मुझे नहीं लगता कि यह किसी से छिपा हुआ”, ख्वाजा आसिफ के बाद बिलावल ने कबूला पाकिस्तान का सच

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पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है...पहले पड़ोसी मुल्क के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात कबूला अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस पर मुहर लगा दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकी समूहों से जुड़ा रहा है, यह कोई रहस्य नहीं है। ये एक सच है कि देश में ये सब हुआ है। भारत की ओर से सख्त कार्रवाइयों और जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान के नेताओं की बौखलाहट ने मुल्क का असली चेहरा दुनिया के सामने ला दिया है।

मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने बात मानी

अमेरिकी टीवी चैनल स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, रक्षा मंत्री ने जो कहा मुझे नहीं लगता कि यह कोई सीक्रेट या छिपी हुई बात है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। जिसका खामियाजा हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। उन्होंने पहले अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका की ओर इशारा किया। ख्वाजा आसिफ की तरह उन्होंने भी कहा कि पाकिस्तान ने यह काम पश्चिमी देशों के साथ मिलकर किया, जिसका खामियाजा बाद में उनके देश ने भुगता है। हम एक के बाद एक चरमपंथ यानी आतंकवाद की मार झेलते रहे हैं। लेकिन जिस भी तकलीफ से हम गुजरे हैं, उससे हमने सबक भी लिया है।

आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गई-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा, हमने अपने देश में कट्टरपंथ और आतंक के कई दौर देखे लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति बदल गई। पाकिस्तान में हालिया वर्षों में आतंक को कोई पनाह नहीं मिली है बल्कि हम खुद इससे पीड़ित और आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमने आंतरिक सुधार किए हैं। खासतौर से मेरी मां पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गए। पाकिस्तान ने बीते वर्षों में आतंकी समूहों के खिलाफ गंभीर और सफल कार्रवाई की है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी किया था सच कबूल

इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया। यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।

यह कबूलनामा ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया, जो पाकिस्तान से संचालित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।

रक्तपात से अभी नहीं भरा पाकिस्तान का मन, बिलावल ने जहर उगला, कहा-सिंधु में या तो पानी बहेगा या खून

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खून-खराबे और हिंसा से पाकिस्तान का मन अभी भरा नहीं है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से बिगड़े बोल बोले जा रहे हैं। भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन कदमों में सबसे तगड़ा रहा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला। इससे पाकिस्तान बुरी तरह बौखला उठा है और उसके नेता गीदड़ भभकियां देने लगे हैं। अब बिलावल भुट्टो का बयान सामने आया है। बिलावल ने सिंधु नदी में भारत के लोगों का खून बहाने की बात कह दी है।

...तो उसका खून बहेगा-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है कि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान का है और अगर कोई इसे छीनने की कोशिश करेगा तो उसका खून बहेगा। एक रैली में बिलावल ने कहा, ‘सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा। या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा, या फिर उसका खून।

पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार-बिलावल

बिलावल युद्ध की गीदड़भभकी देने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ इस आधार पर सिंधु के पानी की मिल्कियत नहीं तय कर सकता कि उसकी आबादी ज्यादा है। भुट्टो ने कहा कि हर पाकिस्तानी सिंधु का पैगाम लेकर दुनिया को बताएगा कि दरिया पर डाका मंजूर नहीं। दुश्मन की नजरें हमारे पानी पर हैं। बिलावल भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश के चारों प्रांत एकजुट होकर भारत के हर मंसूबे का करारा जवाब देंगे। बिलावल के मुताबिक, चार प्रांत चार भाइयों जैसे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उठाएंगे

बिलावल ने भारत की घोषणाओं, खासकर आईडब्ल्यूटी के बारे में, की भी कड़ी निंदा की और कहा कि वे न केवल अवैध हैं बल्कि मानवता के खिलाफ हैं। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, हम आपके साथ खड़े होंगे और न केवल सड़कों पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का मामला उठाएंगे और भारत के फैसले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

बिलावल भुट्टो का दावा,बोले- नवाज शरीफ ने दिया था पीएम बनने ऑफर, सत्ता साझेदारी के फार्मूले को ठुकराया

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पाकिस्तान में चुनाव के नतीजों के बाद भी अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। किसी एक पार्टी को बहुमत ना मिलने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ जारी है। इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने खुलासा किया कि उन्होंने नवाज शरीफ का ऑफर ठुकरा दिया है।दरअसल, गठबंधन फाइनल करने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है कि उन्होंने हर दो साल में एक रोटेशनल पीएम केफॉर्मूले को खारिज कर दिया है। ये फॉर्मूला उनको नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन की ओर से दिया गया था।

पाकिस्तन के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सत्ता के लिए चल रहे गठजोड़ के समीकरणों को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें पीएम के पद के लिए पेशकश की गई थी।बिलावल भुट्टों ने कहा, 'मुझे कहा गया कि तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनने दिया जाए, इसके बाद दो वर्षों के लिए हम प्रधानमंत्री पद ले लें। मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह से प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री तब बनूंगा जब पाकिस्तान की जनता मुझे चुनेगी।'

बिलावल ने कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करे। उन्होंने आगे कहा, 'सभी राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना स्वार्थ छोड़कर देश की जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए।' 

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विदेश मंत्री और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने कहा कि देश में व्याप्त आर्थिक और राजनीतिक संकट को देखते हुए सबसे अच्छा होगा कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी नए राष्ट्रपति बनें। हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे 

पीपीपी और पीएमएल-एन ने चुनाव बाद गठबंधन किया है। इसके बाद दोनों दलों में सत्ता साझा करने के लिए बात हो रही है। पीएमएल-एन और पीपीपी नेताओं ने शनिवार को एक बैठक की थी, जिसमें कोई फैसला नहीं हो सका। इसके बाद आज, सोमवार को फिर से बैठक बुलाई गई है। गठबंधन में पीएम पद पीएमएलएन को मिलेगा, इस पर सहमति बन चुकी है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएलएन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित भी कर दिया है। गठबंधन सरकार में उनका पीएम बनना तय माना जा रहा है। पाक मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पीपीपी की ओर से राष्ट्रपति पद और कई अहम मंत्रालयों की मांग की जा रही है। जिसकी वजह से चीजें फाइनल नहीं हो पा रही हैं।

बता दें कि पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 में से 93 सीटें जीतीं। वहीं, पीएमएल-एन ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतने में कामयाब रही। बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी अपनी 17 सीटों के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो का समर्थन करने पर सहमत हो गया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल पर एस जयशंकर का तंज, कहा- अच्छा मेहमान हो, तो मैं अच्छा मेजबान बन जाता हूं*

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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के समिट में शामिल होने गोवा आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तंज कसा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर तीखा हमला बोला। भारतीय विदेश मंत्री ने भुट्टों की अगुवानी पर कहा कि अगर उन्हें अच्छे गेस्ट मिले तो वह एक अच्छे होस्ट बन जाते हैं।

मैसूर में 'मोदी सरकार की विदेश नीति' पर आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, 'बिलावल भुट्टो ने एससीओ बैठक के मुद्दों को छोड़कर बाकी सभी चीजों मसलन हमारी नीतियों, कश्मीर मुद्दे, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, जी 20 सम्मेलन पर अपनी बात रखी। लेकिन, उन्होंने एससीओ समिट की कोई बात नहीं कीष

जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद को समर्थन देने के मामले में फिर से घेरा और कहा कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद को कंडक्ट ही नहीं करता बल्कि ऐसा करने के अपने अधिकारों का दावा करता है। उन्होंने कहा कि यह भारत के हित में नहीं है कि पाकिस्तान से हमेशा दुश्मनी के संबंध रखे जाएं, कोई भी यह नहीं चाहता है। लेकिन कई बार भारत को लाइन खींचनी पड़ती है और उस पर स्टैंड भी लेना पड़ता है।

जयशंकर ने जरदारी को भारत आमंत्रित करने के पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को आमंत्रित किया क्योंकि एससीओ की विदेश मंत्रियों की बैठक थी। जब बहुपक्षीय बैठकों की बात आती है तो आप उस चर्चा करने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री को एससीओ के संबंधित मुद्दों के मामलों में विचार रखने के लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में उनकी क्षमता में आमंत्रित किया गया था।जयशंकर ने कहा कि हमारी राय अलग-अलग हो सकती है। हालांकि एससीओ की बैठक में हम चर्चा करते और अलग-अलग राय रखते। वह एक बात है।

इससे पहल गोवा में एससीओ समिट में जयशंकर ने पाकिस्तान को टेररिज्म इंडस्ट्री और बिलावल को इसका प्रमोटर, जस्टिफायर और प्रवक्ता बताया था। उन्होंने कहा था कि एससीओ की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और बिलावल की आलोचना की गई। वहीं पाकिस्तान लौटने पर बिलावल ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा था और बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधा था।

पाकिस्तान पहुंचते ही हिंदुस्तान के खिलाफ बिलावल के जहरीले बोल, आतंकवाद पर जयशंकर के बयान लेकर कहा-ये उनकी मर्जी

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) में हिस्सा लेने के बाद अपने मुल्क पाकिस्तान पहुंच गए हैं। भारत में एससीओ सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर घिरने के बाद बिलावल ने पाकिस्तान की जमीं से इस कार्यक्रम को लेकर बयान भी जारी किया है।पाकिस्तान पहुंचते ही उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है।

बिलावल भुट्टो ने अपनी इस यात्रा को एक सफलता बताया। इसके साथ ही कहा, 'भारत और खास तौर पर बीजेपी एक प्रोपेगेंडा चला रही है कि हर मुसलमान आतंकी है उसे नकार दिया गया है।' कराची में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'बीजेपी और आरएसएस दुनिया में मुस्लिमों और हर पाकिस्तानी को आतंकी साबित करना चाहते हैं। हमारी यह यात्रा इस दावे को खारिज कर रही है।'

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, आतंकवाद से पीड़ित और इसे फैलाने वाले कभी साथ बैठकर आतंक पर चर्चा नहीं कर सकते। जो उन्होंने कहा, वह उनकी मर्जी। मैंने वहां अपना बयान दिया, प्रेस से भी बातचीत की। सबकुछ रिकॉर्ड पर है। वहां झूठे प्रोपेगैंडा की वजह से असुरक्षा का भाव है। यह प्रोपेगैंडा खत्म हो जाता है, जब मैंने वहां जाकर अपनी बात रखी। यह सिर्फ भारत के मुद्दे पर नहीं है, बल्कि उन सबके लिए है, जो पाकिस्तान का नाम आतंकवाद से जोड़ते हैं।

एससीओ समिट में क्या बोले थे बिलावल?

इससे पहले आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल ने कहा कि लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। हमें आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार बनाकर राजनयिक तौर पर एक-दूसरे को घेरने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोल रहा हूं। हमारे लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया। मैं उस बेटे के रूप में भी बोल रहा हूं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई थी।

क्या कहा था जयशंकर ने

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने बिलावल को एससीओ मं सीधे तौर पर आतंकवाद का प्रवक्ता बता दिया था। गोवा में शंघाई सहयोग संगठनके सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के पीड़ित उनके साथ बैठ कर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते जो इसे फैला रहे होते हैं।' बिलावल भुट्टो के आने पर जयशंकर ने कहा था, 'भुट्टो एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर आए। यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है और हम इससे ज्यादा कुछ नहीं देखते हैं।

एससीओ बैठक के लिए आज भारत आ रहे बिलावल भुट्टो जरदारी, जयशंकर से मुलाकात पर सस्पेंस बरकरार

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भारत की मेजबानी में आज से गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हो रही है। बैठक में शामिल सदस्य देश इस सम्मेलन में क्षेत्रीय चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आ रहे हैं।पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारतीय जमीन पर करीब 24 घंटे रुकेंगे। करीब 12 बरस बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत में होगा।

बैठक में शरीक होने के लिए पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का गल्फ-स्ट्रीम चार्टेड विमान गोवा हवाई अड्डे पर 4 मई को शाम करीब 4 बजे तक पहुंच जाएगा। उसी शाम को एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों का एक रात्रिभोज भी आयोजित किया गया है।पाकिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा-पार प्रायोजित आतंकवाद के पुराने विवादों का साया दिखाई देगा बल्कि चंद माह पहले पीएम मोदी को लेकर दिए बिलावल भुट्टो के आपत्तिजनक बयान की खटास का भी असर होगा।

बिलावल की इस यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं

मीडिया में इस बात की भी चर्चा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री की इस यात्रा को भारत कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। भारतीय विदेश मंत्री जहां एससीओ बैठक से इतर रूस, चीन एवं एससीओ के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं, वहीं बिलावल के साथ उनकी मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है।

2016 में सरताज अजीज भारत आए थे

बीते सात सालों में यह पहला मौका है जब बहुपक्षीय बैठक के लिए पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा हो रही है। इससे पहले 2016 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज 'हर्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आए थे। बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा को लकर मीडिया में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कई लोग भुट्टो की इस यात्रा को भारत-पाकिस्तान रिश्तों में एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। लोगों का कहना है कि भारत से संबंध सुधारने के लिए भुट्टो को अपनी इस यात्रा का इस्तेमाल एक अवसर के रूप में किया जाना चाहिए।

एस जयंशकर ने लिया तैयारियों का जायजा

'एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023' की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिरकत के लिए पाकिस्तान, चीन व रूस सहित सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, सभी ने भागीदारी की रजामंदी दी है।

बता दें कि साल 2001 में एससीओ की स्थापना हुई थी। एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत इस वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता कर रहा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे। समझा जाता है कि इस बैठक में आतंकवाद की चुनौतियों के अलावा यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर भी चर्चा हो सकती है।

पीएम मोदी और कश्मीर को लेकर अक्सर “जहर” उगलने वाले बिलावल भुट्टो भारत आएंगे, नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी नेता की पहली यात्रा

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्‍मीर को लेकर जहर उगलने वाले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत दौरे पर आ रहे हैं। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। बता दें कि, वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद यह किसी सत्तारूढ़ पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी।

बिलावल की यह यात्रा अगले महीने के शुरूआत में 4 मई को होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आगामी 4-5 मई को भारत में चीन की अगुवाई वाले शंघाई को-ऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक होगी। बिलावल यहां गोवा में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।

मार्च में पाकिस्‍तान की तरफ से बयान दिया गया था कि अभी तक भुट्टो के भारत जाने के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। भुट्टो एससीओ की मीटिंग में आएंगे या नहीं इस बात को लेकर कई दिनों से अटकलें तेज थीं। गुरुवार को पाकिस्‍तान विदेश विभाग की प्रवक्‍ता मुमताज जाहरा बलोच ने बिलावल के भारत दौरे पर आधिकारिक जानकारी दी।

बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे

साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्‍तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे तो तत्‍कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था। बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे। साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे। दोनों ने अजमेर जाकर मजार-ए-शरीफ पर चादर भी चढ़ाई थी। बिलावल ने उस समय बयान दिया था कि पाकिस्‍तान, भारत के साथ शांति चाहता है।

पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी

बिलावल भुट्टो पाकिस्तानी राजनीति में अपनी 'भारत विरोधी' बयानबाजी के चलते सुर्खियों में रहे हैं।दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्‍होंने कहा था कि कोई भी शब्‍द या आलोचना भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल ने यूएन में फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने जमकर लगाई फटकार

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पाकिस्तान की सरकार से अपना देश नहीं संभल रहा है, लेकिन कश्मीर का राग नहीं छूट रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी ने एक बार फिर कश्मीर का राग छेड़ा। जिसके बाद भारत ने जमकर फटकार लगाई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में महिला, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर आयोजित चर्चा में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से कश्मीर का विषय उठाने पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। भारत ने कहा कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का जवाब देना भी मुनासिब नहीं है।

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को उनके बयान को 'आधारहीन और राजनीति से प्रेरित' करार दिया।उन्होंने कहा, इससे पहले कि मैं अपनी बात खत्म करूं, मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई ओछी, निराधार और राजनीति से प्रेरित टिप्पणी को खारिज करती हूं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिला, शांति और सुरक्षा विषय पर चर्चा के दौरान कम्बोज ने कहा, मेरा प्रतिनिधिमंडल मानता है कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना भी मुनासिब नहीं है। इसके विपरीत हमारा ध्यान सकारात्मक और आगे की सोच वाला होना चाहिए। आज की चर्चा महिला, शांति और सुरक्षा के एजेंडे को पूरी तरह से लागू करने के लिए हमारी सामूहिक कोशिश को मजबूत करने के वास्ते अहम है। हम चर्चा के विषय का सम्मान करते हैं और समय के महत्व को मान्यता देते हैं। हमारा ध्यान इस विषय पर केंद्रित होना चाहिए।

बता दें कि कम्बोज की यह तीखी प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सुरक्षा परिषद में इस महीने के अध्यक्ष मोजाम्बिक के नेतृत्व में हुई चर्चा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किए जाने के बाद आई है।

मुझे नहीं लगता कि यह किसी से छिपा हुआ”, ख्वाजा आसिफ के बाद बिलावल ने कबूला पाकिस्तान का सच

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पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है...पहले पड़ोसी मुल्क के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात कबूला अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस पर मुहर लगा दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकी समूहों से जुड़ा रहा है, यह कोई रहस्य नहीं है। ये एक सच है कि देश में ये सब हुआ है। भारत की ओर से सख्त कार्रवाइयों और जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान के नेताओं की बौखलाहट ने मुल्क का असली चेहरा दुनिया के सामने ला दिया है।

मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने बात मानी

अमेरिकी टीवी चैनल स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, रक्षा मंत्री ने जो कहा मुझे नहीं लगता कि यह कोई सीक्रेट या छिपी हुई बात है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। जिसका खामियाजा हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। उन्होंने पहले अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका की ओर इशारा किया। ख्वाजा आसिफ की तरह उन्होंने भी कहा कि पाकिस्तान ने यह काम पश्चिमी देशों के साथ मिलकर किया, जिसका खामियाजा बाद में उनके देश ने भुगता है। हम एक के बाद एक चरमपंथ यानी आतंकवाद की मार झेलते रहे हैं। लेकिन जिस भी तकलीफ से हम गुजरे हैं, उससे हमने सबक भी लिया है।

आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गई-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा, हमने अपने देश में कट्टरपंथ और आतंक के कई दौर देखे लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति बदल गई। पाकिस्तान में हालिया वर्षों में आतंक को कोई पनाह नहीं मिली है बल्कि हम खुद इससे पीड़ित और आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमने आंतरिक सुधार किए हैं। खासतौर से मेरी मां पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गए। पाकिस्तान ने बीते वर्षों में आतंकी समूहों के खिलाफ गंभीर और सफल कार्रवाई की है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी किया था सच कबूल

इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया। यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।

यह कबूलनामा ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया, जो पाकिस्तान से संचालित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।

रक्तपात से अभी नहीं भरा पाकिस्तान का मन, बिलावल ने जहर उगला, कहा-सिंधु में या तो पानी बहेगा या खून

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खून-खराबे और हिंसा से पाकिस्तान का मन अभी भरा नहीं है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से बिगड़े बोल बोले जा रहे हैं। भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन कदमों में सबसे तगड़ा रहा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला। इससे पाकिस्तान बुरी तरह बौखला उठा है और उसके नेता गीदड़ भभकियां देने लगे हैं। अब बिलावल भुट्टो का बयान सामने आया है। बिलावल ने सिंधु नदी में भारत के लोगों का खून बहाने की बात कह दी है।

...तो उसका खून बहेगा-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है कि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान का है और अगर कोई इसे छीनने की कोशिश करेगा तो उसका खून बहेगा। एक रैली में बिलावल ने कहा, ‘सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा। या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा, या फिर उसका खून।

पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार-बिलावल

बिलावल युद्ध की गीदड़भभकी देने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ इस आधार पर सिंधु के पानी की मिल्कियत नहीं तय कर सकता कि उसकी आबादी ज्यादा है। भुट्टो ने कहा कि हर पाकिस्तानी सिंधु का पैगाम लेकर दुनिया को बताएगा कि दरिया पर डाका मंजूर नहीं। दुश्मन की नजरें हमारे पानी पर हैं। बिलावल भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश के चारों प्रांत एकजुट होकर भारत के हर मंसूबे का करारा जवाब देंगे। बिलावल के मुताबिक, चार प्रांत चार भाइयों जैसे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उठाएंगे

बिलावल ने भारत की घोषणाओं, खासकर आईडब्ल्यूटी के बारे में, की भी कड़ी निंदा की और कहा कि वे न केवल अवैध हैं बल्कि मानवता के खिलाफ हैं। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, हम आपके साथ खड़े होंगे और न केवल सड़कों पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का मामला उठाएंगे और भारत के फैसले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

बिलावल भुट्टो का दावा,बोले- नवाज शरीफ ने दिया था पीएम बनने ऑफर, सत्ता साझेदारी के फार्मूले को ठुकराया

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पाकिस्तान में चुनाव के नतीजों के बाद भी अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। किसी एक पार्टी को बहुमत ना मिलने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ जारी है। इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने खुलासा किया कि उन्होंने नवाज शरीफ का ऑफर ठुकरा दिया है।दरअसल, गठबंधन फाइनल करने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है कि उन्होंने हर दो साल में एक रोटेशनल पीएम केफॉर्मूले को खारिज कर दिया है। ये फॉर्मूला उनको नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन की ओर से दिया गया था।

पाकिस्तन के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सत्ता के लिए चल रहे गठजोड़ के समीकरणों को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें पीएम के पद के लिए पेशकश की गई थी।बिलावल भुट्टों ने कहा, 'मुझे कहा गया कि तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनने दिया जाए, इसके बाद दो वर्षों के लिए हम प्रधानमंत्री पद ले लें। मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह से प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री तब बनूंगा जब पाकिस्तान की जनता मुझे चुनेगी।'

बिलावल ने कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करे। उन्होंने आगे कहा, 'सभी राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना स्वार्थ छोड़कर देश की जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए।' 

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विदेश मंत्री और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने कहा कि देश में व्याप्त आर्थिक और राजनीतिक संकट को देखते हुए सबसे अच्छा होगा कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी नए राष्ट्रपति बनें। हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे 

पीपीपी और पीएमएल-एन ने चुनाव बाद गठबंधन किया है। इसके बाद दोनों दलों में सत्ता साझा करने के लिए बात हो रही है। पीएमएल-एन और पीपीपी नेताओं ने शनिवार को एक बैठक की थी, जिसमें कोई फैसला नहीं हो सका। इसके बाद आज, सोमवार को फिर से बैठक बुलाई गई है। गठबंधन में पीएम पद पीएमएलएन को मिलेगा, इस पर सहमति बन चुकी है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएलएन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित भी कर दिया है। गठबंधन सरकार में उनका पीएम बनना तय माना जा रहा है। पाक मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पीपीपी की ओर से राष्ट्रपति पद और कई अहम मंत्रालयों की मांग की जा रही है। जिसकी वजह से चीजें फाइनल नहीं हो पा रही हैं।

बता दें कि पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 में से 93 सीटें जीतीं। वहीं, पीएमएल-एन ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतने में कामयाब रही। बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी अपनी 17 सीटों के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो का समर्थन करने पर सहमत हो गया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल पर एस जयशंकर का तंज, कहा- अच्छा मेहमान हो, तो मैं अच्छा मेजबान बन जाता हूं*

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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के समिट में शामिल होने गोवा आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तंज कसा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर तीखा हमला बोला। भारतीय विदेश मंत्री ने भुट्टों की अगुवानी पर कहा कि अगर उन्हें अच्छे गेस्ट मिले तो वह एक अच्छे होस्ट बन जाते हैं।

मैसूर में 'मोदी सरकार की विदेश नीति' पर आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, 'बिलावल भुट्टो ने एससीओ बैठक के मुद्दों को छोड़कर बाकी सभी चीजों मसलन हमारी नीतियों, कश्मीर मुद्दे, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, जी 20 सम्मेलन पर अपनी बात रखी। लेकिन, उन्होंने एससीओ समिट की कोई बात नहीं कीष

जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद को समर्थन देने के मामले में फिर से घेरा और कहा कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद को कंडक्ट ही नहीं करता बल्कि ऐसा करने के अपने अधिकारों का दावा करता है। उन्होंने कहा कि यह भारत के हित में नहीं है कि पाकिस्तान से हमेशा दुश्मनी के संबंध रखे जाएं, कोई भी यह नहीं चाहता है। लेकिन कई बार भारत को लाइन खींचनी पड़ती है और उस पर स्टैंड भी लेना पड़ता है।

जयशंकर ने जरदारी को भारत आमंत्रित करने के पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को आमंत्रित किया क्योंकि एससीओ की विदेश मंत्रियों की बैठक थी। जब बहुपक्षीय बैठकों की बात आती है तो आप उस चर्चा करने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री को एससीओ के संबंधित मुद्दों के मामलों में विचार रखने के लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में उनकी क्षमता में आमंत्रित किया गया था।जयशंकर ने कहा कि हमारी राय अलग-अलग हो सकती है। हालांकि एससीओ की बैठक में हम चर्चा करते और अलग-अलग राय रखते। वह एक बात है।

इससे पहल गोवा में एससीओ समिट में जयशंकर ने पाकिस्तान को टेररिज्म इंडस्ट्री और बिलावल को इसका प्रमोटर, जस्टिफायर और प्रवक्ता बताया था। उन्होंने कहा था कि एससीओ की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और बिलावल की आलोचना की गई। वहीं पाकिस्तान लौटने पर बिलावल ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा था और बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधा था।

पाकिस्तान पहुंचते ही हिंदुस्तान के खिलाफ बिलावल के जहरीले बोल, आतंकवाद पर जयशंकर के बयान लेकर कहा-ये उनकी मर्जी

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) में हिस्सा लेने के बाद अपने मुल्क पाकिस्तान पहुंच गए हैं। भारत में एससीओ सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर घिरने के बाद बिलावल ने पाकिस्तान की जमीं से इस कार्यक्रम को लेकर बयान भी जारी किया है।पाकिस्तान पहुंचते ही उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है।

बिलावल भुट्टो ने अपनी इस यात्रा को एक सफलता बताया। इसके साथ ही कहा, 'भारत और खास तौर पर बीजेपी एक प्रोपेगेंडा चला रही है कि हर मुसलमान आतंकी है उसे नकार दिया गया है।' कराची में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'बीजेपी और आरएसएस दुनिया में मुस्लिमों और हर पाकिस्तानी को आतंकी साबित करना चाहते हैं। हमारी यह यात्रा इस दावे को खारिज कर रही है।'

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, आतंकवाद से पीड़ित और इसे फैलाने वाले कभी साथ बैठकर आतंक पर चर्चा नहीं कर सकते। जो उन्होंने कहा, वह उनकी मर्जी। मैंने वहां अपना बयान दिया, प्रेस से भी बातचीत की। सबकुछ रिकॉर्ड पर है। वहां झूठे प्रोपेगैंडा की वजह से असुरक्षा का भाव है। यह प्रोपेगैंडा खत्म हो जाता है, जब मैंने वहां जाकर अपनी बात रखी। यह सिर्फ भारत के मुद्दे पर नहीं है, बल्कि उन सबके लिए है, जो पाकिस्तान का नाम आतंकवाद से जोड़ते हैं।

एससीओ समिट में क्या बोले थे बिलावल?

इससे पहले आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल ने कहा कि लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। हमें आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार बनाकर राजनयिक तौर पर एक-दूसरे को घेरने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोल रहा हूं। हमारे लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया। मैं उस बेटे के रूप में भी बोल रहा हूं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई थी।

क्या कहा था जयशंकर ने

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने बिलावल को एससीओ मं सीधे तौर पर आतंकवाद का प्रवक्ता बता दिया था। गोवा में शंघाई सहयोग संगठनके सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के पीड़ित उनके साथ बैठ कर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते जो इसे फैला रहे होते हैं।' बिलावल भुट्टो के आने पर जयशंकर ने कहा था, 'भुट्टो एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर आए। यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है और हम इससे ज्यादा कुछ नहीं देखते हैं।

एससीओ बैठक के लिए आज भारत आ रहे बिलावल भुट्टो जरदारी, जयशंकर से मुलाकात पर सस्पेंस बरकरार

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भारत की मेजबानी में आज से गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हो रही है। बैठक में शामिल सदस्य देश इस सम्मेलन में क्षेत्रीय चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आ रहे हैं।पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारतीय जमीन पर करीब 24 घंटे रुकेंगे। करीब 12 बरस बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत में होगा।

बैठक में शरीक होने के लिए पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का गल्फ-स्ट्रीम चार्टेड विमान गोवा हवाई अड्डे पर 4 मई को शाम करीब 4 बजे तक पहुंच जाएगा। उसी शाम को एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों का एक रात्रिभोज भी आयोजित किया गया है।पाकिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा-पार प्रायोजित आतंकवाद के पुराने विवादों का साया दिखाई देगा बल्कि चंद माह पहले पीएम मोदी को लेकर दिए बिलावल भुट्टो के आपत्तिजनक बयान की खटास का भी असर होगा।

बिलावल की इस यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं

मीडिया में इस बात की भी चर्चा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री की इस यात्रा को भारत कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। भारतीय विदेश मंत्री जहां एससीओ बैठक से इतर रूस, चीन एवं एससीओ के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं, वहीं बिलावल के साथ उनकी मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है।

2016 में सरताज अजीज भारत आए थे

बीते सात सालों में यह पहला मौका है जब बहुपक्षीय बैठक के लिए पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा हो रही है। इससे पहले 2016 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज 'हर्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आए थे। बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा को लकर मीडिया में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कई लोग भुट्टो की इस यात्रा को भारत-पाकिस्तान रिश्तों में एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। लोगों का कहना है कि भारत से संबंध सुधारने के लिए भुट्टो को अपनी इस यात्रा का इस्तेमाल एक अवसर के रूप में किया जाना चाहिए।

एस जयंशकर ने लिया तैयारियों का जायजा

'एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023' की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिरकत के लिए पाकिस्तान, चीन व रूस सहित सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, सभी ने भागीदारी की रजामंदी दी है।

बता दें कि साल 2001 में एससीओ की स्थापना हुई थी। एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत इस वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता कर रहा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे। समझा जाता है कि इस बैठक में आतंकवाद की चुनौतियों के अलावा यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर भी चर्चा हो सकती है।

पीएम मोदी और कश्मीर को लेकर अक्सर “जहर” उगलने वाले बिलावल भुट्टो भारत आएंगे, नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी नेता की पहली यात्रा

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्‍मीर को लेकर जहर उगलने वाले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत दौरे पर आ रहे हैं। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। बता दें कि, वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद यह किसी सत्तारूढ़ पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी।

बिलावल की यह यात्रा अगले महीने के शुरूआत में 4 मई को होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आगामी 4-5 मई को भारत में चीन की अगुवाई वाले शंघाई को-ऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक होगी। बिलावल यहां गोवा में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।

मार्च में पाकिस्‍तान की तरफ से बयान दिया गया था कि अभी तक भुट्टो के भारत जाने के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। भुट्टो एससीओ की मीटिंग में आएंगे या नहीं इस बात को लेकर कई दिनों से अटकलें तेज थीं। गुरुवार को पाकिस्‍तान विदेश विभाग की प्रवक्‍ता मुमताज जाहरा बलोच ने बिलावल के भारत दौरे पर आधिकारिक जानकारी दी।

बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे

साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्‍तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे तो तत्‍कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था। बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे। साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे। दोनों ने अजमेर जाकर मजार-ए-शरीफ पर चादर भी चढ़ाई थी। बिलावल ने उस समय बयान दिया था कि पाकिस्‍तान, भारत के साथ शांति चाहता है।

पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी

बिलावल भुट्टो पाकिस्तानी राजनीति में अपनी 'भारत विरोधी' बयानबाजी के चलते सुर्खियों में रहे हैं।दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्‍होंने कहा था कि कोई भी शब्‍द या आलोचना भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल ने यूएन में फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने जमकर लगाई फटकार

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पाकिस्तान की सरकार से अपना देश नहीं संभल रहा है, लेकिन कश्मीर का राग नहीं छूट रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी ने एक बार फिर कश्मीर का राग छेड़ा। जिसके बाद भारत ने जमकर फटकार लगाई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में महिला, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर आयोजित चर्चा में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से कश्मीर का विषय उठाने पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। भारत ने कहा कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का जवाब देना भी मुनासिब नहीं है।

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को उनके बयान को 'आधारहीन और राजनीति से प्रेरित' करार दिया।उन्होंने कहा, इससे पहले कि मैं अपनी बात खत्म करूं, मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई ओछी, निराधार और राजनीति से प्रेरित टिप्पणी को खारिज करती हूं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिला, शांति और सुरक्षा विषय पर चर्चा के दौरान कम्बोज ने कहा, मेरा प्रतिनिधिमंडल मानता है कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना भी मुनासिब नहीं है। इसके विपरीत हमारा ध्यान सकारात्मक और आगे की सोच वाला होना चाहिए। आज की चर्चा महिला, शांति और सुरक्षा के एजेंडे को पूरी तरह से लागू करने के लिए हमारी सामूहिक कोशिश को मजबूत करने के वास्ते अहम है। हम चर्चा के विषय का सम्मान करते हैं और समय के महत्व को मान्यता देते हैं। हमारा ध्यान इस विषय पर केंद्रित होना चाहिए।

बता दें कि कम्बोज की यह तीखी प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सुरक्षा परिषद में इस महीने के अध्यक्ष मोजाम्बिक के नेतृत्व में हुई चर्चा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किए जाने के बाद आई है।