हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भीड़ ने सीएम के पैतृक घर को बनाया निशाना, मणिपुर में स्तिथि गंभीर

मणिपुर की एक नदी से लापता सभी छह लोगों के शव बरामद होने के कुछ घंटों बाद, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया। हालांकि, जवाब में, सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा लागू कर दी और राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद के आवास सहित छह में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और संपत्तियों को आग लगा दी। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

ताजा हिंसा के बारे में अब तक का विवरण

1. विस्थापित व्यक्तियों के शिविर से सोमवार से लापता दो महिलाओं और एक बच्चे के शव शनिवार को जिरीबाम में बराक नदी से बरामद किए गए। शुक्रवार रात को एक महिला और दो बच्चों सहित तीन अन्य शव बरामद किए गए। मणिपुर के जिरीबाम जिले से तीन बच्चों सहित कुल छह शव बरामद किए गए और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) भेजा गया।

2. एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों सपाम रंजन, एल सुसिंड्रो सिंह और वाई खेमचंद के आवासों पर धावा बोल दिया। अधिकारी ने बताया कि इसके जवाब में, इम्फाल घाटी के इम्फाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में "विकसित हो रही कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण" अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

3. मुख्य सचिव विनीत जोशी ने शनिवार शाम 5.15 बजे से दो दिनों के लिए प्रभावित जिलों इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया।

4. इम्फाल घाटी के नागरिक समाज संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) ने 24 घंटे के भीतर उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की।

5. शनिवार शाम को भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला करने की कोशिश की, जिससे सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें बढ़ गईं।

6. अधिकारियों ने बताया कि रात में उपद्रवियों ने जिरीबाम शहर में कम से कम दो चर्च और तीन घरों में आग लगा दी। अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि आगे भी आगजनी और अतिरिक्त संरचनाओं को जलाने की खबरें हैं, हालांकि इन दावों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।

7. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों और चल रहे रक्तपात को "बेहद परेशान करने वाला" बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।

8. मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने केंद्र से हिंसा प्रभावित मणिपुर में मिजो छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। एमजेडपी ने मणिपुर में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की, खासकर 10 आदिवासी लोगों की हत्या के बाद।

9. मणिपुर सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा करने और उसे वापस लेने का अनुरोध किया है। यह एक विवादास्पद कानून है जो सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है। राज्य के छह पुलिस थानों की सीमाओं में इस कानून को फिर से लागू किया गया।

10. पिछले साल मई से मणिपुर में नौकरियों और शिक्षा में सरकारी अनुदान और कोटा को लेकर अंतर-सामुदायिक झड़पों के कारण कम से कम 250 लोग मारे गए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।

DRDO ने किया लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें क्या है खासियत


डेस्क: डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को विभिन्न डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था। डाउन रेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और उच्च सटीकता के साथ प्रभाव की पुष्टि की। बता दें कि इस मिसाइल को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। DRDO की यह अभूतपूर्व उपलब्धि उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी रखने वाले चुनिंदा देशों के समूह में भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह मिसाइल भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और "मेक इन इंडिया" के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने इसे देश के लिए "ऐतिहासिक क्षण" बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता में असाधारण योगदान के लिए डीआरडीओ की टीम, सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे देश को ऐसी उन्नत सैन्य क्षमताओं वाले देशों के चुनिंदा समूह में रखती है।” बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की विशेषता 5 मैक यानी 6174 किमी/घंटा से अधिक गति से यात्रा करने की उनकी क्षमता है, जिससे उनका पता लगाना और रोकना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, इसकी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।
DRDO ने किया लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें क्या है खासियत

डेस्क: डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को विभिन्न डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था। डाउन रेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और उच्च सटीकता के साथ प्रभाव की पुष्टि की।

बता दें कि इस मिसाइल को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। DRDO की यह अभूतपूर्व उपलब्धि उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी रखने वाले चुनिंदा देशों के समूह में भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह मिसाइल भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और "मेक इन इंडिया" के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने इसे देश के लिए "ऐतिहासिक क्षण" बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता में असाधारण योगदान के लिए डीआरडीओ की टीम, सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे देश को ऐसी उन्नत सैन्य क्षमताओं वाले देशों के चुनिंदा समूह में रखती है।”

बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की विशेषता 5 मैक यानी 6174 किमी/घंटा से अधिक गति से यात्रा करने की उनकी क्षमता है, जिससे उनका पता लगाना और रोकना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, इसकी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।

प्रेमी प्रेमिका के बीच गले मिलना, kiss करना यौन उत्पीड़न नहीं, बल्कि बिल्कुल स्वाभाविक है, पढ़िए,

मद्रास हाई कोर्ट ने दिया फैसला मद्रास हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि प्यार में दो लोगों का गले मिलना और 'किस' करना यौन उत्पीड़न नहीं है। ये मामला तमिलनाडु के तूतीकोरिन का है। एक युवती ने युवक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दोनों तीन साल से प्रेम संबंध में थे। कोर्ट ने 20 वर्षीय युवक के खिलाफ चल रहे मुकदमे को रद्द करते हुए यह बात कही। श्रीवैकुंठम ऑल वुमन पुलिस ने युवक पर 19 साल की युवती का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। 2023 में, युवक ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। मामले के अनुसार, युवक और युवती तीन साल से प्रेम संबंध में थे। नवंबर 2022 में, वह युवती को एक सुनसान जगह पर ले गया जहां उन्होंने रात 9 बजे से सुबह 12 बजे तक बातें की। युवती ने युवक पर लगाए थे ये आरोप आरोप था कि युवक ने अचानक युवती को गले लगा लिया और उसे चूम लिया। युवती घर लौटी और अपने माता-पिता को रिश्ते के बारे में बताया। बाद में उसने युवक से शादी करने के लिए कहा। लेकिन युवक ने इनकार कर दिया और उससे बचने लगा। इसके बाद युवती ने पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया। जज ने कही ये बात न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही आरोपों को ज्यों का त्यों ले लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो लोगों के लिए जिनका प्रेम प्रसंग चल रहा है, एक-दूसरे को गले लगाना या चुंबन करना स्वाभाविक है। इसे किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए (1) (i) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है। इसलिए, याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही कानून का दुरुपयोग होगी।
प्रेमी प्रेमिका के बीच गले मिलना, kiss करना यौन उत्पीड़न नहीं, बल्कि बिल्कुल स्वाभाविक है, पढ़िए, मद्रास हाई कोर्ट ने दिया फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि प्यार में दो लोगों का गले मिलना और 'किस' करना यौन उत्पीड़न नहीं है। ये मामला तमिलनाडु के तूतीकोरिन का है। एक युवती ने युवक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दोनों तीन साल से प्रेम संबंध में थे। कोर्ट ने 20 वर्षीय युवक के खिलाफ चल रहे मुकदमे को रद्द करते हुए यह बात कही।

श्रीवैकुंठम ऑल वुमन पुलिस ने युवक पर 19 साल की युवती का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। 2023 में, युवक ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। मामले के अनुसार, युवक और युवती तीन साल से प्रेम संबंध में थे। नवंबर 2022 में, वह युवती को एक सुनसान जगह पर ले गया जहां उन्होंने रात 9 बजे से सुबह 12 बजे तक बातें की।

युवती ने युवक पर लगाए थे ये आरोप

आरोप था कि युवक ने अचानक युवती को गले लगा लिया और उसे चूम लिया। युवती घर लौटी और अपने माता-पिता को रिश्ते के बारे में बताया। बाद में उसने युवक से शादी करने के लिए कहा। लेकिन युवक ने इनकार कर दिया और उससे बचने लगा। इसके बाद युवती ने पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया।

जज ने कही ये बात न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही आरोपों को ज्यों का त्यों ले लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो लोगों के लिए जिनका प्रेम प्रसंग चल रहा है, एक-दूसरे को गले लगाना या चुंबन करना स्वाभाविक है। इसे किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए (1) (i) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है। इसलिए, याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही कानून का दुरुपयोग होगी।

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जानिए, इसका आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट में 5 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. बैंक ने 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लोन की दर को बढ़ा दिया है. इसके कार, होम लोन और पर्सनल लोन महंगा हो जाएगा. एसबीआई ने हाल ही में दूसरी बार MCLR में बढ़ोतरी की है. हालांकि, बैंक ने ओवरनाइट, एक महीने, दो साल और तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है. इन अवधियों में ब्याज की दरें पहले जैसे ही होंगी. SBI की ओर से MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी 3 अवधियों वाली ब्याज दरों में हुई हैं, जिनमें 3 महीने के लोन पर ब्याज दर 8.50 से 8.55 फीसदी और 6 महीने के लोन पर ब्याद दर 8.85 से 8.90 फीसदी कर दी गई है. वहीं, एक साल के लोन पर ब्याज दर को 8.95 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया गया है. नई और पुरानी ब्याज दरें अवधि पहले की ब्याज दर (%) अब ब्याज दर (%) ओवरनाइट 8.20 8.20 ONE MONTH 8.20 8.20 TREE MONTH 8.50 8.55 SIX MONTH 8.85 8.90 ONE YEAR 8.95 9.0 TWO YEAR 9.05 9.05 THREE YEAR 9.10 9.10 HDFC बैंक ने भी बढ़ाया था MCLR HDFC बैंक ने भी सितंबर महीने में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. बैंक ने MCLR में वृद्धि की थी. जो कि ओवरनाइट, एक महीने और 3 महीने की अवधि वाले लोन पर लागू है. MCLR क्या है MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर होती है, जिस पर बैंक उधार यानी लोन देते हैं. इस ब्याज दर से कम पर कोई भी बैंक किसी भी व्यक्ति को होम लोन, पर्सनल लोन आदि देता है।
मणिपुर के जिरीबाम में दो बच्चों समेत तीन लोगों के शव मिले, इंफाल में तनाव बढ़ा

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मणिपुर में हिंसा की आग और धधक सकती है। दरअसल, मणिपुर-असम बॉर्डर के पास शुक्रवार को एक शिशु समेत दो बच्चों और एक महिला के क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया है। कुछ दिन पहले ही जिरीबाम में उग्रवादियों ने एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण किया था। ऐसे में चर्चा है कि ये शव उन्हीं का हो सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हिंसा की लपटें और तेज हो सकती हैं।

जिरीबाम जिले के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जिरीबाम जिले के बोरोबकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला और दो बच्चों के शव शुक्रवार रात बरामद किए गए। जिरीबाम से सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे। हालांकि उन्होंने बताया कि अभी शवों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन संदेह है कि ये तीन शव उन छह लोगों में से ही हैं जो लापता हुए थे। असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में शुक्रवार रात को इन अज्ञात शवों को लाया गया है और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखा गया।

मुख्यमंत्री ने हालात पर की चर्चा

अधिकारियों ने बताया कि शवों के बरामद होने की खबर मिलने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार रात वरिष्ठ मंत्रियों के साथ स्थिति पर चर्चा की। इस बीच तीन शव बरामद होने की खबर इंफाल घाटी में फैलने पर सभी पांच जिलों में तनाव बढ़ गया। राज्य प्राधिकारियों ने शनिवार को विद्यालयों तथा कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।

अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन

इस बीच शनिवार को इंफाल घाटी के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने इंफाल पश्चिम जिले के क्वाकेथेल इलाके और इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद तेरा में मुख्य सड़कों को टायर जलाए और मार्ग अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पुलिस ने बताया कि मणिपुर के मुख्य बाजार ख्वाइरामबंद में महिला विक्रेताओं ने हत्या के खिलाफ विरोध रैली निकाली। बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग और इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग में स्थानीय लोग भी हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

क्या है पूरा मामला?

सोमवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बनाया गया था, जिसके बाद जिरीबाम जिले में तनाव बढ़ गया। बंधक बनाए गए तीन बच्चों में एक नवजात और ढाई साल का बच्चा शामिल था। वहीं, तीन महिलाओं में से दो छोटे बच्चों की मां थीं। सभी महिलाएं मणिपुर के मैतेई समुदाय से हैं। जिरीबाम के बोकोबेरा इलाके से संदिग्ध कुकी आतंकवादियों के एक समूह ने इन महिलाओं और बच्चों का अपहरण किया था, जबकि एक अन्य आतंकवादी समूह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मुठभेड़ में लगा हुआ था। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ ने 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था।

बिडेन की शी के साथ अंतिम बैठक, चीन-रूस सहयोग संबंधी चिंताओं पर केंद्रित होंगी बातें

राष्ट्रपति जो बिडेन से चीन के नेता शी जिनपिंग के साथ अपनी अंतिम बैठक का उपयोग, उत्तर कोरिया को यूक्रेन पर रूस के युद्ध के लिए अपने समर्थन को और गहरा करने से रोकने के लिए करने की उम्मीद है।

शनिवार की बैठक पेरू के वार्षिक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन के दौरान हो रही हैं, बिडेन के राष्ट्रपति पद छोड़ने से लगभग दो महीने पहले, जब रिपब्लिकन राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प उनके उत्तराधिकारी बनेंगे। यह बिडेन की शी के साथ अंतिम बैठक होगी, जिन्हें डेमोक्रेट वैश्विक मंच पर अपना सबसे महत्वपूर्ण साथी मानते हैं। अधिकारियों के अनुसार, बिडेन, शी से चीनी सहयोग बढ़ाने का आह्वान करेंगे ताकि उत्तर कोरिया के साथ पहले से ही खतरनाक स्थिति को और विकसित होने से रोका जा सके।

शुक्रवार को, बिडेन, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सोक यूल और जापानी प्रधान मंत्री शिगेरू इशिबा ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के उस फैसले की निंदा की, जिसमें उन्होंने रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र में क्षेत्र पर कब्जा करने वाले यूक्रेनी बलों को खदेड़ने में मास्को की सहायता के लिए हजारों सैनिक भेजने का निर्णय लिया था। बिडेन ने इसे "खतरनाक और अस्थिर करने वाला सहयोग" कहा।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने भी बीजिंग के प्रति असंतोष व्यक्त किया है, जो उत्तर कोरिया के अधिकांश वाणिज्य के लिए जिम्मेदार है, और प्योंगयांग को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर रहा है। बिडेन, यूं और इशिबा ने अपनी 50 मिनट की चर्चा का अधिकांश समय इस मुद्दे पर केंद्रित किया, और इस बात पर सहमत हुए कि "इस क्षेत्र में इस तरह का अस्थिर सहयोग बीजिंग के हित में नहीं होना चाहिए"। अमेरिका और दक्षिण कोरियाई खुफिया अधिकारियों के अनुसार, रूस को उत्तर कोरिया से तोपखाने और अन्य हथियार भी मिले हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने प्योंगयांग द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की बढ़ती आवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है।

किम ने इस महीने के अमेरिकी चुनाव से पहले परीक्षण अभ्यास का आदेश दिया और दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी मुख्य भूमि पर हमला करने की क्षमता विकसित करने के प्रयासों में प्रगति की है। बिडेन और शी के पास उत्तर कोरिया के अलावा और भी बहुत कुछ है, जिसमें रूस के लिए चीन का अप्रत्यक्ष समर्थन, मानवाधिकार संबंधी चिंताएँ, तकनीक और ताइवान, स्व-शासित लोकतंत्र शामिल है, जिसका दावा बीजिंग करता है।

बिडेन के पद छोड़ने की तैयारी के साथ अमेरिका-चीन तनाव बढ़ा

इस बात को लेकर भी बहुत संदेह है कि अमेरिका-चीन संबंधों में आगे क्या होने वाला है ? नाइकी और आईवियर रिटेलर वॉर्बी पार्कर सहित कई अमेरिकी कंपनियाँ पहले से ही चीन से दूर अपने सोर्सिंग में विविधता ला रही हैं। जूता ब्रांड स्टीव मैडेन का कहना है कि वह अगले साल चीन से आयात में 45 प्रतिशत तक की कटौती करने की योजना बना रहा है। वाशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के विश्लेषक विक्टर चा ने कहा, "जब शी बिडेन से मिलते हैं, तो उनके श्रोताओं में केवल व्हाइट हाउस या अमेरिकी सरकार ही नहीं होती है।" "यह अमेरिकी सीईओ और निरंतर अमेरिकी निवेश या चीन में अमेरिकी निवेश को नवीनीकृत करने और इस धारणा से छुटकारा पाने की कोशिश के बारे में है कि चीन में शत्रुतापूर्ण कारोबारी माहौल है।"

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के अनुसार, बिडेन प्रशासन के अधिकारी ट्रम्प टीम को चेतावनी देंगे कि बीजिंग के साथ भीषण लड़ाई को संभालना संभवतः उनके सामने सबसे बड़ी विदेश नीति समस्या होगी। प्रशासन के अधिकारियों को डर है कि अगर कोई भी पक्ष गलती करता है, तो चीन और ताइवान के बीच तनाव पूरी तरह से युद्ध में बदल सकता है, जिसके विनाशकारी वैश्विक परिणाम होंगे। सुलिवन ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन को चीनी सेना द्वारा अपने क्षेत्रीय पड़ोसियों को नियमित रूप से डराने-धमकाने से निपटना होगा।

इशिबा ने शुक्रवार को शी से मुलाकात की। इसके बाद, जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने शी से कहा कि वे "पूर्वी चीन सागर में स्थिति और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की बढ़ती गतिविधि को लेकर बेहद चिंतित हैं"। व्हाइट हाउस ने शी और बिडेन के बीच शनिवार की बैठक की व्यवस्था करने के लिए महीनों तक मेहनत की, जिसे डेमोक्रेट जनवरी में पद छोड़ने से पहले करना चाहते थे। सुलिवन अगस्त के अंत में अपने चीनी सहयोगी और शी से मिलने के लिए बीजिंग गए थे। बीजिंग ने इस सप्ताह की शुरुआत में सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति जताई। यह बिडेन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि वे अपने 50 साल से अधिक के राजनीतिक करियर को समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने शी के साथ अपने संबंधों को विश्व परिदृश्य पर सबसे महत्वपूर्ण माना और इसे विकसित करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की।

जब बिडेन और शी उपराष्ट्रपति थे, तब वे पहली बार अमेरिका और चीन की यात्राओं पर एक-दूसरे को जानते थे, दोनों ने कहा कि उनकी बातचीत ने एक स्थायी छाप छोड़ी। लेकिन पिछले चार वर्षों में लगातार मुश्किलें आई हैं।एफबीआई ने इस सप्ताह अमेरिकी दूरसंचार नेटवर्क में हैकिंग के चीनी सरकार के प्रयासों की संघीय जांच के नए विवरण पेश किए। प्रारंभिक निष्कर्षों से एक "व्यापक और महत्वपूर्ण" साइबर जासूसी अभियान का पता चला है जिसका उद्देश्य सरकार और राजनीति में काम करने वाले अमेरिकियों से जानकारी चुराना है। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने यह भी बताया है कि चीन ने रूस को मशीन टूल्स, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य तकनीकों की शिपमेंट बढ़ा दी है, जिसका उपयोग मास्को यूक्रेन के खिलाफ अपने संघर्ष में उपयोग के लिए मिसाइलों, टैंकों, विमानों और अन्य हथियारों के निर्माण के लिए कर रहा है। पिछले साल तनाव तब बढ़ गया जब बिडेन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊपर उड़ रहे एक चीनी निगरानी गुब्बारे को गिराने का आदेश दिया।

एक बार फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, मुंबई हमले के मास्‍टर माइंड लखवी का पार्क में कसरत करते वीडियो वायरल

#26_11_mumbai_attack_mastermind_zaki_ur_rehman_lakhvi_openly_living_in_pakistan

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी पर एक तरफ पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने ये झूठ फैला रहा है की लखवी 2021 से पाकिस्तान की जेल में बंद है। हालांकि, अब पाकिस्तान के झूठ पर से एक बार फिर पर्दा उठ गया है। पड़ोसी देश ने अपनी हरकतों से साबित कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकियो का पनाहगार है। दरअसल, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पार्क में खुलेआम एक्सरसाइज करते देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर उसके कई वीडियो वायरल हुए है, जिसमें एक वीडियो में वो एक पार्क में आसानी से जिम सेशन में हिस्सा ले रहा है। हालांकि, वीडियो की सही जगह और तारीख के बारे में अभी तक स्पष्ट नहीं है। कुल 3 मिनट 9 सेकंड की इस वीडियो में जकी उर रहमान लखवी एक इवेंट में पश अप कर कर रहा है, डम्बल उठा रहा है और कार्यक्रम का होस्ट लखवी की पहचान लोगों से अबु वासी के रूप में करवाते हुए बता रहा है कि उसने कभी नहीं देखा कि एक 63 साल का व्यक्ति इतना फिट और फुर्तीला हो सकता है

वहीं जकी-उर-रहमान लखवी को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि उसने अपना लुक बदल लिया है।इससे पहले आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी को इस्लामाबाद कोर्ट में देखा गया था, तब उसे लंबी दाढ़ी में देखा गया था।

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी लखवी को आतंकी घोषित कर चुका

26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड लखवी ना सिर्फ भारत में प्रतिबंधित आतंकी है बल्कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी लखवी को आतंकी घोषित कर चुका है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख सुधारने और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के सामने साल 2021 में जकी उर रहमान लखवी को 15 साल की कैद की सजा सुनाई थी।कथित तौर पर पाकिस्तान की जेल से बाहर है। दुनिया की आंखों में धूल झोंकते हुए वह मजे से जेल के बाहर अपने सारे काम कर रहा है।

मुंबई हमले में मारे गए थे 160 लोग

भारत ने लखवी पर 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस हमले में कम से कम 160 लोग मारे गए थे। हालांकि, पाकिस्तान ने लंबे समय तक लखवी की मुंबई हमलों में संलिप्तता से इनकार किया था।कई मौके पर भारत ने पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा, लेकिन पाकिस्तान ने अब तक कहा है कि वह मुंबई हमलों से जुड़े पाए जाने वाले अपने किसी भी नागरिक को भारत को नहीं सौंपेगा। इस्लामाबाद की तरफ से ये भी कहा गया है कि ऐसे व्यक्तियों पर पाकिस्तानी कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

वरना चीन-पाक वाले हमें काटेंगे', पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के हाल के बयानों पर दी प्रतिक्रिया



मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल दौरे पर आए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "अगर हम भारतीय बंटेंगे, तो चीन और पाकिस्तान जैसे देश हमें काटने का प्रयास करेंगे।" सीएम योगी के बयान पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हमने कभी किसी राजनेता के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि वह हमारा मार्ग नहीं है। किन्तु यदि उत्तर प्रदेश के सीएम ने एक महात्मा के रूप में यह नारा दिया है, तो यह बहुत अच्छा नारा है।"

उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी के इस बयान को लोगों ने अपनी-अपनी दृष्टि से देखा है। हमने इसे इस नजरिए से देखा कि यदि हम भारतीय विभाजित होंगे, तो चीन और पाकिस्तान जैसी विदेशी ताकतें हमें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेंगी। यह सच भी है। इसी कारण प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'एक रहेंगे, सेफ रहेंगे।'"

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर दिए गए निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "अपराधी की कोई जाति नहीं होती और न ही कोई सपना होता है। अपराधियों के सपने चकनाचूर कर दिए जाने चाहिए। हालांकि, हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पूर्वजों ने जो संविधान बनाया है, हमने उसे स्वीकार किया है। किन्तु, हमें लगता है कि इस पर एक बार पुनः विचार किया जाना चाहिए क्योंकि अपराधियों के सपनों का कोई औचित्य नहीं होता।"

कुंभ मेले में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा दुकान लगाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "जब हमें मक्का-मदीना में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती, तो दूसरे धर्मों के लोगों को कुंभ में क्यों आने दिया जाए? अगर आप इतने उदारवादी हैं, तो मक्का-मदीना में हमारी दुकानें लगवा दीजिए। हमारे देश में कई निर्धन लोग हैं। आपकी मजारों के सामने भी हमारे गरीबों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं है। तो फिर हमारे धार्मिक आयोजनों में उनकी क्या आवश्यकता है? आप त्रिवेणी, संगम, कथा, संतों की मांग और महिमा को नहीं समझते। ऐसे में वहां जाकर आप करेंगे क्या?"