुंचा मानसून, जानिए MP-राजस्थान, UP समेत अन्य राज्यों में कब देगा दस्तक, अगले 24 घंटों में इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश

देश में अभी गर्मी का दौर खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ किसानों को मानसून का इंतजार है तो वहीं शहरी लोगों को गर्मी से राहत के लिए हल्की-फुल्की बारिश चाहिए। इस बीच मौसम विभाग में मानसून को लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है। मानसून महाराष्ट्र पहुंच चुका है और जल्द ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी एंट्री ले लेगा।

देश में मॉनसून का आगमन हो चुका है और कुछ राज्यों में प्री-मॉनसून गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी कई इलाकों में गर्मी से राहत नहीं मिली है। , उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं, ताकि इस बेहाल कर देने वाली गर्मी से राहत मिल सके। 

मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है, कर्नाटक के अधिकांश भाग, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकांश भाग और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ भाग में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कुछ जिलों में 9 और 10 मई को लू चलने की आशंका है। 

उत्तर प्रदेश में मानसून की एंट्री को लेकर मौसम विभाग ने कहा कि 18 से 20 जून के बीच वाराणसी या फिर से गोरखपुर से यूपी में मानसून की एंट्री होगी। 24 से 25 जून के आसपास लखनऊ में मानसून आ सकता है, जिसके बाद अच्छी बारिश होने की संभावना है। वहीं मानसून 15 से 17 जून तक मध्यप्रदेश में भी आ सकता है। 

वहीं बीते गुरुवार को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने की तरफ से जारी किए गए मौसम पूर्वानुमान में कहा गया कि, “देश के कई राज्यों में अगले 5 दिन भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा कि मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिम वाले इलाके में एक चक्रवाती सिस्टम बना है, जो पश्चिम बंगाल तक फैले एक टर्फ से जुड़ा है। इसका असर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक देखने को मिलेगा। अगले दो-तीन दिन तक यहां हल्की बारिश हो सकती है।

राजस्थान में तेज गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिलने वाली है। अगले 24 घंटे में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इसके असर प्रदेश में आंधी और झमाझम बारिश होने की संभावना है। बहुत जल्द ही मानसून जून अंत तक पूरे भारत में दस्तक देने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले तीन से चार दिनों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के अधिक हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

कौन है कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली कुलविंदर कौर, बॉलीवुड क्वीन को क्यों मारा थप्पड़? यहां जानिए सबकुछ

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत हमेशा चर्चाओं का विषय रही है, लेकिन अब उन्होंने राजनीति के सियासी पिच पर भी अपने कदम रख दिए हैं और मंडी से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की है और अब वह सांसद बन गई है। हर तरफ अभिनेत्री की चर्चाएं हो रही है। इस बीच कल चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर अभिनेत्री के साथ पंगा हो गया, जिसमें CISF की महिला जवान ने कंगना रनौत को थप्पड़ जड़ दिया।

इस घटना के दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कंगना रनौत गुस्से में नजर आ रही है, हालांकि कुछ देर तक चली इस मगजमारी के बाद कंगना रनौत दिल्ली के लिए रवाना हो गई। लेकिन उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस को कर दी है।

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो CISF जवान कुलविंदर कौर का भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। इस बात से समझा जा सकता है कि कुलविंदर कौर अभिनेत्री के बयान से नाराज थी जिसके चलते ही उन्होंने इस घटनाक्रम को अंजाम दिया। कंगना रनौत से जुड़ी खबर सामने आने के बाद से सब लोग कुलविंदर कौर के बारे में सर्च कर रहे हैं कि आखिरकार ये CISF जवान कौन है, जिसने अभिनेत्री को थप्पड़ जड़ दिया। 

महिला कॉस्टेबल सुल्तानपुर लोधी की रहने वाली है और पंजाब के स्थानीय किसान नेता शेर सिंह की बहन है। अधिकारियों ने बताया है कि महिला सिपाही के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। शेर सिंह महिवाल ने कहा, "मुझे मीडिया के जरिए पता चला कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कुछ हुआ है। अब जानकारी मिली है कि ये मामला कंगना के मोबाइल और पर्स की चेकिंग के दौरान हुआ। कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कहा था कि वहां 100 रुपये में महिलाएं आई हैं।"

कुलविंदर कौर की शादी लगभग 6 वर्ष पहले जम्मू में हुई थी। वहीं जानकारी के अनुसार उसका भाई शेर सिंह महिवाल वासी गांव महिवाल किसान नेता है और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कपूरथला से संगठन सचिव की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। कुलविंदर कौर करीब दो साल से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तैनात हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना से पहले तक उनका सर्विस रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उनकी 15 साल की सर्विस में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। 

कंगना ने वीडियो जारी कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे बहुत ज्‍यादा फोन कॉल्‍स आ रहे हैं, मीडिया के भी और अपने शुभचिंतकों के भी. मैं सुरक्षित हूं। आज चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर जो हादसा हुआ वह सिक्‍योरिटी जांच के दौरान हुआ। जैसे ही मैं सुरक्षा जांच के बाद बाहर आई, दूसरे केबिन में एक सीआईएसएफ सुरक्षा कर्मचारी आई और उसने मेरे चेहरे पर मारा और गाली देने लगी। जब मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों किया तो उन्‍होंने कहा कि वह किसानों के विरोध का समर्थन करती हैं। मैं सुरक्षित हूं लेकिन मेरी चिंता है कि पंजाब में जो आतंकवाद और उग्रवाद बढ़ रहा है, उससे कैसे निपटेंगे।"

तीन महीने बाद हटा आचार संहिता , लोकसभा चुनावों के ऐलान के बाद हुआ था लागू

लोकसभा चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही गुरुवार शाम को भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार , चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 73 के तहत आयोग द्वारा जारी अधिसूचना की एक कॉपी राष्ट्रपति को सौंपी। इसमें 18वीं लोकसभा के आम चुनावों के बाद चुने गए सभी 543 लोकसभा सदस्यों के नाम अंकित हैं। इसी के बाद आयोग द्वारा देश भर में 16 मार्च से लगी आदर्श आचार संहिता को भी 06 जून की शाम से तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया। इसके लिए आयोग ने आदेश की कॉपी राष्ट्रपति भवन के कैबिनेट सेक्रेटरी , सभी 36 राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजी है। आयोग ने बताया कि आम चुनाव कराने की वजह से देश भर में लगी आदर्श आचार संहिता को हटा लिया गया है। इनमें वह राज्य भी शामिल हैं , जहां-जहां विधानसभा चुनाव भी हुए थे। हालांकि कर्नाटक , महाराष्ट्र और तेलंगाना के उन निर्वाचन क्षेत्रों में आचार संहिता अभी लागू रहेगी जहां द्विवार्षिक और उप चुनाव होना है।

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों ने गुरुवार अपराह्न 04:30 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके बाद तीनों वरीय अधिकारी और आयोग के अन्य ऑफिसर राजघाट पहुंचे। जहां दुनिया के इस सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया के अच्छे से संपन्न होने पर आयोग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। आयोग के मुताबिक राष्ट्रपति ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए आयोग के साथ-साथ इस पूरी प्रक्रिया में लगे तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी है। सात चरणों में हुए आम चुनाव 2024 में कुल 65.79 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 के मुकाबले एक फीसदी से कुछ अधिक कम है।

Jana Sena Party chief Pawan Kalyan says "...Modi ji you truly inspire the nation.
#WATCH | एनडीए संसदीय दल की बैठक में जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा, "...मोदी जी आप वास्तव में देश को प्रेरित करते हैं। जब तक आप इस देश के प्रधानमंत्री हैं, हमारा देश कभी किसी के सामने नहीं झुकेगा..."
आरबीआई ने नहीं दी महंगे लोन से राहत, किस्त सस्ती होने का इंतजार करने वाले लोनधारकों को झटका ..

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए रेपो रेट स्थिर रखने की जानकारी दी।रेपो रेट स्थिर रहने से आपके लोन की ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा। रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है।लोन सस्ता होने और ईएमआई की राशि कम होने का इंतजार कर रहे लोनधारकों को आरबीआई से झटका लगा है.

दरअसल, लोनधारक भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक में रेपो रेट घटाने की उम्मीद लगाए थे, लेकिन आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और पहले से लागू 6.50 फीसदी को बरकरार रखा है.

ऐसे में होमलोन, पर्सनल लोन समेत अन्य तरह के लोन की ब्याज दरों में कोई राहत नहीं मिली है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेटो रेट बदला था और इसे 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था.इसके बाद से इसे चेंज नहीं किया गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं और इस बार भी रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया गया है.यानी ये 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.

इससे पहले इस वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली MPC Meeting में भी पॉलिसी रेट स्थिर रखे गए थे।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मुंबई में शुरू हुई बैठक के नतीजों का ऐलान किया.

रेपो रेट स्थिर रहने से आपके लोन की ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने GDP Growth के अनुमान को बढ़ा दिया है. इसे 7 फीसदी से 20 बेसिस पॉइंट बढ़ाते हुए 7.20 फीसदी कर दिया गया है.

Repo Rate का EMI पर असर..

RBI की MPC की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं. रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है.

इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है.

दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

महंगाई दर का अनुमान भी जस का तस...

केंद्रीय बैंक के मुताबिक खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में कमी देखने को मिल रही है।हालांकि, खाद्य वस्तुओं की महंगाई की वजह से थोक महंगाई दर की गिरावट सुस्त हुई है।

ऐसे में रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई दर को 4 फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

महंगाई के आंकड़े

मई महीने की र‍िटेल महंगाई दर के आंकड़े इस महीने के आखिरी में जारी किए जाएंगे. SBI रिसर्च के मुताबिक, अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

इससे पहले अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.26% हो गई है, जो इसका 13 महीने का हाई लेवल है. इसके अलावा अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.83 फीसदी रही थी.

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नीट-2024: ग्रेस मार्क्स ने रैंक टैली को बिगाड़ा, अभ्यर्थी चिंतित

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-2024) परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने दिए गए ग्रेस मार्क्स पर चिंता जताई है, जिससे अंततः रैंक टैली गड़बड़ा गई है।

ओरई निवासी और नीट-2024 के अभ्यर्थी सोनू ने कहा, "मैंने 645 अंक प्राप्त किए और मुझे 12 हजार के आसपास रैंक मिलनी चाहिए थी, लेकिन मैं 35 हजार पर हूं, जिससे अच्छे सरकारी कॉलेज में दाखिला मिलने की मेरी संभावना कम हो गई है।"

अभ्यर्थियों ने कहा कि ग्रेस मार्क्स के कारण कुल अंकों में बदलाव ने उन लोगों के सामने मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है,। सोनू ने कहा, "ग्रेस मार्क्स उन अभ्यर्थियों को दिए गए, जिन्होंने ऐसे केंद्रों पर परीक्षा दी, जहां कुछ तरह की समस्याएं आईं, जैसे कि परीक्षा देरी से शुरू होना, जिससे परीक्षा की कुल अवधि कम हो गई या जहां पहला और दूसरा पेपर वितरित किया गया, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई और समय की बर्बादी हुई।"

गुरुवार को एनटीए ने अभ्यर्थियों के प्रश्नों पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, लेकिन यह आवेदकों को संतुष्ट नहीं कर सकी। एक अभ्यर्थी की बड़ी बहन और वकील पुण्या त्रिपाठी ने कहा, "कोई भी अंक स्पष्ट नहीं है।" उन्होंने कहा, "जिन अभ्यर्थियों ने 700 अंक प्राप्त किए हैं, वे भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें किस कॉलेज में प्रवेश मिलेगा। मेरे भाई को 651 अंक मिले हैं और पिछले वर्ष की गणना के अनुसार, उनकी रैंक अधिकतम 7K तक होनी चाहिए थी। लेकिन ग्रेस मार्क्स ने उनकी रैंक को घटाकर 28K से अधिक कर दिया है। इससे अच्छे सरकारी कॉलेज में प्रवेश मिलने की संभावना धूमिल हो गई है। यह सब आश्चर्यजनक ग्रेस मार्क्स के कारण हो रहा है, जिनका उल्लेख उम्मीदवारों द्वारा NEET-2024 के लिए फॉर्म भरते समय ब्रोशर में नहीं किया गया था।" 

"आवेदन पत्र भरते समय हमें कभी भी ग्रेस मार्क्स के बारे में नहीं बताया गया। फॉर्म भरते समय बताए गए नियमों का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने ग्रेस मार्क्स का एक नया प्रावधान पेश किया है। इस प्रावधान का उपयोग 2018 में किया गया था और उस वर्ष तक सीमित था," लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र की एक अन्य महिला अभ्यर्थी ने कहा। NEET UG प्रवेश के लिए काउंसलिंग की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है। देश में 695 कॉलेजों में एक लाख से ज़्यादा एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा, "आधी सीटें निजी कॉलेजों में हैं और रैंकिंग में बदलाव के कारण सरकारी कॉलेजों में दाखिला मिलने की संभावना कम हो गई है।" उत्तर प्रदेश में 65 कॉलेज हैं, जिनमें से 35 सरकारी हैं और इनमें कुल 9 हज़ार से ज़्यादा एमबीबीएस सीटें हैं।

 साल भर मेहनत करने का नतीजा अगर इतना असंतोषजनक हो तो विद्याथी कैसे ही अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस करेंगे। एनटीए के प्रति लोगों में आक्रोश है जिसे अभिभाकों ने भी लाज़मी बताया है और कहा है की उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है और सरकार को इसके प्रति ठोस कदम उठाने चाहिए।