क्या महाविकास अघाड़ी छोड़ देंगे उद्धव ठाकरे? अपने बना रहे प्रेशर

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश की नई सरकार को संशय का दौर बना हुआ है। चुनाव में जीत हासिल करने वाला महायुति गठबंधन अभी सीएम के पद पर मंथन ही कर रहा है तो शिकस्त का सामना करने वाले महा विका आघाड़ी हार से उबर नहीं सका है। आघाड़ी में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब विपक्षी गठबंधन एमवीए पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। अंदरखाने खबरें मिल रही हैं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर हो सकते हैं।

अपमानजनक हार के बाद एमवीए के प्रमुख दल शिवसेना(यूबीटी) के भीतर कलह का दौर तेज हो गया है। कहा जा रहा है कि ये वो लोग हैं, जिन्होंने पहले भी आवाज उठाई थी, लेकिन तब उनकी आवाज दबा दी गई। इन लोगों को कांग्रेस का साथ पहले भी पसंद नहीं था लेकिन उद्धव के आगे तब किसी की नहीं चली और मजबूरी में नाम जपते हुए मुंह बंद करके बैठे रहे। महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं को मुंह खोलने का मौका मिल गया। सूत्रों के मुताबिक अब यही नेतागण उद्धव ठाकरे पर अघाड़ी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे जल्द ही एमवीए छोड़ने का यह फैसला ले सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित एक बैठक में शिव सेना (यूबीटी) के 20 विधायकों में से अधिकांश ने कथित तौर पर उद्धव ठाकरे से जल्द से जल्द महाविकास अघाड़ी का साथ छोड़ने की अपील की। शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है। उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने कहा है कि वह महानगरपालिका के चुनाव अलग लड़ने पर सोच रही है। शिवसेना भविष्य में सभी चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है।

हालांकि, उद्धव ठाकरे ने अभी तक कोई फ़ैसला नहीं किया है। कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के कारण एकनाथ शिंदे और उनके साथ चालीस विधायक बग़ावत कर उद्धव को झटका दे चुके है ऐसे में अब उद्धव क्या फ़ैसला लेते है यह देखना होगा।

घर से सरकार नहीं चला पायेंगे आप: एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा
targetsuddhav thakreyfor runninga governmentfrom_home महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के जीत की ओर बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। 2019 में शिवसेना के 54 उम्मीदवार जीते थे। अब यह संख्या बढ़ गई है,” शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, जिसे उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने भी संबोधित किया।“हमने आलोचना का जवाब आलोचना से नहीं दिया। हमने इसका जवाब काम से दिया और यही बात लोगों को पसंद आई। हम सभी लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। आप अपने घर में रहकर सरकार नहीं चला सकते। आपको लोगों के पास जाना होगा,” शिंदे ने कहा। हम बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और यह सरकार बनाएंगे। 2019 में भी ऐसी ही सरकार बननी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लोग इसे नहीं भूले हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।शिंदे ने ठाणे जिले की कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा सीट पर 1,20,717 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार केदार दिघे को हराया। अपडेट के अनुसार महायुति गठबंधन महा विकास अघाड़ी के खिलाफ 288 में से 220 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने अब तक 55 सीटें जीती हैं और 78 पर आगे चल रही है, शिवसेना ने 28 सीटें जीती हैं और 28 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एनसीपी ने 25 सीटें जीती हैं और 16 सीटों पर आगे चल रही है।  2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत2022 में महा विकास अघाड़ी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में से एक एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिंदे ने 40 विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ दी, जिससे एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई। फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया और गठबंधन सरकार गिर गई। उस साल 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले साल अजित पवार भी एनसीपी से अलग हो गए और दूसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर शिंदे सरकार में शामिल हो गए।
बंद कमरे में मीटिंग करके दिए ये आदेश...”, अमित शाह की बैठक पर उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा*

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि एक बंद कमरे में हुई बैठक में भाजपा नेताओं को विपक्षी दलों को तोड़ने का निर्देश दिया था।

उद्धव ठाकरे ने कहा, अमित शाह चार दिन पहले नागपुर आए थे। वे बंद दरवाजे के पीछे कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि उद्धव ठाकरे को मारो, शरद पवार को मारो, उनकी पार्टी तोड़ो, कार्यकर्ताओं को तोड़ो। अमित शाह बंद दरवाजे छोड़ें, हिम्मत है तो मैदान में आएं और शिव राय की गवाही से हमें खत्म करने की भाषा दिखाएं। आप मुझे दिल्ली से खत्म नहीं कर पाएंगे। अगर मुझे कोई खत्म कर सकता है तो सिर्फ यहां की जनता और यहां के वोटर। अगर वो कहेंगे कि उद्धव ठाकरे घर बैठ जाओ तो मैं घर बैठ जाऊंगा। उद्धव ठाकरे ने भारसभा से सीधे तौर पर अमित शाह की विधानसभा रणनीति की आलोचना की।

शाह मुझे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं-उद्धव ठाकरे

उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं, ताकि बीजेपी महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा, बीजेपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले अविभाजित शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही।

उद्धव ने पूछा- क्या मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत?

ठाकरे ने सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लोगों से महा विकास आघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की. इस दौरान कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता सुनील केदार और अनिल देशमुख भी मौजूद रहे।

शुरूआती रुझानों में एनडीए को बहुमत, 'इंडिया' दे रहा टक्कर

#lok_sabha_election_2024_results

क्या भाजपा की अगुवाई में एनडीए जीत की हैट्रिक लगाएगा? क्या इंडिया गठबंधन भाजपा के विजयरथ को रोक पाएगा? अब से कुछ देर बाद इन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। बैसे शुरूआती रूझानों में एनडीए को बहुमत हासिल होता दिख रहा है। नौ बजे तक लोकसभा चुनाव परिणाम के जो रूझान आ रहे हैं उनसे लगता है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। बहुमत के लिए जरूरी 272 का आंकड़ा बीजेपी ने पार कर लिया है। एनडीए 301 और इंडिया गठबंधन 174 सीटों पर आगे है। 

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 1

143

144

Indian National Congress - INC 0 53

53

Samajwadi Party - SP 0 27

27

Telugu Desam - TDP 0 10

10

Shiv Sena - SHS 0 6

6

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 4

4

Aam Aadmi Party - AAAP 0 4

4

Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackrey) - SHSUBT 0 3

3

Yuvajana Sramika Rythu Congress Party - YSRCP 0 2

2

Janata Dal (Secular) - JD(S) 0 2

2

Jammu & Kashmir National Conference - JKN 0 2

2

Janata Dal (United) - JD(U) 0 1

1

Lok Janshakti Party(Ram Vilas) - LJPRV 0 1

1

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 1

1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1

1

Indian Union Muslim League - IUML 0 1

1

Kerala Congress - KEC 0 1

1

Communist Party of India - CPI 0 1

1

Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar - NCPSP 0 1

1

Naga Peoples Front - NPF 0 1

1

Voice of the People Party - VOTPP 0 1

1

Zoram People’s Movement - ZPM 0 1

1

Shiromani Akali Dal - SAD 0 1

1

Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 0 1

1

Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 0 1

1

Sikkim Krantikari Morcha - SKM 0 1

1

Rashtriya Lok Dal - RLD 0 1

1

Aazad Samaj Party (Kanshi Ram) - ASPKR 0 1

1

Independent - IND 0 7

7

Total         1 2 80 281

शुरूआती रुझानों में एनडीए को बहुमत, 'इंडिया' दे रहा टक्कर
#lok_sabha_election_2024_results
क्या भाजपा की अगुवाई में एनडीए जीत की हैट्रिक लगाएगा? क्या इंडिया गठबंधन भाजपा के विजयरथ को रोक पाएगा? अब से कुछ देर बाद इन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। बैसे शुरूआती रूझानों में एनडीए को बहुमत हासिल होता दिख रहा है। नौ बजे तक लोकसभा चुनाव परिणाम के जो रूझान आ रहे हैं उनसे लगता है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। बहुमत के लिए जरूरी 272 का आंकड़ा बीजेपी ने पार कर लिया है। एनडीए 301 और इंडिया गठबंधन 174 सीटों पर आगे है। Party Won Leading Total Bharatiya Janata Party - BJP 1 143 144 Indian National Congress - INC 0 53 53 Samajwadi Party - SP 0 27 27 Telugu Desam - TDP 0 10 10 Shiv Sena - SHS 0 6 6 Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 4 4 Aam Aadmi Party - AAAP 0 4 4 Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackrey) - SHSUBT 0 3 3 Yuvajana Sramika Rythu Congress Party - YSRCP 0 2 2 Janata Dal (Secular) - JD(S) 0 2 2 Jammu & Kashmir National Conference - JKN 0 2 2 Janata Dal (United) - JD(U) 0 1 1 Lok Janshakti Party(Ram Vilas) - LJPRV 0 1 1 Rashtriya Janata Dal - RJD 0 1 1 Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1 Indian Union Muslim League - IUML 0 1 1 Kerala Congress - KEC 0 1 1 Communist Party of India - CPI 0 1 1 Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar - NCPSP 0 1 1 Naga Peoples Front - NPF 0 1 1 Voice of the People Party - VOTPP 0 1 1 Zoram People’s Movement - ZPM 0 1 1 Shiromani Akali Dal - SAD 0 1 1 Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 0 1 1 Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 0 1 1 Sikkim Krantikari Morcha - SKM 0 1 1 Rashtriya Lok Dal - RLD 0 1 1 Aazad Samaj Party (Kanshi Ram) - ASPKR 0 1 1 Independent - IND 0 7 7 Total 1 2 80 281
मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मिले अरविंद केजरीवाल, अध्यादेश के खिलाफ मांगा समर्थन

#delhicmkejriwalwillmeetuddhavthackeray_today 

 में नौकरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार एलजी को दिए जाने के केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ बवाल मचा हुआ है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अब विपक्षी नेताओं के समर्थन के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मातोश्री पहुंचकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेताओं से मिले।इस दौरान उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद थे। इसके अलावा आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ-साथ दिल्ली की केबिनट मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं।

उनका देश की न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं -केजरीवाल

मुलाकात के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझसे वादा किया है कि वो अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में साथ देंगे। आगे केजरीवाल ने कहा, जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार बनी वैसे ही केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिये हमारी सारी शक्तियां छीन लीं। आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के पास शक्तियां होनी चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार ने अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर यह साबित कर दिया है कि उनका देश की न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं है। केंद्र सरकार ने यह भी साबित कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते हैं। अगर ऐसा ही है तो फिर चुनाव क्यों करवाए जाते हैं, क्यों सरकार बनवाई जाती है। अगर ऐसा ही है तो सरकार का गठन नहीं कराना चाहिए।

प्रजातंत्र को बचाने के लिए साथ मिलकर काम करना होगा- उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम रिश्ता मानने और उसे संभालने वाले लोग हैं। राजनीति अपनी जगह पर है। अगला साल चुनाव का साल है। इसलिए अगर इस बार ट्रेन छूट गयी तो फिर हमारे देश से लोकतंत्र खत्म हो जायेगा। इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले दिए। जिसमें से एक दिल्ली के बारे में और दूसरा शिवसेना के बारे में था।

बता दें कि केजरीवाल ने मंगलवार से देशव्यापी दौरे की शुरुआत की है। केजरीवाल नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन मांगने के लिए दौरे कर रहे हैं। अध्यादेश के मुद्दे पर अब अरविंद केजरीवाल महाविकास अघाड़ी के संयोजक शरद पवार से भी मिलेंगे। मंगलवार को केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शिवसेना का ‘नाम और निशान’ विवाद, चुनाव आयोग के फैसले को उद्धव गुट ने दी चुनौती

#uddhavthackerayfactionmovessupremecourtagainst_eci 

शिवसेना के नाम और निशान पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासत गर्म है। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव चिह्न् ‘तीर-कमान’ को एकनाथ शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह धनुष और बाण आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।सुप्रीम कोर्ट ने वकील को इस मामले को कल मेंशन करने के लिए कहा है। 

उद्वव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है। इस पर शीर्ष अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें इस मैटर का जिक्र कल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा -आपने अपनी अर्जी को जल्द सुनवाई की मांग के लिए ;(मेंशनिंग लिस्ट) में शामिल नहीं किया है। बिना लिस्ट में शामिल किए कोई तारीख अदालत की ओर से नहीं दी जा सकती। आप पहले जरूरी औपचारिकता पूरी करके कल आइए।

उद्धव गुट ने कहा- ईसीआई ने गलत मानदंड अपनाया

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे तर्कों को पूरी तरह नजरअंदाज किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है। इस मुद्दे को तय करने के लिए ईसीआई द्वारा गलत मानदंड अपनाया गया। 

शिंदे गुट भी शांत नहीं

वहीं उद्धव गुट से पहले शिदें गुट ने अपनी चाल चल दी है। एक दिन पहले ही शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की गई है। दरअसल शिवसेना की कमान, उसका नाम और चुनाव चिह्न मिलने के बाद शिंदे गुट चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखना चाहती है। जिसके लिए पूरी कोशिश पहले ही शुरू कर दी गई है।

उद्धव ठाकरे को एक बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह आवंटित किया था, क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट के पास 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त है।

Shiv Sena: ‘పెద్ద ప్రభావమేమీ ఉండదు..’ ఎన్నికల గుర్తుపై ఉద్ధవ్‌తో శరద్‌ పవార్‌!

ముంబయి: శివసేన(Shiv Sena) పేరు, పార్టీ ఎన్నికల గుర్తు ‘విల్లు- బాణం’.. మహారాష్ట్ర(Maharashtra) ముఖ్యమంత్రి ఏక్‌నాథ్‌ శిందే(Eknath Shinde) వర్గానికే చెందుతుందని కేంద్ర ఎన్నికల సంఘం(ECI) స్పష్టం చేసిన విషయం తెలిసిందే. ఈ నిర్ణయంపై అసంతృప్తి వ్యక్తం చేసిన శివసేన(యూబీటీ) వర్గం అధినేత ఉద్ధవ్‌ ఠాక్రే(Uddhav Thackeray).. ఈసీ వ్యవహార తీరు ప్రజాస్వామ్యానికే ప్రమాదకరమని విమర్శించారు. ఈ క్రమంలోనే నేషనలిస్ట్ కాంగ్రెస్ పార్టీ(NC) చీఫ్ శరద్ పవార్‌(Sharad Pawar) తాజాగా ఈ వ్యవహారంపై స్పందించారు. పార్టీ ఎన్నికల గుర్తు కోల్పోవడంతో పెద్ద ప్రభావమేమీ ఉండదని తన మిత్రపక్షం ఉద్ధవ్ వర్గంతో పేర్కొన్నారు. ఎన్నికల సంఘం నిర్ణయాన్ని అంగీకరించి, కొత్త గుర్తును తీసుకోవాలని ఠాక్రేకు సూచించారు. కొత్త గుర్తును ప్రజలు అంగీకరిస్తారని కూడా ఆయన చెప్పారు.

‘కాంగ్రెస్‌ కూడా మార్చుకుంది..’

‘ఇది ఎన్నికల సంఘం నిర్ణయం. ఒకసారి నిర్ణయం వెలువడ్డాక చర్చలకు తావులేదు. దానిని శిరసావహించండి. పాత గుర్తును కోల్పోవడంతో పెద్దగా ప్రభావం ఉండదు. ప్రజలు కొత్త ఎన్నికల గుర్తును ఆమోదిస్తారు. ఈ విషయం ఓ 15- 30 రోజులపాటు చర్చలో ఉంటుంది, అంతే’ అని పవార్ అన్నారు. గతంలో కాంగ్రెస్ సైతం ‘జోడెద్దులు- కాడె’ నుంచి ‘హస్తం’ గుర్తుకు మార్చుకోవాల్సి వచ్చిందని గుర్తుచేసిన శరద్‌ పవార్‌.. అదే విధంగా శివసేన(యూబీటీ) కొత్త గుర్తునూ ప్రజలు అంగీకరిస్తారని తెలిపారు. ప్రస్తుతం శివసేన ఉద్ధవ్‌ వర్గానికి ‘కాగడా’ ఎన్నికల గుర్తుగా ఉంది. గత ఏడాది అక్టోబరులో మధ్యంతర ఉత్తర్వుల ద్వారా ఈసీ దీనిని కేటాయించింది.

సుప్రీంకోర్టు కు ఉద్ధవ్

ఇదిలా ఉండగా.. ఏక్‌నాథ్ శిందే వర్గానికి శివసేన పేరు, గుర్తును కేటాయించాలన్న ఎన్నికల సంఘం నిర్ణయాన్ని సవాల్ చేస్తూ ఉద్ధవ్ ఠాక్రే సుప్రీంకోర్టును ఆశ్రయించనున్నట్లు సంబంధిత వర్గాలు తెలిపాయి. దీంతోపాటు భవిష్యత్తు కార్యచరణపై చర్చించేందుకుగానూ ఉద్ధవ్ ఠాక్రే శనివారం తన వర్గం నేతలు, కార్యకర్తలతో సమావేశం కానున్నట్లు సమాచారం. ఠాక్రే నివాసం 'మాతోశ్రీ'లో ఈ సమావేశం జరుగుతుందని పార్టీ వర్గాలు తెలిపాయి. గతేడాది జూన్‌లో శివసేనకు చెందిన మొత్తం 55 మంది ఎమ్మెల్యేల్లో 40 మంది తిరుగుబాటు నేత ఏక్‌నాథ్‌ శిందేకు మద్దతివ్వడంతో ఉద్ధవ్‌ ఠాక్రే సారథ్యంలోని మహావికాస్‌ అఘాడీ ప్రభుత్వం కూలిపోయింది. ఆ తర్వాత భాజపా ఎమ్మెల్యేల మద్దతుతో శిందే సీఎంగా బాధ్యతలు చేపట్టిన విషయం తెలిసిందే. శివసేన పార్టీ, ఎన్నికల గుర్తు కోసం రెండు వర్గాలు పోటీపడ్డాయి.

'విల్లు- బాణాన్ని చోరీ చేశారు..!’

ముంబయి: శివసేన(Shiv Sena) ఎన్నికల గుర్తు ‘విల్లు- బాణం’ను చోరీ చేశారని శివసేన(యూబీటీ) వర్గం అధినేత ఉద్ధవ్‌ ఠాక్రే(Uddhav Thackeray) శనివారం మండిపడ్డారు. ఈ క్రమంలో నిందితుడికి గుణపాఠం చెప్పాల్సి ఉందని.. రాష్ట్ర ముఖ్యమంత్రి ఏక్‌నాథ్‌ శిందే(Eknath Shinde)ను ఉద్దేశించి విరుచుకుపడ్డారు. శనివారం ‘మాతో శ్రీ’ వద్ద ఉద్ధవ్‌ తన మద్దతుదారులతో ఈ మేరకు మాట్లాడారు. శివసేన పేరు, పార్టీ ఎన్నికల గుర్తు ‘విల్లు- బాణం’.. మహారాష్ట్ర(Maharashtra) సీఎం ఏక్‌నాథ్‌ శిందే వర్గానికే చెందుతుందని కేంద్ర ఎన్నికల సంఘం(ECI) స్పష్టం చేసిన విషయం తెలిసిందే.

‘‘విల్లు- బాణం’ చోరీకి గురయ్యాయి. నిందితుడికి గుణపాఠం చెప్పాలి. విల్లు- బాణంతో మైదానంలోకి రమ్మని ఆయనకు సవాలు విసురుతోన్నా. మేం దానిని మండే ‘కాగడా’తో ఎదుర్కొంటాం’ అని శిందేను ఉద్దేశించి ఠాక్రే వ్యాఖ్యానించారు. ప్రస్తుతం శివసేన ఉద్ధవ్‌ వర్గానికి ‘కాగడా’ ఎన్నికల గుర్తుగా ఉంది. గత ఏడాది అక్టోబరులో మధ్యంతర ఉత్తర్వుల ద్వారా ఈసీ దీనిని కేటాయించింది. పుణె జిల్లాలోని కస్బా పేట్‌, చించ్‌వాడ్ ఉప ఎన్నికల వరకు ఈ గుర్తు ఉద్ధవ్‌ వర్గం వద్దే ఉంటుందని ఎన్నికల సంఘం తెలిపింది. ఈ స్థానాలకు ఫిబ్రవరి 26న ఉప ఎన్నికలు జరగనున్నాయి.

మరోవైపు.. ఠాక్రే విధేయులు 'మాతోశ్రీ' వెలుపల పెద్ద సంఖ్యలో గూమిగూడారు. ఈ క్రమంలోనే ఏక్‌నాథ్ శిందేకు వ్యతిరేకంగా, ఉద్ధవ్‌కు మద్దతుగా నినాదాలు చేశారు. రాష్ట్రంలో పర్యటించి క్యాడర్‌ను సమీకరించాలని ఠాక్రే తన శ్రేణులకు సూచించినట్లు ఓ నేత తెలిపారు. అంతకుముందు.. శిందే వర్గానికి శివసేన పేరు, గుర్తును కేటాయించాలన్న ఎన్నికల సంఘం నిర్ణయాన్ని సవాల్ చేస్తూ ఉద్ధవ్ ఠాక్రే సుప్రీం కోర్టును ఆశ్రయించనున్నట్లు సంబంధిత వర్గాలు తెలిపాయి. మరోవైపు.. నేడు పార్టీ నేతలతో ఉద్ధవ్‌ ఠాక్రే సమావేశమై, భవిష్యత్తు కార్యాచరణపై చర్చించనున్నట్లు సమాచారం.

*पार्टी का नाम-निशान खोने के बाद नाराज उद्धव ने बुलाई अहम बैठक, कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट का रूख*

#uddhavthackeraycalledimportantmeeting_today 

चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के पिता की बनाई पार्टी अब उनके पास नहीं रही है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण मिल गया है। चुनाव आयोग के फैसले से जहां शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है वहीं उद्धव ठाकरे गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। आयोग के फैसले से चोट खाए उद्धव ठाकरे को अब सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते है। चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने धड़े के नेताओं की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य के कदम पर चर्चा हो सकती है। 

आगे की रणनीति तय करेंगे उद्धव

आज उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में आगे की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने अपने समर्थक सांसदों, विधायकों और नेताओं को हाजिर होने को कहा है। आज दोपहर एक बजे उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले में यह बैठक बुलाई गई है। जो सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद हैं, वे इस बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई रवाना हो चुके हैं।

फैसले से बेहद नाराज हैं उद्धव

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया था कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। उद्धव चुनाव आयोग के इस फैसले से बेहद खफा हैं। उन्होंने कहा-ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। 

चुनाव आयोग के फैसले का आधार

बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया है। साल 1966 में बाल ठाकरे द्वारा बनाई थी। छह महीने पहले एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब तीन सदस्यों वाले आयोग ने एकनाथ शिंद के पक्ष में फैसला सुनाया है। एकनाथ शिंदे के पास पार्टी के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का और 18 लोकसभा सांसदों में से 13 का समर्थन है। संख्या बल के आधार पर ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 40 विधायक शिंदे गुट का समर्थन कर रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को मिले कुल 47,82,440 वोटों में से 36,57,327 वोटों, जो कि कुल वोटों का 76 फीसदी हैं, इनका समर्थन शिंदे गुट के पास है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 11,25,113 वोट पाने वाले 15 विधायकों का ही समर्थन है।

क्या महाविकास अघाड़ी छोड़ देंगे उद्धव ठाकरे? अपने बना रहे प्रेशर

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश की नई सरकार को संशय का दौर बना हुआ है। चुनाव में जीत हासिल करने वाला महायुति गठबंधन अभी सीएम के पद पर मंथन ही कर रहा है तो शिकस्त का सामना करने वाले महा विका आघाड़ी हार से उबर नहीं सका है। आघाड़ी में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब विपक्षी गठबंधन एमवीए पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। अंदरखाने खबरें मिल रही हैं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर हो सकते हैं।

अपमानजनक हार के बाद एमवीए के प्रमुख दल शिवसेना(यूबीटी) के भीतर कलह का दौर तेज हो गया है। कहा जा रहा है कि ये वो लोग हैं, जिन्होंने पहले भी आवाज उठाई थी, लेकिन तब उनकी आवाज दबा दी गई। इन लोगों को कांग्रेस का साथ पहले भी पसंद नहीं था लेकिन उद्धव के आगे तब किसी की नहीं चली और मजबूरी में नाम जपते हुए मुंह बंद करके बैठे रहे। महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं को मुंह खोलने का मौका मिल गया। सूत्रों के मुताबिक अब यही नेतागण उद्धव ठाकरे पर अघाड़ी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे जल्द ही एमवीए छोड़ने का यह फैसला ले सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित एक बैठक में शिव सेना (यूबीटी) के 20 विधायकों में से अधिकांश ने कथित तौर पर उद्धव ठाकरे से जल्द से जल्द महाविकास अघाड़ी का साथ छोड़ने की अपील की। शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है। उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने कहा है कि वह महानगरपालिका के चुनाव अलग लड़ने पर सोच रही है। शिवसेना भविष्य में सभी चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है।

हालांकि, उद्धव ठाकरे ने अभी तक कोई फ़ैसला नहीं किया है। कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के कारण एकनाथ शिंदे और उनके साथ चालीस विधायक बग़ावत कर उद्धव को झटका दे चुके है ऐसे में अब उद्धव क्या फ़ैसला लेते है यह देखना होगा।

घर से सरकार नहीं चला पायेंगे आप: एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा
targetsuddhav thakreyfor runninga governmentfrom_home महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के जीत की ओर बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। 2019 में शिवसेना के 54 उम्मीदवार जीते थे। अब यह संख्या बढ़ गई है,” शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, जिसे उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने भी संबोधित किया।“हमने आलोचना का जवाब आलोचना से नहीं दिया। हमने इसका जवाब काम से दिया और यही बात लोगों को पसंद आई। हम सभी लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। आप अपने घर में रहकर सरकार नहीं चला सकते। आपको लोगों के पास जाना होगा,” शिंदे ने कहा। हम बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और यह सरकार बनाएंगे। 2019 में भी ऐसी ही सरकार बननी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लोग इसे नहीं भूले हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।शिंदे ने ठाणे जिले की कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा सीट पर 1,20,717 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार केदार दिघे को हराया। अपडेट के अनुसार महायुति गठबंधन महा विकास अघाड़ी के खिलाफ 288 में से 220 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने अब तक 55 सीटें जीती हैं और 78 पर आगे चल रही है, शिवसेना ने 28 सीटें जीती हैं और 28 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एनसीपी ने 25 सीटें जीती हैं और 16 सीटों पर आगे चल रही है।  2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत2022 में महा विकास अघाड़ी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में से एक एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिंदे ने 40 विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ दी, जिससे एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई। फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया और गठबंधन सरकार गिर गई। उस साल 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले साल अजित पवार भी एनसीपी से अलग हो गए और दूसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर शिंदे सरकार में शामिल हो गए।
बंद कमरे में मीटिंग करके दिए ये आदेश...”, अमित शाह की बैठक पर उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा*

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि एक बंद कमरे में हुई बैठक में भाजपा नेताओं को विपक्षी दलों को तोड़ने का निर्देश दिया था।

उद्धव ठाकरे ने कहा, अमित शाह चार दिन पहले नागपुर आए थे। वे बंद दरवाजे के पीछे कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि उद्धव ठाकरे को मारो, शरद पवार को मारो, उनकी पार्टी तोड़ो, कार्यकर्ताओं को तोड़ो। अमित शाह बंद दरवाजे छोड़ें, हिम्मत है तो मैदान में आएं और शिव राय की गवाही से हमें खत्म करने की भाषा दिखाएं। आप मुझे दिल्ली से खत्म नहीं कर पाएंगे। अगर मुझे कोई खत्म कर सकता है तो सिर्फ यहां की जनता और यहां के वोटर। अगर वो कहेंगे कि उद्धव ठाकरे घर बैठ जाओ तो मैं घर बैठ जाऊंगा। उद्धव ठाकरे ने भारसभा से सीधे तौर पर अमित शाह की विधानसभा रणनीति की आलोचना की।

शाह मुझे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं-उद्धव ठाकरे

उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं, ताकि बीजेपी महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा, बीजेपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले अविभाजित शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही।

उद्धव ने पूछा- क्या मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत?

ठाकरे ने सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लोगों से महा विकास आघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की. इस दौरान कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता सुनील केदार और अनिल देशमुख भी मौजूद रहे।