*“गुरुजी गायब” कैसे पूरी होगी पढ़ाई? *
बलरामपुर- सरकारें देश में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए तरह-तरह की परियोजनाएं चला रही है। हालांकि, इन विकास योजनाओं में पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में भी कुछ ऐसे ही हालत हैं। यहां निरीक्षण के दौरान कई अध्यापक गायब मिले। वहीं, कई विद्यालय बंद पाए गए। ग्राम सभा निरहवा विद्यालय महीने की 28-29 तारीख को एक बार खुलता है, बाकी विद्यालय का समय बंद रहता है। अब ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे क्या करते होंगे और क्या सीखते होंगे इसके बारे में बात करने की जरूरत ही नहीं है।
शासन द्वारा बड़े पैमाने पर धन व्यय करने के वाबजूद सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर उठने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री के सख्त रवैया अख्तियार करने के बावजूद कई ऐसे शिक्षक हैं, जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में कई मीडिया टीमों ने कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें कई गुरूओं के गायब रहने सहित अन्य कई और गम्भीर कमियां पाई गयी।
15 अप्रैल समय 10:30 बजे प्राथमिक विद्यालय निरहवा में निरीक्षण के दौरान सभी अध्यापक गायब पाये गये। विद्यालय पूर्ण रूप से बन्द था। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय धुबौलिया सिर्फ शिक्षा मित्र के भरोसे संचालित था, प्रधानाध्यापक विद्यालय से गायब मिले। धूबौलिया में जोशना अवस्थी महीने में एक दो बार विद्यालय आते हैं। जब टीम और आगे बढ़ी तो मोती पुर हडहवा का भी सरकारी विद्यालय में शिक्षामित्र के सहारे विद्यालय चलता है और बानगढ़ पिपरी यह सब विद्यालय में खेल का कोई सामान नहीं मिला। सूत्रों से मिल रही है कि नहीं है पिपरी विद्यालय सिर्फ दो घंटा खुलता है।
इस तरह तमाम कमियों के कारण शिक्षा पर बुरा प्रभाव रहा है। यही कारण है भारी भरकम धन व्यय होने के बादजूद भी शिक्षा का स्तर ऊपर नहीं उठ रहा है। जब इस सम्बन्ध में खण्ड शिक्षा अधिकारी पचपेड़वा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि जांच कर उचित कार्यवाही करेंगे।
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