धूमधाम से मनाया गया हलछठ का त्यौहार
गोला गोरखपुरIभाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संतान की लंबी आयु प्राप्त की कामना करते हुए रविवार को गोला तहसील क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर धूमधाम विधि विधान से पूजा पाठ करके हलछठ का पर्व मनाया गया ।
माताओ ने बेटों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा और विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया । एक दिन पहले से ही माताओ में हलछठ पर्व के लेकर उत्साह था ।
सभी ने बाजारों में पहुंचकर पूजन सामग्रियों की खरीदारी की । फिर रविवार को घरों में हलछठ की पूजा कर बेटों के लंबे उम्र की कामना की ।
ऐसे हुई पूजा
इस दिन माताओ ने महुआ पेड़ की डाली का दातुन कर स्नान कर व्रत धारण किया । कुश ढाक का पत्ता महुआ का फल तिन्नी का चावल भैंस के दूध से बनी दही चंदन आदि से पूजन सामग्री तैयार की ।
सामने एक चौकी या पाटी पर गौरी गणेश कलश रखकर हल षष्ठी देवी की मूर्ति की पूजा की साड़ी आदि सुहाग की सामग्री भी चढ़ाई । साथ ही हलषष्ठी माता की छः कहानी सुनाई ।पूजन की सामग्री में पचहर चाउर, बिना हल जोत हुए जमीन से उगा हुआ धान का चावल महुआ के पत्ते धान की लाई भैंस का दूध दही घी आदि रखा । बच्चों के खिलौने को भी रखा । माताओ ने पूजा अर्चना कर बेटों के दीर्घ आयु की कामना की ।
इस छठ की परंपरा
महिलाएं अपने संतान की सुरक्षा और उन्नति के लिए वह निर्जला व्रत रखती है । इस दिन भगवान शिव पार्वती की विशेष पूजा होती है । जिसमें पार्थिव शिवलिंग बनाकर अभिषेक किया जाता है और फिर पूजा में मदार के फूल बेलपत्र धतूरा और अन्य फूल पत्तीयां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं । इसके बाद शिवलिंग को नदी में विसर्जित किया जाता है । वही देवी पार्वती की पूजा सौभाग्य सामग्री चढ़कर की जाती है ।इस दिन बिना हल जोते खेत में उपजे धान से तैयार चावल का सेवन किया जाता है ।
इसके अलावा 6 तरह की सब्जियों का सेवन किया जा सकता है । सूर्य की आराधना करके सूर्यास्त के बाद व्रत खोला जाता है ।
बच्चों के लंबी उम्र के लिए व्रत
इस तिथि पर महिलाएं अपने बच्चों की सुख समृद्धि व लंबी उम्र की कामना से छठ माता की विशेष पूजा और व्रत उपवास करती हैं । कई जगहों पर इस दिन निर्जल यानी बिना पानी पीए व्रत करने की भी परंपरा है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करती हैं।
फिर सूर्य को अर्घ्य देती हैं । इसके बाद भगवान गणेश फिर देवी पार्वती और छठ माता की पूजा करती है । साथ ही सौभाग्य और श्रृंगार की चीजों का दान किया जाता हैं ।
मान्यता है कि इस तरह का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।
Aug 25 2024, 17:32