कड़ाके की ठंड से कांपा उत्तर भारत, कोहरे और शीतलहर के प्रहार से बढ़ी कनकनी, अभी राहत ने नहीं आसार

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नए साल की शुरूआत कड़ाके की ठंड से हुई है। इस साल के पांच दिन बीत गए हैं, पर सूर्य भगवान के दर्शन दुभर हो गए हैं। उत्तर-पश्चिम दिशाओं से चल रही बर्फीली हवाओं के चलते उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड शुरू हो गई है। कड़ाके की सर्दी ने जैसे लोगों की कुल्फी जमा दी है। लोगों की लगातार ठिठुरन बढ़ रही है। मौसम विभाग ने कहा कि दिन में लगातार बादल छाए रहने और सूरज के नहीं दिखाई देने के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से 2-6 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगर अधिकतम तापमान मौसम के हिसाब से सामान्य से 4.5-6.4 डिग्री नीचे गिरता है तो ठंडा दिन घोषित किया जाता है। यदि तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री कम हो तो गंभीर ठंडा दिन घोषित किया जाता है। दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला में गुरुवार को अधिकतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 6.8 डिग्री नीचे है। हरियाणा के हिसार में अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य से 6.8 डिग्री कम है। पंजाब के पटियाला में तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 8.1 डिग्री कम है। मध्य प्रदेश के भोपाल में अधिकतम तापमान 16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.3 डिग्री कम है।

मौसम विभाग ने बताया कि गर्म और नम दक्षिण-पश्चिमी हवाओं से रविवार के बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, दक्षिणी हरियाणा और दक्षिणी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले सप्ताह की शुरुआत में हल्की से बहुत हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे की भी भविष्यवाणी की है।

मोदी का मुरीद हुआ ड्रैगन, चीन के ग्लोबल टाइम्स ने की भारत की नीतियों और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ

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हाल के कुछ सालों में भारत ने आर्थिक और कूटनीति रूप से अपनी अलग पहचान बनाई है। भारत की आर्थिक नीति, कूटनीति का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। यही वजह है कि फिर चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध या इजराइल-गाजा के बीच का तनाव दुनिया के कई देशों और राष्ट्रप्रमुखों ने भारत से हस्तक्षेप करने की वकालत की है। इस बीच चीन सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में बदलते और विकसित होते भारत की जमकर तारीफ की है। ग्लोबल टाइम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को काफी सराहा है। अपने लेख में कहा कि भारत वर्तमान समय में आर्थिक, सामाजिक, और विदेश नीति के नए पर्याय बना रहा है और असाधारण प्रगति कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने यह भी कहा कि भारत अब विकसित भारत बनने में रणनीतिक रूप से पहले की तुलना में और ज्यादा सक्रिय हो गया है।

ग्लोबल टाइम्स चीन का सरकारी अखबार है और इसमें प्रकाशित लेखों को चीन की सरकार के विचार माना जाता है। ताजा लेख चीन की शंघाई स्थित फुदान यूनिवर्सिटी के दक्षिण एशिया मामलों के जानकार झांग जियादोंग ने लिखा है। लेख में भारत की पिछले चार वर्षों की उपलब्धि पर उल्लेखनीय प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, शहरी शासन में सुधार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेष रूप से चीन के साथ दृष्टिकोण में लगातार बदलाव हो रहा है। झांग लिखते हैं कि 'उदाहरण के लिए, जब चीन और भारत के बीच व्यापार असंतुलन के मुद्दे पर चर्चा होती थी तो भारतीय प्रतिनिधियों का फोकस पहले असंतुलन दूर करने के लिए चीन द्वारा उठाए गए कदमों पर ही होता था, लेकिन अब भारतीय प्रतिनिधि भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर फोकस करते हैं। तेज आर्थिक विकास और सामाजिक विकास के चलते भारत अब पहले से ज्यादा रणनीतिक रूप से विश्वास से भरा हुआ है। 

इसके अलावा, लेख में मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति की रणनीति की सराहना की गई, इसमें देश के बहु-संरेखण दृष्टिकोण और अमेरिका, जापान और रूस जैसी प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर प्रकाश डाला गया, जबकि रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक सूक्ष्म रुख प्रदर्शित किया गया। लेख में कहा गया है कि विदेश नीति में भारत की रणनीतिक सोच में एक और बदलाव आया है और वह स्पष्ट रूप से एक महान शक्ति रणनीति की ओर बढ़ रहा है।

लेख के अंत में लिखा गया है कि ऐसा लगता है कि पूरी तरह से बदला हुआ, मजबूत भारत आज एक नया भूराजनैतिक फैक्टर बन गया है और कई देश इसके साथ अपने संबंध मजबूत करना चाहते हैं।

गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, हिजबुल का आतंकी गिरफ्तार, सिर पर 10 लाख का इनाम

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गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का 10 लाख का इनामी आतंकी जावेद अहमद मट्टू को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।वह सुरक्षा एजेंसियों की सूची में जम्मू कश्मीर के टॉप 10 वांछित आतंकियों में शामिल है।पुलिस को इसकी तलाश कई महीनों से थी। इसकी गिरफ्तारी के लिए देश के कई राज्यों में लगातार छापेमारी की जा रही थी।

स्पेशल सेल के सूत्र के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी का नाम जावेद मट्टू के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ हत्या करने के कई मामले दर्ज है। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस को भी इसकी काफी समय से तलाश थी। इसी दौरान दिल्ली स्पेशल सेल की टीम को इस आतंकी के बारे में दिल्ली में होने की महत्वपूर्ण जानकारी मिली। जानकारी मिलने के तुरंत बाद बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर ने इस खबर की औपचारिक तौर पर पुष्टि की है।स्पेशल सेल के अधिकारियों ने बताया कि 26 जनवरी के पहले कई मायनों में इस आतंकी की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है। जल्द ही इस मामले में कई खुलासे हो सकते हैं।

पिछले साल 15 अगस्त के दिन एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जावेद मट्टू का भाई घर पर तिरंगा फहराता हुआ नजर आया था। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर में किश्तवाड़ और सोपोर में दो आतंकवादियों के घरों पर तिरंगा फहराया गया थाय़ सोपोर में मट्टू के भाई रईस मट्टू ने घर पर तिरंगा लहराया था।तिरंगा फहराने के बाद मट्टू के भाई ने कहा था कि हम सभी हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान हमारा है। मेरे भाई ने गलत राह चुनी लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमें अपने देश से प्यार नहीं है। रईस ने कहा था कि उन्होंने प्यार और देशभक्ति के साथ तिरंगा फहराया है। हालांकि रईस ने इस बात पर अफसोस जताया था कि उनके भाई ने खतरनाक रास्ता चुना है और युवा इस रास्ते पर जाने की गलती न करें।

राहुल गांधी की यात्रा का नाम बदला, जानें 14 जनवरी से शुरू होनी वाली यात्रा का नया नाम

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बाद फिर यात्रा पर निकलने वाले हैं।भारत जोड़ो यात्रा की अपार सफलता के बाद राहुल गांधी चुनावी वर्ष में वापसी करने के लिए तैयार है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यात्रा शुरू हो रही है। 14 राज्यों से गुजरने वाली राहुल गांधी की ये यात्रा 14 जनवरी से शुरू हो रही है।इस बीच कांग्रेस ने यात्रा का नाम बदल दिया है। इस यात्रा का नाम 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' होगा। इस बात की जानकारी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दी। इससे पहले इस यात्रा नाम 'भारत न्याय यात्रा' दिया गया था। 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की। इस बैठक में सारे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता उपस्थित थे। बैठक में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की रणनीति बनाई गई। साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। 

बैठक के बाद जयराम रमेश ने कहा, यात्रा की शुरुआत मणिपुर की राजधानी इंफाल से होगी। यात्रा 14 जनवरी दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। यात्रा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हरी झंडी दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि 6,700 किलोमीटर लंबी यात्रा 15 राज्यों से होकर गुजरेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस और पद यात्रा करेंगे। इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को भी न्यौता दिया जाएगा। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत 67 दिनों में 6713 किमी का सफर तय करेंगे। यह यात्रा 15 राज्यों के 110 जिले से होकर गुजरेगी। इसके अन्तर्गत 100 लोकसभा सीटें आएंगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में 107 किलोमीटर यात्रा होगी। यह यात्रा 4 जिले, 2 लोकसभा, 11 विधानसभा कवर करेंगे। वह डेढ़ दिन रहेंगे। नागालैंड में 257 किलोमीटर की यात्रा होगी। 5 जिले कवर होगी और 2 दिन में रहेंगे। असम में 833 कवर होगा। 8 दिन रहेंगे।17 जिले कवर होंगेराहुल गांधी की यात्रा मुंबई में खत्म होगी।।

'मैं क्या वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा?', पूरी के शंकराचार्य निश्चलानंद ने किया अयोध्या नहीं जाने का ऐलान

 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार तथा अयोध्या प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी है। राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार है, जिसे सजाया-संवारा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को श्रीराम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान के तौर पर आमंत्रित किया गया है। यानी इस बात की पूरी संभावना है कि पीएम अपने हाथों से ही रामलला की प्रतिमा को गर्भ गृह में सिंहासन पर विराजमान करवाएंगे। इसे लेकर ओडिशा के जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने विरोध व्यक्त किया है। 

उन्होंने बुधवार को रतलाम में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए अयोध्या नहीं जाएंगे। रतलाम में त्रिवेणी तट पर हिंदू जागरण सम्मेलन को संबोधित करने आए शंकराचार्य निश्चलानंद ने मीडिया से चर्चा में कहा, 'मोदी जी लोकार्पण करेंगे, प्रतिमा का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? मेरे पद की भी मर्यादा है। राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं'। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से प्राप्त हुए निमंत्रण के बारे में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, 'मुझे जो आमंत्रण प्राप्त हुआ है उसमें लिखा है कि आप और आपके साथ सिर्फ एक व्यक्ति आयोजन में आ सकता है। इसके अतिरिक्त हमसे किसी प्रकार का अब तक संपर्क नहीं किया गया है, जिस वजह से मैं आयोजन में नहीं जाऊंगा'। 

उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जिस प्रकार की राजनीति हो रही है, वह नहीं होनी चाहिए। इस वक़्त राजनीति में कुछ सही नहीं है। पुरी के शंकराचार्य ने धर्म स्थलों पर बनाए जा रहे कॉरिडोर की भी आलोचना की। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। इस प्रकार इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया में चाहे जिस भी धर्म के लोग हों, उन सभी के पूर्वज हिंदू थे। बता दें कि निश्चलानंद सरस्वती पुरी के पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धन पीठ के वर्तमान 145वें जगद्गुरु शंकराचार्य हैं। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जन्म 1943 में बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। वह दरभंगा के महाराजा के राज-पंडित के पुत्र हैं।

श्रमजीवी ट्रेन ब्लास्ट में 18 साल बाद आया फैसला, हरकत-उल-जिहाद-उल-इस्लामी के दो आतंकियों को फांसी की सजा, कई लोगों की हुई थी मौत

 उत्तर प्रदेश के जौनपुर की जिला अदालत ने 2005 के श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट में उनकी भूमिका के लिए दो आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई है। RDX से किए घातक हमले में 14 लोगों की मौत और 62 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 28 जुलाई 2005 की शाम को राजगीर और नई दिल्ली के बीच चलने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस भयानक आतंकवादी हमले का निशाना बन गई थी। हरपालगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास हुआ विस्फोट दो आतंकियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने ट्रेन में RDX से भरा सूटकेस रख दिया था। इस जघन्य कृत्य के बाद, अपराधी तेजी से उतर गए और अपने पीछे अराजकता और तबाही का मंजर छोड़ गए।

अदालत ने दोषियों की पहचान कुख्यात हरकत-उल-जिहाद-उल-इस्लामी (हूजी) संगठन से जुड़े बांग्लादेश के हिलाल उर्फ हेलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास के रूप में की थी। छह वर्षों तक चला उनका मुकदमा इस महत्वपूर्ण फैसले में परिणित हुआ, जिससे प्रभावित परिवारों को कुछ हद तक न्याय मिला। 18 साल बाद भी, कई लोगों के लिए उस दुखद शाम के घाव हरे हैं। एक गवाह, जो उस समय मात्र 14 वर्ष का था, को सुल्तानपुर रेलवे स्टेशन का माहौल स्पष्ट रूप से याद है। ट्रेन की देरी के कारण भ्रम और बढ़ती बेचैनी के बीच, संभावित दुर्घटना की फुसफुसाहट फैल गई थी। स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल उस समय भारत में इतना नहीं हुआ करता था। जिसका मतलब था कि जानकारी दुर्लभ थी और अफवाहें बड़े पैमाने पर थीं। उसने अफवाह सुनकर ही ट्रेन छोड़ दी थी, अगले दिन जब उसके पिता अख़बार पढ़ रहे थे, तब उसे श्रमजीवी ट्रेन में ब्लास्ट के बारे में पता चला। 

उस समय आतंकी अक्सर इस तरह के शक्तिशाली विस्फोटक RDX का इस्तेमाल धमाकों के लिए किया करते थे, मुंबई ब्लास्ट, उत्तर प्रदेश के कचहरी ब्लास्ट, जोधपुर ब्लास्ट इसके कुछ उदाहरण थे, जिसमे सैकड़ों निर्दोष आतंकियों की जिहादी विचारधारा की भेंट चढ़ गए थे। लेकिन, इंटरनेट और सोशल मीडिया न होने के करण अक्सर चीज़ें उतनी उभरकर सामने नहीं आया करती थी। बीते 10 वर्षों में जागरूक हुई पीढ़ी को शायद ही श्रमजीवी ब्लास्ट के बारे में पता ही हो। आज जब 18 साल बाद इसके पीड़ितों को कोर्ट से कुछ हद तक न्याय मिला है, तो ये केस एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है।

पीएम मोदी की सेवा करने में व्यस्त हैं ममता बनर्जी..', TMC ने सीट शेयरिंग पर रख दी ऐसी शर्त, भड़क उठी कांग्रेस !

 सीट-बंटवारे को लेकर विपक्षी INDIA गठबंधन में दरार बढ़ती नज़र आ रही है। इसमें शामिल दलों के नेता एक-दूसरे पर छींटाकशी करते हुए खाई को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "सेवा करने में व्यस्त" हैं।

चौधरी ने यह भी कहा कि बनर्जी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं चाहती थीं और कहा कि सबसे पुरानी पार्टी आम चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि, "हमने भीख नहीं मांगी। ममता बनर्जी ने खुद कहा कि वह गठबंधन चाहती हैं। हमें ममता बनर्जी की दया की जरूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। ममता बनर्जी वास्तव में गठबंधन नहीं चाहतीं क्योंकि वह मोदी की सेवा में व्यस्त हैं।" सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता चौधरी ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश के बारे में पूछा गया।

सूत्रों ने बताया है कि TMC का मानना ​​है कि राज्य में प्रमुख पार्टी को सीट-बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, सीट-बंटवारे की संख्या एक स्पष्ट फॉर्मूले पर आधारित है, जिसमें आगामी संसदीय चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों पर एक नजर शामिल है। TMC ने INDIA ब्लॉक संयोजक के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अपनी पसंद को भी दोहराया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि हालांकि पार्टी के पास बिहार के मुख्यमंत्री और JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि विपक्षी गठबंधन के संयोजक के रूप में खड़गे का बेहतर प्रभाव होगा। सूत्रों ने कहा कि टीएमसी का यह भी मानना है कि दलित समुदाय से आने वाले खड़गे बेहतर विकल्प हैं क्योंकि वह 58 सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

बता दें कि, दिसंबर में दिल्ली में आयोजित विपक्षी INDIA गुट की बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। TMC ने सीट-बंटवारे के विवरण को 31 दिसंबर, 2023 तक अंतिम रूप देने की मांग की थी। समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन इंडिया ब्लॉक अभी तक सीट-बंटवारे पर आम सहमति पर नहीं पहुंच पाया है।

फर्जी मरीज, लापता डॉक्टर ! दिल्ली के 'मोहल्ला क्लिनिक' भी विवादों में घिरे, LG ने की CBI जांच की सिफारिश

 देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा चलाए जाने वाले मोहल्ला क्लिनिक भी जांच के दायरे में आ गए हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने अनुरोध किया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) हल्ला क्लीनिकों में की जाने वाली मुफ्त प्रयोगशाला परीक्षाओं की जांच करे। यह अनुरोध स्वास्थ्य विभाग के प्रभाव अनुसंधान के प्रारंभिक मूल्यांकन के बाद प्रक्रिया में "भारी गड़बड़ियों" का पता चलने के बाद किया गया है। कथित तौर पर सात मोहल्ला क्लीनिकों में किए गए एक औपचारिक विश्लेषण से पता चला है कि, यहाँ से कई ऐसे मरीजों की मुफ्त लैब टेस्टिंग की सिफारिश कर दी गई थी, जो मरीज वास्तव में कहीं थे ही नहीं। यानी, फर्जी मरीजों का लैब परिक्षण।  

अधिकारियों के अनुसार, जांच की आवश्यकता तब पड़ी, जब यह पता चला कि दक्षिण-पश्चिम, शाहदरा और उत्तर-पूर्व जिलों में फैले इन सात मोहल्ला क्लीनिकों को सौंपे गए डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आते हैं और इसके बजाय बायो-मैट्रिक्स पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा देते हैं। जबकि कुछ डॉक्टर दूसरों के काफी देर बाद क्लीनिक पहुंचते थे और फिर भी पूरी उपस्थिति दर्ज करते थे, वहीं अन्य पूरी तरह से काम छोड़ देते थे। एक सूत्र ने खुलासा किया है कि, “पिछले साल, यह सामने आया कि डॉक्टर मोहल्ला क्लीनिक में नहीं आ रहे थे, लेकिन फिर भी उन्हें उपस्थित दिखाया गया। पता चला कि उनकी अनुपस्थिति के बावजूद मोहल्ला क्लिनिक से जांच और दवाएं लिखी जा रही थीं। बाद में पता चला कि फर्जी मरीजों (केवल कागज़ी मरीज, वास्तविक नहीं) के ही परीक्षण कर दिए गए थे। इसके बाद, CBI जांच का आदेश दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि, सितंबर 2023 में इन चिकित्सकों के खिलाफ एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके कारण उन्हें पैनल से हटा दिया गया था और जुलाई से सितंबर तक तीन महीने की अवधि में इन मोहल्ला क्लीनिकों से प्रयोगशाला परीक्षण परिणामों के नमूने का उपयोग करके एक मूल्यांकन किया गया था, जो दो लैब कंपनियों से प्राप्त किया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि, 'दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार विभाग द्वारा किए गए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन की रिपोर्ट से पता चलता है कि इन सात मोहल्ला क्लीनिकों में 11,657 रिकॉर्ड थे, जहां मरीजों का मोबाइल नंबर '0' बताया गया था। 8,251 मामलों में, मोबाइल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया गया था और 3,092 मामलों में मोबाइल नंबर '9999999999' के रूप में दर्ज किए गए थे।' यानी, सारे के सारे मरीज ही फर्जी प्रतीत हो रहे थे, जिनका मोहल्ला क्लिनिक वालों ने शायद मन से ही रिकॉर्ड बना रखा हो।  

इसके अलावा, अध्ययन से पता चला कि 1-5 से शुरू होने वाले गैर-मौजूद मोबाइल नंबर वाले रोगियों की 400 प्रविष्टियाँ, अधिकारियों के अनुसार पाई गईं और 999 मामलों में, एक ही मोबाइल नंबर लगभग 15 या अधिक रोगियों का उद्धृत किया गया था। एक अधिकारी ने पूछा कि, "चूंकि मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराते हैं, इसलिए सवाल यह है कि मरीजों, गैर-चिकित्सा कर्मचारियों को ये परीक्षण और दवाएं किसने लिखीं।"

जाफर कलां, उजवा, शिकारपुर, गोपाल नगर, ढांसा, जगजीत नगर और बिहारी कॉलोनी क्षेत्रों के आवासीय क्षेत्रों में सात मोहल्ला क्लीनिक थे जहां प्रभाव मूल्यांकन किया गया था। दिसंबर 2022 में दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दी जाने वाली मुफ्त लैब परीक्षणों की संख्या 212 से बढ़ाकर 450 कर दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल ने प्रभाव का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में सुझाए गए परीक्षणों के ऑडिट का अनुरोध किया, हालांकि उन्होंने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एलजी सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा, “स्पष्ट रूप से, एलजी के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया। यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का हो सकता है।” खातों के अनुसार, मोहल्ला क्लीनिकों ने बिना किसी मरीज़ के फर्जी पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी परीक्षण किए।

विशेष रूप से, उपराज्यपाल ने कुछ दिन पहले एजेंसी को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं के कथित प्रावधान की अतिरिक्त जांच करने का निर्देश दिया था। मुख्य सचिव को भेजे गए एक ज्ञापन के आधार पर, यह निष्कर्ष कि जब सरकारी और वाणिज्यिक प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया तो ये दवाएं "मानक गुणवत्ता की नहीं" थीं, उन्होंने उन्हें चिंतित कर दिया। उन्होंने कहा कि ये दवाएं मोहल्ला क्लीनिकों में वितरित की जा रही थीं और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में हजारों मरीजों को दी जा रही थीं।

'सोशल मीडिया पर डाली भगवान राम की अपमानजनक तस्वीर, लड़की से बोला केवल अल्लाह को मानो..', खरगोन से फैजान लाला गिरफ्तार

मध्य प्रदेश पुलिस ने बुधवार को सोशल मीडिया पर जानबूझकर भगवान राम के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान निज़ाम लाला के बेटे फैज़ान लाला के रूप में हुई है। बताया जाता है कि आरोपी ने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में भगवान राम की अपमानजनक तस्वीर पोस्ट की और हिन्दुओं के आराध्य देवता को अपशब्द कहे थे। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के केली गांव की बताई जा रही है। फैजान ने 2 जनवरी को इंस्टाग्राम पर भगवान राम को लेकर अपमानजनक पोस्ट किया था। पोस्ट को कई लोगों ने देखा और यह तुरंत वायरल हो गया। इससे कई हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।' पुलिस ने कथित तौर पर अश्विनी ठाकुर की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी ने टिप्पणी अनुभाग में इंस्टाग्राम पर एक हिंदू लड़की से हिंदू धर्म छोड़ने और इसके बजाय अल्लाह को खुदा मानने को भी कहा। इसके बाद लड़की ने आरोपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह हिंदू है। इसके बाद आरोपी ने भगवान राम के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

रिपोर्ट के अनुसार, अश्विनी ठाकुर केली गांव के सरपंच हैं, जिन्होंने हिंदू विरोधी पोस्ट पर आपत्ति जताई थी। गांव के कई हिंदू निवासियों ने भी पोस्ट का विरोध करते हुए दावा किया कि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। लोग स्थानीय थाने पर जमा हो गए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि आरोपी को, खासकर जब वह एक विशिष्ट समुदाय से हो, तो उसे ऐसा कुछ पोस्ट नहीं करना चाहिए था। पुलिस ने कथित तौर पर सरपंच अश्विनी ठाकुर की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। आरोपी को आईपीसी की धारा 295 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

लाल सागर में हूतियों के हमले से “लाल” हुआ अमेरिका, यूएस समेत 13 देशों ने दी कार्रवाई की चेतावनी

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लाल सागर में हूती आतंकियों का आतंक बढ़ते जा रहा है। 19 नवंबर से लेकर अब तक मर्चेंट शिप पर करीब दो दर्जन हमले किए गए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों के लाल सागर में बढ़ते हमले के बाद अमेरिका भी “लाल” होता दिख रहा है। अमेरिका और 12 सहयोगियों ने बुधवार को अंतिम चेतावनी दी है कि हमलों को रोक दिया जाए, नहीं तो सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। 

इजरायल-हमास युद्ध के चलते लाल सागर में हूती विद्रोही लगातार इजरायली जहाजों और उसकी तरफ जाने वाले दूसरे वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन हमले कर रहे हैं। इससे अमेरिका समेत अन्य देश बौखला गए हैं। हूतियों को इन देशों ने अब बड़ी चेतावनी दी है। अमेरिका और 12 सहयोगी देशों ने बुधवार को हूती विद्रोहियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे लाल सागर में जहाजों पर हमले बंद करें अन्यथा संभावित सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। बता दें कि 19 दिसंबर से अब तक 15 दिनों में हूतियों ने 23 हमलों को अंजाम दिया है। 

अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमले जारी रहने पर संभावित भागीदारी के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ईरान समर्थित हूतियों को अमेरिका और उसके सहयोगियों से ‘एक और चेतावनी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए’।सहयोगी देशों की ओर से बुधवार को हमलों की निंदा करते हुए जारी किये गये एक संयुक्त बयान के तुरंत बाद वाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर इस बारे में जानकारी दी। बयान पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन ने हस्ताक्षर किए। 

इन देशों ने कहा, अब हमारा संदेश स्पष्ट होना चाहिए। हम इन हमलों को तत्काल समाप्त करने और गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए गए जहाजों और चालक दल को रिहा करने का आह्वान करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हूती जीवन, वैश्विक अर्थव्यवस्था और क्षेत्र के महत्वपूर्ण जलमार्गों में वाणिज्य के मुक्त प्रवाह को खतरे में डालना जारी रखते हैं तो परिणाम भुगतने के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

बता दें कि कई हफ्तों से यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही लाल सागर से होकर इस्राइल जाने वाले सभी जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूतियों का कहना है कि इनके हमलों का उद्देश्य गाजा पट्टी में इस्राइल के हवाई और जमीनी हमले को समाप्त करना है।