Jharkhand

18 min ago

सफलता : झारखंड स्टेट टॉपर ज्योत्सना ज्योति ने 99.20 अंक लाकर मैट्रिक की परीक्षा में रचा इतिहास


डेस्क

हजारीबाग :चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड के पांडेयबागी गांव निवासी शिक्षक राजेंद्र कुमार दास की पुत्री ज्योत्सना ज्योति मैट्रिक की परीक्षा में झारखंड टॉपर बनी है. उसे 99.20 प्रतिशत अंक मिले हैं.

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में ज्योत्सना ज्योति 500 में से 496 अंक लाकर पूरे प्रदेश की टॉपर बनी है. उसकी इस सफलता से गांव के लोग फूले नहीं समा रहे हैं. बधाइयां देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. ज्योत्सना के पिता प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक व मां किरण देवी गृहणी हैं.

ज्योत्सना ज्योति इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा है और चतरा के गिद्धौर प्रखंड के एक छोटे से गांव पांडेबागी की अनुसूचित जाति समाज से आती है. ज्योत्सना ने अपनी मेहनत के दम पर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. जैक रांची के द्वारा मैट्रिक परीक्षा का परिणाम में इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में 54.20% छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन, 40.63% छात्रों ने द्वितीय श्रेणी और 5.7% छात्रों ने तृतीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास की है.

saraikela

20 min ago

गढ़वा : जिले के चिनिया वन क्षेत्र मे एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक

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गढ़वा : जिले के चिनिया वन क्षेत्र मे एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिला है। चिनिया थाना क्षेत्र के चिरका टोला मे एक दर्जन से अधिक हाथियों का झुण्ड अचानक आ पंहुचा। जिसके बाद गाँव मे अफरा तफरी का माहौल हो गया।

 लोग जान बचा कर भगने लगे तभी महुआ चुन रहे दशरथ सिंह नामक एक व्यक्ति हाथी के सामने आ गया जिसके बाद हाथी आक्रोशित होकर उसे अपने पैरों तले कुचल दिया। 

घटना की जानकारी जैसे ही वन विभाग और पुलिस को लगी तत्काल दोनों टीम घटना स्थल पर पहुंच शव को अपने कब्जे मे लेते हुए अंत्यपरिक्षण के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मौके पर ग्रामीणों मे वन विभाग के प्रति आक्रोश देखने को मिला. ग्रामीणों ने कहा की पिछले चार माह से हाथी इस इलाके मे तबाही मचाये हुए है लेकिन इसको देखने वाला कोई नही है कभी आदमी को मार रहा है तो कभी घर गिरा रहा है तो कभी फसलों को नुकसान पंहुचा रहा है हमलोग बेबस हो गए है कोई सुनने वाला नही है। 

वंही वन विभाग ने तत्काल सहायता के रूप मे दस हजार रूपए की आर्थिक मदद की जबकि मुआवजा के लिए आश्वासन दिया लेकिन हाथी भगाने पर चुप्पी साध गया।

Aurangabad

29 min ago

काराकाट लोक सभा क्षेत्र में 23 को आरा से डेहरी तक और 24 अप्रैल को औरंगाबाद में पवन सिंह करेंगे रोड शो, जानिए किस–किस क्षेत्र में दौरा

औरंगाबाद: काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दावे दारी पेश करने वाले भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह सौ किमी का रोड शो करेंगे। 

उनकी प्रतिनिधि दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह 23 अप्रैल को रोहतास के तीन विधानसभा क्षेत्र काराकाट, नोखा और डेहरी में रोड शो करेंगे।

 जबकि 24 अप्रैल को औरंगाबाद के ओबरा, गोह नबीनगर विधानसभा के बारून होते हुए शेखपुरा ,मेह,बड़ेम ,ओबीपुर , कंकेर तिवारीडीह ,एनटीपीसी ,सुरार मझियाव सहित नवीनगर विधानसभा क्षेत्र में रोड शो करेंगे।

 

वहीं पवन सिंह के पी ए दीपक कुमार सिंह ने आगे बताया कि वह 23 अप्रैल को सुबह में आरा से काराकाट के लिए निकलेंगे। इसके बाद दनवार, कछवा, नासरीगंज, गोरारी, काराकाट, बिक्रमगंज, नोखा, राजपुर, अकोढ़ीगोला, डेहरी ऑन सोन तक शाम में पहुंच जाएंगे। वहां से फिर औरंगाबाद के बारूण नवीनगर पहुंचेंगे। 

24 अप्रैल को फिर औरंगाबाद के ओबरा, दाउदनगर, हसपुरा होते हुए गोह क्षेत्र में प्रचार करेंगे।अब देखना यह है कि पवन सिंह को काराकाट के जनता कितना आशीर्वाद देता है।

Patna

31 min ago

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के पहले चरण चुनाव में बीजेपी के फ्लॉप होने के बयान पर दी प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा

पटना: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के पहले चरण चुनाव मे बीजेपी के फ्लॉप होने पर कहा कि तेजस्वी यादव क्या कहेंगे अपने बारे में लिखेंगे कि वह फ्लॉप हो गए उनकी पारिवारिक जिम्मेदारी समाप्त हो जाएगी। परिवार का एक सदस्य नहीं जीतेगा और उनका खाता भी नहीं खुलेगा यह पूरी तरह से वह लिख ले। आखिर कौन सा ऐसा विजन है बिहार को बर्बाद करने वाले बिहार को लूटने वाले दिल्ली में जाकर देश को जाकर लूटेंगे देश को बर्बाद करेंगे। बिहार की जनता यह गलती नहीं करने जा रही है।

राहुल गांधी के भागलपुर दौरे पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा लोकतंत्र में सबको आने का अधिकार है और राहुल गांधी जब अपना ही क्षेत्र छोड़कर भाग जाते हैं दूसरे के क्षेत्र में वह कितना वोट दिला पाएंगे यह पूरा बिहार और पूरा देश जानता है।

 मुंगेर लोकसभा खगड़िया लोकसभा दोनों जगह जा रहे हैं और बिहार की जनता बिहार को बर्बादी करने वाले को कतई फिर से बिहार में अवसर नहीं देगा मोदी जी की गारंटी पर सबको पूर्ण विश्वास है और विकसित बिहार बनाने का सब ने संकल्प लिया है।

पटना से मनीष

Chhattisgarh

34 min ago

अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर दिया बड़ा बयान, कहा- माओवाद का देश से कर देंगे सफाया

नई दिल्ली- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल के बाद एक साक्षात्कार में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर कहा कि मोदी सरकार ने बार-बार नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने को कहा है. शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने 90 दिन में नक्सलवाद से लड़ने के लिए बहुत काम किया है. हम भारत से माओवाद को समाप्त कर देंगे. उन्होंने ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन में नक्सलियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. शाह ने यह भी कहा कि सरकार देश से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा सरकार न तो आरक्षण हटाएगी और न ही संविधान से सेक्युलर शब्द हटाएगी. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को संविधान बदलना होता तो पिछले 10 सालों से उसके पास बहुमत है, वह दस सालों में ऐसा कभी भी कर सकती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुमत का इस्तेमाल अनुच्छेद 370 हटाने में, नागरिकता संशोधन कानून लाने में, तीन तलाक समाप्त करने में किया है.

सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं

संविधान से पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) शब्द हटाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है. इस देश को पंथनिरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह बीजेपी का है, इसीलिए हम समान नागरिक संहिता (UCC) ला रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, वो (कांग्रेस) देश को शरिया के नाम पर चलाना चाहती है, इसलिए उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है, हमें नहीं. शाह ने कहा कि हम तो कह रहे हैं कि इस देश का संविधान धर्म के आधार पर होना चाहिए.

भाजपा न तो आरक्षण हटाएगी और न ही हटाने देगी

शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भड़ास निकाली और कहा कि जिस तरह से वह कहते फिर रहे हैं कि भाजपा आरक्षण हटा देगी तो ये बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा न तो आरक्षण हटाएगी और न ही हटाने देगी. उन्होंने कहा कि बहुमत का इस्तेमाल कर कांग्रेस ने कई गलत फैसले लिए हैं और अगर आगे भी ऐसा करने की सोचेगी तो भाजपा ऐसा करने नहीं देगी.

भाजपा की प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं

उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण अधिनियम और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू किया. उन्होंने कहा कि विपक्षी कांग्रेस के पास भाजपा सरकार पर निशाना साधने के लिए कोई मुद्दा नहीं है.

Bhojpur

40 min ago

प्राइवेट स्कूलों का सालाना लूट समारोह, किताबें-यूनिफार्म की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश..

मार्च अप्रैल का महीना, बच्चों के मां-बाप के जेब कटने का महीना होता है. आमतौर पर जब कोई आपकी जेब काटता है तो आप चोर-चोर चिल्लाते हैं, लेकिन इन दो महीनों में जब मां-बाप की जेब कटती है तो वो स्कूल-स्कूल चिल्लाते हैं. किसी जेबकतरे की शिकायत आप पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं. लेकिन जेब काटने वाले स्कूलों की आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं. बहुत मुमकिन है कि जेबकतरे को पुलिस पकड़कर जेल में भी डाल दे, आपका कुछ पैसा भी दिलवा दे, लेकिन स्कूलों पर कोई हाथ नहीं डालता है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं. ऐसा इसलिए है कि मंत्री से लेकर अधिकारी तक, नौकरी पेशा से लेकर व्यापारी तक, सभी के बच्चे किसी ना किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

उनके बच्चों को प्रताड़ित ना किया जाए, उनके बच्चों को स्कूल से ना निकाल दिया जाए, उनके बच्चे के साथ भेदभाव ना शुरु कर दिया जाए, इस डर से सब चुप रहते हैं. और चुप्पी ही स्कूली जेबकतरों की शक्ति है. वर्ष बदलते हैं लेकिन हालात नहीं बदले..फीस और किताबों के SET के नाम पर लुटेरों के जज्बात भी नहीं बदले हैं.

- इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं.

- इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है.

- स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है.

कीमतें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं...

हालांकि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, जैसे महंगाई के नाम पर कॉपी किताबों की कीमतें हर वर्ष हद से ज्यादा बढ़ाई जाती हैं. स्कूलों में बच्चों को ये सिखाया जाता है कि पेड़ काटना नहीं चाहिए. नए पेड़ लगाने चाहिए. लेकिन यही स्कूल अपने यहां हर वर्ष बच्चों को नई क्लास के लिए नए कॉपी-किताबों का सेट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. पुरानी किताबों को एक तरह से अछूत घोषित कर दिया जाता है.

प्राइवेट स्कूली शिक्षा की बातें...

मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है. यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती. उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी. और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं.

अलग-अलग मुद्दों पर सर्वे करने वाली संस्था Local Circle ने प्राइवेट स्कूलों की फीस और कॉपी किताबों के Set की कीमत बढ़ाने को लेकर एक सर्वे किया है. ये सर्वे देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 312 जिलों में किया गया है. जिसमें अभिभावकों से स्कूल के खर्च पर बात की गई. सर्वे में 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं.

- Local Circle के इस सर्वे में पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. सर्वे में शामिल अभिभावकों में से 50 प्रतिशत ने ये बात कही है.

- 8 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस में 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

- 42 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस 30 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.

- अभिभावकों ने सर्वे में ये भी बताया कि स्कूल के Session की शुरुआत में नई कॉपी किताबों की लागत की वजह से खर्चे और ज्यादा बढ़े हैं.

- सर्वे के मुताबिक टियर-1 शहरों के स्कूलों की वार्षिक फीस 1 लाख से 4 लाख रुपये की बीच है.

- टियर 2 शहरों में स्कूलों की फीस सालाना 35 हजार से 2 लाख रुपये तक है.

ये एक ऐसी दुकान हैं. जहां स्कूल की किताबें मिलती हैं. आप जिस तरह से अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदते हैं. यहां पर भी वैसी खरीदारी हो रही है. ना आप कुछ बोलते हैं ना दुकानदार कुछ बोलता है, लेकिन कॉपी-किताबों के SET का लेनदेन पूरा हो जाता है. जो लोग इस प्रक्रिया को नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि पहले

- प्राइवेट स्कूल....कॉपी किताबों के सेट खरीदने के लिए एक पर्ची और साथ में कॉपी-किताबों की लिस्ट देता है.

- पर्ची पर पहले से निर्धारित एक खास विशेष दुकान का नाम लिखा होता है.

- आप उस दुकान पर जाते हैं, दुकानदार को वो पर्ची देते हैं.

- पर्ची लेकर दुकानदार आपको एक बैग थमा देता है, इस बैग में पहले ही वो सारी कॉपी-किताबें और स्टेशनरी मौजूद होती है जो स्कूल ने अपने लिस्ट में लिखी थी.

- ना आप दुकानदार से कुछ बोलते हैं, ना दुकानदार आपसे कुछ कहता है, पर्ची,पैसों और किताबों का लेनदेन हो जाता है. काम खत्म.

Publishing House के मालिकों के नेक्सस...

हवाला कारोबार के नेक्सस पर तो देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर होती है, पुलिस उस पर कार्रवाई करती है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों और कॉपी-किताबों वाले Publishing House के मालिकों के नेक्सस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया जाता है, कार्रवाई तो भूल ही जाइए. प्राइवेट स्कूलों की इस मानमानी का असर, उन मां-बाप पर पड़ता है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं.

कई बार तो कॉपी किताबों का बिल भी नहीं दिया जाता है. अपराध की दुनिया में हवाला कारोबार भी कुछ ऐसे ही होता है. एक निशानी लेकर जाइए, दूसरे शख्स से उसकी पहचान कराइए, पैसे लीजिए या दीजिए. काम खत्म. मैच फिक्सिंग की तरह स्कूलों की ओर से फिक्स हो चुकी दुकानों में पहले से ही किताबों और नोटबुक के बंडल बनाकर रखे जा चुके होते हैं.

अभिभावकों को केवल बच्चे का नाम और उसकी कक्षा का नाम बताना होता है. केवल दो मिनट में किताबें हाथ में आ जाती हैं. अभिभावक चाहकर भी अपनी पसंद की दुकान से कॉपी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. प्राइवेट स्कूल की Education Fixing में शामिल दुकानदार इसीलिए मनचाही कीमत पर कॉपी, किताबें, स्टेशनरी और बाकी सामान बेचते हैं. और मां-बाप उन्हें खरीदने को मजबूर होते हैं.

प्राइवेट स्कूल, खास पब्लिशर की किताब खास जगह से खरीदनों को क्यों कहते हैं ये आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जिन किताबों से बच्चों को ज्ञान मिलता है,..आरोप है उन्हीं किताबों की कीमत से प्राइवेट स्कूलों को कमीशन मिलती है.

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी...

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी से जितना प्यार बच्चों को होता है, उससे ज्यादा प्यार प्राइवेट स्कूलों, पब्लिशिंग हाउस और दुकानदारों को होता है. बच्चों को नई चीजें देखकर खुशी मिलती है...और बाकी सभी को उससे होने वाली कमाई देखकर. स्कूलों की मनमानी हर वर्ष ऐसे ही चलती है, बच्चो के मां-बाप मन मारकर रह जाते हैं और स्कूल्स को कुछ नहीं कह पाते हैं.

स्थिति ये है कि जो किताब बाजार में 100 रुपये की मिलती है, वही किताब स्कूलों की ओर से बताई गई दुकान पर 140 रुपये तक बेची जा रही है. कीमतों में दिख रहा ये अंतर, कमीशन का गहरा खेल है. जिसको समझना एक सामान्य मां-बाप के लिए मुश्किल है. मां-बाप जब अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदने के लिए जाते हैं, तो वो स्कूल की लिस्ट के हिसाब से निश्चित दुकान पर फिक्स्ड प्राइस पर सामान खरीदते हैं. उन्हें प्राइवेट स्कूलों की तरफ से इतना भी अधिकार नहीं दिया जाता है कि वो दूसरी दुकान से किताबें खरीद सकें. हमने इस मुद्दे पर कुछ ऐसे अभिभावकों से बात की, जो स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं.

कई बार अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों की ओर से ऐसे संकेत दिए जाते हैं, कि अगर वो फीस या स्टेशनरी संबंधित दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते, तो वो अपने बच्चों का एडमिशन कहीं और करवा सकते हैं. बस यही बात माता पिता के डर की वजह बनता है.

उन्हें मालूम है कि प्राइवेट स्कूल्स के संबंध बड़े-बड़े व्यापारी घरानों से भी होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ना तो कार्रवाई की उम्मीद होती है, ना ही कड़े नियम कानून बनने की उम्मीद होती है.

प्राइवेट स्कूल भी बेधड़क वही करते हैं जिससे उनकी कमाई हो सके. देश में शिक्षा के हालात ऐसे है कि मां-बाप को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की इसी मजबूरी का लाभ उठाते हैं.

Patna

49 min ago

एयरपोर्ट पर मुकेश साहनी का बयान, कहा लोग का मानना है अब मोदी के चक्कर में नहीं पड़ना है


पहले चरण के चुनाव में वोटिंग परसेंटेज कम होने के बाद तेजस्वी ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहां है बीजेपी फ्लॉप है इसका समर्थन मुकेश सहनी ने किया है मुकेश साहनी ने कहा कि निश्चित तौर पर यह सही है जिस प्रकार से कल वोटिंग परसेंटेज कम हुआ है

यह साफ होता है कि भाजपा का हवा निकल चुका है और लोग समझ रहे है की मोदी के चक्कर में नहीं रहना है , जिस हिसाब से वोटिंग परसेंटेज कम हुआ मान लीजिए कि सरकार फिर से बनाने को लोग तैयार नहीं है।

सरकार गिराने के लिए लोग तैयार है। बहुत अच्छा रिजल्ट होगा जानकारी मिला है खुशी प्राप्त हो रहा है और यह मजबूती से हम लोग प्रचार प्रसार करेंगे ज्यादा से ज्यादा मेहनत करेंगे इसके लिए आगे हम लोग काम करेगे। मुकेश साहनी ने कहा राहुल गांधी कार्यक्रम में भागलपुर में जा रहे हैं हम लोगों का कार्यक्रम मुंगेर पूर्णिया में भी कार्यक्रम में कटिहार में भी कार्यक्रम है कांग्रेस प्रत्याशी तारीख अनवर के लिए भी प्रचार करेंगे

Chhattisgarh

1 hour and 21 min ago

पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ दर्ज केस कोर्ट ने किया बंद, EOW-ACB की क्लोजर रिपोर्ट के बाद फैसला

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनने के बाद रायपुर की एक निचली अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. अदालत ने 16 अप्रैल के एक आदेश में राज्य ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. जिसमें पाया गया कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है.

एक आरटीआई कार्यकर्ता के दावे के आधार पर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार राज्य में सत्ता में थी, तब एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ईओडब्ल्यू-एसीबी अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को साबित करने में विफल रही. वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी. ट्रायल कोर्ट ने अब क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और एफआईआर रद्द कर दी है.

भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अमन सिंह छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे. उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया और नवंबर 2022 में अदानी समूह में शामिल हो गए. फरवरी 2020 में छत्तीसगढ़ की ईओडब्ल्यू ने कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में अमन सिंह और उनकी पत्नी यासमीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. बिलासपुर उच्च न्यायालय ने दो साल पहले एफआईआर को रद्द कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि यह वांछनीय है कि उच्च न्यायालय जांच के चरण में भ्रष्टाचार के मामले की एफआईआर को रद्द न करें, भले ही संदेह हो कि पिछली सरकार के अफसरों पर नई सरकार ने केस दर्ज कराया है और अब ट्रायल कोर्ट ने ईओडब्ल्यू द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और एफआईआर को रद्द कर दिया है. सिंह परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसिद्ध आपराधिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के तहत एफआईआर का इस्तेमाल “एक ईमानदार अधिकारी अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह, एक प्रसिद्ध कलाकार को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिससे उन्हें सजा भुगतनी पड़ी.” कई वर्षों तक परीक्षण और क्लेश”. उन्होंने कहा, हालांकि, अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने से आखिरकार न्याय मिल गया.

इसी भावना को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. उन्होंने शासन और लोक सेवकों के मनोबल पर राजनीतिक उत्पीड़न के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बात की.

उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाया जाना हतोत्साहित करने वाला है, क्योंकि हर कोई सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी की व्यक्तिगत लागत का सामना नहीं कर सकता है. यह दावा करने के बावजूद कि आरोप राजनीति से प्रेरित थे, अमन सिंह ने बाद की जांच में पूरा सहयोग किया, जिससे अंततः उन्हें और उनकी पत्नी को दोष सिद्ध हुआ क्योंकि आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बना.

Chhattisgarh

1 hour and 22 min ago

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में सभा को करेंगे संबोधित

अंबिकापुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में आमसभा को संबोधित करेंगे। मोदी की सभा अंबिकापुर के उसी कालेज मैदान में होगी जहां 11 वर्ष पहले प्रतीकात्मक लाल किला बनाया गया था। सरगुजा क्षेत्र की जनता ने प्रतीकात्मक लाल किला बनाकर अपनी भावनाएं प्रदर्शित की थी कि दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से भी मोदी देश को संबोधित करें। उसके एक वर्ष बाद ही लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बहुमत हासिल हुई थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। सरगुजांचल खासकर अंबिकापुर में पिछले दो लोकसभा चुनाव से नरेन्द्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित करते रहे हैं।

इस बार भी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की सूचना उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरगुजा की जनता ने ही सबसे पहले नरेन्द्र मोदी के लिए सपना देखा था कि वे प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करें। यह सपना पूरा हुआ। 10 वर्षो से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। यह चुनाव सिर्फ तीसरी बार मोदी सरकार के लिए नहीं है बल्कि विकसित भारत और तीसरी आर्थिक शक्ति के लिए यह चुनाव महत्तवपूर्ण हैं।

बताते चलें कि आठ सितंबर 2013 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने अंबिकापुर के कॉलेज मैदान से सभा को संबोधित किया था। उस समय छत्तीसगढ़ में डा रमन सिंह की सरकार थी। विकास यात्रा का समापन था। समापन कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी ने प्रतीकात्मक लाल किले से सभा को संबोधित किया था। उसके अगले वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव में एनडीए को बहुमत मिली थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। पांच वर्ष बाद वर्ष 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉलेज मैदान से चुनावी सभा को संबोधित किया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि अंबिकापुर में उनकी उस सभा की जितनी चर्चा हुई उतनी अभी तक किसी सभा की नहीं हुई। दिल्ली तक खलबली मच गई थी कि पिछड़े इलाके के लोगों ने यह कैसे सोच लिया कि मोदी को लाल किले से संबोधित करना चाहिए।

अंबिकापुर की जनता की खिल्ली उड़ाई गई थी। उसकी सजा देने का समय आ जाने का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की थी इसका परिणाम यह हुआ था कि 2019 के चुनाव में तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने डेढ़ लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत लिया था।

saraikela

1 hour and 33 min ago

कुंडली बताती है मरने के बाद कौन सा लोक मिलेगा


सरायकेला : भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि आत्मा कभी मरती नहीं है। आत्मा शरीर बदलती है और जब तक मोक्ष प्राप्ति नहीं होती है तब तक आत्मा जीवन और मृत्यु के चक्र में रहती है। आत्मा का लक्ष्य है परमात्मा से मिलन यानि मोक्ष की प्राप्ति। लेकिन अपने कर्मों के बंधन में फंसकर जीवात्मा अनेकानेक योनियों में भटकता रहता है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार वर्तमान जीवन के बाद किस लोक में स्थान प्राप्त होगा और व्यक्ति किस योनि और लोक से आया है यह उसकी कुण्डली से जाना जा सकता है। यहां कुछ सामान्य ज्योतिषीय योगों की जानकारी दी जा रही है जिससे यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति मृत्यु के बाद किस लोक में स्थान प्राप्त करेगा।  

स्वर्ग प्राप्ति योग

ज्योतिषशास्त्र का एक नियम है कि कुण्डली के बारहवें घर में शुभ ग्रह हों अथवा बारहवें घर पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। आठवें घर में चन्द्रमा, गुरू, शुक्र का स्थित होना भी मृत्यु के पश्चात स्वर्ग प्राप्ति को दर्शाता है। जिनकी कुण्डली में पहले घर में गुरू होता है और चन्द्रमा को देखता है ऐसा व्यक्ति धार्मिक प्रवृति का होता है।

ऐसे व्यक्ति की कुण्डली में अगर आठवें घर में कोई ग्रह नहीं हो तो अपने सद्कर्मों से मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में उत्तम स्थान प्राप्त करता है। इसी प्रकार जिनकी जन्मपत्री में दसवें घर में धनु अथवा मीन राशि हो और बारहवें स्थान में बैठे गुरू पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति को स्वर्ग में देवपद मिलता है।

मोक्ष प्राप्ति योग

बृहद् पराशर होराशास्त्र में लिखा है कि जिनकी कुण्डली में बारहवें स्थान में शुभ ग्रह बैठें हों और बारहवें भाव का स्वामी अपनी राशि अथवा मित्र की राशि में हों एवं उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो ऐसा व्यक्ति अपने सद्कर्मों से मोक्ष प्राप्त करता है। वराह मिहिर ने अपनी पुस्तक वृहद्जातक में इस बात का जिक्र किया है कि, कुण्डली में सभी ग्रह कमज़ोर हों केवल गुरू कर्क राशि में छठे, आठवें, प्रथम, चतुर्थ, सप्तम अथवा दशम में तो ऐसा व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी होता है। कुण्डली में गुरू मीन राशि में लग्न अथवा दशम भाव में हो और कोई अशुभ ग्रह उसे नहीं देख रहा हो तो यह मोक्ष प्राप्ति का योग बनता है।

नरक प्राप्ति योग

जिस व्यक्ति की कुण्डली में राहु आठवें भाव में कमज़ोर स्थिति में हो और छठे अथवा आठवें घर का स्वामी राहु को देख रहा हो तो नरक प्राप्ति योग बनता है। वृहद् पराशर होराशास्त्र के अनुसार जिनकी कुण्डली में पाप ग्रह यानी सूर्य, मंगल, शनि, राहु बारहवें घर में हो अथवा बारहवें घर का स्वामी सूर्य के साथ हो वह मृत्यु के बाद नरकगामी होता है। बारहवें घर में राहु अथवा शनि के साथ आठवें घर का स्वामी स्थित हो तब भी नरक प्राप्ति योग बनता है।

Jharkhand

18 min ago

सफलता : झारखंड स्टेट टॉपर ज्योत्सना ज्योति ने 99.20 अंक लाकर मैट्रिक की परीक्षा में रचा इतिहास


डेस्क

हजारीबाग :चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड के पांडेयबागी गांव निवासी शिक्षक राजेंद्र कुमार दास की पुत्री ज्योत्सना ज्योति मैट्रिक की परीक्षा में झारखंड टॉपर बनी है. उसे 99.20 प्रतिशत अंक मिले हैं.

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में ज्योत्सना ज्योति 500 में से 496 अंक लाकर पूरे प्रदेश की टॉपर बनी है. उसकी इस सफलता से गांव के लोग फूले नहीं समा रहे हैं. बधाइयां देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. ज्योत्सना के पिता प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक व मां किरण देवी गृहणी हैं.

ज्योत्सना ज्योति इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा है और चतरा के गिद्धौर प्रखंड के एक छोटे से गांव पांडेबागी की अनुसूचित जाति समाज से आती है. ज्योत्सना ने अपनी मेहनत के दम पर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. जैक रांची के द्वारा मैट्रिक परीक्षा का परिणाम में इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में 54.20% छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन, 40.63% छात्रों ने द्वितीय श्रेणी और 5.7% छात्रों ने तृतीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास की है.

saraikela

20 min ago

गढ़वा : जिले के चिनिया वन क्षेत्र मे एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक

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गढ़वा : जिले के चिनिया वन क्षेत्र मे एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिला है। चिनिया थाना क्षेत्र के चिरका टोला मे एक दर्जन से अधिक हाथियों का झुण्ड अचानक आ पंहुचा। जिसके बाद गाँव मे अफरा तफरी का माहौल हो गया।

 लोग जान बचा कर भगने लगे तभी महुआ चुन रहे दशरथ सिंह नामक एक व्यक्ति हाथी के सामने आ गया जिसके बाद हाथी आक्रोशित होकर उसे अपने पैरों तले कुचल दिया। 

घटना की जानकारी जैसे ही वन विभाग और पुलिस को लगी तत्काल दोनों टीम घटना स्थल पर पहुंच शव को अपने कब्जे मे लेते हुए अंत्यपरिक्षण के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मौके पर ग्रामीणों मे वन विभाग के प्रति आक्रोश देखने को मिला. ग्रामीणों ने कहा की पिछले चार माह से हाथी इस इलाके मे तबाही मचाये हुए है लेकिन इसको देखने वाला कोई नही है कभी आदमी को मार रहा है तो कभी घर गिरा रहा है तो कभी फसलों को नुकसान पंहुचा रहा है हमलोग बेबस हो गए है कोई सुनने वाला नही है। 

वंही वन विभाग ने तत्काल सहायता के रूप मे दस हजार रूपए की आर्थिक मदद की जबकि मुआवजा के लिए आश्वासन दिया लेकिन हाथी भगाने पर चुप्पी साध गया।

Aurangabad

29 min ago

काराकाट लोक सभा क्षेत्र में 23 को आरा से डेहरी तक और 24 अप्रैल को औरंगाबाद में पवन सिंह करेंगे रोड शो, जानिए किस–किस क्षेत्र में दौरा

औरंगाबाद: काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दावे दारी पेश करने वाले भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह सौ किमी का रोड शो करेंगे। 

उनकी प्रतिनिधि दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह 23 अप्रैल को रोहतास के तीन विधानसभा क्षेत्र काराकाट, नोखा और डेहरी में रोड शो करेंगे।

 जबकि 24 अप्रैल को औरंगाबाद के ओबरा, गोह नबीनगर विधानसभा के बारून होते हुए शेखपुरा ,मेह,बड़ेम ,ओबीपुर , कंकेर तिवारीडीह ,एनटीपीसी ,सुरार मझियाव सहित नवीनगर विधानसभा क्षेत्र में रोड शो करेंगे।

 

वहीं पवन सिंह के पी ए दीपक कुमार सिंह ने आगे बताया कि वह 23 अप्रैल को सुबह में आरा से काराकाट के लिए निकलेंगे। इसके बाद दनवार, कछवा, नासरीगंज, गोरारी, काराकाट, बिक्रमगंज, नोखा, राजपुर, अकोढ़ीगोला, डेहरी ऑन सोन तक शाम में पहुंच जाएंगे। वहां से फिर औरंगाबाद के बारूण नवीनगर पहुंचेंगे। 

24 अप्रैल को फिर औरंगाबाद के ओबरा, दाउदनगर, हसपुरा होते हुए गोह क्षेत्र में प्रचार करेंगे।अब देखना यह है कि पवन सिंह को काराकाट के जनता कितना आशीर्वाद देता है।

Patna

31 min ago

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के पहले चरण चुनाव में बीजेपी के फ्लॉप होने के बयान पर दी प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा

पटना: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के पहले चरण चुनाव मे बीजेपी के फ्लॉप होने पर कहा कि तेजस्वी यादव क्या कहेंगे अपने बारे में लिखेंगे कि वह फ्लॉप हो गए उनकी पारिवारिक जिम्मेदारी समाप्त हो जाएगी। परिवार का एक सदस्य नहीं जीतेगा और उनका खाता भी नहीं खुलेगा यह पूरी तरह से वह लिख ले। आखिर कौन सा ऐसा विजन है बिहार को बर्बाद करने वाले बिहार को लूटने वाले दिल्ली में जाकर देश को जाकर लूटेंगे देश को बर्बाद करेंगे। बिहार की जनता यह गलती नहीं करने जा रही है।

राहुल गांधी के भागलपुर दौरे पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा लोकतंत्र में सबको आने का अधिकार है और राहुल गांधी जब अपना ही क्षेत्र छोड़कर भाग जाते हैं दूसरे के क्षेत्र में वह कितना वोट दिला पाएंगे यह पूरा बिहार और पूरा देश जानता है।

 मुंगेर लोकसभा खगड़िया लोकसभा दोनों जगह जा रहे हैं और बिहार की जनता बिहार को बर्बादी करने वाले को कतई फिर से बिहार में अवसर नहीं देगा मोदी जी की गारंटी पर सबको पूर्ण विश्वास है और विकसित बिहार बनाने का सब ने संकल्प लिया है।

पटना से मनीष

Chhattisgarh

34 min ago

अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर दिया बड़ा बयान, कहा- माओवाद का देश से कर देंगे सफाया

नई दिल्ली- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल के बाद एक साक्षात्कार में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर कहा कि मोदी सरकार ने बार-बार नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने को कहा है. शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने 90 दिन में नक्सलवाद से लड़ने के लिए बहुत काम किया है. हम भारत से माओवाद को समाप्त कर देंगे. उन्होंने ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन में नक्सलियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. शाह ने यह भी कहा कि सरकार देश से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा सरकार न तो आरक्षण हटाएगी और न ही संविधान से सेक्युलर शब्द हटाएगी. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को संविधान बदलना होता तो पिछले 10 सालों से उसके पास बहुमत है, वह दस सालों में ऐसा कभी भी कर सकती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुमत का इस्तेमाल अनुच्छेद 370 हटाने में, नागरिकता संशोधन कानून लाने में, तीन तलाक समाप्त करने में किया है.

सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं

संविधान से पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) शब्द हटाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है. इस देश को पंथनिरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह बीजेपी का है, इसीलिए हम समान नागरिक संहिता (UCC) ला रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, वो (कांग्रेस) देश को शरिया के नाम पर चलाना चाहती है, इसलिए उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है, हमें नहीं. शाह ने कहा कि हम तो कह रहे हैं कि इस देश का संविधान धर्म के आधार पर होना चाहिए.

भाजपा न तो आरक्षण हटाएगी और न ही हटाने देगी

शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भड़ास निकाली और कहा कि जिस तरह से वह कहते फिर रहे हैं कि भाजपा आरक्षण हटा देगी तो ये बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा न तो आरक्षण हटाएगी और न ही हटाने देगी. उन्होंने कहा कि बहुमत का इस्तेमाल कर कांग्रेस ने कई गलत फैसले लिए हैं और अगर आगे भी ऐसा करने की सोचेगी तो भाजपा ऐसा करने नहीं देगी.

भाजपा की प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं

उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण अधिनियम और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू किया. उन्होंने कहा कि विपक्षी कांग्रेस के पास भाजपा सरकार पर निशाना साधने के लिए कोई मुद्दा नहीं है.

Bhojpur

40 min ago

प्राइवेट स्कूलों का सालाना लूट समारोह, किताबें-यूनिफार्म की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश..

मार्च अप्रैल का महीना, बच्चों के मां-बाप के जेब कटने का महीना होता है. आमतौर पर जब कोई आपकी जेब काटता है तो आप चोर-चोर चिल्लाते हैं, लेकिन इन दो महीनों में जब मां-बाप की जेब कटती है तो वो स्कूल-स्कूल चिल्लाते हैं. किसी जेबकतरे की शिकायत आप पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं. लेकिन जेब काटने वाले स्कूलों की आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं. बहुत मुमकिन है कि जेबकतरे को पुलिस पकड़कर जेल में भी डाल दे, आपका कुछ पैसा भी दिलवा दे, लेकिन स्कूलों पर कोई हाथ नहीं डालता है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं. ऐसा इसलिए है कि मंत्री से लेकर अधिकारी तक, नौकरी पेशा से लेकर व्यापारी तक, सभी के बच्चे किसी ना किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

उनके बच्चों को प्रताड़ित ना किया जाए, उनके बच्चों को स्कूल से ना निकाल दिया जाए, उनके बच्चे के साथ भेदभाव ना शुरु कर दिया जाए, इस डर से सब चुप रहते हैं. और चुप्पी ही स्कूली जेबकतरों की शक्ति है. वर्ष बदलते हैं लेकिन हालात नहीं बदले..फीस और किताबों के SET के नाम पर लुटेरों के जज्बात भी नहीं बदले हैं.

- इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं.

- इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है.

- स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है.

कीमतें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं...

हालांकि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, जैसे महंगाई के नाम पर कॉपी किताबों की कीमतें हर वर्ष हद से ज्यादा बढ़ाई जाती हैं. स्कूलों में बच्चों को ये सिखाया जाता है कि पेड़ काटना नहीं चाहिए. नए पेड़ लगाने चाहिए. लेकिन यही स्कूल अपने यहां हर वर्ष बच्चों को नई क्लास के लिए नए कॉपी-किताबों का सेट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. पुरानी किताबों को एक तरह से अछूत घोषित कर दिया जाता है.

प्राइवेट स्कूली शिक्षा की बातें...

मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है. यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती. उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी. और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं.

अलग-अलग मुद्दों पर सर्वे करने वाली संस्था Local Circle ने प्राइवेट स्कूलों की फीस और कॉपी किताबों के Set की कीमत बढ़ाने को लेकर एक सर्वे किया है. ये सर्वे देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 312 जिलों में किया गया है. जिसमें अभिभावकों से स्कूल के खर्च पर बात की गई. सर्वे में 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं.

- Local Circle के इस सर्वे में पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. सर्वे में शामिल अभिभावकों में से 50 प्रतिशत ने ये बात कही है.

- 8 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस में 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

- 42 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस 30 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.

- अभिभावकों ने सर्वे में ये भी बताया कि स्कूल के Session की शुरुआत में नई कॉपी किताबों की लागत की वजह से खर्चे और ज्यादा बढ़े हैं.

- सर्वे के मुताबिक टियर-1 शहरों के स्कूलों की वार्षिक फीस 1 लाख से 4 लाख रुपये की बीच है.

- टियर 2 शहरों में स्कूलों की फीस सालाना 35 हजार से 2 लाख रुपये तक है.

ये एक ऐसी दुकान हैं. जहां स्कूल की किताबें मिलती हैं. आप जिस तरह से अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदते हैं. यहां पर भी वैसी खरीदारी हो रही है. ना आप कुछ बोलते हैं ना दुकानदार कुछ बोलता है, लेकिन कॉपी-किताबों के SET का लेनदेन पूरा हो जाता है. जो लोग इस प्रक्रिया को नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि पहले

- प्राइवेट स्कूल....कॉपी किताबों के सेट खरीदने के लिए एक पर्ची और साथ में कॉपी-किताबों की लिस्ट देता है.

- पर्ची पर पहले से निर्धारित एक खास विशेष दुकान का नाम लिखा होता है.

- आप उस दुकान पर जाते हैं, दुकानदार को वो पर्ची देते हैं.

- पर्ची लेकर दुकानदार आपको एक बैग थमा देता है, इस बैग में पहले ही वो सारी कॉपी-किताबें और स्टेशनरी मौजूद होती है जो स्कूल ने अपने लिस्ट में लिखी थी.

- ना आप दुकानदार से कुछ बोलते हैं, ना दुकानदार आपसे कुछ कहता है, पर्ची,पैसों और किताबों का लेनदेन हो जाता है. काम खत्म.

Publishing House के मालिकों के नेक्सस...

हवाला कारोबार के नेक्सस पर तो देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर होती है, पुलिस उस पर कार्रवाई करती है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों और कॉपी-किताबों वाले Publishing House के मालिकों के नेक्सस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया जाता है, कार्रवाई तो भूल ही जाइए. प्राइवेट स्कूलों की इस मानमानी का असर, उन मां-बाप पर पड़ता है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं.

कई बार तो कॉपी किताबों का बिल भी नहीं दिया जाता है. अपराध की दुनिया में हवाला कारोबार भी कुछ ऐसे ही होता है. एक निशानी लेकर जाइए, दूसरे शख्स से उसकी पहचान कराइए, पैसे लीजिए या दीजिए. काम खत्म. मैच फिक्सिंग की तरह स्कूलों की ओर से फिक्स हो चुकी दुकानों में पहले से ही किताबों और नोटबुक के बंडल बनाकर रखे जा चुके होते हैं.

अभिभावकों को केवल बच्चे का नाम और उसकी कक्षा का नाम बताना होता है. केवल दो मिनट में किताबें हाथ में आ जाती हैं. अभिभावक चाहकर भी अपनी पसंद की दुकान से कॉपी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. प्राइवेट स्कूल की Education Fixing में शामिल दुकानदार इसीलिए मनचाही कीमत पर कॉपी, किताबें, स्टेशनरी और बाकी सामान बेचते हैं. और मां-बाप उन्हें खरीदने को मजबूर होते हैं.

प्राइवेट स्कूल, खास पब्लिशर की किताब खास जगह से खरीदनों को क्यों कहते हैं ये आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जिन किताबों से बच्चों को ज्ञान मिलता है,..आरोप है उन्हीं किताबों की कीमत से प्राइवेट स्कूलों को कमीशन मिलती है.

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी...

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी से जितना प्यार बच्चों को होता है, उससे ज्यादा प्यार प्राइवेट स्कूलों, पब्लिशिंग हाउस और दुकानदारों को होता है. बच्चों को नई चीजें देखकर खुशी मिलती है...और बाकी सभी को उससे होने वाली कमाई देखकर. स्कूलों की मनमानी हर वर्ष ऐसे ही चलती है, बच्चो के मां-बाप मन मारकर रह जाते हैं और स्कूल्स को कुछ नहीं कह पाते हैं.

स्थिति ये है कि जो किताब बाजार में 100 रुपये की मिलती है, वही किताब स्कूलों की ओर से बताई गई दुकान पर 140 रुपये तक बेची जा रही है. कीमतों में दिख रहा ये अंतर, कमीशन का गहरा खेल है. जिसको समझना एक सामान्य मां-बाप के लिए मुश्किल है. मां-बाप जब अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदने के लिए जाते हैं, तो वो स्कूल की लिस्ट के हिसाब से निश्चित दुकान पर फिक्स्ड प्राइस पर सामान खरीदते हैं. उन्हें प्राइवेट स्कूलों की तरफ से इतना भी अधिकार नहीं दिया जाता है कि वो दूसरी दुकान से किताबें खरीद सकें. हमने इस मुद्दे पर कुछ ऐसे अभिभावकों से बात की, जो स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं.

कई बार अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों की ओर से ऐसे संकेत दिए जाते हैं, कि अगर वो फीस या स्टेशनरी संबंधित दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते, तो वो अपने बच्चों का एडमिशन कहीं और करवा सकते हैं. बस यही बात माता पिता के डर की वजह बनता है.

उन्हें मालूम है कि प्राइवेट स्कूल्स के संबंध बड़े-बड़े व्यापारी घरानों से भी होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ना तो कार्रवाई की उम्मीद होती है, ना ही कड़े नियम कानून बनने की उम्मीद होती है.

प्राइवेट स्कूल भी बेधड़क वही करते हैं जिससे उनकी कमाई हो सके. देश में शिक्षा के हालात ऐसे है कि मां-बाप को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की इसी मजबूरी का लाभ उठाते हैं.

Patna

49 min ago

एयरपोर्ट पर मुकेश साहनी का बयान, कहा लोग का मानना है अब मोदी के चक्कर में नहीं पड़ना है


पहले चरण के चुनाव में वोटिंग परसेंटेज कम होने के बाद तेजस्वी ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहां है बीजेपी फ्लॉप है इसका समर्थन मुकेश सहनी ने किया है मुकेश साहनी ने कहा कि निश्चित तौर पर यह सही है जिस प्रकार से कल वोटिंग परसेंटेज कम हुआ है

यह साफ होता है कि भाजपा का हवा निकल चुका है और लोग समझ रहे है की मोदी के चक्कर में नहीं रहना है , जिस हिसाब से वोटिंग परसेंटेज कम हुआ मान लीजिए कि सरकार फिर से बनाने को लोग तैयार नहीं है।

सरकार गिराने के लिए लोग तैयार है। बहुत अच्छा रिजल्ट होगा जानकारी मिला है खुशी प्राप्त हो रहा है और यह मजबूती से हम लोग प्रचार प्रसार करेंगे ज्यादा से ज्यादा मेहनत करेंगे इसके लिए आगे हम लोग काम करेगे। मुकेश साहनी ने कहा राहुल गांधी कार्यक्रम में भागलपुर में जा रहे हैं हम लोगों का कार्यक्रम मुंगेर पूर्णिया में भी कार्यक्रम में कटिहार में भी कार्यक्रम है कांग्रेस प्रत्याशी तारीख अनवर के लिए भी प्रचार करेंगे

Chhattisgarh

1 hour and 21 min ago

पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ दर्ज केस कोर्ट ने किया बंद, EOW-ACB की क्लोजर रिपोर्ट के बाद फैसला

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनने के बाद रायपुर की एक निचली अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. अदालत ने 16 अप्रैल के एक आदेश में राज्य ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. जिसमें पाया गया कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है.

एक आरटीआई कार्यकर्ता के दावे के आधार पर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार राज्य में सत्ता में थी, तब एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ईओडब्ल्यू-एसीबी अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को साबित करने में विफल रही. वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी. ट्रायल कोर्ट ने अब क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और एफआईआर रद्द कर दी है.

भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अमन सिंह छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे. उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया और नवंबर 2022 में अदानी समूह में शामिल हो गए. फरवरी 2020 में छत्तीसगढ़ की ईओडब्ल्यू ने कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में अमन सिंह और उनकी पत्नी यासमीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. बिलासपुर उच्च न्यायालय ने दो साल पहले एफआईआर को रद्द कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि यह वांछनीय है कि उच्च न्यायालय जांच के चरण में भ्रष्टाचार के मामले की एफआईआर को रद्द न करें, भले ही संदेह हो कि पिछली सरकार के अफसरों पर नई सरकार ने केस दर्ज कराया है और अब ट्रायल कोर्ट ने ईओडब्ल्यू द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और एफआईआर को रद्द कर दिया है. सिंह परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसिद्ध आपराधिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के तहत एफआईआर का इस्तेमाल “एक ईमानदार अधिकारी अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह, एक प्रसिद्ध कलाकार को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिससे उन्हें सजा भुगतनी पड़ी.” कई वर्षों तक परीक्षण और क्लेश”. उन्होंने कहा, हालांकि, अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने से आखिरकार न्याय मिल गया.

इसी भावना को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. उन्होंने शासन और लोक सेवकों के मनोबल पर राजनीतिक उत्पीड़न के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बात की.

उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाया जाना हतोत्साहित करने वाला है, क्योंकि हर कोई सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी की व्यक्तिगत लागत का सामना नहीं कर सकता है. यह दावा करने के बावजूद कि आरोप राजनीति से प्रेरित थे, अमन सिंह ने बाद की जांच में पूरा सहयोग किया, जिससे अंततः उन्हें और उनकी पत्नी को दोष सिद्ध हुआ क्योंकि आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बना.

Chhattisgarh

1 hour and 22 min ago

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में सभा को करेंगे संबोधित

अंबिकापुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में आमसभा को संबोधित करेंगे। मोदी की सभा अंबिकापुर के उसी कालेज मैदान में होगी जहां 11 वर्ष पहले प्रतीकात्मक लाल किला बनाया गया था। सरगुजा क्षेत्र की जनता ने प्रतीकात्मक लाल किला बनाकर अपनी भावनाएं प्रदर्शित की थी कि दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से भी मोदी देश को संबोधित करें। उसके एक वर्ष बाद ही लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बहुमत हासिल हुई थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। सरगुजांचल खासकर अंबिकापुर में पिछले दो लोकसभा चुनाव से नरेन्द्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित करते रहे हैं।

इस बार भी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की सूचना उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरगुजा की जनता ने ही सबसे पहले नरेन्द्र मोदी के लिए सपना देखा था कि वे प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करें। यह सपना पूरा हुआ। 10 वर्षो से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। यह चुनाव सिर्फ तीसरी बार मोदी सरकार के लिए नहीं है बल्कि विकसित भारत और तीसरी आर्थिक शक्ति के लिए यह चुनाव महत्तवपूर्ण हैं।

बताते चलें कि आठ सितंबर 2013 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने अंबिकापुर के कॉलेज मैदान से सभा को संबोधित किया था। उस समय छत्तीसगढ़ में डा रमन सिंह की सरकार थी। विकास यात्रा का समापन था। समापन कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी ने प्रतीकात्मक लाल किले से सभा को संबोधित किया था। उसके अगले वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव में एनडीए को बहुमत मिली थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। पांच वर्ष बाद वर्ष 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉलेज मैदान से चुनावी सभा को संबोधित किया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि अंबिकापुर में उनकी उस सभा की जितनी चर्चा हुई उतनी अभी तक किसी सभा की नहीं हुई। दिल्ली तक खलबली मच गई थी कि पिछड़े इलाके के लोगों ने यह कैसे सोच लिया कि मोदी को लाल किले से संबोधित करना चाहिए।

अंबिकापुर की जनता की खिल्ली उड़ाई गई थी। उसकी सजा देने का समय आ जाने का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की थी इसका परिणाम यह हुआ था कि 2019 के चुनाव में तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने डेढ़ लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत लिया था।

saraikela

1 hour and 33 min ago

कुंडली बताती है मरने के बाद कौन सा लोक मिलेगा


सरायकेला : भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि आत्मा कभी मरती नहीं है। आत्मा शरीर बदलती है और जब तक मोक्ष प्राप्ति नहीं होती है तब तक आत्मा जीवन और मृत्यु के चक्र में रहती है। आत्मा का लक्ष्य है परमात्मा से मिलन यानि मोक्ष की प्राप्ति। लेकिन अपने कर्मों के बंधन में फंसकर जीवात्मा अनेकानेक योनियों में भटकता रहता है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार वर्तमान जीवन के बाद किस लोक में स्थान प्राप्त होगा और व्यक्ति किस योनि और लोक से आया है यह उसकी कुण्डली से जाना जा सकता है। यहां कुछ सामान्य ज्योतिषीय योगों की जानकारी दी जा रही है जिससे यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति मृत्यु के बाद किस लोक में स्थान प्राप्त करेगा।  

स्वर्ग प्राप्ति योग

ज्योतिषशास्त्र का एक नियम है कि कुण्डली के बारहवें घर में शुभ ग्रह हों अथवा बारहवें घर पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। आठवें घर में चन्द्रमा, गुरू, शुक्र का स्थित होना भी मृत्यु के पश्चात स्वर्ग प्राप्ति को दर्शाता है। जिनकी कुण्डली में पहले घर में गुरू होता है और चन्द्रमा को देखता है ऐसा व्यक्ति धार्मिक प्रवृति का होता है।

ऐसे व्यक्ति की कुण्डली में अगर आठवें घर में कोई ग्रह नहीं हो तो अपने सद्कर्मों से मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में उत्तम स्थान प्राप्त करता है। इसी प्रकार जिनकी जन्मपत्री में दसवें घर में धनु अथवा मीन राशि हो और बारहवें स्थान में बैठे गुरू पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति को स्वर्ग में देवपद मिलता है।

मोक्ष प्राप्ति योग

बृहद् पराशर होराशास्त्र में लिखा है कि जिनकी कुण्डली में बारहवें स्थान में शुभ ग्रह बैठें हों और बारहवें भाव का स्वामी अपनी राशि अथवा मित्र की राशि में हों एवं उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो ऐसा व्यक्ति अपने सद्कर्मों से मोक्ष प्राप्त करता है। वराह मिहिर ने अपनी पुस्तक वृहद्जातक में इस बात का जिक्र किया है कि, कुण्डली में सभी ग्रह कमज़ोर हों केवल गुरू कर्क राशि में छठे, आठवें, प्रथम, चतुर्थ, सप्तम अथवा दशम में तो ऐसा व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी होता है। कुण्डली में गुरू मीन राशि में लग्न अथवा दशम भाव में हो और कोई अशुभ ग्रह उसे नहीं देख रहा हो तो यह मोक्ष प्राप्ति का योग बनता है।

नरक प्राप्ति योग

जिस व्यक्ति की कुण्डली में राहु आठवें भाव में कमज़ोर स्थिति में हो और छठे अथवा आठवें घर का स्वामी राहु को देख रहा हो तो नरक प्राप्ति योग बनता है। वृहद् पराशर होराशास्त्र के अनुसार जिनकी कुण्डली में पाप ग्रह यानी सूर्य, मंगल, शनि, राहु बारहवें घर में हो अथवा बारहवें घर का स्वामी सूर्य के साथ हो वह मृत्यु के बाद नरकगामी होता है। बारहवें घर में राहु अथवा शनि के साथ आठवें घर का स्वामी स्थित हो तब भी नरक प्राप्ति योग बनता है।