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*प्रदेश स्तरीय मुकाबले में मदरसा रजा-ए-मुस्तफा ने हासिल किया दूसरा स्थान*

गोरखपुर। एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर में आयोजित प्रदेश स्तरीय विभिन्न मुकाबलों में मदारिसे अरबिया (आला) ग्रुप में मदरसा रजा-ए-मुस्तफा तुर्कमानपुर की टीम ने दूसरा स्थान हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है। प्रदेश के 32 जिलों से आई टीम में दूसरा स्थान हासिल करने से मदरसा रजा-ए-मुस्तफा के छात्रों में खुशी की लहर है। मदरसा रजा-ए-मुस्तफा के हाफिज अशरफ रजा, रहमत अली, हाफिज सैफ अली, सिराजुद्दीन ने इस्लामिक क्विज, नात, किरात, तकरीर में उम्दा प्रदर्शन किया। तमाम मुकाबलों में प्रदेश के विभिन्न मदरसों के सैकड़ों छात्र शामिल हुए।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद, रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद ने मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि मेहनत और लगन से तालीम हासिल करने वालों को हमेशा सम्मान मिलता है। इसलिए सभी छात्रों को मुकाबले में स्थान पाने वाले छात्रों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

नायब काज़ी मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी ने मदरसे के बच्चों और शिक्षकों को मुबारकबाद देते हुए उनके बेहतरीन भविष्य के लिए दुआ की। मौलाना दानिश रज़ा अशरफी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम तालीम को आम करने और जहालत को खत्म करने का पैग़ाम देता है। मदरसा रज़ा-ए-मुस्तफा के छात्रों का एमएसआई कॉलेज में हुए मुक़ाबले में दूसरा मकाम हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है। हमारी उम्मीदें मदरसे और छात्रों से जुड़ी हुई है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि आप खूब मेहनत और लगन से तालीम हासिल कर हमारी उम्मीदें पूरी करें।

बेसहारे का सहारा बनी नई रोशनी वेलफेयर फाउंडेशन

गोरखपुर। टीम नई रोशनी वेलफेयर फाउंडेशन लगातार जरूरत मंदों की मदद के लिए वरदान साबित हो रही है।इसी क्रम में बिगत 1 दिसंबर दिन शुक्रवार को गोरखपुर बेतिया हाता निकट मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास स्थित तमन्ना हॉस्पिटल के एक कर्मचारी द्वारा टीम नई रोशनी वेलफेयर फाउंडेशन को सूचना दिया गया।

निचलौल के रहने वाले विजय कुमार नाम के एक बुजुर्ग दंपत्ति जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है जो अपने परिवार से बेसहारा है। को ब्लड की अति आवश्यकता है इसके बाद नई रोशनी वेलफेयर फाउंडेशन के सह-संस्थापक धीरू पांडे के सहयोग से सी स्काई फाउंडेशन के संस्थापक सच्चिदानंद मौर्य द्वारा ब्लड की व्यवस्था की गई जिससे बुजुर्ग दंपति की मदद हो सकी।

जिसके इसके बाद से लगातार संस्था नई रोशनी वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा बुजुर्ग दंपति की हर संभव मदद की जा रही है इन्हें समय से दवाइयां,खाना, कपड़े,पैसे इत्यादि जरूरत की चीजें आवश्यकताओ कि पुर्ति की जा रही है।

शोहदे ने छात्रा से की छेड़खानी, केस दर्ज

खजनी गोरखपुर।कस्बे में कोचिंग पढ़ने जाने वाली इंटरकॉलेज की छात्रा से छेड़खानी करने और उसे मोबाइल फोन देने वाले मनचले आशिक के खिलाफ छात्रा की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया है कि उसकी बेटी इंटरमीडिएट की छात्रा है और रोज कोचिंग पढ़ने के लिए खजनी कस्बे में जाती है।

रास्ते में रोककर एक लड़का उसे परेशान करता है। इतना ही नहीं बल्कि उसने छात्रा को एक मोबाइल फोन भी दे दिया और उसे फोन पर बातचीत करने के लिए कहा किंतु घर पहुंच कर छात्रा ने मोबाइल फोन अपनी मां को दे दिया और घटना की जानकारी दी।

छात्रा की मां ने थाने में पहुंच कर पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई है और कार्रवाई की मांग करते हुए बताया कि वह गरीब परिवार से है। शोहदे के द्वारा लंबे समय से राह चलते उसकी बेटी को रोक कर परेशान किया जाता है, अब उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि मोबाइल फोन दे दिया है।

घटना को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष गौरव आर कन्नौजिया के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 458 की धारा 354 और 323 के तहत केस दर्ज कर पुलिस ने घटना की तहकीकात शुरू कर दी है।

बकरी चरा कर लौट रही लड़की से छेड़खानी, केस दर्ज

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के आशापार की निवासी लड़की की तहरीर पर पुलिस ने उसी गांव के निवासी युवक के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया है।

मिली जानकारी के अनुसार अशापार गांव के निवासी पन्नेलाल निषाद की बेटी मुस्कान अपनी बकरियां चरा कर घर आ रही थी। रास्ते में गांव के निवासी उमेश यादव ने उसके हांथ पकड़ लिए और गलत इरादे से छेड़खानी करने लगा विरोध करने पर मारपीट की शोर मचाने पर मां बहन के पहुंचने पर भाग निकला उसके घर शिकायत लेकर पहुंची मां को गालियां देते हुए मारने की धमकी दी।

पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी युवक उमेश यादव के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट के मामले में मुकदमा अपराध संख्या 459 की धारा 354,504,506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष गौरव आर कनौजिया ने बताया कि मामले में कार्यवाई की जा रही है।

ई कवच पर हर परिवार की होगी फीडिंग, आभा आईडी से भी जोड़ा जाएगा

गोरखपुर, ई कवच पोर्टल पर जिले के प्रत्येक परिवार की फीडिंग की जाएगी और इस पोर्टल को आभा आईडी से जोड़ा जाएगा । साथ ही यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (यूडीएसपी) के जरिये भी बारह प्रकार की बीमारियों की रिपोर्ट ऑनलाइन देखी जा सकेगी।

यह दोनों कार्य जिले में संभव हो सकें इसके लिए स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों, स्वास्थ्यकर्मियों और सहयोगी संस्थाओं को प्रशिक्षित कर रहा है । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह की उपस्थिति में अलग अलग प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये गये ।

स्वयंसेवी संस्था डब्ल्यूजेसीएफ के प्रतिनिधि दिलीप गोबिंद राव और आजम के सहयोग से ई कवच पर फीडिंग के संबंध में सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों और ब्लॉक स्तरीय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है ताकि सभी ब्लॉक में गुणवत्तापूर्ण फीडिंग की जा सके।

फीडिंग का यह कार्य आशा और एएनएम की मदद से हो रहा है। इससे त्वरित फायदा यह होगा कि शून्य से पांच वर्ष के सभी बच्चों को नियमित टीकाकरण की सेवा मिल सकेगी और उनका गंभीर बीमारियों से बचाव होगा।

ई कवच पर फीडेड प्रत्येक परिवार का विवरण आभा आईडी से भी जोड़ा जाएगा जिसका फायदा यह होगा कि देश में कहीं से भी लाभार्थी का विवरण देखा जा सकेगा ।

प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, जेएसआई, यूएनडीपी, यूपीटीएसयू और चाई संस्था के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे । सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह इस कार्य में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

डॉ दूबे ने बताया कि भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दिसम्बर को सभी सीएचओ को यूडीएसपी पोर्टल के बारे में प्रशिक्षित किया गया । जब भी कोई तेज बुखार का रोगी मिलेगा तो उसका विवरण इसी पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।

उसके परामर्श और जांचों का विवरण भी पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा । यह पोर्टल भी आभा आईडी से जुड़ेगा जिससे मरीज का विवरण वह खुद और सेवा प्रदाता भी उसकी सहमति से कहीं से भी प्राप्त कर सकेंगे। जिस प्रकार से कोविड की रिपोर्ट लोग घर बैठे देख लेते हैं, उसी प्रकार से इन बीमारियों की रिपोर्ट भी घर बैठे देखी जा सकेगी।

इस प्रशिक्षण में भटहट सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्विनी चौरसिया, डीडीएम दुर्गेश गुप्ता, पाथ संस्था से डॉ पीएल बिस्वाल, डॉ अर्पित पटनायक, डॉ शिवम शिंदे, डॉ राहुल कांबले और अभिनय कुशवाहा ने विशेष सहयोग किया ।

सभी सीएचओ को इस पोर्टल पर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जेई, स्क्रबटाइफस, कालाजार, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, थायरायड, कालरा, फाइलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस बीमारियों के फीडिंग का चरणबद्ध तरीका बताया गया ।

भटहट से हुई है शुरूआत

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि यूडीएसपी पोर्टल के ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण की शुरूआत भटहट से हो चुकी है । धीरे धीरे सभी ब्लॉक का प्रशिक्षण किया जाएगा। जिला स्तरीय प्रशिक्षण पहले ही कराया जा चुका है ।

किसानों के फसल को छुट्टा पशु कर रहे बर्बाद

घघसरा/गोरखपुर। पाली क्षेत्र के नेवास। कोटिया भगवानपुर मोहानाग रानूखोर गांव अजगईबा घाट के पास छुट्टा पशुओं का आतंक बढ़ गया है। किसानों द्वारा बुवाई की गई गेहूं की फसल खेतों में अभी बड़ा होने शुरू हुए कि क्षेत्र के छुट्टा अपना निवाला बनाना अभी से ही शुरू कर दिया है।

छुट्टा पशु खेतों में जितना अपना निवाला बनाते हैं उससे अधिक वह नाजुक गेहूं फसल को रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे आवारा छुट्टा पशुओं से आखिर किसान कैसे पाएं निजात।

इस संबंध में किसानों से बात की गई तो लोगों ने बताया कि खेतों की निगरानी के समय खेत में छुट्टा पशुओं के झुण्ड को किसी तरह भगा तो दिया जाता है लेकिन शिवान में चारों तरफ फसलें हैं, छुट्टा पशु जहां जाते हैं वहां फसलों को नुकसान करते हैं।

बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बड़हलगंज के प्रांगण में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसमें 124 मरीजों ने आकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव से कैंसर संबंधित परामर्श लिया, लक्षण की जांच कराई तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया। शिविर का हिस्सा बनने वाले लोगों में बड़ी संख्या में मध्यम एवं वरिष्ठ आयु वर्ग के व्यक्ति शामिल थे।

सबसे ज्यादा दिखाने वाले पुरुषो में माउथ, लंग, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ आदि में परेशानी वाले लोग रहे जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय, पित्त आदि की समस्या वाले लोग आए।

कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के दुर्दांत रोग कैंसर के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित लोगों तथा यहां दिखाने आए सभी लोगों को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई कि इन शिविरों के मुख्य उद्देश्य भारत में सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, माउथ कैंस आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इन्हें बताया गया की इन शिविरों की विशिष्टता केवल स्क्रीनिंग नहीं है, बल्कि सामान्य अच्छे स्वास्थ्य चाहने वाले व्यवहार, पोषण, गर्भाशय ग्रीवा और स्तन कैंसर आदि के बारे में जागरूकता में सुधार तथा महिलाओं को स्तन परीक्षण की स्व-तकनीक सीखने में मदद करना है। उन्हें कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने, बीवी बच्चों आदि के सामने धूम्रपान न करने की सलाह दें। यह धूम्रपान न करने वालों को सेकेंड हैंड धुएं से दूर रखेगा। माता-पिता अपने परिवार को संतुलित आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां खाने, जंक फूड आदि न लेने से एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने की सलाह दें। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है'। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका, फ्लिपबुक, पोस्टर, लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि वितरित किया गया ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर और लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शुभम कुमार, अजय श्रीवास्तव, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, सोनी पासवान, नारद, संजय, अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा ।

*सुख के साथी सब होते हैं लेकिन दुख के साथी कोइ नही*

पाली/सहजनवां। विकास खण्ड पाली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत चड़राव में चल रहे श्री मद् भागवत कथा महापुराण के पांचवें दिन चल रहे ।

कथा के दौरान पुज्य आचार्य सुधांशु कृष्ण जी महाराज जी ने कृष्ण बाल लीला,पुतना उद्घार का प्रसंग सुनाया ।

महराज ने बताया कि सुख के ‌साथी तो सब होते हैं सुख सबको चाहिए, लेकिन दुख का सहयोगी कोई नहीं होता।

पुण्य सबको चाहिए, लेकिन पांप किसी को नहीं चाहिए। लेकिन हमारे गोविंद,भक्तो के अनेकों जन्मों के अर्जित पाप को भी चुरा लेते हैं।बाल लीला का मनोहारी चित्रण कर पुतना उद्घार कि कथा सुनाई।

उन्होंने बताया कि कैसा भी प्राणी हो भगवान के संन्मुख आ जाये तो वे उसका उद्धार हो जाता हैं। भगवान भी ब्रज में रह कर माखन चोरी की लीला किए। आगे वृंदावन की सुन्दर कथाओं का वर्णन किया।

बकासुर अधासुर आदि दैत्यों का उद्घार ‌कालिया मर्दन के बाद गोवर्धन धारण कर ‌भगवान‌ ब्रजवासियों कि रक्षा किया।इस दौरान एस पी सिंह, जितेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह , गुड्डू सिंह , बिजय सिंह , राधेश्याम सिंह , गणेश साहनी , धर्मेन्द्र गिरधर, अंकित सिह सहित आदि लोग मौजूद रहे।

विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम आयोजित

पाली,सहजनवां। विकासखंड के ग्राम पंचायत बाहिलपार में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संकल्प यात्रा में भारत सरकार द्वारा चलाई गई सभी योजनाओं जैसे विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन ,ग्रामीण आवास ,स्वच्छ भारत मिशन, शौचालय, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य योजनाओं का सजीव प्रसारण किया गया।

कार्यक्रम ब्लॉक प्रमुख ई शशी प्रताप सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया। उक्त अवसर पर जिला महामंत्री डा आर डी सिंह ,जिला मंत्री राम उजिगर शुक्ला, वीडियो बृजेश यादव, प्रधान प्रतिनिधि रमेद्र मिश्रा, अभिमन्यु मौर्य, सचिव विजय मौर्य, सचिव धनेंद्र सिंह,सचिव हेमंत सिंह व समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।

*एम्स गोरखपुर में आईएपीएसएम के मंच पर फाइलेरिया मरीजों की आवाज बनीं पूजा*

गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन का दो दिवसीय छब्बीसवां कांफ्रेस लाइलाज उपेक्षित बीमारी फाइलेरिया के लिहाज से भी खास रहा ।

पहली बार इस मंच पर फाइलेरिया उत्तरजीवी नेटवर्क की सदस्य पूजा सिंह को भी अपनी कहानी सुनाने का मौका मिला, जिससे इस उपेक्षित बीमारी के मरीजों को भी स्वर मिला ।

फाइलेरिया मरीजों की बात आई तो इसके उन्मूलन के प्रयासों के बारे में भी कई कहानियां सामने आईं । पूरा सत्र जीवंत बन गया और कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर की उपस्थिति में हुई इस खुली चर्चा की सभी ने सराहना की ।

कांफ्रेंस के पहले दिन का आखिरी सत्र फाइलेरिया उन्मूलन का था जिसके मॉडरेटर रहे बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन में नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज इलिमिनेशन प्रोग्राम्स के कंट्री लीड डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी । उन्होंने इस लाइलाज बीमारी के विभिन्न पक्षों की जानकारी दी।

पाथ संस्था के राज्य प्रतिनिधि डॉ शोएब अनवर और पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि रनपाल सिंह ने भी फाइलेरिया की गंभीरता से सबको अवगत कराया। सीफार संस्था की कार्यकारी निदेशक डॉ अखिला शिवदास ने कार्यक्रम में सामुदायिक भागीदारी पर प्रकाश डाला और इसमें फाइलेरिया नेटवर्क के प्रयासों को साझा किया। इसी क्रम में फाइलेरिया नेटवर्क की सक्रिय सदस्य सदस्य पूजा सिंह को अपनी कहानी के लिए आमंत्रित किया ।

पेशे से शिक्षिका पूजा ने बताया कि करीब दस से बारह साल पहले वह फाइलेरिया से ग्रसित हुई थीं । उन्हें फाइलेरिया हुआ तो वह भी इस बीमारी से अपरिचित थीं। जब उन्होंने बीमारी के बारे में बताया तो उनके जानने वाले लोगों ने तरह तरह की जड़ी बूटी और गैर वैज्ञानिक उपायों से यह बीमारी ठीक होने की सलाह दी। वह लोगों की सलाह पर भटकती रहीं।

धीरे धीरे परेशानी बढ़ने लगी और पैर में दर्द और सूजन बढ़ता गया। एक बार तो सूजन इतना अधिक बढ़ गया कि पैर से पानी का रिसाव होने लगा। दर्द इतना भयानक था कि वह कई रातें सो नहीं पाईं। उन्होंने कई डॉक्टर को दिखाया पर कोई सही इलाज नहीं मिला इस कारण से उन्हें अपना अध्यापक का काम छोड़ना पड़ा और इससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई।

बीमारी के कारण उन्हें सामाजिक उपेक्षा और भेदभाव भी झेलना पड़ा। लोगों को यह लगता था कि उनके पैर के पानी से उन्हें भी संक्रमण हो जाएगा। वह हीन भावना का शिकार होने लगीं। वह शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होने लगीं।

इसी बीच पूजा के गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था के सहयोग से फाइलेरिया रोगी नेटवर्क का गठन किया गया और नियमित बैठकें होने लगीं।

पूजा भी इसमें भाग लेने लगीं और विशेषज्ञों से बीमारी के बारे में कई प्रमुख जानकारी ली और देखभाल के तरीके सीखे। इससे उनके मन में सकारात्मकता का संचार हुआ । व्यायाम और फाइलेरिया प्रभावित अंग की देखभाल से उन्हें आराम मिला है और वह आज दूसरे लोगों को इस बीमारी के प्रति व्याप्त भ्रांतियों के बारे में जागरूक कर रही हैं।

खुल कर हुई चर्चा

पूजा की कहानी सुनने के बाद सत्र में इस मुद्दे पर जीवंत चर्चा हुई। गोरखपुर के जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा कि सहयोगी संस्था पीसीआई और सीफार तथा फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की पहल से जिले में कई अभिनव प्रयास हुए हैं। उन्होंने पिपराईच ब्लॉक के महराजी गांव का भी उदाहरण दिया जहां अभियान के दौरान सौ फीसदी/ 100 प्रतिशत परिवारों को दवा का सेवन कराया गया और प्रवासी लोगों को भी घर वापस आने पर फाइलेरिया कार्नर के जरिये दवा खिलाया जा रहा है।

कार्यक्रम संयोजक डॉ हरिशंकर जोशी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एम्स में बने बूथ के जरिये बड़े पैमाने पर लोगों ने इस बार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया है । खुली चर्चा में इस बात पर जोर दिया गया कि समाज के प्रभावशाली लोग जब दवा का सेवन करेंगे तो आमजन भी बचाव की दवा खाएंगे और इस बीमारी का उन्मूलन संभव होगा। चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को इस दवा का सेवन सबसे पहले करना चाहिए।

फाइलेरिया को जानिए

• यह गंदे पानी में पनपने वाले क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। यह न तो अनुवांशिक है और न ही इसके मरीज के साथ उठने या बैठने से यह बीमारी होती है।

• फाइलेरिया का संक्रमण होने के बाद इसके लक्षण दिखने में पांच से पंद्रह साल तक का समय लग सकता है। इसके लक्षण हाइड्रोसील, हाथीपांव, स्तन में सूजन आदि के जरिये प्रकट होते हैं।

• पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन करने से इससे बचाव होता है।

• शुरूआती दौर में इसकी पहचान हो जाने से एमएमडीपी के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है और इसके एक्यूट अटैक से भी बच सकते हैं।