तिरुपति मंदिर में भगदड़ में 6 की मौत, 40 घायल; सरकार ने किया 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात भयावह तस्वीर सामने आई. एकादशी के मौके पर दर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए श्रद्धालु लंबे समय से लाइन में लग कर टोकन लेने का इंतजार कर रहे थे. हर श्रद्धालु अपने परिवार के लिए जल्दी से टोकन लेकर दर्शन करना चाहता था, इसी के चलते जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार टिकट काउंटर खोला, सभी लोग एक साथ दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई.

इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनको अस्पताल में भर्ती किया गया है. सरकार ने तिरुपति घटना के पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. मंत्री सत्य प्रसाद ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही भगदड़ की घटना पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच की जा रही है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 194 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही सीएम चंद्रबाबू नायडू पीड़ित परिवारों से खुद मुलाकात भी करेंगे.

कैसे हुआ हादसा?

एकादशी दर्शन के लिए तिरुपति मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटे थे. दर्शन करने के लिए सभी के पास टोकन होना जरूरी था, बिना टोकन के वो दर्शन नहीं कर सकते थे. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी इस भीड़ में शामिल थे. टोकन देने के लिए 91 काउंटर बनाए गए थे. एक पीड़ित परिवार ने बताया कि वो सुबह 11 बजे से कतार में खड़े हो कर टोकन मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार का टिकट काउंटर हजारों लोग एक साथ टोकन लेने के लिए दौड़ पड़े और कई लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए.

अब तक हुई 6 लोगों की मौत में एक महिला की पहचान की गई. मृत महिला का नाम मल्लिका बताया जा रहा है. महिला के पति ने बताया कि कैसे उनकी पत्नी इस भयावह घटना का शिकार हो गई. महिला के पति ने कहा, जब मैं और मेरी पत्नी बाकी लोगों के साथ वैकुंठ द्वार दर्शन काउंटर से टिकट हासिल करने के की कोशिश कर रहे थे तभी भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में हालात इतने खराब हो गए कि मेरी पत्नी की मौत हो गई. मैंने अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दे दी है और वो सब यहां पहुंच रहे हैं.

कौन जिम्मेदार?

इस घटना का कौन जिम्मेदार है? यह सवाल सबसे पहले मन में आता है, लेकिन इस के जवाब के लिए जांच की जा रही है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने इस हादसे के बाद कई जानकारियां सामने रखी है. टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन दिए जा रहे थे, हम ने 91 काउंटर खोले थे. भगदड़ मचना बहुत दुखद है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं. टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा कि यह भगदड़ ज्यादा भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची थी.

तिरुपति मंदिर में भगदड़, छह लोगों की मौत की खबर, जानें कैसे हुआ हादसा?

#andhrapradeshtirupatitemplestampede_devotees-died

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार को भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए।वहीं घटना में 40 लोग घायल हुए हैं। घायलों को श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह से करीब 4000 श्रद्धालु तिरुपति में विभिन्न टिकट केंद्रों पर वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट के लिए कतार में खड़े थे। यह घटना तब हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टी पार्क में टोकन वितरण के लिए कतार में लगने के लिए कहा गया था।

Image 2Image 3Image 4Image 5

10 जनवरी से तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम शुरू हो रहा है। इसी के लिए देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां आए हैं. तिरुपति मंदिर के खास वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन सिस्टम है। टोकन लेने के बाद ही दर्शन के लिए अंदर जा सकते हैं। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए मंदिर परिसर में कुल आठ जगहों पर टोकन बाटें जा रहे थे। टोकन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन थी। दर्शन के लिए टोकन मिल जाए, इसके लिए खूब चढ़ा-ऊपरी थी। जैसे ही गेट खुला भक्त अधीरज हो गए. पहले टोकन पाने के लिए वे आगे बढ़े और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई। अचानक भगदड़ मची और देखते ही देखते लाशें बिछ गईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

इस बीच इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है ‘आंध्र प्रदेश के तिरुपति में मची भगदड़ से आहत हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ठीक हो जाएं। आंध्र प्रदेश सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

सीएम चंद्रबाबू नायडू आज तिरुपति पहुंचेंगे

इधर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू आज घायलों से मिलने के लिए गुरुवार को तिरुपति पहुंचेंगे। सूबे के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी हादसे पर दुख जताया है। भगदड़ में कुछ श्रद्धालुओं की मौत होने की घटना से मैं बहुत दुखी हूं। मैंने उच्च अधिकारियों को मौके पर जाने और राहत उपाय करने का निर्देश दिया है। ताकि घायलों को बेहतर चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके। मैं समय-समय पर जिला और टीटीडी अधिकारियों से बात कर रहा हूं और स्थिति का जायजा ले रहा हूं।

तिरुमाला मंदिर में काम करने वाले सभी हिंदू हों”, तिरुपति मंदिर बोर्ड का अध्यक्ष बनते ही बीआर नायडू का बड़ा बयान

#tirupati_temple_trust_newly_appointed_chief_says_all_working_in_tirumala_must_be_hindus

Image 2Image 3Image 4Image 5

तिरुमाला तिरुपति के प्रसादम (लड्डू) में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के विवाद के बाद बीआर नायडू को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड का नया अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में काम करने वाले सभी हिंदू लोगों को होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि साथ ही यहां पर काम करने वाले गैर हिंदुओं को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ बात करेंगे।

हैदराबाद में पत्रकारों से बात करते हुए बीआर नायडू ने तिरुमाला में हिंदुओं के काम करने को लेकर कहा, तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए। मेरी यही पहली कोशिश होगी कि इस दिशा में काम किया जाए। इसमें कई मुद्दे हैं। हमें इस पर ध्यान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह आंध्र प्रदेश सरकार से इस संबंध में बात करेंगे कि दूसरे धर्मों के कर्मचारियों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए, क्या उन्हें अन्य सरकारी विभागों में भेजा जाना चाहिए या फिर उन्हें वीआरएस दी जानी चाहिए।

बी आर नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर में पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान कई अनियमितताएं हुईं। कहा गया कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे।

आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के लिए 24 सदस्यों के साथ एक नया बोर्ड गठित किया, जो तिरुमाला तिरुपति में प्रसिद्ध बालाजी मंदिर का प्रबंधन करेगा। सरकार ने बी आर नायडू को नवगठित टीटीडी बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया, जबकि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की सह-संस्थापक और एमडी सुचित्रा एला को सदस्यों में शामिल किया गया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्ध लोध प्रसादम की तैयारी में पशु वसा से युक्त घी का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में साउदी केस सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एडिटेटी) का गठन किया गया है।

మరో 17 రైళ్లు రద్దు

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

రద్దయిన రైళ్ల సమాచారం కోసం దక్షిణమధ్యరైల్వే(South Central Railway) పరిధిలోని 17 ముఖ్యమైన స్టేషన్లలో సహాయక కేంద్రాలను ఏర్పాటు చేసినట్లు పేర్కొన్నారు.

హైదరాబాద్‌, సికింద్రాబాద్‌, ఖాజీపేట్‌, ఖమ్మం(Hyderabad, Secunderabad, Khajipet, Khammam), సామర్లకోట, వరంగల్‌, నెల్లూరు, విజయవాడ, రాజమండ్రి, అనకాపల్లి, ఏలూరు, గూడూరు, నిడదవోలు, ఒంగోలు, తిరుపతి, రేణిగుంట, డోన్‌ స్టేషన్ల(Guduru, Nidadavolu, Ongolu, Tirupati, Renigunta, Don stations)లోని హెల్ప్‌లైన్‌ సెంటర్లు 24 గంటలపాటు ప్రయాణికులకు అవసరమైన సమాచారాన్ని అందిస్తాయని వెల్లడించారు.

तिरुपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से जांच के दिए आदेश, 5 सदस्यीय एसआईटी का हुआ गठन

#tirupatiladducontroversycontinuesscformsa_sit

तिरुपति लड्डू मामले की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तिरुपति लड्डू विवाद की नए सिरे से जांच के आदेश दिए और पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी में केंद्रीय जांच ब्यूरो, आंध्र प्रदेश पुलिस और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें सीबीआई के दो सदस्य, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो सदस्य और एफएसएसएआई का एक सदस्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे।

यह देखते हुए कि वह अदालत को “राजनीतिक युद्ध के मैदान” के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर आदेश पारित किया। पीठ ने कहा, "हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए।" सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर आरोपों में कोई सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी द्वारा जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा सकती है।

30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता से यह तय करने में मदद करने को कहा कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने सीएम चंद्रबाबू नायडू से सवाल किए

पीठ ने टिप्पणी की थी कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि उसने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट "बिल्कुल स्पष्ट नहीं थी" और प्रथम दृष्टया यह संकेत देती है कि "अस्वीकृत घी" का परीक्षण किया गया था।

इसमे नोट किया था कि राज्य के अनुसार, 25 सितंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मामले की जांच के लिए 26 सितंबर को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। पीठ ने कहा था, "इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा 18 सितंबर को एक बयान दिया गया था, जो कि 25 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज किए जाने और 26 सितंबर को एसआईटी गठित किए जाने से भी पहले था।" "हम प्रथम दृष्टया इस विचार पर हैं कि एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं था, जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है और जब लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी का उपयोग किए जाने की जांच चल रही थी।" 

चंद्रबाबू नायडू ने क्या दावा किया

चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली रेड्डी नीत सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगाने का आरोप लगाया है और राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने अपने दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की है।

AP News: అలిపిరి వద్ద కారు దగ్ధం

తిరుపతి : తిరుపతిలోని (Tirupati) అలిపిరి వద్ద ఓ కారు మంటలకు ఆహుతైంది. అలిపిరి గరుడా సర్కిల్ వద్ద కారులో ఒక్కసారిగా మంటలు చెలరేగాయి. దీంతో అప్రమత్తమైన కారు డ్రైవర్ వాహనాన్ని పక్కక నిలిపివేశారు..

వెంటనే డ్రైవర్‌తో పాటు కారులో నుంచి భక్తులు బయటకు పరుగులు తీశారు. ఆ తరువాత పెద్ద ఎత్తున మంటలు చెలరేగడంతో కారు పూర్తిగా దగ్ధమైంది. తిరుమల నుంచి తిరుపతికి తిరుగు ప్రయాణంలో ఈ ఘటన చోటు చేసుకుంది.

షార్ట్ సర్క్యూట్ కారణంగానే కారులో మంటలు చెలరేగినట్లు తెలుస్తోంది. సమాచారం అందిన వెంటనే అగ్నిమాపక సిబ్బంది అక్కడకు చేరుకుని మంటలను అదుపులోకి తీసుకొచ్చారు. అయితే ఎలాంటి ప్రాణ నష్టం జరగకపోవడంతో అంతా ఊపిరి పీల్చుకున్నారు..

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
तिरुपति मंदिर में भगदड़ में 6 की मौत, 40 घायल; सरकार ने किया 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात भयावह तस्वीर सामने आई. एकादशी के मौके पर दर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए श्रद्धालु लंबे समय से लाइन में लग कर टोकन लेने का इंतजार कर रहे थे. हर श्रद्धालु अपने परिवार के लिए जल्दी से टोकन लेकर दर्शन करना चाहता था, इसी के चलते जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार टिकट काउंटर खोला, सभी लोग एक साथ दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई.

इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनको अस्पताल में भर्ती किया गया है. सरकार ने तिरुपति घटना के पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. मंत्री सत्य प्रसाद ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही भगदड़ की घटना पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच की जा रही है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 194 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही सीएम चंद्रबाबू नायडू पीड़ित परिवारों से खुद मुलाकात भी करेंगे.

कैसे हुआ हादसा?

एकादशी दर्शन के लिए तिरुपति मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटे थे. दर्शन करने के लिए सभी के पास टोकन होना जरूरी था, बिना टोकन के वो दर्शन नहीं कर सकते थे. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी इस भीड़ में शामिल थे. टोकन देने के लिए 91 काउंटर बनाए गए थे. एक पीड़ित परिवार ने बताया कि वो सुबह 11 बजे से कतार में खड़े हो कर टोकन मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार का टिकट काउंटर हजारों लोग एक साथ टोकन लेने के लिए दौड़ पड़े और कई लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए.

अब तक हुई 6 लोगों की मौत में एक महिला की पहचान की गई. मृत महिला का नाम मल्लिका बताया जा रहा है. महिला के पति ने बताया कि कैसे उनकी पत्नी इस भयावह घटना का शिकार हो गई. महिला के पति ने कहा, जब मैं और मेरी पत्नी बाकी लोगों के साथ वैकुंठ द्वार दर्शन काउंटर से टिकट हासिल करने के की कोशिश कर रहे थे तभी भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में हालात इतने खराब हो गए कि मेरी पत्नी की मौत हो गई. मैंने अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दे दी है और वो सब यहां पहुंच रहे हैं.

कौन जिम्मेदार?

इस घटना का कौन जिम्मेदार है? यह सवाल सबसे पहले मन में आता है, लेकिन इस के जवाब के लिए जांच की जा रही है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने इस हादसे के बाद कई जानकारियां सामने रखी है. टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन दिए जा रहे थे, हम ने 91 काउंटर खोले थे. भगदड़ मचना बहुत दुखद है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं. टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा कि यह भगदड़ ज्यादा भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची थी.

तिरुपति मंदिर में भगदड़, छह लोगों की मौत की खबर, जानें कैसे हुआ हादसा?

#andhrapradeshtirupatitemplestampede_devotees-died

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार को भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए।वहीं घटना में 40 लोग घायल हुए हैं। घायलों को श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह से करीब 4000 श्रद्धालु तिरुपति में विभिन्न टिकट केंद्रों पर वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट के लिए कतार में खड़े थे। यह घटना तब हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टी पार्क में टोकन वितरण के लिए कतार में लगने के लिए कहा गया था।

Image 2Image 3Image 4Image 5

10 जनवरी से तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम शुरू हो रहा है। इसी के लिए देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां आए हैं. तिरुपति मंदिर के खास वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन सिस्टम है। टोकन लेने के बाद ही दर्शन के लिए अंदर जा सकते हैं। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए मंदिर परिसर में कुल आठ जगहों पर टोकन बाटें जा रहे थे। टोकन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन थी। दर्शन के लिए टोकन मिल जाए, इसके लिए खूब चढ़ा-ऊपरी थी। जैसे ही गेट खुला भक्त अधीरज हो गए. पहले टोकन पाने के लिए वे आगे बढ़े और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई। अचानक भगदड़ मची और देखते ही देखते लाशें बिछ गईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

इस बीच इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है ‘आंध्र प्रदेश के तिरुपति में मची भगदड़ से आहत हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ठीक हो जाएं। आंध्र प्रदेश सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

सीएम चंद्रबाबू नायडू आज तिरुपति पहुंचेंगे

इधर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू आज घायलों से मिलने के लिए गुरुवार को तिरुपति पहुंचेंगे। सूबे के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी हादसे पर दुख जताया है। भगदड़ में कुछ श्रद्धालुओं की मौत होने की घटना से मैं बहुत दुखी हूं। मैंने उच्च अधिकारियों को मौके पर जाने और राहत उपाय करने का निर्देश दिया है। ताकि घायलों को बेहतर चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके। मैं समय-समय पर जिला और टीटीडी अधिकारियों से बात कर रहा हूं और स्थिति का जायजा ले रहा हूं।

तिरुमाला मंदिर में काम करने वाले सभी हिंदू हों”, तिरुपति मंदिर बोर्ड का अध्यक्ष बनते ही बीआर नायडू का बड़ा बयान

#tirupati_temple_trust_newly_appointed_chief_says_all_working_in_tirumala_must_be_hindus

Image 2Image 3Image 4Image 5

तिरुमाला तिरुपति के प्रसादम (लड्डू) में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के विवाद के बाद बीआर नायडू को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड का नया अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में काम करने वाले सभी हिंदू लोगों को होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि साथ ही यहां पर काम करने वाले गैर हिंदुओं को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ बात करेंगे।

हैदराबाद में पत्रकारों से बात करते हुए बीआर नायडू ने तिरुमाला में हिंदुओं के काम करने को लेकर कहा, तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए। मेरी यही पहली कोशिश होगी कि इस दिशा में काम किया जाए। इसमें कई मुद्दे हैं। हमें इस पर ध्यान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह आंध्र प्रदेश सरकार से इस संबंध में बात करेंगे कि दूसरे धर्मों के कर्मचारियों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए, क्या उन्हें अन्य सरकारी विभागों में भेजा जाना चाहिए या फिर उन्हें वीआरएस दी जानी चाहिए।

बी आर नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर में पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान कई अनियमितताएं हुईं। कहा गया कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे।

आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के लिए 24 सदस्यों के साथ एक नया बोर्ड गठित किया, जो तिरुमाला तिरुपति में प्रसिद्ध बालाजी मंदिर का प्रबंधन करेगा। सरकार ने बी आर नायडू को नवगठित टीटीडी बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया, जबकि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की सह-संस्थापक और एमडी सुचित्रा एला को सदस्यों में शामिल किया गया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्ध लोध प्रसादम की तैयारी में पशु वसा से युक्त घी का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में साउदी केस सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एडिटेटी) का गठन किया गया है।

మరో 17 రైళ్లు రద్దు

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

రద్దయిన రైళ్ల సమాచారం కోసం దక్షిణమధ్యరైల్వే(South Central Railway) పరిధిలోని 17 ముఖ్యమైన స్టేషన్లలో సహాయక కేంద్రాలను ఏర్పాటు చేసినట్లు పేర్కొన్నారు.

హైదరాబాద్‌, సికింద్రాబాద్‌, ఖాజీపేట్‌, ఖమ్మం(Hyderabad, Secunderabad, Khajipet, Khammam), సామర్లకోట, వరంగల్‌, నెల్లూరు, విజయవాడ, రాజమండ్రి, అనకాపల్లి, ఏలూరు, గూడూరు, నిడదవోలు, ఒంగోలు, తిరుపతి, రేణిగుంట, డోన్‌ స్టేషన్ల(Guduru, Nidadavolu, Ongolu, Tirupati, Renigunta, Don stations)లోని హెల్ప్‌లైన్‌ సెంటర్లు 24 గంటలపాటు ప్రయాణికులకు అవసరమైన సమాచారాన్ని అందిస్తాయని వెల్లడించారు.

तिरुपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से जांच के दिए आदेश, 5 सदस्यीय एसआईटी का हुआ गठन

#tirupatiladducontroversycontinuesscformsa_sit

तिरुपति लड्डू मामले की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तिरुपति लड्डू विवाद की नए सिरे से जांच के आदेश दिए और पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी में केंद्रीय जांच ब्यूरो, आंध्र प्रदेश पुलिस और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें सीबीआई के दो सदस्य, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो सदस्य और एफएसएसएआई का एक सदस्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे।

यह देखते हुए कि वह अदालत को “राजनीतिक युद्ध के मैदान” के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर आदेश पारित किया। पीठ ने कहा, "हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए।" सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर आरोपों में कोई सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी द्वारा जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा सकती है।

30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता से यह तय करने में मदद करने को कहा कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने सीएम चंद्रबाबू नायडू से सवाल किए

पीठ ने टिप्पणी की थी कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि उसने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट "बिल्कुल स्पष्ट नहीं थी" और प्रथम दृष्टया यह संकेत देती है कि "अस्वीकृत घी" का परीक्षण किया गया था।

इसमे नोट किया था कि राज्य के अनुसार, 25 सितंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मामले की जांच के लिए 26 सितंबर को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। पीठ ने कहा था, "इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा 18 सितंबर को एक बयान दिया गया था, जो कि 25 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज किए जाने और 26 सितंबर को एसआईटी गठित किए जाने से भी पहले था।" "हम प्रथम दृष्टया इस विचार पर हैं कि एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं था, जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है और जब लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी का उपयोग किए जाने की जांच चल रही थी।" 

चंद्रबाबू नायडू ने क्या दावा किया

चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली रेड्डी नीत सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगाने का आरोप लगाया है और राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने अपने दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की है।

AP News: అలిపిరి వద్ద కారు దగ్ధం

తిరుపతి : తిరుపతిలోని (Tirupati) అలిపిరి వద్ద ఓ కారు మంటలకు ఆహుతైంది. అలిపిరి గరుడా సర్కిల్ వద్ద కారులో ఒక్కసారిగా మంటలు చెలరేగాయి. దీంతో అప్రమత్తమైన కారు డ్రైవర్ వాహనాన్ని పక్కక నిలిపివేశారు..

వెంటనే డ్రైవర్‌తో పాటు కారులో నుంచి భక్తులు బయటకు పరుగులు తీశారు. ఆ తరువాత పెద్ద ఎత్తున మంటలు చెలరేగడంతో కారు పూర్తిగా దగ్ధమైంది. తిరుమల నుంచి తిరుపతికి తిరుగు ప్రయాణంలో ఈ ఘటన చోటు చేసుకుంది.

షార్ట్ సర్క్యూట్ కారణంగానే కారులో మంటలు చెలరేగినట్లు తెలుస్తోంది. సమాచారం అందిన వెంటనే అగ్నిమాపక సిబ్బంది అక్కడకు చేరుకుని మంటలను అదుపులోకి తీసుకొచ్చారు. అయితే ఎలాంటి ప్రాణ నష్టం జరగకపోవడంతో అంతా ఊపిరి పీల్చుకున్నారు..

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।