बीजेपी के 10 साल देश के कार्यकाल में 7 विभूतियों को भारत रत्न, अब तक किन-किन को मिल चुका है ये सम्मान, जानिए पूरी डिटेल
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केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। इससे पहले भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को 26 जनवरी के दिन भारत रत्न दिये जाने का ऐलान किया था। इस साल अब तक पांच दिग्गजों को भारत रत्नसे सम्मानित किए जाने का ऐलान किया जा चुका है। वहीं, नरेंद्र मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल देश की 7 विभूतियों को भारत रत्न से नवाजा है।आइए बताते हैं कि अब तक किन लोगों को ये सम्मान मिल चुका है।
बीजेपी सरकार ने 2015 में वाजपेयी और पं. मदन मोहन मालवीय को सम्मान
बीजेपी साल 2014 में सत्ता में आई थी। इसके बाद से देश 10 लोगों को इस सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। सत्ता में आने के बाद सबसे पहले, साल 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह अवार्ड दिया था। पूर्व पीएम बीजेपी के संस्थापक और संघ से जुड़े थे। उसी साल बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक पं. मदन मोहन मालवीय को भी देश के सर्वोच्च अवार्ड से नावाजा गया था।
बीजेपी सरकार ने 2019 में देश की 3 विभूतियों को मिला सम्मान
साल 2019 में देश की 3 विभूतियों को मोदी सरकार ने ‘भारत रत्न’ पुरस्कार से नवाजा. कांग्रेस के कद्दावर नेता, देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को इस पुरस्कार से नवाजा था। इसके अलावा भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले नाना जी देशमुख और असम के भारतीय पार्श्व गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि और फिल्म निर्माता भूपेन हजारिका को भारत रत्न पुरस्कार दिया गया था।
2024 में जो कि चुनावी साल भी है इस वर्ष भी पांच विभूतियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। पहले बिहार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) को और फिर भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। इसके बाद आज पूर्व पीएम नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। यानी अब तक 10 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने कुल 10 लोगों को भारत रत्न से नवाजा है।
अब तक कुल कितने लोगों को मिल चुका है यह सम्मान आइए जानते हैं
1. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1954): स्वतंत्र भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल, सी राजगोपालाचारी एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और स्वतंत्र पार्टी के संस्थापक थे। भारतीय राजनीति और साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
2. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954): प्रतिष्ठित दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति, राधाकृष्णन को शिक्षा में योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया था। उनके जन्मदिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
3. डॉ. सीवी रमन (1954): रमन प्रभाव की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सीवी रमन के काम को विश्व स्तर पर मान्यता मिली थी। उनके शोध ने भारतीय वैज्ञानिक प्रगति के लिए आधारशिला रखी थी।
4. डॉ. भगवान दास (1955): एक दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् डॉ. भगवान दास महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे। भारतीय शिक्षा और दर्शन में उनके योगदान ने उन्हें यह सम्मान दिया गया था।
5. डॉ. एम विश्वेश्वरैया (1955): एक प्रख्यात इंजीनियर और राजनेता, भारत में इंजीनियरिंग और शिक्षा के क्षेत्र में विश्वेश्वरैया का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने मैसूर के प्रसिद्ध कृष्णराज सागर बांध का डिजाइन तैयार किया था।
6. पंडित जवाहरलाल नेहरू (1955): स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री चाचा नेहरू के नाम से मशहूर पंडित जवाहरलाल नेहरू को महान नेता के तौर पर याद किया जाता है। उनकी नीतियों ने भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास की नींव रखी थी।
7. पंडित गोविंद बल्लभ पंत (1957): भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति और एक प्रमुख राजनीतिक नेता थे। भारतीय इतिहास में उनका योगदान महत्वपूर्ण था। जिसमें गृह मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल भी शामिल था।
8. डॉ धोंडो केशव कर्वे (1958): एक समाज सुधारक और शिक्षक थे। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित किया, और भारत में पहली महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
9. डॉ बिधान चंद्र रॉय (1961): एक चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे डॉ बिधान चंद्र रॉय ने स्वास्थ्य और शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान दिया।
10. पुरूषोत्तम दास टंडन (1961): एक स्वतंत्रता सेनानी और हिंदी भाषा के वकील थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
11. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1962): भारत के पहले राष्ट्रपति रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान सभा के एक प्रमुख नेता थे। उनके नेतृत्व ने भारतीय गणराज्य को सफल बनाने में मदद की।
12. डॉ. ज़ाकिर हुसैन (1963): एक प्रतिष्ठित शिक्षक और भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। उन्हें भारतीय शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाता है। उन्होंने दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। जिसे आज जामिया मिलिया इस्लामिया के नाम से जाना जाता है।
13. डॉ. पांडुरंग वामन काणे (1963): संस्कृत के विद्वान डॉ. पांडुरंग वामन काणे को उनकी किताब "धर्मशास्त्र का इतिहास" के लिए जाना जाता है। उन्हें भारतीय कानूनी और सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह सम्मान मिला।
14. लाल बहादुर शास्त्री (मरणोपरांत, 1966): भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व और उनके नारे "जय जवान जय किसान" के लिए जाना जाता है।
15. इंदिरा गांधी (1971): भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन हुए। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व को याद किया जाता है।
16. वीवी गिरि (1975): वीवी गिरि भारत में श्रम अधिकारों के समर्थक और भारत के चौथे राष्ट्रपति थे। उनका भारतीय श्रम कानून और प्रशासन में योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
17. के कामराज (मरणोपरांत, 1976): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के कामराज कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उनके नेतृत्व और "कामराज योजना" में उनकी भूमिका ने स्वतंत्रता के बाद पार्टी को दोबारा खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान महत्वपूर्ण था।
18. मदर टेरेसा (1980): गरीबों और बीमारों के प्रति दयी और सेवा के लिए मदर टेरेसा को यह सम्मान दिया गया। कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के काम के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान मिली।
19. आचार्य विनोबा भावे (1983): महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और भूदान आंदोलन के आरंभकर्ता थे। आचार्य भावे ने भूमि सुधार और अहिंसक प्रतिरोध के लिए काफी प्रयास किये थे।
20. खान अब्दुल गफ्फार खान (1987): महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी, गफ्फार खान एक पश्तून स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। उन्होंने अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश शासन का विरोध किया था। वह "सीमांत गांधी" के नाम से भी जाने जाते थे।
21. एमजी रामचंद्रन (मरणोपरांत, 1988): फिल्म अभिनेता से राजनेता बने, मुख्यमंत्री के रूप में तमिलनाडु के विकास और कल्याण योजनाओं में एमजीआर का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
22. डॉ. बीआर अंबेडकर (मरणोपरांत, 1990): भारतीय संविधान को बनाने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक न्याय के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हाशिये पर पड़े लोगों के अधिकारों की वकालत की और देश में जातिगत भेदभाव खत्म करने की पुरजोर कोशिश की थी।
23. नेल्सन मंडेला (1990): दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी क्रांतिकारी, राजनेता और रंगभेद को खत्म करने और नस्लीय मेल-मिलाप को बढ़ावा देने के मंडेला को दुनिया भर में जाना गया।
24. राजीव गांधी (मरणोपरांत, 1991): भारत के सबसे युवा प्रधान मंत्री रहे राजीव गांधी का कार्यकाल भारत को सूचना युग में ले जाने के लिए काफी महत्वपूर्ण था।
25. सरदार वल्लभभाई पटेल (मरणोपरांत, 1991): सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की आजादी के संघर्ष और उसके बाद भारतीय संघ में रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके चलते ही उन्हें लौह पुरुष भी कहा जाता है।
26. मोरारजी देसाई (1991): भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण नेता और भारत के चौथे प्रधान मंत्री, देसाई को शांति और अहिंसा को बढ़ावा देने वाले नेता के रूप में जाना जाता था।
27. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (मरणोपरांत, 1992): भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक वरिष्ठ नेता और भारत के पहले शिक्षा मंत्री, भारत में एक शैक्षिक नींव स्थापित करने में मौलाना अबुल कलाम का बड़ा योगदान है।
28. जेआरडी टाटा (1992): भारत के सर्वकालीन महान उद्योगपतियों में से एक जेआरडी टाटा ने भारत की पहली एयरलाइन की स्थापना की थी. वह टाटा ग्रुप के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहे हैं।
29. सत्यजीत रे (1992): भारत के बड़े प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे का भारतीय सिनेमा योगदान काफी ज्यादा है। उनके काम को ऑस्कर समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्हें भारत का सबसे महान फिल्मकार कहा जाता है।
30. गुलजारीलाल नंदा (1997): गुलजारीलाल नंदा दो बार भारत के कार्यवाहक प्रधान मंत्री रहे थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में श्रम मुद्दों और आर्थिक नीतियों पर खूब काम किया था।
31. अरुणा आसफ अली (1997): भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बॉम्बे गोवालिया टैंक मैदान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए इन्हें याद किया जाता है।
32. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (1997): "भारत के मिसाइल मैन" कहे जाने वाले डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक थे।पहले उन्होंने वैज्ञानिक और फिर बाद में राष्ट्रपति के तौर पर देश के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया।
33. एमएस सुब्बुलक्ष्मी (1998): कर्नाटक की गायिका सुब्बुलक्ष्मी का भारतीय शास्त्रीय संगीत में काफी महत्वपूर्ण था। दुनिया भर में उनके प्रदर्शन ने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया था।
34. चिदम्बरम सुब्रमण्यम (1998): चिदम्बरम सुब्रमण्यम को भारत की हरित क्रांति में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है। उनकी कृषि नीतियों और पहलों ने भारत की खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र में काफी सुधार किया था।
35. जयप्रकाश नारायण (मरणोपरांत, 1999): एक स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक नेता थे। जयप्रकाश नारायण ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और बाद में "संपूर्ण क्रांति" आंदोलन के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
36. प्रोफेसर अमर्त्य सेन (1999): अर्थशास्त्र में अमर्त्य सेन के काम को दुनिया भर गहरा प्रभाव छोड़ा। अर्थशास्त्र में उनके योगदान के चलते उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था।
37. लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई (मरणोपरांत, 1999): भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति और असम के पहले मुख्यमंत्री थे। गोपीनाथ बोरदोलोई के प्रयास असम को भारत के साथ एकजुट रखने में काफी महत्वपूर्ण थे।
38. पंडित रविशंकर (1999): एक महान सितार वादक और संगीतकार पंडित रविशंकर को भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर लाने के लिए जाना जाता है।उनके काम ने दुनिया भर के कई संगीतकारों को प्रभावित किया है।
39. लता मंगेशकर (2001): "भारत कोकिला" के नाम से मशहूर लता मंगेशकर की आवाज़ भारतीय संगीत के इतिहास में कभी ना भूलने वाली आवाज है। उन्होंने एक हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों और अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में कई हजार गाने रिकॉर्ड किए।
40. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (2001): शहनाई के उस्ताद कहे जाने वाले बिस्मिल्लाह खान के संगीत ने दुनिया भर पर राज किया। भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके चलते ही शहनाई को दुनिया भर में पहचान मिली।
41. पंडित भीमसेन जोशी (2009) : भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे महान व्यक्तियों में एक पंडित भीमसेन जोशी की गायन शैली सबसे अलग थी। जिसके चलते भारत ही नहीं दुनिया भर में याद किया जाता है।
42. प्रोफेसर सीएनआर राव (2014): प्रोफेसर सीएनआर राव के शोध और प्रकाशनों ने रासायनिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
43. सचिन तेंदुलकर (2014): भारत में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में से एक सचिन तेंदुलकर के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई रिकॉर्ड हैं।
44. अटल बिहारी वाजपेई (2015): एक राजनेता और कवि के रूप में अटल बिहारी वाजपेई का अलग स्थान है। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल आर्थिक सुधारों और भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की दिशा में प्रयासों के लिए जाना जाता है।
45. पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत, 2015): एक शिक्षक और स्वतंत्रता कार्यकर्ता, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
46. नानाजी देशमुख (मरणोपरांत, 2019): एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता रहे नानाजी देशमुख को भारत में ग्रामीण विकास और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है।
47. डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत, 2019): डॉ. भूपेन हजारिका को असम और पूरे भारत में संगीत को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए याद किया जाता है।
48. प्रणब मुखर्जी (2019): प्रणब मुखर्जी को एक शानदार स्टेट्समैन कहा जाता था। कांग्रेस की सरकार में उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में काफी शानदार काम किया। उन्होंने भारत के 13 राष्ट्रपति के रूप में भी अपना कार्यकाल पूरा किया था।
49. कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत, 2024 में सम्मानित किया जाएगा): कर्पूरी ठाकुर बिहार के एक प्रमुख राज नेता थे। जो सामाजिक न्याय और वंचितों के हक की लड़ाई के लिए जाने जाते थे।
50. लाल कृष्ण आडवाणी (2024 में सम्मानित किया जाएगा): लालकृष्ण आडवाणी जैन संघ से भाजपा बनने तक के सफर में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में साथ रहे हैं। उनका भारतीय राजनीति और भारतीय जनता पार्टी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
51. चौधरी चरण सिंह(2024 में सम्मानित किया जाएगा): देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
52. पीवी नरसिम्हा राव(2024 में सम्मानित किया जाएगा): प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान अहम है।
53. डॉ. एमएस स्वामीनाथन(2024 में सम्मानित किया जाएगा): कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।
Feb 09 2024, 16:00