माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का बड़ा फैसला, 22 साल बाद बंद होने जा रहा है पॉपुलर वीडियो कॉलिंग ऐप Skype
डेस्क: माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपने वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म Skype को बंद करने का फैसला लिया है। आने वाले कुछ दिनों में यह पॉपुलर वीडियो कॉलिंग ऐप लोगों के डिवाइस से गायब हो जाएगा। इसलिए अगर आप वीडियो कॉलिंग के लिए अगर Skype का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अब आपको जल्द ही किसी दूसरे प्लेटफॉर्म स्विच करना होगा।

माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप को बंद करने के साथ ही यूजर्स को वीडियो कॉलिंग और दूसरे काम के लिए एक विकल्प भी बताया है। माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से घोषणा की गई है कि वह आने वाली 5 मई से Skype को बंद करने जा रहा है। कंपनी ने बताया कि अब वह Microsoft Teams पर फोकस कर रही है और इसे पहले से ज्यादा पॉवरफुल बनाया जा रहा है। इसलिए कंपनी ने स्काइप यूजर्स को Microsoft Teams के रूप में एक विकल्प भी दिया है।

बता दें कि अगर आप स्काइप से Microsoft Teams में स्विच करते हैं तो आपके अपने डेटा को शिफ्ट करने का भी ऑप्शन होगा। कंपनी की तरफ से जब से Microsoft Teams को लॉन्च किया गया है वह स्काइप यूजर्स को इसमें शिफ्ट होने की रिक्वेस्ट कर रही है। कंपनी के मुताबिक Microsoft Teams में वे सभी फीचर्स मौजूद हैं जो स्काइप में मिलते हैं। लेकिन, टीम्स पर कई ऐसे फीचर्स भी हैं जो स्काइप में नहीं मिलते।


आपको याद दिला दें कि Skype को 2003 में लॉन्च किया गया था। साल 2011 में इसे माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से खरीद लिया गया था। कई वर्षों तक यह वीडियो कॉलिंग के लिए एक प्रमुख ऐप रहा है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने धीरे-धीरे इससे कई सारे फीचर्स को हटा दिया है। कंपनी  की तरफ से साल 2015 में स्काइप को  Windows 10 में इंटीग्रेट करने की भी कोशिश की थी लेकिन नौ महीने बाद ही यह बंद हो गया था।

माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2017 में वीडियो कॉलिंग और ऑफिशियल वर्क के लिए Teams को लॉन्च किया था। कंपनी इसे लगातार अपडेट कर रही है और नए-नए फीचर्स जोड़ रही है। अब कंपनी ने 22 साल बाद Skype को पूरी तरह से बंद करने का फैसला ले लिया है।
क्या है Black Basta हैकिंग ग्रुप, जिसने दुनिया भर के PC यूजर्स के उड़ा दिए 'होश'?

डेस्क: Black Basta हैकिंग ग्रुप ने दुनियाभर के PC/Laptop यूजर्स को सकते में डाल दिया है। साइबर अपराधियों के इस ग्रुप ने दुनियाभर के कार्पोरेट कंपनियों में इस्तेमाल किए जाने वाले Microsoft Teams वीडियो कांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर रेनसमवेयर अटैक की धमकी दी है। हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को माइक्रोसॉफ्ट हेल्प डेस्क के नाम से ई-मेल कर रहे हैं और उनके PC में BlackBasta रेनसेमवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं। यह रेनसमवेयर इतना खतरनाक है कि वो यूजर के पीसी या लैपटॉप का रिमोट एक्सेस ले लेता है।

अमेरिका बेस्ड साइबर सिक्योरिटी कंपनी ReliaQuest ने Bleeping Computer के जरिए इस बात की जानकारी दी है। यह हैकिंग ग्रुप अप्रैल 2022 से एक्टिव है और रेनसमवेयर के माध्यम से दुनियाभर के कार्पोरेट्स को टारगेट कर रहा है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स का दावा है कि Black Basta हैकिंग ग्रुप कोंटी साइबर क्राइम सिंडिकेट नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे जून 2022 में बंद कर दिया गया था।

यह खतरनाक हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट नेटवर्क को मुख्य तरीके से टारगेट करता है। कार्पोरेट कंपनियों के सिक्योरिटी सिस्टम में सेंध लगाने के लिए यह ग्रुप सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेता है, ताकि आसानी से हाई सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ा जा सके। पहले भी इस हैकिंग ग्रुप ने कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को बिना वायरस वाले ई-मेल भेजकर हेल्प डेस्क के नाम पर साइबर अटैक किया है।

यह हैकिंग ग्रुप पहले कर्मचारियों को ई-मेल भेजता है, जिसमें वायरस से बचने के लिए हेल्प डेस्क का बहाना बनाया जाता है। कर्मचारियों को जाल में फंसने के बाद हैकिंग ग्रुप उनके सिस्टम का रिमोट एक्सेस लेने के मना लेता है। कर्मचारी आईटी हेल्प डेस्क के नाम पर AnyDesk या फिर अन्य किसी रिमोट डेस्कटॉप टूल का एक्सेस हैकर्स को दे देते हैं। इसके बाद हैकर्स सिस्टम में एंटर करके नेटवर्क का एक्सेस ले लेते हैं।

हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट कर्मचारियों को फोन कॉल्स के अलावाा माइक्रोसॉफ्ट Teams के जरिए कॉन्टेट करता है, ताकि कर्मचारियों को लगे कि सही में IT हेल्प डेस्क से कॉन्टेक्ट किया गया है। हैकर्स द्वारा इस्तेमाल किए गए ई-मेल या फिर Teams के अकाउंट का डिस्प्ले नेम IT Help Desk होता है, जिसकी वजह से कर्मचारी आसानी से उनकी जाल में फंस जाते हैं।

अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि हैकिंग ग्रुप के लोग OneOnOne चैट के जरिए कर्मचारियों के सिस्टम को एक्सेस करते हैं। इस दौरान रिमोट एक्सेस लेने के बाद सिस्टम में Black Basta रेनसमवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जिसके जरिए कर्मचारियों की कंपनियों के नेटवर्क में आसानी से एंट्री हो जाती है। सिक्योरिटी एजेंसी ने इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल या चैटिंग रिक्वेस्ट से बचने की सलाह दी है।

कैसे बचें?

साइबर सिक्योरटी एक्सपर्ट्स की मानें तो इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल को इग्नोर करें और आने वाले ई-मेल का अड्रेस वेरिफाई करें। साथ ही, अपने सिस्टम को रिमोट डेस्कटॉप एक्सेस देने से बचें और जांचने-परखने के बाद ही कोई एक्सेस दें।
Ekko: Where Smart Cards Meet Smart Networking.

 

In today's world, staying ahead means adapting to new ways of connecting. Traditional business cards are rapidly falling out of favor, unable to keep pace with the evolving needs of modern professionals. As the demand for efficiency and convenience skyrockets, innovative networking solutions are no longer just a trend—they're a necessity. Professionals are seeking smarter alternatives that not only simplify the way we connect but also enhance how we manage our valuable relationships.Meet Ekko Network: A New Era in Konnectivity. 

In 2022, Ekko Network stepped onto the scene, bringing a bold new vision to the age-old concept of business cards. By offering an efficient and modern way to store, manage, and share contact information, it is addressing the growing need for convenience and sustainability in professional networking. Its innovative technology allows professionals to enhance their digital presence.

In a tech driven world, transforming the way people communicate and interact in the professional space is something it envisions for. At the heart of this innovation is Ekko’s founder, Tejas Bhuwania. “With smart cards, we’re setting up a new standard for professional connections—one that’s efficient, adaptable, and built for the digital age," he says. Find out more about Tejas and see how it works here.

Be Smart, Carry Smart, Connect Smarter.

 

Ekko provides digital business cards that simplify online presence management, making it easy for clients and collaborators to find you. Powered by Near Field Communication technology, these smart cards enable instant updates without an app and allow effortless profile sharing by consolidating all essential links in one place. With a quick tap on a compatible device or by using a QR code, you can share your profile in just a few seconds, including key details like your name, phone number, and links to social media platforms. You have the option to customize your QR code with either a square or round background. Combining advanced technology with user-friendly features, these cards emerge as a revolutionary tool to streamline the entire networking process in the fastest way possible.

What Makes Ekko Stand Out? Unveiling Key Features:

1. Eco-Friendly - These virtual smart cards provide a versatile and eco-friendly solution, compatible with both iOS and Android devices for seamless sharing. 

Ekko cards eliminate the need for traditional paper cards, reducing waste and supporting cost effective practices.  

With real-time updates, digital cards prevent the frequent reprints and disposal associated with paper cards.  

Transitioning to Ekko cards helps conserve natural resources and minimizes your environmental impact.  

You enhance your brand’s green credentials and appeal to eco-conscious clients.

2. Effortless Sharing & Management

Share your Ekko card via link or QR code without needing an app, allowing for quick networking at events or meetings. Instantly exchange contact information without requiring others to download anything.

Consolidate all your professional and personal links into one easy-to-manage card, simplifying your online presence. Gather your social profiles, websites, and contact details into a single, dynamic card for seamless sharing.

3. Secure Digital Identity - Ekko cards prioritize data privacy, giving users full control over what personal or professional information they choose to share. This empowers users to maintain privacy and avoid sharing unnecessary details, ensuring that only relevant contacts can access their information.

Ensure your digital identity is secure and safeguarded at all times with advanced encryption and security features. Ekko’s platform is designed to protect sensitive information, preventing unauthorized access and offering peace of mind in an increasingly digital world.

Enjoy a lasting, trusted digital identity with lifetime protection, as your Ekko card remains up-to-date and secure. No need for frequent changes or updates—your digital identity is built to last, supporting your professional and personal connections for years to come.

4. Customizable Digital Cards for Your Brand - Ekko cards offer a unique feature that allows users to customize their digital cards, ensuring they authentically represent their personal or business brand. 

Users can effortlessly update essential details in real-time, guaranteeing that contacts always have the most accurate information.  

Whether changing your phone number, updating social media handles, or refreshing your website link, keeping your card up to date has never been easier.

5. Email Signature - Create polished, brand-compliant email signatures effortlessly with Ekko.

Unified Team Management: Manage your team’s email signatures from one centralized dashboard. Use templates, group settings, and bulk actions to streamline the process and save time.

Effortless Email Compatibility: Our signature generator works seamlessly with any email provider. Follow a simple step-by-step guide to apply your new signature effortlessly.

6. Follow-Up Emails - Enhance follow-up emails by attaching useful resources, such as educational materials or marketing content, making every message more valuable and engaging for recipients.

Tailored Personalization for Higher Engagement: Boost email responses by using dynamic fields like {Lead Name} and {Lead Company} in subject lines. Personalizing your emails captures attention and increases open rates.

Enhance Follow-ups with Targeted Attachments: Include valuable educational or marketing materials in your follow-ups. Customize email templates with unique attachments to provide relevant content to your leads.

7. Lead Capture - Ekko simplifies lead capture and management, offering a seamless way to collect, organize, and follow up with prospects. From real-time tracking to form customization and compliance, Ekko ensures your leads are efficiently managed and integrated into your workflow.

Track Your Leads in Real-Time: Capture and integrate leads instantly into your CRM, setting up custom workflows and automations to streamline your follow-up process.

Customize Your Lead Forms: Design lead forms with various elements like text fields, multiple-choice options, and checkboxes to gather essential information and tailor your data collection.

Effortlessly Scan and Sync: Use Ekko’s in-app scanner to capture leads from business cards, event badges, or QR codes. Auto-sync leads to your CRM, reducing manual data entry and improving efficiency.

8. Zoom Meeting Background - Ekko provides stylish virtual Zoom backgrounds featuring QR codes, professionals can turn meetings into networking opportunities, allowing them to make meaningful connections.

Effortless Customization: Design a unique background with images, colors, logos, and your QR code. Any updates to your digital card automatically refresh the QR code in your background.

Compatibility with All Platform: Ekko’s virtual backgrounds integrate seamlessly with Zoom, Microsoft Teams, Google Meet, and more, ensuring a polished look across all meeting platforms.

Turn Meetings Into Opportunities: Highlight your expertise and attract leads with a QR code on your background. Make it easy for attendees to connect with you and capture leads effortlessly during virtual interactions.

Be Part of the Change with Ekko!

These NFC powered Cards stand out as a beacon of innovation and sustainability. By combining modern technology with ease of use, they are redefining how we build and maintain professional connections. Transitioning to Ekko means embracing a smarter, more efficient way to build lasting relationships in the professional world.

For more information, visit their official website and discover how you can simplify your professional presence today!

మైక్రోసాఫ్ట్‌ ఎర్రర్‌పై స్పందించిన సీఈవో సత్యనాదెళ్ల

శుక్రవారం ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్ (Microsoft) సర్వర్లు నిలిచిపోయిన విషయం తెలిసిందే. దీని ప్రభావం ప్రపంచ వ్యాప్తంగా తీవ్రంగా ఉంది. సర్వర్లలో లోపం కారణంగా ప్రపంచమే ఆగిపోయేలా చేసింది.

బ్యాంకుల నుండి విమానయాన సంస్థల వరకు సేవలకు అంతరాయం ఏర్పడింది. దీని కారణంగా ఇండిగో, అకాసా ఎయిర్‌లైన్స్, స్పైస్‌జెట్‌తో సహా అనేక విమానయాన సంస్థలు తమ విమానాలను గ్రౌండ్ చేయవలసి వచ్చింది...

శుక్రవారం ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్ (Microsoft) సర్వర్లు నిలిచిపోయిన విషయం తెలిసిందే. దీని ప్రభావం ప్రపంచ వ్యాప్తంగా తీవ్రంగా ఉంది. సర్వర్లలో లోపం కారణంగా ప్రపంచమే ఆగిపోయేలా చేసింది. బ్యాంకుల నుండి విమానయాన సంస్థల వరకు సేవలకు అంతరాయం ఏర్పడింది.

దీని కారణంగా ఇండిగో, అకాసా ఎయిర్‌లైన్స్, స్పైస్‌జెట్‌తో సహా అనేక విమానయాన సంస్థలు తమ విమానాలను గ్రౌండ్ చేయవలసి వచ్చింది. విమాన కార్యకలాపాలకు అంతరాయం కలిగింది. దీంతో పెద్ద సంఖ్యలో ప్రజలు ఇబ్బందులు పడ్డారు. దీంతో బ్యాంకులు, స్టాక్ ఎక్స్ఛేంజీల పనితీరుపైనా ప్రభావం పడింది. చాలా మంది విండోస్ వినియోగదారులు బ్లూ స్క్రీన్ ఆఫ్ డెత్ (BSOD) ఎర్రర్‌ను చూస్తున్నారు.

సర్వర్లలో అంతరాయం ఏర్పడటంతో ప్రపంచవ్యాప్తంగా పలు విమానాశ్రయాల్లో సేవలు నిలిచిపోయాయి. దీంతో పలు కంపెనీల విమానాలు ఎగరలేకపోతున్నాయి. టికెట్ బుకింగ్ నుండి చెక్-ఇన్ వరకు సమస్యలు ఉన్నాయి. భారతదేశంలోని అనేక విమానాశ్రయాలు కూడా సాంకేతిక సమస్యలను ఎదుర్కొన్నాయి. అయితే సమస్య పరిష్కారం అయినా ఇంకా పూర్తి స్థాయిలో విండోస్‌ సిస్టమ్స్‌లో బ్లూ స్క్రీన్ ఎర్రర్‌ సమస్య తొలగలేదు. దేశవ్యాప్తంగా 200కిపైగా విమానాల రద్దు అయ్యాయి. ఇండిగో 192 విమానాలను రద్దు చేసింది. అలాగే అమెరికా, ఆస్ట్రేలియాలో ఇంకా ఇబ్బందులు తొలగలేదు. అమెరికా, డల్లాస్‌, చికాగోలో విమానాలు 18 గంటల పాటు ఆలస్యంగా నడుస్తున్నాయి. ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్‌ వినియోగదారులు తీవ్ర కష్టాలను ఎదుర్కొన్నారు. ఔటేజ్‌ సమస్యతో 77 శతం విమాన సర్వీసులకు అంతరాయం ఏర్పడింది.

ఇదిలా ఉండగా, దీనిపై మైక్రోసాఫ్ట్‌ CEO సత్యనాదెళ్ల స్పందించారు. ప్రపంచవ్యాప్తంగా ఐటీ సిస్టమ్స్‌పై ప్రభావం కనిపించిందని, ఈ సమస్య పరిష్కారం కోసం క్రౌడ్‌ స్ట్రైక్‌తో కలిసి పనిచేస్తున్నామని అన్నారు. ప్రపంచ చరిత్రలోనే ఇది అతిపెద్ద సంక్షోభమని వ్యాఖ్యానించారు.

త్వరలోనే పరిష్కారం చూపుతామన్నారు. శని, ఆదివారాలు కావడంతో సర్వర్లపై తక్కువ ఒత్తిడి ఉందని, సమస్యను పరిష్కరిస్తామని తెలిపారు. వినియోగదారులకు క్లౌడ్‌ స్ట్రెక్‌ సీఈవో క్షమాపణలు చెప్పారు. ఔటేజ్‌ సమస్యేనని, సైబర్‌ అటాక్‌ కాదని ప్రకటించారు. ఇదిలా ఉంటే మైక్రోసాఫ్ట్‌ కంపెనీకి కొత్త చిక్కులు వస్తున్నాయి. జరిగిన నష్టాలపై పలు కంపెనీలు దావా వేయనున్నట్లు తెలుస్తోంది.

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी, भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकिग समेत कई सेवाएं प्रभावित

#microsoft_reports_major_service_outage_affecting_users_worldwide_airlines 

आज दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप अचानक बंद पड़ गए हैं। इसके चलते तमाम विमान कंपनियों, माडिया हाउस और बैंक का कामकाज ठप पड़ गया है। देश और दुनिया में सर्वर ठप से हाहाकार मच गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई समस्या के चलते ऐसा हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस के ठप होने के कारण भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की एयरलाइंस प्रभावित हुई हैं। कई एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इस आउटेज के कारण फ्लाइट बुकिंग, कैंसिलेशन से लेकर चेक-इन तक की सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वो इस समस्या की जांच कर रहे हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था जिसके बाद MS विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई दिक्कत की वजह से अन्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।

दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट में चेक इन का काम मैन्युअल मॉड से हो रहा है। सर्वर ठप का बहुत ज्यादा असर नहीं है लेकिन काम धीरे-धीरे हो रहे हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की तुलना में t2 टर्मिनल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।बताया जा रहा है कि जो भी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर हैं, उनके कामों पर असर पड़ रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी की वजह से अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फ्रंटियर एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा है कि सर्वर में आई समस्या की वजह से 131 फ्लाइट रद्द कर दी गई है। 200 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। इस गड़बड़ी के चलत अमेरिकी इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हुई है।

भारत में लोकसभा चुनावों में AI के जरिए प्रभावित कर सकता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट ने किया सतर्क

#microsoftwarnedindiachinamisuseailoksabha_elections

भारत में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इससे पहले सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है। चुनाव में किसी तरह की अशांति और धांधली ना हो इसकी तैयारी की जा रही है। इस बीच अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से भारत के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि भारत में आम चुनाव के दौरान चीन एआई टेक्नोलॉजी का मिसयूज कर के चुनाव पर असर डाल सकती है। कंपनी ने इस दौरान हैकिंग की कोशिश को लेकर भी चेतावनी दी है। टेक कंपनी की थ्रेट इंटेलीजेंस टीम का अनुमान है कि, चीन सरकार के साइबर ग्रुप इस साल होने वाले अहम चुनावों को निशाना बनाएंगे और इसमें उत्तर कोरिया की भी भूमिका हो सकती है। इस साल दुनिया भर में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों के साथ हमारा आकलन है कि चीन एआई पर कंटेंट जनरेटे कर रहा है।

हैकर्स के लिए एआई प्रमुख हथियार बना

कंपनी का कहना है कि हैकर्स के लिए एआई एक प्रमुख हथियार बन गया है, जो आसानी से वीडियो मॉर्फ (छेड़छाड़ करना) कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुलासा किया है कि चीन चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई की मदद से सामग्री बनाने और उसे वायरल करने की योजना बना रहा है। एआई की मदद से प्रसिद्ध हस्तियों की आवाज बदली जा सकती है और उन्हें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से शेयर किया जा सकता है, जो इसे वायरल होने और लाखों लोगों तक पहुंचने में मदद करता है।

ताइवान के चुनाव में चीन ने किया था दुष्प्रचार

रिपोर्ट में जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एआई-की मदद से दुष्प्रचार अभियान में चीन के पिछले प्रयास की भी जानकारी दी गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी उपयोग किया गया था। यह विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई की मदद से बनाए गए कंटेट का उपयोग करने वाली चीनी सरकार समर्थित साइबर एजेंसी का पहला कारनामा है। बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पामौफ्लैज के नाम से जाना जाता है, इस अवधि के दौरान विशेष रूप से सक्रिय था। वह यूट्यूब पर नकली सामग्री पोस्ट कर रहा था और विजेता उम्मीदवार के बारे में एआई-जनरेटेड मीम्स बना रहा था।

*यूपी की बेटी आकांक्षा ने डिजिटल टूल से मनोरंजन की दुनिया में हासिल किया मुकाम*
*अयोध्या की बेटी आकांक्षा ने अमेरिका में शुरू किया स्टार्टअप* *अमेरिका में स्नातक की पढ़ाई के बाद विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों में की नौकरी* *अयोध्या जिले के पूरे मेदई सिंह की निवासी है आकांक्षा सिंह* *आकांक्षा ने बैकड्रॉप (Backdrop) Startup से अमेरिका में भी बनाई पहचान* *विश्व प्रसिद्ध Forbes मीडिया कंपनी ने Forbes 30 Under 30 में शामिल किया आकांक्षा का नाम* उत्तर प्रदेश अयोध्या जिले की बेटियों ने हर क्षेत्र में यह साबित कर दिखाया है कि यदि हौसला और हिम्मत हो तो कोई काम मुश्किल नहीं है,और यदि सच्ची लगन और परिश्रम किया जाए तो कोई भी बाधा लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। इंटरनेशनल शहर की ओर अग्रसर भगवान श्रीराम की नगरी रामनगर अयोध्या जिले की तहसील सोहावल के छोटे से गांव पूरे मेडई सिंह में आकांक्षा सिंह ने इंटरनेट,बिजली के अभाव में भी सफलता हासिल कर विश्व शक्ति अमेरिका में अपना परचम लहराया है। *यूपी की रहने वाली है आकांक्षा,कम संसाधनों से शुरू की प्रारम्भिक शिक्षा* बेटी आकांक्षा सिंह की शिक्षा अयोध्या जिले के एक कस्बे में स्थित साकेत शिक्षा निकेतन रानी बाज़ार व गुरुनानक अकादमी में हुई है। इसके बाद ही माता पिता के साथ पर राजधानी लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल में दाखिला हुआ। आकांक्षा सिंह बताती है कि गाँव के जीवन से शहर के स्कूल में स्थानांतरित होना शुरू में कठिन था,लेकिन मैंने चुनौतियों पर विजय प्राप्त की और शीर्ष छात्रों में से एक बनकर उभरी। उन्होंने ने स्कूल में कैप्टन बनने के साथ साथ लगातार पुरस्कार अर्जित भी किया।जिनमें ऑल राउंडर ऑफ द ईयर,बेस्ट स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर,मोस्ट प्रॉमिसिंग स्टूडेंट ऑफ द ईयर हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट 96.6% अंक हासिल किया और 1 2वी में लखनऊ यूपी में उच्चतम रैंकिंग हासिल करते हुए 94% फीसदी अंक हासिल किया। *शून्य से शिखर तक चुनौती भरा रहा अमेरिका पहुंचने का आकांक्षा का सफर* आकांक्षा ने बताया कि गुरु नानक अकादमी ने मुझे गाँव के बाहर का जीवन दिखाने में मदद की,लेकिन जब तक मैं लखनऊ और दिल्ली में अपने चचेरे भाइयों से नहीं मिली थी,तब तक मुझे शिक्षा,जीवन की गुणवत्ता और हमारे घर में संसाधनों की कमी में अंतर का एहसास नहीं हुआ। इन्ही चुनौतियों से प्रेरित होकर, मैंने अपने पिता राजेन्द्र प्रसाद सिंह व माता स्वर्गीय ऊषा सिंह के अथक प्रयासों को देखते हुए प्रयास करने से हार नही मानी। अंततः कई वर्षों सँघर्ष के बाद मुझे अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी मे दाखिला मिल गया।
आकांक्षा का नाम मिशिगन विश्वविद्यालय,यूएसए (कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ साइंस) में स्नातक की और शीर्ष 5% छात्रों में शामिल रहा। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान विशिष्ट नेतृत्व पुरस्कार, विश्वविद्यालय सम्मान और कई अन्य पुरस्कार अर्जित भी किए। *अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से मिला प्लेसमेंट* मिशिगन विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नेक्सटीर ऑटोमोटिव(Nexteer Automotive) में इंटर्नशिप किया। इसके बाद वर्ष 2016 से 2017 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मॉर्गन एंड चेस (JP Morgan & Chase) शिकागो और न्यूयॉर्क सिटी, यूएसए के रूप में काम किया। कॉलेज से स्नातक होने के बाद वर्ष 2018- 2022 तक आकांक्षा ने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) सिएटल शहर में एक प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में नौकरी हासिल की। माइक्रोसॉफ्ट के बाद उबर (Uber) सिएटल में भी मैनेजर के रूप में काम किया। *अयोध्या की बेटी का अमेरिका में स्टार्टअप,अब दे रही नौकरी* आकांक्षा ने बताया कि नौकरी में अनुभव लेने के बाद उन्होंने दोस्त के साथ मिलकर 2022 के अंत में एक निजी कंपनी शुरू करने का फ़ैसला लिया। आकांक्षा ने अच्छे खासे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर दुनिया के उस स्टार्टअप के रास्ते को चुना जो सिर्फ सफलता की उम्मीद 2% होती है।आकांक्षा ने अपना बिज़नेस शुरू करने से पहले वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) के तहत शुरू हुए एयरबीएनबी (AirBnb) स्ट्राइप (Stripe) रेज़रपे (Razorpay),Zepto के स्टार्टअप का अध्ययन किया। इसके बाद वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) के साथ मिलकर बैकड्रॉप (Backdrop) के नाम से स्टार्टअप शुरू कर दुनिया भर में मनोरंजन उद्योग को सेवा प्रदान कर रही है। *क्या है बैक ड्राप स्टार्टअप* बैकड्रॉप (Backdrop) स्टार्टअप में दुनिया भर के प्रोडक्शंस कंपनियों की (फिल्में,टीवी,विज्ञापन, इवेंट) के लिए सबसे तेज़ प्री-अकाउंटिंग टूल का काम करता है। Backdrop मनोरंजन उद्योग में वित्त और दैनिक कार्यों का प्रबंधन करता है। Backdrop एक ऐसी दुनिया बनाने में जुटा है जहां प्रोडक्शन में जरूरतों के लिए एकल,कुशल और सुव्यवस्थित मंच तैयार हो। आकांक्षा व उनके दोस्त Caitlin ने आशाजनक शुरुआत से नि संदेह कहा जा सकता है कि वह अपने दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने की दिशा बहुत करीब हैं। *FORBES 30 UNDER 30 (फोर्ब्स 30 अंडर 30) में आकांक्षा का चयन* विश्व प्रसिद्ध फोर्ब्स (Forbes) एक मीडिया और प्रकाशन कंपनी ने Backdrop की Cofounder आकांक्षा सिंह (Akanksha Singh (Backdrop Cofounder) को FORBES 30 UNDER 30 में शामिल किया है। फोर्ब्स मीडिया अपनी पत्रिका और सूचियों के लिए जाना जाता है जो अरबपतियों से लेकर कॉलेजों तक को रैंक करती है।
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का बड़ा फैसला, 22 साल बाद बंद होने जा रहा है पॉपुलर वीडियो कॉलिंग ऐप Skype
डेस्क: माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपने वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म Skype को बंद करने का फैसला लिया है। आने वाले कुछ दिनों में यह पॉपुलर वीडियो कॉलिंग ऐप लोगों के डिवाइस से गायब हो जाएगा। इसलिए अगर आप वीडियो कॉलिंग के लिए अगर Skype का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अब आपको जल्द ही किसी दूसरे प्लेटफॉर्म स्विच करना होगा।

माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप को बंद करने के साथ ही यूजर्स को वीडियो कॉलिंग और दूसरे काम के लिए एक विकल्प भी बताया है। माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से घोषणा की गई है कि वह आने वाली 5 मई से Skype को बंद करने जा रहा है। कंपनी ने बताया कि अब वह Microsoft Teams पर फोकस कर रही है और इसे पहले से ज्यादा पॉवरफुल बनाया जा रहा है। इसलिए कंपनी ने स्काइप यूजर्स को Microsoft Teams के रूप में एक विकल्प भी दिया है।

बता दें कि अगर आप स्काइप से Microsoft Teams में स्विच करते हैं तो आपके अपने डेटा को शिफ्ट करने का भी ऑप्शन होगा। कंपनी की तरफ से जब से Microsoft Teams को लॉन्च किया गया है वह स्काइप यूजर्स को इसमें शिफ्ट होने की रिक्वेस्ट कर रही है। कंपनी के मुताबिक Microsoft Teams में वे सभी फीचर्स मौजूद हैं जो स्काइप में मिलते हैं। लेकिन, टीम्स पर कई ऐसे फीचर्स भी हैं जो स्काइप में नहीं मिलते।


आपको याद दिला दें कि Skype को 2003 में लॉन्च किया गया था। साल 2011 में इसे माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से खरीद लिया गया था। कई वर्षों तक यह वीडियो कॉलिंग के लिए एक प्रमुख ऐप रहा है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने धीरे-धीरे इससे कई सारे फीचर्स को हटा दिया है। कंपनी  की तरफ से साल 2015 में स्काइप को  Windows 10 में इंटीग्रेट करने की भी कोशिश की थी लेकिन नौ महीने बाद ही यह बंद हो गया था।

माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2017 में वीडियो कॉलिंग और ऑफिशियल वर्क के लिए Teams को लॉन्च किया था। कंपनी इसे लगातार अपडेट कर रही है और नए-नए फीचर्स जोड़ रही है। अब कंपनी ने 22 साल बाद Skype को पूरी तरह से बंद करने का फैसला ले लिया है।
क्या है Black Basta हैकिंग ग्रुप, जिसने दुनिया भर के PC यूजर्स के उड़ा दिए 'होश'?

डेस्क: Black Basta हैकिंग ग्रुप ने दुनियाभर के PC/Laptop यूजर्स को सकते में डाल दिया है। साइबर अपराधियों के इस ग्रुप ने दुनियाभर के कार्पोरेट कंपनियों में इस्तेमाल किए जाने वाले Microsoft Teams वीडियो कांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर रेनसमवेयर अटैक की धमकी दी है। हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को माइक्रोसॉफ्ट हेल्प डेस्क के नाम से ई-मेल कर रहे हैं और उनके PC में BlackBasta रेनसेमवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं। यह रेनसमवेयर इतना खतरनाक है कि वो यूजर के पीसी या लैपटॉप का रिमोट एक्सेस ले लेता है।

अमेरिका बेस्ड साइबर सिक्योरिटी कंपनी ReliaQuest ने Bleeping Computer के जरिए इस बात की जानकारी दी है। यह हैकिंग ग्रुप अप्रैल 2022 से एक्टिव है और रेनसमवेयर के माध्यम से दुनियाभर के कार्पोरेट्स को टारगेट कर रहा है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स का दावा है कि Black Basta हैकिंग ग्रुप कोंटी साइबर क्राइम सिंडिकेट नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे जून 2022 में बंद कर दिया गया था।

यह खतरनाक हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट नेटवर्क को मुख्य तरीके से टारगेट करता है। कार्पोरेट कंपनियों के सिक्योरिटी सिस्टम में सेंध लगाने के लिए यह ग्रुप सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेता है, ताकि आसानी से हाई सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ा जा सके। पहले भी इस हैकिंग ग्रुप ने कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को बिना वायरस वाले ई-मेल भेजकर हेल्प डेस्क के नाम पर साइबर अटैक किया है।

यह हैकिंग ग्रुप पहले कर्मचारियों को ई-मेल भेजता है, जिसमें वायरस से बचने के लिए हेल्प डेस्क का बहाना बनाया जाता है। कर्मचारियों को जाल में फंसने के बाद हैकिंग ग्रुप उनके सिस्टम का रिमोट एक्सेस लेने के मना लेता है। कर्मचारी आईटी हेल्प डेस्क के नाम पर AnyDesk या फिर अन्य किसी रिमोट डेस्कटॉप टूल का एक्सेस हैकर्स को दे देते हैं। इसके बाद हैकर्स सिस्टम में एंटर करके नेटवर्क का एक्सेस ले लेते हैं।

हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट कर्मचारियों को फोन कॉल्स के अलावाा माइक्रोसॉफ्ट Teams के जरिए कॉन्टेट करता है, ताकि कर्मचारियों को लगे कि सही में IT हेल्प डेस्क से कॉन्टेक्ट किया गया है। हैकर्स द्वारा इस्तेमाल किए गए ई-मेल या फिर Teams के अकाउंट का डिस्प्ले नेम IT Help Desk होता है, जिसकी वजह से कर्मचारी आसानी से उनकी जाल में फंस जाते हैं।

अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि हैकिंग ग्रुप के लोग OneOnOne चैट के जरिए कर्मचारियों के सिस्टम को एक्सेस करते हैं। इस दौरान रिमोट एक्सेस लेने के बाद सिस्टम में Black Basta रेनसमवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जिसके जरिए कर्मचारियों की कंपनियों के नेटवर्क में आसानी से एंट्री हो जाती है। सिक्योरिटी एजेंसी ने इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल या चैटिंग रिक्वेस्ट से बचने की सलाह दी है।

कैसे बचें?

साइबर सिक्योरटी एक्सपर्ट्स की मानें तो इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल को इग्नोर करें और आने वाले ई-मेल का अड्रेस वेरिफाई करें। साथ ही, अपने सिस्टम को रिमोट डेस्कटॉप एक्सेस देने से बचें और जांचने-परखने के बाद ही कोई एक्सेस दें।
Ekko: Where Smart Cards Meet Smart Networking.

 

In today's world, staying ahead means adapting to new ways of connecting. Traditional business cards are rapidly falling out of favor, unable to keep pace with the evolving needs of modern professionals. As the demand for efficiency and convenience skyrockets, innovative networking solutions are no longer just a trend—they're a necessity. Professionals are seeking smarter alternatives that not only simplify the way we connect but also enhance how we manage our valuable relationships.Meet Ekko Network: A New Era in Konnectivity. 

In 2022, Ekko Network stepped onto the scene, bringing a bold new vision to the age-old concept of business cards. By offering an efficient and modern way to store, manage, and share contact information, it is addressing the growing need for convenience and sustainability in professional networking. Its innovative technology allows professionals to enhance their digital presence.

In a tech driven world, transforming the way people communicate and interact in the professional space is something it envisions for. At the heart of this innovation is Ekko’s founder, Tejas Bhuwania. “With smart cards, we’re setting up a new standard for professional connections—one that’s efficient, adaptable, and built for the digital age," he says. Find out more about Tejas and see how it works here.

Be Smart, Carry Smart, Connect Smarter.

 

Ekko provides digital business cards that simplify online presence management, making it easy for clients and collaborators to find you. Powered by Near Field Communication technology, these smart cards enable instant updates without an app and allow effortless profile sharing by consolidating all essential links in one place. With a quick tap on a compatible device or by using a QR code, you can share your profile in just a few seconds, including key details like your name, phone number, and links to social media platforms. You have the option to customize your QR code with either a square or round background. Combining advanced technology with user-friendly features, these cards emerge as a revolutionary tool to streamline the entire networking process in the fastest way possible.

What Makes Ekko Stand Out? Unveiling Key Features:

1. Eco-Friendly - These virtual smart cards provide a versatile and eco-friendly solution, compatible with both iOS and Android devices for seamless sharing. 

Ekko cards eliminate the need for traditional paper cards, reducing waste and supporting cost effective practices.  

With real-time updates, digital cards prevent the frequent reprints and disposal associated with paper cards.  

Transitioning to Ekko cards helps conserve natural resources and minimizes your environmental impact.  

You enhance your brand’s green credentials and appeal to eco-conscious clients.

2. Effortless Sharing & Management

Share your Ekko card via link or QR code without needing an app, allowing for quick networking at events or meetings. Instantly exchange contact information without requiring others to download anything.

Consolidate all your professional and personal links into one easy-to-manage card, simplifying your online presence. Gather your social profiles, websites, and contact details into a single, dynamic card for seamless sharing.

3. Secure Digital Identity - Ekko cards prioritize data privacy, giving users full control over what personal or professional information they choose to share. This empowers users to maintain privacy and avoid sharing unnecessary details, ensuring that only relevant contacts can access their information.

Ensure your digital identity is secure and safeguarded at all times with advanced encryption and security features. Ekko’s platform is designed to protect sensitive information, preventing unauthorized access and offering peace of mind in an increasingly digital world.

Enjoy a lasting, trusted digital identity with lifetime protection, as your Ekko card remains up-to-date and secure. No need for frequent changes or updates—your digital identity is built to last, supporting your professional and personal connections for years to come.

4. Customizable Digital Cards for Your Brand - Ekko cards offer a unique feature that allows users to customize their digital cards, ensuring they authentically represent their personal or business brand. 

Users can effortlessly update essential details in real-time, guaranteeing that contacts always have the most accurate information.  

Whether changing your phone number, updating social media handles, or refreshing your website link, keeping your card up to date has never been easier.

5. Email Signature - Create polished, brand-compliant email signatures effortlessly with Ekko.

Unified Team Management: Manage your team’s email signatures from one centralized dashboard. Use templates, group settings, and bulk actions to streamline the process and save time.

Effortless Email Compatibility: Our signature generator works seamlessly with any email provider. Follow a simple step-by-step guide to apply your new signature effortlessly.

6. Follow-Up Emails - Enhance follow-up emails by attaching useful resources, such as educational materials or marketing content, making every message more valuable and engaging for recipients.

Tailored Personalization for Higher Engagement: Boost email responses by using dynamic fields like {Lead Name} and {Lead Company} in subject lines. Personalizing your emails captures attention and increases open rates.

Enhance Follow-ups with Targeted Attachments: Include valuable educational or marketing materials in your follow-ups. Customize email templates with unique attachments to provide relevant content to your leads.

7. Lead Capture - Ekko simplifies lead capture and management, offering a seamless way to collect, organize, and follow up with prospects. From real-time tracking to form customization and compliance, Ekko ensures your leads are efficiently managed and integrated into your workflow.

Track Your Leads in Real-Time: Capture and integrate leads instantly into your CRM, setting up custom workflows and automations to streamline your follow-up process.

Customize Your Lead Forms: Design lead forms with various elements like text fields, multiple-choice options, and checkboxes to gather essential information and tailor your data collection.

Effortlessly Scan and Sync: Use Ekko’s in-app scanner to capture leads from business cards, event badges, or QR codes. Auto-sync leads to your CRM, reducing manual data entry and improving efficiency.

8. Zoom Meeting Background - Ekko provides stylish virtual Zoom backgrounds featuring QR codes, professionals can turn meetings into networking opportunities, allowing them to make meaningful connections.

Effortless Customization: Design a unique background with images, colors, logos, and your QR code. Any updates to your digital card automatically refresh the QR code in your background.

Compatibility with All Platform: Ekko’s virtual backgrounds integrate seamlessly with Zoom, Microsoft Teams, Google Meet, and more, ensuring a polished look across all meeting platforms.

Turn Meetings Into Opportunities: Highlight your expertise and attract leads with a QR code on your background. Make it easy for attendees to connect with you and capture leads effortlessly during virtual interactions.

Be Part of the Change with Ekko!

These NFC powered Cards stand out as a beacon of innovation and sustainability. By combining modern technology with ease of use, they are redefining how we build and maintain professional connections. Transitioning to Ekko means embracing a smarter, more efficient way to build lasting relationships in the professional world.

For more information, visit their official website and discover how you can simplify your professional presence today!

మైక్రోసాఫ్ట్‌ ఎర్రర్‌పై స్పందించిన సీఈవో సత్యనాదెళ్ల

శుక్రవారం ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్ (Microsoft) సర్వర్లు నిలిచిపోయిన విషయం తెలిసిందే. దీని ప్రభావం ప్రపంచ వ్యాప్తంగా తీవ్రంగా ఉంది. సర్వర్లలో లోపం కారణంగా ప్రపంచమే ఆగిపోయేలా చేసింది.

బ్యాంకుల నుండి విమానయాన సంస్థల వరకు సేవలకు అంతరాయం ఏర్పడింది. దీని కారణంగా ఇండిగో, అకాసా ఎయిర్‌లైన్స్, స్పైస్‌జెట్‌తో సహా అనేక విమానయాన సంస్థలు తమ విమానాలను గ్రౌండ్ చేయవలసి వచ్చింది...

శుక్రవారం ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్ (Microsoft) సర్వర్లు నిలిచిపోయిన విషయం తెలిసిందే. దీని ప్రభావం ప్రపంచ వ్యాప్తంగా తీవ్రంగా ఉంది. సర్వర్లలో లోపం కారణంగా ప్రపంచమే ఆగిపోయేలా చేసింది. బ్యాంకుల నుండి విమానయాన సంస్థల వరకు సేవలకు అంతరాయం ఏర్పడింది.

దీని కారణంగా ఇండిగో, అకాసా ఎయిర్‌లైన్స్, స్పైస్‌జెట్‌తో సహా అనేక విమానయాన సంస్థలు తమ విమానాలను గ్రౌండ్ చేయవలసి వచ్చింది. విమాన కార్యకలాపాలకు అంతరాయం కలిగింది. దీంతో పెద్ద సంఖ్యలో ప్రజలు ఇబ్బందులు పడ్డారు. దీంతో బ్యాంకులు, స్టాక్ ఎక్స్ఛేంజీల పనితీరుపైనా ప్రభావం పడింది. చాలా మంది విండోస్ వినియోగదారులు బ్లూ స్క్రీన్ ఆఫ్ డెత్ (BSOD) ఎర్రర్‌ను చూస్తున్నారు.

సర్వర్లలో అంతరాయం ఏర్పడటంతో ప్రపంచవ్యాప్తంగా పలు విమానాశ్రయాల్లో సేవలు నిలిచిపోయాయి. దీంతో పలు కంపెనీల విమానాలు ఎగరలేకపోతున్నాయి. టికెట్ బుకింగ్ నుండి చెక్-ఇన్ వరకు సమస్యలు ఉన్నాయి. భారతదేశంలోని అనేక విమానాశ్రయాలు కూడా సాంకేతిక సమస్యలను ఎదుర్కొన్నాయి. అయితే సమస్య పరిష్కారం అయినా ఇంకా పూర్తి స్థాయిలో విండోస్‌ సిస్టమ్స్‌లో బ్లూ స్క్రీన్ ఎర్రర్‌ సమస్య తొలగలేదు. దేశవ్యాప్తంగా 200కిపైగా విమానాల రద్దు అయ్యాయి. ఇండిగో 192 విమానాలను రద్దు చేసింది. అలాగే అమెరికా, ఆస్ట్రేలియాలో ఇంకా ఇబ్బందులు తొలగలేదు. అమెరికా, డల్లాస్‌, చికాగోలో విమానాలు 18 గంటల పాటు ఆలస్యంగా నడుస్తున్నాయి. ప్రపంచవ్యాప్తంగా మైక్రోసాఫ్ట్‌ వినియోగదారులు తీవ్ర కష్టాలను ఎదుర్కొన్నారు. ఔటేజ్‌ సమస్యతో 77 శతం విమాన సర్వీసులకు అంతరాయం ఏర్పడింది.

ఇదిలా ఉండగా, దీనిపై మైక్రోసాఫ్ట్‌ CEO సత్యనాదెళ్ల స్పందించారు. ప్రపంచవ్యాప్తంగా ఐటీ సిస్టమ్స్‌పై ప్రభావం కనిపించిందని, ఈ సమస్య పరిష్కారం కోసం క్రౌడ్‌ స్ట్రైక్‌తో కలిసి పనిచేస్తున్నామని అన్నారు. ప్రపంచ చరిత్రలోనే ఇది అతిపెద్ద సంక్షోభమని వ్యాఖ్యానించారు.

త్వరలోనే పరిష్కారం చూపుతామన్నారు. శని, ఆదివారాలు కావడంతో సర్వర్లపై తక్కువ ఒత్తిడి ఉందని, సమస్యను పరిష్కరిస్తామని తెలిపారు. వినియోగదారులకు క్లౌడ్‌ స్ట్రెక్‌ సీఈవో క్షమాపణలు చెప్పారు. ఔటేజ్‌ సమస్యేనని, సైబర్‌ అటాక్‌ కాదని ప్రకటించారు. ఇదిలా ఉంటే మైక్రోసాఫ్ట్‌ కంపెనీకి కొత్త చిక్కులు వస్తున్నాయి. జరిగిన నష్టాలపై పలు కంపెనీలు దావా వేయనున్నట్లు తెలుస్తోంది.

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी, भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकिग समेत कई सेवाएं प्रभावित

#microsoft_reports_major_service_outage_affecting_users_worldwide_airlines 

आज दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप अचानक बंद पड़ गए हैं। इसके चलते तमाम विमान कंपनियों, माडिया हाउस और बैंक का कामकाज ठप पड़ गया है। देश और दुनिया में सर्वर ठप से हाहाकार मच गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई समस्या के चलते ऐसा हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस के ठप होने के कारण भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की एयरलाइंस प्रभावित हुई हैं। कई एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इस आउटेज के कारण फ्लाइट बुकिंग, कैंसिलेशन से लेकर चेक-इन तक की सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वो इस समस्या की जांच कर रहे हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था जिसके बाद MS विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई दिक्कत की वजह से अन्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।

दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट में चेक इन का काम मैन्युअल मॉड से हो रहा है। सर्वर ठप का बहुत ज्यादा असर नहीं है लेकिन काम धीरे-धीरे हो रहे हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की तुलना में t2 टर्मिनल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।बताया जा रहा है कि जो भी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर हैं, उनके कामों पर असर पड़ रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी की वजह से अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फ्रंटियर एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा है कि सर्वर में आई समस्या की वजह से 131 फ्लाइट रद्द कर दी गई है। 200 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। इस गड़बड़ी के चलत अमेरिकी इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हुई है।

भारत में लोकसभा चुनावों में AI के जरिए प्रभावित कर सकता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट ने किया सतर्क

#microsoftwarnedindiachinamisuseailoksabha_elections

भारत में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इससे पहले सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है। चुनाव में किसी तरह की अशांति और धांधली ना हो इसकी तैयारी की जा रही है। इस बीच अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से भारत के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि भारत में आम चुनाव के दौरान चीन एआई टेक्नोलॉजी का मिसयूज कर के चुनाव पर असर डाल सकती है। कंपनी ने इस दौरान हैकिंग की कोशिश को लेकर भी चेतावनी दी है। टेक कंपनी की थ्रेट इंटेलीजेंस टीम का अनुमान है कि, चीन सरकार के साइबर ग्रुप इस साल होने वाले अहम चुनावों को निशाना बनाएंगे और इसमें उत्तर कोरिया की भी भूमिका हो सकती है। इस साल दुनिया भर में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों के साथ हमारा आकलन है कि चीन एआई पर कंटेंट जनरेटे कर रहा है।

हैकर्स के लिए एआई प्रमुख हथियार बना

कंपनी का कहना है कि हैकर्स के लिए एआई एक प्रमुख हथियार बन गया है, जो आसानी से वीडियो मॉर्फ (छेड़छाड़ करना) कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुलासा किया है कि चीन चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई की मदद से सामग्री बनाने और उसे वायरल करने की योजना बना रहा है। एआई की मदद से प्रसिद्ध हस्तियों की आवाज बदली जा सकती है और उन्हें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से शेयर किया जा सकता है, जो इसे वायरल होने और लाखों लोगों तक पहुंचने में मदद करता है।

ताइवान के चुनाव में चीन ने किया था दुष्प्रचार

रिपोर्ट में जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एआई-की मदद से दुष्प्रचार अभियान में चीन के पिछले प्रयास की भी जानकारी दी गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी उपयोग किया गया था। यह विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई की मदद से बनाए गए कंटेट का उपयोग करने वाली चीनी सरकार समर्थित साइबर एजेंसी का पहला कारनामा है। बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पामौफ्लैज के नाम से जाना जाता है, इस अवधि के दौरान विशेष रूप से सक्रिय था। वह यूट्यूब पर नकली सामग्री पोस्ट कर रहा था और विजेता उम्मीदवार के बारे में एआई-जनरेटेड मीम्स बना रहा था।

*यूपी की बेटी आकांक्षा ने डिजिटल टूल से मनोरंजन की दुनिया में हासिल किया मुकाम*
*अयोध्या की बेटी आकांक्षा ने अमेरिका में शुरू किया स्टार्टअप* *अमेरिका में स्नातक की पढ़ाई के बाद विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों में की नौकरी* *अयोध्या जिले के पूरे मेदई सिंह की निवासी है आकांक्षा सिंह* *आकांक्षा ने बैकड्रॉप (Backdrop) Startup से अमेरिका में भी बनाई पहचान* *विश्व प्रसिद्ध Forbes मीडिया कंपनी ने Forbes 30 Under 30 में शामिल किया आकांक्षा का नाम* उत्तर प्रदेश अयोध्या जिले की बेटियों ने हर क्षेत्र में यह साबित कर दिखाया है कि यदि हौसला और हिम्मत हो तो कोई काम मुश्किल नहीं है,और यदि सच्ची लगन और परिश्रम किया जाए तो कोई भी बाधा लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। इंटरनेशनल शहर की ओर अग्रसर भगवान श्रीराम की नगरी रामनगर अयोध्या जिले की तहसील सोहावल के छोटे से गांव पूरे मेडई सिंह में आकांक्षा सिंह ने इंटरनेट,बिजली के अभाव में भी सफलता हासिल कर विश्व शक्ति अमेरिका में अपना परचम लहराया है। *यूपी की रहने वाली है आकांक्षा,कम संसाधनों से शुरू की प्रारम्भिक शिक्षा* बेटी आकांक्षा सिंह की शिक्षा अयोध्या जिले के एक कस्बे में स्थित साकेत शिक्षा निकेतन रानी बाज़ार व गुरुनानक अकादमी में हुई है। इसके बाद ही माता पिता के साथ पर राजधानी लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल में दाखिला हुआ। आकांक्षा सिंह बताती है कि गाँव के जीवन से शहर के स्कूल में स्थानांतरित होना शुरू में कठिन था,लेकिन मैंने चुनौतियों पर विजय प्राप्त की और शीर्ष छात्रों में से एक बनकर उभरी। उन्होंने ने स्कूल में कैप्टन बनने के साथ साथ लगातार पुरस्कार अर्जित भी किया।जिनमें ऑल राउंडर ऑफ द ईयर,बेस्ट स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर,मोस्ट प्रॉमिसिंग स्टूडेंट ऑफ द ईयर हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट 96.6% अंक हासिल किया और 1 2वी में लखनऊ यूपी में उच्चतम रैंकिंग हासिल करते हुए 94% फीसदी अंक हासिल किया। *शून्य से शिखर तक चुनौती भरा रहा अमेरिका पहुंचने का आकांक्षा का सफर* आकांक्षा ने बताया कि गुरु नानक अकादमी ने मुझे गाँव के बाहर का जीवन दिखाने में मदद की,लेकिन जब तक मैं लखनऊ और दिल्ली में अपने चचेरे भाइयों से नहीं मिली थी,तब तक मुझे शिक्षा,जीवन की गुणवत्ता और हमारे घर में संसाधनों की कमी में अंतर का एहसास नहीं हुआ। इन्ही चुनौतियों से प्रेरित होकर, मैंने अपने पिता राजेन्द्र प्रसाद सिंह व माता स्वर्गीय ऊषा सिंह के अथक प्रयासों को देखते हुए प्रयास करने से हार नही मानी। अंततः कई वर्षों सँघर्ष के बाद मुझे अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी मे दाखिला मिल गया।
आकांक्षा का नाम मिशिगन विश्वविद्यालय,यूएसए (कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ साइंस) में स्नातक की और शीर्ष 5% छात्रों में शामिल रहा। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान विशिष्ट नेतृत्व पुरस्कार, विश्वविद्यालय सम्मान और कई अन्य पुरस्कार अर्जित भी किए। *अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से मिला प्लेसमेंट* मिशिगन विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नेक्सटीर ऑटोमोटिव(Nexteer Automotive) में इंटर्नशिप किया। इसके बाद वर्ष 2016 से 2017 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मॉर्गन एंड चेस (JP Morgan & Chase) शिकागो और न्यूयॉर्क सिटी, यूएसए के रूप में काम किया। कॉलेज से स्नातक होने के बाद वर्ष 2018- 2022 तक आकांक्षा ने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) सिएटल शहर में एक प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में नौकरी हासिल की। माइक्रोसॉफ्ट के बाद उबर (Uber) सिएटल में भी मैनेजर के रूप में काम किया। *अयोध्या की बेटी का अमेरिका में स्टार्टअप,अब दे रही नौकरी* आकांक्षा ने बताया कि नौकरी में अनुभव लेने के बाद उन्होंने दोस्त के साथ मिलकर 2022 के अंत में एक निजी कंपनी शुरू करने का फ़ैसला लिया। आकांक्षा ने अच्छे खासे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर दुनिया के उस स्टार्टअप के रास्ते को चुना जो सिर्फ सफलता की उम्मीद 2% होती है।आकांक्षा ने अपना बिज़नेस शुरू करने से पहले वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) के तहत शुरू हुए एयरबीएनबी (AirBnb) स्ट्राइप (Stripe) रेज़रपे (Razorpay),Zepto के स्टार्टअप का अध्ययन किया। इसके बाद वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) के साथ मिलकर बैकड्रॉप (Backdrop) के नाम से स्टार्टअप शुरू कर दुनिया भर में मनोरंजन उद्योग को सेवा प्रदान कर रही है। *क्या है बैक ड्राप स्टार्टअप* बैकड्रॉप (Backdrop) स्टार्टअप में दुनिया भर के प्रोडक्शंस कंपनियों की (फिल्में,टीवी,विज्ञापन, इवेंट) के लिए सबसे तेज़ प्री-अकाउंटिंग टूल का काम करता है। Backdrop मनोरंजन उद्योग में वित्त और दैनिक कार्यों का प्रबंधन करता है। Backdrop एक ऐसी दुनिया बनाने में जुटा है जहां प्रोडक्शन में जरूरतों के लिए एकल,कुशल और सुव्यवस्थित मंच तैयार हो। आकांक्षा व उनके दोस्त Caitlin ने आशाजनक शुरुआत से नि संदेह कहा जा सकता है कि वह अपने दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने की दिशा बहुत करीब हैं। *FORBES 30 UNDER 30 (फोर्ब्स 30 अंडर 30) में आकांक्षा का चयन* विश्व प्रसिद्ध फोर्ब्स (Forbes) एक मीडिया और प्रकाशन कंपनी ने Backdrop की Cofounder आकांक्षा सिंह (Akanksha Singh (Backdrop Cofounder) को FORBES 30 UNDER 30 में शामिल किया है। फोर्ब्स मीडिया अपनी पत्रिका और सूचियों के लिए जाना जाता है जो अरबपतियों से लेकर कॉलेजों तक को रैंक करती है।