राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई 2024) पर विशेष,कहीं भी, कभी भी और किसी को भी काट सकता है डेंगू का मच्छर, लक्षण दिखे तो तुरंत जांच जरूरी’
गोरखपुर, ‘‘वर्ष 2022 में मेरे बेटे को डेंगू हुआ तो सिर्फ एक सप्ताह की दवा और घर के बेड रेस्ट से ही वह ठीक हो गया, हांलाकि हफ्ते भर उसकी पढ़ाई लिखाई भी बाधित रही । लेकिन थोड़ी सी लापरवाही के कारण मैं खुद जब वर्ष 2023 में डेंगू पीड़ित हुआ तो अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गयी। मैं एक हफ्ते अस्पताल में रहा। मेरा पूरा परिवार परेशान रहा । हजारों रुपये इलाज में लगे । मेरी चूक बस यह थी कि शुरूआती पांच दिनों तक मैंने किसी भी अस्पताल का रूख नहीं किया था और लक्षणों के बावजूद बीमारी की जांच नहीं कराई।
’ यह कहना है महानगर के इलाहीबाग के निवासी चालीस वर्षीय ज्ञान प्रकाश का, जो पिछले वर्ष डेंगू के कारण परिवार समेत मुसीबत झेल चुके हैं।
ज्ञान प्रकाश बताते हैं कि वर्ष 2022 में जब उनके बेटे को डेंगू हुआ तो लक्षण दिखने के तीसरे दिन ही वह बच्चे को लेकर चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चले गये। चिकित्सक की सलाह पर समय से जांच हुई और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही बच्चे ने एक हफ्ते घर पर आराम किया। दवाएं लीं और तरल खाद्य पदार्थ जैसे नारियल पानी, फलों के जूस आदि का सेवन किया ।
वह कहते हैं कि बेटे को डेंगू होने के बाद उन्होंने अपने घर में तो कोई ऐसा स्रोत नहीं छोड़ा जहां साफ जमा पानी इकट्ठा हो सके, लेकिन पास पड़ोस में ऐसे स्रोत बने रहे, जहां साफ पानी इकट्ठा होता है। अवकाश के दिनों में वह पत्नी के रेस्टोरेंट पर भी जाते रहे, जो लालडिग्गी पार्क के पास है और उस इलाके में साफ पानी के इकट्ठा होने के कई स्रोत हैं। फिर भी न तो बेटे के मामले में और न ही अपने मामले में वह निश्चिंतता के साथ यह नहीं कह सकते हैं कि दोनों लोग डेंगू से संक्रमित कहां हुए । वह मानते हैं कि घर, स्कूल, कार्यस्थल, बाजार, पार्क और रेस्टोरेंट कहीं भी व्यक्ति डेंगू के मच्छर से संक्रमित हो सकता है। हो सकता है इन्हीं स्थानों से उनके परिवार में भी संक्रमण आया हो।
ज्ञान प्रकाश ने बताया कि अक्टूबर 2023 में पहले उन्हें हल्के बुखार के साथ सुस्ती महसूस हुई । दो दिन उन्होंने खुद बुखार की दवा खरीद कर खाई। सुस्ती के साथ जब शरीर में दर्द होने लगा तो पड़ोस के एक डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इन चार दिनों तक वह शारीरिक श्रम भी करते रहे । तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर पांचवे दिन वह अस्पताल गये और चिकित्सक की सलाह पर जांच कराया तो डेंगू के साथ साथ फैटी लीवर की भी समस्या सामने आई । तब तक उनकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा दिया। एक हफ्ते वह निजी अस्पताल में रहे और पूरा परिवार परेशान हुआ।
हांलाकि इस पूरी घटना के बाद उनके व्यवहार में एक बड़ा परिवर्तन आया। वह अब कहीं भी जाते हैं तो पूरी बांह के कपड़े पहनते हैं। फुल निकर पहनते हैं और चप्पल भी ऐसा पहनते हैं जिससे पंजे में भी मच्छर न काट सकें। वह कहते हैं कि ऐसा करके वह अपने आप को न सिर्फ डेंगू के मच्छर से बचाते हैं, बल्कि मलेरिया, फाइलेरिया आदि हर प्रकार की बीमारियों के वाहक मच्छर से बचाव करते हैं।
समय से जांच जरूरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना हैं कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है ।
प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है।
सभी मिल कर करें प्रयास
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरूवार को सभी ब्लॉक क्षेत्रों में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। लोगों के बीच यह संदेश दिया जाएगा कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें।
पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। इस साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम है-’’कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू’’ । यह थीम इस तथ्य का समर्थन करती है कि सभी के प्रयासों से ही डेंगू से बचाव, नियंत्रण और इसके प्रसार पर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
बुखार हो तो यह करें
प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएं
चिकित्सक की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें
तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं
तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें
बुखार हो तो यह न करें
अपने मन से दवा न लें
शारीरिक श्रम न करें
बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें
बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लें
यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू
तेज बुखार
त्वचा पर चकत्ते
तेज सिर दर्द
पीठ दर्द
आंखों में दर्द
मसूड़ों से खून बहना
नाक से खून बहना
जोड़ों में दर्द
उल्टी
डायरिया
जिले में डेंगू की स्थिति
वर्ष कुल केस
2017 11
2018 25
2019 114
2020 09
2021 67
2022 318
2023 276
2024 06
(14 मई 2024 तक)
May 16 2024, 20:44