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दीपावली से पहले सरकार ने दी सौगात, 45 सब इंस्पेक्टर बने इंस्पेक्टर, देखें पूरी लिस्ट…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में दीपावली से पहले साय सरकार ने पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर प्रमोशन किया है. 45 सहायक उपनिरीक्षकों (एसआई) को निरीक्षक (TI) के पद पर पदोन्नति मिली है.

देखें लिस्ट –

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के छत्तीसगढ़ प्रवास की तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये

रायपुर-    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के 25 और 26 अक्टूबर, दो दिवसीय प्रवास के मद्देनजर राज्यपाल रमेन डेका के निर्देशानुसार आज यहां राजभवन में राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार ने बैठक लेकर सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रपति के प्रवास के दौरान सभी तैयारियां निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना सुनिश्चित करें।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु 25 और 26 अक्टूबर को एम्स रायपुर, एन. आई. टी. रायपुर, आई. आई. टी. भिलाई और पं. दीनदयाल स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान आयुष विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। सचिव यशवंत कुमार ने इस दौरान सभी शैक्षणिक संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा रायपुर एवं दुर्ग जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, राज्य प्रोटोकॉल के अधिकारियों को भी सभी आवश्यक तैयारियां निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।

इस अवसर पर राज्यपाल की संयुक्त सचिव हिना अनिमेष नेताम, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

नक्सलियों द्वारा बिछाए आईईडी में पैर गवाने वाले नक्सल पीड़ितों को मिला कृत्रिम पैर का सम्बल

रायपुर-      वनोपज संग्रहण या खेती कार्य जैसे अपनी दैनिक जीवनचर्या के बीच जंगलों के रास्ते गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों में ब्लास्ट की अलग-अलग घटनाओं में अपना पैर गंवाकर अपाहिज की दर्दभरी जिंदगी जी रहे बस्तर के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कृत्रिम पैर का संबल मिल रहा है। पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाकर चलने की ट्रेनिंग दी गई। आईईडी ब्लास्ट में पैर खोने के बाद से चलने फिरने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए ये लोग अब कृत्रिम पैर पाकर इतने उत्साहित हैं कि खुद अपने पैरों से चलकर आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निवास अपनी खुशी व्यक्त करने पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर विगत सितंबर माह में दिल्ली जाकर जंतर मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति की गुहार लगाई थी। वहीं दिल्ली से लौटकर वे आए तो उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में एक-एक पीड़ितों से बात कर उनका हालचाल जाना था और उनका हौसला बढ़ाया था और आईईडी ब्लास्ट में पैर गवा चुके पीड़ितों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे नक्सल हिंसा पीड़ितों को कृत्रिम अंग लगाने की शुरुआत हो गई है। कृत्रिम पैर लगाने के लिए बस्तर से 9 नक्सल पीड़ित का आना तय हुआ था, किंतु व्यक्तिगत कारणों से 3 पीड़ित अभी नहीं पहुंच पाए। इस प्रकार 6 नक्सल पीड़ित गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मड़कम सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाए गए।

कृत्रिम पैर लगने के बाद इनकी जिंदगी एक नई करवट ले रही है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के निवास पहुंचे इन नक्सल पीड़ितों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। कदम-कदम पर किसी और के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में अब आगे बढ़ने और कुछ हासिल करने की सोच सकते हैं। हालांकि नक्सलियों ने जो छीना है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता से उन्हें कृत्रिम पैर सुलभ होने के साथ जीवन में नया उत्साह आया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया।

लीज अवधि खत्म होने के बाद किया रेत का अवैध खनन, ठेकेदार के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को भेजा 4 करोड़ की वसूली का नोटिस…
गरियाबंद-      वक्त बदल गए, हालात बदल गए. यह बात आपने कई जगह देखी, सुनी होगी, लेकिन यह परसदा जोशी के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए हकीकत है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ठेकेदार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर रेत खदान की लीज अवधि खत्म होने के बाद भी अवैध खनन कर डाला. बीती सरकार ने तो मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब जिम्मेदारों को 4 करोड़ 25 हजार रुपए की वसूली का नोटिस थमा दिया है. 

राजिम तहसील के परसदा जोशी पंचायत क्षेत्र के घाट में हुए बहुचर्चित अवैध रेत खनन के मामले में प्रशासन अब दोषियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अवैध खनन के खिलाफ माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए 4 अक्टूबर को खदान के तत्कालीन ठेकेदार संकल्प जनघेल, पूर्व सरपंच परसदा जोशी और सुनीता सोनी, सरपंच पति व पंच बेनराज सोनी, ग्रामीण हार्दिक सोनवानी के नाम नोटिस तामिल किया है. नोटिस में गौण खनिज अधिनियम के उल्लंघन के कारण गरियाबंद कलेक्टर द्वारा 4 करोड़ 25 हजार रुपए अर्थ दंड अधिरोपित किया गया है, जिसे पटाना सुनिश्चित करें.

दरअसल, माइनिंग विभाग द्वारा परसदा जोशी खदान का लीज पट्टा 17/11/21 से16/11/23 तक के लिए जारी किया गया था, लेकिन ठेकेदार व पंचायत प्रतिनिधियों ने मिलीभगत कर लीज अवधि खत्म होने के बावजूद 80 हजार घन मीटर की अवैध खुदाई कर डाली. मामले की शिकायत के बाद राजस्व विभाग की टीम ने 10 जनवरी 2024 को मौका जांच किया था. विभाग के प्रतिवेदन में स्वीकृत रेत खदान क्रमांक1 व 2 के लिए चिन्हांकित रकबा में 80 हजार घन मीटर का अवैध खनन बताया गया.

यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार की विदाई बेला में सामने आया था. तब मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई थी. नई सरकार के आने के बाद विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से 13 फरवरी को मामला सदन के पटल में रखा था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में तो आई, लेकिन कार्रवाई करने में आठ माह का वक्त लगा दिया.

कलेक्टर के निर्देश पर भेजा नोटिस

मामले में जिला माइनिंग अधिकारी फागुलाल नागेश ने कहा कि राजस्व विभाग के कार्रवाई में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं था, दोबारा पत्राचार किया गया. 24 सितंबर को दोबारा तहसील राजिम का प्रतिवेदन आया, जिसे कलेक्टर के समक्ष रखा गया. उनके निर्देश के आधार पर अर्थ दंड वसूली हेतु संबंधित को नोटिस जारी किया गया है.

महादेव सट्टा एप घोटाला के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद चढ़ा सियासी पारा, भाजपा-कांग्रेस के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर…

रायपुर-  महादेव सट्टा एप घोटाला मामले में संचालक सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई से गिरफ़्तार किया है. इस पर विधायक राजेश मूणत ने कहा बीजेपी इसके संचालन के पीछे संलिप्त सभी पर कार्रवाई करेगी. वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज सवाल कर रहे हैं कि आखिर किस-किस को कमीशन मिल रहा है.

महादेव सट्टा एप के संचालक सौरभ चंद्राकर की गिरफ़्तारी को लेकर एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं. विधायक राजेश मूणत ने इस बड़ी करवाई को लेकर कहा है कि बीजेपी लगातार इस अभियान में जुटी है, जो इसका बैकसपोर्ट कर संचालन करते थे, उन पर कार्रवाई हो रही है. छत्तीसगढ़ का पुलिस विभाग काम कर रहा है. जितने लोग घोटाले में संलिप्त हैं, सभी पर बीजेपी सरकार कार्रवाई करती रहेगी.

वहीं विधायक राजेश मूणत के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सवाल किया है डबल इंजन की सरकार 10 महीने के बाद भी महादेव सट्टा एप बंद क्यों नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि सरकार को कार्रवाई करने से किसने रोका है. महादेव सट्टा एप में सबसे ज़्यादा एफआईआर, कार्रवाई और गिरफ़्तारी कांग्रेस की सरकार में हुई, और इसे बंद करने हमने केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी. बीजेपी ने अब तक कितने एफआईआर और गिरफ़्तारियां की है.

उन्होंने कहा कि महादेव एप के नाम से चुनाव लड़ने वाली सरकार को शपथ ग्रहण के साथ एप बंद कर देना चाहिए था. लेकिन जिस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने चुनाव में विपक्ष के ख़िलाफ़ एजेंडा तैयार किया आज दस महीने के बाद भी महादेव सट्टा एप बंद नहीं करा पाई. बैज ने सवाल उठाया कि किसको-किसको कमीशन मिल रहा है, ये सरकार बताए और आखिर अब तक एप बंद क्यों नहीं हो सका है.

छत्तीसगढ़ के विधायकों को अब मिलेगा दोगुना यात्रा भत्ता, संसदीय कार्य विभाग ने जारी की अधिसूचना…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के विधायकों को अब प्रति किलोमीटर यात्रा भत्ता 20 रुपए मिला करेगा. अब तक विधायकों को प्रति किलोमीटर 10 रुपए यात्रा भत्ता मिला करता है. इस संबंध में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ विधान मण्डल यात्रा-भत्ता नियम 1957 में संशोधन किया गया है. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधान मंडल यात्रा भत्ता नियम, 1957 के तहत किसी विधायक का निवास स्थान राजधानी रायपुर से 8 किलोमीटर से ज्‍यादा दूर है, तो विधानसभा सत्र या सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपने वाहन से यात्रा करने पर उन्हें भत्ता दिया जाता है. ताजा अधिसूचना के बाद अब विधायकों को 10 रुपए की बजाए 20 रुपए प्रति किलोमीटर यात्रा भत्ता दिया जायेगा.

हाईकोर्ट का फैसला, स्टाफ नर्स के तबादले पर लगाई रोक, कोर्ट ने कहा- बच्चों के शैक्षणिक सत्र के बीच न हो स्थानांतरण

रायपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने स्टाफ नर्स सरस्वती साहू की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस पीपी साहू ने फैसले में कहा कि यदि बहुत जरुरी ना हो तो शैक्षणिक सत्र के बीच में ऐसे कर्मचारी और अधिकारी जिनके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उनका स्थानांतरण ना किया जाए. इस फैसले से उन सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जिनके बच्चे शैक्षणिक सत्र के दौरान पढ़ाई कर रहे हैं.

सरस्वती साहू, जो बालोद जिले के पीपरछेड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत हैं. जिनका डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल, रायपुर में स्थानांतरित कर दिया है. जिसको लेकर नर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई. याचिकाकर्ता के वकील संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता स्टाफ नर्स के दो पदों में से वर्तमान पदस्थापना स्थान पर कार्यरत एकमात्र स्टाफ नर्स है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालोद ने 7.10.2024 को संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय को पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता के स्थानांतरण के बाद उसके स्थान पर किसी अन्य स्टाफ को नहीं रखा गया है. इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उचित और सुचारू संचालन प्रभावित हो रहा है.

बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा असर

याचिकाकर्ता के दो बच्चे स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल, बालोद, जिला-बालोद में कक्षा-10 वीं और 6 वीं में पढ़ रहे हैं. याचिकाकर्ता का स्थानांतरण शैक्षणिक सत्र के मध्य में हुआ है, इसलिए उन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता का एक बच्चा कक्षा-10वीं में पढ़ रहा है, जो कि बोर्ड परीक्षा है. अधिवक्ता संदीप दुबे ने स्कूल शिक्षा निदेशक बनाम ओ. करुप्पा थेवन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसकी रिपोर्ट 1994 एससीसी सप्लीमेंट (2) 666 में दी गई है.

राज्य शासन के अधिवक्ता ने दिया ये तर्क

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कहा कि याचिकाकर्ता मेडिकल कॉलेज का कर्मचारी है. उसे शिक्षा विभाग में पदस्थ किया गया था. याचिकाकर्ता के अनुरोध पर उन्हें स्वास्थ्य सेवा विभाग में पदस्थ किया गया था. अब उन्हें उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट से मांग की कि याचिकाकर्ता ने 4.10.2024 को भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है. लिहाजा अभ्यावेदन पर निर्णय होने तक याचिकाकर्ता का स्थानांतरण ना किया जाए.

कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि स्थानांतरण करते समय, इस तथ्य को उचित महत्व दिया जाना चाहिए कि कर्मचारी के बच्चे पढ़ रहे हैं, यदि सेवा की अनिवार्यताएं तत्काल नहीं हैं. इस टिप्पणी के साथ स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सचिव स्वास्थ्य सेवाएं के समक्ष 10 दिनों की अवधि के भीतर नया अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. यदि याचिकाकर्ता अभ्यावेदन प्रस्तुत करता है, तब सचिव स्वास्थ्य सेवाएं को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए, कानून के अनुसार चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेना होगा. अभ्यावेदन के निराकरण तक स्थानांतरण आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.

साइबर सुरक्षा व जल संरक्षण के उपायों को लेकर जागरूकता और उसे अमल में लाना बेहद जरूरी- सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि साइबर जागरूकता एवं जल संरक्षण यह दो ऐसे विषय है जो आज के समय में हम सभी के जीवन से सीधे तौर से जुड़े हुए है. साइबर अपराधों से बचाव के लिए इसके बारे में जागरूक होना सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. आज टेक्नालॉजी तेजी से विकसित हो रही है. ऐसे में स्वयं को अपडेट रखना और साइबर अपराधों से जुड़ी जानकारी व उससे बचाव के तरीकों को अमल में लाकर ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है. उन्होंने अपने आसपास के वाकये बताते हुए कहा कि साइबर ठग लोगों को ज्यूडशरी से जुड़े लोगों के नाम पर भी ठगने का प्रयास करते है. ऐसे मामलों में सतर्कता व सुझबुझ से काम लेना जरूरी है. उन्होंने जल संरक्षण को लेकर कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें हर नागरिक की सहभागिता जरूरी है. जागरूकता के साथ ही जल संरक्षण के उपायों को अमल में लाकर ही हम अपने आसपास एक बेहतर वातावरण निर्मित कर सकते है. इसके लिए सभी को सकारात्मक सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए एक अच्छा प्रयास किया जा रहा है. अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेकर अपने आसपास दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए.

वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि साइबर अपराधों का दायरा जिस तेजी से बढ़ा है, लोगों के बीच सतर्कता का स्तर उसी अनुरूप बढ़ाना आवश्यक है. आज के डिजीटल युग में अगर समझदारी से काम न लिया जाए तो एक क्लिक में आदमी अपनी सारी जमा पूंजी गंवा सकता है. उन्होंने बताया कि चोरी जैसे अपराधों के मुकाबले अब साइबर ठगी से लोगों को कही ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है. शासन-प्रशासन अपने स्तर पर ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने व अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कार्य कर रही है. लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सभी को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. साइबर अपराधों के तरीके व इसके पीछे काम करने वाले मनोभावों की समझ बढ़ाकर तथा उससे बचाव के तरीकों के बारे में स्वयं तथा अपने परिवार वालों को जागरूक कर साइबर अपराधों से बचा जा सकता है. उन्होंने जिला प्रशासन के जल संरक्षण अभियान की सराहना करते हुए कहा कि रायगढ़ में भू-जल व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कार्य है. उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर नवा रायपुर में पीपल फॉर पीपुल अभियान चलाकर व्यापक रूप से पीपल के पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है. रायगढ़ जिले में भी व्यापक स्तर पर यह कार्य हुआ है. केलो बांध का पानी नहरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति पूजन का अहम स्थान रहा है. इसको दृष्टिगत रखते हुए हम सभी को जल संरक्षण की दिशा में साथ मिलकर कार्य करना होगा. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से शासन स्तर पर फ्लाईएश व ईएसपी मैनेजमेंट की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है.

कार्यशाला को कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा व जल संरक्षण को लेकर जागरूकता आज समाज के प्रत्येक नागरिक के लिए बेहद जरूरी है. सभी के साझे प्रयास से ही इन समस्याओं का समाधान संभव है. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति सभी के समन्वित प्रयास से ही संभव होगी. कार्यशाला में नगर निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी, एसडीएम रायगढ़ प्रवीण तिवारी, डीएसपी साइबर अभिनव उपाध्याय व साइबर टीम के साथ हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के संरक्षक मनोज गोयल अध्यक्ष अंकित अग्रवाल, विन्नी सलूजा, निलेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, कविता बेरीवाल, अंजू बंसल, दिव्य ऊर्जा लायंस क्लब, लायंस क्लब प्राइड, रानीसति सेवा समिति, लायंस क्लब सिटी, दिव्य शक्ति सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

जन भागीदारी से जल भागीदारी की मुहिम होगी सफल

कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव ने जन भागीदारी से जल भागीदारी विषय पर जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में जल संरक्षण को लेकर विभागीय समन्वय से व्यापक स्तर पर कार्य किए जा रहे है. इसमें लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करने के साथ पानी को सहेजने के लिए किए जा रहे प्रयासों में उनकी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है. इस मुहिम में जिले के हर पंचायत में काम किया जा रहा है. दस हजार से अधिक हैण्डपंप के समीप सोख्ता गड्ढा बनाया गया है. 50 हजार पीपल के पेड़ लगाए गए है. नारी शक्ति से जल शक्ति के ध्येय के साथ कार्य किया जा रहा है. रायगढ़ में जल शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई है. अमृत सरोवर योजना से तालाबों के गहरीकरण व विस्तार का काम किया जा रहा है. विभागों द्वारा विभिन्न प्रकार की जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया गया है. किसानों को उद्यानिकी फसलों की खेती से जोड़ा गया है. स्वच्छता ही सेवा के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है. जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण ऐसा विषय है जिसमें हम सभी को साथ मिलकर कार्य करना है. इससे आने वाली पीढिय़ों को प्रकृति का यह उपहार मिलता रहे.

साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता है फर्स्ट लाईन ऑफ डिफेंस, टू स्टेप वेरीफिकेशन का करें उपयोग

साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता के संबंध में डीएसपी साइबर अभिनव उपाध्याय ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता ही फर्स्ट लाईन ऑफ डिफेंस है. लोगों को साइबर जागरूकता पखवाड़ा के माध्यम से आजकल होने वाले ऑनलाईन अपराध के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि आज साइबर ठगी के नये-नये तरीके अपराधियों ने इजाद कर लिए है. इसका दायरा बढ़ रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए हमें स्वयं के साथ परिवार व समाज को इसके प्रति सतर्क करना होगा. उन्होंने बताया कि लोग ठगी करने के लिए कम समय में अधिक लाभ, लिंक को क्लिक करने पर पैसे मिलने की गारंटी, ऑनलाईन फेक (झूठा)शेयर टे्रडिंग स्कैम, अश्लील वीडियो शूट कर ब्लेक मेलिंग, सोशल मीडिया प्रोफाईल की क्लोनिंग कर पैसे उगाही, किसी करीबी को नुकसान पहुंचने की झूठी जानकारी देकर पैसे मांगना, ऑनलाईन शॉपिंग की डिलीवरी में दिक्कत जैसे तरीकों से लोगों को ठगा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऑनलाईन अंजान लोगों पर भरोसा कर नुकसान उठा सकते है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्रोफाईल का उपयोग सतर्कता से करने, टू स्टेप वेरीफिकेशन का उपयोग करने जैसे कदम उठाकर आप इन अपराधों से बच सकते है.

साइबर अपराध घटित होने पर 1930 तथा 94792-81934 पर सूचना देकर ले सकते है सहयोग

डीएसपी अभिनव उपाध्याय ने बताया कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर शुरूआती एक घंटा गोल्ड आवर कहा जाता है. इसलिए कभी भी इस प्रकार की घटना हो तो तत्काल पुलिस को सूचना दें. आप 1930 तथा 94792-81934 पर सूचना देकर सहयोग ले सकते है.

डाक्टरों पर पैनी नजर: आमजनों के लिए वेबसाइट पर सार्वजनिक हुई नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस लेने वाले चिकित्सकों की सूची, जानिये क्या होगा फायदा

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में चिकित्सा के क्षेत्र में जनहित का विशेष रूप से ध्यान रखते हुए स्वास्थ्य विभाग में जनहित में निर्णय लेते हुए जनसुविधाओं के विस्तार के लिए नित नए कदम उठाए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर शासकीय चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। इसके अन्तर्गत आमजनों के लिए चिकित्सा शिक्षा की वेबसाइट www.cgdme.in पर नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एन पी ए) लेने वाले चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है। सूची में इस बात की जानकारी दी गई है की उक्त चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस की जा रही है या नहीं। उल्लेखनीय है कि ऐसे चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षक जो निजी प्रैक्टिस नही करते हैं उन्हें शासन द्वारा वेतन के अतिरिक्त नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एन पी ए) भी दिया जाता है। एन पी ए लेने के बाद भी निजी प्रैक्टिस करना प्रतिबंधित है और ये नियम विरुद्ध है।

आमजनों को ये जानकारी रहे की कौन सा चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करने के लिए पात्र है और कौन नही, इसके लिए राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेज और डेंटल मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों के द्वारा एनपीए लेने अथवा न लेने की जानकारी चिकित्सा शिक्षा की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई है।

साइंस कॉलेज मैदान किनारे बने चौपाटी को हटाने का निर्देश, विधायक मूणत ने किया था लंबा आंदोलन
रायपुर-  राजधानी रायपुर में भारी विवादों के बीच जीई रोड के किनारे साइंस कॉलेज मैदान के करीब 6 करोड़ की लागत से बनाए गए चौपाटी को हटाने की तैयारी है. विधायक राजेश मूणत ने रायपुर स्मार्ट सिटी परामर्शदात्री समिति की बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए हैं. अब यहां पर छात्रों के लिए ओपन रीडिंग और बच्चों के प्ले जोन का निर्माण किया जाएगा. 

दरअसल, चौपाटी हटाने 15 अक्टूबर को भाजपा पार्षदों के साथ निगम घेराव की विधायक राजेश मूणत ने चेतावनी दी थी. चेतावनी के बाद अन्य विभिन्न विषयों को लेकर रायपुर स्मार्ट सिटी परामर्शदात्री समिति की शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें बैठक में चौपाटी को हटाकर यूथ हब बनाने का फ़ैसला हुआ.

विधायक राजेश मूणत ने बताया कि तत्कालीन सरकार और नगर निगम ने गलत जानकारी के साथ प्रोजेक्ट को शुरू किया. स्मार्ट सिटी को काम शुरू करने से पहले ये चेक करना होता है कि ज़मीन उनकी है या नहीं. खुद के ज़मीन पर ही निर्माण और टेंडर किया जाता है. लेकिन ग़लत तरीके से काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के बीच में एजुकेशन हब है, विश्वविद्यालय, कॉलेज और लाइब्रेरी है. इनकी सरकार में कह रहे थे यूथ हब बन रहा, लेकिन यूथ हब के नाम पर कोई काम नहीं किया. विधानसभा में मुद्दा उठाया गया था. तथ्यों की जाँच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई का फ़ैसला हुआ है. चौपाटी की जगह अब यूथ एक्टिविटी के लिए प्रस्ताव दिया गया है.

बीते साल से गर्म है मामला

दरअसल, बीते साल की शुरुआत में जीई रोड के किनारे साइंस कॉलेज के मैदान के सटकर रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने चौपाटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका राजेश मूणत ने विरोध करते हुए करते हुए 11 दिनों तक धरना दिया था. आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा भाजपा के आला नेताओं ने मौजूदगी दर्ज कराते हुए मूणत के आंदोलन का समर्थन किया था.

लेकिन इन सबके बाद भी चौपाटी निर्माण पर रोक नहीं लगने पर मूणत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद मूणत ने रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी पर चौपाटी का निर्माण के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था.

निगम में भाजपा पार्षदों ने भी जताया विरोध

रायपुर नगर निगम में भाजपा पार्षदों ने भी चौपाटी के विरोध में स्मार्ट सिटी ईएमडी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था. पार्षदों ने कहना था कि स्थल के चारों ओर शैक्षणिक संस्थान हैं. चौपाटी में आप किसी को भी आने से नहीं रोक सकते है. ऐसे मे असामाजिक तत्व भी चौपाटी मे प्रवेश करेंगे और हमारे विद्याथी अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगे.

तमाम विरोध-प्रदर्शन के बाद भी चौपाटी का निर्माण बदस्तूर जारी रहा, और बीते साल अक्टूबर में दुकानों का आवंटन भी कर दिया गया. लेकिन चौपाटी का विवाद खत्म नहीं हुआ. कभी टेंडर शर्तों का उल्लंघन करने तो कभी चौपाटी में अव्यवस्था का आरोप लगता रहा है. अब जब चौपाटी को हटाने का निर्देश दिया गया है, तो माहौल में सुधार आने की उम्मीद है.