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*एस जयशंकर ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें दावेदारी कितनी मजबूत

#indiawilldefinitelygetpermanentseatofunscsaidsjaishankar

लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थायी सीट देने की बात होती रही है। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। इस बीच गुजरात के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को यूएनएसीसी की स्थायी सदस्यता मिलेगी। यह जरूरी है इसके लिए अधिक प्रयास करने के जरूरत है।पूरी दुनिया का रुख इस वक्त भारत के पक्ष में है। जयशंकर ने ये बातें राजकोट में प्रबुद्धजन सम्मेलन के दौरान कहीं।

पांचों स्थायी सदस्य बाकियों को कमतर समझते हैं-एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का गठन लगभग 80 साल पहले हुआ था।विदेश मंत्री ने कहा कि अभी रूस, चीन, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र के गठन के दौरान इन पांच देशों ने आपस में इसकी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का फैसला किया था। आज UN में 193 देश हैं, लेकिन पांचों स्थायी सदस्य बाकियों को कमतर समझते हैं।

पांच देशों ने ही सारा कंट्रोल अपने पास रखा है-एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि इन पांच देशों ने ही सारा कंट्रोल अपने पास रखा है। आश्चर्य ये है कि आपको इनसे ही किसी बदलाव के लिए पूछना पड़ता है। कुछ सहमत होते है, कुछ ईमानदारी से अपना पक्ष बता देते हैं, जबकि कुछ पर्दे के पीछे से खेलते हैं।

दुनियाभर के देश चाहते हैं भारत को मिले स्थायी सीट-एस जयशंकर

जयशंकर ने आगे कहा कि अब दुनिया भर में यह भावना है कि इसे बदलना चाहिए और भारत को स्थायी सीट मिलनी चाहिए। मैं देख रहा हूं कि यह भावना हर साल बढ़ती जा रही है। हमें मेहनत करनी पड़ेगी और इस बार तो और भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। एस जयशंकर ने जानकारी दी है कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र के सामने मिलकर एक प्रस्ताव रखा है। इससे मामले थोड़ा आगे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, जयशंकर ने ये भी कहा कि हमें दबाव बनाना चाहिए और जब यह दबाव बढ़ता है तो दुनिया में यह भावना पैदा होती है कि संयुक्त राष्ट्र कमजोर हो गया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में गतिरोध था और गाजा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में कोई आम सहमति नहीं बन पाई। जैसे-जैसे यह भावना बढ़ेगी, हमें स्थायी सीट मिलने की संभावना भी बढ़ेगी।

क्या है UNSC

UNSC का पूरा नाम है यूनाटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल। यह यूनाटेड नेशन के 6 प्रमुख अंगों से एक है। विश्व शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करते के मकसद से इसकी स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी। यह एक वैश्विक मंच है जहां विवादों को निपटाने पर चर्चा होती है। सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्य शामिल होते हैं। इनमें से 5 स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूके स्थायी सदस्य हैं। भारत फिलहाल अस्थायी सदस्य है। अस्थायी सदस्य जनरल असेंबली द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

कितने अहम होते हैं स्थायी सदस्य?

सुरक्षा परिषद में जब भी किसी मसले पर फैसला लेना होता है, तो उसके लिए 15 में से 9 सदस्यों के वोट की जरूरत होती है। वोटिंग में स्थायी सदस्यों काफी अहम होते हैं। अगर कोई भी एक स्थायी सदस्य फैसले से सहमत नहीं होता है, तो वो पूरा रिज़ॉल्यूशन या निर्णय खारिज हो जाता है। स्थायी देशों की इस शक्ति को वीटो पावर कहा जाता है। सभी स्थायी देशों ने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए कभी न कभी वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। अगर भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बन जाता है तो उसका वैश्विक कद और बढ़ जाएगा। वीटो पावर से न सिर्फ वो अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर पाएगा बल्कि ऐसे मुद्दों को भी सुरक्षा परिषद में बेहतर तरीके से उठा पाएगा जो उसके लिए विशेष महत्व रखते हैं।

राज्यसभा से रिटायर हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, खरगे ने लिखा इमोशनल लेटर, कहा-हमेशा युवाओं के नायक रहेंगे

#manmohansinghrajyasabharetirementmallikarjunkhargewroteletter

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तीन दशक की संसदीय पारी का समापन हो गया। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राज्यसभा से विदाई पर एक भावुक पत्र लिखा है। अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान को भी रेखांकित किया है।उन्होंने कहा कि वह सदैव मध्यवर्ग एवं आकांक्षी युवाओं के नायक बने रहेंगे।

एक युग का अंत हो गया-खरगे

मनमोहन सिंह का राज्यसभा के सदस्य के तौर पर कार्यकाल बुधवार को पूरा हो रहा है। खरगे ने सिंह को पत्र लिखकर पार्टी एवं देश के लिए उनके योगदान को याद किया और उनका आभार जताया। पत्र में खरगे ने कहा, तीन दशकों से अधिक समय तक सेवा करने के बाद एक युग का अंत हो गया। बहुत कम लोग कह सकते हैं कि उन्होंने आपसे अधिक समर्पण और अधिक निष्ठा से हमारे देश की सेवा की है। बहुत कम लोगों ने देश और उसके लोगों के लिए आपके जितना काम किया है।

हम सदैव आपके आभारी रहेंगे-खरगे

पत्र में खरगे ने आगे लिखा, आपके मंत्रिमंडल का हिस्सा बनना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से सौभाग्य की बात है। पिछले 10 वर्षों में, जबकि मैं लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता रहा हूं, आप हमेशा ज्ञान का स्रोत रहे हैं और ऐसे व्यक्ति रहे हैं जिनकी सलाह को मैं महत्व देता हूं। पिछले कुछ वर्षों में, आपने व्यक्तिगत असुविधाओं के बावजूद कांग्रेस पार्टी के लिए उपलब्ध रहना सुनिश्चित किया है। इसके लिए पार्टी और मैं सदैव आभारी रहेंगे।

27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला बाहर-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में लिखा कि आपने दिखाया है कि ऐसी आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाना संभव है जो बड़े उद्योगों, युवा उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, वेतनभोगी वर्ग और गरीबों के लिए समान रूप से फायदेमंद हों। आपने दिखाया कि गरीब भी देश के विकास में भाग ले सकते हैं और गरीबी से बाहर निकल सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की नीतियों की बदौलत उनके प्रधानमंत्री रहते हुए भारत 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाब हुआ।

प्रधानमंत्री पद पर एक गरिमा स्थापित की-खरगे

खरगे ने कहा, राष्ट्र उस गरिमा को याद करता है जो आपने प्रधानमंत्री के पद पर स्थापित की। संसद को अब आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी. आपके मर्यादित, नपे-तुले, मृदुभाषी लेकिन राजनेता जैसे शब्द झूठ से भरी उन तेज़ आवाज़ों के विपरीत हैं जो वर्तमान राजनीति का संकेत देते हैं। वर्तमान राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि बेईमानी की तुलना चतुर नेतृत्व से की जाने लगी है।

आप राष्ट्र के लिए ज्ञान और नैतिकता की आवाज बने रहेंगे-खरगे

खरगे ने पत्र में लिखा है, आप हमेशा मध्यम वर्ग और आकांक्षी युवाओं के लिए एक नायक, उद्योगपतियों और उद्यमियों के लिए एक नेता और मार्गदर्शक तथा उन सभी गरीबों के लिए एक संरक्षक बने रहेंगे जो आपकी आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी से बाहर निकले थे। उन्होंने कहा, यहां तक कि जब आप सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो भी मुझे आशा है कि आप जितनी बार संभव हो हमारे देश के नागरिकों से बात करके राष्ट्र के लिए ज्ञान और नैतिकता की आवाज बने रहेंगे।

*राज्यसभा से रिटायर हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, खरगे ने लिखा इमोशनल लेटर, कहा-हमेशा युवाओं के नायक रहेंगे*

#manmohansinghrajyasabharetirementmallikarjunkhargewroteletter

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तीन दशक की संसदीय पारी का समापन हो गया। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राज्यसभा से विदाई पर एक भावुक पत्र लिखा है। अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान को भी रेखांकित किया है।उन्होंने कहा कि वह सदैव मध्यवर्ग एवं आकांक्षी युवाओं के नायक बने रहेंगे।

एक युग का अंत हो गया-खरगे

मनमोहन सिंह का राज्यसभा के सदस्य के तौर पर कार्यकाल बुधवार को पूरा हो रहा है। खरगे ने सिंह को पत्र लिखकर पार्टी एवं देश के लिए उनके योगदान को याद किया और उनका आभार जताया। पत्र में खरगे ने कहा, तीन दशकों से अधिक समय तक सेवा करने के बाद एक युग का अंत हो गया। बहुत कम लोग कह सकते हैं कि उन्होंने आपसे अधिक समर्पण और अधिक निष्ठा से हमारे देश की सेवा की है। बहुत कम लोगों ने देश और उसके लोगों के लिए आपके जितना काम किया है।

हम सदैव आपके आभारी रहेंगे-खरगे

पत्र में खरगे ने आगे लिखा, आपके मंत्रिमंडल का हिस्सा बनना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से सौभाग्य की बात है। पिछले 10 वर्षों में, जबकि मैं लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता रहा हूं, आप हमेशा ज्ञान का स्रोत रहे हैं और ऐसे व्यक्ति रहे हैं जिनकी सलाह को मैं महत्व देता हूं। पिछले कुछ वर्षों में, आपने व्यक्तिगत असुविधाओं के बावजूद कांग्रेस पार्टी के लिए उपलब्ध रहना सुनिश्चित किया है। इसके लिए पार्टी और मैं सदैव आभारी रहेंगे।

27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला बाहर-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में लिखा कि आपने दिखाया है कि ऐसी आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाना संभव है जो बड़े उद्योगों, युवा उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, वेतनभोगी वर्ग और गरीबों के लिए समान रूप से फायदेमंद हों। आपने दिखाया कि गरीब भी देश के विकास में भाग ले सकते हैं और गरीबी से बाहर निकल सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की नीतियों की बदौलत उनके प्रधानमंत्री रहते हुए भारत 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाब हुआ।

प्रधानमंत्री पद पर एक गरिमा स्थापित की-खरगे

खरगे ने कहा, राष्ट्र उस गरिमा को याद करता है जो आपने प्रधानमंत्री के पद पर स्थापित की। संसद को अब आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी. आपके मर्यादित, नपे-तुले, मृदुभाषी लेकिन राजनेता जैसे शब्द झूठ से भरी उन तेज़ आवाज़ों के विपरीत हैं जो वर्तमान राजनीति का संकेत देते हैं। वर्तमान राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि बेईमानी की तुलना चतुर नेतृत्व से की जाने लगी है।

आप राष्ट्र के लिए ज्ञान और नैतिकता की आवाज बने रहेंगे-खरगे

खरगे ने पत्र में लिखा है, आप हमेशा मध्यम वर्ग और आकांक्षी युवाओं के लिए एक नायक, उद्योगपतियों और उद्यमियों के लिए एक नेता और मार्गदर्शक तथा उन सभी गरीबों के लिए एक संरक्षक बने रहेंगे जो आपकी आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी से बाहर निकले थे। उन्होंने कहा, यहां तक कि जब आप सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो भी मुझे आशा है कि आप जितनी बार संभव हो हमारे देश के नागरिकों से बात करके राष्ट्र के लिए ज्ञान और नैतिकता की आवाज बने रहेंगे।

*केजरीवाल को लेकर “आप” का बड़ा दावा, जेल में बिगड़ रही सेहत, गिरफ्तारी के बाद से घटा 4.5 किलो वजन*

#aapsourceshaveclaimedthatarvindkejriwalsweightisdecreasingrapidlyin_jail

दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत ठीक नहीं है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल की सेहत बिगड़ रही है। 21 मार्च को गिरफ्तार होने के बाद से अब तक केजरीवाल का वजन 4.5 किलो घट गया है।सीएम के घटते वजन पर डॉक्टर्स ने चिंता जताई है। हालांकि, तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक अरविंद केजरीवाल बिलकुल ठीक हैं। जेल के डॉक्टरों ने ऐसी कोई चिंता जाहिर नहीं की है।

सरकार दिल्ली में मंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल एक गंभीर मधुमेह के मरीज हैं। स्वास्थ की समस्याओं के बावजूद वे देश की सेवा में 24 घंटे लगे रहते थे। गिरफ्तारी के बाद से अब तक अरविंद केजरीवाल का वजन 4.5 किलो घट गया है। यह बहुत चिंताजनक है।आज भाजपा उन्हें जेल में डाल कर उनके स्वास्थ को खतरे में डाल रही है। अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ हो गया तो पूरा देश तो क्या, भगवान भी इन्हें माफ नहीं करेगा।

जेल में केजरीवाल की पहली रात बेचैनी में कटी

बता दें कि ईडी की हिरासत के बाद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल बंद हैं। जेल में केजरीवाल की पहली रात बेचैनी में गुजरी। सोमवार देर रात तक वे करवट बदलते रहे।जेल सूत्रों का कहना है कि सोमवार शाम जेल में आने के बाद उनकी रात काफी असहज रही।हालांकि, मंगलवार सुबह वे काफी सहज दिखे। उन्होंने योग किया और फिर जेल नियमों के मुताबिक उन्हें बिना चीनी वाली चाय व ब्रेड नाश्ते में दी गई। इसके बाद उन्होंने अखबार पढ़ा और कुछ देर टेलीविजन भी देखा।

जेल नंबर 2 में हैं केजरीवाल

केजरीवाल को दिल्ली की तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 में 14X8 फीट की सेल में रखा गया है। डायिबिटिज से पीड़ित केजरीवाल के ब्लड शुगर के लेवल में पिछले कुछ दिनों से उतार-चढ़ाव हो रहा है। एक समय यह 50 से भी नीचे चला गया था। उनके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में लाने के लिए उन्हें दवाएं दी गई हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार, उनके ब्लड शुगर के लेवल पर नजर रखने के लिए उन्हें एक शुगर सेंसर और किसी भी अचानक गिरावट को रोकने के लिए टॉफियां भी दी गई हैं।

घर का खाना खाने की अनुमति

तिहाड़ जेल में सीएम को घर का खाना खाने की अनुमति है। ऐसे में मुख्यमंत्री को दोपहर और रात के खाने में घर का बना खाना परोसा जा रहा है। इसके साथ ही उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जेल अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने किसी भी इमरजेंसी की स्थिति के लिए उनकी सेल के पास एक क्विक रेस्पॉन्स टीम भी तैनात की गई है। तिहाड़ जेल में सीएम से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, वकील समेत पांच लोगों को मिलने की अनुमति है।

भारत में चुनाव के बाद पाक के साथ सुधर जाएंगे रिश्तें, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जताई उम्मीद

#india_pakistan_relations_will_improve_after_lok_sabha_elections_claims_pak_defence_minster

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। जिसका मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद रहा है। हालांकि, कई बार दोनों देशों की तरफ से संबंध सुधारने की पहल की गई है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान आया है। ख्वाजा आसिफ ने उम्मीद जताई है कि भारत में आम चुनाव के बाद पड़ोसी देश के साथ रिश्ते सुधर जाएंगे।

इस्लामाबाद में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को कहा, "भारत में चुनाव के बाद उससे हमारे संबंध बेहतर हो सकते हैं।" उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की अपनी “पृष्ठभूमि" है।

इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि उनका देश भारत के साथ फिर से व्यापार शुरू करने की सोच रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान प्रतिबंधों के बावजूद तीसरे देशों के जरिए भारतीय सामानों का आयात कर रहा है, जिससे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने इस संबंध में सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद अंतिम निर्णय लेने की बात कही थी।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद से चार बार युद्ध हो चुके हैं। हर युद्ध में पाकिस्तान को करारी हार झेलनी पड़ी है, इसके बावजूद वह लगातार नापाक कोशिशें करता रहा है। पाकिस्तान लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद की बात करने की जगह भारत के खिलाफ जहर उगलने में समय बर्बाद करता है।

भारत ने रचा इतिहास, रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड़ रुपये के पार, इजरायल समेत 84 देशों को बेचे उत्पाद

#indias_defense_exports_have_crossed_rs_21000_crore_for_the_first_time

भारत ने रक्षा निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट किया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपए के पार पहुँच गया है। ये बीते साल के मुकाबले में 32.5 फीसदी ज्यादा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे देश की एक बहुत बड़ी सफलता बताई है। उन्होंने कहा कि भारत 84 देशों को अपने रक्षा उत्पाद बेच रहा है।

राजनाथ सिंह सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “आप सभी को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय रक्षा निर्यात अभूतपूर्व ऊँचाइयों पर पहुँच गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 21000 करोड़ रुपए का आँकड़ा पार कर गया है! वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात बढ़कर 21,083 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5% की वृद्धि है।”

इसका सारा श्रेय पीएम मोदी को देते हुए उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत रक्षा मंत्रालय ने भारत के रक्षा विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है। निजी क्षेत्र और DPSUs सहित हमारे रक्षा उद्योगों ने हाल के वर्षों में सराहनीय प्रदर्शन किया है। रक्षा निर्यात में नया मील का पत्थर पार करने पर सभी हितधारकों को बधाई।”

50 भारतीय कंपनियों ने अहम योगदान

उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए न सिर्फ भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र को प्रेरित किया गया बल्कि तकनीकी रूप से आधुनिक बनाने की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इससे सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए उत्साहजनक वातावरण बन गया है। भारत के रक्षा निर्यात की इस सफलता की कहानी को अंजाम तक पहुंचाने में करीब 50 भारतीय कंपनियों ने अहम योगदान दिया है। इन कंपनियों ने अन्वेषण के साथ ही प्रभावशीलता, गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखते हुए भारत की रक्षा उपकरणों और तकनीकों के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है।

इन देशों को भारत ने रक्षा उत्पाद बेचे

जिन देशों को भारत ने रक्षा उत्पाद बेचे हैं उनमें इटली, मालदीव, श्रीलंका, रूस, यूएई, पोलैंड, फिलीपींस, सऊदी अरब, मिस्र, इजरायल, स्पेन, चिली आदि देश शामिल हैं। इतना ही नहीं, आज भारत के रक्षा उत्पादों की माँग दुनिया भर के देशों में तेजी से बढ़ी है। यह भारत के रक्षा अन्वेषण का दुनिया में बढ़ता दबदबा है।

इन भारतीय रक्षा उत्पादों का निर्यात किया जा रहा

जिन भारतीय रक्षा उत्पादों का अधिकाधिक निर्यात किया जा रहा है, उनमें निजी सुरक्षा उपकरण, आफशोर पेट्रोल व्हिकिल, एएलएच हेलीकॉप्टर, एसयू एवियानिक्स, कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, लाइट इंजीनियरिंग मैकेनिकल पार्ट्स, कवच एमओडी अन्य कई रक्षा उपकरण शामिल हैं। इन अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के चलते अंतरराष्ट्रीय खरीददारों की भारतीय उत्पादों में विशेष रुचि है।

उत्तराखंड की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने बताया तीसरे टर्म का प्लान, 'कांग्रेस के शहजादे' पर बोला करारा हमला

#pm_narendra_modi_loksabha_chunav_rally_in_rudrapur_uttarakhand 

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान का आगाज हो चुका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक-दूसरे मात देने के लिए जुबानी जंग छिड़ी हुई है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड के रुद्रपुर में लोकसभा चुनाव के तहत रैली करते हुए शंखनाद किया। रैली के दौरान मोदी ने कांग्रेस पर चुन-चुनकर हमला बोला। इतना ही नहीं विश्वास से लबरेज पीएम ने अपने तीसरे टर्म का ऐक्शन प्लान भी बता दिया। उन्होंने बिजली से लेकर सोलर पैनल तक की स्कीम का जिक्र करते हुए इसके फायदे भी गिना डाले।

उत्तराखंड में पहले चरण में सभी पांच लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है ऐसे में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुमाऊं मंडल के रुद्रपुर से अपनी चुनावी जनसभा की शुरुआत की। जनसभा में आई भीड़ को देखकर प्रधानमंत्री गदगद नजर आए और कहा कि लग ही नहीं रहा कि यह प्रचार सभा है। उन्होंने कहा कि यह विजय सभा जैसी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चिचिलाती धुप में भी यहां आकर आप लोग जो जन तपस्या कर रहे हैं, मेरा वादा है वह बेकार नहीं जाएगी। मैं उत्तराखंड का विकास करके इसे लौटाऊंगा।

पीएम मोदी ने बताया तीसरे टर्म का प्लान

इस दौरान प्रधानमंत्री ने तीसरे टर्म का ऐक्शन प्लान बताते हुए कहा कि तीसरे टर्म में आपका ये बेटा एक और बड़ा काम करने जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर तेज प्रहार होगा। आगे आना वाला पांच साल देश हित में बड़े फैसलों के होंगे। पीएम मोदी ने आगे कहा कि सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। इससे पंखे, एसी, इलेक्ट्रिक वीइकल में 300 यूनिट बिजली की खपत होती है। उन्होंने कहा, आप भी सोचते होंगे कि आखिर ये मोदी थकता क्यों नहीं है। मोदी मौज नहीं, बल्कि मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। ये 10 साल में जो विकास हुआ है ना वो तो सिर्फ ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ करना है। अभी देश को बहुत आगे लेकर जाना है। और तब तक ना रुकना है और ना थकना है।

पीएम ने दी भारत को तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की गारंटी

रुद्रपुर में पीएम मोदी ने कहा, मोदी ने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की गारंटी दी है। तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत का मतलब है- लोगों की कमाई बढ़ेगी। नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। गांव-शहर में सुविधा बढ़ेगी।

'कांग्रेस के शहजादे' पर पीएम का हमला

इस दौरान प्रधानमंत्री ने इंडी गठबंधन पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को लूटा है। कांग्रेस का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। कांग्रेस देश को अस्थिर करना चाहती है। राहुल गांधी का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे ने ऐलान किया है कि अगर बीजेपी को तीसरी बार चुना तो देश में आग लगेगी। 60 साल तक देश पर राज करने वाले 10 साल सत्ता से बाहर क्या रह गए, अब देश में आग लगाने की बात कर रहे हैं दरअसल, कुछ दिन पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्ष की रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, 'नरेंद्र मोदी जी इस चुनाव में मैच फिक्सिंग करने की कोशिश कर रहे हैं। 400 का नारा है बिना मैच फिक्सिंग किए ये 180 पार नहीं होने जा रहा है। अगर हिंदुस्तान में मैच फिक्सिंग का चुनाव बीजेपी जीती और उसके बाद संविधान को उन्होंने बदला तो इस पूरे देश में आग लगने जा रही है। जो मैंने कहा याद रखो।

*आप सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत, छह महीने बाद मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने *

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लगातार मुश्किलों का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ी राहत मिली है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने कहा कि जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करे। कोर्ट ने ये भी कहा कि संजय सिंह अपनी राजनीतिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। संजय सिंह दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी हैं। ईडी ने पिछले वर्ष 4 अक्टूबर को संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद संभवतः बुधवार तक संजय सिंह की जेल से रिहाई हो जाएगी। हालांकि, संजय सिंह के खिलाफ मुकदमा चलता रहेगा।

संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने ईडी से आज यानी मंगलवार दोपहर 2 बजे तक यह बताने को कहा था कि क्या आप नेता और सांसद संजय सिंह को 6 महीने की कैद के बाद भी उनकी और हिरासत की जरूरत है। संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील रखी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच में संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। वकील ने कहा संजय सिंह को छह महीने से हिरासत में रखा गया है जबकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस पर जज जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पूछा कि क्या उसे संजय सिंह को जमानत दिए जाने पर आपत्ति है? इस पर ईडी ने अपना जवाब नहीं में दिया। ईडी के वकील ने कहा कि अदालत अगर संजय सिंह को जमानत दे देती है तो एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। ईडी ने कहा कि संजय सिंह से पूछताछ करके सबूत जुटाने का उसका मकसद पूरा हो गया है, इसलिए उन्हें अब जेल से रिहा किया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव के बीच संजय सिंह को जमानत मिलना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसी मामले में ईडी की हिरासत में हैं। वह 15 अप्रैल तक ईडी की कस्टडी में हैं। इसके अलावा मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी जेल में हैं।

“जेल से सरकार चलाएं केजरीवाल, ना दें इस्तीफा”, केजरीवाल की पत्नी से मिलकर बोले आप के विधायक

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दिल्ली के मुक्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश के इतिहास में पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बावजूद भी केजरीवाल ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया था और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। हालांकि विपक्षी दल बीजेपी की ओर से लगातार इस्तीफे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच आम आदमी पार्टी के विधायकों ने आज अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की। आप विधायकों ने एक सुर में सुनीता केजरीवाल से कहा कि किसी भी तरह सीएम अपने पद से इस्तीफा न दें।सुनीता केजरीवाल के साथ बैठक में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और कैलाश गहलोत सहित 55 विधायक और 6 मंत्री मौजूद थे।

आप नेताओं संग सुनीता केजरीवाल की बैठक के बाद सौरभ भरद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने भी आज हुई बैठक के बारे में बात की। बीजेपी के सुनीता केजरीवाल को अगला सीएम बनाने वाले सवाल पर सौरभ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की पूरी जनता है और सरकार जेल से ही चलेगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सोचती है कि हमें उन्हें मुख्यमंत्री पद देना चाहिए। हम उन्हें नहीं देंगे,वे चिंतित हो सकते हैं, लेकिन चीजें इस तरह से चलती रहेंगी।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुलाकात के दौरान करीब दो दर्जन विधायकों ने सुनिता जी से कहा कि भाजपा बहुत दवाब बनाएगी कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे, जैसे लोकपाल के समय पर किया गया था। उन्होंने इस्तीफा दिया तो बोले भाग गए। विधायकों ने कहा कि अब हमलोगों का संदेश सुनिता जी ही उन तक पहुंचाएंगी इसलिए हम सभी ये चाहते हैं कि वो इस्तीफा न दें, जेल से ही सरकार चलाएं। उन तक (अरविंद केजरीवाल) ये संदेश पहुंचाए की वो मुख्यमंत्री थे, हैं और आगे भी रहेंगे।

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को कोर्ट ने 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

'सभी VVPAT पर्चियों का EVM से मिलान हो..', याचिका पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

आज सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर संज्ञान लिया जिसमें चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की गिनती करने की मांग की गई है। वर्तमान में, संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सत्यापन के लिए केवल 5 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को यादृच्छिक रूप से चुना जाता है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अदालत ने इस याचिका पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा दायर एक अन्य याचिका के साथ विचार किया, जो इसी तरह की कार्रवाई की मांग करती है।

याचिका में चुनाव आयोग के उस दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है, जिसमें VVPAT सत्यापन को एक के बाद एक क्रमिक रूप से करने की आवश्यकता होती है, जिससे देरी होती है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यदि एक साथ अधिक अधिकारियों को शामिल करके सत्यापन किया जाए तो पूरा VVPAT सत्यापन 5-6 घंटे में पूरा किया जा सकता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार द्वारा लगभग 24 लाख वीवीपैट पर लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, वर्तमान में केवल लगभग 20,000 वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन किया जाता है।

विशेषज्ञों ने वीवीपैट और ईवीएम के बारे में चिंता जताई है, खासकर उनकी गिनती के बीच पिछली विसंगतियों को देखते हुए। इसलिए, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देने के लिए कि उनके वोट ठीक से दर्ज किए गए हैं, सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती करना महत्वपूर्ण है।

याचिकाकर्ता की चार मांग 

1- चुनाव आयोग को EVM में गिनती को वीवीपैट पेपर पर्चियों के साथ क्रॉस-सत्यापित करने का आदेश दिया जाए।

2- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और VVPAT पर मैनुअल के दिशानिर्देश संख्या 14.7 (एच) को रद्द करना जो केवल वीवीपीएटी पर्चियों के क्रमिक सत्यापन की अनुमति देता है, जिससे देरी होती है।

3- मतदाताओं को अपने वोट की गिनती सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्ची को मतपेटी में डालने की अनुमति देना।

4- VVPAT मशीन के शीशे को पारदर्शी बनाना और प्रकाश की अवधि को मतदाताओं के लिए इतना लंबा बनाना कि वे अपना वोट दर्ज देख सकें।

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और नेहा राठी ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया। इससे पहले, एडीआर की एक ऐसी ही याचिका के जवाब में, चुनाव आयोग ने सभी वीवीपैट को सत्यापित करने में व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला दिया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने 100% वीवीपैट सत्यापन की मांग के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे महत्वपूर्ण लाभ के बिना ईसीआई पर बोझ पड़ेगा।