RTE से निजी स्कूलों में भर्ती पर मनमानी, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, फर्जी एडमिशन पर भी किया जवाब-तलब

बिलासपुर-  प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के तहत ईडब्ल्यूएस और बीपीएल वर्ग के बच्चों को सही तरीके से एडमिशन न मिल पाने पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन और शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है। राज्य सरकार के नए नियम से आरटीई की सीटें घटने और एडमिशन न होने या फर्जी एडमिशन पर भी कोर्ट ने जवाब तलब किया है।

आरटीई को लेकर लगाई गई याचिका में कहा गया है कि बड़े निजी स्कूलों में आवेदनों को जानबूझकर निरस्त किया जा रहा है। फिर इन सीटाें पर डोनेशन और फीस लेकर ओपन भर्ती की जाती है। बड़े स्कूलों में कुल सीटों पर सिर्फ 3 प्रतिशत ही एडमिशन हो रहा है। पिछले एक साल में प्रदेश में पूर्व की अपेक्षा लगभग सवा लाख कम एडमिशन हुए हैं। इस मामले में कोर्ट ने शासन और विभाग से जानकारी मांगी है कि आरटीई अंतर्गत आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर पिछले सालों में कितने बच्चों को एडमिशन दिया गया है और कितनी सीट खाली हैं? साथ ही खाली सीटों को ओपन आधार पर भरा गया तो उसके लिए क्या नियम अपनाए गए? इस संबंध में कोर्ट ने शासन से भी पूरे स्ट्रक्चर की जानकारी पेश करने कहा है।

प्राइवेट स्कूलों ने आदेश को ठीक से नहीं किया लागू

बता दें, कि भिलाई के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सीवी भगवंत राव ने शिक्षा के अधिकार को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। इस मामले में पूर्व में चार दर्जन निजी स्कूलों को पक्षकार बनाया गया था। पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस दिया था। यह मामला 2012 से कोर्ट में चल रहा है। साल 2016 में हाईकोर्ट ने विस्तार से इस बारे में निर्देश जारी किए थे, लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने आदेश को ठीक से लागू नहीं किया। इसी शिकायत को लेकर फिर से याचिका दायर की गई है।

निजी स्कूलों में संचालकों की मनमानी जारी

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा बच्चों का अधिकार है। आर्थिक एवं सामाजिक आधार पर बच्चों को पढ़ाई से वंचित नहीं जा सकता। याचिका में बताया गया कि प्राइवेट स्कूलों में पहली कक्षा के नामांकन में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों का मुफ्त में नामांकन और निशुल्क पढ़ाई कराना है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के नामांकन में संचालकों की मनमानी जारी है।

हत्या का खुलासा : पूर्व राज्यसभा सांसद के नाती की हत्या कर एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश, 2 आरोपी गिरफ्तार, जानिए वारदात की वजह…

बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ में पूर्व राज्यसभा सांसद स्व भूपेंद्र नाथ मिश्रा के नाती के मर्डर केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने हत्या में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.

मामूली बात पर हुआ था विवाद 

आरोपियों ने मामूली विवाद पर घटना को अंजाम दिया. दो युवकों ने ज्ञानेश मिश्रा को विवाद के बाद चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर लहूलुहान कर दिया. घटना से इलाके में हड़कंप मच गया था. 

हत्या को एक्सीडेंट की शक्ल देने की कोशिश 

आरोपी साहिल गेण्डरे और अमोन मारिस पीटर ने स्व भूपेंद्र नाथ मिश्रा के नाती ज्ञानेश की चाकू से हमला कर घायल कर दिया. जिसके बाद दोनों युवकों ने पूरी वारदात को एक्सीडेंट की शक्ल देने की कोशिश की. हालांकि मृतक के शरीर में मिले गहरे चोटों को देख पुलिस ने पहले ही हत्या का संदेह जताया था. 

पुलिस ने किया मामले का खुलासा

मामले का खुलासा करते हुए एस एस पी विजय अग्रवाल ने बताया कि ज्ञानेश मिश्रा की एक दिन पूर्व हत्या हुई थी. आरोपियों और मृतक के बीच मामूली विवाद हुआ. जिससे तैश में आकर मृतक ज्ञानेश पर आरोपी ने चाकू से हमला कर घायल कर दिया. जिसको गंभीर अवस्था में चिकित्सालय लाया गया जहाँ मौत हो गई. कोतवाली पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुटी. जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफ एस एल टीम की जांच, सीसीटीवी फुटेज और मोबाईल कॉल के आधार पर घटना क्रम की जांच की. पुलिस को दोनों आरोपी आरोपी साहिल गेण्डरे और अमोन मारिस पीटर को गिरफ्तार करने में सफलता मिला. दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मृतक ज्ञानेश शहीद स्मारक के पास खड़े थे. इस दौरान यहां क्यों खड़े हो कहकर बहस करने लगा, विवाद बढ़ गया और चाकू से उसपर हमला कर लहुलुहान कर दिया, जिसके बाद मुख्य आरोपी फरार हो गया था. आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. 

नक्सलियों ने 8 परिवारों को गांव से किया बेदखल, पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर जनअदालत में दी थी धमकी

दंतेवाड़ा-  बस्तर में एक बार फिर नक्सलियों की कायराना करतूत सामने आई है. बारसूर थाना क्षेत्र के तुसवाल पंचायत के दो गांव के आठ परिवारों को नक्सलियों ने जान से मारने का धमकी देकर गांव से बेदखल कर दिया है. सभी परिवार दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के शरहद में बसे तुसलवाल पंचायत के हैं. दहशत में आकर परिवार के लोग आज गांव छोड़कर बस्तर जिले के किलेपाल गांव में पनाह लेने निकले.

जानकारी के मुताबिक, तीन दिन पहले माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिविजन के माओवादी तुषवाल पंचायत के तोड़मा और कोहकावाड़ा गांव पहुंचे थे. यहां जनअदालत लगाया और पुलिस मुखबिरी करने व थुलथुली मुठभेड़ का आरोप लगाकर आठ परिवार को गांव छोड़ने का फरमान जारी किया था.

बजट सामान्य चर्चा : वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले – पिछली सरकार ने सरकारी खजाने को अपनी जेब में पहुंचाने का काम किया, नेता प्रतिपक्ष ने कहा…

रायपुर-  विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा की गई. इस दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, पिछले डेढ़ साल से हम मुख्यमंत्री के साथ पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं. जनता ने हमें ऐतिहासिक जनादेश दिया है. लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए उप चुनाव में भी ऐतिहासिक जनादेश मिला. स्थानीय निकाय का चुनाव जनता की वास्तविक सोच की अभिव्यक्ति है. निकाय चुनाव में भी जनता का जनादेश हमें मिला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दस में से दस निकायों में कांग्रेस जीती थी. दस में से दस निकाय उन्होंने जीता था, लेकिन जनता के दो वोट डालने के अधिकार को एक वोट में बदल दिया था. रायपुर में एक व्यक्ति को जीतने के लिए पूरे राज्य के संवैधानिक व्यवस्थाओं को चूर-चूर कर दिया था. यदि वह इसे रिकॉर्ड मानते हैं तो ये रिकॉर्ड उन्हें ही मुबारक.

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा, हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया कि जनता के दो वोट के अधिकार को वापस दिलाएंगे. जनमत संग्रह कराने की हिम्मत विष्णुदेव साय ने की. जनता के दरबार में हम गए. दस के दस निगमों में जनता ने भाजपा के प्रत्याशियों को जिताया है.

उन्होंने कहा, पिछले बार के ‘ज्ञान’ की थीम के बजट में अन्नदाता मूल में था. राजीव गांधी किसान न्याय योजना कांग्रेस चलाती थी. करीब पाँच हज़ार करोड़ का भुगतान किया गया. 2023 में अंतिम भुगतान साढ़े सात हजार करोड़ का किया गया. कांग्रेस सरकार चार किश्तों में किसानों को तड़पा तड़पा कर भुगतान करती थी. हमने एकमुश्त में 13 हजार 130 करोड़ का भुगतान किया है. इसके बाद भी वह किसानों के मसीहा बनने की घोषणा करते हैं. धान खरीदी के माध्यम से 94 हज़ार 915 करोड़ का भुगतान हुआ है. पीएम किसान निधि से दो हज़ार करोड़ का भुगतान हुआ है. गन्ना बोनस के रूप में 125 करोड़ का भुगतान हुआ है. सरकार में आने के सिर्फ 13 दिनों बाद बोनस की बकाया राशि का भुगतान किया है.

ओपी चौधरी ने कहा, हमारी सरकार ने सिर्फ सवा साल में ही किसानों को एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का भुगतान किया है. आर्थिक सर्वेक्षण में 24-25 में जीडीपी 7.5 फीसदी रहा है. यह राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा है. राष्ट्रीय औसत से प्रदेश की विकास दर पहले कमजोर थी. एफ़आरबीएम एक्ट, फाइनेंस कमीशन की गाइडलाइन है कि कर्ज की सीमा जीडीपी का 25 फ़ीसदी से ज़्यादा नहीं होना चाहिए. हम इस गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करेंगे. राज्य हित और व्यक्तिगत प्रशस्ति में मैंने राज्य हित को चुना है. रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के लोन, लोन के रिपेमेंट के साथ-साथ जो भुगतान लंबित थे उन्हें खत्म करने के लिए अनुपूरक बजट पेश किया था. भविष्य के गड्ढों को पाटने के लिए हमने ये तय किया था.

महतारी वंदन योजना से सशक्त हुई महिलाएं : चौधरी

चौधरी ने कहा, पिछली सरकार के वक्त राज्य पर 34 हज़ार करोड़ रुपए की अतिरिक्त लायबिलिटी थी. इस बुनियाद पर हमें सरकार मिली थी. इसे ख़त्म करने का काम हम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में हम 70 लाख माताओं और बहनों को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं. माताओं और बहनों की जनसंख्या के हिसाब से छत्तीसगढ़ में करीब 44 फ़ीसदी माताओं बहनों को लाभ मिल रहा है. झारखंड, कर्नाटक से ज़्यादा राज्य की माताओं और बहनों को हम महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं. किसी भी कार्यक्रम में महतारी वंदन योजना को लेकर पूछे जाने पर नब्बे फीसदी महिलाएं हाथ खड़े करती हैं. इस योजना से महिला पहले से ज़्यादा सशक्त हुई हैं.

’15 लाख खाते में डालने वाला वीडियो सार्वजनिक करके दिखाएं विपक्ष’

वित्त मंत्री ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ सरकार आज कर्मचारियों को 53 फ़ीसदी डीए दे रही है. हिमाचल में 42 फ़ीसदी, कर्नाटक में 45 फ़ीसदी, तेलंगाना में 28 फ़ीसदी, पश्चिम बंगाल में सिर्फ़ 14 फ़ीसदी डीए दिया जा रहा है. खटाखट पार्टी को देश के उन राज्यों की भी चिंता कर लेनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने एंटी इंकम्बेंसी की अवधारणा को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. पंद्रह लाख रुपए खाते में डालने वाला एक भी वीडियो विपक्ष सार्वजनिक कर दे. लोकतंत्र में इसका जवाब जनता जनार्दन ने एक बार नहीं तीन बार देकर जवाब दे दिया है. जिस तरह से राहुल गांधी कहते थे कि खटाखट पेमेंट होगा फिर कर्नाटक में क्यों गृहलक्ष्मी योजना का पेमेंट नहीं किया जा रहा है. हमारी सरकार सारे वित्तीय नॉर्म्स को पूरा करते हुए आगे बढ़ रही है.

सुशासन के रास्ते ही हम आर्थिक प्रगति कर रहे : वित्त मंत्री

चौधरी ने आगे कहा, पिछली सरकार विशेष सर्किल से चलता था. सरकारी ख़ज़ाने को अपनी जेब में पहुँचाने का काम किया जाता था. हमारी सरकार सुशासन पर भरोसा करती है. सुशासन के रास्ते ही हम आर्थिक प्रगति कर रहे हैं. पंजीयन पर लगने वाले स्टाम्प ड्यूटी में 12 फीसदी के टैक्स को हमने समाप्त किया है. परिवहन में आय बढ़ रही है. जीएसटी कलेक्शन में हम देश में तीसरे स्थान पर हैं. हमने 35 फ़ीसदी का लक्ष्य रखा था. गोल्फ को लेकर नेता प्रतिपक्ष टिप्पणी कर रहे थे. बहुत से देश ऐसे हैं, जहाँ गोल्फ नहीं होता है, वहां इन्वेस्ट नहीं आता है. छत्तीसगढ़ को परसेप्शन प्रॉब्लम से गुजरना पड़ता है. किसी अर्थव्यवस्था में ये बाधक होता है. अपनी राजधानी को राष्ट्रीय नक्शे पर लाने का प्रयास है. वेडिंग डेस्टिनेशन को लेकर नेता प्रतिपक्ष उपहास कर रहे थे. अमीर पैसा कमाता है और उसे खर्च कर उस राशि को नीचे तक पहुंचाता है तो गरीबों को फायदा होता है. सरकार में ऐसे प्रयासों पर विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए.

धान खरीदी के सवाल पर चौधरी ने दिया ये जवाब

धान खरीदी पर ओपी चौधरी ने कहा, धान ख़रीदी को लेकर विपक्ष अड़ंगा लगाने का आरोप लगा रही थी. दो साल के अंदर 24 लाख मीट्रिक टन का कोटा बढ़ाकर 61 लाख किया गया था. पिछली सरकार में धान ख़रीदी हो पाई थी तो उसका क्रेडिट केंद्र सरकार को दिया जाना चाहिए. राजीव किसान न्याय योजना का पैसा राज्य देती रही. फिर भी 61 लाख मीट्रिक टन केंद्र लेता रहा. सेंट्रल पूल में अधिकांश चावल जाता रहा. पिछले साल हमारी सरकार ने एक करोड़ 45 लाख मीट्रिक टन धान की ख़रीदी की थी. इस साल एक करोड़ 49 लाख मीट्रिक टन धान की ख़रीदी की गई है. किसानों को इसका एकमुश्त भुगतान कर दिया गया है. बारह हजार करोड़ रुपए की एकमुश्त राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई. जो लोग हजार बारह सौ करोड़ किसानों को देते थे उन्हें क्या मालूम कि एक दिन में बारह हजार करोड़ कैसे जाता है.

शेयर मार्केट पर खुली चर्चा के लिए वित्त मंत्री ने दी चुनौती

नक्सलवाद को लेकर विपक्ष ने टिप्पणी की. इस पर मंत्री चौधरी ने कहा, बस्तर में नक्सल हमले में जवानों की शहादत की ख़बर मिलने के बाद भी असम में पूर्व मुख्यमंत्री रोड शो कर रहे थे. बस्तर में बीते एक साल में बड़ी तादात में नक्सली मारे गए हैं. आज बस्तर में होमियोपैथी कालेज, मेडिकल कालेज शुरू हो रहा है. पर्यटन बढ़ रहा है. इसी कार्यकाल में हम बस्तर का नया अध्याय लिखेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री शेयर मार्केट की बात कह रहे थे. उन्होंने कहा कि देश के 93 लाख करोड़ रुपए डूब गए. शेयर मार्केट पर खुली चर्चा करने के लिए मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं. दुनिया में हम पांचवे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं. मोदी जी के कार्यकाल में हम तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं. अर्थव्यवस्था में हम ब्रिटेन को पीछे छोड़ चुके हैं. कोविड में निफ्टी का स्तर सात हज़ार 611 से बढ़कर 26 हज़ार को पार किया था. आज निफ्टी 22 हज़ार पर खड़ी है. कोविड काल से लेकर पाँच साल में कितना पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने बनाया है उन्हें ये जाकर देखना चाहिए.

उन्होंने कहा, भारत की बैंकिंग व्यवस्था ने 2008 तक 61 वर्षों में 1600 करोड़ का लोन दिया था. यूपीए के कार्यकाल में 18 लाख करोड़ का लोन दे दिया गया था. 1947 के बाद कहां गई थी कंपाउंडिंग कि देश के सोने को गिरवी रखने की नौबत आ गई थी. हमने तब जो पॉलिसी अपनाई थी कैसे देश पैथेटिक स्थिति में पहुंच गई थी. नरसिम्हा राव की सरकार में मेजर रिफोर्स हुआ था. विपक्ष के नेता रहे लेकिन मैं उनकी तारीफ़ करुंगा. देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स लाने के लिए उन्होंने अपना पायोनियर एफोर्ट लगाया.

छत्तीसगढ़ को नई दिशा की ओर लेकर जाएंगे : ओपी चौधरी

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, इस बजट का हमारा मूल थीम ‘ गति’ है. आर्थिक विकास से हम गरीब कल्याण की योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन कर सकते हैं. हमने लक्ष्य रखा है. एक लाख हेक्टेयर नए कृषि भूमि को हम सिंचित करेंगे. 700 करोड़ रुपए की इंडस्ट्री सब्सिडी पिछली सरकार में पेंडिग थी. सवा साल की सरकार में हमने इसे पूरा करने का काम किया है. नया रायपुर में मेडिसिटी, एडूसिटी की स्थापना करने जा रहे हैं. फिजियोथेरेपी के छह नए सेंटर, बीस नर्सिंग कालेज खोल रहे हैं. हमने प्रयास किया है कि इस बजट के ज़रिए हम छत्तीसगढ़ को नई दिशा की ओर लेकर जाएं. बजट हाथों से लिखना अलग बात नहीं है. मैं अपनी भावनाओं को शब्दों में उकेरना चाहता था.

शिक्षा व्यवस्था पर चरणदास महंत ने उठाया सवाल

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा, आपके आसपास के लोग प्रेम की भाषा नहीं जानते नफ़रत की भाषा जानते हैं. पिछली सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है. वित्त मंत्री को ये कहने का नैतिक अधिकार नहीं है. पिछले एक साल में क्या विकसित किया है. एक बड़े संस्थान का नाम बता दें जिसे आपने विकसित किया है. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय खोला गया, जिसमें आज तक पंद्रह सौ से ज्यादा छात्र आए क्या? हमारी सरकार में जो कुलपति बिठाया उसमें भी संघ के आदमी को ले आया. पिछले 25 वर्ष में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, सीपेट ये सब आपने बनाया? देश में कितने संस्थानों को आपने बेचा है और कितने संस्थानों को बेचेंगे इसकी सूची बन गई होगी तो बताइयेगा.

‘कब होगी 33 हजार शिक्षक भर्ती, तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस दिया क्या’

महंत ने कहा, ज्ञान में पहले आपने गरीब लिया. छत्तीसगढ़ में किसे गरीब मानते हैं? गांव में बसे ग्रामीण या शहरों में रहने वाले मजदूर. इन गरीबों के लिए आपने किया क्या है? प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2023-24 में जीरो दिखा दिया, लेकिन 2024-25 में सिर्फ छह बने हैं. तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस देने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी. क्या बोनस दिया गया? युवाओं के लिए आपने क्या किया. कितनी भर्ती निकाली ? कितनी प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई? राजनांदगांव में पुलिस भर्ती में धांधली हुई? बृजमोहन अग्रवाल मंत्री थे उन्होंने इसी सदन में कहा था कि 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करेंगे. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद भर्ती होगी. वित्त से इसकी स्वीकृति हो गई है. अब तक भर्ती नहीं हुई.

‘सक्षम अधिकारी होते हुए भी सुशासन लाने NGO की जरूरत पड़ रही’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पिछले एक साल में राज्य में बलात्कार के तीन हजार मामले दर्ज हुए हैं. रायपुर, बिलासपुर और कोरबा पहले तीन नम्बर पर है. क्या एनजीओ के लोग आकर सिखायेंगे कि किस तरह से योजनाएं बनेंगी? मुख्य सचिव के साथ-साथ सात आईएएस ऑफिसर हैं, जिसने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है. मुख्य सचिव समेत 34 आईएएस अधिकारी एमटेक, बीटेक जैसी डिग्री प्राप्त की है. तीन आईएएस अधिकारी यूएसए से डिग्री लेकर आए हैं. इतने सक्षम अधिकारी होते हुए भी सुशासन लाने के लिए एनजीओ की जरूरत पड़ रही है.

महाकुंभ में बने पवेलियन का मांगा हिसाब

चरणदास महंत ने आगे कहा, डीएमएफ में बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा का काम रायगढ़ वाले आकर कर रहे हैं. भूपेश के जमाने में दुर्ग-रायपुर वाले करते थे. पुराने पाप के रूप में स्काई वाक खड़ा है. यहां मेट्रो ट्रेन का सर्वे कराने की बात कर रहे हैं. मैंने सुना है कि आप लोगों ने 31 व्यापारियों के नाम छांटे हैं कि आओ यहां निवेश करो. इन लोगों को चिट्ठी लिखी जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि हिंदू कोई मजहब नहीं एक पद्धति है. आप यही कह रहे हैं कि जो महाकुंभ में नहीं नहाएगा वह हिंदू नहीं है. मोहन भागवत भी नहाने नहीं गए थे. उनसे पूछिएगा कि क्या वह हिंदू हैं ? महाकुंभ में पवेलियन बना दिया. पवेलियन बनाने वाले को ही 25 करोड़ रुपए दे दिए. पवेलियन में कितने लोग गए इसका हिसाब दीजिएगा. रामलला दर्शन योजना बना दी गई. यहां राम वन पथ गमन से क्या आपत्ति है. चंदखुरी में प्रभु राम की मूर्ति पर सवाल है तो नाम लिख दो.

महतारी वंदन योजना, गोल्फ कोर्स पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाया सवाल

उन्होंने कहा, 12 नर्सिंग कालेज खोल रहे हैं, लेकिन केंद्र ने कहा है कि जहां-जहां मेडिकल कालेज हैं वहां बहन नर्सिंग कालेज खोले जाए. ट्रांसफ़ॉर्मर डिपो में बड़ी आग लगी थी. इतने महीने बीत गए. एक फायर फ़ाइटर आया क्या? नेशनल गोल्फ टूर्नामेंट के लिए गोल्फ कोर्स बन रहा है. मैं पूछना चाहता हूं कि नब्बे विधायकों में एक भी विधायक है जिसे गोल्फ खेलना आता है? ये अमीरों को सुविधा देने के लिए बनाया जा रहा है या गरीबों के लिए बन रहा है. महतारी वंदन योजना के लिए 84 सौ करोड़ रुपए लगना है, लेकिन बजट में 55 सौ करोड़ रुपए का ही प्रावधान रखा गया है. क्या कुछ लोगों के नाम काटे जा रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव के मुख्य आतिथ्य में कुम्हारी नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण संपन्न

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के मुख्य आतिथ्य में आज कुम्हारी नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण संपन्न हुआ। विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। कुम्हारी के बाजार चौक स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में आयोजित समारोह में एसडीएम महेश राजपूत ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीना वर्मा और पार्षदों को शपथ दिलाई।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों को बधाई और अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर पालिका की यह नई टीम कुम्हारीवासियों के लिए नवीन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सक्रियता से काम करेगी। राज्य शासन द्वारा इसमें हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

नगर पालिका अध्यक्ष मीना वर्मा के शपथ के बाद 6-6 के समूह में कुल 24 पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीना वर्मा ने सभी अतिथियों और नगरवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने शहर के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। पूर्व संसदीय सचिव सियाराम साहू सहित गणमान्य नागरिक और शहरवासी बड़ी संख्या में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।

एक्शन में नगर निगम : आनंद रेस्टोरेंट पर जड़ा ताला, नहीं चुकाया था 5 साल से बकाया 5.92 लाख रुपये टैक्स

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सालों से टैक्स नहीं चुकाने वालों के खिलाफ नगर निगम एक्शन के मूड में है. रायपुर निगम की टीम ने बायकेदारों से टैक्स वसूली अभियान शुरू किया गया है. मौके पर टैक्स नहीं पटाने वालों के खिलाफ संपत्ति पर तालाबंदी की कार्रवाई की जा रही है.

आयुक्त अबिनाश मिश्रा के आदेश और अपर आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, उपायुक्त राजस्व डॉक्टर अंजलि शर्मा,राजस्व अधिकारी खीरसागर नायक के निर्देश पर जोन 10 के वार्ड नंबर 52 में राजस्व विभाग में बड़े बकायेदार पर सीलबंद की कड़ी कार्रवाई की गई.

दरअसल, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद वार्ड क्रमांक 52 में आशुतोष शर्मा 5 सालों (वर्ष 2019-20) से 5,92,354 रुपये का संपत्तिकर नहीं भर रहे थे. कई नोटिस और अंतिम सूचना के बावजूद भुगतान न करने पर उनकी फर्म आनंद रेस्टोरेंट को सील कर दिया गया. वहीं वीआईपी मार्ग, अमलीडीह में स्थित दी लीविंग रूम एंड ग्रीन कैफे की संचालिका ज्योति केशवानी को डिमांड बिल/नोटिस जारी किया. उन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी प्रॉपर्टी आईडी अपडेट करवाकर संपत्तिकर का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा न करने पर वार्षिक भाड़ा मूल्य तय कर नया बिल जनरेट करने की चेतावनी दी गई है.  

बकायदार पर सीलबंद की कार्यवाही आगे भी निरंतर जारी रहेगी आज की सीलबंद की कार्यवाही के अभियान में जोन 10 के जोन सहायक राजस्व अधिकारी महादेव रक्सेल और जोन 10 राजस्व विभाग के अन्य सम्बंधित कर्मचारियों की उपस्थिति रही.

गुरूदर्शन मेले में उमड़ रही श्रद्धा की बयार: देशभर से गिरौदपुरी पहुंच रहे श्रद्धालु, CM साय के निर्देश पर इन सुविधाओं का किया गया विस्तार

रायपुर- बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली और कर्मस्थली गिरौदपुरी में आयोजित गुरूदर्शन मेला अपनी भव्यता और आस्था के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। 04 से 06 मार्च तक चलने वाले इस मेले में छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत से हजारों श्रद्धालु आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बार मेले को भव्य स्वरूप में आयोजित करने के लिए 50 लाख रुपए की राशि की घोषणा की है, जो पूर्व में 25 लाख रुपए थी। इसके साथ ही, मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक स्थायी शेड के निर्माण की भी घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं गुरू गद्दी का दर्शन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की और मेले की भव्यता बढ़ाने और श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए मेला बजट को दोगुना करने के साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक स्थायी शेड निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण एवं माप-जोख करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशानिर्देश पर इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गुरूदर्शन मेला न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र है। इस वर्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से इसे और भव्य और सुव्यवस्थित बनाया गया है। प्रशासन द्वारा की गई इन सुविधाओं की बढ़ोतरी से श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा। गुरूदर्शन मेले का यह ऐतिहासिक विस्तार श्रद्धालुओं की सेवा और आस्था को नई ऊँचाई पर ले जाने वाला साबित होगा।

गुरुदर्शन मेले में श्रद्धालुओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है, जिसके अंतर्गत चिकित्सा सहायता केंद्रों की संख्या 2 से बढ़ाकर 8 कर दी गई है और एंबुलेंस की संख्या 4 से बढ़ाकर 8 की गई है।

निःशुल्क भोजन सेवा को भी विस्तार देते हुए अब 24 स्थानों पर 212 समूहों द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जो पहले 20 स्थानों पर 175 समूहों द्वारा संचालित थी। पेयजल व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है, जिसमें स्थायी नल कनेक्शन की संख्या 110 से बढ़ाकर 195 कर दी गई है और पानी टैंकरों की संख्या 8 से बढ़ाकर 18 कर दी गई है। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, जिसमें पुलिस कंट्रोल रूम की संख्या 3 से बढ़ाकर 9 कर दी गई है, सुरक्षा बलों की संख्या 450 से बढ़ाकर 1150 की गई है और पहली बार 36 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। सुरक्षाकर्मियों को 130 वायरलेस सेट भी प्रदान किए गए हैं। अग्नि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब 1 के बजाय 3 अग्निशमन वाहन तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। मेले में विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था को और प्रभावी बनाया गया है, जिसमें ट्रांसफार्मरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 13 कर दी गई है और विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में बैकअप जनरेटर की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए शौचालयों की संख्या 4 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है, स्नानागार की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 की गई है, और अतिरिक्त रूप से 80 सीटर स्थायी शौचालय की भी व्यवस्था की गई है। स्वच्छता व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सफाई कर्मचारियों की संख्या 80 से बढ़ाकर 291 कर दी गई है ताकि मेले में स्वच्छता बनी रहे।

इस वर्ष पहली बार गिरौदपुरी मेला डॉट कॉम नामक वेबसाइट लॉन्च की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को मेला स्थल की जानकारी, आवश्यक मार्गदर्शन और अन्य आवश्यक सेवाओं की ऑनलाइन जानकारी मिल सके। इससे श्रद्धालु यात्रा संबंधी सूचनाएं, पार्किंग व्यवस्था, धार्मिक स्थलों की जानकारी और अन्य सुविधाओं की पूरी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

सर्विलांस में है मेरा फोन : पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस नेताओं की जासूसी कर रही है सरकार

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार पर पीसीसी चीफ दीपक बैज के बाद अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने जासूसी के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सरकार पर कांग्रेस नेताओं की जासूसी कराने का बड़ा आरोप लगाया है.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा फोन भी सर्विलांस में है, मेरे बगल में खुफिया तंत्र के कर्मचारी खड़े रहते हैं, LIB के कर्मचारी पत्रकारवार्ता में मेरी बात को सुनते हैं. पूर्व सीएम के आरोप के बाद अब सियासत और भी गर्म हो गई है.

बता दें कि पिछले दिनों पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अपने घर की रेकी कर जासूसी करवाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बीते दो रातों से लगातार 24 घंटे दंतेवाड़ा पुलिस CG 17 की गाड़ी उनके रायपुर स्थित शासकीय आवास की रेकी कर रही थी, जिसे पैदल टहलने के दौरान हमने पकड़ा. लोकल गंज थाने के TI को भी जानकारी नहीं थी. दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी से भी बात की, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. बिना दस्तावेज के वे यहां पहुंचे थे.

दीपक बैज ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पूरी पुलिस प्रशासन एक एजेंट की तरह शासन के लिये काम कर रही. सबूत भी अब हमने पकड़ लिये हैं. पूरे जिले की पुलिस मेरे पीछे लगाये गये होंगे. सरकार चुनाव में धांधली कर रही और जो मुझसे मिलने आ रहे उसकी निगरानी की जा रही है. यदि पीसीसी के अध्यक्ष का ये हाल है, तो जनता का क्या हाल होगा. इस मामले की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बस्तर में अमन, चैन और खुशहाली की नई शुरुआत…

नारायणपुर- नक्सल प्रभावित बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में 2 मार्च को एक ऐतिहासिक पल देखा गया, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. इस आयोजन ने न केवल बस्तर में अमन और शांति का संदेश दिया, बल्कि यहां के लोगों में एक नई ऊर्जा और उम्मीद भी जगा दी. इस मैराथन का उद्देश्य शांति, स्वास्थ्य, सामुदायिक भावना और बस्तर क्षेत्र की अनछुई सुंदरता का उत्सव मनाना था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस आयोजन ने न केवल खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और विकास को भी प्रोत्साहित किया।

बस्तर में खेलों से शांति की पहल

लंबे समय से नक्सल उग्रवाद की छाया में जी रहे बस्तर और विशेष रूप से अबूझमाड़ क्षेत्र के लोगों के लिए यह मैराथन एक नया सवेरा लेकर आई. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस आयोजन को एक बड़े सामाजिक बदलाव के रूप में देखा, जिसमें स्थानीय आदिवासी युवाओं, सुरक्षाबलों और आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि बस्तर में स्थायी शांति और विकास की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है. अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और खुशहाली लौट रही है.”

15,000 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

इस ऐतिहासिक आयोजन में 15,000 से अधिक धावकों ने भाग लिया। इनमें स्थानीय युवक-युवतियों, सुरक्षाबल के जवानों, स्कूली छात्रों और विभिन्न राज्यों से आए धावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

इस मैराथन को तीन वर्गों में विभाजित किया गया:

हाफ मैराथन (21.1 किमी)

मिनी मैराथन (10 किमी)

फन रन (5 किमी)

प्रतिभागियों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. सुबह 6 बजे नारायणपुर जिले के मुख्य मैदान से यह दौड़ शुरू हुई और आसपास के इलाकों से होते हुए वापस अपने प्रारंभिक बिंदु पर समाप्त हुई.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भूमिका

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मैराथन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्यक्रम को आशा का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेल की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर, हम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि शांति और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देना चाहते हैं. अबूझमाड़ को अब माओवाद से नहीं, बल्कि यहां के लोगों की क्षमता और प्रतिभा से पहचाना जाएगा” उन्होंने इस आयोजन को बस्तर की समृद्ध संस्कृति, शांति और विकास का प्रतीक बताते हुए कहा कि “यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि क्षेत्र की प्रगति का प्रतीक है.”

इस प्रतिष्ठित मैराथन में देश-विदेश के हजारों धावकों ने भाग लिया और अमन, चैन और खुशहाली का स्पष्ट संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द को भी मजबूत करता है.” मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.”

मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.इससे पहले, बस्तर ओलंपिक में भी 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों की ऐतिहासिक भागीदारी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर है. राज्य सरकार क्षेत्रीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह आयोजन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “खेल और विकास के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह बस्तर में शांति और सद्भाव के संदेश को भी मजबूती प्रदान कर रहा है. आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भव्य बनाया जाएगा ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की पहचान बने. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल खेल के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को खेल के माध्यम से नए अवसर प्रदान करता है. यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की सकारात्मक छवि को स्थापित करने में सहायक होगा.” मुख्यमंत्री ने इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले सभी धावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

नक्सल प्रभावित इलाकों में खेलों से नया संदेश

बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से उग्रवाद का आतंक था, जिसके कारण यहां के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें सीमित थीं, लेकिन हाल के वर्षों में खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बस्तर को मुख्यधारा में लाने की दिशा में कई प्रयास हुए हैं.इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नक्सलवाद से दूर करना और उन्हें एक सकारात्मक भविष्य की ओर प्रेरित करना था. छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इस मैराथन में विशेष सहयोग दिया.CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस क्षेत्र में खेल और शिक्षा के माध्यम से शांति और विकास लाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह मैराथन उसी कड़ी का एक हिस्सा है, जो यहां के युवाओं को एक नई राह दिखाएगी.”

महिलाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी

इस मैराथन की खासियत यह रही कि इसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया. स्थानीय आदिवासी समुदाय की युवतियों ने उत्साह के साथ दौड़ लगाई और यह साबित किया कि वे भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.प्रतिभागी ललिता कश्यप, जो कि एक स्थानीय कॉलेज की छात्रा हैं, ने कहा, “पहली बार मैंने इतने बड़े आयोजन में भाग लिया. यह मेरे लिए गर्व की बात है. पहले हम खेलों से दूर थे, लेकिन अब हमें भी सपने देखने और उन्हें पूरा करने का मौका मिल रहा है.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को किया सम्मानित

मैराथन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

हाफ मैराथन (पुरुष वर्ग): प्रथम स्थान – रमेश नाग (नारायणपुर), द्वितीय स्थान – संदीप कुमार (जगदलपुर)

हाफ मैराथन (महिला वर्ग): प्रथम स्थान – सविता मंडावी (कोंडागांव), द्वितीय स्थान – रीना पोडियाम (बीजापुर)

मिनी मैराथन विजेता: अजय कश्यप (दंतेवाड़ा)

फन रन विजेता: सोनिया नेताम (सुकमा)

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह प्रतियोगिता केवल दौड़ने के लिए नहीं थी, बल्कि यह बस्तर की नई उड़ान का प्रतीक है.मैं चाहता हूं कि आने वाले सालों में इस आयोजन को और बड़े स्तर पर किया जाए.”

स्थानीय लोगों में नई उम्मीद

अबूझमाड़ क्षेत्र के लोग इस आयोजन से बेहद खुश नजर आए.गांवों से बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन को देखने आए.स्थानीय ग्रामीण भीमा मंडावी ने कहा, “पहले यहां गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन आज खेल और उत्सव की गूंज है. यह बदलाव हमें गर्व महसूस कराता है” सरिता नेताम, जो कि एक शिक्षिका हैं, ने कहा, “यह आयोजन हमारे बच्चों को प्रेरित करेगा. वे अब पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि लेंगे और आगे बढ़ेंगे.”

हजारों धावकों की ऐतिहासिक भागीदारी से बना एक रोमांचक माहौल

नारायणपुर जिले में आयोजित अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 11 हजार से अधिक धावकों ने भाग लिया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धावकों की शानदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. इस मैराथन में उत्तर प्रदेश के अक्षय कुमार ने पुरुष वर्ग में और इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने महिला वर्ग में बाजी मारी. पुरुष 21 किमी वर्ग में अक्षय कुमार (उत्तर प्रदेश) ने 01 घंटा 02 मिनट 15 सेकंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला 21 किमी वर्ग में इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने 01 घंटा 13 मिनट 01 सेकंड में दौड़ पूरी कर जीत दर्ज की. 10 किमी और 5 किमी वर्ग में भी रोमांचक प्रतिस्पर्धा रही, जहां उत्तर प्रदेश की अमृता पटेल और सूरजपुर की सोनिका राजवाड़े ने क्रमशः 10 किमी और 5 किमी महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया.पुरुष 10 किमी वर्ग में उत्तर प्रदेश के मोनू कुमार और 5 किमी वर्ग में स्थानीय धावकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 की विशेषताएं

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 21 किमी, 10 किमी और 5 किमी की श्रेणियां शामिल थीं, जिससे कुशल एथलीटों के अलावा पहली बार दौड़ने वालों और स्थानीय प्रतिभाओं को भी भाग लेने का अवसर मिला. आयोजन में अत्याधुनिक टाइमिंग सिस्टम, पेसर्स, चिकित्सा सहायता और हाइड्रेशन स्टेशनों की व्यवस्था की गई थी, जिससे सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव सुनिश्चित हो सके. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विजेताओं को 1.5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त विजेताओं को 1 लाख रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.. शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को भी पुरस्कार दिया गया. स्थानीय प्रतिभाओं को भी 5-5 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया गया.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि राज्य सरकार खेल और स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है और समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना चाहिए. मैराथन से पहले और उसके बाद में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं.

मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इन कार्यक्रमों को और भी खास बना दिया और स्थानीय कलाकारों को भरपूर प्रोत्साहन मिला. मुख्यमंत्री की सक्रिय भूमिका और सहभागिता ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है. राज्य सरकार ने दिखाया कि सरकार और जनता मिलकर शांति, विकास और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. उनकी इस पहल ने न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर में भी अबूझमाड़ को एक नई पहचान देने का काम किया है.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन ने यह साबित कर दिया कि बस्तर अब बदल रहा है. यहां के लोग अब विकास और शांति की ओर बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने बस्तर के युवाओं के लिए एक नई राह खोली है.अब सवाल यह नहीं है कि बस्तर में शांति लौटेगी या नहीं, बल्कि सवाल यह है कि यह बदलाव कितनी तेजी से आगे बढ़ेगा. अबूझमाड़ का यह ऐतिहासिक आयोजन छत्तीसगढ़ में अमन, चैन और खुशहाली की नई सुबह का संदेश दे गया.

भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन की कम कीमत पर बिफरे किसान, प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए निर्माण पर जताया विरोध…

आरंग-  प्रस्तावित रायपुर – विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन के एवज में दी गई मुआवजा राशि को लेकर आरंग विकासखंड के किसानों में असंतोष है. प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर विरोध जताने पहुंचे. स्थिति को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.

मामला आरंग विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोइंदा का है, जहां कम मुआवजे मिलने से नाराज किसान भारतमाला परियोजना में हो रहे निर्माण कार्य का विरोध जताने पहुंच गए. प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रहे किसानों का कहना है कि इस बड़े प्रोजेक्ट में दुर्ग और राजनांदगांव के किसानों को 4 गुना मुआवजा मिला है, जबकि यहां ऐसा नहीं है.

मौके पर पहुंची आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला, थाना प्रभारी राजेश सिंह और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने किसानों को समझाइश दी. इसके बाद किसान अपनी बात उच्चाधिकारियों से समक्ष रखने के लिए रायपुर रवाना हो गए. इधर किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस बल की मौजूदगी में खेतों का समतलीकरण किया जा रहा है.