मुसलमानों को जिहाद के अलावा कुछ नहीं पता”, उमर अब्दुल्ला ने क्यों कही ऐसी बात?

#cmomarabdullahcriticizessunilsharmalegislative_jihad

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपक्ष के नेता सुनील शर्मा पर तीखा हमला बोला है। उमर अब्दुल्ला ने सुनील शर्मा की “लेजिसलेटिव जिहाद” शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हर बात में आपको जिहाद नजर आता है। जब कोई अन्य सदस्य उनके धर्म के बारे में बात करता है तो उन्हें गुस्सा आ जाता है। क्या वह यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मुसलमानों को 'जिहाद' के अलावा कुछ नहीं पता?

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि धार्मिक मामलों पर ऐसी टिप्पणी करने से बचने चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि किसी को भी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि इस सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जाती।

सुनील शर्मा ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी पर "टू नेशन थ्योरी" को बढ़ावा देने और बाहरी लोगों के जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के अधिकार का विरोध करने का आरोप लगाया था। सुनील शर्मा ने कहा था,यहां लैंड जिहादियों को बचाने के लिए लेजिसलेटिव जिहाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत एक है, भारत से कोई भी यहां आ सकता है, अगर कश्मीर का कोई व्यक्ति महाराष्ट्र में जमीन खरीद सकता है, तो महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति कश्मीर में जमीन क्यों नहीं खरीद सकता?

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

#omar_abdullah_taunts_on_congress_aap_india_alliance_amid_delhi_chunav_results

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।

जम्मू कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उम्र अब्दुल्ला को अरविंद केजरीवाल ने दी राज्य चलाने की सलाह:' परेशानी मैं हूँ साथ'

#arvindkejriwalstandsinsupportofomarabdullahsaysiamhereto_guide

अरविंद केजरीवाल और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला।

 आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सलाह दी कि अगर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश को चलाने में कोई परेशानी आती है तो वे उनकी मदद लें।

"दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर को भी आधा राज्य बना दिया गया है, सारी शक्ति उपराज्यपाल को दे दी गई है। मैं उमर अब्दुल्ला से कहना चाहूंगा कि अगर आपको काम करने में कोई परेशानी आती है तो मुझसे पूछें, मैं जानता हूं कि दिल्ली को कैसे चलाना है,'' दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने डोडा में एक रैली में कहा, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक विजयी हुए।

आप ने केंद्र शासित प्रदेश में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कहा, "चूंकि आप ने उमर अब्दुल्ला सरकार का समर्थन किया है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि हमारे मेहराज मलिक (आप विधायक) को उमर अब्दुल्ला की सरकार में जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह डोडा के साथ-साथ पूरे जम्मू-कश्मीर की सेवा कर सकें।"

8 अक्टूबर को आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा में भाजपा के गजय सिंह राणा को 4,538 से अधिक मतों के अंतर से हराकर जम्मू-कश्मीर चुनावों में पार्टी की पहली जीत दर्ज की। जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य मलिक को 23,228 वोट मिले, जबकि भाजपा के गजय सिंह राणा को 18,690 वोट मिले। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मंत्री खालिद नजीब सुहरवर्दी और डीपीएपी नेता अब्दुल मजीद वानी को क्रमश: 13,334 और 10,027 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार शेख रियाज अहमद 4,170 वोट पाकर पांचवें स्थान पर खिसक गए।

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार कब शपथ लेगी?

पिछले हफ़्ते उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और पार्टी को मिले समर्थन पत्र सौंपते हुए केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब्दुल्ला ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह संभवतः मंगलवार (15 अक्टूबर) या बुधवार (16 अक्टूबर) को आयोजित किया जा सकता है, क्योंकि एलजी ने बताया है कि कागजी कार्रवाई पूरी होने में 2-3 दिन लग सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया है। गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन को सत्ता में पहुंचाया, जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें जीत सकी। साथ ही भाजपा को जम्मू कश्मीर में हार का सामना करना पड़ा। 

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया देखने आए 16 देशों के राजनयिक, नाराज उमर बोले- यह अच्छा नहीं

#omarabdullahondelegationofdiplomatsvisitingjammukashmir_elections

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान हो रहा है। इसी बीच विदेशों से वरिष्ठ राजनयिकों का एक हाई लेवल डेलिगेशन जम्मू-कश्मीर पहुंचा, जो जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव की प्रक्रिया को देखने पहुंचे। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया समेत 16 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह बात अच्छी नहीं है।

विदेशी राजनायिकों के दौरे पर विवाद

जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रक्रिया देखने के लिए आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं इसे समझ नहीं पा रहा हूं। जब वही लोग जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करते हैं, तो भारत सरकार एक बयान जारी करती है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और दूसरों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर आप हस्तक्षेप या उनकी टिप्पणियों को नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यहां क्यों लाया जा रहा है?

उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने पिछले 6-7 वर्षों में लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन भारत सरकार सारा श्रेय चाहती है। अगर राजनयिकों को यहां लाया जा सकता है, तो विदेशी पत्रकारों को यहां आकर चुनाव कवर करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। राजनयिकों को गाइडेड टूरिस्ट के तौर पर यहां लाया जा रहा है। यह अच्छा नहीं है।

'वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है'

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर भारत में दक्षिण कोरियाई दूतावास के डीसीएम लिम सांग वू कहते हैं, "मैं पहली बार यहां आया हूं। यह बहुत खूबसूरत है। वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है। मैं वाकई जोश से भरा उत्साह देख रहा हूं और यह वास्तव में लोकतंत्र का काम है। इसलिए, बधाई। यह अच्छी तरह से आयोजित किया गया है। मैं छोटे बच्चों को उनके माता-पिता के साथ देखकर खुश था... मुझे लगता है कि वे अपने माता-पिता से यह सीखने आए हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। यह वाकई प्रभावशाली था..."

तंजानिया के राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर तंजानिया के एक राजनयिक देव कहते हैं, "मैं देख रहा हूं कि लोग मतदान करने के लिए उत्साहित हैं और वे अपने साथ बच्चों को भी ला रहे हैं ताकि वे सीख सकें कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया क्या है, मैंने इस तरह की प्रथा पहले कभी नहीं देखी, यह मेरा पहला मौका है। इसलिए, यह बहुत अच्छा है। "

सिंगापुर राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में SDM मतदान केंद्र पर, सिंगापुर हाईकमीशन की ऐलिस चेंग ने कहा कि संगठन सिंगापुर के से काफी मिलता-जुलता है. जहां आप लोगों के लिए इसे सरल बनाने के लिए सरकारी बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए, हम इस यात्रा के आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं. हम आएं और चल रहे मतदान को देखा

मुसलमानों को जिहाद के अलावा कुछ नहीं पता”, उमर अब्दुल्ला ने क्यों कही ऐसी बात?

#cmomarabdullahcriticizessunilsharmalegislative_jihad

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपक्ष के नेता सुनील शर्मा पर तीखा हमला बोला है। उमर अब्दुल्ला ने सुनील शर्मा की “लेजिसलेटिव जिहाद” शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हर बात में आपको जिहाद नजर आता है। जब कोई अन्य सदस्य उनके धर्म के बारे में बात करता है तो उन्हें गुस्सा आ जाता है। क्या वह यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मुसलमानों को 'जिहाद' के अलावा कुछ नहीं पता?

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि धार्मिक मामलों पर ऐसी टिप्पणी करने से बचने चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि किसी को भी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि इस सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जाती।

सुनील शर्मा ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी पर "टू नेशन थ्योरी" को बढ़ावा देने और बाहरी लोगों के जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के अधिकार का विरोध करने का आरोप लगाया था। सुनील शर्मा ने कहा था,यहां लैंड जिहादियों को बचाने के लिए लेजिसलेटिव जिहाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत एक है, भारत से कोई भी यहां आ सकता है, अगर कश्मीर का कोई व्यक्ति महाराष्ट्र में जमीन खरीद सकता है, तो महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति कश्मीर में जमीन क्यों नहीं खरीद सकता?

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

#omar_abdullah_taunts_on_congress_aap_india_alliance_amid_delhi_chunav_results

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।

जम्मू कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उम्र अब्दुल्ला को अरविंद केजरीवाल ने दी राज्य चलाने की सलाह:' परेशानी मैं हूँ साथ'

#arvindkejriwalstandsinsupportofomarabdullahsaysiamhereto_guide

अरविंद केजरीवाल और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला।

 आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सलाह दी कि अगर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश को चलाने में कोई परेशानी आती है तो वे उनकी मदद लें।

"दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर को भी आधा राज्य बना दिया गया है, सारी शक्ति उपराज्यपाल को दे दी गई है। मैं उमर अब्दुल्ला से कहना चाहूंगा कि अगर आपको काम करने में कोई परेशानी आती है तो मुझसे पूछें, मैं जानता हूं कि दिल्ली को कैसे चलाना है,'' दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने डोडा में एक रैली में कहा, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक विजयी हुए।

आप ने केंद्र शासित प्रदेश में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कहा, "चूंकि आप ने उमर अब्दुल्ला सरकार का समर्थन किया है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि हमारे मेहराज मलिक (आप विधायक) को उमर अब्दुल्ला की सरकार में जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह डोडा के साथ-साथ पूरे जम्मू-कश्मीर की सेवा कर सकें।"

8 अक्टूबर को आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा में भाजपा के गजय सिंह राणा को 4,538 से अधिक मतों के अंतर से हराकर जम्मू-कश्मीर चुनावों में पार्टी की पहली जीत दर्ज की। जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य मलिक को 23,228 वोट मिले, जबकि भाजपा के गजय सिंह राणा को 18,690 वोट मिले। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मंत्री खालिद नजीब सुहरवर्दी और डीपीएपी नेता अब्दुल मजीद वानी को क्रमश: 13,334 और 10,027 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार शेख रियाज अहमद 4,170 वोट पाकर पांचवें स्थान पर खिसक गए।

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार कब शपथ लेगी?

पिछले हफ़्ते उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और पार्टी को मिले समर्थन पत्र सौंपते हुए केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब्दुल्ला ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह संभवतः मंगलवार (15 अक्टूबर) या बुधवार (16 अक्टूबर) को आयोजित किया जा सकता है, क्योंकि एलजी ने बताया है कि कागजी कार्रवाई पूरी होने में 2-3 दिन लग सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया है। गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन को सत्ता में पहुंचाया, जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें जीत सकी। साथ ही भाजपा को जम्मू कश्मीर में हार का सामना करना पड़ा। 

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया देखने आए 16 देशों के राजनयिक, नाराज उमर बोले- यह अच्छा नहीं

#omarabdullahondelegationofdiplomatsvisitingjammukashmir_elections

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान हो रहा है। इसी बीच विदेशों से वरिष्ठ राजनयिकों का एक हाई लेवल डेलिगेशन जम्मू-कश्मीर पहुंचा, जो जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव की प्रक्रिया को देखने पहुंचे। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया समेत 16 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह बात अच्छी नहीं है।

विदेशी राजनायिकों के दौरे पर विवाद

जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रक्रिया देखने के लिए आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं इसे समझ नहीं पा रहा हूं। जब वही लोग जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करते हैं, तो भारत सरकार एक बयान जारी करती है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और दूसरों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर आप हस्तक्षेप या उनकी टिप्पणियों को नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यहां क्यों लाया जा रहा है?

उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने पिछले 6-7 वर्षों में लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन भारत सरकार सारा श्रेय चाहती है। अगर राजनयिकों को यहां लाया जा सकता है, तो विदेशी पत्रकारों को यहां आकर चुनाव कवर करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। राजनयिकों को गाइडेड टूरिस्ट के तौर पर यहां लाया जा रहा है। यह अच्छा नहीं है।

'वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है'

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर भारत में दक्षिण कोरियाई दूतावास के डीसीएम लिम सांग वू कहते हैं, "मैं पहली बार यहां आया हूं। यह बहुत खूबसूरत है। वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है। मैं वाकई जोश से भरा उत्साह देख रहा हूं और यह वास्तव में लोकतंत्र का काम है। इसलिए, बधाई। यह अच्छी तरह से आयोजित किया गया है। मैं छोटे बच्चों को उनके माता-पिता के साथ देखकर खुश था... मुझे लगता है कि वे अपने माता-पिता से यह सीखने आए हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। यह वाकई प्रभावशाली था..."

तंजानिया के राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर तंजानिया के एक राजनयिक देव कहते हैं, "मैं देख रहा हूं कि लोग मतदान करने के लिए उत्साहित हैं और वे अपने साथ बच्चों को भी ला रहे हैं ताकि वे सीख सकें कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया क्या है, मैंने इस तरह की प्रथा पहले कभी नहीं देखी, यह मेरा पहला मौका है। इसलिए, यह बहुत अच्छा है। "

सिंगापुर राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में SDM मतदान केंद्र पर, सिंगापुर हाईकमीशन की ऐलिस चेंग ने कहा कि संगठन सिंगापुर के से काफी मिलता-जुलता है. जहां आप लोगों के लिए इसे सरल बनाने के लिए सरकारी बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए, हम इस यात्रा के आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं. हम आएं और चल रहे मतदान को देखा