/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png StreetBuzz यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी,पुलिस ने कई छात्रों को लिया हिरासत में veer
यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी,पुलिस ने कई छात्रों को लिया हिरासत में

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभ्यर्थी पिछले चार दिनों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों को आज पुलिस ने आयोग के बाहर से जबरदस्ती हटाना शुरू कर दिया है. इस मौके पर काफी संख्या पुलिस मौजूद है और प्रदर्शन स्थल पर पुलिस और छात्रों के बीच तनाव जारी है. पुलिस अपने कई छात्रों को पुलिस स्टेशन ले गई है. इसमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल है.

मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. धरना स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग और ज्यादा कर दी गई है. इसके अलावा पुलिस ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना स्थल को तीनों तरफ से सील कर दिया गया है ताकि कोई अंदर जाने ना पाए. छात्र one shift one exam को लेकर आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्रों को समझाने के बाद भी नहीं बनी बात

प्रयागराज के DM रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार समेत कुछ अन्य अधिकारी बीती रात लोक सेवा आयोग के गेट नंबर दो पर छात्रों से बात करने पहुंचे थे. डीएम ने तकरीबन आधा घंटा तक छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद कोई बात नहीं बनी.

आयोग अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी

इससे पहले मंगलवार को छात्रों ने थाली बजाकर आयोग के खिलाफ विरोध किया था. साथ ही आयोग के मेन गेट पर कालिख से लूट सेवा आयोग भी लिख दिया.वहीं मंगलवार रात प्रदर्शनकारी छात्रों ने कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर आयोग-सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी. बुधवार कोकुछ छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष के पोस्टर हाथ में लेकर उन्हें गुमशुदा बताकर उन्हें ढूंढने वाले को एक रुपए का इनाम देने का नारा लगाते दिखे.

कब से चल रहा है प्रदर्शन?

यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है. आयोग के इस फैसले के खिलाफ यूपी के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर 20 हजार से ज्यादा प्रतियोगी छात्र सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

राजस्थान के टोंक में हिंसा: पुलिस की बड़ी कार्रवाई अब तक 60 लोगों किया गिरफ्तार, आरोपी नरेश मीणा फरार

राजस्थान के टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को भारी हिंसा हुई है। क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद जब पुलिस नरेश मीणा को पकड़ने गई तो समरावता गांव के लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और जमकर हिंसा की। नरेश मीणा के समर्थकों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। अब पुलिस इस मामले में सख्त एक्शन ले रही है।

अब तक 60 लोग गिरफ्तार

टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की थी। हालांकि, इस दौरान समरावता गांव में हंगामे, पथराव और आगजनी की घटना हुई। अजमेर रेंज आईजी, ओम प्रकाश ने बताया है कि पुलिस ने इस मामले में अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नरेश मीणा की तलाश जारी

टोंक हिंसा में हिंसा को लेकर जिले के एडिशनल SP बृजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि हम स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हमने कुछ गिरफ्तारियां की हैं। हम नरेश मीणा की तलाश कर रहे हैं। हम बाद में विस्तृत जानकारी देंगे। देवली उनियारा के समरावता गांव में कल रात हुई हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इलाके में पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

नरेश मीणा फरार

इस पूरे बवाल के बीच निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस ने लाठीचार्ज कर समर्थकों को खदेड़ने का प्रयास किया है। मौके पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस ने नरेश मीणा के कई समर्थकों को हिरासत में लिया है। मौके पर हवाई फायर की भी सूचना है।

दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की बहाली के लिए एलजी से की सिफारिश

दिल्ली सरकार ने राजधानी की डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) बसों की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से की है. कैबिनेट ने इस निर्णय पर जोर देते हुए कहा कि बस मार्शलों की नियुक्ति से यात्रियों, खासकर महिला यात्रियों, को सुरक्षा का माहौल देने में मदद मिली है. सरकार का कहना है कि ये मार्शल बसों के भीतर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी बहाली से छेड़छाड़, अपराध और हिंसा जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस मसले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया और उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इसे मानवीय दृष्टिकोण से देखें. दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को महिलाओं की सुरक्षा के रूप में प्रमुखता दी है, और बस मार्शलों की बहाली को प्राथमिकता दी गई है.

बस मार्शलों की बहाली पर कैबिनेट का जोर

दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से उपराज्यपाल को यह सिफारिश भेजी कि दिल्ली के डीटीसी और क्लस्टर बसों में तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल किया जाए. मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, और इसके लिए मार्शलों का योगदान बहुत अहम है. कैबिनेट का कहना है कि इस योजना को सेवा के साथ कानून-व्यवस्था का हिस्सा मानते हुए एलजी के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उन्हीं के पास है. लेकिन, सरकार ने एलजी से अनुरोध किया कि इस मामले को संवेदनशीलता से देखें और त्वरित निर्णय लें.

महिला सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम

दिल्ली सरकार का मानना है कि डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे यात्रियों को विशेष रूप से महिलाओं को सुरक्षा का एक आश्वासन मिला है. सरकार का दावा है कि बस मार्शलों की उपस्थिति के कारण बसों में अपराध के मामलों में कमी आई है. महिलाओं को छेड़छाड़ और अन्य अपराधों से बचाने के लिए बस मार्शलों का योगदान काफी अहम साबित हुआ है. सरकार ने उम्मीद जताई है कि उपराज्यपाल दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन मार्शलों को फिर से बहाल करने की अनुमति देंगे.

दिल्ली सरकार की कैबिनेट का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में बताया कि बस मार्शलों को काम पर रखने के लिए विभाग को कई निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस विषय का अधिकार उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार में होने के कारण एलजी ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं. उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि इस मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखते हुए जल्द फैसला लिया जाए. दिल्ली सरकार की मंशा है कि जब तक बस मार्शलों की बहाली के लिए कोई नई योजना नहीं बन जाती, तब तक इन्हें 31 अक्टूबर 2023 से पहले की तरह तत्काल काम पर वापस भेजा जाए.

राजस्थान में थप्पड़बाज नरेश मीणा का ट्वीट: "न डरे थे, न डरेंगे...",नरेश मीणा की तलाश में जुटी पुलिस

राजस्थान के टोंक में पोलिंग बूथ पर SDM को थप्पड़ मारने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा फिलहाल फरार है. बुधवार को उपचुनाव (Rajasthan By-Election) के दौरान नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी से हाथापाई कर उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था. इसके बाद बवाल ऐसा मचा कि देर रात पुलिस और नरेश मीणा के समर्थक आमने-सामने हो गए. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को पकड़ने पहुंची पुलिस पर गुस्साएं लोगों ने जमकर पथराव किया. तभी नरेश मीणा वहां से फरार हो गया. लेकिन अब उसके एक ट्वीट से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है.

देर रात ढाई बजे नरेश मीणा ने ट्वीट किया- मैं ठीक हूं…ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी. नरेश के इस ट्वीट के बाद पुलिस की कई टीमों ने उसकी तलाश और तेज कर दी है. प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके में देर रात से इंटरनेट सेवा बाधित कर रखी है. फिलहाल पूरा समरावता गांव छावनी में तब्दील हो रखा है. रातभर से अभी तक यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है.

पुलिस ने बताया- एसडीएम थप्पड़कांड में नरेश मीणा को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो समरावता (अलीगढ़) में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर आगजनी कर दी. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. वहीं, कई महिलाओं और पुरुषों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है. अब तक 20 जनों को अशांति व उपद्रव फैलाने के आरोप में पकड़ा है. आरोपियों पर सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा.

घरों और पुलिस वाहनों में लगाई आग

एक पुलिस अधिकारी ने बताया- जब पुलिस रात 9 बजे नरेश मीणा को समरावता गांव पकड़ने पहुंची तो भारी तादाद में भीड़ मौजूद थी. वहां रोष का माहौल था. ऐसे में उग्र भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ ही आंसू गैस के गोले दागने पड़े. ऐसे में मामला बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने मौके पर खड़े पुलिस वाहनो में आग लगा दी. जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई.

गुस्साए लोगों ने कच्चे मकानों में भी आग लगा दी. ऐसे में घरों में बैठे लोगों ने मकान से भागकर अपनी जान बचाई. इसके बाद नरेश मीना को हिरासत में लिया गया. लेकिन, देर रात भीड़ ने पुलिस पर अचानक से हमला कर दिया और नरेश मीणा को छुड़ा लिया. इस हंगामे के बीच नरेश मीना भी घायल हुआ.

कहां और कैसे शुरू हुआ विवाद?

राजस्थान में 14 नवंबर तो 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. दोपहर के समय वोटिंग के दौरान देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा तब अचानक पोलिंग बूथ पहुंचा. वह मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहा था. प्रशासन और पुलिस के जवानों ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उनसे उसकी हाथापाई हो गई.

नरेश मीणा आरोप लगा रहा था कि ईवीएम में उसके चुनाव चिन्ह को काफी हल्का कर दिया है. इससे उनके मतदाताओं को वोटिंग करने में परेशानी हो रही है. इसके साथ ही नरेश मीणा का कहना था कि इस गांव के लोगों की उपखंड मुख्यालय बदलवाने की मांग है. इसलिए उन्होंने वोटिंग का बहिष्कार किया है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी जबरन लोगों को धमकाकर वोट डलवा रहे हैं. बस यही बहस

नरेश मीणा को कांग्रेस ने क्यों निकाला?

नरेश मीणा पहले कांग्रेस पार्टी का नेता था. लेकिन देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उपचुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने नरेश मीणा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया था. कांग्रेस ने देवली-उनियारा सीट से केसी मीणा को आधिकारिक प्रत्याशी बनाया है, जबकि इसी सीट से नरेश मीणा भी टिकट मांग रहा था. पार्टी ने उसे चेतावनी भी दी थी कि वो अपना नामांकन वापस ले ले. लेकिन नरेश ने उनकी बात नहीं मानी. जिस कारण उसे कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया.

इससे पहले भी नरेश मीणा कांग्रेस से बगावत कर चुका था. 2023 के विधानसभा चुनाव में बगावत करते हुए नरेश ने छाबड़ा सीट से चुनाव लड़ा था. इसके बाद उसे राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उसकी पार्टी में वापसी हो गई थी. उसने लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था, लेकिन बाद में पार्टी नेताओं ने उसे मना लिया था.

देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर

सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. देवली-उनियारा सीट पर सबसे ज्यादा 3.02 लाख वोटर्स हैं. 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 69 कैंडिडेट मैदान में है. उपचुनाव के नतीजे सरकार और विपक्ष दोनों के सियासी नरेटिव को तय करेगा. देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर है.

देवली-उनियारा सीट कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा के टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद बनने के बाद खाली हुई है. कांग्रेस ने इस सीट पर केसी मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा ने पहले विधायक रह चुके राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया है. नरेश मीणा कांग्रेस के बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है.

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर PM मोदी ₹6,640 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह शुरू हो रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने के लिए बिहार के जमुई का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री सुबह करीब 11 बजे भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण करेंगे. पीएम इस दौरान 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे.

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत बने 11,000 आवास के गृह प्रवेश समारोह में भाग लेंगे. पीएम आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच बढ़ाने के लिए पीएम-जनमन के तहत शुरू की गई 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत अतिरिक्त 30 एमएमयू का भी उद्घाटन करेंगे.

10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन

इसके अलावा प्रधानमंत्री आदिवासी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और आजीविका में मदद के लिए 300 वन धन विकास केंद्रों का उद्घाटन करेंगे. साथ ही आदिवासी छात्रों के लिए करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन करेंगे. वे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में दो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों और श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर और गंगटोक, सिक्किम में दो आदिवासी शोध संस्थानों का भी उद्घाटन करेंगे, ताकि आदिवासी समुदायों के समृद्ध इतिहास और विरासत का दस्तावेजीकरण और संरक्षण किया जा सके.

नई सड़कों और सामुदायिक केंद्रों का शिलान्यास

प्रधानमंत्री मोदी जनजातीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 500 किलोमीटर नई सड़कों और सामुदायिक केंद्रों के रूप में काम करने वाले 100 बहुउद्देश्यीय केंद्रों की आधारशिला रखेंगे. वे जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए 1,110 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 25 अतिरिक्त एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला भी रखेंगे.

बुलडोजर एक्शन पर चला ‘सुप्रीम कोर्ट एक्शन तो बोल पड़े असदुद्दीन ओवैसी, पीएम मोदी को लेकर कहा दी ये बड़ी बात

अगर बिना नियम किसी का घर तोड़ा तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी. पीड़ित को मुआवजा देने के लिए अधिकारियों से ही जुर्माना वसूला जाएगा. सभी राज्य बुलडोजर एक्शन को लेकर सर्कुलेशन जारी करें. अधिकारियों को हिदायत दें. ऐसा न करना कोर्ट की अवमानना होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर ये फैसला सुनाया है, जिसे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी स्वागत योग्य बताया है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोला है.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सबसे महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश हैं. उम्मीद है कि राज्य सरकारों को मुसलमानों और उन अन्य समूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे, जो हाशिए हैं. हमें याद रखना चाहिए कि किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुलडोजर राज का जश्न मनाया है, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने अराजक स्थिति कहा है.

वृंदा करात ने भी किया कोर्ट के फैसले का स्वागत

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट फैसले का सीपीएम नेता वृंदा करात ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि काश यह फैसला पहले आ जाता. उन्होंने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं, जिसमें बुलडोजर एक्शन को अवैध और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है. मैं चाहती थी कि यह फैसला पहले आ जाता, क्योंकि इससे बीजेपी के नेतृत्व वाले राज्यों में कई घरों को तोड़ने की नौबत नहीं आती.

वृंदा करात ने कहा कि अब आए फैसले ने उन लोगों को इंसाफ दिलाया है जो पीड़ित हैं और जो भविष्य में बीजेपी द्वारा गरीबों और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने के कारण पीड़ित होते.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कार्यपालक अधिकारी जज नहीं हो सकते. वो आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकते. उसका घर नहीं गिरा सकते. अगर कार्यपालक अधिकारी किसी का घर मनमाने तरीके से गिराते हैं तो यह कानून के खिलाफ है.कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

कौन है नरेश मीणा, जिसने SDM को ही जड़ दिया थप्पड़?

राजस्थान के देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हो रहे चुनाव में इस समय केवल थप्पड़ की गूंज सुनाई दे रही है. यह थप्पड़ एसडीएम अमित चौधरी के गाल पर पड़े हैं और मारा निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने है. इस थप्पड़ की गूंज ऐसी है कि अब हर कोई यह जानना चाहता है कि इतनी फोर्स के बीच में घुसकर एसडीएम को थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति है कौन? ऐसे में लोगों के मन में उठ रहे सवालों को ध्यान में रखते हुए हम यहा नरेश मीणा की पूरी प्रोफाइल आपके सामने पेश कर रहे हैं.

देवली उनियारा विधानसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे नरेश मीणा कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट भी मांग रहे थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया. ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट के करीबी नरेशा मीणा ने निर्दलीय ही मैदान में खम ठोंक दिया. उन्होंने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में बताया है कि वह मूल रूप से नया गांव अररू जिला बांरा के रहने वाले हैं. भारत की राजनीति में वह सचिन पायलट से प्रेरित हैं.

कांग्रेस के बागी हैं नरेश मीणा

बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उपचुनाव में टिकट देने का वादा भी किया था, लेकिन टिकट बंटवारे के समय उन्हें नजरअंदाज किया गया. इसके बाद जब नरेश मीणा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया तो कांग्रेस पार्टी ने उनके ऊपर नाम वापसी के लिए काफी दबाव बनाया. हालांकि वह भी अपनी जिद पर अड़े रहे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में उनके ऊपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर कर दिया है.

मालपुरा बूथ पर एसडीएम को मारा थप्पड़

इसके बावजूद उनकी इतनी चर्चा कभी नहीं हुई, जितनी एसडीमए को थप्पड़ मारने से हुई है. दरअसल राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में एसडीएम अमित चौधरी एक पोलिंग बूथ पर निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा भी वहां पहुंच गए. बताया जा रहा है कि मालपुरा के बूथ में जाने को लेकर एसडीएम और नरेश मीणा में बहस हो गई. देखते ही देखते नरेश मीणा इतने आवेश में आ गए कि उन्होंने एसडीएम को करारा थप्पड़ जड़ दिया.

अब तक साफ नहीं घटना की वजह

इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने उन्हें अलग तो कर दिया, लेकिन कई बार वह पुलिस को धक्का देकर एसडीएम की ओर बढ़ते नजर आए. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि अब तक ना तो एसडीएम ने इस घटना को लेकर कोई बयान दिया है और ना ही नरेश मीणा ने ही प्रतिक्रिया दी है. ऐसे में अब तक साफ नहीं हो सका है कि इस घटना की असली वजह क्या थी.

दिल्ली में खराब मौसम के कारण 7 फ्लाइट किए गए डाइवर्ट, यात्रियों को हुई परेशानी

दिल्ली में खराब मौसम के चलते एयरपोर्ट पर आने-जाने वाली कई सारी उड़ानों को डायवर्ट किया गया है. आज, बुधवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से कुल 7 विमानों को डायवर्ट किया गया है. इसमें से छह जयपुर की तरफ और एक फ्लाइट को लखनऊ की ओर डायवर्ट किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दिल्ली में सुबह 5.30 बजे से दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास बहुत घना कोहरा छाना शुरू हो गया था.

दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 8:30 बजे के वक्त सबसे कम दृश्यता की स्थिति थी. दिल्ली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 0 मीटर थी. दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारी के अनुसार कम दृश्यता की वजह से कुछ उड़ानों के रूट को बदल दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर अभी फॉग का असर देखने को मिल रहा है, जिस वजह से 7 फ्लाइट्स के रूट्स को डायवर्ट करना पड़ा है.

फ्लाइट शेड्यूल आगे पीछे

दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड और टेक ऑफ करने वाले विमान का शेड्यूल आगे पीछे हो गया है. जिसके कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है. दिल्ली में आज मौसम का मिजाज बदला हुआ है, जहां आज सुबह की शुरुआत ही घने कोहरे के साथ हुई. हर तरफ घना कोहरा छाया हुआ था. इसी वजह से जहां कुछ फ्लाइट को डायवर्ट किया गया, तो वहीं कुछ फ्लाइट्स की टाइमिंग में भी तब्दीलियां की गईं.

यात्रियों को हुई परेशानी

रूट डायवर्ट होने और समय बदलने की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मौसम का मिजाज बदलने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. नवंबर का महीना शुरू हो गया है लेकिन दिल्ली में ठंड ने दस्तक नहीं दी है. ऐसे में बुधवार को अचानक छाए कोहरे से ठंड तो नहीं बढ़ी लेकिन हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को दिक्कत झेलनी पड़ी. नवंबर में आमतौर पर दिल्ली में ठंड पड़ने लगती है लेकिन इस बार हालात थोड़े अलग हैं. अब देखना होगा कि दिल्ली में ठंड की कब एंट्री होती है.

दरभंगा एम्स के शिलान्यास पर कांग्रेस के तीखे सवाल: जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछे 4 महत्वपूर्ण प्रश्न,जाने

प्रधानमंत्री मोदी ने आज बिहार में दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया और इसी के साथ कांग्रेस ने बड़ा सवाल उठाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस बाबत सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके प्रधानमंत्री मोदी से 4 सवालों के जवाब पूछे हैं.

उन्होंने सबसे पहला सवाल पूछा है दरभंगा में एम्स में इतनी देरी क्यों हुई? उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-2016 के केंद्रीय बजट में ही थी. स्थानीय लोग अपने शहर में एम्स का इंतजार तब से कर रहे हैं, लेकिन नौ साल लग गए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसी के साथ तंज भी कसा. उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार इसका राजनीतिक श्रेय लेना चाहती है? और क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इससे लाभ पहुंचाना चाहती है? क्या प्रधानमंत्री इस देरी की वजह बताएंगे?

मैथिली भाषा की उपेक्षा पर सवाल

कांग्रेस पार्टी ने इसी के साथ मैथिली भाषा की उपेक्षा का भी सवाल उठाया है. जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में लिखा है- पिछले 20 साल में मैथिली भाषा के विकास, संरक्षण या संवर्धन के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मैथिली अनुसूचित भाषा है, यह संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज है लेकिन ना तो केंद्र सरकार ने और बिहार सरकार ने मैथिली के संरक्षण-संवर्धन पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य की मैथिली अकादमी के पास आज न तो फंड है, न ही कोई अध्यक्ष, न ही कोई कर्मचारी और सालों से कोई प्रकाशन नहीं हो रहा है.

इन शहरों के एयरपोर्ट पर पूछे सवाल

कांग्रेस ने इसी के साथ बिहार के अन्य प्रमुख शहर मसलन मुजफ्फरपुर, पूर्णिया या भागलपुर के लिए किए गए हवाई अड्डे को लेकर भी सवाल पूछा है. जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 18 अगस्त, 2015 को पूर्णिया में एयरपोर्ट शुरू करने का वादा किया था, वहीं साल 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट को लेकर भी वादा किया था, इसके बाद 2023 में गृह मंत्री अमित शाह ने भी पताही एयरपोर्ट पर परिचालन शुरू करने का वादा किया था, जिसके बाद दिवाली 2023 पर इसे चालू करने का भी वादा किया गया, लेकिन मार्च 2024 में ग्राउंड टीम ने वहां तमाम कमियां पाईं.

जाति जनगणना को लेकर भी सवाल

जयराम रमेश ने सवाल उठाया है कि आखिर सरकार 10 साल से क्या कर रही है? उन्होंने चौथा सवाल जाति जनगणना को लेकर किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी के दबाव में नीतीश कुमार की सरकार ने अक्टूबर 2023 में बिहार जाति जनगणना के आंकड़े जारी किए, अब क्या केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाएंगी? जो जनगणना 2021 में होनी थी, उसमें अब कितनी देरी होगी?

कांग्रेस का बड़ा अभियान,राहुल, प्रियंका और मल्लिकार्जुन की 75 रैलियां, रोड शो करने की योजना

सियासी भविष्य का सवाल बने महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस आखिरी 5 दिनों में अपने अहम चेहरों को झोंकने की तैयारी में है, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी समेत इन नेताओं की 75 रैलियां-रोड शो करने की योजना है. इनमें से करीब 20 कार्यक्रम इन्हीं तीन बड़े नेताओं के बनाए गए हैं

राहुल गांधी की मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में 6 सभाएं होंगी, तो प्रियंका की 13 नवंबर को वायनाड में मतदान के बाद राज्य में 4 सभाएं तय हैं. साथ ही पार्टी अध्यक्ष खरगे करीब 10 रैलियों को संबोधित करेंगे. विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र पर कांग्रेस ने अपना ज्यादा फोकस रखा है.

कई दिग्गज करेंगे रैली

कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं के अलावा महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा डिमांड सचिन पायलट और इमरान प्रतापगढ़ी की है. मुस्लिम बहुल इलाकों समेत प्रतापगढ़ी की राज्य में 20 से ज्यादा सभाएं तय हैं, तो युवा नेता सचिन पायलट की कुल 8 सभाएं. हालांकि, कुछ विशेष इलाकों में तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी प्रचार में कूदेंगे.

कांग्रेस चुनाव में झोंक रही ताकत

वहीं राज्य के अहम नेताओं की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की 20 और विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट की 15 रैलियां फिलहाल तय की गईं हैं. 17 नवंबर को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और एनसीपी शरद पवार के शीर्ष नेताओं की एक बड़ी संयुक्त सभा के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा मुंबई में आखिरी वक्त में राहुल या प्रियंका का एक बड़ा रोड शो भी प्रस्तावित है, जिसके रोड मैप को फाइनल किया जा रहा है.

रैलियों और रोड शो के साथ ही कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी की 5 गारंटियों वाला कार्ड भी 5 करोड़ लोगों तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए डोर टू डोर अभियान चलाकर आम जनता के बीच विशेषकर 3 लाख की किसान कर्ज माफी और महिलाओं को तीन हजार प्रति माह के वादे को पहुंचाने का लक्ष्य है, जिससे बीजेपी के बंटेंगे तो कटेंगे जैसे मुद्दे से जनता को उनकी जरूरत के मुद्दे से जोड़ा जा सके.