तहव्वुर राणा के बाद मेहुल चोकसी का होगा प्रत्यर्पण, जानें भारत लाने में क्या मुश्किलें?

#mehulchoksiarrested_extradition

मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। 13500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी इलाज करवाने बेल्जियम गया था। सीबीआई और ईडी के कहने पर बेल्जियम पुलिस ने उसे अस्पताल से ही हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही भगोड़े हीरा कारोबारी को अब भारत लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत और बेल्जियम के बीच अंग्रेजी शाषण के दौरान 1901 में ही प्रत्यर्पण संधि हुई थी और इसी आधार पर चोकसी पर शिकंजा कस गया है।

“भारत वापस लाना आसान नहीं होगा”

भगोड़े मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसिल-ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने कहा, यह बहुत अच्छी खबर है। हम उन सभी लोगों के लिए बहुत खुश हैं, जिन्हें भारत में मेहुल चोकसी ने धोखा दिया था। यह भी जरूरी है कि हम न सिर्फ उसे भारत वापस लाएं बल्कि जो पैसा उसने लूटा उसको भी वापस लाया जाए।

मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर उन्होंने आगे कहा, प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है। उसका बटुआ भरा हुआ है और वह यूरोप में सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है। भारत के लिए उसे वापस लाना आसान नहीं है। भले ही वह एंटीगुआ में पकड़ा गया था, लेकिन वो वहां से निकलने में कामयाब रहा क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बेड़ा था। भारत सरकार के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बार सफल होगी।

चोकसी ने फिर चली चाल

इधर, चोकसी ने फिर एक चाल चल दी है, जिससे भारत लाना मुश्किल हो सकता है। बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने अपने खराब सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत मांगी है। उसकी ओर से कहा गया है कि इलाज कराने के लिए बेल्जियम आया था और अपनी पत्नी के साथ एंट्वर्प में रह रहा था।

“भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं मेहुल चोकसी”

वहीं, न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, मेहुल चोकसी को अभी तक भारत सरकार की तरफ से ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया गया है। उनकी गिरफ्ताती के बाद अब वहां अपील की जाएगी कि ये उन्हें कस्टडी में नहीं रखा जाए। इसका नियम है कि जब केस दर्ज किया जाता है और उसके बाद अगर वो देश छोड़कर भागता तो गलत होता। हम आज भी कहते हैं कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनका बयान ले सकती है।

क्या है मामला?

2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बैंक का दावा था कि इन सभी अभियुक्तों ने बैंक के अधिकारियों के साथ साजिश रची और बैंक को नुकसान पहुंचाया। इस शिकायत में उन पर 280 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था।

पीएनबी लोन घोटाले का आरोपी भगोड़ा मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, जानें कैसे फंसा जाल में

#mehulchoksiarrestedinbelgium

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। बेल्जियम पुलिस चोकसी को शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया। भारत की प्रत्यर्पण की अपील के बाद बेल्जियम में यह कार्रवाई की गई है। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बेल्जियम में संबंधित विभाग और अधिकारियों से मेहुल पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजा था, जिसमें चोकसी की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, क्योंकि उसे उस देश में देखा गया था। जिसके बाद उसे दबोच लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, चोकसी की गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हुई थी। वह कैंसर का इलाज कराने के बहाने बेल्जियम पहुंचा था। चोकसी ने बेल्जियम में भारत और एंटीगुआ की नागरिकता की बात छिपाई थी। वहां से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। मगर इससे पहले वह भारतीय जांच एजेंसियों के जाल में फंस गया। भारतीय जांच एजेंसियां ईडी और सीबीआई इसे ट्रैक कर रहे थे। जानकारी मिलते ही बेल्जियम की जांच एजेंसियों को अलर्ट किया गया।

भारत कब से मेहुल चोकसी की तलाश में था। मेहुल चोकसी को भारत की रिक्वेस्ट पर ही बेल्जियम सरकार ने अरेस्ट किया है। चोकसी से जुड़े तमाम दस्तावेज और ओपन अरेस्ट के कागजात भी बेल्जियम एजेंसियों से शेयर किए गए। इसके बाद बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी को पकड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय मुंबई की एक अदालत की ओर से उसके खिलाफ जारी किए गए दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया। वारंट 23 मई, 2018 और 15 जून, 2021 की तारीख के थे।

चोकसी ने मांगी जमानत

बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी है। चोकसी के वकील का कहना है कि उसका मुवक्किल बीमार है। इसलिए उन्हें जमानत देते हुए रिहा कर देना चाहिए। वकील ने बताया कि चोकसी इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा से बेल्जियम आए थे और अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहे थे। यहां उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

डोमिनिका में भी हो चुका है गिरफ्तार

मेहुल साल 2017 में इसने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। इसके एक साल बाद यानी 2018 में मेहुल चोकसी परिवार के साथ एंटीगुआ फरार हुआ था। वहीं, साल 2021 के आखिरी में वह एंटीगुआ से फरार हो गया था। इससे पहले चोकसी डोमिनिका में भी एक बार पकड़ा जा चुका है लेकिन 51 दिन जेल में रहने के बाद इसे ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी कौंसिल से राहत मिल गई थी।

मेहुल चोकसी भारत में वांछित

मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए वांछित है। वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प (बेल्जियम) में रह रहा है। उसके पास एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता है। वह इलाज के लिए द्वीप राष्ट्र से बाहर गया था। उनके भतीजे नीरव मोदी भी इसी मामले में सह-आरोपी है। उसे भी लंदन से प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले वह जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था।

भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने हटाया रेड कॉर्नर नोटिस, जानें क्या है वजह

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2 अरब डॉलर के पीएनबी लोन फ्रॉड केस में आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को इटरपोल ने वापस ले लिया है। इंटरपोल की नजर में अब मेहुल चोकसी भगोड़ा नहीं रहा है। अब वह भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में कहीं भी आराम से आ जा सकता है। ये भारत के लिए बुरी खबर है क्योंकि मेहुल चोकसी वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं।

यह फैसला चोकसी द्वारा एंटीगुआ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करने के बाद आया है। इसमें भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। मेहुल चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए।इसी घटना और चोकसी की अर्जी ने इंटरपोल के फैसले को उलटने में महती भूमिका निभाई है।

अपने आदेश में इंटरपोल ने कहा कि इस बात की विश्वसनीय संभावना है कि आवेदक का एंटीगुआ से डोमिनिका में अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था। इंटरपोल ने कहा कि मेहुल चोकसी को वापस लौटने पर "निष्पक्ष परीक्षण या उपचार प्राप्त नहीं करने" के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।

चोकसी की तरफ से जारी किया गया बयान

इंटरपोल के इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी के प्रवक्ता का भी बयान आया है। बयान में कहा गया, एंटीगुआन पुलिस की रिपोर्ट और एंटीगुआ में चल रही हाई कोर्ट की कार्यवाही में चोकसी द्वारा पेश किए गए सबूत, भारत सरकार द्वारा अपहरण, यातना और प्रस्तुतीकरण के राज्य प्रायोजित मामले के एक खतरनाक मामले की ओर इशारा करते हैं। ये रेड कॉर्नर नोटिस का हटाया जाना इन चिंताओं को मजबूत करता है।

अब दुनियाभर में यात्रा कर सकता है चोकसी

रेड नोटिस ने चोकसी को 192 सदस्य देशों में भगोड़ा घोषित कर दिया और एंटीगुआ पासपोर्ट पर 32 देशों में बिना वीजा के यात्रा को भी बैन कर दिया। नोटिस को वापस लेने जिसे रेड कॉर्नर नोटिस या आरसीएन के रूप में भी जाना जाता है का मतलब है चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।

तहव्वुर राणा के बाद मेहुल चोकसी का होगा प्रत्यर्पण, जानें भारत लाने में क्या मुश्किलें?

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मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। 13500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी इलाज करवाने बेल्जियम गया था। सीबीआई और ईडी के कहने पर बेल्जियम पुलिस ने उसे अस्पताल से ही हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही भगोड़े हीरा कारोबारी को अब भारत लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत और बेल्जियम के बीच अंग्रेजी शाषण के दौरान 1901 में ही प्रत्यर्पण संधि हुई थी और इसी आधार पर चोकसी पर शिकंजा कस गया है।

“भारत वापस लाना आसान नहीं होगा”

भगोड़े मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसिल-ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने कहा, यह बहुत अच्छी खबर है। हम उन सभी लोगों के लिए बहुत खुश हैं, जिन्हें भारत में मेहुल चोकसी ने धोखा दिया था। यह भी जरूरी है कि हम न सिर्फ उसे भारत वापस लाएं बल्कि जो पैसा उसने लूटा उसको भी वापस लाया जाए।

मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर उन्होंने आगे कहा, प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है। उसका बटुआ भरा हुआ है और वह यूरोप में सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है। भारत के लिए उसे वापस लाना आसान नहीं है। भले ही वह एंटीगुआ में पकड़ा गया था, लेकिन वो वहां से निकलने में कामयाब रहा क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बेड़ा था। भारत सरकार के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बार सफल होगी।

चोकसी ने फिर चली चाल

इधर, चोकसी ने फिर एक चाल चल दी है, जिससे भारत लाना मुश्किल हो सकता है। बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने अपने खराब सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत मांगी है। उसकी ओर से कहा गया है कि इलाज कराने के लिए बेल्जियम आया था और अपनी पत्नी के साथ एंट्वर्प में रह रहा था।

“भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं मेहुल चोकसी”

वहीं, न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, मेहुल चोकसी को अभी तक भारत सरकार की तरफ से ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया गया है। उनकी गिरफ्ताती के बाद अब वहां अपील की जाएगी कि ये उन्हें कस्टडी में नहीं रखा जाए। इसका नियम है कि जब केस दर्ज किया जाता है और उसके बाद अगर वो देश छोड़कर भागता तो गलत होता। हम आज भी कहते हैं कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनका बयान ले सकती है।

क्या है मामला?

2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बैंक का दावा था कि इन सभी अभियुक्तों ने बैंक के अधिकारियों के साथ साजिश रची और बैंक को नुकसान पहुंचाया। इस शिकायत में उन पर 280 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था।

पीएनबी लोन घोटाले का आरोपी भगोड़ा मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, जानें कैसे फंसा जाल में

#mehulchoksiarrestedinbelgium

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। बेल्जियम पुलिस चोकसी को शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया। भारत की प्रत्यर्पण की अपील के बाद बेल्जियम में यह कार्रवाई की गई है। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बेल्जियम में संबंधित विभाग और अधिकारियों से मेहुल पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजा था, जिसमें चोकसी की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, क्योंकि उसे उस देश में देखा गया था। जिसके बाद उसे दबोच लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, चोकसी की गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हुई थी। वह कैंसर का इलाज कराने के बहाने बेल्जियम पहुंचा था। चोकसी ने बेल्जियम में भारत और एंटीगुआ की नागरिकता की बात छिपाई थी। वहां से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। मगर इससे पहले वह भारतीय जांच एजेंसियों के जाल में फंस गया। भारतीय जांच एजेंसियां ईडी और सीबीआई इसे ट्रैक कर रहे थे। जानकारी मिलते ही बेल्जियम की जांच एजेंसियों को अलर्ट किया गया।

भारत कब से मेहुल चोकसी की तलाश में था। मेहुल चोकसी को भारत की रिक्वेस्ट पर ही बेल्जियम सरकार ने अरेस्ट किया है। चोकसी से जुड़े तमाम दस्तावेज और ओपन अरेस्ट के कागजात भी बेल्जियम एजेंसियों से शेयर किए गए। इसके बाद बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी को पकड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय मुंबई की एक अदालत की ओर से उसके खिलाफ जारी किए गए दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया। वारंट 23 मई, 2018 और 15 जून, 2021 की तारीख के थे।

चोकसी ने मांगी जमानत

बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी है। चोकसी के वकील का कहना है कि उसका मुवक्किल बीमार है। इसलिए उन्हें जमानत देते हुए रिहा कर देना चाहिए। वकील ने बताया कि चोकसी इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा से बेल्जियम आए थे और अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहे थे। यहां उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

डोमिनिका में भी हो चुका है गिरफ्तार

मेहुल साल 2017 में इसने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। इसके एक साल बाद यानी 2018 में मेहुल चोकसी परिवार के साथ एंटीगुआ फरार हुआ था। वहीं, साल 2021 के आखिरी में वह एंटीगुआ से फरार हो गया था। इससे पहले चोकसी डोमिनिका में भी एक बार पकड़ा जा चुका है लेकिन 51 दिन जेल में रहने के बाद इसे ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी कौंसिल से राहत मिल गई थी।

मेहुल चोकसी भारत में वांछित

मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए वांछित है। वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प (बेल्जियम) में रह रहा है। उसके पास एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता है। वह इलाज के लिए द्वीप राष्ट्र से बाहर गया था। उनके भतीजे नीरव मोदी भी इसी मामले में सह-आरोपी है। उसे भी लंदन से प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले वह जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था।

भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने हटाया रेड कॉर्नर नोटिस, जानें क्या है वजह

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2 अरब डॉलर के पीएनबी लोन फ्रॉड केस में आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को इटरपोल ने वापस ले लिया है। इंटरपोल की नजर में अब मेहुल चोकसी भगोड़ा नहीं रहा है। अब वह भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में कहीं भी आराम से आ जा सकता है। ये भारत के लिए बुरी खबर है क्योंकि मेहुल चोकसी वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं।

यह फैसला चोकसी द्वारा एंटीगुआ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करने के बाद आया है। इसमें भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। मेहुल चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए।इसी घटना और चोकसी की अर्जी ने इंटरपोल के फैसले को उलटने में महती भूमिका निभाई है।

अपने आदेश में इंटरपोल ने कहा कि इस बात की विश्वसनीय संभावना है कि आवेदक का एंटीगुआ से डोमिनिका में अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था। इंटरपोल ने कहा कि मेहुल चोकसी को वापस लौटने पर "निष्पक्ष परीक्षण या उपचार प्राप्त नहीं करने" के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।

चोकसी की तरफ से जारी किया गया बयान

इंटरपोल के इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी के प्रवक्ता का भी बयान आया है। बयान में कहा गया, एंटीगुआन पुलिस की रिपोर्ट और एंटीगुआ में चल रही हाई कोर्ट की कार्यवाही में चोकसी द्वारा पेश किए गए सबूत, भारत सरकार द्वारा अपहरण, यातना और प्रस्तुतीकरण के राज्य प्रायोजित मामले के एक खतरनाक मामले की ओर इशारा करते हैं। ये रेड कॉर्नर नोटिस का हटाया जाना इन चिंताओं को मजबूत करता है।

अब दुनियाभर में यात्रा कर सकता है चोकसी

रेड नोटिस ने चोकसी को 192 सदस्य देशों में भगोड़ा घोषित कर दिया और एंटीगुआ पासपोर्ट पर 32 देशों में बिना वीजा के यात्रा को भी बैन कर दिया। नोटिस को वापस लेने जिसे रेड कॉर्नर नोटिस या आरसीएन के रूप में भी जाना जाता है का मतलब है चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।