ऑपरेशन सिंदूर का बिहार बनेगा पॉलिटिकल बैटल ग्राउंड, जाने कैसे बिछाई जा रही सियासी बिसात

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने को पूरी तरह नष्ट करने के साथ-साथ पाकिस्तान को भी घुटने टेकने को मजबूर कर दिया है. बीजेपी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उसी तरीके से राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुट गई है, जैसे एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद किया था. बीजेपी के नेता देश भर में तिरंगा यात्रा निकालकर सियासी माहौल बनाने में लगे हैं. पीएम मोदी ने मंगलवार को आदमपुर एयरबेस से जो भाषण दिया, उससे इतना साफ हो गया कि बीजेपी कि बिहार के चुनाव में ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की कार्रवाई के इर्द-गिर्द सियासी एजेंडा सेट करने की रणनीति है.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया है. सेना ने ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और 100 से अधिक आतंकी मारे गए. सेना की ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद सत्तापक्ष हो या विपक्ष, दोनों में शह-मात का खेल शुरू हो गया है. इस साल सिर्फ बिहार में चुनाव होने हैं, जिसके चलते माना जा रहा है कि बिहार ऑपरेशन सिंदूर का बैटल ग्राउंड बनेगा?

राहुल गांधी अपनी पूरी फौज के साथ उतरेंगे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को अपने नेताओं की पूरी फौज के साथ बिहार के रण में उतर रहे हैं. राहुल पटना में सामाजिक न्याय से जुड़े एक्टिविस्टों के साथ पहले फुले फिल्म देखेंगे और उसके बाद दरभंगा में दलित छात्रों के साथ संवाद करेंगे. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के करीब 60 बड़े नेता अलग-अलग जिलों में दलित, ओबीसी और अतिपिछड़े वर्ग के छात्रों से बातचीत कर शिक्षा, रोजगार और पलायन के मुद्दे पर सियासी एजेंडा सेट करते हुए नजर आएंगे. इस दौरान राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं पर बीजेपी की नजर होगी कि ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर के मुद्दे पर क्या बात रखते हैं?

कांग्रेस पहलगाम से लेकर आपरेशन सिंदूर पर मोदी सरकार के साथ खड़ी रही है, लेकिन पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम का ऐलान होने के साथ ही राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने अलग तेवर अपना लिए हैं. कांग्रेस सीजफायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा किए जाने पर मोदी सरकार को घेरने में जुटी है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गहन चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उसी मांग को दोहरा रहे हैं. इस तरह से समझा जा सकता है कि महागठबंधन किस तरह से सियासी दांव चल रहा है.

पीएम मोदी क्या बिहार से भरेंगे चुनावी हुंकार

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसी महीने बिहार दौरा होने जा रहा है. रोहतास में पीएम मोदी चुनावी रैली संबोधित करेंगे. 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से ही बदले का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने मधुबनी रैली से पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को मिट्टी में मिलाने और उनके आकाओं को कल्पना से परे सजा देने का ऐलान किया था.

पीएम मोदी ने जो कहा था, उसे भारतीय सेना ने करके दिखाया है. ऑपरेशन सिंदूर इसी का जीवंत उदाहरण है. पीएम मोदी ने बिहार की धरती से ही पहलगाम का बदला लेने की बात कही थी और अब जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार आ रहे हैं, तो साफ है कि एक बार फिर से सियासी संदेश देने की कवायद कर सकते हैं. बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी बिक्रमगंज की रैली में आतंकवाद पर दुनिया को संदेश देंगे. साथ ही कहा कि यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक सभा नहीं होगी बल्कि देश की शक्ति व सेना के शौर्य का चर्चा होगी.

बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुटी

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे को सियासी धार देने में जुट गई है. पीएम मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन और उसके बाद आदमपुर एयरबेस से पाकिस्तान और दुनिया को संदेश देने के साथ-साथ सियासी एजेंडा सेट करते नजर आए हैं. बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी ने ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय भारतीय सेना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दिया है.

विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि पीएम मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का जो संकल्प लिया था, उन्होंने उसे पूरा किया. सम्राट चौधरी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय भारतीय सेना को दिया है. उन्होंने कहा है कि देश की बहनों का सिंदूर बचाने का काम भारतीय सेना हमेशा से कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकाने को ध्वस्त किया गया है, उसके पीछे सेना का शौर्य और पीएम मोदी का संकल्प है. ऐसे में साफ है कि पीएम मोदी बिहार दौरे पर ऑपरेशन सिंदूर के साथ पाकिस्तान को धूल चटाने की बात का जिक्र कर चुनावी एजेंडा सेट करते नजर आएंगे.

सियासी लाभ उठाने की फिराक में आरजेडी

पहलगाम हमले के बाद से ही आरजेडी फूंक-फूंककर कदम रख रही है. पहलगाम हमले के बाद ही आरजेडी ने मोदी सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की खबर जैसे ही आई, आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भारतीय सेना को बधाई देने में एक भी मिनट देर नहीं की. तेजस्वी ने कहा है कि भारतीय सेना ने कभी भी आतंकवाद और अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि भारतीय सेना ने हमेशा मां की कोख, बहनों की कलाई और सिंदूर की रक्षा की है. हम लोग सत्य और अहिंसा में विश्वास करते हैं. कभी किसी का नुकसान नहीं किया है, लेकिन हमारे साथ कोई गलत करेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब देना हमें (भारत) आता है. आरजेडी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहुत ही संतुलन बयान दिए हैं, लेकिन सीजफायर के बाद मोदी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर अपना सियासी दांव चल दिया है.

आरजेडी ने कहा की सेना के शौर्य पर पूरे देश को गर्व है और इस सेना के शौर्य पर बात होनी चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा सभी पार्टियां विशेष सत्र के दौरान अपनी-अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकती हैं. आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जब शुरू हुआ, तो सारे देशवासियों की सोच एक जैसी थी. ऐसे में हमने सीजफायर करने का निर्णय लिया, तो उसकी जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपित ट्रंप कैसे दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि विशेष सत्र बुलाने की मांग इसलिए जरूरी है कि ताकि पूरी दुनिया को एक स्वर में संदेश दिया जाए कि हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश की एकता अखंडता और संप्रभुता पर हम एक हैं.

जहां सूरज से पहले जागते हैं हनुमान जी, जानें-अयोध्या की अलौकिक सुबह की कहानी

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या एक ऐसी पुण्यभूमि है, जहां हर सांस में राम बसते हैं, लेकिन इस नगरी की सुबह सूरज उगने से नहीं होती. अयोध्या की असली सुबह तो तब शुरू होती है, जब हनुमानगढ़ी के शिखर से हनुमंत लला के भजनों की गूंज उठती है. हर दिन तड़के तीन बजे जब पूरा नगर अभी नींद में होता है, तभी बजरंगबली के जागरण का अलौकिक समय शुरू हो जाता है.

हनुमानगढ़ी, अयोध्या का वह सिद्ध पीठ है जो सिर्फ ईंट-पत्थर से नहीं बना, बल्कि आस्था, भक्ति और परंपरा की आत्मा से जीवंत हुआ है. 1940 से निरंतर चल रही यह परंपरा बताती है कि हनुमान जी को अयोध्या में सबसे पहले जगाया जाता है और उसके बाद ही मंदिरों में आरती और पूजन की प्रक्रिया शुरू होती है. तड़के तीन बजे जैसे ही मंदिर के शिखर से “हनुमान गुणगान” के स्वर गूंजते हैं, वैसे ही एक आध्यात्मिक तरंग पूरे नगर को जागृत कर देती है.

ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान जी का स्मरण

पुजारीगण भजनों की स्वर-लहरियों के साथ जागरण आरंभ करते हैं और फिर संपूर्ण अयोध्या के मंदिरों में दीप जलते हैं. शंखनाद होता है और भक्ति की ऊर्जा हर दिशा में फैल जाती है. छह पुजारियों की विशेष टीम इस दिव्य जागरण का संचालन करती है. उनका मानना है कि ब्रह्म मुहूर्त में जब देव शक्तियां जाग्रत होती हैं. उस समय हनुमान जी का स्मरण करना अत्यंत फलदायी होता है.

‘अयोध्या की आत्मा हनुमान जी के भजनों से जग चुकी होती है’

हनुमानगढ़ी में रहने वाले संत डॉ. रामानंद शुक्ल कहते हैं, “हनुमान जी की दिव्य उपस्थिति अयोध्या के वातावरण को सात्विक ऊर्जा से भर देती है और जब चार बजे रामलला के दरबार में मंगला आरती होती है, तो उससे पहले ही अयोध्या की आत्मा हनुमान जी के भजनों से जग चुकी होती है. रामभक्त हनुमान को अपने आराध्य श्रीराम से पहले जगाया जाना यह बताता है कि रामकथा की हर सुबह भी हनुमान जी से शुरू होती है.”

अयोध्या में सुबह हनुमान जी से होती है शुरू

वहीं भक्त कहते हैं कि जब तक हनुमान जी नहीं जागते, अयोध्या की सुबह अधूरी रहती है. यही कारण है कि हनुमानगढ़ी के भजनों की गूंज केवल मंदिर की सीमा तक नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के हृदय तक जाती है, तो जब भी आप अयोध्या आएं सुबह तीन बजे उठिए और हनुमानगढ़ी की ओर चल दीजिए. वहां की सुबह सिर्फ देखी नहीं जाती, उसे आत्मा से महसूस किया जाता है और जब आप उस पावन गुणगान का हिस्सा बनते हैं, तब आप समझ पाते हैं कि अयोध्या में सुबह हनुमान जी से होती है, सूरज से नहीं!

भारत के खिलाफ साइबर जंग की नई चाल, ‘Roar of Sindoor’ रिपोर्ट में खुलासा

भारत के खिलाफ बड़े साइबर अटैक की साजिश रची जा रही है. इसका खुलासा “Roar of Sindoor” रिपोर्ट से हुआ है. साजिश के तहत तकनीकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के साथ ही देश में गलत जानकारी और फेक नैरेटिव फैलाकर सामाजिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इस रिपोर्ट को “Echos of Pahalgam” के बाद जारी किया गया है, जिसने पहले ही भारत को कई महत्वपूर्ण साइबर हमलों से बचाने में भूमिका निभाई थी. नई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत पर साइबर हमले करने वाले समूहों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और मिडिल ईस्ट के कई खतरनाक हैकर ग्रुप्स शामिल हैं.

इन समूहों में प्रमुख रूप से APT-36, Team Insane PK, Mysterious Team, Hoax377, और National Pakistan Allied Group जैसे नाम शामिल हैं.

अब तक 1.5 मिलियन अटैक, 150 सफल प्रयास

रिपोर्ट के मुताबिक, इन ग्रुप्स द्वारा अब तक भारत पर 1.5 मिलियन से अधिक साइबर अटैक किए जा चुके हैं, जिनमें से 150 हमले सफल माने जा रहे हैं. यह हमले मुख्यतः भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों, ऊर्जा सेक्टर, और महत्वपूर्ण डाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित रहे हैं.

साइबर हमलों के साथ चल रहा है हाइब्रिड वॉर

रिपोर्ट में इस खतरे को केवल तकनीकी तक सीमित नहीं बताया गया है. बल्कि इसे एक “हाइब्रिड वॉर” का हिस्सा माना गया है. इस युद्ध का एक बड़ा पहलू मिस इन्फॉर्मेशन वॉर यानी फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाना है. इसका मकसद जनता में भ्रम, भय और अविश्वास फैलाना है.

देश के भीतर सक्रिय हो सकते हैं स्लीपर सेल

रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई गई है कि भारत के भीतर स्लीपर सेल्स सक्रिय हो सकते हैं, जो इन साइबर और सूचना हमलों में सहयोग कर रहे हैं. हालांकि उनकी पहचान अब तक सामने नहीं आई है लेकिन खुफिया एजेंसियां इस दिशा में सतर्क हो गई हैं.

5000 से अधिक मिस इन्फॉर्मेशन कैंपेन

अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार, 5000 से अधिक फर्जी प्रचार अभियानों को भारत के खिलाफ चलाया गया है. इनमें से कुछ बड़े दावे शामिल हैं जैसे

महाराष्ट्र में पावर ग्रिड पर फर्जी तोड़फोड़ की खबर

ब्रह्मोस मिसाइल केंद्र पर हमले की अफवाह

इनमें से 83 अभियानों को निष्क्रिय कराने की कोशिश की गई. अब तक 38 कैंपेन को सफलतापूर्वक हटाया भी जा चुका है.

बढ़ती चुनौती के बीच साइबर डिफेंस को मजबूत करने की जरूरत

“Roar of Sindoor” रिपोर्ट भारत की साइबर सुरक्षा के लिए चेतावनी की घंटी है. ये न केवल डिजिटल संरचनाओं की सुरक्षा को लेकर सजगता की मांग करती है, बल्कि सामाजिक तानेबाने को भ्रामक सूचनाओं से बचाने की भी चुनौती पेश करती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है जब भारत को साइबर डिफेंस को राष्ट्रीय सुरक्षा के समकक्ष प्राथमिकता देनी होगी.

रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग पर दर्दनाक हादसा, ट्रेलर से टकराई यात्रियों की गाड़ी, 13 लोगों की मौत, कई घायल

रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग पर रविवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे की घटना सामने आई है. जहां यात्रियों के भरी वाहन की तेज रफ्तार ट्रेलर से भीषण टक्कर हो गई. इस हादसे में वाहन में सवार 13 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 12 अन्य यात्री बुरी तरह से घायल हुए हैं. घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरोरा और मेडिकल कॉलेज रायपुर भेजा गया है.

पुलिस के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब चटौद थाना के लोग एक छठी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस लौट रहे थे. इस दौरान रायपुर-बलौदबाज़ार रोड के सारागांव के समीप उनके वाहन की एक तेज रफ्तार ट्रेलर गाड़ी के साथ टक्कर हो गई. करीब 50 से ज्यादा लोग एक स्वराज माजदा वाहन से छठी समारोह में गए हुए थे. इस हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है जिसमें महिलाएं और बच्चें भी शामिल हैं.

एसपी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद

पुलिस ने बताया कि स्वराज माजदा वाहन संख्या CG 04, MQ 1259 में चटौद से करीब 50 लोग खरोरा के बाना बनारसी गए हुए थे. जहां से वापस आते समय उनके वाहन की ट्रेलर गाड़ी के साथ एक्सीडेंट गया. इस हादसे में अभी 13 लोगों की मौत होने की पुष्टी की गई है लेकिन मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया.

पुलिस ने घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरोरा और मेडिकल कॉलेज रायपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया है. हादसे की सूचना मिलते ही रायपुर एसपी सहित कई पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं. घटनास्थल पर चीख-पुकार मची हुई है. पुलिस टीम राहत और बचाव काम में जुटी है.

रायपुर एसपी क्या बोले?

रायपुर एसपी लाल उम्मेद सिंह ने कहा, ‘चटौद गांव से कुछ लोग छठी कार्यक्रम में शामिल होने बाना बनारसी गए थे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद वे वापस लौट रहे थे. इसी दौरान रायपुर-बलौदाबाजार रोड के पास हादसा हो गया. कुल 13 लोगों की मौत हो गई है. 12 अन्य लोग घायल हो गए हैं. सभी को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.’

प्रेमानंद महाराज ने मदर्स डे पर मां के लिए क्या कहा?

आज मदर्स डे है. मदर्स डे पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भी मदर्स डे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. मदर्स डे पर प्रेमानंद महाराज भक्तों को प्रवचन दिया है. इसमें उन्होंने मां को लेकर कहीं महत्वपूर्ण बाते बताई हैं. संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मां संपूर्ण जगत में पूज्यनीय और सबसे बड़ी गुरु होती है.

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मां से बड़ा कोई नहीं होता. वह दुराचारी लोग हैं, जो अपनी मां को मारते और पीटते हैं. मां को कटु शब्द बोलते हैं. मां 9 माह तक बच्चे को अपने गर्भ में पालती है. वो अपने रक्त से बालक को सींचती है. साथ ही कई वर्षों तक बच्चों के मल मूत्र को भी साफ करती है, लेकिन हम बच्चे बड़े होकर इन सब बातों को भूल जाते हैं और जब उसकी सेवा की बात आती है, तो उसे आश्रम में भेज देते हैं.

आजकल के बच्चे वीआईपी बनते हैं-प्रेमानंद महाराज

उन्होंने कहा कि बच्चे 10-20 लख रुपये जमा कर देते हैं कहते हैं कि यहां पर मां आपकी सेवा होगी, लेकिन भूल जाते हैं कि मां को वह प्यार कहां से मिलेगा जो उसे बच्चों से मिलता है. उन्होंने कहा कि जब हम बच्चे थे तो हम लोगों की मां भी तो हमें अनाथ आश्रम भेज सकती थी. पैसा जमा कर सकती थी. अगर वो ऐसा करती तो हमारी क्या हालत होती, लेकिन आजकल के बच्चे वीआईपी बनते हैं.

मां से बड़ा भगवान कोई नहीं

उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान को पूजते हैं मैं उनसे कहता हूं कि अपनी मां को भगवान मानो और उनका ही आशीर्वाद लेकर चलो. फिर ब्रह्मांड में ऐसी कोई भी शक्ति नहीं है, जो तुम्हारे काम को रोक सके. मां से बड़ा भगवान कोई नहीं है. सबसे बड़ी देवी मां है. अगर मां की पूजा की तो भगवान प्रसन्न हो जाएंगे. इसलिए मां को इस लोक में प्रथम पूज्यनीय मानना चाहिए.

जब भारत तोड़ रहा था पाकिस्तान का घमंड, तब देश के खजाने में आए 14 हजार करोड़

मौजूदा महीने में सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव चर्चा का विषय बना हुआ है. दुनियाभर के निवेशक खासकर भारत को लेकर घबराए हुए थे. उस वक्त भी भारत ने अपना संयम नहीं खोया और विदेशी निवेशकों में अपना भरोसा कायम रखा. ऐसे समय में जब भारत पाकिस्तान के घमंड को तोड़ रहा था और ऑपरेशन सिंदूर की तैयारियों से लेकर उसके एग्जीक्यूशन को अंजाम देने में लगा था. तब भी दुनियाभर के विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार पर दाव खेला और अरबों डॉलर भारत की तिजोरी में डाले. मौजूदा महीने में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार में 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार बाजार से विदेशी निवेशकों के निवेश को लेकर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.

विदेशी निवेशकों ने भरा खजाना

स्थानीय शेयर बाजार के प्रति विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भरोसा कायम है और इस महीने अबतक उन्होंने 14,167 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं. अनुकूल वैश्विक रुख तथा मजबूत घरेलू बुनियाद के बीच एफपीआई स्थानीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं. खास बात यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बावजूद एफपीआई भारतीय बाजार में निवेश कर रहे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 4,223 करोड़ रुपए डाले थे.

यह तीन माह बाद उनका पहला निवेश था. इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में शेयरों से 3,973 करोड़ रुपए, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपए और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपए निकाले थे. इस तरह चालू साल में अब एफपीआई की निकासी घटकर 98,184 करोड़ रुपए रह गई है. भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई की गतिविधियों में अप्रैल में सुधार हुआ है. माना जा रहा है कि मई में भी यह रुख जारी रहेगा. आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि सामान्य सीमा के तहत बॉन्ड से 3,725 करोड़ रुपए निकाले हैं, जबकि स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 1,160 करोड़ रुपए का निवेश किया है.

क्या कह रहे हैं जानकार

जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे बढ़ते हुए वृहद वैश्विक कारकों (डॉलर में गिरावट, अमेरिका और चीनी अर्थव्यवस्था में सुस्ती) और घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ऊंची वृद्धि दर, घटती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कमी की वजह से एफपीआई का भारतीय बााजर के प्रति आकर्षण बना रहेगा. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अनुकूल वैश्विक रुख और मजबूत घरेलू बुनियाद से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार करार, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, भारतीय रुपए में मजबूती से वैश्विक निवेशकों के समक्ष भारतीय परिसंपत्तियों का आकर्षण बढ़ा है. इसके अलावा भारत की कुछ बड़ी कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों से भी एफपीआई की धारणा में सुधार हुआ है. जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के वीके विजयकुमार ने कहा कि हाल के दिनों में एफपीआई निवेश की खासियत यह रही है कि उन्होंने लगातार खरीदारी की है. उन्होंने आठ मई को समाप्त 16 कारोबारी सत्रों में 48,533 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं. हालांकि, 9 मई को भारत-पाकिस्तान विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने 3,798 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे.

जम्मू-कश्मीरः पाकिस्तान की गोलीबारी में सेना के 2 जवान शहीद और 5 नागरिकों की मौत

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बाद शनिवार को सीजफायर हो चुका है. इस सीजफायर को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी, जिसके बाद में ऐलान किया गया. हालांकि इसके बाद भी जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया. यही कारण है कि तनाव अभी भी बना हुआ है. सीजफायर से पहले पाकिस्तानी हमले में 2 सुरक्षा अधिकारियों और 5 अन्य लोगों की मौत हो गई. इस बारे में जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई. पाकिस्तानी हमले में 2 दर्जन से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल भी हुए हैं .

जम्मू शहर और अन्य इलाकों में 10 मई की सुबह करीब 5 बजे पाकिस्तान की तरफ से कई हमले किए गए. इसके साथ ही LoC पर जमकर फायरिंग हुई. पाकिस्तानी हमले के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया और घायलों को अस्पताल भेजा गया. पाक ने ड्रोन के जरिए रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया था.

पाकिस्तानी हमले में इन लोगों की गई जान

जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने बताया कि राजौरी के एडिशनल जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा और उनके दो कर्मचारी राजौरी शहर में उनके आधिकारिक आवास पर तोप के गोले से हुए हमले से गंभीर रूप से घायल हो गए. हमले के बाद थापा को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. इसके अलावा मोहम्मद इम्तियाज, राजौरी शहर के एक औद्योगिक क्षेत्र के पास गोलाबारी में दो और लोग – दो वर्षीय आयशा नूर और मोहम्मद शोहिब (35) की मौत हो गई .पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर के कंघरा-गलहुट्टा गांव में मोर्टार शेल के उनके घर पर गिरने से 55 वर्षीय राशिदा बी की मौत हो गई. जम्मू के बाहरी इलाके बंटालाब के खेरी केरन गांव में गोलाबारी में जाकिर हुसैन (45) की मौत हो गई और एक लड़की समेत दो अन्य घायल हो गए.

सीजफायर के बाद भी फायरिंग

भारत और पाकिस्तान युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने शनिवार शाम पांच बजे से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया था. भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई शाम 5 बजे सीजफायर हो गया. इसके बाद भी कई इलाकों में गोलीबारी देखने को मिली है. तो वहीं दूसरी तरफ सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है. सीजफायर के बाद अभी जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बाजार बंद हैं और भारी फोर्स तैनात है.

लौट आओ, गुलाम भाई माफ कर देंगे; ऑपरेशन सिंदूर के बीच सीमा हैदर को बहन का बुलावा

पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालात नाजुक बन गए हैं. भारत सरकार ने पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है. इस घटना की वजह से पाकिस्तान से आकर नोएडा में रह रही सीमा हैदर चुप्पी साधे हुए है. बावजूद इसके वह सुर्खियों में है. इस समय सीमा हैदर की चर्चा एक वीडियो की वजह से हो रही है. यह वीडियो सीमा हैदर की बहन रीमा हैदर का है और इसे सोशल मीडिया में उसके पहले पति गुलाम हैदर ने अपलोड किया है.

वीडियो में रीमा हैदर रोते हुए सीमा हैदर से वतन लौट आने की अपील कर रही है. कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर की वजह से भारत में हालात ठीक नहीं है. ऐसे में बच्चों को लेकर वहां रहना ठीक नहीं. इस वीडियो में वह कह रही है कि वतन लौट आओ तो यहां कोई कुछ नहीं कहेगा, बल्कि गुलाम भाई पहले की ही तरह उसे अपना लेंगे. वीडियो में रीमा कह रही है कि भारत वाले उसे भेजना चाहते हैं, ऐसे में वह क्यों नहीं आ रही है.

सीमा की रगों में बसा पाकिस्तान

वीडियो में रीमा अपनी बहन सीमा हैदर को याद दिला रही है कि वह गुलाम की बीवी है और अभी तलाक नहीं हुआ है. इसी वीडियो में रीमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार करती है कि सीमा की वतन वापसी में उसकी मदद करें. रीमा ने दावा किया कि भारत में सीमा को डरा धमकाकर झूठ बोलवाया जा रहा है. उससे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगवाए जा रहे हैं, जबकि पाकिस्तान सीमा के रगों में दौड़ रहा है.

पहलगाम के बाद से ही शांत है सीमा

बता दें कि सीमा हैदर इन दिनों बिलकुल चुप्पी साधे हुए है. उसकी चुप्पी पहलगाम अटैक के बाद से ही देखी जा रही है. बीते दो हफ्ते से उसने सोशल मीडिया में कोई वीडियो भी अपलोड नहीं किया. बताया जा रहा है कि पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुद सीमा को भी डर सता रहा है कि कहीं उसे पाकिस्तान ना भेज दिया जाए. सीमा हैदर साल 2023 में अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते भारत आई थी और उसी समय से यहां नोएडा के रबूपुरा में रहने वाले सचिन मीणा की पत्नी बनकर उसके घर में रह रही है.

दिल्ली से 300 किमी दूर मार गिराई गई PAK की मिसाइल, फाइटर जेट भी ढेर

भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले 4 दिनों से लगातार तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान लगातार पर भारत पर हमले की कोशिश कर रहा है, इसके लिए वो मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. शुक्रवार रात और शनिवार तड़के सुबह पाक की तरफ से कई जगहों पर हमला किया गया. हालांकि भारत ने ये सभी हमले नाकाम कर दिए. इसके साथ ही मुंहतोड़ जवाब भी दिया है.

शनिवार को पाकिस्तान ने दिल्ली पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है. पाकिस्तान ने दिल्ली की ओर मिसाइल छोड़ी थी, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों की सतर्कता और तत्परता ने इस हमले को नाकाम कर दिया. भारत ने पाकिस्तान की इस कोशिश को दिल्ली से 300 किलोमीटर ही नाकाम कर दिया. अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह मिसाइल दिल्ली की ओर आ रही थी, जिसे सिरसा में इंटरसेप्ट किया गया. भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान का फाइटर जेट भी ढेर हो गया है.

पठानकोट में सुबह ड्रोन एक्टिविटी और एयरबेस पर हमले की कोशिश की गई. एयरबेस के साथ लगते हिमाचल के माजरा में एक UAV (मानव रहित हवाई वाहन) को मार गिराया है . पाकिस्तान ने जम्मू में हिंदू समुदाय के प्रसिद्ध आप शंभू मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की. मिसाइल मंदिर के गेट के पास गिरी, जिससे पवित्र स्थान को कोई नुकसान नहीं हुआ है. पाकिस्तान ने पंजाब के अमृतसर पर भी हमला करने की कोशिश की जिसे नाकाम कर दिया गया.

दिल्ली को निशाना बनाना चाहता है पाकिस्तान

भारत की राजधानी दिल्ली को पाकिस्तान निशाना बनाना चाहता है. इसके लिए वो कई तरह की कोशिशें लगातार कर रहा है. पाकिस्तान के हमले हो रहे हैं वहां-वहां यही एयर डिफेंस सिस्टम हवा में उन्हें खत्म कर देता है.

26 जगहों पर पाक ने की हमलों की कोशिश

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. यही कारण है कि वो भारत पर हमलों की लगातार नाकाम कोशिशें कर रहा है. शुक्रवार रात और शनिवार की सुबह पाकिस्तान ने भारत की 26 जगहों पर हमले की कोशिश की है. यहां ड्रोन और मिसाइल हमलों से अटैक किया गया. भारत ने हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है.

पाकिस्तान ने जम्मू में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया है. इसके अलावा पंजाब में ड्रोन अटैक से कुछ लोग घायल भी हुए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जम्मू के अवंतीपोरा एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन अटैक को नाकाम किया गया. यहां बड़ा धमाका सुना गया. उधर, चंडीगढ़ और अंबाला में हवाई हमले की चेतावनी दी गई है.

चारधाम मार्ग पर पैरामिलिट्री फोर्स, केदारनाथ धाम की सुरक्षा बढ़ाई, भारत-पाक तनाव से उत्तराखंड में अलर्ट

भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच उत्तराखंड में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा में इजाफा किया गया है. मंदिर की सुरक्षा के लिए 350 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं. इसके अलावा चारधाम यात्रा और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से 15 कंपनियां मिली हैं. बॉर्डर बढ़े तनाव और दोनों तरफ से फायरिंग होने के बाद सुरक्षा के लिहाज से जवानों की तैनाती में इजाफा किया गया है.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा रूट पर सुरक्षा बढ़ाए जाने की जानकारी गृह सचिव शैलेश बगौली ने दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने की भी जानकारी दी. सरकार ने डीजीपी को नए सिरे से संवेदनशील इलाकों और स्थानों की चिंहित कर पुलिस फोर्स और खुफिया निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है.

राज्य सरकार ने मांगी थी 10 कंपनियां

राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियों की डिमांड की थी. वहीं राज्य सरकार की मांग पर 8 कंपनियां पहले ही भेजी जा चुकी हैं. बाकी दो कंपनियों के साथ ही 5 और कंपनियों को भेजा गया है. कुल 15 कंपनियों को भेजा गया है. इनमें से एक कंपनी को यूएसनगर भेजी गई है.

बीते दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम, बांध प्रोजेक्ट, अहम संस्थान समेत सभी संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा को बढ़ाने की निर्देश दिए थे. वहीं गृह सचिव ने कहा कि मौजूदा हालत को देखते हुए नए सिरे से संवेदनशील स्थानों की चिंहित किया जा रहा है. इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है.

सवा दो लाख श्रद्धालुओं किए दर्शन

तनाव के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ सकती है लेकिन अभी तक चारधाम में सवा दो लाख श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. इनमें 70 हजार श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे जबकि डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने केदारनाथ की दर्शन किए हैं. श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं