बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट, पुलिस को पॉक्सो केस में नहीं मिले सबूत, कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर

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भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं। अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है।

कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल

महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज यानी गुरुवार को अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि महिला पहलवान केस में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। इसके साथ-साथ पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की है। 

बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि उसे मामले की तफ्तीश के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले हैं। जांच में पुलिस को न तो कोई संदिग्ध तस्वीर, वीडियो या फुटेज या फिर फोरेंसिक सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस की ओर से महिला पहलवानों से भी सबूत मांगे गए थे लेकिन वो उपलब्ध कराने में असफल रहे।

क्या था पूरा मामला?

बीते महीने 23 अप्रैल को देश के शीर्ष तीन पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृजभूषण सिंह शरण के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे। इसके बाद उन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शौषण के आरोप लगाए जिस पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की थी। ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बातचीत की थी। सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन अगले फैसले तक स्थगित कर दिया था।

क्यों नहीं हो रही बृजभूषण की गिरफ्तारी? दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी

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देश के तमाम दिग्गज पहलवान पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं।पहलवानों ने बीजेपी सांसद और रेसलिंग फेडरेशन के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस मामले में बड़ी जानकारी सामने आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के पुलिस के टॉप सोर्स ने कहा कि अब तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। जिसके आदार पर उनको गिरफ्तार किया जाए।

दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि बृजभूषण के खिलाफ लगे आरोपों में जो पोक्सो की धारा लगी है उसमें भी 7 साल से कम की सजा है, इसलिए उस धारा में भी तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। दूसरा अभी तक की जांच के अनुसार दिल्ली पुलिस को ऐसे कोई इनपुट नहीं मिले हैं जिससे की यह पता चल सके कि सांसद ने पीड़िताओं को धमकाने या उनसे किसी भी माध्यम संपर्क करने की कोई कोशिश की हो। ये वो दो वजहें हैं जिससे अभी तक की जांच के अनुसार सांसद को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।

पुलिस सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बड़ी संख्या में लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। कई गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस को कई दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिनकी जांच अब तक जारी है।सुप्रीम कोर्ट का ही एक जजमेंट कहता है जिस केस में सात साल की सजा है, उसमें गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है।

अगले 15 दिनों में होगा तय

दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया कि पुलिस हर आरोपों कि गहनता से जांच कर रही है, चाहे कजाकिस्तान या रांची.. या जहां भी छेड़खानी के आरोप लगाए है, वहां जांच जारी है। जांच में अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी। सूत्र ने आगे जानकारी दी की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट। बता दें कि चार्जशीट का मतलब है कि केस में कुछ जान है, जांच की जरूरत है, फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नहीं मिला है। इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा।

इंडिया गेट पर आमरण अनशन का एलान

महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने इंडिया गेट पर आमरण अनशन का एलान किया हुआ है। हालांकि, पहलवानों को इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय स्मारक प्रदर्शन स्थल नहीं है, किसी भी धरना देने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही पुलिस ने वैकल्पिक स्थानों का सुझाव दिया है। अन्य किसी स्थल पर प्रदर्शन कर सकते हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 28 मई को कई पहलवानों को हिरासत में लिया था और धरनास्थल को खाली करवा लिया था। इसके बाद मंगलवार को पहलवान गंगा नदी में अपने मेडल बहा देने के लिए हरिद्वार पहुंचे, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य खाप व किसान नेताओं ने पांच दिन के भीतर समाधान का वादा करते हुए पहलवानों को मेडल बहाने से रोकने के लिए मना लिया था।

देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके कई पहलवान इस साल जनवरी माह से ही दिल्ली पहुंचकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वे भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है।

पहलवानों के पदकों को गंगा में प्रवाहित करने के ऐलान पर बृजभूषण सिंह का बयान, कहा-गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल नरेश टिकैत को दे दिया

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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों ने अपने मेडल को गंगा में बहाने का फैसला टाल दिया है। दरअसल, यौन शोषण के आरोप में बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने से पहलवान आहत थे। वे अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार भी पहुंच गए थे। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने वहां पहुंचकर पहलवानों को समझाया और उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए राजी किया।इसपर बृजभूषण ने कहा कि वे मेडल बहाने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने टिकैत के हाथों में मेडल दे दिया। अब हम क्या कर सकते हैं?

ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने मंगलवार को एक ट्वीट में बताया कि वे अपना मेडल पवित्र गंगा में बहाने जा रहे हैं। इसके लिए वे हरिद्वार पहुंचे। शाम 6 बजे मेडल बहाने का प्लान था। हालांकि, समय गुजरने के साथ ही वहां किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे और पहलवानों को मनाया। उन्होंने पहलवानों से पांच दिनों का समय मांगा।इसके बाद खिलाड़ियों ने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिया।इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, अगर खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाना चाहते हैं तो मैं क्या कर सकता हूं।बीजेपी सांसद ने कहा, खिलाड़ी अपना मेडल गंगा जी में बहाने गए थे, लेकिन गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल (नरेश) टिकैत को दे दिया।यह उनका स्टैंड है। मैं क्या कर सकता हूं?

बता दें कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी' पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे। उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था। पहलवान ‘हर की पौड़ी' पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे। फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गये। इस बीच खाप और राजनेताओं के अनुरोध के बाद करीब पौने दो घंटे यहां बिताने के बाद पहलवान वापिस लौट आये। किसान नेता शाम सिंह मलिक और नरेश टिकैत ने मामले को सुलझाने के लिये पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है।

बता दें कि शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

*बृजभूषण शरण सिंह की फिसली जुबान, पहलवान विनेश फोगाट को बताया मंथरा*

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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह अभी विवादों में चल रहे हैं। महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और उन पर एफआईआर तक दर्ज की जा चुकी है।खिलाफ पहलवानों का जंतर मंतर पर एक महीने से धरना जारी है। इसी बीच बृजभूषण शरण सिंह का विवादास्पद बयान सामने आया है।बृजभूषण सिंह ने महिला रेसलर्स विनेश फोगाट को मंथरा कहा। वहीं खुद की तुलना भगवान राम से की है।

यौन शोषण के आरोपों में घिरे बीजेपी नेता और रेसलिंग फेडरेशन के चीफ ने कहा कि यह मामला गुड टच और बैड टच का है। मामला असल में छुआछूत का है. विनेश फोगाट को मंथरा बताते हुए उन्होंने कहा कि जैसे कैकेयी ने रोल प्ले किया था, उसी तरह विनेश फोगाट मेरे लिए मंथरा बनकर आई हैं। परिणाम आने के बाद इस मंथरा को भी जवाब दिया जाएगा। पहले हजारों पहलवान धरना दे रहे थे, लेकिन अब सिर्फ तीन पति और तीन पत्नियां धरने पर हैं।

खुद की तुलना श्रीराम से की

लृजभूषण शरद ने आगे कहा कहा, मंथरा ने राम को 14 वर्ष के लिए वनवास भेज दिया था, लेकिन यदि राम वन नहीं जाते तो वह कभी केवट से न मिलते, शबरी के जूठे बेर न खाते। हनुमान और सुग्रीव से मित्रता न होती और रावण जैसे महापापी का अंत कैसे होता। सांसद ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि ईश्वर ने मेरे लिए अभी कुछ और काम कार्य निर्धारित कर रखा है। उन्होंने कहा कि वह सब कुछ हो सकते हैं लेकिन जो आरोप लगा है वह नहीं हो सकते।

विनेश फोगाट का पलटवार

बृजभूषण सिंह के इन बयानों पर विनेश फोगाट ने पलटवार किया। विनेश ने कहा कि उनके घर में भी मां-बेटियां-महिलाएं हैं। अगर ऐसी घटना उनके किसी अपने के साथ होती तो भी क्या वह इस तरह की छुआछूत की बात करते। बृजभूषण महिलाओं को टीवी पर आकर अपमानित कर रहे हैं। अगर वह टीवी पर आकर ऐसा कर सकते हैं तो सोचिए बंद कमरे में लड़कियों के साथ कैसा बर्ताव करते होंगे।

एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी नॉर्को टेस्ट की मांग पर कहा था कि वे इसके लिए तैयार हैं। लेकिन शर्त यही है कि पहलवान भी टेस्ट के लिए तैयार हों। जवाब में पहलवानों ने भी कहा था कि वे इसके लिए तैयार हैं।

बजरंग पूनिया नार्को टेस्ट कराने को तैयार, बोले- हम तैयार पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लाइव टेस्ट हो

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जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों का भी नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी थी।बृजभूषण शरण सिंह की नार्को टेस्ट की चुनौती को स्वीकार करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि हम सभी किसी भी टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराया जाए। नार्को टेस्ट लाइव हो ताकि सवाल और जवाबों को पूरा देश सुने।

पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है-पुनिया

बजरंग पुनिया ने बृजभूषण सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमने तो पहले ही बोल रखा है। उन्होंने अब बोला है। उन्होंने कहा कि अगर फेडरेशन के घोटाले गिनाना है तो मैं नार्को करवाने के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन, उनके साथ विनोद तोमर, जीतेंद्र (महिला पहलवानों के चीफ कोच), फीजियो धीरेंद्र प्रताप का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए।। उन्होंने कहा कि जिन लड़कियों ने शिकायत दी है, वो कह रही हैं कि हमारा नार्को हो, तो लड़कियां करवाएंगी नार्को। नार्को टेस्ट करवा लीजिए, पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है।

लाइव होना चाहिए नार्को टेस्ट- विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा कि उन्होंने (बृजभूषण) मेरा और बजरंग का नाम लिया है। जितनी भी लड़कियां हैं, वो सब रेडी हैं। पूरे देश को दिखना चाहिए उसने कितनी दरिंदगी की। नार्को टेस्ट लाइव होना चाहिए।साक्षी मलिक ने कहा कि मंगलवार को इंडिया गेट आकर हमारा समर्थन करें। जिसे जहां रोका जाए वो वहां कैंडल मार्च करे।। हमने सब शांतिपूर्वक किया है।

क्या कहा था बृजभूषण ने

इससे पहले बृजभूषण ने रविवार को कहा था कि मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट तथा लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं। मगर मेरी शर्त है कि मेरे साथ ही विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का भी यही टेस्ट होना चाहिए। वह मीडिया बुलाकर इसका ऐलान करें।

30 दिनों से जंतर-मंतर पर डटे पहलवान

बता दें कि रेसलर्स पिछले 30 दिनों से जंतर-मंतर पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुआई में रेसलर्स बृजभूषण के खिलाफ धरना दे रहे हैं। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण को पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले पहलवान सुप्रीम कोर्ट गए थे। यहां उनके मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सांसद पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ छेड़छाड़ और पोस्को एक्ट के तहत 2 केस दर्ज किए हैं।

पुलिस के सामने पेश हुए बृजभूषण शरण सिंह, पहलवानों की शिकायत पर बोले - सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद

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महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली पुलिस के सामने पेश हुए। दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण का बयान दर्ज किया है।उनसे कुछ दस्तावेज भी मांगे हैं। दोबारा जरूरत होने पर फिर से बयान दर्ज होंगे। बृजभूषण शरण सिंह ने पुलिस के सामने दिए बयान में अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा है।

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान अभी भी जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थी। आज डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का बयान दर्ज किया गया है।

एसआईटी के सामने दर्ज कराया बयान

बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस की एसआईटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवान के आरोपों की जांच के लिए महिला डीसीपी की निगरानी में 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। इसमें चार महिला पु्लिस अधिकारी और छह पुलिसवाले शामिल हैं। एसआईटी का सुपरविजन महिला डीसीपी करेंगी। डब्ल्यूएफआई असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर के बयान भी दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की एफआईआर में विनोद तोमर को भी आरोपी बनाया गया है। बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी सफाई में आने वाले कुछ दिनों में ऑडियो, वीडियो और डिजिटल एविडेंस पुलिस को सौंपेंगे।

बृजभूषण पर क्या हैं आरोप ?

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इन पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। पीड़ितों में एक नाबालिग भी है, जिसके मामले में सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत केस दर्ज हुआ है। बृजभूषण शरण के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था।

*ब्रजभूषण की बढ़ेंगी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट में बैकफुट पर आई दिल्ली पुलिस, दर्ज करेगी एफआईआर*

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दिल्ली पुलिस शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सहमत हो गई है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने मामला सुना। केंद्र सरकार के पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दिल्ली पुलिस शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का संज्ञान लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सहमत हो गई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, हमने एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है, हम इसे आज दर्ज करेंगे।

दरअसल बीते कुछ दिनों से बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर देश के कई बड़े पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। जिसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट जैसे कई बड़े नाम शामिल है।

सिब्बल ने महिला पहलवानों की सुरक्षा की भी मांग

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहलवानों की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने सुरक्षा की मांग की। कपिल सिब्बल ने एक सीलबंद कवर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया और उन्होंने मांग की वो एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित करें। सिब्बल ने दलील दी कि मुख्य आरोपी पर हत्या के मामले सहित कुल 40 केस दर्ज हैं और ऐसे में याचिका देने वालों की सुरक्षा का क्या होगा उन्हें इस बात की चिंता है।इस के अलावा सिब्बल ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की भी मांग की। 

पूर्व जज की निगरानी में जांच की मांग

इसपर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि यह विषय दिल्ली पुलिस कमिश्नर पर छोड़ देना चाहिए सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए। इसपर तुषार मेहता ने कहा कि अब यह मांग कुछ अधिक है। सॉलिसीटर जनरल ने इसपर कहा कि यह उचित नहीं है। हर मामले में सीधे कोर्ट की या पूर्व जज की निगरानी की मांग की जाती है। शायद खिलाड़ी खुद नहीं जानते कि उनके नाम पर कुछ और भी चल रहा है। पुलिस कमिश्नर ज़िम्मेदार अधिकारी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था दिल्ली पुलिस को नोटिस

बता दें कि बीते कई दिनों से धरने पर बैठीं महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पहलवानों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि वह आज इस मामले में एफआईआर दर्ज करेंगे। 

बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण करने का आरोप है। जनवरी में बृजभूषण को लेकर खुलासा करने के बाद विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक सहित कई स्टार पहलवान धरने पर बैठ गए थे। खेल मंत्रालय ने इससे बाद जांच कमेटी बनाई, मगर 3 महीने बाद पहलवानों ने कहा कि उनकी शिकायत के बावजूद कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही और बीते दिनों पहलवान फिर से धरने पर बैठे गए।

बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट, पुलिस को पॉक्सो केस में नहीं मिले सबूत, कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर

#delhipolicechargesheetbjpmpbrijbhushansharansingh

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं। अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है।

कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल

महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज यानी गुरुवार को अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि महिला पहलवान केस में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। इसके साथ-साथ पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की है। 

बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि उसे मामले की तफ्तीश के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले हैं। जांच में पुलिस को न तो कोई संदिग्ध तस्वीर, वीडियो या फुटेज या फिर फोरेंसिक सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस की ओर से महिला पहलवानों से भी सबूत मांगे गए थे लेकिन वो उपलब्ध कराने में असफल रहे।

क्या था पूरा मामला?

बीते महीने 23 अप्रैल को देश के शीर्ष तीन पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृजभूषण सिंह शरण के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे। इसके बाद उन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शौषण के आरोप लगाए जिस पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की थी। ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बातचीत की थी। सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन अगले फैसले तक स्थगित कर दिया था।

क्यों नहीं हो रही बृजभूषण की गिरफ्तारी? दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी

#noconcreteevidencefoundagainstbrijbhushan_singh

देश के तमाम दिग्गज पहलवान पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं।पहलवानों ने बीजेपी सांसद और रेसलिंग फेडरेशन के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस मामले में बड़ी जानकारी सामने आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के पुलिस के टॉप सोर्स ने कहा कि अब तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। जिसके आदार पर उनको गिरफ्तार किया जाए।

दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि बृजभूषण के खिलाफ लगे आरोपों में जो पोक्सो की धारा लगी है उसमें भी 7 साल से कम की सजा है, इसलिए उस धारा में भी तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। दूसरा अभी तक की जांच के अनुसार दिल्ली पुलिस को ऐसे कोई इनपुट नहीं मिले हैं जिससे की यह पता चल सके कि सांसद ने पीड़िताओं को धमकाने या उनसे किसी भी माध्यम संपर्क करने की कोई कोशिश की हो। ये वो दो वजहें हैं जिससे अभी तक की जांच के अनुसार सांसद को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।

पुलिस सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बड़ी संख्या में लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। कई गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस को कई दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिनकी जांच अब तक जारी है।सुप्रीम कोर्ट का ही एक जजमेंट कहता है जिस केस में सात साल की सजा है, उसमें गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है।

अगले 15 दिनों में होगा तय

दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया कि पुलिस हर आरोपों कि गहनता से जांच कर रही है, चाहे कजाकिस्तान या रांची.. या जहां भी छेड़खानी के आरोप लगाए है, वहां जांच जारी है। जांच में अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी। सूत्र ने आगे जानकारी दी की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट। बता दें कि चार्जशीट का मतलब है कि केस में कुछ जान है, जांच की जरूरत है, फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नहीं मिला है। इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा।

इंडिया गेट पर आमरण अनशन का एलान

महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने इंडिया गेट पर आमरण अनशन का एलान किया हुआ है। हालांकि, पहलवानों को इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय स्मारक प्रदर्शन स्थल नहीं है, किसी भी धरना देने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही पुलिस ने वैकल्पिक स्थानों का सुझाव दिया है। अन्य किसी स्थल पर प्रदर्शन कर सकते हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 28 मई को कई पहलवानों को हिरासत में लिया था और धरनास्थल को खाली करवा लिया था। इसके बाद मंगलवार को पहलवान गंगा नदी में अपने मेडल बहा देने के लिए हरिद्वार पहुंचे, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य खाप व किसान नेताओं ने पांच दिन के भीतर समाधान का वादा करते हुए पहलवानों को मेडल बहाने से रोकने के लिए मना लिया था।

देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके कई पहलवान इस साल जनवरी माह से ही दिल्ली पहुंचकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वे भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है।

पहलवानों के पदकों को गंगा में प्रवाहित करने के ऐलान पर बृजभूषण सिंह का बयान, कहा-गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल नरेश टिकैत को दे दिया

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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों ने अपने मेडल को गंगा में बहाने का फैसला टाल दिया है। दरअसल, यौन शोषण के आरोप में बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने से पहलवान आहत थे। वे अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार भी पहुंच गए थे। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने वहां पहुंचकर पहलवानों को समझाया और उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए राजी किया।इसपर बृजभूषण ने कहा कि वे मेडल बहाने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने टिकैत के हाथों में मेडल दे दिया। अब हम क्या कर सकते हैं?

ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने मंगलवार को एक ट्वीट में बताया कि वे अपना मेडल पवित्र गंगा में बहाने जा रहे हैं। इसके लिए वे हरिद्वार पहुंचे। शाम 6 बजे मेडल बहाने का प्लान था। हालांकि, समय गुजरने के साथ ही वहां किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे और पहलवानों को मनाया। उन्होंने पहलवानों से पांच दिनों का समय मांगा।इसके बाद खिलाड़ियों ने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिया।इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, अगर खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाना चाहते हैं तो मैं क्या कर सकता हूं।बीजेपी सांसद ने कहा, खिलाड़ी अपना मेडल गंगा जी में बहाने गए थे, लेकिन गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल (नरेश) टिकैत को दे दिया।यह उनका स्टैंड है। मैं क्या कर सकता हूं?

बता दें कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी' पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे। उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था। पहलवान ‘हर की पौड़ी' पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे। फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गये। इस बीच खाप और राजनेताओं के अनुरोध के बाद करीब पौने दो घंटे यहां बिताने के बाद पहलवान वापिस लौट आये। किसान नेता शाम सिंह मलिक और नरेश टिकैत ने मामले को सुलझाने के लिये पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है।

बता दें कि शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

*बृजभूषण शरण सिंह की फिसली जुबान, पहलवान विनेश फोगाट को बताया मंथरा*

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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह अभी विवादों में चल रहे हैं। महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और उन पर एफआईआर तक दर्ज की जा चुकी है।खिलाफ पहलवानों का जंतर मंतर पर एक महीने से धरना जारी है। इसी बीच बृजभूषण शरण सिंह का विवादास्पद बयान सामने आया है।बृजभूषण सिंह ने महिला रेसलर्स विनेश फोगाट को मंथरा कहा। वहीं खुद की तुलना भगवान राम से की है।

यौन शोषण के आरोपों में घिरे बीजेपी नेता और रेसलिंग फेडरेशन के चीफ ने कहा कि यह मामला गुड टच और बैड टच का है। मामला असल में छुआछूत का है. विनेश फोगाट को मंथरा बताते हुए उन्होंने कहा कि जैसे कैकेयी ने रोल प्ले किया था, उसी तरह विनेश फोगाट मेरे लिए मंथरा बनकर आई हैं। परिणाम आने के बाद इस मंथरा को भी जवाब दिया जाएगा। पहले हजारों पहलवान धरना दे रहे थे, लेकिन अब सिर्फ तीन पति और तीन पत्नियां धरने पर हैं।

खुद की तुलना श्रीराम से की

लृजभूषण शरद ने आगे कहा कहा, मंथरा ने राम को 14 वर्ष के लिए वनवास भेज दिया था, लेकिन यदि राम वन नहीं जाते तो वह कभी केवट से न मिलते, शबरी के जूठे बेर न खाते। हनुमान और सुग्रीव से मित्रता न होती और रावण जैसे महापापी का अंत कैसे होता। सांसद ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि ईश्वर ने मेरे लिए अभी कुछ और काम कार्य निर्धारित कर रखा है। उन्होंने कहा कि वह सब कुछ हो सकते हैं लेकिन जो आरोप लगा है वह नहीं हो सकते।

विनेश फोगाट का पलटवार

बृजभूषण सिंह के इन बयानों पर विनेश फोगाट ने पलटवार किया। विनेश ने कहा कि उनके घर में भी मां-बेटियां-महिलाएं हैं। अगर ऐसी घटना उनके किसी अपने के साथ होती तो भी क्या वह इस तरह की छुआछूत की बात करते। बृजभूषण महिलाओं को टीवी पर आकर अपमानित कर रहे हैं। अगर वह टीवी पर आकर ऐसा कर सकते हैं तो सोचिए बंद कमरे में लड़कियों के साथ कैसा बर्ताव करते होंगे।

एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी नॉर्को टेस्ट की मांग पर कहा था कि वे इसके लिए तैयार हैं। लेकिन शर्त यही है कि पहलवान भी टेस्ट के लिए तैयार हों। जवाब में पहलवानों ने भी कहा था कि वे इसके लिए तैयार हैं।

बजरंग पूनिया नार्को टेस्ट कराने को तैयार, बोले- हम तैयार पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लाइव टेस्ट हो

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जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों का भी नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी थी।बृजभूषण शरण सिंह की नार्को टेस्ट की चुनौती को स्वीकार करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि हम सभी किसी भी टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराया जाए। नार्को टेस्ट लाइव हो ताकि सवाल और जवाबों को पूरा देश सुने।

पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है-पुनिया

बजरंग पुनिया ने बृजभूषण सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमने तो पहले ही बोल रखा है। उन्होंने अब बोला है। उन्होंने कहा कि अगर फेडरेशन के घोटाले गिनाना है तो मैं नार्को करवाने के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन, उनके साथ विनोद तोमर, जीतेंद्र (महिला पहलवानों के चीफ कोच), फीजियो धीरेंद्र प्रताप का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए।। उन्होंने कहा कि जिन लड़कियों ने शिकायत दी है, वो कह रही हैं कि हमारा नार्को हो, तो लड़कियां करवाएंगी नार्को। नार्को टेस्ट करवा लीजिए, पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है।

लाइव होना चाहिए नार्को टेस्ट- विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा कि उन्होंने (बृजभूषण) मेरा और बजरंग का नाम लिया है। जितनी भी लड़कियां हैं, वो सब रेडी हैं। पूरे देश को दिखना चाहिए उसने कितनी दरिंदगी की। नार्को टेस्ट लाइव होना चाहिए।साक्षी मलिक ने कहा कि मंगलवार को इंडिया गेट आकर हमारा समर्थन करें। जिसे जहां रोका जाए वो वहां कैंडल मार्च करे।। हमने सब शांतिपूर्वक किया है।

क्या कहा था बृजभूषण ने

इससे पहले बृजभूषण ने रविवार को कहा था कि मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट तथा लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं। मगर मेरी शर्त है कि मेरे साथ ही विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का भी यही टेस्ट होना चाहिए। वह मीडिया बुलाकर इसका ऐलान करें।

30 दिनों से जंतर-मंतर पर डटे पहलवान

बता दें कि रेसलर्स पिछले 30 दिनों से जंतर-मंतर पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुआई में रेसलर्स बृजभूषण के खिलाफ धरना दे रहे हैं। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण को पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले पहलवान सुप्रीम कोर्ट गए थे। यहां उनके मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सांसद पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ छेड़छाड़ और पोस्को एक्ट के तहत 2 केस दर्ज किए हैं।