आप बंगाल-बिहार-ओडिशा कब्जा लेंगे और हम क्या बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे”, बीएनपी नेता के बयान पर भड़कीं ममता

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बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां के कट्टरपंथी तत्वों के उभार के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) नेताओं की ओर से भारत को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पलटवार करते हुए कड़ा संदेश दिया। ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि वो बिहार पर कब्जा करेंगे। ओडिशा पर कब्जा करेंगे। मैं उनसे कहती हूं कि भाई आप अच्छे रहिए, स्वस्थ रहिए और सुंदर रहिए। आपमें तो क्या किसी में भी इतनी बड़ी हिम्मत नहीं है कि वो बांगला, बिहार और ओडिशा सब पर कब्जा कर लेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे। ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है।दरअसल बांग्लादेश के कुछ नेताओं ने हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि बंगाल, बिहार और ओडिशा पर बांग्लादेश के वैध दावा है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत में विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा सभा में बांग्लादेश का मुद्दा उठाया।सोमवार को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि वह पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने साफ कहा कि हिंदू या मुसलमान दंगा नहीं करते हैं। दंगा कुछ असामाजिक लोग करते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से शांत रहने और बांग्लादेश में दिए जा रहे उत्तेजक बयानों से गुस्सा न होने का आग्रह किया। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल हमेशा केंद्र द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहेगा।

ममता बनर्जी ने भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने की अपील करते हुए कहा कि हमारे यहां के इमामों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'हिंदुओं और मुसलमानों तथा अन्य सभी समुदायों की रगों में एक ही खून बहता है। हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पश्चिम बंगाल में स्थिति को खराब न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां जाति, पंथ या समुदाय से ऊपर उठकर लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही मीडिया से भी पड़ोसी देश की स्थिति पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी तृणमूल कांग्रेस, विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे विदेश सचिव बातचीत के लिए बांग्लादेश में हैं। हमें इस मुद्दे पर जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए। हम जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारा देश एकजुट है।

बता दें कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है।

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

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हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

*Have Not Come Here as CM But As Your Didi: Mamata Banerjee Visits Swasthya Bhavan Agitation Site To Appeal To Doctors In A Surprise Visit*

SB News Bureau: In an unprecedented move showing what pro-people leaders look like, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee set an example on Saturday and made a surprise visit at the Swasthya Bhavan agitation site to talk to protesting junior doctors and assured them of government action. Issuing an appeal to agitating doctors to withdraw their strike as their 'Didi' and "elder sister", she said she supports their demands for justice.

The development comes 2 days after doctors had refused to hold dialogue with her at Nabanna, where the CM waited for 2 hours due to an impasse over livestreaming the discussion. While the government offered an option to record the meeting as legal limitations did not allow for livestreaming a discussion on a sub-judice matter, the doctors rejected the offer and continued the deadlock.

"I am not here as the Chief Minister but as your Didi as your elder sister. I urge you to return to work. I support your movement for justice," she told the agitating doctors on Saturday, reiterating her demands for justice for the RG Kar victim and capital punishment for the perpetrators.

"Despite safety concerns, I have come here because I support your movement. You couldn't sleep amid rain and storm last night. Even I couldn't sleep. I feel your pain. Even I couldn't sleep for 34 days because your safety matters to us." she added.

Pledging her support to the cause, Mamata Banerjee assured protesting doctors that she would look into all their demands. "We have already initiated the renovation work of the state-run hospitals and will revamp the health infrastructure...We will form new Rogi Kalyan Samitis...No culprit is my friend and will not be spared if found guilty," she added.

The Chief Minister also said no action would be taken against the protesting doctors. "It is my earnest request to you. Discuss among yourselves and make a decision. Please return to work. You are like my brother and sisters and I have sympathy for you. I will not take any action against you. This is not UP. They had implemented ESMA and stopped all sorts of strikes and rallies. But be rest assured, I will not do anything of this sort. I am against taking any action against the doctors. I know that you do noble work. The seniors [doctors] need you. Think about my proposal,"If I can come to this protest site to stand by you, I can also ensure justice and listen to your demands."

अब क्या “खेला” करने वालीं है ममता दीदी ? नीति आयोग की बैठक में होंगी शामिल, पीएम से मुलाकात का भी प्लान

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कब कौन सी चाल चल देंगी, ये कहना मुश्किल है। राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन की एक सबसे अहम साझेदार है टीएमसी। लेकिन, यह पार्टी अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरी की वजह से इंडिया गठबंधन के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रही है। अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के 2 दांव ने इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पहला तो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने की घोषणा और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की घोषणा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हो रही है। गठबंधन के दूसरे मुख्यमंत्री नीति आयोग की इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं आ रहे हैं। इस तरह से विपक्ष शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल न होने की घोषणा कर दी है। लेकिन ममता बैठक में शामिल होने जा रही है. बैठक 27 जुलाई को होनी है।

इससे पहले माना जा रहा था कि 27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगी। बैठक में ममता बैनर्जी क्यों शामिल हो रही हैं ये तो वे और उनकी पार्टी ही बता सकती है। लेकिन ये तो दिख रहा है कि उनके लिए इंडिया गठबंधन की कोई खास अहमियत नहीं है। पश्चिम बंगाल में उन्होंने एकला चलो का राग अलापा था। उनकी पार्टी टीडीपी अकेले ही पश्चिम बंगाल में लड़ी। यही नहीं टीडीपी मुखिया अपने भाषणों में लगातार बीजेपी के साथ कांग्रेस और लेफ्ट को बराबर का दुश्मन भी बताती रही।

पिछले साल ममता ने भी बहिष्कार किया था

यहां ये भी याद रखने वाली बात है कि पिछले साल भी नीति आयोग की बैठक में ममता बैनर्जी नहीं शामिल हुई थीं। 27 मई 2023 को हुई आयोग की बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे। उस समय उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों का साथ दिया था। 

पीएम मोदी के साथ अलग से बैठक प्रस्तावित

यही नहीं ममता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग से भी बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक नीति आयोग की मीटिंग से पहले हो सकती है। बता दें कि गुरुवार से दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर रहेंगी। राज्य सचिवालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया, “मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक पत्र भेजकर मुलाकात के लिए समय मांगा है।” सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक का मुख्य एजेंडा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को मिलने वाला लंबित केंद्रीय बकाया होगा।

‘इंडिया’ ब्लॉक ने नेताओं से करेंगी मुलाकात?

वहीं, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ममता बनर्जी अपनी यात्रा के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से या किसी गैर-भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेंगी या नहीं। कोलकाता में पत्रकारों ने जब ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि क्या दिल्ली दौरे पर वे सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी? इस पर बंगाल की सीएम ने कहा कि हर बार सबसे मिलना जरूरी नहीं है। सोनिया गांधी से आखिरी बार जुलाई 2023 में ममता बनर्जी की मुलाकात हुई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी अब तक ममता बनर्जी की कोई प्रस्तावित बैठक नहीं है। ममता हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।

Murshidabad Kueens won by 8 wickets (D/L Method)
*Sports News*

#Sports# Bengal Pro T20 cricket # West Bengal #India# Street Buzz News




*SB News Bureau:* LSKT won the toss and elected to bat first, scoring a total of 104 runs for the loss of 6 wickets in 20 overs. Key contributions came from Aruna Barman and Mamata Kisku, each scoring 25 runs. Sitama Nandi and Sandipta Patra took 1 wicket each for MK.

Due to rain, the target was adjusted to 75 runs in 13 overs. MK chased the target efficiently, scoring 75 for the loss of 2 wickets in 12.4 overs. Sneha Gupta top-scored with 26 runs, supported by Prativa Rana who added 19 runs. Mita Paul and Ariktha Manna took one wicket each for LSKT.

Sneha Gupta was named Player of the Match.

*PIC Courtesy by: CAB*
*Chief Minister of West Bengal in discussion with newly elected MP*
# Politics # AITC #West Bengal #Street Buzz News
*SB News Bureau:* After the huge success in the Lok Sabha elections, the Chief Minister Mamata Banerjee today meeting with the newly elected MPs at his residence in Kalighat, Kolkata to discuss the next steps in Parliament. The number of Trinamool newly elected MPs is 29 this time. Trinamool is already playing an important role in parliamentary politics as one of the partner parties of India Alliance. There is no doubt that their MPs will play a special role in the Parliament.

*Photo Courtesy: X*
Sports Minister offered farewell to Sunil Chhetri on behalf of the state government
*Sports News*

# Sports # Football # Sunil chhetri # India # West Bengal # Street Buzz News



*Khabar Kolkata News Bureau :* On behalf of Chief Minister Mamata Banerjee, Sports Minister Arup Biswas paid farewell to Indian football legend Sunil Chhetri at the Vivekananda Yuva Bharati Stadium in Kolkata.On behalf of the state government, Sunil Chhetri was presented with a gold necklace, suit, saree, 19 roses and made of 19 gold coins from PC Chandra Jewellers, designed by Chief Minister Mamata Banerjee. Chief Minister also congratulated Sunil Chhetri on social media. Chief Minister Mamata Banerjee offered Sunil to join Bengal Football. Sports Minister Arup Biswas told Sunil after the match. In this regard, Sunil said, "She is very good person. Wished me all the best for my career. Let's see what happens in the future. It is not yet time to say anything publicly about it.”
ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में हाई तोक्ट के फैसले पर लगाई अंतरिम रोक
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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस साल 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि जब भर्ती प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठ रहे थे तो नई नियुक्तियां क्यों की गईं?

अदालत में वकील नीरज कौशल कौल ने पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को देखकर ही भर्तियां की गईं थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा है। राज्य सरकार के दूसरे वकील जयदीप गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत के ही फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सवाल पूछा कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी कॉपियां क्यों खत्म की गईं? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि कॉपियां अब नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा का आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग अपना भरोसा खो देंगे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया। कोर्ट ने कहा कि आज नौकरियों की कमी है। अगर जनता का भरोसा चला गया तो कुछ नहीं बचेगा। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि डेटा उसके अधिकारियों ने मेनटेन किया था और इसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया था। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई है। कहा है कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। तौर-तरीके पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से तय किए जाएंगे। सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध है, यह हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। 16 जुलाई से मामले में रेगुलर सुनवाई होगी।
तानाशाह कौन ? वायरल हुआ पीएम मोदी और सीएम ममता का एक जैसा वीडियो, दो गुटों में बंट गया सोशल मीडिया










सोशल मीडिया पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वीडियो साझा करने पर एक पूर्व ट्विटर यूज़र को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देने वाला कोलकाता पुलिस का ट्वीट हटा दिया गया है। पुलिस के ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने इसे शेयर किया और वीडियो शेयर न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, ट्वीट वायरल होते ही कोलकाता पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन, इसी बीच एक दिलचस्प घटनाक्रम हुआ। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ठीक वैसा ही एक वीडियो सामने आया, जैसा सीएम ममता बनर्जी का था।

वीडियो देखने के बाद पीएम मोदी ने न सिर्फ इसे अपने अकाउंट से शेयर किया बल्कि इसे मनोरंजक, सोशल मीडिया यूजर्स को प्रभावित करने वाला और क्रिएटिविटी को प्रोत्साहित करने वाला भी बताया। पीएम मोदी और बंगाल पुलिस की प्रतिक्रियाओं में इस विरोधाभास ने एक नई बहस छेड़ दी कि, असली तानाशाह कौन है? लोग कह रहे हैं कि, ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी पर तानाशाह होने के लगाए गए आरोप उनके संबंधित राज्यों में ऐसे वीडियो की प्रतिक्रिया को देखते हुए पाखंडी नज़र आते हैं। दरअसल, ममता बनर्जी का वीडियो शेयर करने वाले यूज़र को टैग करते हुए कोलकाता पुलिस ने कहा था कि, आप फ़ौरन अपनी पहचान उजागर करें, नाम और एड्रेस के साथ, आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, पीएम मोदी ने इस क्रिएटिविटी की तारीफ की, और कहा कि, मुझे भी खुद को नाचते देखकर अच्छा लगा.   


इसके बाद सोशल मीडिया पर एक जोरदार बहस छिड़ गई, जिसमें पीएम मोदी की तुलना की गई, जो ऐसे वीडियो को मजाकिया मानते हैं और उन्हें साझा करते हैं, जबकि ममता सरकार, जो उन्हें कानून और व्यवस्था के लिए खतरा मानती है, और महत्वपूर्ण ट्वीट हटा देती है। दरअसल, पीएम मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने ऊपर लगे तानाशाही के आरोपों पर बात की. उन्होंने कहा कि जहां कुछ लोग उनकी और उनके परिवार की रोजाना आलोचना करते हैं, वहीं जब वे जवाब देते हैं तो उन्हें तानाशाह करार दिया जाता है। उन्होंने यह निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण का सुझाव दिया कि 100 पॉइंट बनाकर एक वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाए, फिर बताया जाए कि, कांग्रेस और भाजपा में से कौन तानाशाही में लगा हुआ है।


इसके अलावा, पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय के बीच भाजपा के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने मुसलमानों को भाजपा कार्यालयों में जाने और उनके कामकाज का निरीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज को डर में नहीं रहना चाहिए, बंधुआ मजदूर की तरह नहीं रहना चाहिए।  उन्होंने मुस्लिम समुदाय से निराधार धमकियों से नहीं डरने का आग्रह किया। पीएम मोदी के खिलाफ तानाशाही के आरोपों के विपरीत, ऐसा प्रतीत होता है कि जो लोग उनका विरोध करते हैं वे तानाशाही प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं, असहमति को दबा रहे हैं और आलोचकों के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रहे हैं।


हाल की घटनाएं, जिनमें उद्धव ठाकरे का कार्टून साझा करने पर एक पूर्व नौसेना अधिकारी पर हमला होना और सोनिया गांधी के बारे में बोले जाने पर पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था, और हाल में ये ममता बनर्जी की आलोचना से जुड़ा मामला है, जिसमे पुलिस ने यूज़र को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ये उदाहरण, असहमति की आवाजों के प्रति असहिष्णुता को उजागर करते हैं। तानाशाही का सही अर्थ समझने के लिए, आपातकाल जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों को देखने की जरूरत है, जब सत्ता बनाए रखने और विपक्ष को दबाने के लिए मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল
# Chief Minister.
# Mamata Banerjee's_road _show at Siliguri.
# Parlament _election _2024

দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল প্রার্থীর সমর্থনে,মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো। শিলিগুড়ির এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল।

आप बंगाल-बिहार-ओडिशा कब्जा लेंगे और हम क्या बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे”, बीएनपी नेता के बयान पर भड़कीं ममता

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बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां के कट्टरपंथी तत्वों के उभार के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) नेताओं की ओर से भारत को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पलटवार करते हुए कड़ा संदेश दिया। ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि वो बिहार पर कब्जा करेंगे। ओडिशा पर कब्जा करेंगे। मैं उनसे कहती हूं कि भाई आप अच्छे रहिए, स्वस्थ रहिए और सुंदर रहिए। आपमें तो क्या किसी में भी इतनी बड़ी हिम्मत नहीं है कि वो बांगला, बिहार और ओडिशा सब पर कब्जा कर लेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे। ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है।दरअसल बांग्लादेश के कुछ नेताओं ने हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि बंगाल, बिहार और ओडिशा पर बांग्लादेश के वैध दावा है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत में विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा सभा में बांग्लादेश का मुद्दा उठाया।सोमवार को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि वह पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने साफ कहा कि हिंदू या मुसलमान दंगा नहीं करते हैं। दंगा कुछ असामाजिक लोग करते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से शांत रहने और बांग्लादेश में दिए जा रहे उत्तेजक बयानों से गुस्सा न होने का आग्रह किया। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल हमेशा केंद्र द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहेगा।

ममता बनर्जी ने भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने की अपील करते हुए कहा कि हमारे यहां के इमामों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'हिंदुओं और मुसलमानों तथा अन्य सभी समुदायों की रगों में एक ही खून बहता है। हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पश्चिम बंगाल में स्थिति को खराब न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां जाति, पंथ या समुदाय से ऊपर उठकर लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही मीडिया से भी पड़ोसी देश की स्थिति पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी तृणमूल कांग्रेस, विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे विदेश सचिव बातचीत के लिए बांग्लादेश में हैं। हमें इस मुद्दे पर जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए। हम जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारा देश एकजुट है।

बता दें कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है।

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

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हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

*Have Not Come Here as CM But As Your Didi: Mamata Banerjee Visits Swasthya Bhavan Agitation Site To Appeal To Doctors In A Surprise Visit*

SB News Bureau: In an unprecedented move showing what pro-people leaders look like, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee set an example on Saturday and made a surprise visit at the Swasthya Bhavan agitation site to talk to protesting junior doctors and assured them of government action. Issuing an appeal to agitating doctors to withdraw their strike as their 'Didi' and "elder sister", she said she supports their demands for justice.

The development comes 2 days after doctors had refused to hold dialogue with her at Nabanna, where the CM waited for 2 hours due to an impasse over livestreaming the discussion. While the government offered an option to record the meeting as legal limitations did not allow for livestreaming a discussion on a sub-judice matter, the doctors rejected the offer and continued the deadlock.

"I am not here as the Chief Minister but as your Didi as your elder sister. I urge you to return to work. I support your movement for justice," she told the agitating doctors on Saturday, reiterating her demands for justice for the RG Kar victim and capital punishment for the perpetrators.

"Despite safety concerns, I have come here because I support your movement. You couldn't sleep amid rain and storm last night. Even I couldn't sleep. I feel your pain. Even I couldn't sleep for 34 days because your safety matters to us." she added.

Pledging her support to the cause, Mamata Banerjee assured protesting doctors that she would look into all their demands. "We have already initiated the renovation work of the state-run hospitals and will revamp the health infrastructure...We will form new Rogi Kalyan Samitis...No culprit is my friend and will not be spared if found guilty," she added.

The Chief Minister also said no action would be taken against the protesting doctors. "It is my earnest request to you. Discuss among yourselves and make a decision. Please return to work. You are like my brother and sisters and I have sympathy for you. I will not take any action against you. This is not UP. They had implemented ESMA and stopped all sorts of strikes and rallies. But be rest assured, I will not do anything of this sort. I am against taking any action against the doctors. I know that you do noble work. The seniors [doctors] need you. Think about my proposal,"If I can come to this protest site to stand by you, I can also ensure justice and listen to your demands."

अब क्या “खेला” करने वालीं है ममता दीदी ? नीति आयोग की बैठक में होंगी शामिल, पीएम से मुलाकात का भी प्लान

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कब कौन सी चाल चल देंगी, ये कहना मुश्किल है। राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन की एक सबसे अहम साझेदार है टीएमसी। लेकिन, यह पार्टी अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरी की वजह से इंडिया गठबंधन के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रही है। अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के 2 दांव ने इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पहला तो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने की घोषणा और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की घोषणा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हो रही है। गठबंधन के दूसरे मुख्यमंत्री नीति आयोग की इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं आ रहे हैं। इस तरह से विपक्ष शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल न होने की घोषणा कर दी है। लेकिन ममता बैठक में शामिल होने जा रही है. बैठक 27 जुलाई को होनी है।

इससे पहले माना जा रहा था कि 27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगी। बैठक में ममता बैनर्जी क्यों शामिल हो रही हैं ये तो वे और उनकी पार्टी ही बता सकती है। लेकिन ये तो दिख रहा है कि उनके लिए इंडिया गठबंधन की कोई खास अहमियत नहीं है। पश्चिम बंगाल में उन्होंने एकला चलो का राग अलापा था। उनकी पार्टी टीडीपी अकेले ही पश्चिम बंगाल में लड़ी। यही नहीं टीडीपी मुखिया अपने भाषणों में लगातार बीजेपी के साथ कांग्रेस और लेफ्ट को बराबर का दुश्मन भी बताती रही।

पिछले साल ममता ने भी बहिष्कार किया था

यहां ये भी याद रखने वाली बात है कि पिछले साल भी नीति आयोग की बैठक में ममता बैनर्जी नहीं शामिल हुई थीं। 27 मई 2023 को हुई आयोग की बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे। उस समय उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों का साथ दिया था। 

पीएम मोदी के साथ अलग से बैठक प्रस्तावित

यही नहीं ममता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग से भी बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक नीति आयोग की मीटिंग से पहले हो सकती है। बता दें कि गुरुवार से दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर रहेंगी। राज्य सचिवालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया, “मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक पत्र भेजकर मुलाकात के लिए समय मांगा है।” सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक का मुख्य एजेंडा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को मिलने वाला लंबित केंद्रीय बकाया होगा।

‘इंडिया’ ब्लॉक ने नेताओं से करेंगी मुलाकात?

वहीं, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ममता बनर्जी अपनी यात्रा के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से या किसी गैर-भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेंगी या नहीं। कोलकाता में पत्रकारों ने जब ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि क्या दिल्ली दौरे पर वे सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी? इस पर बंगाल की सीएम ने कहा कि हर बार सबसे मिलना जरूरी नहीं है। सोनिया गांधी से आखिरी बार जुलाई 2023 में ममता बनर्जी की मुलाकात हुई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी अब तक ममता बनर्जी की कोई प्रस्तावित बैठक नहीं है। ममता हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।

Murshidabad Kueens won by 8 wickets (D/L Method)
*Sports News*

#Sports# Bengal Pro T20 cricket # West Bengal #India# Street Buzz News




*SB News Bureau:* LSKT won the toss and elected to bat first, scoring a total of 104 runs for the loss of 6 wickets in 20 overs. Key contributions came from Aruna Barman and Mamata Kisku, each scoring 25 runs. Sitama Nandi and Sandipta Patra took 1 wicket each for MK.

Due to rain, the target was adjusted to 75 runs in 13 overs. MK chased the target efficiently, scoring 75 for the loss of 2 wickets in 12.4 overs. Sneha Gupta top-scored with 26 runs, supported by Prativa Rana who added 19 runs. Mita Paul and Ariktha Manna took one wicket each for LSKT.

Sneha Gupta was named Player of the Match.

*PIC Courtesy by: CAB*
*Chief Minister of West Bengal in discussion with newly elected MP*
# Politics # AITC #West Bengal #Street Buzz News
*SB News Bureau:* After the huge success in the Lok Sabha elections, the Chief Minister Mamata Banerjee today meeting with the newly elected MPs at his residence in Kalighat, Kolkata to discuss the next steps in Parliament. The number of Trinamool newly elected MPs is 29 this time. Trinamool is already playing an important role in parliamentary politics as one of the partner parties of India Alliance. There is no doubt that their MPs will play a special role in the Parliament.

*Photo Courtesy: X*
Sports Minister offered farewell to Sunil Chhetri on behalf of the state government
*Sports News*

# Sports # Football # Sunil chhetri # India # West Bengal # Street Buzz News



*Khabar Kolkata News Bureau :* On behalf of Chief Minister Mamata Banerjee, Sports Minister Arup Biswas paid farewell to Indian football legend Sunil Chhetri at the Vivekananda Yuva Bharati Stadium in Kolkata.On behalf of the state government, Sunil Chhetri was presented with a gold necklace, suit, saree, 19 roses and made of 19 gold coins from PC Chandra Jewellers, designed by Chief Minister Mamata Banerjee. Chief Minister also congratulated Sunil Chhetri on social media. Chief Minister Mamata Banerjee offered Sunil to join Bengal Football. Sports Minister Arup Biswas told Sunil after the match. In this regard, Sunil said, "She is very good person. Wished me all the best for my career. Let's see what happens in the future. It is not yet time to say anything publicly about it.”
ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में हाई तोक्ट के फैसले पर लगाई अंतरिम रोक
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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस साल 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि जब भर्ती प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठ रहे थे तो नई नियुक्तियां क्यों की गईं?

अदालत में वकील नीरज कौशल कौल ने पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को देखकर ही भर्तियां की गईं थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा है। राज्य सरकार के दूसरे वकील जयदीप गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत के ही फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सवाल पूछा कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी कॉपियां क्यों खत्म की गईं? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि कॉपियां अब नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा का आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग अपना भरोसा खो देंगे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया। कोर्ट ने कहा कि आज नौकरियों की कमी है। अगर जनता का भरोसा चला गया तो कुछ नहीं बचेगा। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि डेटा उसके अधिकारियों ने मेनटेन किया था और इसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया था। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई है। कहा है कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। तौर-तरीके पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से तय किए जाएंगे। सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध है, यह हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। 16 जुलाई से मामले में रेगुलर सुनवाई होगी।
तानाशाह कौन ? वायरल हुआ पीएम मोदी और सीएम ममता का एक जैसा वीडियो, दो गुटों में बंट गया सोशल मीडिया










सोशल मीडिया पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वीडियो साझा करने पर एक पूर्व ट्विटर यूज़र को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देने वाला कोलकाता पुलिस का ट्वीट हटा दिया गया है। पुलिस के ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने इसे शेयर किया और वीडियो शेयर न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, ट्वीट वायरल होते ही कोलकाता पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन, इसी बीच एक दिलचस्प घटनाक्रम हुआ। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ठीक वैसा ही एक वीडियो सामने आया, जैसा सीएम ममता बनर्जी का था।

वीडियो देखने के बाद पीएम मोदी ने न सिर्फ इसे अपने अकाउंट से शेयर किया बल्कि इसे मनोरंजक, सोशल मीडिया यूजर्स को प्रभावित करने वाला और क्रिएटिविटी को प्रोत्साहित करने वाला भी बताया। पीएम मोदी और बंगाल पुलिस की प्रतिक्रियाओं में इस विरोधाभास ने एक नई बहस छेड़ दी कि, असली तानाशाह कौन है? लोग कह रहे हैं कि, ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी पर तानाशाह होने के लगाए गए आरोप उनके संबंधित राज्यों में ऐसे वीडियो की प्रतिक्रिया को देखते हुए पाखंडी नज़र आते हैं। दरअसल, ममता बनर्जी का वीडियो शेयर करने वाले यूज़र को टैग करते हुए कोलकाता पुलिस ने कहा था कि, आप फ़ौरन अपनी पहचान उजागर करें, नाम और एड्रेस के साथ, आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, पीएम मोदी ने इस क्रिएटिविटी की तारीफ की, और कहा कि, मुझे भी खुद को नाचते देखकर अच्छा लगा.   


इसके बाद सोशल मीडिया पर एक जोरदार बहस छिड़ गई, जिसमें पीएम मोदी की तुलना की गई, जो ऐसे वीडियो को मजाकिया मानते हैं और उन्हें साझा करते हैं, जबकि ममता सरकार, जो उन्हें कानून और व्यवस्था के लिए खतरा मानती है, और महत्वपूर्ण ट्वीट हटा देती है। दरअसल, पीएम मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने ऊपर लगे तानाशाही के आरोपों पर बात की. उन्होंने कहा कि जहां कुछ लोग उनकी और उनके परिवार की रोजाना आलोचना करते हैं, वहीं जब वे जवाब देते हैं तो उन्हें तानाशाह करार दिया जाता है। उन्होंने यह निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण का सुझाव दिया कि 100 पॉइंट बनाकर एक वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाए, फिर बताया जाए कि, कांग्रेस और भाजपा में से कौन तानाशाही में लगा हुआ है।


इसके अलावा, पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय के बीच भाजपा के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने मुसलमानों को भाजपा कार्यालयों में जाने और उनके कामकाज का निरीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज को डर में नहीं रहना चाहिए, बंधुआ मजदूर की तरह नहीं रहना चाहिए।  उन्होंने मुस्लिम समुदाय से निराधार धमकियों से नहीं डरने का आग्रह किया। पीएम मोदी के खिलाफ तानाशाही के आरोपों के विपरीत, ऐसा प्रतीत होता है कि जो लोग उनका विरोध करते हैं वे तानाशाही प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं, असहमति को दबा रहे हैं और आलोचकों के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रहे हैं।


हाल की घटनाएं, जिनमें उद्धव ठाकरे का कार्टून साझा करने पर एक पूर्व नौसेना अधिकारी पर हमला होना और सोनिया गांधी के बारे में बोले जाने पर पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था, और हाल में ये ममता बनर्जी की आलोचना से जुड़ा मामला है, जिसमे पुलिस ने यूज़र को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ये उदाहरण, असहमति की आवाजों के प्रति असहिष्णुता को उजागर करते हैं। तानाशाही का सही अर्थ समझने के लिए, आपातकाल जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों को देखने की जरूरत है, जब सत्ता बनाए रखने और विपक्ष को दबाने के लिए मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল
# Chief Minister.
# Mamata Banerjee's_road _show at Siliguri.
# Parlament _election _2024

দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল প্রার্থীর সমর্থনে,মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো। শিলিগুড়ির এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল।