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बीएड की डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री देने की तैयारी में विश्वविद्यालय

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बीएड की डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री देने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद में चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम के संचालन की मान्यता लेने के लिए आवेदन किया है।

कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने इस नई पहल के बारे में कहा, "यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए एक अवसर है जिसमें वे स्नातक की डिग्री के साथ-साथ शिक्षक शिक्षा को व्यवसाय के रूप में चयनित करने के लिए इस पाठ्यक्रम का चुनाव करके प्रवेश ले सकेंगे।"

यह पाठ्यक्रम पूर्वांचल समेत देश और विदेश के सभी विद्यार्थियों के लिए एक अवसर है। विश्वविद्यालय इस बात का ध्यान रख रहा है कि शिक्षक शिक्षा का पाठ्यक्रम पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अत्यंत आकर्षण का पाठ्यक्रम रहा है।

विश्वविद्यालय अपना दायित्व समझते हुए यहां के विद्यार्थियों को चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने का अवसर देना चाहता है। एनसीटीई की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म

कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन जी द्वारा जमा किया गया और इस अवसर पर उनके साथ शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सरिता पाण्डेय, प्रोफेसर सुषमा पाण्डेय एवं प्राफेसर

राजर्षि गौड़ जी भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई 2024) पर विशेष,कहीं भी, कभी भी और किसी को भी काट सकता है डेंगू का मच्छर, लक्षण दिखे तो तुरंत जांच जरूरी’

गोरखपुर, ‘‘वर्ष 2022 में मेरे बेटे को डेंगू हुआ तो सिर्फ एक सप्ताह की दवा और घर के बेड रेस्ट से ही वह ठीक हो गया, हांलाकि हफ्ते भर उसकी पढ़ाई लिखाई भी बाधित रही । लेकिन थोड़ी सी लापरवाही के कारण मैं खुद जब वर्ष 2023 में डेंगू पीड़ित हुआ तो अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गयी। मैं एक हफ्ते अस्पताल में रहा। मेरा पूरा परिवार परेशान रहा । हजारों रुपये इलाज में लगे । मेरी चूक बस यह थी कि शुरूआती पांच दिनों तक मैंने किसी भी अस्पताल का रूख नहीं किया था और लक्षणों के बावजूद बीमारी की जांच नहीं कराई।

’ यह कहना है महानगर के इलाहीबाग के निवासी चालीस वर्षीय ज्ञान प्रकाश का, जो पिछले वर्ष डेंगू के कारण परिवार समेत मुसीबत झेल चुके हैं।

ज्ञान प्रकाश बताते हैं कि वर्ष 2022 में जब उनके बेटे को डेंगू हुआ तो लक्षण दिखने के तीसरे दिन ही वह बच्चे को लेकर चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चले गये। चिकित्सक की सलाह पर समय से जांच हुई और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही बच्चे ने एक हफ्ते घर पर आराम किया। दवाएं लीं और तरल खाद्य पदार्थ जैसे नारियल पानी, फलों के जूस आदि का सेवन किया ।

वह कहते हैं कि बेटे को डेंगू होने के बाद उन्होंने अपने घर में तो कोई ऐसा स्रोत नहीं छोड़ा जहां साफ जमा पानी इकट्ठा हो सके, लेकिन पास पड़ोस में ऐसे स्रोत बने रहे, जहां साफ पानी इकट्ठा होता है। अवकाश के दिनों में वह पत्नी के रेस्टोरेंट पर भी जाते रहे, जो लालडिग्गी पार्क के पास है और उस इलाके में साफ पानी के इकट्ठा होने के कई स्रोत हैं। फिर भी न तो बेटे के मामले में और न ही अपने मामले में वह निश्चिंतता के साथ यह नहीं कह सकते हैं कि दोनों लोग डेंगू से संक्रमित कहां हुए । वह मानते हैं कि घर, स्कूल, कार्यस्थल, बाजार, पार्क और रेस्टोरेंट कहीं भी व्यक्ति डेंगू के मच्छर से संक्रमित हो सकता है। हो सकता है इन्हीं स्थानों से उनके परिवार में भी संक्रमण आया हो।

ज्ञान प्रकाश ने बताया कि अक्टूबर 2023 में पहले उन्हें हल्के बुखार के साथ सुस्ती महसूस हुई । दो दिन उन्होंने खुद बुखार की दवा खरीद कर खाई। सुस्ती के साथ जब शरीर में दर्द होने लगा तो पड़ोस के एक डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इन चार दिनों तक वह शारीरिक श्रम भी करते रहे । तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर पांचवे दिन वह अस्पताल गये और चिकित्सक की सलाह पर जांच कराया तो डेंगू के साथ साथ फैटी लीवर की भी समस्या सामने आई । तब तक उनकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा दिया। एक हफ्ते वह निजी अस्पताल में रहे और पूरा परिवार परेशान हुआ।

हांलाकि इस पूरी घटना के बाद उनके व्यवहार में एक बड़ा परिवर्तन आया। वह अब कहीं भी जाते हैं तो पूरी बांह के कपड़े पहनते हैं। फुल निकर पहनते हैं और चप्पल भी ऐसा पहनते हैं जिससे पंजे में भी मच्छर न काट सकें। वह कहते हैं कि ऐसा करके वह अपने आप को न सिर्फ डेंगू के मच्छर से बचाते हैं, बल्कि मलेरिया, फाइलेरिया आदि हर प्रकार की बीमारियों के वाहक मच्छर से बचाव करते हैं।

समय से जांच जरूरी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना हैं कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है ।

प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है।

सभी मिल कर करें प्रयास

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरूवार को सभी ब्लॉक क्षेत्रों में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। लोगों के बीच यह संदेश दिया जाएगा कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें।

पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। इस साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम है-’’कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू’’ । यह थीम इस तथ्य का समर्थन करती है कि सभी के प्रयासों से ही डेंगू से बचाव, नियंत्रण और इसके प्रसार पर जटिलताओं को रोका जा सकता है।

बुखार हो तो यह करें

प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएं

चिकित्सक की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें

तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं

तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें

बुखार हो तो यह न करें

अपने मन से दवा न लें

शारीरिक श्रम न करें

बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें

बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लें

यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू

तेज बुखार

त्वचा पर चकत्ते

तेज सिर दर्द

पीठ दर्द

आंखों में दर्द

मसूड़ों से खून बहना

नाक से खून बहना

जोड़ों में दर्द

उल्टी

डायरिया

जिले में डेंगू की स्थिति

वर्ष कुल केस

2017 11

2018 25

2019 114

2020 09

2021 67

2022 318

2023 276

2024 06

(14 मई 2024 तक)

डेंगू से मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम, डरने की नहीं, बचने की आवश्यकता है

गोरखपुर, राष्ट्रीय डेंगू दिवस के उपलक्ष्य में पूरे जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने जनजागरूता संबंधी विविध गतिविधियों का आयोजन किया । इनके जरिये संदेश दिया गया कि बेहतर केस प्रबन्धन के कारण राज्य में डेंगू से मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम है और यह साल दर साल घटती जा रही है ।

ऐसे में इस बीमारी के प्रसार से लोगों को डरने की बजाय, इससे बचाव के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। खासतौर से उन लोगों को डेंगू से और अधिक सतर्क रहना चाहिए जो एक बार इसका संक्रमण झेल चुके हैं, क्योंकि ऐसे लोगों में दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर और लंबा हो सकता है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर कैम्पियरंज सीएचसी द्वारा आयोजित ब्लॉक स्तरीय जागरूकता गोष्ठी में हिस्सा लिया । जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह और सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे ने भी उनके साथ गोष्ठी में पहुंच कर लोगों को बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश और मलेरिया निरीक्षक प्रवीण पांडेय ने सरदारनगर के प्राथमिक विद्यालय कर्महा के स्कूली रैली में हिस्सा लिया ।

पीएचसी खजनी, पिपरौली सीएचसी, बेलघाट, भटहट और जंगल कौड़िया समेत जिले के सभी ब्लॉक में मलेरिया एवं फाइलेरिया विभाग के स्वास्थ्यकर्मियों की मौजदूगी में जनजागरूकता से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया गया ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है । इसका मच्छर दिन में काटता है और यह बीमारी प्रत्येक लिंग और समूह को प्रभावित करती है। डेंगू का एक स्ट्रेन दूसरे स्ट्रेन से प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करता है। मानसून की शुरूआत से पहले ही इस बीमारी से बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल सोलह मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस बार ‘‘समुदाय से जुड़ें, डेंगू को नियंत्रित करें’’ थीम के साथ यह दिवस मनाया गया। पहले डेंगू सिर्फ बरसात के मौसम में ही होता था लेकिन अब यह वर्ष के किसी भी माह में सामने आने लगा है, क्योंकि इसके मच्छरों को पनपने के लिए घर में कहीं भी एकत्रित एक चम्मच साफ पानी भी पर्याप्त है। लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और समय से इलाज का फायदा यह रहा है कि जहां वर्ष 2017 में राज्य में इससे मृत्यु दर 0.91 फीसदी थी, वहीं वर्ष 2023 में यह घट कर 0.10 फीसदी हो गयी है । गोरखपुर जिले में भी डेंगू से वर्ष 2019 में एक मौत हुई थी और उसके बाद मृत्यु का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है।

बचाव ही है श्रेष्ठ उपाय

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह का कहना है कि डेंगू के लक्षण दिखते ही यथाशीघ्र प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच और इलाज करवाने पर मरीज घर पर ही ठीक हो जाता है। इलाज में देरी करने और अपने मन से दवाएं खाने से जटिलताएं बढ़ती हैं और कई बार गंभीर अवस्था में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है । इस बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए और अपने घर, कार्यस्थल, दुकान आदि किसी भी जगह पर साफ पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, गमलों, एसी, पशुओं के पात्र, नारियल के खोल आदि की साफ सफाई करते रहें । अगर तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, हड्डियों में दर्द, सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं, क्योंकि ऐसे लक्षण डेंगू के भी हो सकते हैं।

आबकारी विभाग ने अवैध कच्ची शराब के ठिकाने पर ड्रोन कैमरे से की कार्रवाई

गोरखपुर। अवैध शराब के निर्माण/बिक्री/परिवहन /भंडारण के विरुद्ध चलाये जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के अंतर्गत आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के आदेश के अनुपालन मे आज ज़िला आबकारी अधिकारी गोरखपुर के निर्देश एवम लोकसभा चुनाव में आये व्यय पर्यवेक्षक के नेतृत्व में समस्त आबकारी निरीक्षक की जनपदीय टीम तथा थाना राजघाट की पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा ड्रोन के माध्यम से थाना राजघाट के ग्राम अमूरुतानी में दबिश दी गई दबिश के दौरान तलाशी में लगभग कुल 25लीटर अवैध शराब बरामद की गयी।

मौके से ही 3100 किलो लहन भी नष्ट करते हुए एक दर्जन से ज्यादा भट्टियो को भी तोड़ गया तथा सुसंगत धाराओ में कुल 02अभियोग पंजीकृत किया गया।

आबकारी विभाग की टीम ने ड्रोन कैमरे से कार्रवाई करके यह संदेश देने का काम किया है कि अवैध कच्ची शराब के ठिकाने का अब समूलनास किया जायेगा।

भारतीय लोकतंत्र में चुनाव का महत्व




गोरखपुर । चुनाव लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोग राजनीतिक प्रतिनिधियों को चुनते हैं, चुनाव को लोकतंत्र की ऋण की हड्डी कहा जाता है । यहां कुछ महानुभावों का कहना है कि चुनाव लोकतंत्र का मुख्य आधार हैं। किसी भी देश में स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान वहां पर होने वाले निष्पक्ष चुनाव से होती है, चुनाव निष्पक्ष हो उसके लिए एक संस्था का गठन किया जाता है ,जिसे चुनाव आयोग के नाम से जाना जाता है। चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार भाग लेकर मतदाताओं का विश्वास और समर्थन पाने के लिए एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। किसी भी चुनाव में सभी मतदाताओं को अपने पसंद के उम्मीदवार को स्वतंत्र रूप से वोट देने का अधिकार है देश के नागरिकों को यह शक्ति देता है कि वह अपने वोट के बहुमत से नेता को चुन सकते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर सत्ता परिवर्तन भी कर सकते हैं ।




देश में समय-समय पर चुनाव राजनेताओं में इस बात का भय पैदा करता है कि यदि वह जनता का दमन या शोषण करेंगे तो चुनाव के समय जनता अपने बहुमूल्य वोटो की ताकत से उन्हें सत्ता से बाहर कर सकती है । चुनाव सरकार उसके नागरिकों के बीच सार्वजनिक भागीदारी और विश्वास को बढ़ावा देता है । चुनावी एक प्रक्रिया है जिसके तहत राष्ट्र के नियति को आकार देने उसके नेतृत्व को निर्धारित करने और शासन को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसा कि हम कह सकते हैं कि चुनाव लोकतंत्र की आधारशिला है जो नागरिकों को अपने देश के भविष्य को आकार देने की शक्ति प्रदान करता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से लोकतांत्रिक समाज एक निष्पक्ष न्यायपूर्ण और समावेशी समाज प्राप्त करने का प्रयास करता है ।




राजनीतिक दलों की उम्मीदवार देश के हर कोने में रैलियां निकालते हैं ,भाषण देते हैं अपने विचारों को अपने नीतियों को पेश करते हैं । इसी आधार पर जनता अपने वोट के माध्यम से उम्मीदवार को राजनीति के राजगद्दी पर बैठाती है। जिससे जनता के बीच हो रही समस्या का समाधान हो सके । बहुतायत के रूप में राजनेता अपने नीतियों को विचारों को संबोधन के माध्यम से जनता तक पहुंचाते हैं और जनता इन्हीं नीतियों को देखती हैं जिसके नीतियों में जन कल्याण जन भागीदारी की भावना से प्रेरित हो, जिसकी विचारधारा प्रासंगिक हो, समाज हित में हो ,लोग उन्हें निष्पक्ष तरीके से वोट के माध्यम से चुनते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां पर हर नागरिक अपने वोट का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। देश में हर मतदाता का सरकार बनाने में अहम योगदान होता है। सरकार बनाने में एक-एक वोट से सरकार बनती है और बिगड़ती है, इसलिए सभी को अपना मत देना चाहिए इस चुनाव प्रक्रिया में बढ़ चढ़कर भागीदारी होनी चाहिए। 




जिससे राष्ट्र निर्माण में बेहतर हो सके। चुनाव में मतदान न केवल हमारा अधिकार है, बल्कि हमारा कर्तव्य है और हमें अपना मतदान अवश्य करना चाहिए । लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था को संदर्भित करता है जहां पर निर्णय प्रत्येक नागरिक की राय से किया जाता है, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रतिनिधियों का चुनाव चुनावों के माध्यम से किया जाता है , इस आधार पर चुनाव में योग्य उम्मीदवार का चुनाव कर उनका प्रतिनिधित्व करते हैं लोकतंत्र में हर कोई समान है और 18 साल से ऊपर का हर व्यक्ति अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देकर , विजयी बनता है । चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी सरकार चलती है , इसीलिए उम्मीदवार के चुनाव में आप सभी बढ़कर भाग ले और एक अच्छे उम्मीदवार का चुनाव करें जिससे बेहतर राष्ट्र का निर्माण हो सके। 



राहुल किशोर (राजस्व लेखपाल) राजकीय IAS /PCS, पूर्व प्रशिक्षण केंद्र नॉर्मल केंपस गोरखपुर

चुनाव आयोग ने छठवें सातवें चरण में मतदान को सकुशल संपन्न कराने के लिए की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

गोरखपुर। जनपद में छठवे और सातवें चरण में होने वाले मतदान को सकुशल संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर गोरखपुर एनआईसी सभागार में मौजूद डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर आनंद कुलकर्णी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर नोडल अधिकारी चुनाव पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक संजय कुमार उप जिला निर्वाचन अधिकारी/ एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह एसडीएम खजनी शिवम सिंह से चुनाव आयोग ने कहा कि गोरखपुर जनपद के खजनी विधानसभा में मतदान 25 मई को जो संत कबीर नगर लोकसभा में पड़ता है व गोरखपुर लोकसभा तथा बांसगांव लोकसभा का मतदान 1 जून को संपन्न कराया जाएगा जहां सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होना चाहिए।

सरल, सुगम, निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण रूप से निर्विघ्न मतदान कराने के लिए सभी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करें। गर्मी को देखते हुये मतदान केन्द्रों पर छाया, शीतल जल, बैठने की व्यवस्था, कूलर, पंखे, दवा सहित अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं।

निर्वाचन के दौरान पूरी सावधानी और सतर्कता बरतें। स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिये सभी अधिकारी अपने लेवल ऑफ अलर्टनेस को बनाये रखें।

वल्नरेबल क्षेत्र के मतदान केन्द्रो में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। जिन भवनों में पाँच या उससे अधिक मतदान केन्द्र हैं, वहाँ सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जायें। जिन मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की संख्या अधिक है, वहाँ अतिरिक्त मतदान कर्मियों की तैनाती करें।

उन्होंने कहा कि मतदान में बाधा डालने वाले तत्वों पर निगरानी रखने के लिये क्रिटिकल मतदान केन्द्रों के भीतर और बाहर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जाएँ। साथ ही वेबकास्टिंग की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था करें, जिससे किसी केन्द्र पर मतदान में अनियमितता दिखाई दे, तो तत्काल कार्रवाई की जा सके।

गोरखपुर लोकसभा से 13 पर्चे वैध पाए गए 19 पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए

गोरखपुर। 64 गोरखपुर लोकसभा से जांच के बाद 13 प्रत्याशियों के पर्चे वैध पाए गए, 19 प्रत्याशियों के पर्च में त्रुटियां पाई गई। जिसकी वजह से उनके पर्च खारिज किए गए, बांसगांव लोकसभा से 8 पर्चे वैध पाए गए। तीन पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए, गोरखपुर लोकसभा से वैध पाए गए पर्चो में शिव शंकर प्रजापति, संजय सिंह राणा, सुधांशु, काजल निषाद, रवि किशन, आनंद यादव, अमिता भारती, अंकित शाह, सोनू राय, नफीस अख्तर, जावेद अशरफ, राम प्रसाद पिंटू साहनी के पर्चे वैध पाए गए।

जिन 19 प्रत्याशियों के पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए उनमें राधेश्याम सेहरा, श्रवण कुमार चौहान, अशोक, जितेंद्र, श्रवण, एडवोकेट जमीरउद्दीन, चंद्रशेखर साहबजादा, मृदुल श्रीवास्तव, रमाकांत, प्रेम प्रकाश, विजय कुमार भारती, लाल धारी यादव, अशोक पुत्र रामानंद, अनिल यादव, महेंद्र कुमार, रेखा, राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा, कन्हई के पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए। अब गोरखपुर लोकसभा से 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। 17 मई को पर्चे स्वेच्छा से वापस लिए जा सकते हैं। 67 बांसगांव लोकसभा से आठ प्रत्याशी मैदान में तीन प्रत्याशियों के पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए हैं।

वैध पाए गए पर्चो में कमलेश पासवान, सदल प्रसाद, हीरालाल, राम समुझ, श्रवण निराला, गया प्रसाद, मुरलीधर, राजेंद्र चौहान के पर्चे जांच के उपरांत वैध पाए गए। तीन प्रत्याशियों रामा, सिकंदर, राकेश के पर्चे त्रुटि के वजह से खारिज किए गए है। गोरखपुर लोकसभा के प्रेक्षक आईएएस नथमल डिडेल जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी/ एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह रिटर्निंग ऑफिसर एसडीएम कैंपियरगंज रोहित मौर्य सहायक रिटर्निग ऑफिसर मृणाली अविनाश जोशी सहायक रिटर्निंग अफसर उप जिला अधिकारी सिद्धार्थ पाठक सहायक एसडीम सहजनवा कुंवर सचिन सिंह

आरओ सहायक विद्या चरण पांडे। बांसगांव लोक सभा प्रेक्षक आईएएस आर मेनका रिटर्निंग अफसर जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन रिटर्निंग ऑफिसर एसडीएम गोला केसरी नंदन तिवारी सहायक रिटर्निग ऑफिसर एसडीएम बांसगांव प्रदीप सिंह एसडीएम चौरी चौरा प्रशांत वर्मा एक-एक पर्चे को बारी-बारी से मौजूद प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों के मौजूदगी में बारीकी से चेक किया गया।

त्रुटियां पाए जाने के बाद ही पर्चे को खारिज किया गया। गोरखपुर लोकसभा व बांसगांव लोकसभा के पर्चे 17 मई को पर्चे स्वेच्छा से प्रत्याशी अपने पर्चे वापस ले सकते है। नामांकन नोडल अधिकारी पुलिस अधीक्षक दक्षिणी जितेंद्र कुमार व क्षेत्राधिकारी खजनी ओंकार तिवारी की देखरेख में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाई गई थी एलआईयू सिविल पुलिस अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए मौजूद रही।

*ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने नुक्कड़ नाटक मंडली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना*

गोरखपुर। लोकसभा निर्वाचन 2024 में शत-प्रतिशत मतदान हो सके गोरखपुर में 1 जून को मतदाता अपने-अपने मतदान केंद्र पर पहुंचकर शत प्रतिशत मतदान करें सदर तहसील अंतर्गत स्वीप के जरिए 80 स्थान पर नुक्कड़ नाटक की टीम मतदाताओं को जागरूक करने का कार्य करेगे जिससे मतदाता जागरूक होकर बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा ले सके जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी के देखरेख में सदर तहसील अंतर्गत 80 स्थान पर नुक्कड़ नाटक मंडली नुक्कड़ नाटक करके मतदाताओं को जागरूक करने का कार्य करेगे।

नाटक मंडली आम जन मानस को लोकतंत्र में सहभागिता के लिए प्रेरित करेगे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी

ने कहा कि नुक्कड़ नाटक मंडली हमारे कर्मचारी अभिषेक पांडे के देखरेख में मुहल्ले मुहल्ले जाकर मतदाताओं को शतप्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित करेगे जिससे 1 जून को ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।

अखिल भारतीय मुस्लिम पसमांदा मुस्लिम मंच के द्वारा मतदान जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

गोरखपुर। अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच द्वारा मुंशी प्रेमचंद पार्क में मतदान जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर के महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि मतदान के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य |

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मेयर गोरखपुर डॉक्टर सत्या पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग जितने पढ़े लिखे हैं उनके इलाके में उतना ही कम मतदान होता है यह चिंता का विषय है |

विशिष्ट अतिथि डॉक्टर दिलनवाज ने संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच आज लोगों से यह अपील करता है कि वह अपने मताधिकार का उपयोग करके सही व्यक्ति का चुनाव करें |

कार्यक्रम के संयोजक मोहम्मद वजिक "शिबू" ने कहा कि कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य था कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए ताकि वह अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें कविता और शायरी के माध्यम से |

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा की, अच्छा राष्ट्र बनाने को मतदान करें | लोकतंत्र का पर्व चलो महान करें ||

प्रमोद चोखानी ने पढ़ा की, आया आया फिर से आया लोकतंत्र का पर्व महान। अति बहुमूल्य है वोट आपका वोट बढ़ाता देश की शान ||

एकता उपाध्याय ने पढ़ा की, खड़े चौराहा ज्ञान लपेटब देब चार चौराहा,

हई खराब हऊ नेता निम्मन पढ़बैं खूब पहाड़ा।

आशिया गोरखपुरी ने पढ़ा की, वोट दो उसको जो नेता जाहिल न हो

चुनना ऐसा लीडर जो कातिल न हो

रुद्रा उत्कर्ष शुक्ला ने पढ़ा की, खड़े चौराहा ज्ञान लपेटब देब चार चौराहा,

हई खराब हऊ नेता निम्मन पढ़बैं खूब पहाड़ा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय महामंत्री निजामुद्दीन, रईसुद्दीन क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी, जिला अध्यक्ष देवरिया सत्तार, जिला उपाध्यक्ष देवरिया अशरफ अली जिला अध्यक्ष गोरखपुर , पूर्व हाकी प्लेयर जफर अहमद खान,मोहम्मद सुहेब अमीन,फजल खान, समीर खान सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे | कार्यक्रम का सफल संचालन मिन्नत गोरखपुरी ने किया |

गोरखपुर लोकसभा सदर सीट के लिए नामांकन करने अर्थी पर पहुचे राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा, कहा यह भ्रष्ट व्यवस्था की अर्थी है

गोरखपुर। लोकसभा सामान्य निर्वाचन को लेकर जहां देश में चार चरणों में मतदान हो चुका है, वही पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां के कई जिलों में मतदान अंतिम यानी की सातवें चरण में होना है. जिसको लेकर नामांकन की प्रक्रिया की अंतिम तिथि 14 मई तय की गई थी।

नामांकन के अंतिम दिन बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने अपने भाग्य को आजमाने के लिए नामांकन कक्ष पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया। ऐसे में अर्थी पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचे राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा कौतूहल का विषय बने हुए हैं। अपने समर्थको और प्रशंसकों के साथ चार लोगों के कंधे पर अर्थी पर सवार होकर नामांकन कक्ष पहुंचे राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने कहा कि लोकतंत्र की अर्थी तो पहले ही नेताओं ने निकाल दिया है।

लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने अर्थी का शरण लिया हुआ है।

बता दे की गोरखपुर सदर और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के लिए गोरखपुर के पुराने कलेक्ट परिसर में नामांकन कक्ष बनाया गया है जहां पर 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी. अभी तक गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र से लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. वही बांसगांव लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी अपने भाग्य के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. नामांकन में जहां बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने दलबल के साथ अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. वही निर्दल के रूप में गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र से अर्थी पर सवार होकर नामांकन कक्ष पहुंचे राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है।

एमबीए की पढ़ाई कर चुके राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा वर्ष 2007 से लगातार चुनाव लड़ते हुए आ रहे हैं. चाहे वह लोकसभा का हो, विधानसभा का हो, एमएलसी का हो या फिर क्षेत्र पंचायत का उन्होंने सभी चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाया है, लेकिन सफलता अभी भी उनसे काफी दूर है. इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र से निर्धारित प्रत्याशी के रूप में अपनी ताल ठोक रहे हैं. उनका कहना है कि यह अर्थी नहीं है यह भ्रष्ट व्यवस्था की अर्थी है. भ्रष्ट व्यवस्था का जनाजा है. जब भ्रष्ट नेता सदन में जाते हैं तो सदन भी मर जाता है. मरे हुए स्थान को शमशान के रूप में जाना जाता है. सदन को इन भ्रष्ट नेताओं ने श्मशान बना दिया है. क्योंकि आम जनता गरीब लोगों के पक्ष में कोई भी मुद्दा नहीं उठाता है. यह भ्रष्ट सांसदों का जनाजा है. मैं जनाजा लेकर कलेक्ट्रेट में आया हूं. अपना नामांकन करने मैं इस भ्रष्ट व्यवस्था को दोषी मानता हूं. जो भी सत्ता में जा रहा है वह पैसा कमाने के लिए जा रहा है. आम जनता का मुद्दा कोई भी नहीं उठा रहा है. बेरोजगारी चरम पर है शिक्षा में बिना पैसा दिए किसी का भी बच्चा नहीं पढ़ सकता. वही हाल स्वास्थ्य व्यवस्था का भी है बिना पैसे के इलाज संभव नहीं है. देश में त्राहिमाम मचा हुआ है. बड़े-बड़े विपक्ष के नेता जो मोदी को हराने आए हैं वह खुद हार जाएंगे. क्योंकि इन्होंने अभी तक बुद्ध को ज्वाइन नहीं किया है. बिना बुद्ध को जाने व समझे मोदी को हरापन बहुत ही मुश्किल है. यदि यह लोग शिक्षा का प्रचार प्रसार करेंगे तभी चुनाव जीत सकेंगे.